NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 4 कैमरे में बंद अपाहिज

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 कैमरे में बंद अपाहिज NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 4

 कैमरे में बंद अपाहिज Questions and Answers Class 12 Hindi Aroh Chapter 4

कविता के साथ

Class 12 Hindi Chapter 4 Question Answer NCERT Solutions प्रश्न 1.
कविता में कुछ पंक्तियाँ कोष्ठकों में रखी गई हैं-आपकी समझ से इसका क्या औचित्य है?
उत्तर :
अपनी बात को सार्थकता, स्पष्टता और विशिष्टता प्रदान करने, प्रयोगवादी शिल्प को व्यक्त करने तथा भावों को सामर्थ्य देने के लिए कवि ने कविता में कुछ पंक्तियाँ कोष्ठकों में रखी हैं।

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 4 कैमरे में बंद अपाहिज

Kamre Mein Band Apahij Question Answer Class 12 प्रश्न 2.
‘कैमरे में बंद अपाहिज’ करुणा के मुखौटे में छिपी क्रूरता की कविता है-विचार कीजिए। (Delhi C.B.S.E. 2009, A.I.C.B.S.E. 2011, Set-I, 2012, Set-I, Delhi C.B.S.E. 2016, Outside Delhi 2017, Set-III)
अथवा
कैमरे में बंद अपाहिज कुछ लोगों की संवेदनहीनता प्रकट करती है। कैसे? कुछ लागा का सबदनहानता प्रकट करती है। कैसे? (C.B.S.E. 2014 Set-I, II, III)
उत्तर :
‘कैमरे में बंद अपाहिज’ कविता में कवि ने अपंग व्यक्ति के प्रति करुणा-भाव प्रकट किए हैं लेकिन टेलीविज़न कैमरा अपने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए तथा अपने कारोबार के कारण उस अपाहिज के प्रति संवेदनहीन रवैये को अपनाता है। कैमरे वाले दर्शकों को दिखाते हुए अपाहिज की संवेदनाओं को नहीं देखते। दूरदर्शन शारीरिक चुनौती झेलते लोगों के प्रति संवेदनशीलता की अपेक्षा संवेदनहीनता का रवैया अपनाता है जिस कारण अपाहिज लोगों के हृदय में क्रूर भाव पनप जाते हैं।

Kamre Me Band Apahij Kavita Question Answer Class 12 प्रश्न 3.
‘हम समर्थ शक्तिवान’ और ‘हम एक दुर्बल को लाएंगे’ पंक्ति के माध्यम से कवि ने क्या व्यंग्य किया है?
अथवा
‘कैमरे में बंद अपाहिज’ कविता में शारीरिक चुनौती झेलते अन्यथा सक्षम लोगों के प्रति काम के रवैये पर टिप्पणी कीजिए। (A.I. C.B.S.E. 2012, Set-I, C.B.S.E Delhi 2017, Set-I)
उत्तर :
‘इस पंक्ति के माध्यम से कवि ने टेलीविज़न कैमरा तथा दूरदर्शनवालों पर व्यंग्य किया है जो अपने-आपको हर तरह से समर्थ मानकर किसी अपाहिज व्यक्ति की संवेदनाओं से खिलवाड़ करते हैं। ये शारीरिक चुनौती झेलते लोगों की दुर्बलता का बार-बार अहसास कराकर उन्हें कंठित करते हैं जो अपनी प्रसिद्धि के लिए दसरों की भावनाओं को ठेस पहँचाते हैं।

Kamre Mein Band Apahij Class 12 NCERT Solutions प्रश्न 4.
यदि शारीरिक रूप से चनौती का सामना कर रहे व्यक्ति और दर्शक, दोनों एक साथ रोने लगेंगे, तो उससे प्रश्नकर्ता का कौन-सा उद्देश्य पूरा होगा ?
उत्तर :
शारीरिक चुनौती का सामना कर रहे व्यक्ति और दर्शक दोनों के एक साथ रोने से प्रश्नकर्ता का कार्यक्रम सफल हो जाएगा तथा उसकी जिज्ञासा भी शांत हो जाएगी।

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 4 कैमरे में बंद अपाहिज

कैमरे में बंद अपाहिज पाठ के प्रश्न उत्तर Class 12 NCERT Solutions प्रश्न 5.
‘परदे पर वक्त की कीमत है’ कहकर कवि ने पूरे साक्षात्कार के प्रति अपना नज़रिया किस रूप में रखा है?
उत्तर :
‘परदे पर वक्त की कीमत है’ कहकर कवि ने पूरे यह बताया है कि दूरदर्शनवाले यह चाहते हैं कि अपंग व्यक्ति को दुखी देखकर दर्शकगण भी रोने लगे। इस तरह के दृश्य को वे अधिक समय तक दिखाना नहीं चाहते क्योंकि उन्हें वक्त की कीमत का अहसास है। शायद इसीलिए वे सभी कार्यक्रम समयानुसार प्रदर्शित करते हैं तथा समय के अनुरूप अपने कार्यक्रमों को बाँट लेते हैं।

कविता के आस-पास

कैमरे में बंद अपाहिज प्रश्न उत्तर Class 12 NCERT Solutions प्रश्न 1.
यदि आपको शारीरिक चुनौती का सामना कर रहे किसी मित्र का परिचय लोगों से करवाना हो, तो किन शब्दों में करवाएँगे?
उत्तर :
यह मेरा घनिष्ट मित्र प्रिंस है। यह एक अच्छा शिक्षक है। इसकी एक टाँग अपने देश की आज़ादी के आंदोलन में कट गई थी लेकिन इसने कभी हार नहीं मानी। अब भी यह देश-सेवा में तत्पर रहता है। तथा बच्चों को चरित्र-निर्माण तथा देश-सेवा की प्रेरणा देता है।

Class 12 Hindi Aroh Chapter 4 Question Answer NCERT Solutions प्रश्न 2.
सामाजिक उद्देश्य से युक्त ऐसे कार्यक्रम को देखकर आपको कैसा लगेगा? अपने विचार संक्षेप में लिखें!
उत्तर :
हमें ऐसा सामाजिक उद्देश्य से मुक्त कार्यक्रम देखकर बहुत अच्छा लगेगा। इससे जीवन में मुसीबतों और दुखों से लड़ने की प्रेरणा मिलेगी, जीवन जीने की इच्छा जाग उठेगी। फिर अपने जीवन से कोई शिकायत न रहेगी।

कैमरे में बंद अपाहिज Ncert Solutions Class 12 NCERT Solutions प्रश्न 3.
यदि आप इस कार्यक्रम के दर्शक हैं तो टी०वी० पर ऐसे सामाजिक कार्यक्रम को देखकर एक पत्र में अपनी प्रतिक्रिया दूरदर्शन निदेशक को भेजें।
उत्तर :
सेवा में
निदेशक महोदय
दूरदर्शन
नई दिल्ली
विषय-शारीरिक चुनौती से युक्त कार्यक्रम के प्रति।
महोदय मैं इस पत्र के माध्यम से दूरदर्शन पर दिखाए जानेवाले शारीरिक चुनौती का सामना कर रहे लोगों के कार्यक्रम के प्रति आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूँ। प्रायः दूरदर्शन पर ऐसे लोगों के कार्यक्रम दिखाए जाते हैं जो अपाहिज हैं; चल-फिर नहीं सकते; बोल नहीं सकते या देख नहीं सकते। टी०वी० पर इन लोगों से संवाददाता अपने चैनल या कार्यक्रम की प्रसिद्धि के लिए ऐसे प्रश्न पूछते हैं : जिससे ये लोग हतोत्साहित होते हैं। इन बातों से इन लोगों में दुर्बलता का अहसास पैदा होता है। बार-बार शारीरिक कमजोरी के प्रश्न : पूछकर उनकी आंतरिक संवेदनाओं से खिलवाड़ किया जाता है। महोदय, मेरी इच्छा है कि शारीरिक रूप से कमजोर लोगों का कार्यक्रम : दिखाते हुए उससे ऐसे सवाल न पूछे जाएँ जिससे उनके मन में हीन भावना पैदा हो।
धन्यवाद।
भवदीय
प्रिंस गुप्ता

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 4 कैमरे में बंद अपाहिज

Class 12 Hindi Kamre Mein Band Apahij Question Answer प्रश्न 4.
नीचे दिए गए खबर के अंश को पढ़िए और बिहार के इस बुधिया से एक-एक काल्पनिक साक्षात्कार कीजिए
उम्र पाँच साल, संपूर्ण रूप से दिव्यांग और दौड़ गया पाँच किलोमीटर। सुनने में थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन यह कारनामा कर दिखाया है पवन ने। बिहारी बुधिया के नाम से प्रसिद्ध पवन जन्म से ही दिव्यांग है। इसके दोनों हाथ का पुलवा नहीं है, जबकि पैर में सिर्फ ऐडी ही है। पवन ने रविवार को पटना के कारगिल चौक से सुबह 8.40 पर दौड़ना शुरू किया। डाकबंगला रोड, तारामंडल और आर० ब्लॉक होते हुए पवन का सफ़र एक घंटे बाद शहीद स्मारक पर जाकर खत्म हुआ। पवन द्वारा तय की गई इस दूरी के दौरान ‘उम्मीद स्कूल’ के तकरीबन तीन सौ बच्चे साथ दौड़कर उसका हौसला बढ़ा रहे थे। सड़क किनारे खड़े दर्शक यह देखकर हतप्रभ थे कि किस तरह एक दिव्यांग बच्चा जोश एवं उत्साह के साथ दौड़ता चला जा रहा है। जहानाबाद जिले का रहनेवाला पवन नव रसना एकेडमी, बेउर में कक्षा एक का छात्र है। असल में पवन का सपना ओडिशा के बुधिया जैसा करतब दिखाने का है। कुछ माह पूर्व बुधिया 65 किलोमीटर दौड़ चुका है। लेकिन बुधिया पूरी तरह से स्वस्थ है जबकि पवन पूरी तरह से दिव्यांग। पवन का सपना कश्मीर से कन्याकुमारी तक की दूरी पैदल तय करने का है। (9 अक्तूबर, 2006 हिंदुस्तान से साभार)
उत्तर :
पत्रकार-शाबाश पवन! तुम ने तो कमाल कर दिया। इतनी लंबी दौड़ के बाद थकान नहीं हुई तुम्हें?
पवन- नहीं। मैं अकेला थोड़े ही भाग रहा था। मेरे साथ उम्मीद स्कूल के तीन सौ बच्चे भी तो भाग रहे थे।
पत्रकार- हाँ, वह तो है। पर उनमें और तुममें थोड़ा-सा अंतर भी तो है।
पवन- हाँ, वह तो है। भगवान ने उन्हें शरीर के अंग तो पूरे दिए हैं पर मेरे पैरों में तो केवल एड़ी ही है, पंजा तो है ही नहीं। मेरे दोनों हाथ का पुलवा भी नहीं है। पर मुझे उन्होंने साहस दिया है।
पत्रकार- तुमने कितने किलोमीटर की दौड़ लगाई है?
पवन- पाँच किलोमीटर।
पत्रकार-लोग तुम्हें बुधिया के नाम से पुकारते हैं तो तुम्हें कैसा लगता है?
पवन- अच्छा लगता है। ईश्वर ने उसे स्वस्थ बनाया है और वह एक ही बार में 65 किलोमीटर लंबी दौड़ लगा चुका है।
पत्रकार- क्या तुम भी एक बार में इतनी ही लंबी दौड़ लगाना चाहते हो या इससे भी लंबी?
पवन- मैं तो एक ही बार कश्मीर से कन्याकुमारी तक की दूरी पैदल तय करना चाहता हूँ।
पत्रकार- अरे वाह ! तुम तो बड़े बहादुर हो। तुमने अपनी यह दौड़ कहाँ से शुरू की थी और कहाँ समाप्त की थी?
पवन- मैंने रविवार को पटना के कारगिल चौक से सुबह 8.40 पर दौड़ना शुरू किया था। डाकबंगला रोड तारामंडल और आर० ब्लॉक होते हुए मैंने एक घंटे बाद शहीद स्मारक पर अपनी दौड़ समाप्त की थी।
पत्रकार-तुम पढ़ते भी हो? पवन-हाँ, मैं जहानाबाद जिले के नव रसना एकेडमी, बेउर में पहली कक्षा में पढ़ता हूँ।
पत्रकार-तुम तो बहुत अच्छे हो। पढ़ते भी हो, दौड़ते भी हो और तुममें साहस भी बहुत है। ईश्वर तुम्हें लंबी उमर दे ताकि तुम देश का नाम ऊँचा कर सको।
पवन-धन्यवाद।

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