Author name: Prasanna

NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 11 Constructions (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 11 Constructions (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 11 Constructions (Hindi Medium)

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प्रश्नावली 11.1

Ex 11.1 Class 9 गणित प्रश्न 1. एक दी हुई किरण के प्रारम्भिक बिन्दु पर 90° के कोण की रचना कीजिए और कारण सहित रचना की पुष्टि कीजिए।
हल-
दिया है : AB एक दी हुई किरण है जिसका प्रारम्भिक बिन्दु A है।
रचना करनी है : किरण AB के बिन्दु A पर 90° के कोण की।
विश्लेषण : हम 60° का कोण बना सकते हैं। इस कोण के साथ 60° को एक संलग्न कोण बनाकर उसे समद्विभाजित करें और इसमें जोड़ दें तो 90° का कोण प्राप्त होगा।
NCERT Solutions For Class 9 Maths Constructions Hindi Medium 11.1 1
रचना के पद :

  1. सर्वप्रथम किरण AB खींची।
  2.  बिन्दु A को केन्द्र मानकर किसी त्रिज्या का चाप । खींचा जो किरण AB को बिन्दु P पर काटता है।
  3. अब P को केन्द्र मानकर उसी त्रिज्या का एक चाप खींचा जो पहले चाप को बिन्दु Q पर काटता है।
    तब, ∠PAQ = 60°
  4. पुनः Q को केन्द्र मानकर उसी (AP) त्रिज्या से एक अन्य चाप खींचा जो पहले चाप को बिन्दु R पर काटता है।
    तब ∠QAR = 60°
  5. अब, बिन्दु ९तथा R को केन्द्र मानकर चाप खींचे जो परस्पर बिन्दु C पर काटते हैं। रेखाखण्ड CA खींचा। ∠CAQ = 30° है।
    इस प्रकार ∠CAB = 60° + 30° = 90°
    अत: ∠CAB अभीष्ट कोण है।

Ex 11.1 Class 9 गणित प्रश्न 2. एक दी हुई किरण के प्रारम्भिक बिन्दु पर 45° के कोण की रचना कीजिए और कारण सहित रचना की पुष्टि कीजिए।
हल-
दिया है : OP एक दी हुई किरण है जिसका प्रारम्भिक बिन्दु 0 है।
रचना करनी है : किरण OP के बिन्दु 0 पर 45° के कोण की।
विश्लेषण : 45° = \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 90°
अतः 90° का कोण बनाकर उसे समद्विभाजित करके 45° का कोण प्राप्त होगा।
Maths NCERT Solutions Class 9 Constructions Hindi Medium 11.1 2
रचना के पद :

  1. सर्वप्रथम किरण OP खींची।
  2. बिन्दु O को केन्द्र मानकर किसी त्रिज्या का एक चाप लगाया जो किरण OP को A पर काटता है।
  3. पुनः A को केन्द्र मानकर उसी त्रिज्या का एक चाप खींचा जो पहले चाप को B पर काटता है।
  4. B को केन्द्र मानकर उसी त्रिज्या का एक अन्य चाप खींचा जो केन्द्र O वाले चाप को C पर काटता है।
  5. अब, B तथा C को केन्द्र मानकर किसी त्रिज्या के चाप खींचे जो परस्पर बिन्दु R पर काटते हैं। रेखाखण्ड OR खींचा जो चाप BC को D पर काटता है। तब, ∠POR = 90°
  6. बिन्दुओं A तथा D को केन्द्र मानकर किसी त्रिज्या के दो चाप खींचे जो परस्पर बिन्दु Q पर काटते हैं। रेखाखण्ड OQ खींचा। ∠POQ = 45° क्योकि OQ ∠POR = 90° का समद्विभाजक है।
    अत: ∠POQ अभीष्ट कोण है।

Ex 11.1 Class 9 गणित प्रश्न 3. निम्नलिखित मापों के कोणों की रचना कीजिए :
(i) 30°
(ii) 22\(\frac { 1 }{ 2 }\)°
(iii) 15°
हल-
(i) रचना करनी है : 30° के कोण की।
विश्लेषण : 30° = \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 60°
Class 9 Maths NCERT Constructions Solutions Hindi Medium 11.1 3
रचना के पद :

  1. एक किरण \(\overset { \rightarrow }{ OA }\) खींची।
  2. किरण \(\overset { \rightarrow }{ OA }\) के अन्त्य बिन्दु 0 को केन्द्र मानकर कोई त्रिज्या OB लेकर एक चाप लगाया।
  3. अब B को केन्द्र मानकर उसी त्रिज्या से एक अन्य चाप खींचा जो पहले चाप को बिन्दु C पर काटता है।
    तब, ∠AOC = 60°
  4. ∠AOC का अर्धक (समद्विभाजक) OD खींचा।
    अत: ∠AOD = 30° जो कि अभीष्ट कोण है।

(ii) रचना करनी है : 22\(\frac { 1 }{ 2 }\)° के कोण की।
विश्लेषण : 90° के कोण का समद्विभाजक खींचने पर 45° का कोण प्राप्त होता है और इस 45° के कोण का समद्विभाजक खींचने पर 22\(\frac { 1 }{ 2 }\)°का कोण प्राप्त होगा।
NCERT Maths Solutions For Class 9 Constructions Hindi Medium 11.1 3.1
रचना के पद :

  1. एक किरण \(\overset { \rightarrow }{ OA }\) खींची।
  2. किरण \(\overset { \rightarrow }{ OA }\) के अन्त्य बिन्दु O को केन्द्र मानकर OP त्रिज्या का एक चाप खींचा जो किरण \(\overset { \rightarrow }{ OA }\) को बिन्दु P पर काटता है।
  3. P को केन्द्र मानकर OP त्रिज्या से एक चाप खींचा जो पहले चाप को Q पर काटता है।
  4. Q को केन्द्र मानकर उसी OP त्रिज्या का चाप खींचा जो चाप PQ को R पर काटता है।
  5. Q और R को केन्द्र मानकर चाप खींचे जो परस्पर T पर काटता है। रेखाखण्ड OT खींचा जो चाप PQR को S पर काटता है।
    तब, ∠AOT = 90°
  6. ∠AOT का समद्विभाजक OC खींचा। तब ∠AOC = 45°
  7. ∠AOC का समद्विभाजक OB खींचा।
    अत: ∠AOB = 22\(\frac { 1 }{ 2 }\)°जो कि अभीष्ट कोण है।

(iii) रचना करनी है : 15° के कोण की।
विश्लेषण : 60° के कोण का समद्विभाजक 30° का कोण बनाया। अब 30° के कोण का समद्विभाजक 15का कोण बनाया।
NCERT Class 9 Maths Hindi Medium Constructions Solutions 11.1 3.2
रचना के पद :

  1. किरण \(\overset { \rightarrow }{ OA }\) के अन्त्य बिन्दु O से किरण \(\overset { \rightarrow }{ OA }\) पर ∠AOC = 60° इस प्रश्न के खण्डे (i) में वर्णित विधि से बनाया।
  2. ∠AOC का समद्विभाजक OD खींचा। ∠AOD = 30° है।
  3. अब ∠AOD का समद्विभाजक OE खींचा।
    तब ∠AOE = 15° जो कि अभीष्ट कोण है।

Ex 11.1 Class 9 गणित प्रश्न 4. निम्नलिखित कोणों की रचना कीजिए और चाँदे द्वारा मापकर पुष्टि कीजिए :
(i) 75°
(ii) 105°
(iii) 135°
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 11 (Hindi Medium) 11.1 4
NCERT Maths Class 9 Hindi Medium Constructions Solutions 11.1 4.1

Ex 11.1 Class 9 गणित प्रश्न 5. एक समबाहु त्रिभुज की रचना कीजिए, जब इसकी भुजा दी हो तथा कारण सहित रचना कीजिए।
हल-
दिया है : ‘समबाहु त्रिभुज ABC की भुजा BC।
रचना करनी है : समबाहु त्रिभुज ABC की।
NCERT Solutions For Maths Class 9 Constructions Hindi Medium 11.1 5
रचना के पद :

  1. रेखाखण्ड BC दी गई माप का खींचा।
  2. B तथा C को केन्द्र मानकर BC त्रिज्या के दो चाप लगाए जो परस्पर बिन्दु A पर काटते हैं।
  3. रेखाखण्ड AB तथा AC को मिलाया। ∆ABC अभीष्ट समबाहु त्रिभुज है।

उपपत्ति : AB = BC और AC = BC
AB = BC = AC
त्रिभुज ABC समबाहु ही है।

प्रश्नावली 11.2

Ex 11.2 Class 9 गणित प्रश्न 1. एक त्रिभुज ABC की रचना कीजिए जिसमें BC = 7 सेमी, ∠B = 75° और AB + AC = 13 सेमी हो।
हल-
दिया है : ∆ABC में BC = 7 सेमी, ∠B = 75° और AB + AC = 13 सेमी है।
रचना करनी है : उपर्युक्त ∆ABC की।
Maths NCERT Solutions Class 9 Constructions Hindi Medium 11.2 1
रचना के पद :

  1. एक किरण BX खींचकर उसमें से रेखाखण्ड BC = 7.0 सेमी काटा।
  2. BC के बिन्दु B से BC पर ∠CBY = 75° बनाया।
  3. BY में से BD = 13 सेमी काटा।
  4. CD को मिलाया और उसका लम्ब समद्विभाजक खींचा जिसने BD को बिन्दु A पर काटा।
  5. रेखाखण्ड AC खींचा।
    ∆ABC अभीष्ट त्रिभुज है।

Ex 11.2 Class 9 गणित प्रश्न 2. एक त्रिभुज ABC की रचना कीजिए जिसमें BC = 8 सेमी, ∠B = 45° और AB – AC = 3.5 सेमी हो।
हल-
दिया है: ABC एक त्रिभुज है जिसमें BC = 8 सेमी, ∠B = 45° वे AB – AC = 3.5 सेमी है।
रचना करनी है : उपर्युक्त ∆ABC की।
Maths NCERT Class 9 Solutions Constructions Hindi Medium 11.2 2
रचना के पद :

  1. एक रेखाखण्ड BC = 80 सेमी खींचा।
  2. बिन्दु B से BC पर ∠XBC = 45° बनाया।
  3. BX में से BD = 3.5 सेमी काटा।
  4. CD को मिलाया।
  5. CD को लम्ब समद्विभाजक खींचा जो बढ़ी हुई BD को A पर काटता है।
  6. AC को मिलाया।
    ∆ABC अभीष्ट त्रिभुज है।

Ex 11.2 Class 9 गणित प्रश्न 3. एक त्रिभुज PQR की रचना कीजिए जिसमें QR = 6 सेमी, ∠Q = 60° और PR – PQ = 2 सेमी हो।
हल-
दिया है:  ∆PVR में, QR = 6 सेमी, ∠Q = 60° भुजा PQ < PR और PR – PQ = 2 सेमी है।
Maths Class 9 NCERT Solutions Hindi Medium 11.2 3
रचना के पद :

  1. रेखाखण्ड QR = 6 सेमी खींचा।
  2. Q से QR पर ∠XQR = 60° बनाया।
  3. XQ को आगे बढ़ाया और उसमें से QS = (PR – PQ) या 2 सेमी काट लिया।
  4. SR को मिलाया।
  5. SR का लम्ब समद्विभाजक खींचा जो OX को P पर काटता है।
  6. रेखाखण्ड PR खींचा।
    अत: ∆PQR अभीष्ट त्रिभुज है।

Ex 11.2 Class 9 गणित प्रश्न 4. एक त्रिभुज XYZ की रचना कीजिए, जिसमें ∠Y = 30°, ∠Z = 90° और XY + YZ + ZX = 11 सेमी हो।
हल-
दिया है : ∆XYZ में, ∠Y = 30°, ∠Z = 90° है तथा XY + YZ + ZX = 11 सेमी है।
रचना करनी है : उपर्युक्त ∆XYZ की।
रचना के पद :

  1. त्रिभुज के परिमाप (XY + YZ + ZX) = 11 सेमी के बराबर माप का रेखाखण्ड PQ खींचा।
  2. P पर ∠RPQ = 30° व Q पर ∠SQP = 90° दिए हुए आधार कोण बनाए।
  3. RPQ व ∠SQP के समद्विभाजक खींचे जो परस्पर शीर्ष X पर काटते हैं।
    Constructions Maths Solutions For Class 9 NCERT Hindi Medium 11.2 4
  4. PX का लम्ब समद्विभाजक खींचा जो PQ को Y पर काटता है।
  5. QX का लम्ब समद्विभाजक खींचा जो PQ को Z पर काटता है।
  6. XY और XZ को मिलाया।
    अत: ∆XYZ अभीष्ट त्रिभुज है।

Ex 11.2 Class 9 गणित प्रश्न 5. एक समकोण त्रिभुज की रचना कीजिए जिसका आधार 12 सेमी और कर्ण व अन्य भुजा का योग 18 सेमी हो।
हल-
दिया है : समकोण ∆ABC में आधार BC = 12 सेमी, ∠C = 90° तथा कर्ण AB व एक अन्य। भुजा AC का योग 18 सेमी हो।
रचना करनी है : उपर्युक्त समकोण ∆ABC की।
Constructions Solutions For Maths NCERT Class 9 Hindi Medium 11.2 5
रचना :

  1. रेखाखण्ड BC = 12 सेमी खींचा।
  2. बिन्दु C से BC पर ∠BCX = 90° बनाया।
  3. CX में से CD = (AB + AC) = 18 सेमी काट लिया।
  4. रेखाखण्ड BD खींचा।
  5. BD का लम्ब समद्विभाजक खींचा जिसने CD को बिन्दु A पर काटा।
  6. रेखाखण्ड AB खींचा।
    अत: ∆ABC अभीष्ट त्रिभुज है।

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NCERT Solutions for Class 6 English Honeysuckle Chapter 2 How the Dog Found Himself a New Master

NCERT Solutions for Class 6 English

How the Dog Found Himself a New Master NCERT Solutions for Class 6 English Honeysuckle Chapter 2

How the Dog Found Himself a New Master NCERT Text Book Questions and Answers

How the Dog Found Himself a New Master Working with the text

A. Discuss these questions in pairs before you write the answers.

Question 1.
Why did the dog feel the need for a master?
Answer:
The Dog felt the need for a master because he no longer wanted to wander in search of food, and being scared of everyone who was stronger than him.

Question 2.
Who did he first choose as his master? Why did he leave that master?
Answer:
At first, the Dog chose the Wolf as his master. He left the Wolf on realizing that the Wolf was not as strong as the Bear. So, he chose the Bear as his next master.

NCERT Solutions for Class 8 English Honeydew Chapter 1 The Best Christmas Present in the World

Question 3.
Who did he choose next?
Answer:
The Dog chose the Bear to be his master after the Wolf.

Question 4.
Why did he seme the Lion for a long time?
Answer:
He served the Lion for a long time because he was the strongest beast in the jungle. The dog being his faithful servant enjoyed complete protection and security under the Lion.

Question 5.
Who did he finally choose as his master and why?
Answer:
At last, the Dog chose Man as his master because even the Lion was afraid of the Man, and so, he appeared to the Dog as the strongest beast on earth. The Dog wanted to serve the strongest beast on earth.

B. A summary of the story is given below. Fill in the blanks to complete it taking appropriate phrases from the box.

a dogstronger than anyone elsethe strongest of alla wolfthe bearafraid of manhis own mastera lion

This is the story of, ………. who used to be ………………… He decided
to find a master ………………. First he found , ……………… but the wolf was
afraid of ………………. The dog thought that the bear was …………………….
After some time the dog met ……………… who seemed the strongest.
He stayed with the lion for a long time. One day he realized that the lion was ……………….
………………….. To this day, the dog remains mans best friend.
Answer:
a dog; his own master; stronger than anyone else; a wolf; the bear; stronger than anyone else; a lion; afraid of man

NCERT Solutions for Class 8 English Honeydew Chapter 1 The Best Christmas Present in the World

How the Dog Found Himself a New Master Working with language

A. Complete each of the following phrases with a suitable word from the box.

schoolfleetbroodbundlebunchpackflockherd

Answers

  1. fleet
  2. bunch
  3. brood
  4. flock
  5. bundle
  6. herd
  7. school
  8. pack

B. Make nouns from the words given below by adding -ness or -ity.
(For some words we need to add just -ty, or -y)
Answers

  1. honesty
  2. kindness
  3. cruelty
  4. calmness
  5. sadness
  6. activity
  7. creativity
  8. sincerity
  9. cheerfulness
  10. bitterness
  11. sensitivity
  12. greatness

NCERT Solutions for Class 8 English Honeydew Chapter 1 The Best Christmas Present in the World

C. Word search

1. There are twelve words hidden in this table.
2. Six can be found horizontally and the remaining six vertically.
3. All of them are describing words like ‘good’, ‘happy’, etc.
4. The first letters of the words are given below.
Horizontal: H R F F S G
Vertical: A WSFLQ
(sloved)
NCERT Solutions for Class 6 English Honeysuckle Chapter 2 How the Dog Found Himself a New Master 1

 

D. Read the following passage and do the exercises that follow. Then complete the family tree of dogs given on the facing page.

Question 1.
Find the opposites of these words in the text above.

  • ancestor : descendant
  • wild : tame
  • ancient : modem
  • near : distant
  • suddenly : gradually

NCERT Solutions for Class 8 English Honeydew Chapter 1 The Best Christmas Present in the World

Question 2.
Complete the following sentences.

i. The dingo is ……………
ii. Dogs were the …………. animals tamed by humans. The other animals tamed by humans are (Think and name some other such animals.)
iii. The New World refers to ………….. Dogs were brought there from ………..
Answer:
i. a wild dog that looks and behaves like domestic dogs
ii. only domesticated; cattle, bears, elephants and monkeys
iii. Australia; Asia

How the Dog Found Himself a New Master Family Tree of Dogs

Carnivores; Raccoons; Hyena; Dog or canine family; Panda; Bear
Domesticated
Wild: Wolf; Fox; Coyote; Jackal

How the Dog Found Himself a New Master Speaking

Here are some points from a similar story that you might have heard in another language. Dividing the class into two groups, try and tell the story in English. One person from each group can speak alternately. Your teacher will help you. As you tell it, one of you may write it down on the board.

How the Dog Found Himself a New Master A Mouse Maiden

Sample answer

Once there was a mouse who always wanted to be anyone else, but a mouse. She lived in a magician’s house. One day she ate the magician’s cheese, and it made him very angry. So, he decided to change the mouse into a mosquito, but the magician was not very good at magic. Unfortunately, he changed the mouse into a girl instead.

The girl was very beautiful. The magician’s anger cooled down, and he let her stay at her house. However, she decided to look for the strongest person so that she could marry him. She told the magician about this, and asked him who was stronger—the sun or the cloud.

The magician told her that the cloud was stronger because it could overshadow the sun and make it rain. But then,the magician thought it over and told her that the mountain was stronger than the cloud because the cloud was at the mercy of the wind. She should marry the mountain.

Just then, the girl realized that a mouse can easily make a hole in the mountain. She asked the magician to change her back to a mouse so that she could marry one. The magician did what he was told, and the mouse was delighted to become a mouse again.

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NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 4 तुम कब जाओगे, अतिथि

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 4 तुम कब जाओगे, अतिथि

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 4 तुम कब जाओगे, अतिथि

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प्रश्न-अभ्यास

(पाठ्यपुस्तक से)

मौखिक
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
1. अतिथि कितने दिनों से लेखक के घर पर रह रहा है?
2. कैलेंडर की तारीखें किस तरह फड़फड़ा रही हैं?
3. पति-पत्नी ने मेहमान का स्वागत कैसे किया?
4. दोपहर के भोजन को कौन-सी गरिमा प्रदान की गई?
5. तीसरे दिन सुबह अतिथि ने क्या कहा?
6. सत्कार की ऊष्मा समाप्त होने पर क्या हुआ?
उत्तर

  1. अतिथि लेखक के घर पर पिछले चार दिनों से रह रहा था और अभी तक जाने का नाम नहीं ले रहा था।
  2. कैलेंडर की तारीखें अपनी सीमा में नम्रता से पंछी के पंखों की तरह फड़फड़ा रही हैं।
  3. पति ने स्नेह से भीगी मुस्कराहट से मेहमान को गले लगाकर उसका स्वागत किया। रात के भोजन में दो प्रकार की सब्ज़ियों और रायते के अलावा मीठी चीजों का भी प्रबंध किया गया था। उनके आने पर पत्नी ने उनका स्वागत सादर प्रणाम करके किया था।
  4. दोपहर के भोजन को लंच की गरिमा प्रदान की गई अर्थात दोपहर के भोजन को लंच जैसा शानदार बनाया गया।
  5. तीसरे दिन सुबह अतिथि ने लॉण्ड्री में कपड़े देने को कहा क्योंकि वह उससे कपड़े धुलवाना चाहता था।
  6. सत्कार की ऊष्मा समाप्त होने पर डिनर के स्थान पर खिचड़ी बनने लगी। खाने में सादगी आ गई और अब भी | वह नहीं जाता तो उपवास तक रखना पड़ सकता था।

लिखित

प्रश्न (क)
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
1. लेखक अतिथि को कैसी विदाई देना चाहता था?
2. पाठ में आए निम्नलिखित कथनों की व्याख्या कीजिए
    (क)अंदर-ही-अंदर कहीं मेरा बटुआ काँप गया।
    (ख)अतिथि सदैव देवता नहीं होता, वह मानव और थोड़े अंशों में राक्षस भी हो सकता है।
    (ग)लोग दूसरे के होम की स्वीटनेस को काटने न दौड़े।
    (घ) मेरी सहनशीलता की वह अंतिम सुबह होगी।
    (ङ)एक देवता और एक मनुष्य अधिक देर साथ नहीं रहते।

उत्तर
1. लेखक अतिथि को भावपूर्ण विदाई देना चाहता था। वह अतिथि का भरपूर स्वागत कर चुका था। उसके सत्कार
का आखिरी छोर आ चुका था। प्राचीनकाल में कहा जाता था-‘अतिथि देवो भव’। अतिथि जब विवशता का पर्याय बन जाए तो उसे भाव-विभोर होकर विदा नहीं किया जा सकता। लेखक चाहता था कि जब अतिथि विदा हो तब वह और उसकी पत्नी उसे स्टेशन तक छोड़ने जाएँ। वह उसे सम्मानजनक विदाई देना चाहता था परंतु उसकी यह मनोकामना पूर्ण नहीं हो पाई।

2. (क) लेखक के घर में जब मेहमान आया तो उसे लगा कि उसका बटुआ हल्का हो जाएगा। उसके हृदय में

बेचैनी होने लगी कि इस अतिथि का सत्कार कैसे किया जाएगा। ऐसे मेहमान जो बिना सूचना के आते हैं। उन्हें देखकर अचानक मेजबान का हाथ अपने बटुए पर चला जाता है। मन काँपने लगता है। खर्चे बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है।

(ख) अतिथि जब बहुत दिनों तक किसी के घर ठहर जाता है तो ‘अतिथि देवो भव’ का मूल्य नगण्य हो जाता है। उन्हें देवता नहीं माना जाता। अतिथि जबरदस्ती दूसरों के घर में ठहरकर राक्षसत्व का स्वरूप पा लेता है। यदि अतिथि लंबे समय तक ठहर जाता है तो वह अपना महत्त्व खो बैठता है। अधिक दिनों तक अतिथि का ठहरना व्याकुलता उत्पन्न कर देता है। उसकी विदाई की प्रतीक्षा में मन डूबने लगता है। अतिथि के मुख पर सुलभ व सहज मुस्कान होती है और वह मुस्कान लेखक की सहनशीलता को ठेस पहुँचाती है।

(ग) लोग अपने घर को तो स्वीट होम ही रखना चाहते हैं परंतु दूसरे के घर की मिठास में जहर घोलते नजर आते हैं। अतिथि जब दूसरों के घर जाते हैं तो उनके घर की शांति नष्ट कर देते हैं, लोगों का आचरण दूसरों के जीवन को उथल-पुथल कर देता है। अतिथियों की मेहमाननवाज़ी करने में बोरियत होती है। आर्थिक स्थिरता को बनाकर घर में लोग सुख-चैन की साँस ले रहे होते हैं। खान-पान, रहन-सहन सब ठाट-बाट का होता है। अचानक अतिथि का आगमन देवत्व का बोध नहीं करा पाता। घर की स्वीटनेस को काट डालता है। ऐसे लोगों को भाव भीनी विदाई देने का मन करता है जो दूसरों के घरों की सरसता कम करने का कारण बन जाते हैं।

(घ) अतिथि यदि एक-दो दिन के लिए ठहरे तो उसका आदर-सत्कार होता है परंतु जब अधिक दिन ठहरे तो मेजबान की सहनशीलता की सीमा टूट जाती है। उससे अधिक उस अतिथि को झेलने की क्षमता उसमें समाप्त हो जाती है। उसे ‘गेट आउट’ कहने का मन करता है। आतिथ्य-सत्कार में भी अंतर आ जाता है। अतिथि अपने देवत्व को खोकर राक्षसत्व का बोध कराता है।

(ङ) अतिथि को देवता माना जाता है परंतु यदि वह अधिक समय तक ठहरे तो उसका देवत्व समाप्त हो जाता है क्योंकि देवता तो थोड़ी देर के लिए दर्शन देकर चले जाते हैं। वे अधिक समय तक नहीं ठहरते। उनमें ईर्ष्या-द्वेष के भाव नहीं होते। घरेलू परिस्थितियों की जटिलताओं का सामना उन्हें नहीं करना पड़ता। मनुष्य को उसकी परिस्थितियाँ प्रभावित करती हैं। घर की शांति को वह भंग नहीं करना चाहता। इस प्रकार विपरीत स्वभाव का एक ही म्यान में
ठहरना नामुमकिन है।

प्रश्न (ख)
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
1. कौन-सा आघात अप्रत्याशित था और उसका लेखक पर क्या प्रभाव पड़ा?
2. ‘संबंधों को संक्रमण के दौर से गुजरना’-इस पंक्ति से आप क्या समझते हैं? विस्तार से लिखिए।
3. जब अतिथि चार दिन तक नहीं गया तो लेखक के व्यवहार में क्या-क्या परिवर्तन आए?
उत्तर
1. लेखक सोच रहा था कि तीसरे दिन अतिथि की भावभीनी विदाई का वह क्षण आ जाना चाहिए। किंतु अतिथि ने
ऐसा नहीं किया। सुबह उठते ही उसने जब लेखक से अपने कपड़े धोबी को देने की बात कही तब लेखक को इस बात को सुनकर जो आघात लगा वह अप्रत्याशित था। इसका प्रभावलेखक पर ऐसा पड़ा कि वह सोचने पर मजबूर हो गया कि अतिथि सदैव देवता नहीं होता, वह मानव और थोड़े अंशों में राक्षस भी हो सकता है।

2. संक्रमण का अर्थ है-एक अवस्था से दूसरी अवस्था में जाने का समय। अर्थात् एक स्थिति से दूसरी स्थिति में प्रवेश करने की प्रक्रिया। इस अवस्था को संधिाकाल भी कहते हैं। इस स्थान पर आकर एक चीज अपना स्वरूप खो देती है तो दूसरा अपना स्वरूप ले लेती है। लेखक के साथ भी अतिथि के आने पर कुछ ऐसा ही हुआ। मधुर संबंध कटुता में परिवर्तित हो गए। सत्कार की ऊष्मा समाप्त हो गई। डिनर से खिचड़ी तक पहुँचकर अतिथि के जाने का चरम क्षण समीप आ गया था। घर के लोगों की शांति भंग होने लगी। अतिथि का मन भले ही घर लौटने का न हो परंतु उसे अपने घर की ओर चल देना चाहिए। इस प्रकार मधुर स्थितियों की कटुता को उजागर किया गया है।

3. जब अतिथि चार दिन तक नहीं गया तो लेखक के आतिथ्य में कमी आ गई। लंच और डिनर की विविधता कम हो
गई। वह उसके जाने की प्रतीक्षा करने लगे। कभी कैलेंडर दिखाकर तो कभी नम्रता की आँखें दिखाकर। स्नेह-भीगी
मुस्कुराहट गायब हो गई। घर की शांति गड़बड़ाने लगी। समीपता दूरी में बदलने लगी। वे उसे स्टेशन तक छोड़ने जाना चाहते हैं, परंतु अतिथि है कि जाने का नाम नहीं लेता। यह देखकर लेखक के व्यवहार में निम्न परिवर्तन आए

  1. खाने का स्तर डिनर से गिरकर खिचड़ी तक आ पहुँचा।
  2. वह गेट आउट कहने को भी तैयार हो जाता है।
  3. लेखक को अतिथि राक्षस के समान लगने लगता है।
  4. अब अतिथि के प्रति सत्कार की कोई भावना नहीं बची।
  5. भावनाएँ गालियों का स्वरूप ग्रहण करने लगती हैं।

भाषा-अध्ययन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्याय लिखिए-
चाँद, जिक्र, आघात, ऊष्मा, अंतरंग।
उत्तर
NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 4 1

प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों को निर्देशानुसार परिवर्तित कीजिए
(क) हम तुम्हें स्टेशन तक छोड़ने जाएँगे। (नकारात्मक वाक्य)
…………………………………………………..
(ख) किसी लॉण्डी पर दे देते हैं, जल्दी धुल जाएँगे। (प्रश्नवाचक वाक्य)
…………………………………………………………
(ग) सत्कार की उष्मा समाप्त हो रही थी। (भविष्यत् काल)
………………………………………………….
(घ) इनके कपड़े देने हैं। (स्थानसूचक प्रश्नवाची)।
………………………………………………..
(ङ) कब तक टिकेंगे ये? (नकारात्मक)
………………………………………………
उत्तर
     (क) हम तुम्हें स्टेशन तक छोड़ने नहीं जाएँगे।
     (ख) क्या किसी लॉण्ड्री पर दे देने से जल्दी धुल जाएँगे?
     (ग) सत्कार की ऊष्मा समाप्त हो जाएगी।
     (घ) इनके कपड़े कहाँ देने हैं?
     (ङ) ये बहुत देर तक नहीं टिकेंगे।

प्रश्न 3.
पाठ में आए इन वाक्यों में ‘चुकना’ क्रिया के विभिन्न प्रयोगों को ध्यान से देखिए और वाक्य संरचना को समझिए-
उत्तर

  1. तुम अपने भारी चरण-कमलों की छाप मेरी ज़मीन पर अंकित कर चुके।
  2. तुम मेरी काफी मिट्टी खोद चुके।
  3. आदर-सत्कार के जिस उच्च बिंदु पर हम तुम्हें ले जा चुके थे।
  4. शब्दों का लेन-देन मिट गया और चर्चा के विषय चुक गए।
  5. तुम्हारे भारी-भरकम शरीर से सलवटें पड़ी चादर बदली जा चुकी और तुम यहीं हो।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित वाक्य संरचनाओं में ‘तुम’ के प्रयोग पर ध्यान दीजिए
उत्तर

  1. लॉण्ड्री पर दिए कपड़े धुलकर आ गए और तुम यहीं हो।
  2. तुम्हें देखकर फूट पड़नेवाली मुस्कुराहट धीरे-धीरे फीकी पड़कर अब लुप्त हो गई है।
  3. तुम्हें भारी-भरकम शरीर से सलवटें पड़ी चादर बदली जा चुकी।।
  4. कल से मैं उपन्यास पढ़ रहा हूँ और तुम फ़िल्मी पत्रिका के पन्ने पलट रहे हो।
  5. भावनाएँ गालियों का स्वरूप ग्रहण कर रही हैं, पर तुम जा नहीं रहे।

योग्यता-विस्तार

प्रश्न 1.
‘अतिथि देवो भव’ उक्ति की व्याख्या करें तथा आधुनिक युग के संदर्भ में इसका आकलन करें।
उत्तर
इस उक्ति का अर्थ है कि अतिथि देवता के समान होता है। यह उक्ति पहले समय में कभी ठीक रही होगी। | आधुनिक युग में यह उक्ति उचित प्रतीत नहीं होती। आज लोगों के पास अपने लिए समय नहीं है। वे अतिथियों के स्वागत-सत्कार के लिए समय कैसे निकाले? आज के लोग कमाने, व्यापार बढ़ाने, कैरियर बनाने, पढ़ने-पढ़ाने
में अधिक ध्यान देने लगे हैं। इसलिए आजकल अतिथि के आने पर उनकी खुशी बढ़ने की अपेक्षा कम होती है।

प्रश्न 2.
विद्यार्थी अपने घर आए अतिथियों के सत्कार का अनुभव कक्षा में सुनाएँ-
उत्तर
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 3.
अतिथि के अपेक्षा से अधिक रुक जाने पर लेखक की क्या-क्या प्रतिक्रियाएँ हुईं, उन्हें क्रम से छाँटकर लिखिए-
उत्तर

  • दूसरे दिन मन में आया कि बस इस अतिथि को अब और अधिक नहीं झेला जा सकता।
  • तीसरे दिन उसका देवत्व समाप्त हो गया वह राक्षस दिखाई देने लगा।
  • चौथे दिन मुस्कान फीकी पड़ गई। बातचीत रुक गई। डिनर का स्थान खिचड़ी ने ले लिया। मन में आया कि उसे ‘गेट आउट’ कह दिया जाए।

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NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 11 आदमी नामा

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प्रश्न-अभ्यास

(पाठ्यपुस्तक से)

प्रश्न 1.
निम्नलिखत प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(क) पहले छंद में कवि की दृष्टि आदमी के किन-किन रूपों का बखान करती है? क्रम से लिखिए।
(ख) चारों छंद में कवि ने आदमी के सकारात्मक और नकारात्मक रूपों को परस्पर किन-किन रूपों में रखा है? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।
(ग) “आदमी नामा’ शीर्षक कविता के इन अंशों को पढ़कर आपके मन में मनुष्य के प्रति क्या धारणा बनती है?
(घ) इस कविता में कौन-सा भाग आपको सबसे अच्छा लगा और क्यों?
(ङ) आदमी की प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर
(क) पहले छंद में कवि की दृष्टि मानव के निम्नलिखित रूपों का बखान करती है बादशाह को, गरीब व दरिद्र का, मालदार, एकदम कमजोर मनुष्य का, स्वादिष्ट भोजन करने वाले का, सूखी रोटियाँ चबाने वाले मनुष्य का।

(ख) कवि ने आदमी के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों रूपों का तुलनात्मक प्रस्तुतीकरण किया है।-
NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 11 1

(ग) ‘आदमी नामा’ शीर्षक कविता को पढ़कर हमारे मन में मनुष्य के प्रति यही छवि बनती है कि संसार में अनेक प्रकार के अच्छे व बुरे दोनों तरह के कार्य करनेवाले होते हैं। मनुष्य परिस्थितियों और भाग्य का दास । होता है। उसकी परिस्थितियाँ ही उसे बादशाह बनाती हैं या फकीर बना देती हैं। मनुष्य शैतान भी है और फरिश्ता भी, धनी भी और निर्धन भी, अच्छा भी और बुरा भी; साधु भी और चोर भी, गुरु भी और शिष्य भी, कुर्बानी देनेवाला भी और कुर्बानी लेनेवाला मनुष्य ही है। मनुष्यों की इस विषमता के कारण ही संसार में पाप भी है और पुण्य भी। धर्म भी है और अधर्म भी।

(घ) इस कविता की निम्नलिखितं पंक्तियाँ मुझे अच्छी लगी हैं-
‘अच्छा भी आदमी ही कहाता है ए नज़ीर
और सबमें जो बुरा है सो है वो भी आदमी’
ये पंक्तियाँ मुझे इसलिए अच्छी लगी हैं क्योंकि इन पंक्तियों से यह प्रेरणा मिलती है कि हमें सद्गुणों को अपनाकर अच्छा आदमी बनना है। हमें बुराइयों का त्यागकर देना चाहिए। बुराइयाँ व्यक्ति को बुरा आदमी बना देती हैं। समाज में अच्छे आदमी का ही आदर होता है, बुरे का नहीं।

(ङ) प्रत्येक आदमी में विभिन्न प्रवृत्तियाँ होती हैं। आदमी स्वभाव से अच्छा भी है और बुरा भी है। वह दूसरों के दु:खों का कारण है तो वही उन दुःखों का निवारण करनेवाला भी है। आदमी ही आदमी पर शासन करता है-आदेश देता है और मनचाहे ढंग से परेशान करता है। आदमी दीन-हीन है और आदमी संपन्न भी है। कोई कुर्बानी देने में विश्वास रखता है तो कोई दूसरों के लिए अपना सर्वस्व समर्पित करने को तत्पर रहता है और ऐसे भी आदमी हैं।
जो दूसरों जान लेने में विश्वास रखते हैं।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित अंशों की व्याख्या कीजिए
(क) दुनिया में बादशाह है सो है वह भी आदमी
(ख) अशराफ़ और कमीने से ले शाह ता वज़ीर और मुफ़लिस-ओ-गदा है सो है वो भी आदमी ये आदमी ही करते हैं सब कारे दिलपज़ीर
उत्तर
(क) प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से कवि ने आदमी के महत्त्व के विषय में बतलाया है कि इस संसार में आदमी की अहमियत है। इस संसार में जो भी कार्य हो रहा है उसे करनेवाला आदमी ही है। वह ही रोजा है और वह ही फ़कीर है। कवि ने आदमी के दोनों रूपों का वर्णन किया है। आदमी अपनी मर्जी को स्वयं मालिक होता है। कभी फ़कीर बनकर हाथ फैलाता है तो कभी हाथ बढ़ाकर बादशाह के रूप में दूसरों को देता है।

(ख) प्रस्तुत पंक्तियों में कवि कहता है कि आदमी ही सज्जन और नीच होता है। राजा से मंत्री तक सभी आदमी ही होता है। आदमी ही ऐसे कार्य करता है जो सबके दिल को लुभानेवाले होते हैं। इस संसार में आदमी ही शिष्य होता है और आदमी ही गुरु होता है। कवि का मानना है कि संसार में अच्छा भी आदमी होता है और संसार में जो सबसे बुरा होता है वह भी आदमी ही होता है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में अभिव्यक्त व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए-
(क) पढ़ते हैं आदमी ही कुरआन और नमाज यां और आदमी ही उनकी चुराते है जूतियाँ जो उनको तोड़ता है सो है वो भी आदमी
(ख) पगड़ी भी आदमी की उतारे है आदमी चिल्ला के आदमी को पुकारे है आदमी और सुनके दौड़ता है सो है वो भी आदमी।
उत्तर
(क) उपर्युक्त छंद में कवि ने यह व्यंग्य किया है कि इस संसार में जहाँ एक ओर तो कुछ लोग मस्जिद में कुरान शरीफ़ पढ़ने और नमाज अदा करने जाते हैं पर दूसरी ओर ऐसे आदमी भी होते हैं, जो वहाँ आनेवालों की जूतियाँ चुराते हैं। उन जूता चोरों पर नज़र रखनेवाले भी आदमी ही होते हैं। जूता चोरों और उनपर नजर रखनेवालों का ध्यान परमात्मा की ओर नहीं बल्कि अपने-अपने शिकार पर होता है।

(ख) कवि ने व्यंग्यात्मक स्वर में कहा है कि आदमी दूसरे को अपमानित करने से भी नहीं चूकता तो दूसरी ओर एक पुकारता है तो दूसरा दौड़ा उसकी सहायता को चला आता है। आदमी ही दूसरों का सम्मान करता है। और दूसरों का अपमान करनेवाला भी आदमी ही है।

प्रश्न 4.
नीचे लिखे शब्दों का उच्चारण कीजिए और समझिए कि किस प्रकार नुक्ते के कारण उनमें अर्थ परिवर्तन आ गया है।
NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 11 2
उत्तर
ज़ – जमीन, मजदूर
फ़ – फ़रक, रफ्तार।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित मुहावरों का प्रयोग वाक्यों में कीजिए
(क) टुकड़े चबाना
(ख) पगड़ी उतारना
(ग) मुरीद होना
(घ) जान वारना
(ङ) तेग मारना
उत्तर
       (क) टुकड़े चबाना-कब तक तुम भाई के टुकड़े चबाते रहोगे, कुछ काम क्यों नहीं करते।
       (ख) पगड़ी उतारना-भरी सभा में मंत्री जी ने सेठ हीरामल की कंजूसी का वर्णन करते हुए उनकी पगड़ी ही उतार दी।
       (ग) मुरीद होना-इन दिनों क्रिकेट के दीवाने सचिन तेंदुलकर के मुरीद हो गए हैं।
       (घ) जान वारना-देश की आजादी के लिए असंख्य वीरों ने अपनी जान वार दी।
       (ङ) तेग मारना-मोहन ने भागते हुए चोर को तेग मारकर घायल कर दिया।

योग्यता-विस्तार

प्रश्न 1.
अगर ‘बदंर नामा’ लिखना हो तो आप किन-किन सकारात्मक और नकारात्मक बातों का उल्लेख करेंगे।
उत्तर
विद्यार्थी स्वयं सोचकर लिखें।

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NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 10 वाख

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प्रश्न-अभ्यास
( पाठ्यपुस्तक से )

प्रश्न 1.
‘रस्सी’ यहाँ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है और वह कैसी है?
उत्तर:
यहाँ ‘रस्सी’ शब्द का प्रयोग मनुष्य के साँस’ या ‘प्राण’ के लिए हुआ है, जिसके सहारे वह शरीर-रूपी नाव को खींच रहा है। वह रस्सी अत्यंत कमजोर है। यह कब टूट जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है।

प्रश्न 2.
कवयित्री द्वारा मुक्ति के लिए किए जाने वाले प्रयास व्यर्थ क्यों हो रहे हैं?
उत्तर:
कवयित्री का जीवन बीता जा रहा है। उम्र बढ़ती जा रही है। मृत्यु निकट आ रही है, किंतु प्रभु से मिलन नहीं हो पा रहा। अत: उसे लगता है कि उसकी सारी साधना व्यर्थ हुई जा रही है। साधना का परिणाम नहीं निकल रहा।

प्रश्न 3.
कवयित्री का ‘घर जाने की चाह’ से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
‘घर जाने की चाह’का तात्पर्य है-इस भवसागर से मुक्ति पाकर अपने प्रभु की शरण में जाना। वह परमात्मा की शरण को ही अपना वास्तविक घर मानती है।

प्रश्न 4.
भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) जेब टटोली कौड़ी न पाई।
(ख) खा-खाकर कुछ पाएगा नहीं,
न खाकर बनेगा अहंकारी।
उत्तर:
(क) कवयित्री को अनुभव होता है कि वह जीवन-भर हठयोग-साधना करती रही, किंतु कोई सफलता न मिल सकी। उसकी जेब खाली ही रही।
(ख) मनुष्य भोग कर-करके अपना शरीर ही नष्ट करता है। उसे कोई उपलब्धि नहीं हो पाती। वह परमात्मा से दूर हो जाता है। भोग करना एक प्रकार का भटकाव है।
भोगों पर लात मारने वाला, अर्थात् त्यागी-तपस्वी-व्रती महात्मा अहंकारी हो जाता है। वह स्वयं को सबसे ऊँचा मानने लगता है। अतः वह भी ईश्वर-भक्ति से भटक जाता है।

प्रश्न 5.
बंद द्वार की साँकल खोलने के लिए ललयद ने क्या उपाय सुझाया है?
उत्तर:
बंद दुवार की साँकल खोलने के लिए कवयित्री ने निम्नलिखित उपाय अपनाने का सुझाव दिया है-

  1. मनुष्य को सांसारिक विषयों में न अधिक लिप्त रहना चाहिए और न इनसे विमुख होना चाहिए। उसे बीच का रास्ता अपनाकर संयमपूर्ण जीवन जीना चाहिए।
  2. मनुष्य को सभी प्राणियों को समान दृष्टि या समान भाव से देखना चाहिए।
  3. प्रभु की सच्ची भक्ति करनी चाहिए।

प्रश्न 6.
ईश्वर प्राप्ति के लिए बहुत से साधक हठयोग जैसी कठिन साधना भी करते हैं, लेकिन उससे भी लक्ष्य प्राप्ति नहीं होती। यह भाव किन पंक्तियों में व्यक्त हुआ है?
उत्तर:
उपर्युक्त भाव निम्न पंक्तियों में प्रकट हुआ है आई सीधी राह से, गई न सीधी राह। सुषुम-सेतु पर खड़ी थी, बीत गया दिन आह!
जेब टटोली, कौड़ी न पाई। माझी को दें, क्या उतराई?

प्रश्न 7.
“ज्ञानी’ से कवयित्री का क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
ज्ञानी का अभिप्राय है – हिंदू-मुसलमान दोनों में कोई अंतर न समझने वाला, क्योंकि दोनों ही उसी एक प्रभु की रचना हैं तथा अपने-आप को पहचानने या आत्म-ज्ञान रखनेवाला व्यक्ति है। आखिर आत्मा भी तो परमात्मा का अंश है।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 8.
हमारे संतों, भक्तों और महापुरुषों ने बार-बार चेताया है कि मनुष्यों में परस्पर किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होता, लेकिन आज भी हमारे समाज में भेदभाव दिखाई देता है-
(क) आपकी दृष्टि में इस कारण देश और समाज को क्या हानि हो रही है?
(ख) आपसी भेदभाव को मिटाने के लिए अपने सुझाव दीजिए।
उत्तर:
(क) आपसी भेदभाव के कारण देश और समाज को बहुत बड़ी हानि हो रही है। पहली हानि यह है कि समाज आपस में बँट गया है। कुछ लोग बिना कारण हमारे मित्र और कुछ शत्रु हो गए हैं। इस कारण अनेक झगड़े खड़े हो जाते हैं। हिंदू-मुसलमान का झगड़ा इसी भेदभाव की उपज है। इसी विष के कारण भारत और पाकिस्तान दो देश बने। फिर भी उनमें आपसी शत्रुता बनी रहती है। विभाजन के बाद भी चार युद्ध हो चुके हैं। अरबों रुपए नष्ट हो चुके हैं। लाखों लोग मारे जा चुके हैं। यह देश और समाज की बहुत बड़ी हानि है।
आपसी भेदभाव के कारण भय, संदेह और अविश्वास बना रहता है। जीवनभर अनावश्यक खतरा मँडराता रहता है।

(ख) आपसी भेदभाव को मिटाने का सबसे अच्छा उपाय यह है कि उन बातों की चर्चा न करें जिससे यह भेदभाव बढे। कई बार इतिहास ही हमारे घावों को हरा कर देता है। ऐसे इतिहास को न ही पढ़ाया जाए तो अच्छा है। । दूसरे, अलग-अलग जातियों के लोग अपने नामों के पीछे जाति का नाम न लगाएँ। एक-दूसरे के नामों को, उनकी भाषा को, उनके महापुरुषों को, उनके उत्सवों को, उनके रहन-सहन और खान-पान को अपनाएँ। अपने घर भोजन पर दूसरों को भी निमंत्रित करें। सबसे बड़ा उपाय यह है कि रोटी-बेटी का रिश्ता बनाएँ। इन उपायों से आपसी भेदभाव दूर हो सकता है।

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NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 12 एक फूल की चाह

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 12 एक फूल की चाह

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प्रश्न-अभ्यास

(पाठ्यपुस्तक से)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) कविता की उन पंक्तियों को लिखिए, जिनसे निम्नलिखित अर्थ का बोध होता है-
NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 12 1
(ख) बीमार बच्ची ने क्या इच्छा प्रकट की?
(ग) सुखिया के पिता पर कौन-सा आरोप लगाकर उसे दंडित किया गया?
(घ) जेल से छूटने के बाद सुखिया के पिता ने अपनी बच्ची को किस रूप में पाया?
(ङ) इस कविता का केंद्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए।
(च) इस कविता में से कुछ भाषिक प्रतीकों/बिंबों को छाँटकर लिखिए
उदाहरणः अंधकार की छाया
NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 12 2
उत्तर
(i) नहीं खेलना रुकता उसका
नहीं ठहरती वह पल-भर ।
मेरा हृदय काँप उठता था।
बाहर गई निहार उसे।

(ii) ऊँचे शैल-शिखर के ऊपर
मंदिर था विस्तीर्ण विशाल;
स्वर्ण-कलश सरसिज विहसित थे
पाकर समुदित रवि-कर-जाल।

(iii) भूल गया उसका लेना झट
परम लाभ-सा पाकर मैं।
सोचा, बेटी को माँ के ये .
पुण्य-पुष्प दें जाकर मैं।

(iv) बुझी पड़ी थी चिता वहाँ पर
छाती धधक उठी मेरी,
हाय! फूल-सी कोमल बच्ची
हुई राख की थी ढेरी!
अंतिम बार गोद में बेटी,
तुझको ले न सका मैं हो!
एक फूल माँ का प्रसाद भी
तुझको दे न सका मैं हा!

(ख) एक बच्ची थी सुखिया। उसे महामारी ने चपेट में ले लिया था। एक दिन उसे तेज़ ज्वर ने जकड़ लिया। ज्वर की तीव्रता के कारण वह बेहोशी की हालत में चली गई। उसी अवस्था में वह अपने पिता से बोली, “मुझे माता के चरणों का एक फूल लाकर दे दो। यही उसकी अंतिम इच्छा थी।

(ग) सुखिया का पिता अछूत वर्ग का व्यक्ति था। मंदिर जैसे पवित्र स्थानों पर उसका जाना निषेध था। अछूतों के साथ समानता का व्यवहार नहीं किया जाता था। अछूत होकर भी सुखिया का पिता मंदिर में देवी का प्रसाद रूपी फूल लाने चला गया। लोगों के अनुसार उसने देवी माँ की पवित्रता नष्ट कर दी। एक प्रकार से यह देवी माँ का घोर अपमान था इसलिए न्यायालय ने देवी माँ का अपमान करने के आरोप में उसे सात दिन का कारावास दे दिया।

(घ) जेल से छूटने के बाद उसने अपनी बच्ची को घर में नहीं पाया। लोगों के बताने के अनुसार वह श्मशान भागते हुए गया पर वहाँ उसके सगे-संबंधी पहले ही उस मृतक सुखिया का दाह-संस्कार कर चुके थे। वहाँ सुखिया की चिता बुझी पड़ी थी। उसकी फूल-सी कोमल बच्ची राख की ढेरी के रूप में परिवर्तित हो चुकी थी।

(ङ) यह कविता छुआछूत की समस्या पर केंद्रित है। एक मरणासन्न अछूत कन्या के मन में यह चाह उठती है। कि कोई उसे देवी माता के चरणों में अर्पित किया हुआ एक फूल लाकर दे दे। बेटी की मनोकामना को पूरी करने के लिए पिता ने मंदिर में जाकर देवी की पूजा और आराधना की। जिससे उच्च वर्ग के लोगों को अपना और अपनी देवी का अपमान प्रतीत हुआ तथा इस अपराध में समाज के उच्चवर्गीय लोगों ने कन्या के पिता को सात दिन के लिए दंडित करके उसे अपनी पुत्री के अंतिम दर्शन करने से भी दूर रखा। समाज में फैली छुआछूत की भावना किस प्रकार लोगों के मन में भेदभाव जगाती है और निम्न वर्ग के प्रति अन्याय कराती है, किस तरह सुखिया के पिता को सामाजिक अन्याय का शिकार होना पड़ा, इन सबका वर्णन करते हुए कवि ने इस विषमता को मिटाने पर बल दिया है।
(च)

  • कितना बड़ा तिमिर आया
  • हुई राख की थी ढेरी
  • झुलसी-सी जाती थी आँखें
  • हाय! फूल-सी कोमल बच्ची
  • स्वर्ण-घनों में कब रवि डूबा।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौंदर्य बताइए-
(क) अविश्रांत बरसा करके भी आँखें तनिक नहीं रोतीं।
(ख) बुझी पड़ी थी चिता वहाँ पर छाती धधक उठी मेरी
(ग) हाय! वही चुपचाप पड़ी थी। अटल शांति-सी धारण कर
(घ) पापी ने मंदिर में घुसकर किया अनर्थ बड़ा भारी
उत्तर
(क) प्रस्तुत पंक्ति का आशय यह है कि निरंतर सात दिन तक अपनी पुत्री से दूर रहने के कारण सुखिया के पिता की आँखों से लगातार आँसुओं की धारा बहती रही, किंतु फिर भी उसकी आँखों के आँसू समाप्त नहीं हुए अर्थात् उसके मन की पीड़ा आँसुओं के रूप में निरंतर बहती रही।
अर्थ-सौंदर्यः कवि ने इस पंक्ति में निरंतर रोते रहने की दशा को अभिव्यक्त किया है। बादल लगातार बरसते रहने से एक दिन समाप्त हो जाते हैं, किंतु सुखिया के पिता के आँसू थे कि वे एक पल के लिए भी थमें नहीं थे।

(ख) प्रस्तुत पंक्ति का आशय है कि सात दिनों के बाद कारावास से छूटने के पश्चात् जब सुखिया का पिता वापस लौटा तो उसकी पुत्री की चिता जलकर बुझ भी चुकी थी अर्थात् उसकी मृत्यु हो जाने पर उनके संबंधियों ने सुखिया का अंतिम संस्कार कर दिया था। पुत्री की बुझी चिता को देखकर सुखिया के पिता के हृदय में दुख और वेदना की चिता धधकने लगी अर्थात् उनका मन बहुत दुखी हो गया।
अर्थ-सौंदर्यः कवि ने इस पंक्ति में बताया है कि एक चिता तो बुझ गई और दूसरी चिता धधकने लगी अर्थात् सुखिया की चिता तो जलकर बुझ गई, परंतु उसके पिता के हृदय में वेदना की चिता धधकने लगी, इसमें अर्थ की सुंदरता है। एक चिता का बुझना और दूसरी चिता का हृदय में धधकना।

(ग) प्रस्तुत पंक्ति का यह आशय है कि तीव्र ज्वर के कारण सुखिया चुपचाप निढाल होकर ऐसे बिस्तर पर लेटी हुई थी जैसे उसने मृत्यु से पहले की अटल शांति को धारण कर लिया हो।
अर्थ-सौंदर्यः अर्थ की सुंदरता यह है कि ज्वर ग्रस्त होने के कारण सुखिया की चंचलता समाप्त हो गई थी और वह शांत भाव से चुपचाप लेटी हुई थी जैसे उसने अटल शांति को धारण कर लिया हो।

(घ) प्रस्तुत पंक्ति का यह आशय है कि जब सुखिया का पिता अपनी बेटी की मनोकामना पूरी करने के लिए मंदिर से फूल लेने गया तब उच्च वर्ग के लोगों ने अछूत और पापी कहकर उसका घोर अपमान किया। उसका मंदिर में आना उन्हें अच्छा नहीं लगा और उन्होंने उसके इस प्रयास को अनर्थ बतलाया।
अर्थ-सौंदर्य प्रस्तुत पंक्ति का अर्थ-सौंदर्य यह है कि जिस व्यक्ति ने कोई पाप नहीं किया और उसके मंदिर में आने के प्रयास को ही समाज के उच्चवर्गीय लोगों ने पाप और अनर्थ का नाम दिया।

योग्यता-विस्तार

प्रश्न 1.
‘एक फूल की चाह’ एक कथात्मक कविता है। इसकी कहानी को संक्षेप में लिखिए।
उत्तर
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2.
‘बेटी’ पर आधारित निराला की रचना ‘सरोज-स्मृति’ पढ़िए।
उत्तर
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 3.
तत्कालीन समाज में व्याप्त स्पृश्य और अस्पृश्य भावना में आज आए परिवर्तनों पर एक चर्चा आयोजित कीजिए।
उत्तर
विद्यार्थी स्वयं करें।

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