Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 14 शकुनि का प्रवेश

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Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 14 शकुनि का प्रवेश

Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers in Hindi Chapter 14

प्रश्न 1.
युद्ध की आशंको को मिटा देने के लिए युधिष्ठिर ने क्या शपथ ली ?
उत्तर:
युद्ध की आशंका को मिटा देने के लिए युधिष्ठिर ने शपथ ली कि आज से तेरह बरस तक मैं अपने भाइयों या किसी और बंधु को बुरा-भला नहीं कहूँगा। सदा अपने भाई- बंधुओं की इच्छा पर ही चलूँगा। मैं ऐसा कुछ नहीं करूँगा, जिससे आपस में मन-मुटाव होने का डर हो।

प्रश्न 2.
दुर्योधन के मन को क्या चिंता खाए जा रही थी ?
उत्तर:
दुर्योधन के मन को पांडवों की बढ़ती लोकप्रियता बहुत परेशान कर रही थी। कितने ही देशों के राजा राजसूय यज्ञ के बाद पांडवों के परम मित्र बन चुके थे। यह स्मरण आते ही दुर्योधन ईर्ष्या से बेचैन हो रहा था।

प्रश्न 3.
दुर्योधन को चिंतित देख शकुनि ने उसे क्या सलाह दी ?
उत्तर:
शकुनि ने दुर्योधन से कहा कि पांडव तुम्हारे भाई हैं। तुम्हें उनसे कोई चिंता नहीं है। पांडवों को शक्ति से नहीं बल्कि चतुराई से जीता जा सकता है। तुम युधिष्ठिर को चौसर खेलने के लिए बुलवाओ। तुम्हारी ओर से मैं खेलूँगा। इस प्रकार उनका राज्य बिना युद्ध किए ही तुम्हारा हो जाएगा।

प्रश्न 4.
दुर्योधन और शकुनि धृतराष्ट्र के पास क्यों गए ?
उत्तर:
दुर्योधन और शकुनि धृतराष्ट्र के पास इसलिए गए ताकि युधिष्ठिर के पास चौसर खेलने के लिए निमंत्रण भेजा जा सके। निमंत्रण राजा की ओर से ही जा सकता था। धृतराष्ट्र आसानी से मानने वाले नहीं थे। अतः दोनों ने जाकर धृतराष्ट्र को समझाया।

Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 14 शकुनि का प्रवेश

प्रश्न 5.
धृतराष्ट्र के यह कहने पर कि जुए का खेल वैर-विरोध की जड़ होता है। दुर्योधन ने क्या तर्क दिया ?
उत्तर:
दुर्योधन ने तर्क देते हुए कहा कि चौसर का खेल कोई हमने तो शुरू नहीं किया है। यह तो हमारे पूर्वजों का चलाया हुआ है। दुर्योधन के इस प्रकार के तर्क देने पर धृतराष्ट्र ने घुटने टेक दिए और चौसर खेलने के लिए सभा मंडप बनाने की आज्ञा दे दी।

प्रश्न 6.
विदुर ने धृतराष्ट्र को क्या सलाह दी ?
उत्तर:
विदुर ने धृतराष्ट्र से कहा कि राजन् सारे वंश का इससे नाश हो जाएगा इसके कारण हमारे कुल के लोगों में मनमुटाव और झगड़े-फसाद होंगे। इसकी भारी विपदा हम.पर आएगी।

प्रश्न 7.
धृतराष्ट्र की सबसे बड़ी कमजोरी क्या थी ?
उत्तर:
अपने बेटे पर असीम स्नेह धृतराष्ट्र की सबसे बड़ी कमजोरी थी जिसके कारण धृतराष्ट्र को घुटने टेकने पड़े।

Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 14 शकुनि का प्रवेश

Bal Mahabharat Katha Class 7 Summary in Hindi Chapter 14

राजसूर्य यज्ञ के बाद एक दिन युधिष्ठिर ने शपथ ली कि वे तेरह वर्ष तक अपने भाई बंधुओं को कोई भी ऐसी बात नहीं कहेंगे जिससे उनको बुरा लगे और किसी प्रकार का मन मुटाव पैदा हो। युधिष्ठिर के भाइयों को भी उनकी यह बात ठीक लगी। परन्तु दूसरी ओर दुर्योधन पांडवों की बढ़ती लोकप्रियता के कारण ईर्ष्या की अग्नि में जल रहा था। एक दिन वह इसी प्रकार खड़ा सोच रहा था कि पांडवों का क्या किया जाए तभी उनके पीछे शकुनि भी आकर खड़े हो गए। दुर्योधन से उन्होंने उसकी चिंता का कारण पूछा। दुर्योधन के बताने पर शकुनि ने समझाते हुए कहा कि पांडव तुम्हारे भाई हैं तुमको उनसे किसी प्रकार का खतरा भी नहीं है। तुम्हारे साथ द्रोणाचार्य, अश्वत्थामा, भीष्म, जयद्रथ और सोमदत्त जैसे वीर हैं।

शकुनि की बात सुनकर दुर्योधन ने कहा तो फिर हमें इन्द्रप्रस्थ पर चढ़ाई कर देनी चाहिए। शकुनि ने कहा कि ऐसा करना उचित नहीं है। तुम्हें चतुराई से काम लेना चाहिए। मैं तुम्हें एक ऐसा उपाय बताता हूँ जिससे बिना युद्ध के ही तुम उनके राज्य को छीन सकते हो। युधिष्ठिर चौसर खेलने का बहुत शौकीन है, परन्तु उसे चौसर खेलना नहीं आता। तुम युधिष्ठिर को चौसर खेलने का निमंत्रण भेजो। इसके बाद दुर्योधन और शकुनि धृतराष्ट्र के पास गए और कहा कि पांडवों को चौसर खेलने के लिए बुलाया जाए। धृतराष्ट्र चौसर खेल की बुराइयों को जानते थे। उन्होंने बहुत मना किया परन्तु पुत्र स्नेह के कारण उन्हें अपने निर्णय से हटना पड़ा। विदुर ने भी धृतराष्ट्र को समझाते हुए कहा कि राजन! सारे वंश का इससे नाश हो जाएगा। लोगों में आपसी मनमुटाव व झगड़े फसाद बढ़ेंगे। बेटे पर असीम स्नेह धृतराष्ट्र की कमजोरी थी जिसके कारण उन्होंने दुर्योधन की बात मानते हुए विदुर को युधिष्ठिर को बुलाने के लिए इन्द्रप्रस्थ भेज दिया।

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