Author name: Prasanna

NCERT Solutions for Class 9 Science Chapter 12 Sound (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 9 Science Chapter 12 Sound (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 9 Science Chapter 12 Sound (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 9 Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 9 Science Chapter 12 Sound.

पाठगत हल प्रश्न (NCERT IN-TEXT QUESTIONS SOLVED)

NCERT पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 182)

प्र० 1. किसी माध्यम में ध्वनि द्वारा उत्पन्न विक्षोभ आपके कानों तक कैसे पहुँचता है?
उत्तर- जब कोई वस्तु कंपन करती है तो अपने चारों ओर
माध्यम के कणों को भी कंपमान कर देती है। ये कण कंपमान वस्तु से स्वयं चलकर हमारे कानों तक नहीं पहुँचते हैं बल्कि कंपमान वस्तु के सबसे नजदीक वाले माध्यम के कण अपनी संतुलित अवस्था से विस्थापित हो जाते हैं जो अपने निकटवर्ती कण पर बल लगाकर उसे भी विस्थापित कर देते हैं तथा प्रारंभिक कण वापस अपनी मूल अवस्था में लौट आते हैं। माध्यम में यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती है जब तक कि ध्वनि हमारे कानों तक नहीं पहुँच जाती है। इस तरह माध्यम में ध्वनि द्वारा उत्पन्न विक्षोभ (माध्यम के कण नहीं) माध्यम से होता हुआ संचरित होता है।

NCERT पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 182)

प्र० 1. आपके विद्यालय की घंटी, ध्वनि कैसे उत्पन्न करती है?
उत्तर- हमारे विद्यालय की घंटी मिश्रधातु से बनी होती है। जिसे हथौड़े की चोट से कंपमान किया जाता है। कंपन के कारण हवा में विक्षोभ उत्पन्न होता है। तरंग एक विक्षोभ है जो हवा में आगे-पीछे कंपन करती हुई हमारे कानों तक पहुँच जाती है। माध्यम के कण केवल दोलन करते हैं और विक्षोभ आगे बढ़ जाता है।

प्र० 2. ध्वनि तरंगों को यांत्रिक तरंगें क्यों कहते हैं?
उत्तर- ध्वनि तरंगों के गमन के लिए किसी माध्यम; जैसे-वायु, जल स्टील आदि की आवश्यकता होती है। यह निर्वात से होकर नहीं चल सकती। ध्वनि तरंगें तभी संचरित हो सकती हैं जब उसके माध्यम के कण आगे-पीछे कंपन करें और विक्षोभ आगे बढ़ जाए।

प्र० 3. मान लीजिए कि आप अपने मित्र के साथ चंद्रमा पर गए हुए हैं। क्या आप अपने मित्र द्वारा उत्पन्न ध्वनि को सुन पाएँगे?
उत्तर- नहीं, क्योंकि ध्वनि तरंग के संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है जबकि चंद्रमा पर वायुमंडल नहीं होता है।
अतः निर्वात में ध्वनि संचरित नहीं हो सकती।

NCERT पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 186)

प्र० 1. तरंग का कौन-सा गुण निम्नलिखित को निर्धारित करता
(a) प्रबलता,
(b) तारत्व।
उत्तर-
(a) प्रबलता (Loudness): ध्वनि की प्रबलता कंपन का आयाम निर्धारित करती है। जितना अधिक आयाम होगा, ध्वनि उतनी ही प्रबल होगी।

(b) तारत्व (Pitch): ध्वनि का तारत्व कंपन की आवृत्ति निर्धारित करता है। जितना अधिक आवृत्ति होगी, उतना अधिक तारत्व होगा।

प्र० 2. अनुमान लगाइए कि निम्न में से किस ध्वनि का तारत्व अधिक है?
(a) गिटार, (b) कार का हार्न।
उत्तर- (b) कार का हार्न।

NCERT पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 186)

प्र० 1. किसी ध्वनि तरंग की तरंगदैर्घ्य, आवृत्ति, आवर्त काल तथा आयाम से क्या अभिप्राय है?
उत्तर- तरंगदैर्घ्य (Wavelength): दो क्रमागत संपीडनों (C) या क्रमागत विरलनों (R) के बीच की दूरी तरंगदैर्ध्य कहलाती है। तरंगदैर्घ्य को λ (ग्रीक अक्षर लैम्डा) से निरूपित किया जाता है। इसका SI मात्रक मीटर (m) है।

  • विकल्पतः एक पूर्ण दोलन (Oscillation) में कोई तरंग जितनी दूरी तय करती है, उसे तरंगदैर्ध्य कहते
  • आवृत्ति (Frequency): एकांक समय में होने वाले दोलनों की कुल संख्या को आवृत्ति कहते हैं। इसे v (ग्रीक अक्षर, न्यू) से प्रदर्शित (निरूपित) किया जाता है। आवृत्ति का SI मात्रक हर्ट्ज (hertz) है। जिसे प्रतीक Hz से व्यक्त करते हैं।
  • आवर्त काल (Time period): तरंग द्वारा माध्यम के घनत्व के एक संपूर्ण दोलन में लिए गए समय को आवर्त काल (T) कहते हैं। दूसरे शब्दों में दो क्रमागत संपीडनों या दो क्रमागत विरलनों को किसी निश्चित बिंदु से गुजरने में लगे समय को तरंग का आवर्त काल कहते हैं। इसका SI मात्रक सेकंड (S) है।
  • आयाम (Amplitude): किसी तरंग के संचरण में माध्यम के कणों का मूल स्थिति के दोनों ओर अधिकतम विस्थापन (या विक्षोभ) आयाम कहलाता है। इसे साधारणतः ‘A’ द्वारा निरूपित किया जाता है। इसका मात्रक दाब या घनत्व का मात्रक होता है। ध्वनि की प्रबलता अथवा मृदुता मूलत: इसके आयाम से ज्ञात की जाती है।

प्र० 2. किसी ध्वनि तरंग की तरंगदैर्घ्य तथा आवृत्ति उसके वेग से किस प्रकार संबंधित है?
उत्तर- तरंग का वेग = आवृत्ति x तरंगदैर्घ्य υ = v x λ.

प्र० 3. किसी दिए हुए माध्यम में एक ध्वनि तरंग की आवृत्ति 220 Hz तथा वेग 440 m/s है। इस तरंग की तरंगदैर्घ्य परिकलित कीजिए।
Class 9 Science Chapter 12 Intext Questions page 186

प्र० 4. किसी ध्वनिस्रोत के 450 m दूरी पर बैठा हुआ कोई मनुष्य 500 Hz की ध्वनि सुनता है। स्रोत से मनुष्य के पास तक पहुँचने वाले दो क्रमागत संपीडनों में कितना समय अंतराल होगा?
Class 9 Science Chapter 12 Intext Questions page 186 answers in pdf hindi
नोटः [क्रमागत संपीडनों के बीच लगा समय अर्थात आवर्त काल T वस्तु की स्थिति (दूरी d = 450 m) पर निर्भर नहीं करता है। यह केवल भ्रमित करने के लिए दिया गया है ताकि छात्रों के कौशल की सही जाँच की जा सके।]

NCERT पाठ्यपुस्तक ( पृष्ठ संख्या 187)

प्र० 1. ध्वनि की प्रबलता और तीव्रता में अंतर बताइए।
उत्तर-
Class 9 Science Chapter 12 Intext Questions page 187

NCERT पाठ्यपुस्तक ( पृष्ठ संख्या 188 )

प्र० 1. वायु, जल या लोहे में से किस माध्यम में ध्वनि सबसे तेज चलती है?
उत्तर- दिए गए माध्यमों में से ध्वनि, एक खास तापमान पर लोहे में सबसे तेज चलती है।

NCERT पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 189)

प्र० 1. कोई प्रतिध्वनि 3s पश्चात सुनाई देती है। यदि ध्वनि की चाल 342 m s-1 हो तो स्रोत तथा परावर्तक पृष्ठ के बीच कितनी दूरी होगी?
उत्तर- वायु में ध्वनि की चाल = 342 m/s
Class 9 Science Chapter 12 Intext Questions page 188

NCERT पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 190)

प्र० 1. कंसर्ट हॉल की छतें वक्राकार क्यों होती हैं?
उत्तर- कंसर्ट हॉल की छतें वक्राकार इसलिए बनाई जाती हैं। ताकि परावर्तन के बाद ध्वनि हॉल के सभी भागों में पहुँच जाए। वक्राकार छतें वास्तव में एक बड़े अवतल ध्वनि-पट्ट (Sound board) की तरह कार्य करती हैं जो ध्वनि को नीचे सभी स्रोताओं (Audience) तक परावर्तित कर पहुँचा देती हैं।

NCERT पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 191)

प्र० 1. सामान्य मनुष्य के कानों के लिए श्रव्यता परिसर क्या है?
उत्तर- सामान्य मनुष्य के कानों के लिए श्रव्यता परिसर
20 Hz से 20,000 Hz (या 20 kHz) है।

प्र० 2. निम्न से संबंधित आवृत्तियों का परिसर क्या है?
(a) अवश्रव्य ध्वनि
(b) पराध्वनि
उत्तर-
(a) 20 Hz से कम आवृत्ति की ध्वनियों को अवश्रव्य ध्वनि कहते हैं।
(b) 20 kHz या 20,000 Hz से अधिक आवृत्ति की। ध्वनियों को पराध्वनि या पराश्रव्य ध्वनि कहते हैं।

NCERT पाठ्यपुस्तक ( पृष्ठ संख्या 193)

प्र० 1. एक पनडुब्बी सोनार स्पंद उत्सर्जित करती है, जो पानी के अंदर एक खड़ी चट्टान से टकराकर 1.02s के पश्चात् वापस लौटता है। यदि खारे पानी में ध्वनि की चाल 1531 m/s हो, तो चट्टान की दूरी ज्ञात कीजिए।
Class 9 Science Chapter 12 Intext Questions page 193

पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न (NCERT TEXTBOOK QUESTIONS SOLVED)

प्र० 1. ध्वनि क्या है और यह कैसे उत्पन्न होती है?
उत्तर- ध्वनि ऊर्जा का एक रूप है जिसके कारण हम सुन पाते हैं। ध्वनि तभी उत्पन्न होती है जब कोई वस्तु कंपन (Vibrate) करती है; जैसेः सितार के तार का कंपन करना।

प्र० 2. एक चित्र की सहायता से वर्णन कीजिए कि ध्वनि के स्रोत के निकट वायु में संपीडन तथा विरलन कैसे उत्पन्न होते हैं?
9 Science Chapter 12 Sound अभ्यास के प्रश्न उत्तर
माना कि स्वरित्र द्विभुज (Tuning fork) ध्वनि का स्त्रोत है।
(i) जब यह आगे की ओर कंपन करती है तो अपने सामने की वायु को धक्का देकर संपीडित करती है और इस प्रकार एक उच्च दाब का क्षेत्र उत्पन्न होता है। इस क्षेत्र को संपीडन (C) कहते हैं।
(ii) यह संपीडन कंपमान वस्तु जैसे ट्यूनिंग फॉर्क से दूर आगे की ओर गति करता है।
(iii) जब ट्यूनिंग फॉर्क की भुजा वापस अंदर की ओर (पीछे की ओर) कंपनं करता है तो एक निम्न दाब का क्षेत्र उत्पन्न होता है जिसे विरलन (R) कहते हैं।
(iv) इस तरह जब वस्तु कंपन करती है तो वायु में संपीडन और विरलन की एक श्रेणी बन जाती है। यही संपीडन और विरलन ध्वनि तरंग बनाते हैं जो माध्यम से होकर संचरित होती

प्र० 3. किस प्रयोग से यह दर्शाया जा सकता है कि ध्वनि संचरण के लिए एक द्रव्यात्मक माध्यम की आवश्यकता होती है?
उत्तर- विधि :

  • एक विद्युत घंटी और काँच का वायुरुद्ध बेलजार लीजिए। विद्युत घंटी को बेलजार में लटकाइए।
  • बेलजार को एक निर्वात पंप से जोड़िए।
  • घंटी के स्विच को दबाने पर आप उसकी ध्वनि सुन सकते हैं।
  • अब निर्वात पंप को चलाइए और प्रेक्षणों को नोट कीजिए।
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    प्रेक्षण :
    (i) जैसे-जैसे अधिकाधिक वायु पात्र से निकाली जाती है; घंटी की ध्वनि धीमी होती जाती है।
    (ii) जब बेलजार से संपूर्ण वायु निकल जाती है। ध्वनि बिलकुल नहीं सुनी जा सकती है। अतः ध्वनि तरंगों को ले जाने के लिए द्रव्यात्मक माध्यम आवश्यक है।
    निष्कर्ष : ध्वनि द्रव्यमान माध्यम के बिना संचारित नहीं हो सकती।

प्र० 4. ध्वनि तरंगों की प्रकृति अनुदैर्ध्य क्यों है?
उत्तर- जब माध्यम के कणों का विस्थापन तरंग संचरण की दिशा के समांतर हो तो उसे अनुदैर्ध्य तरंग कहते हैं। ध्वनि तरंग संपीडन (C) और विरलन (R) के रूप में संचरित होती है तथा माध्यम (वायु) के कण आगे-पीछे तरंग के संचरण की समांतर दिशा में गति करते हैं।
अतः ध्वनि तरंगों को अनुदैर्घ्य तरंग कहते हैं।

प्र० 5. ध्वनि का कौन-सा अभिलक्षण किसी अन्य अंधेरे कमरे में बैठे आपके मित्र की आवाज पहचानने में आपकी सहायता करता है?
उत्तर- ध्वनि की गुणता (Quality or timber)

प्र० 6. तड़ित की चमक तथा गर्जन साथ-साथ उत्पन्न होते हैं। लेकिन चमक दिखाई देने के कुछ सेकंड पश्चात् गर्जन सुनाई देती है। ऐसा क्यों होता है?
उत्तर- ऐसा प्रकाश की काफी उच्च चाल के कारण होता है।
प्रकाश को चाल (C = 3 x 108 m/s) है जबकि ध्वनि का चाल 346 m/s (25°C पर) होता है।
स्पष्टतः ध्वनि को आकाश से धरती तक आने में कुछ समय लग जाता है परंतु प्रकाश लगभग तुरंत दिखाई देती है।

प्र० 7. किसी व्यक्ति का औसत श्रव्य परिसर 20 Hz से 20 kHz है। इन दो आवृत्तियों के लिए ध्वनि तरंगों की तरंगदैर्घ्य ज्ञात कीजिए।
9 Science Chapter 12

प्र० 8. दो बालक किसी एलुमिनियम पाइप के दो सिरों पर हैं। एक बालक पाइप के एक सिरे पर पत्थर से आघात करता है। दूसरे सिरे पर स्थित बालक तक वायु तथा ऐलुमिनियम से होकर जाने वाली ध्वनि तरंगों द्वारा लिए गए समय को अनुपात ज्ञात कीजिए।
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प्र० 9. किसी ध्वनि स्रोत की आवृत्ति 100 Hz है। एक मिनट में यह कितनी बार कंपन करेगा?
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प्र० 10. क्या ध्वनि परावर्तन के उन्हीं नियमों का पालन करती है जिनका कि प्रकाश की तरंगें करती हैं? इन नियमों को बताइए।
उत्तर- हाँ, ध्वनि भी परावर्तन के उन्हीं नियमों का पालन करती है जिनका कि प्रकाश की तरंगें करती हैं। ध्वनि के परावर्तन का नियमः
(i) आपतित ध्वनि तरंग, परावर्तित ध्वनि तरंग तथा आपतन बिंदु पर खींचे गए अभिलंब। ये तीनों एक ही तल में होते हैं।
(ii) परावर्तक पृष्ठ के आपतन बिंदु पर खींचे गए अभिलंब तथा ध्वनि के आपतन होने की दिशा तथा परावर्तन होने की दिशा के बीच का कोण
आपस में बराबर होते हैं।
i.e., ∠i = ∠r

प्र० 11. ध्वनि का एक स्रोत किसी परावर्तक पृष्ठ के सामने रखने पर उसके द्वारा प्रदत्त ध्वनि तरंग की प्रतिध्वनि सुनाई देती है। यदि स्रोत तथा परावर्तक शीघ्र की दूरी स्थिर रहे तो किस दिन प्रतिध्वनि अधिक शीघ्र सुनाई देगी|
(i) जिस दिन (ताप) अधिक हो?
(ii) जिस दिन (ताप) कम हो?
उत्तर- अधिक तापमान वाले दिन प्रतिध्वनि शीघ्र सुनाई देगी।
कारणः प्रतिध्वनि का समय t = \(\frac { 2d }{ \nu }\), d= परावर्तक पृष्ठ की स्रोत से दूरी
चूँकि परावर्तक पृष्ठ की दूरी (d) स्थिर है इसलिए प्रतिध्वनि का समय ध्वनि के चाल का व्युत्क्रमानुपाती होगा। ताप में वृद्धि होने पर उस माध्यम में ध्वनि की चाल भी बढ़ती है।
अतः अधिक ताप वाले दिन ध्वनि की चाल अधिक होगी और प्रतिध्वनि शीघ्र सुनाई देगी।

प्र० 12. ध्वनि तरंगों के परावर्तन के दो व्यावहारिक उपयोग लीखिए।
उत्तर-
(i) मेगाफोन या लाउडस्पीकर, हार्न तथा शहनाई जैसे वाद्य यंत्रः ये सभी इस प्रकार बनाए जाते हैं कि ध्वनि सभी दिशाओं में फैले बिना केवल एक विशेष दिशा में ही जाती है। यह स्रोत से उत्पन्न होने वाली ध्वनि तरंगों को बार-बार परावर्तित करके श्रोताओं की ओर आगे की दिशा में भेज देता है।

(ii) स्टेथोस्कोप: में रोगी के हृदय की धड़कन की ध्वनि बार-बार परावर्तन के कारण डॉक्टर के कानों तक पहुँचती है।

प्र० 13. 500 मीटर ऊँची किसी मीनार की चोटी से एक पत्थर मीनार के आधार पर स्थित एक पानी के तालाब में गिराया जाता है। पानी में इसके गिरने की ध्वनि चोटी पर कब सुनाई देगी? (g = 10 m/s तथा ध्वनि की चाल = 340 m/s)
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प्र० 14. एक ध्वनि तरंग 339 m/s की चाल से चलती है। यदि इसकी तरंगदैर्घ्य 1.5 cm हो तो तरंग की आवृत्ति कितनी होगी? क्या ये श्रव्य होगी?
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प्र० 15. अनुरणन क्या है? इसे कैसे कम किया जा सकता है?
उत्तर- किसी बड़े हॉल में उत्पन्न होने वाली ध्वनि दीवारों से बारंबार परावर्तन के कारण काफी समय तक बनी रहती है। यह बारंबार परावर्तन, जिसके कारण ध्वनि का स्थायित्व होता है, अनुरणन (Reverberation) कहलाता है। यह अवांछनीय होता है क्योंकि अत्यधिक अनुरणन के कारण स्पष्ट सुनाई नहीं देता हैं अनुरणन कम करने के निम्न उपाय हैं:

  • भवन की छतों तथा दीवारों पर ध्वनि अवशोषक पदार्थों जैसे संपीडित फाइबर बोर्ड, खुरदरे प्लास्टर अथवा पर्दै लगाते हैं।
  • सीटों के पदार्थों का चुनाव इनके ध्वनि अवशोषक गुणों के आधार पर करना।

प्र० 16. ध्वनि की प्रबलता से क्या अभिप्राय है? यह किन-किन कारकों पर निर्भर करती है?
उत्तर- प्रबलता ध्वनि के लिए कानों की संवेदनशीलता की माप है जिसके कारण मृदु ध्वनि (Soft sound) तथा प्रबल ध्वनि (Loud sound) में अंतर कर सके। ध्वनि की प्रबलता निम्नलिखित पर निर्भर करती है।

  • ध्वनि के दोलन आयाम (Amplitude of vibration of sound)
  • कानों की संवेदनशीलता (Sensitivity of ears)

प्र० 17. चमगादड़ अपना शिकार पकड़ने के लिए पराध्वनि का उपयोग किस प्रकार करता है?
उत्तर- चमगादड़ उड़ते समय पराध्वनि तरंगे उत्सर्जित (Emmits) करता है तथा परावर्तन के बाद इनका संसूचन (detect) करता है चमगादड़ द्वारा उत्पन्न उच्च तारत्व के पराध्वनि स्पंद अवरोधों या कीटों से परावर्तित होकर चमगादड़ के कानों तक पहुँचता है। इस तरह चमगादड़ को परावर्तित स्पंदों की प्रकृति से चमगादड़ को पता चलता है कि अवरोध या कीट कहाँ पर है और यह किस प्रकार का है। चमगादड़ द्वारा पराध्वनि उत्सर्जित होती है तथा अवरोध या कीटों द्वारा परावर्तित होती है।
Class 9 Science Chapter 12 Intext Questions page 190

प्र० 18. वस्तुओं को साफ करने के लिए पराध्वनि का उपयोग कैसे करते हैं?
उत्तर- पराध्वनि का उपयोग उन भागों को साफ करने में करते हैं जिन तक पहुँचना कठिन होता है; जैसेः सर्पिलाकार नली, विषम आकार के पुर्जे, इलेक्ट्रॉनिक अवयव आदि। वस्तुओं को साफ करने वाले मार्जन विलयन में पराध्वनि तरंगें भेजी जाती हैं। उच्च आवृत्ति होने के कारण धूल, चिकनाई, गंदगी के कण अलग होकर नीचे गिर जाते हैं। इस प्रकार वस्तु पूर्णतया साफ हो जाती है।

प्र० 19. सोनार की कार्यविधि तथा उपयोग का वर्णन कीजिए।
उत्तर- कार्यविधिः सोनार में एक प्रेषित (Transmitter) तथा संसूचक (detector) होता है। इसे किसी नाव या जहाज में चित्रानुसार लगा देते हैं प्रेषित द्वारा पराध्वनि तरंगें उत्पन्न तथा प्रेषित की जाती हैं जो समुद्र तल में स्थित किसी पिंड से टकराकर परावर्तित होती हैं और संसूचक द्वारा ग्रहण कर ली जाती हैं।
Class 9 Science Chapter 12 Intext Questions page 191
संसूचकः पराध्वनि तरंगों को विद्युत संकेतों में बदल देता है जिनकी उचित रूप से व्याख्या कर ली जाती है।
मान लीजिए पराध्वनि संकेतों के प्रेषण तथा अभिग्रहण का समयांतराल = t है।
समुद्री जल में ध्वनि की चाल = υ है।
तब सतह से पिंड की एक तरफ की दूरी (या गहराई) = d
सतह से पिंड तक तथा वापस सतह तक पराध्वनि द्वारा चली गई दूरी = 2d होगी
दूरी = चाल x समय
⇒ 2d = υ x t
⇒ d = \(\frac { \nu \quad \times \quad t }{ 2 }\) …(1)
उपयोगः उपर्युक्त समीकरण में ‘V’ तथा ‘t’ के मान प्रतिस्थापित कर हम ‘d ज्ञात कर लेते हैं।
(i) समुद्र की गहराई ज्ञात करने में
(ii) जल के अंदर स्थित चट्टानों, घाटियों, पनडुब्बियों, हिमशैल (प्लावी बर्फ़), डूबे हुए जहाज आदि की जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

प्र० 20. एक पनडुब्बी पर लगी एक सोनार युक्ति, संकेत भेजती है और उनकी प्रतिध्वनि 5s पश्चात् ग्रहण करती है। यदि पनडुब्बी से वस्तु की दूरी 3626 m हो तो ध्वनि की चाल की गणना कीजिए।
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प्र० 21. किसी धातु के ब्लॉक में दोषों का पता लगाने के लिए पराध्वनि का उपयोग कैसे किया जाता है, वर्णन कीजिए।
उत्तर- पराध्वनि तरंगों को धातु के ब्लॉक से प्रेषित की जाती है और प्रेषित तरंगों का पता लगाने के लिए संसूचकों (Detectors) का उपयोग किया जाता है। यदि थोड़ा-सा भी दोष होता है तो पराध्वनि तरंगें वापस परावर्तित हो जाती हैं जो कि धातु ब्लाक में दोष की उपस्थिति दर्शाती हैं।
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प्र० 22. मनुष्य का कान किस प्रकार कार्य करता है? विवेचना कीजिए।
उत्तर- बाहरी कान ‘कर्ण पल्लव’ कहलाता है। यह आसपास के परिवेश से ध्वनि एकत्रित करता है। एकत्रित ध्वनि श्रवण नालिका से गुजरती है। श्रवण नालिका के सिरक पर एक पतली झिल्ली होती है जिसे कर्ण पटल या कर्ण पटह झिल्ली कहते हैं। जब माध्यम के संपीडन कर्ण पटह तक पहुँचते हैं तो झिल्ली के बाहर की ओर लगने वाला दाब बढ़ जाता है और यह कर्ण पटह को अंदर की ओर दबाता है। इसी प्रकार, विरलने के पहुँचने पर कर्ण पटह बाहर की ओर गति करता है। इस प्रकार कर्ण पटह कंपन करता है। मध्य कर्ण में विद्यमान तीन हड्डियाँ। (मुग्दरक, निहाई तथा वलयक (स्टिरप)। इन कंपनों को कई गुना बढ़ा देती हैं। मध्य कर्ण ध्वनि तरंगों से मिलने वाले इन दाबे परिवर्तनों को आंतरिक कर्ण तक संचरित कर देता है। आंतरिक कर्ण में कर्णावर्त Cochlea) द्वारा दाब परिवर्तनों को विद्युत संकेतों को श्रवण तंत्रिका द्वारा मस्तिष्क तक भेज दिया जाता है और मस्तिष्क इनकी ध्वनि के रूप में व्याख्या करता है।
NCERT Solutions for Class 9 Science Chapter 12 Sound Exercises Question answers for mp and gujrat board

Hope given NCERT Solutions for Class 9 Science Chapter 12 are helpful to complete your homework.

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NCERT Solutions for Class 9 Social Science Economics Chapter 2 People as Resource (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 9 Social Science Economics Chapter 2 People as Resource (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 9 Social Science Economics Chapter 2 People as Resource (Hindi Medium)

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प्रश्न अभ्यास

पाठ्यपुस्तक से

प्रश्न 1. ‘संसाधन के रूप में लोग’ से आप क्या समझते हैं ?
उत्तरः ‘संसाधन के रूप में लोग किसी देश के कार्यरत लोगों को उनके वर्तमान उत्पादन कौशल एवं योग्यताओं
का वर्णन करने का एक तरीका है। यह लोगों की सकल घरेलू उत्पाद के सृजन में योगदान करने की योग्यता पर बल देता है। अन्य संसाधनों की भांति जनसंख्या भी एक संसाधन है जिसे ‘मानव
संसाधन’ कहा जाता है।

प्रश्न 2. मानव संसाधन भूमि एवं भौतिक पूँजी जैसे अन्य संसाधनों से भिन्न कैसे हैं ?
उत्तरः कुछ लोग यह मानते हैं कि जनसंख्या एक दायित्व है न कि एक परिसंपत्ति। किन्तु यह सच नहीं है। लोगों को एक परिसंपत्ति बनाया जा सकता है यदि हम उनमें शिक्षा, प्रशिक्षण एवं चिकित्सा सुविधाओं के द्वारा निवेश करें। जिस प्रकार भूमि, जल, वन, खनिज आदि हमारे बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन हैं उसी प्रकार मनुष्य भी एक बहुमूल्य संसाधन हैं। लोग राष्ट्रीय परिसंपत्तियों के उपभोक्ता मात्र नहीं हैं। अपितु वे राष्ट्रीय संपत्तियों के उत्पादक भी हैं। वास्तव में मानव संसाधन अन्य संसाधनों जैसे कि भूमि तथा पूँजी की अपेक्षाकृत श्रेष्ठ हैं क्योंकि वे भूमि एवं पूँजी का प्रयोग करते हैं। भूमि एवं पूँजी स्वयं उपयोगी नहीं हो सकते।

प्रश्न 3. मानव पूँजी निर्माण में शिक्षा की क्या भूमिका है?
उत्तरः मानव पूँजी निर्माण अथवा मानव संसाधन विकास में शिक्षा की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। शिक्षा एवं कौशल किसी व्यक्ति की आय को निर्धारित करने वाले मुख्य कारक हैं। किसी बच्चे की शिक्षा और प्रशिक्षण पर किए गए निवेश के बदले में वह भविष्य में अपेक्षाकृत अधिक आय एवं समाज में बेहतर योगदान के रूप में उच्च प्रतिफल दे सकता है। शिक्षित लोग अपने बच्चों की शिक्षा पर अधिक निवेश करते पाए जाते हैं। इसका कारण यह है कि उन्होंने स्वयं के लिए शिक्षा का महत्त्व जान लिया है। यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि यह शिक्षा ही है जो एक व्यक्ति को उसके सामने उपलब्ध आर्थिक अवसरों का बेहतर उपयोग करने में सहायता करती है। शिक्षा श्रम की गुणवत्ता में वृद्धि करती है। और कुल उत्पादकता में वृद्धि करने में सहायता करती है। कुल उत्पादकता देश के विकास में योगदान देती है।

प्रश्न 4. मानव पूँजी निर्माण में स्वास्थ्य की क्या भूमिका है?
उत्तरः मानव पूँजी निर्माण अथवा मानव संसाधन विकास में स्वास्थ्य की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।

(क) केवल एक पूर्णतः स्वस्थ व्यक्ति ही अपने काम के साथ न्याय कर सकता है। इस प्रकार यह किसी व्यक्ति के कामकाजी जीवन में महत्त्वपूर्ण            भूमिका अदा करता है।
(ख) एक अस्वस्थ व्यक्ति अपने परिवार, संगठन एवं देश के लिए दायित्व है। कोई भी संगठन ऐसे व्यक्ति को काम पर नहीं रखेगा जो खराब स्वास्थ्य        के कारण पूरी दक्षता से काम न कर सके।
(ग) स्वास्थ्य न केवल किसी व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाता है अपितु मानव संसाधन विकास में वर्धन करता है जिस पर देश के कई            क्षेत्रक निर्भर करते हैं।
(घ) किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य अपनी क्षमता एवं बीमारी से लड़ने की योग्यता को पहचानने में सहायता करता है।

प्रश्न 5. किसी व्यक्ति के कामयाब जीवन में स्वास्थ्य की क्या भूमिका है?
उत्तरः हम सभी जानते हैं कि एक स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ दिमाग निवास करता है। स्वास्थ्य जीवन का एक महत्त्वपूर्ण पहलू है। स्वास्थ्य का अर्थ जीवित रहना मात्र ही नहीं है। स्वास्थ्य में शारीरिक, मानसिक, आर्थिक एवं सामाजिक सुदृढता शामिल हैं। स्वास्थ्य में परिवार कल्याण, जनसंख्या नियंत्रण, दवा नियंत्रण, प्रतिरक्षण एवं खाद्य मिलावट निवारण आदि बहुत से क्रियाकलाप शामिल हैं। यदि कोई व्यक्ति अस्वस्थ है तो वह ठीक से काम नहीं कर सकता। चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में एक अस्वस्थ मजदूर अपनी उत्पादकता और अपने देश की उत्पादकता को कम करता है। इसलिए किसी व्यक्ति के कामयाब जीवन में स्वास्थ्य महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

प्रश्न 6. प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रकों में किस तरह की विभिन्न आर्थिक क्रियाएँ संचालित की जाती हैं ?
उत्तरः प्राथमिक क्षेत्रक में कृषि, वन, पशुपालन, मुर्गी पालन, मछली पालन एवं खनन आदि आते हैं। द्वितीयक क्षेत्रक में विनिर्माण शामिल है।
तृतीयक क्षेत्रक में बैंकिंग, परिवहन, व्यापार, शिक्षा, बीमा, पर्यटन एवं स्वास्थ्य आदि आते हैं।

प्रश्न 7. आर्थिक और गैर–आर्थिक क्रियाओं में क्या अंतर है?
उत्तरः वे क्रियाएं जो देश की आय में वृद्धि करती हैं उन्हें आर्थिक क्रियाएं कहा जाता है। दूसरे शब्दों में,
जो क्रियाएं आय के लिए की जाती हैं उन्हें क्रियाएं कहा जाता है और वे क्रियाएं जो आय के लिए नहीं की जाती उन्हें गैर- आर्थिक क्रियाएं कहा जाता है। यदि कोई माँ किसी होटल में खाना बनाती है और उसे उसके लिए पैसे मिलते हैं तो यह एक आर्थिक
क्रिया है। जब वह अपने परिवार के लिए खाना बनाती है तो वह एक गैर– आर्थिक क्रिया कर रही है।

प्रश्न 8. महिलाएँ क्यों निम्न वेतन वाले कार्यों में नियोजित होती हैं?
उत्तरः महिलाएँ निम्नलिखित कारणों से निम्न वेतन वाले कार्यों में नियोजित होती है :

(क) बाजार में किसी व्यक्ति की आय निर्धारण में शिक्षा महत्त्वपूर्ण कारकों में से एक है। भारत में महिलाएँ पुरुषों की अपेक्षा कम शिक्षित होती हैं।          उनके पास बहुत कम शिक्षा एवं निम्न कौशल
स्तर है। इसलिए उन्हें पुरुषों की तुलना में कम वेतन दिया जाता है।
(ख) ज्ञान व जानकारी के अभाव में महिलाएँ असंगठित क्षेत्रों में कार्य करती हैं जो उन्हें कम मजदूरी देते हैं। उन्हें अपने कानूनी अधिकारों की                  जानकारी भी नहीं है।
(ग) महिलाओं को शारीरिक रूप से कमजोर माना जाता है। इसलिए उन्हें प्रायः कम वेतन दिया जाता। है।

प्रश्न 9. ‘बेरोजगारी’ शब्द की आप कैसे व्याख्या करेंगे?
उत्तरः बेरोजगारी का अर्थ है जब लोग काम करने के इच्छुक हों किन्तु उन्हें रोजगार न मिले। यह स्थिति विकसित देशों की अपेक्षा विकासशील देशों में अधिक देखने में आती है। कामगार जनसंख्या में 25 से 59 वर्ष के आयु वर्ग के लोग आते हैं।

प्रश्न 10. प्रच्छन्न और मौसमी बेराजगारी में क्या अंतर है?
उत्तरः प्रच्छन्न बेरोजगारी :प्रच्छन्न बेरोजगारी में लोग नियोजित प्रतीत होते हैं जबकि वास्तव में वे उत्पादकता में कोई योगदान नहीं कर रहे होते हैं। ऐसा प्रायः किसी क्रिया से जुड़े परिवारों के सदस्यों के साथ होता है। काम में पाँच लोगों की आवश्यकता है किन्तु उसमें आठ लोग लगे हुए हैं, जहाँ 3 लोग अतिरिक्त हैं। यदि इन 3 लोगों को हटा लिया जाए तो भी उत्पादकता कम नहीं होगी। ये 3 लोग प्रच्छन्न बेरोजगारी में शामिल हैं। मौसमी बेरोजगारी : मौसमी बेरोजगारी तब होती है जब वर्ष के कुछ महीनों के दौरान लोग रोजगार नहीं खोज पाते। भारत में कृषि कोई पूर्णकालिक रोजगार नहीं है। यह मौसमी है। इस प्रकार की बेरोजगारी कृषि में पाई जाती है। कुछ व्यस्त मौसम होते हैं जब ‘बिजाई, कटाई, निराई और गहाई की जाती है। कुछ विशेष महीनों में कृषि पर आश्रित लोगों को अधिक काम नहीं मिल पाता।

प्रश्न 11. शिक्षित बेरोजगारी भारत के लिए एक विशेष समस्या क्यों है?
उत्तरः शिक्षित बेरोजगारी शहरों में एक सामान्य परिघटना बन गई है। मैट्रिक, स्नातक, स्नातकोत्तर डिग्रीधारक अनेक युवा रोजगार पाने में असमर्थ हैं। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि मैट्रिक की अपेक्षा स्नातक एवं स्नातकोत्तर डिग्रीधारकों में बेरोजगारी अधिक तेजी से बढ़ी है। एक विरोधाभासी जनशक्ति-स्थिति सामने आती है क्योंकि कुछ वर्गों में अतिशेष जनशक्ति अन्य क्षेत्रों में जनशक्ति की कमी के साथ-साथ विद्यमान है। एक ओर तकनीकी अर्हता प्राप्त लोगों में बेरोजगारी व्याप्त है जबकि दूसरी ओर आर्थिक संवृद्धि के लिए जरूरी तकनीकी कौशल की कमी है। उपरोक्त के प्रकाश में हम कह सकते हैं कि शिक्षित बेराजगारी भारत के लिए एक विशेष समस्या है।

प्रश्न 12. आप के विचार से भारत किस क्षेत्रक में रोजगार के सर्वाधिक अवसर सृजित कर सकता है?
उत्तरः हमारी अर्थव्यवस्था में श्रम का सबसे बड़ा अवशोषक कृषि क्षेत्र है। किन्तु हाल ही के वर्षों में प्रच्छन्न बेरोजगारी के कारण इस क्षेत्र में गिरावट आई है। कृषि क्षेत्र में अधिशेष श्रमिक द्वितीयक या तृतीयक क्षेत्रक में जाना चाहते हैं। द्वितीयक क्षेत्रक में श्रम का सबसे बड़ा अवशोषक लघु-स्तर विनिर्माण क्षेत्र है। तृतीयक क्षेत्रक में श्रम का सबसे बड़ा अवशोषक विनिर्माण क्षेत्र है। तृतीयक क्षेत्रक में कई नई सेवाओं का आगमन हुआ है जैसे कि बायोटेक्नॉलोजी और सूचना प्रौद्योगिकी आदि। हाल ही के वर्षों में बी.पी.ओ. अथवा कॉल सेंटर उद्योग में सर्वाधिक नौकरी के अवसर पैदा हुए हैं। मध्यम रूप से शिक्षित युवा वर्ग के लिए ये वरदान साबित हुए हैं।

प्रश्न 13. क्या आप शिक्षा प्रणाली में शिक्षित बेरोजगारों की समस्या दूर करने के लिए कुछ उपाय सुझा सकते हैं?
उत्तरः शिक्षा प्रणाली में शिक्षित बेरोजगारों की समस्या दूर करने हेतु निम्नलिखित उपाय सहायक सिद्ध हो सकते हैं:

(क) केवल किताबी ज्ञान देने की अपेक्षा अधिक तकनीकी शिक्षा दी जाए।
(ख) शिक्षा को अधिक कार्योन्मुखी बनाया जाना चाहिए। एक किसान के बेटे को साधारण स्नातक की शिक्षा देने की अपेक्षा इस बात का प्रशिक्षण            दिया जाना चाहिए कि खेत में उत्पादन कैसे बढाया जा सकता है।
(ग) शिक्षा को लोगों को स्वावलंबी एवं उद्यमी बनाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। (घ) शिक्षा के लिए योजना बनाई जानी चाहिए एवं इसकी भावी              संभावनाओं को ध्यान में रखकर इसे क्रियान्वित किया जाना चाहिए।
(ड) रोजगार के अधिक अवसर पैदा किए जाने चाहिए।

प्रश्न 14. क्या आप कुछ ऐसे गाँवों की कल्पना कर सकते हैं जहाँ पहले रोजगार का कोई अवसर नहीं था, लेकिन बाद में बहुतायत में हो गया ?
उत्तर: हाँ, मुझे अपने माली द्वारा सुनाई गई कहानी याद आती है। उसने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व उसके गाँव में सभी मूलभूत सुविधाओं जैसे कि स्कूल, अस्पताल, सड़कों, बाजार और यहाँ तक कि पानी व बिजली की उचित आपूर्ति का भी अभाव था। गाँव के लोगों ने पंचायत का ध्यान इन सभी समस्याओं की ओर आकृष्ट किया। पंचायत ने एक स्कूल खोला जिसमें कई लोगों को रोजगार मिला। जल्द ही गाँव के बच्चे वहाँ पढने लगे और वहाँ कई प्रकार की तकनीकों का विकास हुआ। अब गाँव वालों के पास बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएँ एवं पानी एवं बिजली की भी अचित आपूर्ति उपलब्ध थी। सरकार ने भी जीवन स्तर को सुधारने के लिए विशेष प्रयास किए थे। कृषि एवं गैर कृषि क्रियाएँ भी अब आधुनिक तरीकों से की जाती हैं।

प्रश्न 15. किस पूँजी को आप सबसे अच्छा मानते हैं – भूमि, श्रम, भौतिक पूँजी और मानव पूँजी? क्यों ?
उत्तरः जिस प्रकार भूमि, जल, वन, खनिज हमारे बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन हैं उसी प्रकार लोग भी बहुमूल्य संसाधन हैं। लोग राष्ट्रीय परिसंपत्तियों के उपभोक्ता मात्र नहीं हैं अपितु वे राष्ट्रीय संपत्तियों के उत्पादक भी हैं। वास्तव में मानव संसाधन अन्य संसाधनों जैसे कि भूमि तथा पूँजी की अपेक्षाकृत श्रेष्ठ हैं क्योंकि वे भूमि एवं पूँजी का प्रयोग करते हैं। भूमि एवं पूँजी स्वयं उपयोगी नहीं हो सकते। यदि हम लोगों में शिक्षा, प्रशिक्षण एवं चिकित्सा सुविधाओं के द्वारा निवेश करें तो जनसंख्या के बड़े भाग को परिसंपत्ति में बदला जा सकता है। हम जापान का उदाहरण सामने रखते हैं। जापान के पास कोई प्राकृतिक संसाधन नहीं थे। इस देश ने अपने लोगों पर निवेश किया विशेषकर शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में । अंततः इन लोगों ने अपने संसाधनों का दक्षतापूर्ण उपयोग करने के बाद नई तकनीक विकसित करते हुए अपने देश को समृद्ध एवं विकसित बना दिया है। इस प्रकार मानव–पूँजी अन्य सभी संसाधनों की अपेक्षा अधिक महत्त्वपूर्ण है।

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NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 9 Maths in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics.

प्रश्नावली 14.1

Ex 14.1 Class 9 गणित प्रश्न 1.
उन पाँच आँकड़ों के उदाहरण दीजिए जिन्हें आप दैनिक जीवन में एकत्रित कर सकते हैं।
हल-
दैनिक जीवन में संग्रह योग्य आँकड़े-

  1. अपनी कक्षा के 25 सहपाठियों द्वारा एक क्लास टेस्ट में प्राप्त अंकों का संग्रह
  2. अपने परिवार के सदस्यों की आयु और उनकी लम्बाई सम्बन्धी आँकड़ों का संग्रह
  3. कक्षा के छात्रों के परिवार के सदस्यों की संख्या का संग्रह
  4. उद्यान में लगे 20 पौधों की लम्बाइयों का संग्रह
  5. एन०सी०सी० ऑफिसर से ऐसे छात्रों की सूची का संग्रह जिन्होंने एन०सी०सी० कोर्स लिया है।
    ऐसे और भी अनेक उदाहरण सम्भव हैं।

Ex 14.1 Class 9 गणित प्रश्न 2.
ऊपर दिए गए प्रश्न 1 के आँकड़ों को प्राथमिक आँकड़ों या गौण आँकड़ों में वर्गीकृत कीजिए।
हल-
प्रश्न 1 में दिए गए प्रथम चार उदाहरण प्राथमिक आँकड़ों के हैं क्योंकि इनका संग्रह स्वयं किया गया है। पाँचवाँ उदाहरण गौण आँकड़ों का है क्योंकि उनका संग्रह स्वयं न करके एक कार्यालय की सूची से किया गया है।

प्रश्नावली 14.2

Ex 14.2 Class 9 गणित प्रश्न 1.
आठवीं कक्षा के 30 विद्यार्थियों के रक्त समूह ये हैं-
A, B, O, O, AB, O, A, O, B, A, O, B, A, O, O, A, AB, O, A, A, O, O, AB, B, A, O, B, A, B, O
इन आँकड़ों को एक बारम्बारता बंटन सारणी के रूप में प्रस्तुत कीजिए। बताइए कि इन विद्यार्थियों में कौन-सा रक्त समूह अधिक सामान्य है और कौन-सा रक्त समूह विरलतम रक्त समूह है।
हल-
यहाँ A, B, O, AB चार रक्त समूह हैं जिनकी उपस्थिति का 30 विद्यार्थियों के रक्त में परीक्षण किया गया है।
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.2 1
सारणी से स्पष्ट है कि रक्त समूह O अधिक सामान्य है और रक्त समूह AB विरलतम है।

Ex 14.2 Class 9 गणित प्रश्न 2.
40 इंजीनियरों की उनके आवास से कार्य-स्थल की (किलोमीटर में) दूरियाँ ये हैं:
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.2 2
0 – 5 को (जिसमें 5 सम्मिलित नहीं है) पहला अन्तराल लेकर ऊपर दिए हुए आँकड़ों से वर्ग-माप 5 वाली एक वर्गीकृत बारम्बारता बंटन सारणी बनाइए। इस सारणीबद्ध निरूपण में आपको कौन-से मुख्य लक्षण देखने को मिलते हैं?
हल-
इंजीनियरों के आवास से उनके कार्यालय की न्यूनतम दूरी = 2 किमी;
और अधिकतम दूरी = 32 किमी।
दूरी का परिसर = 32 – 2 = 30 क्रिमी,
तथा वर्गों की संख्या = \(\frac { 30 }{ 5 }\) + 1 = 7
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.2 2.1
मुख्य लक्षण-चार इंजीनियरों के कार्यालय उनके आवास से सामान्यत: अधिक दूर हैं।

Ex 14.2 Class 9 गणित प्रश्न 3.
30 दिन वाले महीने में एक नगर की सापेक्ष आर्द्रता (% में) यह रही है।
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.2 3
(i) वर्ग 84 – 86, 86 – 88 आदि लेकर एक वर्गीकृत बारम्बारता बंटन बनाइए।
(ii) क्या आप बता सकते हैं कि ये आँकड़े किस महीने या ऋतु से सम्बन्धित हैं?
(iii) इन आँकड़ों का परिसर क्या है?
हल-
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.2 3.1
(ii) इन आँकड़ों में उल्लिखित आर्द्रता सामान्य से अधिक है। अत: ये आँकड़े वर्षा ऋतु के किसी महीने में संकलित किए गए हैं।
(iii) परिसर = 99.2 – 84.9 = 14.3

Ex 14.2 Class 9 गणित प्रश्न 4.
निकटतम सेन्टीमीटरों में मापी गई 50 विद्यार्थियों की लम्बाइयाँ ये हैं-
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.2 4
(i) 160 – 165, 165 – 170 आदि का वर्ग अन्तराल लेकर ऊपर दिए गए आँकड़ों को एक वर्गीकृत बारम्बारता बंटन सारणी के रूप में निरूपित कीजिए।
(ii) इस सारणी की सहायता से आप विद्यार्थियों की लम्बाइयों के सम्बन्ध में क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं?
हल-
(i) सबसे कम लम्बाई = 150 सेमी;
सबसे अधिक लम्बाई = 173 सेमी;
लम्बाई का परिसर =173 – 150 = 23 सेमी
वर्ग का आमाप = 5 सेमी।
वर्गों की संख्या = \(\frac { 23 }{ 5 }\) = 5 और प्रथम वर्ग (150 – 155)
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.2 4.1
(ii) निष्कर्ष-
(a) अधिकांश छात्रों की लम्बाई 165 सेमी से कम है।
(b) 5 छात्रों की लम्बाई 170 सेमी से अधिक है।

Ex 14.2 Class 9 गणित प्रश्न 5.
एक नगर में वायु में सल्फर डाई-ऑक्साइड का सान्द्रण भाग प्रति मिलियन [parts per million (ppm)] में ज्ञात करने के लिए एक अध्ययन किया गया।
30 दिनों के प्राप्त किए गए आँकड़े ये हैं-
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.2 5
(i) 0.00 – 0.04, 0.04 – 0.08 आदि का वर्ग-अन्तराल लेकर इन आँकड़ों की एक वर्गीकृत बारम्बारता बंटन सारणी बनाइए। है।
(ii) सल्फर डाइऑक्साइड की सान्द्रता कितने दिन 0.11 भाग प्रति मिलियन से अधिक रही?
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.2 5.1

Ex 14.2 Class 9 गणित प्रश्न 6.
तीन सिक्कों को एक साथ 30 बार उछला गया। प्रत्येक बार चित (Head) आने की संख्या निम्न प्रकार है:
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.2 6
उपर्युक्त आँकड़ों के लिए एक बारम्बारता बंटन सारणी बनाइए।
हल-
चित आने की न्यूनतम संख्या = 0 और अधिकतम संख्या = 3
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.2 6.1

Ex 14.2 Class 9 गणित प्रश्न 7.
50 दशमलव स्थान तक शुद्ध π का मान नीचे दिया गया है :
3.14159265358979323846264338327950288419716939937510
(i) दशमलव बिन्दु के बाद आने वाले 0 से 9 तक के अंकों का एक बारम्बारता बंटन बनाइए।
(ii) सबसे अधिक बार और सबसे कम बार आने वाले अंक कौन-कौन से हैं?
हल-
(i) 0 से 9 तक के अंकों की बारम्बारता बंटन सारणी
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.2 7
(ii) सारणी से स्पष्ट है कि सबसे कम बार शून्य का अंक और सबसे अधिक बार 3 वे 9 अंक आए हैं।

Ex 14.2 Class 9 गणित प्रश्न 8.
तीस बच्चों से यह पूछा गया कि पिछले सप्ताह उन्होंने कितने घण्टों तक टी०वी० के प्रोग्राम देखे। प्राप्त परिणाम ये रहे हैं-
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.2 8
(i) वर्ग चौड़ाई 5 लेकर और एक वर्ग अन्तराल को 5 – 10 लेकर इन आँकड़ों की एक वर्गीकृत बारम्बारता बंटन सारणी बनाइए।
(ii) कितने बच्चों ने सप्ताह में 15 या अधिक घण्टों तक टेलीविजन देखा?
हल-
(i) न्यूनतम घण्टे = 1, अधिकतम घण्टे = 17
वर्ग 0 – 5, 5 – 10, 10 – 15 व 15 – 20 होंगे।
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.2 8.1
(ii) सारणी से स्पष्ट है कि 2 बच्चों ने 15 घण्टे से अधिक टी०वी० देखा।

Ex 14.2 Class 9 गणित प्रश्न 9.
एक कम्पनी एक विशेष प्रकार की कार-बैट्री बनाती है। इस प्रकार की 40 बैट्रियों के जीवन-काल (वर्षो में) ये रहे हैं-
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.2 9
0.5 माप के वर्ग अन्तराल लेकर तथा अन्तराल 2 – 2.5 से प्रारम्भ करके इन आँकड़ों की एक वर्गीकृत बारम्बारता बण्टन सारणी बनाइए।
हल-
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.2 9.1

प्रश्नावली 14.3

Ex 14.3 Class 9 गणित प्रश्न 1.
एक संगठन ने पूरे विश्व में 15 – 44 (वर्षों में) की आयु वाली महिलाओं में बीमारी और मृत्यु के कारणों का पता लगाने के लिए किए गए सर्वेक्षण से निम्नलिखित आँकड़े (% में) प्राप्त किए :
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.3 1
(i) ऊपर दी गई सूचनाओं को आलेखीय रूप में निरूपित कीजिए।
(ii) कौन-सी अवस्था पूरे विश्व की महिलाओं के खराब स्वास्थ्य और मृत्यु का बड़ा कारण है?
(iii) अपनी अध्यापिका की सहायता से ऐसे दो कारणों का पता लगाने का प्रयास कीजिए। जिनकी ऊपर (ii) में मुख्य भूमिका रही हो।
हल-
(i) दी गई सूचनाओं का आलेखीय निरूपण
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.3 1.1
बनाने की विधि :

  1. X-अक्ष व Y-अक्ष खींचिए।
  2. X-अक्ष पर उचित रिक्त स्थानों के बीच समान चौड़ाई रखते हुए महिलाओं में बीमारी और मृत्यु के कारण प्रदर्शित कीजिए।
  3. Y-अक्ष पर बीमारियों के प्रतिशत को उचित पैमाना लेकर अंकित कीजिए। चित्र में 1 सेमी = 2% पैमाने से बीमारियों का प्रतिशत (%) अंकित किया गया है।
  4. प्रत्येक कारण के सापेक्ष उसके प्रतिशत को एक ऐसे आयत द्वारा प्रदर्शित कीजिए जिसकी ऊँचाई बीमारी के प्रतिशत को और समान चौड़ाइयाँ बीमारी को व्यक्त करें।
  5. आयतों की ऊपरी चौड़ाइयों पर उनके द्वारा व्यक्त बीमारी के प्रतिशत लिख दीजिए।
    • जनन स्वास्थ्य अवस्था का प्रतिशत (31.8) सर्वाधिक है। अत: यह पूरे विश्व की महिलाओं के खराब स्वास्थ्य और मृत्यु को बड़ा कारण है।
    • (a) पुनरुत्पादी स्वास्थ्य अवस्था, (b) अपरिपक्व आयु में प्रजनन।

Ex 14.3 Class 9 गणित प्रश्न 2.
भारतीय समाज के विभिन्न क्षेत्रों में प्रति हजार लड़कों पर लड़कियों की (निकटतम दस तक की) संख्या के आँकड़े नीचे दिए गए हैं:
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.3 2
(i) ऊपर दी गई सूचनाओं को एक दण्ड आलेख द्वारा निरूपित कीजिए।
(ii) कक्षा में चर्चा करके, बताइए कि आप इस आलेख से कौन-कौन से निष्कर्ष निकाल सकते हैं।
हल-
(i) दण्ड चित्र (आलेख) बनाने की विधि :

  1. पहले X-अक्ष व Y-अक्ष खींचिए।
  2. X-अक्ष पर समान रिक्त स्थानों के बीच किसी समान चौड़ाई के भारतीय समाज के विभिन्न क्षेत्र प्रदर्शित कीजिए।
  3. Y-अक्ष पर प्रति हजार लड़कों के सापेक्ष लड़कियों की स्थिति प्रदर्शित करना है। इसके लिए उचित पैमाना लेकर Y-अक्ष पर मापन के (मानक) विभिन्न स्तर अंकित कर दीजिए। चित्र में 900 तक की संख्या को स्थिर ऊँचाई लिया गया है और अगले 100 के लिए 10 (की संख्या) को 1 सेमी से प्रदर्शित किया गया है।
  4. समान चौड़ाई के भिन्न क्षेत्रों के प्रत्येक 1000 पर लड़कियों की संख्या को आयतों द्वारा प्रदर्शित कीजिए। प्रति हजार पर लड़कियों की संख्या आयतों की ऊँचाइयों को व्यक्त करती है।
    NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.3 2.1
    प्रत्योक आयत की चौड़ाई के ऊपरी भाग पर सम्बन्धित लड़कियों की संख्या अंकित कीजिए और आयतों को उचित शेड या रंग भरकर सुस्पष्ट कीजिए।

(ii) आलेख के निष्कर्ष :

  1. अन्य ज़ातियों की अपेक्षा अनुसूचित जनजाति में (प्रति हजार लड़कों पर) लड़कियों की संख्या अधिक है।
  2. गैर-पिछड़े जिलों के सापेक्ष पिछड़े जिलों में (प्रति हजार लड़कों पर) लड़कियों की संख्या अधिक है।
  3. शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में (प्रति हजार लड़कों पर) लड़कियों की संख्या अधिक है।

Ex 14.3 Class 9 गणित प्रश्न 3.
एक राज्य के विधान सभा के चुनाव में विभिन्न राजनैतिक पार्टियों द्वारा जीती गई सीटों के परिणाम नीचे दिए गए हैं-
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.3 3
(i) मतदान के परिणामों को निरूपित करने वाला एक दण्ड आलेख खींचिए।
(ii) किस राजनैतिक पार्टी ने अधिकतम सीटें जीती हैं?
हल-
(i) बनाने की विधि :

  1. X-अक्ष व Y-अक्ष खींचिए।
  2. एक-दूसरे के बीच समान और उचित रिक्त स्थान छोड़कर समान चौड़ाई के आधारों द्वारा X-अक्ष पर राजनैतिक पार्टियों को प्रदर्शित कीजिए।
  3. Y-अक्ष पर राजनैतिक पार्टियों द्वारा जीती गई सीटें प्रदर्शित करना है। पैमाना : 1 सेमी = 10 सीटें लेकर सीटों के लिए मापन स्केल अंकित कीजिए।
  4. विभिन्न पार्टियों के लिए निर्धारित एवं प्रदर्शित आधारों पर उनमें से प्रत्येक के लिए जीती गई सीटों की संख्या के सापेक्ष ऊँचाई के आयत बनाइए और इन्हें रंगिए शेड दीजिए।
  5. आयतों की ऊपरी चौड़ाई पर जीती गई सीटों की संख्या अंकित कीजिए। दण्ड आलेख पूर्ण हो गया।
    NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.3 3.1

(ii) चूँकि जीती गई सीटों की संख्या आयतों की ऊँचाई के अनुक्रमानुपाती है और पार्टी A के लिए प्रदर्शित आयत की ऊँचाई सबसे अधिक है।
अतः पार्टी A ने सबसे अधिक अर्थात् 75 सीटें जीतीं हैं।

Ex 14.3 Class 9 गणित प्रश्न 4.
एक पौधे की 40 पत्तियों की लम्बाइयाँ एक मिलीमीटर तक शुद्ध मापी गई हैं और प्राप्त आँकड़ों को निम्नलिखित सारणी में निरूपित किया गया है-
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.3 4
(i) दिए हुए आँकड़ों को निरूपित करने वाला एक आयतचित्र खींचिए।
(ii) क्या इन्हीं आँकड़ों को निरूपित करने वाला कोई अन्य उपयुक्त आलेख है?
(iii) क्या यह सही निष्कर्ष है कि 153 मिलीमीटर लम्बाई वाली पत्तियों की संख्या सबसे अधिक है? क्यों?
हल-
(i) आयत चित्र बनाने की विधि :

  1. दिए गए आँकड़ों के वर्ग असतत, हैं। इन्हें सतत बनाइए।
    NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.3 4.1
  2. X.अक्ष व Y-अक्ष खींचिए।
  3. X-अक्ष पर (सतत) वर्ग प्रदर्शित कीजिए। दो क्रमागत वर्गों के बीच रिक्त स्थान न छोड़िए।
  4. Y-अक्ष पर उचित पैमाना लेकर (पत्तियों की लम्बाई) बारम्बारताओं के लिए मापन स्केल अंकित कीजिए। वर्गों पर पत्तियों की संख्या के अनुपात में ऊँचाई व्यक्त करने वाले आयत प्रदर्शित कीजिए। उचित पैमाने का प्रयोग कीजिए। आवश्यक गणना निम्नवत् कीजिए।
    NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.3 4.2
  5. आयतों के ऊपरी सिरों पर सम्बन्धित वर्गों की बारम्बारताएँ अंकित कीजिए।

(ii) हाँ, इन आँकड़ों को बारम्बारता बहुभुज द्वारा भी निरूपित किया जा सकता है।
(iii) वर्ग (144.5 – 153.5) मिमी के अन्तर्गत 153 मिमी आता है;
अत: इस वर्ग की बारम्बारता सबसे अधिक है परन्तु यह आवश्यक नहीं है कि 153 मिमी लम्बाई की पत्तियों की संख्या सबसे अधिक हो। क्योंकि यह अंधिकतम बारम्बारता 144.5 मिमी से 153.5 मिमी तक के पूरे वर्ग का प्रतिनिधित्व करती है न कि मात्र 153 मिमी का।
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.3 4.3

Ex 14.3 Class 9 गणित प्रश्न 5.
नीचे की सारणी में 400 निऑन लैम्पों के जीवन-काल दिए गए हैं-
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.3 5
(i) एक आयतचित्र की सहायता से दी हुई सूचनाओं को निरूपित कीजिए।
(ii) कितने लैम्पों के जीवन-काल 700 घण्टों से अधिक हैं?
हल-
(i) बनाने की विधि :

  1. X-अक्ष पर जीवन-काल वर्गों को प्रदर्शित कीजिए।
  2. Y-अक्ष पर लैम्पों की संख्या को प्रदर्शित कीजिए।
  3. वर्गों की चौड़ाई को आधार मानकर और लैम्पों की संख्या को ऊँचाई मानकर लिए गए पैमानों के सापेक्ष आयत बनाइए और आयतचित्र आलेख को पूरा कीजिए।
    NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.3 5.1

(ii) वर्ग (700 – 800), (800 – 900) व (900 – 1000), 700 से अधिक घण्टों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
700 घण्टों से अधिक जीवन-काल वाले लैम्पों की संख्या = सम्बन्धित वर्षों की बारम्बारताओं का योग
= 74 + 62 + 48 = 184 लैम्प

Ex 14.3 Class 9 गणित प्रश्न 6.
नीचे की दो सारणियों में प्राप्त किए गए अंकों के अनुसार दो सेक्शनों के विद्यार्थियों का बंटन दिया गया है-
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.3 6
दो बारम्बारता बहुभुजों की सहायता से एक ही आलेख पर दोनों सेक्शनों के विद्यार्थियों के प्राप्तांक निरूपित कीजिए। दोनों बहुभुजों का अध्ययन करके दोनों सेक्शनों के निष्पादनों की तुलना कीजिए।
हल-
बारम्बारता बहुभुज बनाने की विधि:

  1. X-अक्ष व Y-अक्ष खींचे।
  2. X-अक्ष पर दिए हुए अंक वर्ग प्रदर्शित किए।
  3. Y-अक्ष पर पैमानी : 1 सेन्टीमीटर = 2 विद्यार्थी के अनुरूप मापन स्केल अंकित किया।
  4. प्रथम वर्ग के ठीक पूर्व और अन्तिम वर्ग के ठीक पश्चात् एक-एक वर्ग की कल्पना की और इनके मध्य-बिन्दु A तथा G अंकित किए।
  5. दिए गए वर्गों के सापेक्ष उनके मध्य-बिन्दु क्रमशः ज्ञात किए।
  6. प्रत्येक वर्ग के मध्य बिन्दु को भुज और बारम्बारता को कोटि मान कर वर्ग के सापेक्ष एक-एक बिन्दु ज्ञात किया जैसा कि आगे दिखाया गया है।
    NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.3 6.1
    NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.3 6.2
  7. दोनों सेक्शनों A और B के लिए बिन्दुओं B, C, D, E, F व B’, C’, D’, E’, F’ का आलेख किया।
  8. इन्हें क्रम से मिलाकर सेक्शन A के लिए बारम्बारता बहुभुज आलेख A B C D E F G A खींचा और सेक्शन B के लिए बारम्बारता बहुभुज आलेख A B’ C’ D’ E’ F’ G A खींचा।

आलेखों के अध्ययन से निष्कर्ष :
दोनों आलेखों में सेक्शन A के उच्च स्तर के बिन्दु D, E, F सेक्शन B के समान स्तरीय बिन्दुओं D’, E’, F’ से अधिक ऊँचाई पर हैं।
अतः सेक्शन A का सेक्शन B के सापेक्ष परिणाम उन्नत है।

Ex 14.3 Class 9 गणित प्रश्न 7.
एक क्रिकेट मैच में दो टीमों A और B द्वारा प्रथम 60 गेंदों में बनाए गए रन नीचे दिए गए हैं-
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.3 7
बारम्बारता बहुभुजों की सहायता से एक ही आलेख पर दोनों टीमों के आँकड़े निरूपित कीजिए।
संकेतः पहले वर्ग अन्तरालों को संतत बनाइए।
हल-
बारम्बारता बहुभुज आलेख बनाने की विधि:

  1. X-अक्ष व Y-अक्ष खींचे।
  2. दिए हुए वर्ग असतत हैं। प्रत्येक वर्ग की निम्न सीमा में 0.5 घटाकर और उपरि सीमा में 0.5 जोड़कर इन्हें सतत बनाया।
    NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.3 7.1
  3. X-अक्ष पर वर्गों की सीमाओं को प्रदर्शित किया।
  4. Y-अक्ष पर टीमों द्वारा बनाए गए रनों को प्रदर्शित करना है। मापन स्केल अंकित किया।
  5. प्रथम वर्ग (0.5 – 6.5) के ठीक पूर्व एक कल्पित वर्ग लेकर उसका मध्य बिन्दु A ज्ञात किया।
  6. अन्तिम वर्ग (54.5 – 60.5) के ठीक पश्चात् एक कल्पित वर्ग लेकर उसका मध्य बिन्दु L ज्ञात किया।
  7. प्रत्येक वर्ग के मध्य-बिन्दु क्रमश: 3.5, 9.5, 15.5, 21.5, 27.5, 33.5, 39.5, 45.5, 51.5 व 57.5 ज्ञात किए।
  8. टीम Aव टीम B के लिए अलग-अलग प्रत्येक वर्ग के मध्य बिन्दु और उसकी बारम्बारता के सापेक्ष एक-एक बिन्दु ज्ञात किया जैसा कि सारणी में दिखाया गया है।
    NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.3 7.2
    NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.3 7.3
  9. टीम A के लिए बिन्दुओं B, C, D, E, F, G, H, I, J, K का आलेखन किया।
  10. इन्हें क्रम से मिलाकर टीम A के लिए बारम्बारता बहुभुज आलेख A B C D E F G H I J K L A प्राप्त किया।
  11. टीम B के लिए बिन्दुओं B’, C’, D’, E’, F’, G’, H’, I’, J’, K’ का आलेखन किया।
  12. इन्हें क्रम से मिलाकर टीम B के लिए बारम्बारता बहुभुज A B’ C’ D’ E’ F’ G’ H’ I’ J’ K’ L A प्राप्त किया।

Ex 14.3 Class 9 गणित प्रश्न 8.
एक पार्क में खेल रहे विभिन्न आयु वर्गों के बच्चों की संख्या का एक यादृच्छिक सर्वेक्षण (random survey) करने पर निम्नलिखित आँकड़े प्राप्त हुए-
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.3 8
उपर्युक्त आँकड़ों को निरूपित करने वाला एक आयतचित्र खींचिए।
हल-
बनाने की विधि :

  1. X-अक्ष तथा Y-अक्ष खींचा।
  2. X-अक्ष पर आयु-वर्ग (1 – 2), (2 – 3), (3 – 5), (5 – 7), (7 – 10), (10 – 15) तथा (15 – 17) प्रदर्शित किया।
  3. यहाँ वर्गों की न्यूनतम चौड़ाई 1 है।
  4. वर्गों की चौड़ाई के सापेक्ष आयतों की लम्बाई के लिए एक सारणी निम्नवत् बनाई।
    NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.3 8.1
  5. प्रत्येक वर्ग की चौड़ाई पर उसके लिए आगणित लम्बाई को आयत बनाकर अभीष्ट आयतचित्र प्राप्त किया।
    NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.3 8.2

Ex 14.3 Class 9 गणित प्रश्न 9.
एक स्थानीय टेलीफोन निर्देशिका से 100 कुलनाम (surname) यदृच्छया लिए गए और उनसे अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षरों की संख्या का निम्न बारम्बारता बंटन प्राप्त किया गया-
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.3 9
(i) दी हुई सूचनाओं को निरूपित करने वाला एक आयतचित्र खींचिए।
(ii) वह वर्ग अन्तराल बताइए जिसमें अधिकतम संख्या में कुलनाम हैं।
हल-
(i) बनाने की विधि :

  1. X-अक्ष तथा Y-अक्ष खींचे।
  2. X-अक्ष पर दिए हुए वर्ग (1 – 4), (4 – 6), (6 – 8), (8 – 12) व (12 – 20) प्रदर्शित किए।
  3. यहाँ वर्गों की चौड़ाई परिवर्ती है। न्यूनतम चौड़ाई वाला वर्ग 4 – 6 अथवा 6 – 8 है जिसकी चौड़ाई 2 है।
  4. वर्गों की दी गई बारम्बारता के सापेक्ष आयतों की लम्बाई के लिए सारणी निम्नवत् बनाई।
    NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.3 9.1
    NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.3 9.2
  5. प्रत्येक वर्ग चौड़ाई पर उसके आगणित लम्बाई के आयत बनाए। इस प्रकार अभीष्ट आयतचित्र प्राप्त हुआ।

(ii) सारणी से स्पष्ट है कि वर्ग अन्तराल (6 – 8) में अधिकतम कुलनाम हैं।
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.3 9.3

प्रश्नावली 14.4

Ex 14.4 Class 9 गणित प्रश्न 1.
एक टीम ने फुटबाल के 10 मैचों में निम्नलिखित गोल किए-
2, 3, 4, 5, 0, 1, 3, 3, 4, 3
इन गोलों के माध्य, माध्यिका और बहुलक ज्ञात कीजिए।
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.4 1
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.4 1.1

Ex 14.4 Class 9 गणित प्रश्न 2.
गणित की परीक्षा में 15 विद्यार्थियों ने (100 में से) निम्नलिखित अंक प्राप्त किए-
41, 39, 48, 52, 46, 62, 54, 40, 96, 52, 98, 40, 42, 52, 60
इन आँकड़ों के माध्य, माध्यिका और बहुलक ज्ञात कीजिए।
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.4 2
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.4 2.1
स्पष्ट है कि 52 की बारम्बारता सर्वाधिक है।
प्राप्तांकों का बहुलक = 52
अत: माध्य = 54.8; माध्यिका = 52 व बहुलक = 52

Ex 14.4 Class 9 गणित प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रेक्षणों को आरोही क्रम में व्यवस्थित किया गया है। यदि आँकड़ों का माध्यिका 63 हो, तो x का मान ज्ञात कीजिए-
29, 32, 48, 50, x, x + 2, 72, 78, 84, 95
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.4 3

Ex 14.4 Class 9 गणित प्रश्न 4.
आँकड़ों 14, 25, 14, 28, 18, 17, 18, 14, 23, 22, 14, 18 का बहुलक ज्ञात कीजिए।
हल-
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.4 4
यहाँ पद 14 की बारम्बारता सर्वाधिक है;
अत: बहुलक = 14

Ex 14.4 Class 9 गणित प्रश्न 5.
निम्नलिखित सारणी से एक फैक्ट्री में काम कर रहे 60 कर्मचारियों का माध्य वेतन ज्ञात कीजिए-
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.4 5
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.4 5.1

Ex 14.4 Class 9 गणित प्रश्न 6.
निम्न स्थिति पर आधारित एक उदाहरण दीजिए-
(i) माध्य ही केन्द्रीय प्रवृत्ति की उपयुक्त माप है।
(ii) माध्य केन्द्रीय प्रवृत्ति की उपयुक्त माप नहीं है, जबकि माध्यिका एक उपयुक्त माप है।
NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 14 Statistics (Hindi Medium) 14.4 6
परन्तु 166 वास्तविक यात्रियों के किसी भी प्रेक्षण का प्रतिनिधित्व नहीं करता क्योंकि अपूर्ण यात्रियों की सम्भाव्यता ही परिकल्पना से परे है। इस प्रकार माध्य केन्द्रीय प्रवृत्ति की वास्तविक एवं उपयुक्त माप, नहीं है।
अब यदि हम इनके माध्यिका पर विचार करें, तो
आरोही क्रम में आँकड़ों को व्यवस्थित करने पर,
10, 13, 16, 20, 24
n = 5 (विषम) माध्यिका = \(\frac { n + 1 }{ 2 }\) वें पद का मान = \(\frac { 5 + 1 }{ 2 }\) वें पद मान = 3
माध्यिका = 3 वें पद का मान = 16 यात्री
अतः माध्यिका केन्द्रीय प्रवृत्ति का उपयुक्त मात्रक है।

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NCERT Solutions for Class 9 English Beehive Poem 2 Wind

NCERT Solutions for Class 9 English

Wind NCERT Solutions for Class 9 English Beehive Poem 2

Wind NCERT Text Book Questions and Answers

Wind Thinking About the poem

I.
Question 1.
What are the things the wind does in the first stanza?
Answer:
In the first stanza, the wind breaks the shutters of the windows, scatters the papers and throws down the books off the shelf.

Question 2.
Have you seen anybody winnow grain at home or in a paddy field? What is the word in your language for winnowing? What do people use for winnowing? (Give the words in your language, if you know them.)
Answer:
Winnowing grain used to be one of the common scenes in villages where women used to assemble and separate chaff from grain. They used to sing and enjoy the activity. It has now been replaced by machines and the scene is now rare. I have seen the farmers winnowing grain in the paddy field. ‘Pachchorana’ is the word in my language used for winnowing. People use chhaaj for winnowing, i.e. separating chaff from grain with the help of the wind.

NCERT Solutions for Class 9 English Beehive Poem 2 Wind

Question 3.
What does the poet say the wind god winnows?
Answer:
The wind god winnows crumbling houses, crumbling doors, rafters, wood, weak bodies and crumbling hearts.

Question 4.
What should we do to make friends with the wind?
Answer:
The wind makes fun of the weak. It teases them only. If we want to make friends with the wind, we should make ourselves physically and mentally strong. We should make our houses stronger. Then the wind will become our friend.

Question 5.
What do the last four lines of the poem mean to you?
Answer:
In the last four lines, the poet inspires us to face the wind, which symbolises the hardships of our lives, courageously. He tells us that the wind can only extinguish the weak fires; it intensifies the stronger ones. Similarly, adversities deter the weak-hearted but make stronger those who have unfaltering will. In such a case, befriending the wind or the hardships of life makes it easier for us to face them.

NCERT Solutions for Class 9 English Beehive Poem 2 Wind

Question 6.
How does the poet speak to the wind — in anger or with humour? You must also have seen or heard of the wind “crumbling lives”. What is your response to this? Is it like the poet’s?
Answer:
The poet speaks to the wind in anger. He highlights the destructive nature of the wind. He is angry when he finds the wind crumbling lives. He is unhappy when he notices that the wind is friendly with the strong ones and teases the weaklings. Yes, I have seen the wind crumbling lives. When it turns into a storm, it can blow big trees, houses and everything else. My response is similar to that of the poet.

NCERT Solutions for Class 9 English Beehive Poem 2 Wind

II.

Question 1.
The poem you have just read is originally in the Tamil. Do you know any such poems in your language?
Answer:
Yes, I have read another poem on wind. It is titled ‘Toofan’ and was originally written in Hindi by Naresh Aggarwal.

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NCERT Solutions for Class 9 Social Science Economics Chapter 3 Poverty as a Challenge (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 9 Social Science Economics Chapter 3 Poverty as a Challenge (Hindi Medium)

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प्रश्न अभ्यास

पाठ्यपुस्तक से

प्रश्न 1. भारत में निर्धनता रेखा का आकलन कैसे किया जाता है?
उत्तरः निर्धनता को मापने के लिए आय या उपभोग स्तरों पर आधारित एक सामान्य पद्धति का प्रयोग किया जाता है।

भारत में निर्धनता रेखा का निर्धारण करते समय जीवन निर्वाह के लिए खाद्य आवश्यकता, कपड़ों, जूतों, ईंधन और प्रकाश, शैक्षिक एवं चिकित्सा संबंधी आवश्यकताओं आदि को मुख्य माना जाता है। इन भौतिक मात्राओं को रुपयों में उनकी कीमतों से गुणा कर दिया जाता है। निर्धनता रेखा का आकलन करते समय खाद्य आवश्यकता के लिए वर्तमान सूत्र वांछित कैलोरी आवश्यकताओं पर आधारित हैं। खाद्य वस्तुएँ जैसे अनाज, दालें, आदि मिलकर इस आवश्यक कैलोरी की पूर्ति करती है। भारत में स्वीकृत कैलोरी आवश्यकता ग्रामीण क्षेत्रों में 2400 कैलोरी प्रति व्यक्ति प्रतिदिन एवं नगरीय क्षेत्रों में 2100 कैलोरी प्रति व्यक्ति प्रतिदिन है। चूंकि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग अधिक शारीरिक कार्य करते हैं, अतः ग्रामीण क्षेत्रों में कैलोरी आवश्यकता शहरी क्षेत्रों की तुलना में अधिक मानी गई है। अनाज आदि रूप । में इन कैलोरी आवश्यकताओं को खरीदने के लिए प्रति व्यक्ति मौद्रिक व्यय को, कीमतों में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर संशोधित किया जाता है। इन परिकल्पनाओं के आधार पर वर्ष । 2000 में किसी व्यक्ति के लिए निर्धनता रेखा का निर्धारण ग्रामीण क्षेत्रों में 328 रुपये प्रतिमाह और । शहरी क्षेत्रों में 454 रुपये प्रतिमाह किया गया था।

प्रश्न 2. क्या आप समझते हैं कि निर्धनता आकलन का वर्तमान तरीका सही है?
उत्तरः वर्तमान निर्धनता अनुमान कार्य पद्धति पर्याप्त निर्वाह स्तर की अपेक्षा न्यूनतम निर्वाह स्तर को महत्व देती है। सिंचाई और हरित क्रांति के फैलाव ने कृषि के क्षेत्र में कई नौकरियों के अवसर दिये परंतु भारत में इसका प्रभाव कुछ ही भागों तक सीमित रहा। सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों के उद्योगों ने नौकरियों के अवसर दिये हैं। परंतु ये नौकरी लेने वालों की अपेक्षा काफी कम हैं। निर्धनता को विभिन्न संकेतकों के द्वारा जाना जा सकता है। जैसे-अनपढता का स्तर, कुपोषण के कारण सामान्य प्रतिरोधक क्षमता में कमी, स्वास्थ्य सेवाओं तक कम पहुँच, नौकरी के कम अवसर, पीने के पानी में कमी, सफाई व्यवस्था आदि। सामाजिक अपवर्जन और असुरक्षा के आधार पर निर्धनता का विश्लेषण अब सामान्य है।

प्रश्न 3. भारत में 1973 से निर्धनता की प्रवृत्तियों की चर्चा करें।
उत्तरः भारत में निर्धनता अनुपात में वर्ष 1973 में लगभग 55 प्रतिशत से वर्ष 1993 में 36 प्रतिशत तक महत्त्वपूर्ण गिरावट आई है। वर्ष 2000 में निर्धनता रेखा के नीचे के निर्धनों का अनुपात और भी गिर कर 26 प्रतिशत पर आ गया। यदि यही प्रवृत्ति रही तो अगले कुछ वर्षों में निर्धनता रेखा से नीचे के लोगों की संख्या 20 प्रतिशत से भी नीचे आ जाएगी। यद्यपि निर्धनता रेखा से नीचे रहने वाले लोगों का प्रतिशत पूर्व के दो दशकों 1973-93 में गिरा है, निर्धन लोगों की संख्या 32 करोड़ के लंगभग काफी समय तक स्थिर रही। नवीनतम अनुमान; निर्धनों की संख्या में लगभग 26 करोड़ की कमी उल्लेखनीय गिरावट का संकेत देते हैं।

प्रश्न 4. भारत में निर्धनता में अंतर-राज्य असमानताओं का एक विवरण प्रस्तुत करें।
उत्तरः भारत में निर्धनता के कारण अग्रलिखित हैं:

(क) औपनिवेशिक सरकार की नीतियों ने पारंपरिक हस्त-शिल्पकारी को नष्ट कर दिया और वस्त्र जैसे उद्योगों के विकास को हतोत्साहित किया।            विकास की धीमी दर 1980 के दशक तक जारी रही। इसके परिणामस्वरूप रोजगार के अवसर घटे और आय की वृद्धि दर गिरी।
(ख) भारतीय सरकार दो बातों में असफल रही आर्थिक संवृद्धि को प्रोत्साहन और जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण जो निर्धनता चक्र को स्थिर कर सकते        हैं।
(ग) सिंचाई और हरित क्रांति के प्रसार से कृषि क्षेत्र में रोजगार के अनेक अवसर सृजित हुए। लेकि इनका प्रभाव भारत के कुछ भागों तक ही सीमित        रहा। सार्वजनिक और निजी, दोनों क्षेत्रों ने कुछ रोजगार उपलब्ध कराए। लेकिन ये रोजगार तलाश करने वाले सभी लोगों के लिए पर्याप्त नहीं हो सके। शहरों में उपयुक्त नौकरी पाने में असफल अनेक लोग रिक्शा चालक, विक्रेता, गृह निर्माण श्रमिक, घरेलू नौकर आदि के रूप में कार्य करने लगे। अनियमित और कम आय के कारण ये लोग महँगे मकानों में नहीं रह सकते थे। वे शहरों से बाहर झुग्गियों में रहने लगे। विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक तत्व जैसे-जाति, लिंग भेद और सामाजिक अपवर्जन जो मानव निर्धनता को बढाते हैं।
(घ) छोटे किसानों को बीज, उर्वरक, कीटनाशकों जैसे कृषि आगतों की खरीदारी के लिए धनराशि की जरूरत होती है। चूंकि निर्धन कठिनाई से ही          कोई बचत कर पाते हैं, वे इनके लिए कर्ज लेते | हैं। निर्धनता के चलते पुनः भुगतान करने में असमर्थता के कारण वे ऋणग्रस्त हो जाते हैं। अतः अत्यधिक ऋणग्रस्तता निर्धनता का कारण और परिणाम दोनों हैं।
(ङ) आय असमानता भारत में निर्धनता का मुख्य कारण हैं। इसका मुख्य कारण भूमि और अन्य संसाधनों का असमान वितरण हैं।

प्रश्न 5. उन सामाजिक और आर्थिक समूहों की पहचान करें जो भारत में निर्धनता के समक्ष निरुपाय हैं।
उत्तरः जो सामाजिक समूह निर्धनता के प्रति सर्वाधिक असुरक्षित हैं, वे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के परिवार हैं। इस प्रकार, आर्थिक समूहों में सर्वाधिक असुरक्षित समूह, ग्रामीण कृषक श्रमिक परिवार और नगरीय अनियत मजदूर परिवार हैं। इसके अतिरिक्त महिलाओं, वृद्ध लोगों और बच्चियों को अति निर्धन माना जाता है क्योंकि उन्हें सुव्यवस्थित ढंग से परिवार के उपलब्ध संसाधनों तक पहुँच से वंचित रखा जाता है।

प्रश्न 6. भारत में अंर्तराज्यीय निर्धनता में विभिन्नता के कारण बताइए।
उत्तरः प्रत्येक राज्य में निर्धन लोगों का अनुपात एक समान नहीं है। यद्यपि 1970 के दशक के प्रारंभ से राज्य स्तरीय निर्धनता में सुदीर्घकालिक कमी हुई है, निर्धनता कम करने में सफलता की दर विभिन्न राज्यों में अलग-अलग है। 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में निधर्नता अनपात राष्ट्रीय औसत से कम है। दूसरी ओर, निर्धनता अब भी उड़ीसा, बिहार, असम, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में एक गंभीर समस्या है। उड़ीसा और बिहार क्रमशः 47 और 43 प्रतिशत निर्धनता औसत के साथ दो सर्वाधिक निर्धन राज्य बने हुए हैं। इन राज्यों में ग्रामीण और शहरी दोनों प्रकार की निर्धनता का औसत अधिक है। उड़ीसा, मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश में ग्रामीण निर्धनता के साथ नगरीय निर्धनता भी अधिक है। इसकी तुलना में केरल, जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात और पश्चिम बंगाल में निर्धनता में उल्लेखनीय गिरावट आई है। अनाज का सार्वजनिक वितरण, मानव संसाधन विकास पर अधिक ध्यान, अधिक कृषि विकास, भूमि सुधार उपायों से इन राज्यों में निर्धनता कम करने में सहायता मिली है।

प्रश्न 7. वैश्विक निर्धनता की प्रवृत्तियों की चर्चा करें।
उत्तरः विकासशील देशों में अत्यंत आर्थिक निर्धनता में रहने वाले लोगों; विश्व बैंक की परिभाषा के अनुसार प्रतिदिन 1 डॉलर से कम पर जीवन निर्वाह करना; का अनुपात 1990 के 28 प्रतिशत से गिर कर 2001 में 21 प्रतिशत हो गया है। यद्यपि 1980 से वैश्विक निर्धनता में उल्लेखनीय गिरावट आई है, लेकिन इसमें वृहत क्षेत्रीय भिन्नताएँ पाई जाती हैं। तीव्र आर्थिक प्रगति और मानव संसाधन विकास में वृहत निवेश के कारण चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों में निर्धनता में विशेष कमी आई है। चीन में निर्धनों की संख्या 1981 के 60.6 करोड़ से घट कर 2001 में 21.2 करोड़ हो गई है। दक्षिण एशिया के देशों (भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, बांग्ला देश, भूटान) में निर्धनों की संख्या में गिरावट इतनी तीव्र नहीं है। जबकि लैटिन अमेरिका में निर्धनता का अनुपात पहले जैसा ही है, सब-सहारा अफ्रीका में निर्धनता वास्तव में 1981 के 41 प्रतिशत से बढ़कर 2001 में 46 प्रतिशत हो गई है। विश्व विकास रिपोर्ट के अनुसार नाइजीरिया, बांग्ला देश और भारत में अब भी बहुत सारे लोग प्रतिदिन 1 डॉलर से कम पर जीवन निर्वाह कर रहे है। रूस जैसे पूर्व समाजवादी देशों में भी निर्धनता पुनः व्याप्त हो गई, जहाँ पहले आधिकारिक रूप से कोई निर्धनता थी।

प्रश्न 8. निर्धनता उन्मूलन की वर्तमान सरकारी रणनीति की चर्चा करें।
उत्तरः सरकार की वर्तमान निर्धनता-निरोधी रणनीति मोटे तौर पर दो कारकों पर आधारित है।

(क) आर्थिक संवृद्धि को प्रोत्साहनः विकास की उच्च दर ने निर्धनता को कम करने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 1980 के दशक से भारत            की आर्थिक संवृद्धिदर विश्व में सबसे अधिक रही। संवृद्धि दर 1970 के दशक के करीब 3.5 प्रतिशत के औसत से बढ़कर 1980 और 1990 के दशक । में 6 प्रतिशत के करीब पहुँच गई । इसलिए यह स्पष्ट होता जा रहा है कि आर्थिक संवृद्धि और निर्धनता उन्मूलन के बीच एक घनिष्ठ संबंध है। आर्थिक संवृद्धि अवसरों को व्यापक बना देती है और मानव विकास में निवेश के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराती है।

(ख) लक्षित निर्धनता-निरोधी कार्यक्रमः सरकार ने निर्धनता को समाप्त करने के लिए कई निर्धनता–निरोधी कार्यक्रम चलाए। जैसे राष्ट्रीय ग्रामीण              रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 (एन.आर. ई.जी.ए.), प्रधानमंत्री रोजगार योजना (पी.एम.आर.वाई.), ग्रामीण रोजगार सृजन, स्वर्ण जयंती                   ग्राम स्वरोजगार योजना (एस.जी.एस.वाई.), प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना (पी.एम.जी.वाई.), अंत्योदय अन्न । योजना (ए.ए.वाई.), राष्ट्रीय काम के             बदले अनाज।

प्रश्न 9. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षेप में उत्तर दें :

(क) मानव निर्धनता से आप क्या समझते हैं?
(ख) निर्धनों में भी सबसे निर्धन कौन हैं?
(ग) राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

उत्तरः

(क) ‘मानव निर्धनता की अवधारणा केवल आय की कमी तक सीमित नहीं है। इसका अर्थ है किसी व्यक्ति को राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक         अवसरों का ‘उचित स्तर न मिलना। अनपढ़ता, रोजगार के अवसर में कमी, स्वास्थ्य सेवा की सुविधाओं और सफाई व्यवस्था में कृमी, जाति, लिंग भेद आदि मानव निर्धनता के कारक हैं।
(ख) महिलाओं, वृद्ध लोगों और बच्चों को अति निर्धन माना जाता है क्योंकि उन्हें सुव्यवस्थित ढंग से परिवार के उपलब्ध संसाधनों तक पहुँच से                 वंचित रखा जाता है।
(ग) राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 (एन.आर.ई.जी.ए.) की विशेषताएँ अग्रलिखित हैं:

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 (एन.आर.ई.जी.ए.) को सितंबर 2005 में पारित किया गया।
प्रत्येक ग्रामीण परिवार को 100 दिन के सुनिश्चित रोजगार का प्रावधान करता है।
प्रारंभ में यह विधेयक प्रत्येक वर्ष देश के 200 जिलों में और बाद में इस योजना का विस्तार 600 जिलों में किया गया।
प्रस्तावित रोजगारों का एक तिहाई रोजगार महिलाओं के लिए आरक्षित है।
केंद्र सरकार राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कोष भी स्थापित करेगी। इसी तरह राज्य सरकारें भी योजना के कार्यान्वयन के लिए राज्य रोजगार गारंटी कोष की स्थापना करेंगी। कार्यक्रम के अंतर्गत अगर आवेदक को 15 दिन के अंदर रोजगार उपलब्ध नहीं कराया गया तो वह दैनिक बेरोजगार भत्ते का हकदार होगा।

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NCERT Solutions for Class 9 Science Chapter 6 Tissues (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 9 Science Chapter 6 Tissues (Hindi Medium)

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पाठगत हल प्रश्न (NCERT IN-TEXT QUESTIONS SOLVED)

NCERT पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 77)

प्र० 1. ऊतक क्या है?
उत्तर- ऊतक कोशिकाओं का समूह होता है, जिसमें कोशिकाओं की संरचना, उत्पत्ति तथा कार्य एकसमान होते हैं।

प्र० 2. बहुकोशिक जीवों में ऊतकों का क्या उपयोग है?
उत्तर- बहुकोशिक जीवों में ऊतक संरचनात्मक शक्ति तथा यांत्रिक शक्ति प्रदान करते हैं, श्रम विभाजन करते हैं तथा अधिकतम दक्षता के साथ कार्य कर सकने के लिए एक विशिष्ट क्रम में व्यवस्थित होते हैं।

NCERT पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 81)

प्र० 1. प्रकाश संश्लेषण के लिए किस गैस की आवश्यकता होती है?
उत्तर- कार्बन डाइऑक्साइड गैस (CO2) की आवश्यकता होती है।

प्र० 2. पौधों में वाष्पोत्सर्जन के कार्यों का उल्लेख करें।
उत्तर- पत्ती की एपीडर्मिस में छोटे-छोटे छिद्र होते हैं, जिन्हें स्टोमेंटा कहते हैं। स्टोमेंटा को दो वृक्क के आकार की कोशिकाएँ घेरे रहती हैं, जिन्हें रक्षी कोशिकाएँ कहते हैं। ये कोशिकाएँ वायुमंडल से गैसों के आदान-प्रदान के लिए आवश्यक होती हैं। वाष्पोत्सर्जन (वाष्प के रूप में पानी निकलना) की क्रिया भी स्टोमेंटा के द्वारा होती है।
वाष्पोत्सर्जन की उपयोगिता :

  1. यह पौधों के आस-पास का तापमान बढ़ने नहीं देता है।
  2. इसी खिंचाव के कारण पौधों में जल एवं खाद्य लवणों का संवहन हो पाता है।
  3. पौधों से अतिरिक्त जल का निष्कासन होता है।

NCERT पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 83)

प्र० 1. सरल ऊतकों के कितने प्रकार हैं?
उत्तर- सरल स्थायी ऊतक तीन प्रकार के होते हैं:
(a) पैरेन्काइमा ऊतक
(b) कॉलेन्काइमा ऊतक
(c) स्क्लेरेन्काइमा ऊतक

प्र० 2. प्ररोह का शीर्षस्थ विभज्योतक कहाँ पाया जाता है?
उत्तर- प्ररोह का शीर्षस्थ विभज्योतक जड़ों एवं तनों की वृद्धि वाले भाग में विद्यमान रहता है तथा वह इनकी लंबाई में वृद्धि करता है।

प्र० 3. नारियल का रेशा किस ऊतक का बना होता है?
उत्तर- स्क्ले रेन्काइमा ऊतक (Sclerenchyma Tissue) से।

प्र० 4. फ्लोएम के संघटक कौन-कौन से हैं?
उत्तर- फ्लोएम पाँच प्रकार के संघटकों-चालनी कोशिका, चालनी नलिका (Sieve tube), साथी कोशिकाएँ (Companion cells), फ्लोएम पैरेन्काइमा तथा फ्लोएम रेशों (Phloem fibres) से मिलकर बना होता है।

NCERT पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 87)

प्र० 1. उस ऊतक का नाम बताएँ जो हमारे शरीर में गति के लिए उत्तरदायी है।
उत्तर- पेशीय ऊतक (Muscular Tissue)

प्र० 2. न्यूरॉन देखने में कैसा लगता है?
उत्तर- न्यूरॉन छोटे पौधों के जैसा दिखाई देता है, जिससे लंबे पतले बालों जैसी शाखाएँ निकली होती हैं। तंत्रिका ऊतक की कोशिकाओं को तंत्रिका कोशिका या न्यूरॉन कहते हैं।
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इसमें केंद्रक तथा कोशिकाद्रव्य (साइटोप्लाज्म) होते हैं। प्रत्येक न्यूरॉन में एक लंबा प्रवर्ध होता है, जिसे एक्सॉन कहते हैं। इसमें बहुत सारी छोटी शाखाओं वाले प्रवर्ध (डेंड्राइट्स) होते हैं। एक तंत्रिका कोशिका 1 मीटर तक लंबी हो सकती है।

प्र० 3. हृदय पेशी के तीन लक्षणों को बताएँ।
उत्तर- हृदय पेशी के तीन लक्षण हैं-
(i) हृदय की पेशी कोशिकाएँ बेलनाकार, शाखाओं वाली और एक केंद्रकीय होती हैं।
(ii) यह अनैच्छिक पेशियाँ होती हैं क्योंकि इनकी गति को संचालित नहीं किया जा सकता।
(iii) हृदय की पेशियाँ जीवनभर लयबद्ध होकर प्रसार एवं संकुचन करती रहती हैं।

प्र० 4. एरिओलर ऊतक के क्या कार्य हैं?
उत्तर- एरिओलर ऊतक के कार्य
(i) यह अंगों के भीतर की खाली जगह को भरता है।
(ii) आंतरिक अंगों को सहारा प्रदान करता है।
(iii) ऊतकों की मरम्मत में सहायता करता है।

पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न [NCERT TEXTBOOK QUESTIONS SOLVED]

प्र० 1. ऊतक को परिभाषित करें।
उत्तर- ऊतक कोशिकाओं का समूह होता है, जो एक तरह का कार्य करने में दक्ष होता है तथा जिसकी संरचना एक समान होती है।

प्र० 2. कितने प्रकार के तत्व मिलकर जाइलम ऊतक का निर्माण करते हैं? उनके नाम बताएँ।
उत्तर- जाइलम ऊतक चार प्रकार के तत्व (कोशिकाओं) से मिलकर बने होते हैं
(i) वाहिनिका (जाइलम टैकीड्)
(ii) वाहिका (Vessels)
(iii) जाइलम पैरेन्काइमा और
(iv) जाइलम फ़ाइबर (रेशे) (Xylem fibres)

प्र० 3. पौधों में सरल ऊतक जटिल ऊतक से किस प्रकार भिन्न होते हैं?
उत्तर-
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प्र० 4. कोशिका भित्ति के आधार पर पैरेन्काइमा, कॉलेन्काइमा और स्क्लेरेन्काइमा के बीच भेद स्पष्ट करें।
उत्तर-
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प्र० 5. रंध्र (Stomata) के क्या कार्य हैं?
उत्तर- रंध्र के मुख्य कार्य हैं
(i) वायुमंडल से गैसों का आदान-प्रदान रंध्रों द्वारा होता है; जैसे-प्रकाश संश्लेषण में CO2 तथा श्वसन क्रिया में O2 लेना।
(ii) वाष्पोत्सर्जन क्रिया (वाष्प के रूप में पानी का निकलना) में सहायता करना।

प्र० 6. तीनों प्रकार के पेशीय रेशों में चित्र बनाकर अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर-
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प्र० 7. कार्डियक (हृदयक) पेशी का विशेष कार्य क्या है?
उत्तर- कार्डियक पेशी के विशेष कार्य
(i) हृदय की पेशियाँ जीवनभर लयबद्ध होकर प्रसार एवं संकुचन करती रहती हैं।
(ii) लयबद्ध प्रसार और संकुचन हृदय की पम्पिंग क्रिया में सहायता करता है तथा रक्त संपूर्ण शरीर में गति करता है।

प्र० 8. रेखित, अरेखित तथा कार्डियक (हृदयक) पेशियों में शरीर में स्थित कार्य और स्थान के आधार पर अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर-
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प्र० 9. न्यूरॉन का एक चिह्नित चित्र बनाएँ।
उत्तर-
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प्र० 10. निम्नलिखित के नाम लिखें
(a) ऊतक जो मुँह के भीतर अस्तर का निर्माण करता है।
(b) ऊतक जो मनुष्य की पेशियों को अस्थि से जोड़ता है।
(c) ऊतक जो पौधों में भोजन को संवहन करता है।
(d) ऊतक जो हमारे शरीर में वसा का संचय करता है।
(e) तरल आधात्री सहित संयोजन ऊतक।
(f) मस्तिष्क में स्थित ऊतक।
उत्तर-
(a) शल्की एपिथीलियम (Squamous Epithelium)
(b) कंडरा (Tendon)
(c) फ्लोएम (Phloem)
(d) वसामय ऊतक (Adipose Tissue)
(e) रक्त (Blood)
(f) न्यूरॉन (Neuron)

प्र० 11. निम्नलिखित में ऊतक के प्रकार की पहचान करें-
त्वचा, पौधे का वल्क, अस्थि, वृक्कीय नलिका अस्तर, संवहन, बंडल।
उत्तर-
त्वचा – शल्की एपिथीलियम ऊतक
पौधे का वल्क – विभज्योतक रक्षी ऊतक
अस्थि – संयोजी ऊतक
वृक्कीय नलिका अस्तर – घनाकार एपिथीलियम ऊतक
संवहन बंडल – स्थायी ऊतक (जाइलम और फ्लोएम)

प्र० 12. पैरेन्काइमा ऊतक किस क्षेत्र में स्थित होते हैं?
उत्तर- पैरेन्काइमा ऊतक पत्तियों में पाए जाते हैं। इस स्थिति में इसे क्लोरेन्काइमा (हरित ऊतक) कहा जाता है। जलीय पौधों में बड़ी गुहिकाएँ (Cavities) होती हैं। जो पौधों को तैरने के लिए उत्प्लावन बल प्रदान करती हैं। इस पैरेन्काइमा को ऐरेन्काइमा कहते हैं। अतः ये पत्तियों, तने तथा जड़ों में पाए जाते हैं।

प्र० 13. पौधों में एपिडर्मिस की क्या भूमिका है?
उत्तर- एपिडर्मिस की निम्नलिखित मुख्य भूमिकाएँ हैं
(i) पौधों की पूरी सतह एपिडर्मिस से ढकी रहती हैं। यह पौधों के सभी भागों की रक्षा करती है।

(ii) एपिडर्मल कोशिका पौधों की बाह्य सतह पर प्रायः एक मोम जैसी जल प्रतिरोधी परत बनाती है। यह जल हानि के विरुद्ध यांत्रिक आघात तथा परजीवी कवक के प्रवेश से पौधों की रक्षा करती है।

(iii) पत्ती के एपिडर्मिस में छोटे-छोटे छिद्र होते हैं, जिन्हें स्टोमेटा (Stomata) कहते हैं। गैसों का आदान-प्रदान तथा वाष्पोत्सर्जन क्रिया इसके द्वारा होती है।

(iv) मरुस्थलीय पौधों की बाहरी सतह वाले एपिडर्मिस में क्यूटिन (एक जल अवरोधक रासायनिक पदार्थ) होता है जो जल के अत्यधिक वाष्पीकरण (वाष्पण) को रोकता है।

(v) जड़ों की एपीडर्मल कोशिकाएँ पानी को सोखने का कार्य करती हैं।

प्र० 14. छाल (कॉर्क) किस प्रकार सुरक्षा ऊतक के रूप में कार्य करता है?
उत्तर- जब वृक्ष की आयु बढ़ती है तो तने के एपिडर्मिस के स्थान पर विभज्योतक की पट्टी बन जाती है। यह एक मोटा सुरक्षात्मक ऊतक है। बाहरी सतह की कोशिकाएँ इस सतह से अलग हो जाती हैं। यह पौधों पर अनेक परतों वाली मोटी छाल (कॉर्क) का निर्माण करती है। इन छालों की कोशिकाएँ मृत होती हैं, ये बिना अंत:कोशिकीय स्थानों (Intercellular spaces) के व्यवस्थित होती हैं। इनकी भित्ति पर सुबेरिन (suberin) नामक रसायन होता है जो इन छालों को हवा एवं पानी के लिए अभेद्य (Impervious) बनाता हैं।

प्र० 15. निम्न तालिका को पूर्ण करें-
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उत्तर-
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