These NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant & NCERT Solutions for Class 6 Hindi Bal Ram Katha (Chapter 1 to 12) बाल राम कथा Questions and Answers are prepared by our highly skilled subject experts.
NCERT Solutions for Class 6 Hindi Bal Ram Katha (Chapter 1 to 12) बाल राम कथा
पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
पुस्तक के पहले अध्याय के पहले अनुच्छेद में लेखक ने सजीव ढंग से अवध की तस्वीर प्रस्तुत की है। तुम भी अपने आस-पास की किसी जगह का ऐसा ही बारीक चित्रण करो। यह चित्रण मोहल्ले के चबूतरे, गली की चहल-पहल, सड़क के नज़ारे आदि किसी का भी हो सकता है जिससे तुम अच्छी तरह परिचित हो।
उत्तर:
हमारे निवास स्थान से कुछ ही दूरी पर रोहिणी में ‘मैट्रो वाक’ नाम से एक मनोरंजन पार्क है। यह पार्क बहुत ही भव्य है। इस पार्क में विश्वस्तरीय झूले लगे हैं तथा विश्व के जाने-माने ब्रांड की वस्तुएँ यहाँ उपलब्ध हैं। जो भी इस स्थान पर जाता है, इसके सौंदर्य को देखकर चकित हो जाता है।
प्रश्न 2.
विश्वामित्र जानते थे कि क्रोध करने से यज्ञ पूरा नहीं होगा, इसलिए वे क्रोध को पी गए। तुम्हें भी कभी-कभी गुस्सा आता होगा। तुम्हें कब-कब गुस्सा आता है? उसका क्या परिणाम होता है?
उत्तर:
जब हमारी कोई उचित माँग नहीं मानी जाती या कोई अवांछित आरोप लगाया जाता तो मुझे बहुत गुस्सा आता है। यदि कोई मुझे मेरी गलती पर डाँटता है तो मुझे बुरा नहीं लगता। बिना गलती के कोई कुछ कहता है तो वह सहन नहीं होता।
प्रश्न 3.
राम और लक्ष्मण ने महाराज दशरथ के निर्णय को खुशी-खुशी स्वीकार किया। तुम्हारी समझ में इसका क्या कारण रहा होगा?
उत्तर:
राम और लक्ष्मण चाहते थे कि पिता की आज्ञा की अवमानना न हो। पिता ने जो वचन कैकेयी को दिए हैं, उनके पिता उस पर खरे उतरें। वे अपने पिता के वचनों को निभाना चाहते थे। वे नहीं चाहते थे कि कोई पिता पुत्र-मोह के कारण अपने वचनों का पालन न करे।
प्रश्न 4.
विश्वामित्र ने कहा, “ये जानवर और वनस्पतियाँ जंगल की शोभा हैं। इनसे कोई डर नहीं है।” उन्होंने ऐसा क्यों कहा?
उत्तर:
जानवर और वनस्पतियों से ही जंगल की शोभा होती है। दोनों ही एक-दूसरे के आश्रित हैं। वनस्पतियों के बिना जानवर नहीं रह सकते और जानवरों के बिना वनस्पतियाँ सुरक्षित नहीं रह सकतीं। ये दोनों प्रकृति के आभूषण हैं। इनके कारण ही पर्यावरण शुद्ध रहता है और हमें तरह-तरह की मूल्यवान जड़ी-बूटियाँ व अन्य वस्तुएँ मिलती हैं।
प्रश्न 5.
लक्ष्मण ने शूर्पणखा के नाक-कान काट दिए। क्या ऐसा करना उचित था? अपने उत्तर का कारण बताओ।
उत्तर:
नाक-कान काटने के बजाय यदि शूर्पणखा को किसी और अन्य तरीके से समझाया जाता तो वह अधिक उचित होता। नाक-कान काटना शारीरिक हानि पहुँचाने से अधिक कष्टकर है। नाक-कान काटने से व्यक्ति का बहुत अधिक अपमान होता है। अपमानित व्यक्ति कुछ भी कर सकता है। नाक-कान काटना ही युद्ध का कारण बना।
प्रश्न 6.
विश्वामित्र और कैकेयी दोनों ही दशरथ को रघुकुल के वचन निभाने की प्रथा की याद दिलाते हैं। तुम अपने अनुभवों की मदद से बताओ कि क्या दिया हुआ वचन निभाना हमेशा संभव होता है?
उत्तर:
दिया गया वचन निभाना हमेशा संभव नहीं होता, क्योंकि जब वचन दिया जाता है तब कुछ और परिस्थितियाँ होती हैं और जब वचन निभाने की समय आता है तो कभी-कभी परिस्थितियों में काफी बदलाव आ जाता है। वचन को निभाना आसान काम नहीं है। बहुत धैर्यवान लोग ही वचन को ठीक तरह निभा पाते हैं। साधारण आदमी तो विचलित हो जाते हैं।
प्रश्न 7.
मान लो कि तुम्हारे स्कूल में रामकथा को नाटक के रूप में खेलने की तैयारी चल रही है। तुम इस नाटक में उसी पात्र की भूमिका निभाना चाहते हो जो तुम्हें सबसे ज़्यादा अच्छी, दिलचस्प या आकर्षक लगती है। वह पात्र कौन-सा है और क्यों?
उत्तर:
मुझे संपूर्ण रामायण में हनुमान का चरित्र सबसे अच्छा लगता है। अतः मैं हनुमान का चरित्र ही निभाना चाहूँगा। हनुमान में बुद्धि, बल, कर्तव्य-परायणता, सेवा आदि संपूर्ण गुण विद्यमान हैं। हनुमान कदम-कदम पर राम की सहायता करते हैं। यदि हनुमान न होते तो राम अपने को असहाय महसूस करते।
प्रश्न 8.
सीता बिना बात के राक्षसों के वध के पक्ष में नहीं थीं; जबकि राम राक्षसों के विनाश को ठीक समझते थे। तुम किससे सहमत हो-राम से या सीता से? कारण बताते हुए उत्तर दो।
उत्तर:
दुष्टों का विनाश आवश्यक है अन्यथा वे सज्जन व्यक्तियों को कष्ट देते ही रहेंगे। जैसे-आजकल आतंकवादी बेकसूर लोगों की हत्या कर देते हैं। जो कसूरवार होते हैं, जिनके कारण आंतकवाद फैल रहा है, वहाँ तक उनकी पहुँच नहीं होती। अतः यह आवश्यक है दुष्टों का वध किया जाए, तभी सज्जन लोग सुरक्षित रह पायेंगे। मैं इस बात को लेकर राम की बात से सहमत हूँ।
प्रश्न 9.
रामकथा के तीसरे अध्याय में मंथरा कैकेयी को समझाती है कि राम को युवराज बनाना उसके बेटे के हक में नहीं है। इस प्रसंग को अपने शब्दों में कक्षा में नाटक के रूप में प्रस्तुत करो।
उत्तर:
छात्र कक्षा में इस प्रसंग को नाटक के रूप में प्रस्तुत करें।
प्रश्न 10.
तुमने ‘जंगल और जनकपुर’ तथा ‘दण्डक वन में दस वर्ष’ में राक्षसों द्वारा मुनियों को परेशान करने की बात पढ़ी। राक्षस ऐसा क्यों करते थे? क्या यह संभव नहीं था कि दोनों शांतिपूर्वक वन में रहते? कारण बताते हुए उत्तर दो।
उत्तर:
राक्षस नहीं चाहते कि कोई सज्जन व्यक्ति अच्छी प्रकार जीवन जी सके। राक्षसों का काम ही आतंक फैलाना है। यदि सभी लोग सद्विचारों का पालन करेंगे तो उनका अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। अपने अस्तित्व को बचाने के लिए वे ऋषि-मुनियों को परेशान करते थे। आजकल के आतंकवादी भी राक्षसों का ही एक रूप हैं। वे भी आराम से रह रहे लोगों को अपना निशाना बनाते हैं।
प्रश्न 11.
हनुमान ने लंका से लौटकर अंगद और जामवंत को लंका के बारे में क्या-क्या बताया होगा?
उत्तर:
हनुमान ने लंका से लौटकर अंगद और जामवंत को बताया कि लंका सोने से निर्मित है। लंका के चारों ओर परकोटा बनाया गया है। लंका के चार द्वार हैं। रावण का महल बहुत ही भव्य है। उसका रथ रत्न-जड़ित है। रावण बहुत ऊँचे सिंहासन पर बैठता है।
प्रश्न 12.
तुमने बहुत-सी पौराणिक कथाएँ और लोक-कथाएँ पढ़ी होंगी। उनमें क्या अंतर होता है? यह जानने के लिए पाँच-पाँच के समूह में कक्षा के बच्चे दो-दो पौराणिक कथाएँ और लोक-कथाएँ इकट्ठी करें। कथ्य (कहानी), भाषा आदि के अनुसार दोनों प्रकार की कहानियों का विश्लेषण करें और उनके अंतर लिखें।
उत्तर:
पौराणिक कथाएँ हमारी धार्मिक मान्यताओं से जुड़ी होती हैं। पौराणिक कथाओं के पात्रों में कोई न कोई पात्र देवी-देवता अवश्य होता है।
लोक-कथाएँ वे होती हैं जो लोक-जीवन में प्रचलित होती हैं। इनका संबंध किसी क्षेत्र-विशेष से जुड़ा रहता है। जैसे-जापान की लोक-कथाएँ, झारखंड की लोक-कथाएँ आदि।
प्रश्न 13.
क्या होता यदि-
(क) राजा दशरथ कैकेयी की प्रार्थना स्वीकार नहीं करते।
(ख) रावण ने विभीषण और अंगद का सुझाव माना होता और युद्ध का फैसला न किया होता।
उत्तर:
(क) यदि दशरथ कैकेयी की प्रार्थना स्वीकार नहीं करते तो-
(i) राम को वनवास न होता।
(ii) सीता का हरण न होता।
(iii) रावण का वध न होता।
(iv) विभीषण राजा न बनता।
(v) राम-हनुमान का मिलन न होता।
(vi) भरत को नंदीग्राम में न रहना पड़ता।
(vii) हम राम को इतनी अच्छी तरह न जानते। उनका नाम एक आम राजा की तरह अब तक लोग भूल चुके होते।
(ख) (i) रावण का राज्य सुरक्षित रहता।
(ii) विभीषण राजा न बनता।
(iii) इतने लोग युद्ध में न मारे जाते।
(iv) राक्षसों का संहार न होता।
प्रश्न 14.
नीचे कुछ चारित्रिक विशेषताएँ दी गई हैं और तालिका में कुछ पात्रों के नाम दिए गए हैं। प्रत्येक नाम के सामने उपयुक्त विशेषताओं को छाँटकर लिखो-
पराक्रमी, साहसी, निडर, पितृभक्त, वीर, शांत, दूरदर्शी, त्यागी, लालची, अज्ञानी, दुश्चरित्र, दीनबंधु, गंभीर, स्वार्थी, उदार, धैर्यवान, अड़ियल, कपटी, भक्त, न्यायप्रिय और ज्ञानी।
राम …………….., सीता …………….., लक्ष्मण ………………, कैकेयी …………..,
रावण …………….., हनुमान ……………..,
विभीषण …………….., भरत ………….
उत्तर:
राम- पराक्रमी, साहसी, निडर, पितृभक्त, वीर, शांत, दूरदर्शी, त्यागी, दीनबंधु, गंभीर, उदार, धैर्यवान, भक्त, न्यायप्रिय और ज्ञानी।
सीता- शांत, त्याग, उदार, धैर्यवान, अड़ियल।
लक्ष्मण- पराक्रमी, साहसी, निडर, पितृभक्त, वीर, त्यागी, दूरदर्शी।
रावण- पराक्रमी, साहसी, निडर, वीर, अज्ञानी, दुश्चरित्र, अड़ियल, कपटी।
हनुमान- पराक्रमी, साहसी, निडर, वीर, शांत, दूरदर्शी, त्यागी, गंभीर, उदार, भक्त, न्यायप्रिय एवं ज्ञानी।
विभीषण- साहसी, निडर, वीर, त्यागी, गंभीर, भक्त, ज्ञानी।
प्रश्न 15.
तुमने अपने आसपास के बड़ों से रामायण की कहानी सुनी होगी। रामलीला भी देखी होगी। क्या तुम्हें अपनी पुस्तक रामकथा की कहानी और बड़ों से सुनी रामायण की कहानी में कोई अंतर नज़र आया? यदि हाँ, तो उसके बारे में कक्षा में बताओ।
उत्तर:
रामायण की कहानी सुनी जाती है और रामलीला को प्रत्यक्ष देखा जाता है। कुछ कलाकार रामायण के विभिन्न पात्रों का चरित्र निभाते हैं; जैसे-आज एन.डी.टी.वी.इमेजिन पर रामायण का धारावाहिक प्रस्तुत किया जा रहा है।
प्रश्न 16.
रामकथा में कई नदियों और स्थानों के नाम आए हैं। इनकी सूची बनाओ और एटलस में देखो कि कौन-कौन-सी नदियाँ और जगहें अभी भी मौजूद हैं। यह काम तुम चार-चार के समूह में कर सकते हो।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 17.
यह राम-कथा वाल्मीकि रामायण पर आधारित है। तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस के बारे में जानकारी इकट्ठी करो और उसे चार्ट पेपर पर लिखकर कक्षा में लगाओ।
जानकारी प्रस्तुत करने के निम्नलिखित बिंदु हो सकते हैं-
- रामकथा का नाम – श्री रामचरितमानस
- रचनाकार का नाम – गोस्वामी तुलसीदास
- भाषा/प्रांत – अवधि/अवध क्षेत्र जो उत्तर प्रदेश में है।
प्रश्न 18.
‘नगर में बड़ा समारोह आयोजित किया गया। धूमधाम से।’ (पृ. 3)
‘एक दिन ऐसी ही चर्चा चल रही थी। गहन मंत्रणा।’ (पृ. 4)
‘पाँच दिन तक सब ठीक-ठाक चलता रहा। शांति से। निर्विघ्न।’ (पृ. 10)
राम-कथा की इन पंक्तियों में कुछ वाक्य केवल एक या दो शब्दों के हैं। ऐसा लेखक ने किसी बात पर बल देने के लिए, उसे प्रभावशाली बनाने के लिए या नाटकीय बनाने के लिए किया है। ऐसे कुछ और उदाहरण पुस्तक से छाँटो और देखो कि इन एक-दो शब्दों के वाक्य को पिछले वाक्य में जोड़कर लिखने से बात के असर में क्या फ़र्क पड़ता है। उदाहरण के लिए’-
पाँच दिन तक सब शांति से, निर्विघ्न और ठीक-ठाक चलता रहा।’