CBSE Class 10

NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 13 Magnetic Effects of Electric Current (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 13 Magnetic Effects of Electric Current (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 13 Magnetic Effects of Electric Current (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 10 Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 13 Magnetic Effects of Electric Current.

Chapter 13. विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव

अध्याय-समीक्षा

  • प्राकृतिक चुंबक को मैग्नेटाईट के नाम से जाना जाता है |
  • दिकसूचक सुई का उतरोन्मुखी सिरा ठीक उतर की ओर संकेत न करके लगभग उतर की ओर संकेत करता है। दिकसूचक पठन में होने वाले इस विचलन को चुम्बकीय दिक्पात कहते है ।
  • बेलन की आकृति में लपेटे तार की अनेक वृत्ताकार फेरों को परिनलिका कहते है ।
  • 19वीं शताब्दी के अग्रणी वैज्ञानिकों में से एक, हैंस क्रिश्चियन ऑर्स्टेड ने वैद्युतचुंबकत्व को समझने में एक निर्णायक भूमिका निभाई। सन् 1820 ई. में उन्होंने अकस्मात यह खोजा कि किसी धातु के तार में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर पास में रखी दिक्कसूची में विक्षेप उत्पन्न हुआ।
  • अपने प्रेक्षणों के आधार पर ऑर्स्टेड ने यह प्रमाणित किया कि विद्युत तथा चुंबकत्व परस्पर संबंधित परिघटनाएँ हैं। उनके अनुसंधन ने आगे जाकर नयी-नयी प्रौद्योगिकियों जैसे-रेडियो, टेलीविजन, तंतु प्रकाशिकी आदि का सृजन किया। उन्हीं के सम्मान में चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता का मात्रक ऑर्स्टेड रखा गया है।
  • दिक्सूची एक छोटा चुंबक होता है। इसका एक सिरा जो उत्तर की ओर संकेत करता है उत्तर ध्रुव कहलाता है, तथा दूसरा सिरा जो दक्षिण की ओर संकेत करता है दक्षिण ध्रुव कहलाता है।
  • किसी चुंबक के चारों ओर एक चुंबकीय क्षेत्र होता है जिसमें उस चुंबक के बल का संसूचन किया जा सकता है।
  • किसी चुंबकीय क्षेत्र के निरूपण के लिए चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं का उपयोग किया जाता है। चुंबकीय क्षेत्र रेखा वह पथ है जिसके अनुदिश कोई परिकल्पित स्वतंत्र उत्तर ध्रुव गमन करने की प्रवृत्ति रखता है।
  • चुंबकीय क्षेत्र के किसी बिंदु पर क्षेत्र की दिशा उस बिंदु पर रखे उत्तर ध्रुव की गति की दिशा द्वारा दर्शायी जाती है। जहाँ चुंबकीय क्षेत्र प्रबल होता है, वहाँ क्षेत्र रेखाएँ एक-दूसरे के निकट दिखाई जाती हैं।
  • किसी विद्युत धरावाही धातु के तार से एक चुंबकीय क्षेत्र संबद्ध होता है। तार के चारों ओर क्षेत्र रेखाएँ अनेक संकेंद्री वृतों के रूप में होता है | दक्षिण-हस्त अंगुष्ठ नियम द्वारा ज्ञात की जाती है।
  • विद्युत चुंबक में नर्म लौह-क्रोड होता है जिसके चारों ओर विद्युतरोधी ताँबे के तार की कुंडली लिपटी रहती है।
  • कोई विद्युत धरावाही चालक चुंबकीय क्षेत्र में रखे जाने पर बल का अनुभव करता है। यदि चुंबकीय क्षेत्र तथा विद्युत धारा की दिशाएँ परस्पर एक-दूसरे के लंबवत हैं तब चालक पर आरोपित बल की दिशा इन दोनों दिशाओं के लंबवत होती है, जिसे फ्रलेमिंग के वामहस्त नियम द्वारा प्राप्त किया जाता है।
  • विद्युत मोटर एक ऐसी युक्ति है जो विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में रूपांतरित करती है।
  • वैद्युतचुंबकीय प्रेरण एक ऐसी परिघटना है जिसमें किसी कुंडली में, जो किसी ऐसे क्षेत्र में स्थित है जहाँ समय के साथ चुंबकीय क्षेत्र परिवर्तित होता है, एक प्रेरित विद्युत धारा उत्पन्न होती है।
  • चुंबकीय क्षेत्र में परिवर्तन किसी चुंबक तथा उसके पास स्थित किसी कुंडली के बीच आपेक्षित गति के कारण हो सकता है। यदि कुंडली किसी विद्युत धरावाही चालक के निकट रखी है तब कुंडली से संबद्ध चुंबकीय क्षेत्र या तो चालक से प्रवाहित विद्युत धारा में अंतर के कारण हो सकता है अथवा चालक तथा कुंडली के बीच आपेक्षित गति के कारण हो सकता है।
  • प्रेरित विद्युत धारा की दिशा फ्रलेमिंग के दक्षिण-हस्त नियम द्वारा प्राप्त की जाती है।
  • विद्युत जनित्र यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित करता है। यह वैद्युतचुंबकीय प्रेरण के आधार पर कार्य करता है।
  • हम अपने घरों में प्रत्यावर्ती विद्युत शक्ति 220 V पर प्राप्त करते हैं जिसकी आवृत्ति 50 Htz है। आपूर्ति का एक तार लाल विद्युतरोधन युक्त होता है जिसे विद्युन्मय तार कहते हैं। दूसरे पर काला विद्युतरोधन होता है जिसे उदासीन तार कहते हैं। इन दोनों तारों के बीच 220 V का विभवांतर होता है। तीसरा तार भूसंपर्क तार होता है जिस पर हरा विद्युतरोधन होता है। यह तार भूमि में गहराई पर दबी धातु की प्लेट से संयोजित होता है।
  • भूसंपर्कण एक सुरक्षा उपाय है जो यह सुनिश्चित करता है कि साधित्र धात्विक आवरण में यदि विद्युत धारा का कोई भी क्षरण होता है तो उस साधित्र का उपयोग करने वाले व्यक्ति को गंभीर झटका न लगे।
  • विद्युत परिपथों की लघुपथन अथवा अतिभारण के कारण होने वाली हानि से सुरक्षा की सबसे महत्वपूर्ण युक्ति फ्यूज है।

पाठगत-प्रश्न:

पेज – 250 :

प्रश्न 1. चुंबक के निकट लाने पर दिक्सूचक की सुई विक्षेपित क्यों हो जाती है ?
उत्तर:
चुम्बक के निकट लाने पर दिक्सूचक की सुई विक्षेपित इसलिए हो जाती है क्योंकि दिक्सूचक की सुई की नोक चुम्बक के ध्रुव की भांति कार्य करता है | जब सुई को दंड चुंबक के पास लाया जाता है जो ये सुई को आकर्षित अथवा प्रतिकर्षित करता है जिससे विक्षेपित होता है |

पेज – 255 :

प्रश्न 1. किसी छड़ चुंबक के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ खींचिए।
उत्तर:
NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 13 Magnetic Effects of Electric Current (Hindi Medium) 1

प्रश्न 2. चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं के गुणों की सूची बनाइए।
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं के निम्नलिखित गुण हैं –

  1. चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ उत्तरी ध्रुव से निकलकर दक्षिणी ध्रुव में समाहित हो जाती है |
  2. चुम्बक के अंदर, चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा इसके दक्षिणी ध्रुव से उत्तरी ध्रुव की ओर होता है |
  3. चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ बंद वक्र होती हैं |
  4. जहाँ चुम्बकीय क्षेत्र रेखाए घनी होती हैं वहाँ चुम्बकीय क्षेत्र मजबूत होता है |
  5. दो चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ कभी एक दुसरे को प्रतिच्छेद नहीं करती हैं |

प्रश्न 3. दो चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ एक-दूसरे को प्रतिच्छेद क्यों नहीं करतीं?
उत्तर:
दो चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ एक – दूसरे को प्रतिच्छेद नहीं करती  है क्योंकि   प्रतिच्छेद बिन्दु पर दिक् सूची रखने पर दो दिशाओं की ओर संकेत करेगा जो संभव नहीं हैं ।

पेज –  256 – 257 :

प्रश्न 1. मेज के तल में पड़े तार के वृत्ताकार पाश पर विचार कीजिए। मान लीजिए इस पाश में दक्षिणावर्त विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है। दक्षिण-हस्त अंगुष्ठ नियम को लागू करके पाश के भीतर तथा बाहर चुंबकीय क्षेत्र की दिशा ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
दी गई आकृति एक वृताकार पाश का है जिसकी चुंबकीय क्षेत्र को दर्शाया गया है | दक्षिण अंगुष्ठ नियम लागु करने पर हम पाते हैं कि चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ पाश के अंदर मेज के तल की लंबवत बाहर की ओर निर्देशित होती है जबकि पाश के बहार यह अंदर की ओर निर्देशित होती है |
"NCERT

प्रश्न 2. किसी दिए गए क्षेत्र में चुंबकीय क्षेत्र एकसमान है। इसे निरूपित करने के लिए आरेख खींचिए।
उत्तर:
जब किसी क्षेत्र में चुंबकीय क्षेत्र एकसमान हो तो रेखायें एक-दुसरे के समान्तर, समान दुरी पर और समान लंबाई की होती हैं |
NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 13 Magnetic Effects of Electric Current (Hindi Medium) 3.jpg

प्रश्न 3. सही विकल्प चुनिएः
किसी विद्युत धरावाही सीधी लंबी परिनालिका के भीतर चुंबकीय क्षेत्र-

(a) शून्य होता है।
(b) इसके सिरे की ओर जाने पर घटता है।
(c) इसके सिरे की ओर जाने पर बढ़ता है।
(d) सभी बिंदुओं पर समान होता है।
उत्तर:
(d) सभी बिन्दुओं पर सामान रहता है |
NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 13 Magnetic Effects of Electric Current (Hindi Medium) 4

पेज – 259 : 

प्रश्न 1. किसी प्रोटॉन का निम्नलिखित में से कौन-सा गुण किसी चुबंकीय क्षेत्र में मुक्त गति करते समय परिवर्तित हो जाता है? (यहाँ एक से अधिक सही उत्तर हो सकते हैं।)
(a) द्रव्यमान,
(b) चाल,
(c) वेग
(d) संवेग
उत्तर:
(c) वेग और (d) संवेग

प्रश्न 2. क्रियाकलाप 13.7 में हमारे विचार से छड़ AB का विस्थापन किस प्रकार प्रभावित होगा यदि
(i) छड़ AB में प्रवाहित विद्युत धारा में वृद्धि हो जाए
(ii) अधिक प्रबल नाल चुंबक प्रयोग किया जाए, और
(iii) छड़ AB की लंबाई में वृद्धि कर दी जाए?
उत्तर:
(i) यदि छड AB में प्रवाहित विद्युत धारा में वृद्धि हो जाए तो छड के विस्थापन में भी वृद्धि होती है |
(ii) यदि अधिक प्रबल नाल चुंबक प्रयोग किया जाए तो छड AB का विस्थापन भी बढेगा |
(iii) यदि छड़ AB की लंबाई में वृद्धि कर दी जाए तो इस पर लगने वाला बल भी बढेगा क्योंकि विस्थापन बढ़ता है |

प्रश्न 3. पश्चिम की ओर प्रक्षेपित कोई धनावेशित कण (अल्फ़ा-कण) किसी चुंबकीय क्षेत्र द्वारा उत्तर की ओर विक्षेपित हो जाता है। चुंबकीय क्षेत्र की दिशा क्या है?
(a) दक्षिण की ओर
(b) पूर्व की ओर
(c) अधोमुखी
(d) उपरिमुखी
उत्तर:
(d) उपरिमुखी

पेज – 261 : 

प्रश्न 1. फ्लेमिंग का वामहस्त नियम लिखिए।
उत्तर:
फ्लेमिंग का वामहस्त नियम :
इस नियम के अनुसार, अपने बाएँ हाथ की तर्जनी, मध्यमा तथा अँगूठे को इस प्रकार फैलाइए कि ये तीनों एक-दूसरे के परस्पर लंबवत हों |यदि तर्जनी चुंबकीय क्षेत्रा की दिशा और मध्यमा चालक में प्रवाहित विद्युत धारा की दिशा की ओर संकेत करती है तो अँगूठा चालक की गति की दिशा अथवा चालक पर आरोपित बल की दिशा की ओर संकेत करेगा। इसी नियम को फ्लेमिंग का वामहस्त नियम कहते है |
NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 13 Magnetic Effects of Electric Current (Hindi Medium) 5

प्रश्न 2. विद्युत मोटर का क्या सिद्धांत है?
उत्तर:
विद्युत मोटर का सिद्धांत :
विद्युत मोटर का कार्य करने का सिद्धांत विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव पर आधारित है | चुंबकीय क्षेत्र में लौह-क्रोड़ पर लिपटी कुंडली से जब विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो वह एक बल का अनुभव करती है | जिससे मोटर का आर्मेचर चुंबकीय क्षेत्र में घूमने लगता है | कुंडली के घूमने की दिशा फ्लेमिंग के वामहस्त नियम के अनुसार होता है | यही विद्युत मोटर का सिद्धांत हैं |

प्रश्न 3. विद्युत मोटर में विभक्त वलय की क्या भूमिका है?
उत्तर:
विद्युत मोटर में विभक्त वलय दिक्-परिवर्तक का कार्य करता है | दिक्-परिवर्तक एक युक्ति है जो परिपथ में विद्युत-धारा के प्रभाव को उत्क्रमित कर देता है |

पेज – 264 : 

प्रश्न 1. किसी कुंडली में विद्युत धारा प्रेरित करने के विभिन्न ढंग स्पष्ट कीजिए |
उत्तर:

  1. कुन्डली को किसी चुम्बकीय क्षेत्र में गति कराकर ।
  2. कुन्डली के चारों ओर के चुम्बकीय क्षेत्र में परिवर्तन कराकर ।

पेज – 265 – 266 :

प्रश्न 1. विद्युत जनित्र का सिद्धांत लिखिए |
उत्तर:
विद्युत जनित्र का सिद्धांत विद्युत चुंबकीय प्रेरण (इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन ) पर आधारित है | जब एक आयताकार कुंडली को एक सामान चुंबकीय क्षेत्र में घुमाया जाता है तो यह कुंडली के सिरों पर प्रेरित विद्युत उत्पन्न करता है | यही विद्युत जनित्र का सिद्धांत है |

प्रश्न 2. दिष्ट धारा के कुछ स्रोत के नाम लिखिए |
उत्तर:
सेल, बैट्री और D.C जनित्र या डायनेमो आदि दिष्ट धारा के स्रोत हैं |

प्रश्न 3. प्रत्यावर्ती विद्युत धारा उत्पन्न करने वाले स्रोतों का नाम लिखिए |
उत्तर:
A.C जनित्र और इनवर्टर आदि जो प्रत्यावर्ती विद्युत धारा उत्पन्न करते हैं |

प्रश्न 4. सही विकल्प का चयन कीजिए –
ताँबे के तार की एक आयताकार कुंडली किसी चुंबकीय क्षेत्र में घूर्णी गति कर रही है। इस कुंडली प्रेरित विद्युत धारा की दिशा में कितने परिभ्रमण के पश्चात परिवर्तन होता है?

(a) दो
(b) एक
(c) आधा
(d) चौथाई
उत्तर:
(c) आधा

पेज – 267 

प्रश्न 1. विद्युत परिपथों तथा साधित्रों में सामान्यतः उपयोग होने वाले दो सुरक्षा उपायों के नाम लिखिए।
उत्तर:
विद्युत परिपथों तथा साधित्रों में सामान्यतः उपयोग होने वाले दो सुरक्षा उपायों के नाम हैं –

  1. फ्यूज का उपयोग |
  2. भूमि संपर्क तार का उपयोग |

प्रश्न 2. 2 kW शक्ति अनुमतांक का एक विद्युत तंदूर किसी घरेलू विद्युत परिपथ (220 V) में प्रचालित किया जाता है जिसका विद्युत धारा अनुमतांक 5 । है, इससे आप किस परिणाम की अपेक्षा करते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विद्युत तंदूर की शक्ति (P) = 2 kW = 2000 W
अत: विद्युत तंदूर द्वारा ली गई धारा (I) = P/V
= 2000/220 = 9 A (लगभग)
जबकि विद्युत परिपथ का विद्युत धारा अनुमतांक 5 A है और तंदूर 9 A की दर से धारा लेता है, इसलिए यह परिपथ अतिउष्मता अथवा अतिभारण के कारण टूट जायेगा |

प्रश्न 3. घरेलू विद्युत परिपथों में अतिभारण से बचाव के लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
उत्तर: घरेलू विद्युत परिपथों में अतिभारण से बचाव के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए |

  1. एक अकेले शोकेट से एक से अधिक उपकरण नहीं जोड़ने चाहिए |
  2. हमेशा परिपथ में विद्युत उपकरण पार्श्व क्रम में ही संयोजित करने चाहिए |
  3. परिपथ में उपयुक्त फ्यूज का उपयोग करना चाहिए |
  4. अतिभारण से बचाने के लिए एक ही समय में अधिक विद्युत उपकरणों का उपयोग नहीं करना चाहिए |

अभ्यास

प्रश्न 1. निम्नलिखित में से कौन किसी लंबे विद्युत धरावाही तार के निकट चुंबकीय क्षेत्र का सही वर्णन करता है?
(a) चुंबकीय क्षेत्र की क्षेत्र रेखाएँ तार के लंबवत होती हैं।
(b) चुंबकीय क्षेत्र की क्षेत्र रेखाएँ तार के समांतर होती हैं।
(c) चुंबकीय क्षेत्र की क्षेत्र रेखाएँ अरीय होती हैं जिनका उदभव तार से होता है।
(d) चुंबकीय क्षेत्र की संकेंद्री क्षेत्र रेखाओं का केंद्र तार होता है।
उत्तर:
(d) चुंबकीय क्षेत्र की संकेंद्री क्षेत्र रेखाओं का केंद्र तार होता है।

प्रश्न 2. वैद्युतचुंबकीय प्रेरण की परिघटना-
(a) किसी वस्तु को आवेशित करने की प्रक्रिया है।
(b) किसी कुंडली में विद्युत धारा प्रवाहित होने के कारण चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करने की प्रक्रिया है।
(c) कुंडली तथा चुंबक के बीच आपेक्षिक गति के कारण कुंडली प्रेरित विद्युत धारा उत्पन्न करना है।
(d) किसी विद्युत मोटर की कुंडली को घूर्णन कराने की प्रक्रिया है।
उत्तर:
(c) कुंडली तथा चुंबक के बीच आपेक्षिक गति के कारण कुंडली प्रेरित विद्युत धारा उत्पन्न करना है।

प्रश्न 3. विद्युत धारा उत्पन्न करने की युक्ति को कहते हैंμ
(a) जनित्र
(b) गैल्वेनोमीटर
(c) ऐमीटर
(d) मोटर
उत्तर:
(a) जनित्र

प्रश्न 4. किसी ac जनित्रा तथा dc जनित्र में एक मूलभूत अंतर यह है कि-
(a) ac जनित्र में विद्युत चुंबक होता है जबकि dc मोटर में स्थायी चुंबक होता है।
(b) dc जनित्र उच्च वोल्टता का जनन करता है।
(c) ac जनित्र उच्च वोल्टता का जनन करता है।
(d) ac जनित्र में सर्पी वलय होते हैं जबकि कब जनित्र में दिक्परिवर्तक होता है।
उत्तर:
(d) ac जनित्र में सर्पी वलय होते हैं जबकि कब जनित्र में दिक्परिवर्तक होता है।

प्रश्न 5. लघुपथन के समय परिपथ में विद्युत धारा का मान-
(a) बहुत कम हो जाता है।
(b) परिवर्तित नहीं होता।
(c) बहुत अधिक बढ़ जाता है।
(d) निरंतर परिवर्तित होता है।
उत्तर:
(c) बहुत अधिक बढ़ जाता है।

प्रश्न 6. निम्नलिखित प्रकथनों में कौन-सा सही है तथा कौन-सा गलत है? इसे प्रकथन के सामने अंकित कीजिए-
(a) विद्युत मोटर यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित करता है।
(b) विद्युत जनित्र वैद्युतचुंबकीय प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है।
(c) किसी लंबी वृत्ताकर विद्युत धरावाही कुंडली के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र समांतर सीधी क्षेत्र रेखाएँ होता है।
(d) हरे विद्युतरोधन वाला तार प्रायः विद्युन्मय तार होता है।
उत्तर:
(a) विद्युत मोटर यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित करता है। (गलत)
(b) विद्युत जनित्र वैद्युतचुंबकीय प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है। (सही)
(c) किसी लंबी वृत्ताकर विद्युत धरावाही कुंडली के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र समांतर सीधी क्षेत्र रेखाएँ होता है। (सही)
(d) हरे विद्युतरोधन वाला तार प्रायः विद्युन्मय तार होता है। (गलत)

प्रश्न 7. चुंबकीय क्षेत्र के तीन स्रोतों की सूची बनाइए।

प्रश्न 8. परिनालिका चुंबक की भाँति कैसे व्यवहार करती है? क्या आप किसी छड़ चुंबक की सहायता से किसी विद्युत धरावाही परिनालिका के उत्तर ध्रुव तथा दक्षिण ध्रुव का निर्धरण कर सकते हैं?

प्रश्न 9. किसी चुंबकीय क्षेत्र में स्थित विद्युत धरावाही चालक पर आरोपित बल कब अधिकतम होता है?

प्रश्न 10. मान लीजिए आप किसी चैंबर में अपनी पीठ को किसी एक दीवार से लगाकर बैठे हैं। कोई इलेक्ट्रॉन पुंज आपके पीछे की दीवार से सामने वाली दीवार की ओर क्षैतिजतः गमन करते हुए किसी प्रबल चुंबकीय क्षेत्रा द्वारा आपके दाईं ओर विक्षेपित हो जाता है। चुंबकीय क्षेत्रा की दिशा क्या है?

प्रश्न 11. विद्युत मोटर का नामांकित आरेख खींचिए। इसका सि(ांत तथा कार्यविध् िस्पष्ट कीजिए। विद्युत मोटर में विभक्त वलय का क्या महत्त्व है?

प्रश्न 12. ऐसी कुछ युक्तियों के नाम लिखिए जिनमें विद्युत मोटर उपयोग किए जाते हैं।

प्रश्न 13. कोई विद्युतरोध्ी ताँबे के तार की वुंफडली किसी गैल्वेनोमीटर से संयोजित है। क्या होगा यदि कोई छड़ चुंबक-
;पद्ध वुंफडली में ध्केला जाता है।
;पपद्ध वुंफडली के भीतर से बाहर खींचा जाता है।
;पपपद्ध वुंफडली के भीतर स्थिर रखा जाता है।

प्रश्न 14. दो वृत्ताकार वुंफडली । तथा ठ एक-दूसरे के निकट स्थित हैं। यदि वुंफडली । में विद्युत धरा में कोई
परिवर्तन करें तो क्या वुंफडली ठ में कोई विद्युत धरा प्रेरित होगी? कारण लिखिए।

प्रश्न 15. निम्नलिखित की दिशा को निर्धरित करने वाला नियम लिखिएμ
;पद्ध किसी विद्युत धरावाही सीध्े चालक के चारांे ओर उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्रा,
;पपद्ध किसी चुंबकीय क्षेत्रा में, क्षेत्रा के लंबवत स्थित, विद्युत धारावाही सीध्े चालक पर आरोपित बल,
तथा
;पपपद्ध किसी चुंबकीय क्षेत्रा में किसी वुंफडली के घूर्णन करने पर उस वुंफडली में उत्पन्न प्रेरित
विद्युत धारा।

प्रश्न 16. नामांकित आरेख खींचकर किसी विद्युत जनित्रा का मूल सि(ांत तथा कार्यविध् िस्पष्ट कीजिए। इसमें
ब्रुशों का क्या कार्य है?

प्रश्न 17. किसी विद्युत परिपथ में लघुपथन कब होता है?

प्रश्न 18. भूसंपर्क तार का क्या कार्य है? धतु के आवरण वाले विद्युत साध्त्रिों को भूसंपर्कित करना क्यों
आवश्यक है?

Hope given NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 13 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 13 Magnetic Effects of Electric Current (Hindi Medium) Read More »

NCERT Solutions for Class 10 Maths Chapter 1 Real Numbers (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 10 Maths Chapter 1 Real Numbers (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 10 Maths Chapter 1 Real Numbers (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 10 Maths in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Maths Chapter 1 Real Numbers.

Chapter 1. वास्तविक संख्याएँ

अभ्यास 1.1

Ex 1.1 Class 10 गणित प्र.1. युक्लिड विभाजन अल्गोरिथम के प्रयोग से HCF ज्ञात कीजिये | 

 (i) 135 और 225 (ii) 196 और 38220 (iii) 867 और 255

हल:  

(1)    135 और 225

a = 225, b = 135 {सबसे बड़ी संख्या को a तथा सबसे छोटी संख्या को b मानते है }

युक्लिड विभाजन अल्गोरिथम के प्रयोग से

a = bq + r (तब)

225 = 135 ×1 + 90

135 = 90 ×1 + 45

90 = 45 × 2 + 0 {जब हमें r=0 प्राप्त हो जाता है तो हम आगे हल करना बंद कर देते है }

b = 45 {फिर उसमे से b का मान HCF होता है;}

HCF = 45

हल:

(ii)    196 और 38220

a = 38220, b = 196  {सबसे बड़ी संख्या को a तथा सबसे छोटी संख्या को b मानते है }

युक्लिड विभाजन अल्गोरिथम के प्रयोग से

a = bq + r (तब)

38220= 196 ×195 + 0  {जब हमें r=0 प्राप्त हो जाता है तो हम आगे हल करना बंद कर देते है }

b = 196      {फिर उसमे से b का मान HCF होता है;}

HCF = 196

हल:

(iii)   867 और 255

a = 867, b = 255 {सबसे बड़ी संख्या को a तथा सबसे छोटी संख्या को b मानते है }

युक्लिड विभाजन अल्गोरिथम के प्रयोग से

a = bq + r (तब)

38220= 196 ×195 + 0 {जब हमें r=0 प्राप्त हो जाता है तो हम आगे हल करना बंद कर देते है }

b = 196  {फिर उसमे से b का मान HCF होता है;}

HCF = 196

Ex 1.1 Class 10 गणित प्र.2. दर्शाइए कि कोई भी धनात्मक विषम पूर्णांक 6q + 1, या 6q + 3, या 6q + 5, के रूप का होता है जहाँ q कोई पूर्णांक है |

हल:

दर्शाना है: a = 6q + 1, 6q+3 या  6q+5

माना कि a कोई धनात्मक विषम पूर्णांक है;  जहाँ b = 6 होगा,

जब हम 6 से a को विभाजित करते है जो शेषफल क्रमश: 0, 1, 2, 3, 4 और 5 पाते है;

जहाँ 0 ≤ r < b

यहाँ a एक विषम संख्या है इसलिए शेषफल भी विषम संख्या प्राप्त होता है |

शेषफल होगा 1 या 3 या 5

युक्लिड विभाजन अल्गोरिथम के प्रयोग से हम पाते है;

a = 6q + 1, 6q+3 या 6q+5

Ex 1.1 Class 10 गणित प्र०3. किसी परेड में 616 सदस्यों वाली एक सेना (आर्मी) की टुकड़ी को 32 सदस्यों वाले एक आर्मी बैंड के पीछे मार्च करना है | दोनों समूहों को समान संख्या वाले स्तंभों में मार्च करना है | उन स्तंभों की अधिकतम संख्या क्या है, जिसमें वे मार्च कर सकते है ?

हल:

स्तंभों की अधिकतम संख्या = HCF (616, 32)

a = 616, b = 32  {सबसे बड़ी संख्या को a तथा सबसे छोटी संख्या को b मानते है }

युक्लिड विभाजन अल्गोरिथम के प्रयोग से

a = bq + r (तब)

616 = 32 ×19 + 8  {जब हमें r=0 प्राप्त हो जाता है तो हम आगे हल करना बंद कर देते है }

32 = 8 × 4 + 0

b = 8 {b का मान HCF होता है}

HCF = 8

इसलिए स्तंभों की अधिकतम संख्या = 8

Ex 1.1 Class 10 गणित प्र०4. यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करके दर्शाइए कि किसी धनात्मक पूर्णांक का वर्ग, किसी पूर्णांक m के लिए 3m या 3m + 1 के रूप का होता है |

हल :

दर्शाना है : a2 = 3m or 3m + 1

a = bq + r

माना कि a कोई धनात्मक पूर्णांक है जहाँ b = 3 और r = 0, 1, 2 क्योंकि 0 ≤ r < 3

तब a = 3q + r  कुछ पूर्णांक के लिए q ≥ 0

इसलिए, a = 3q + 0 or 3q + 1 or 3q + 2

अब हम पाते है;

⇒ a2 = (3q + 0)2 or (3q + 1)2 or (3q +2)2

⇒ a2 = 9q2 or 9q2 + 6q + 1 or 9q2 + 12q + 4

⇒ a2 = 9q2 or 9q2 + 6q + 1 or 9q2 + 12q + 3 + 1

⇒ a2 = 3(3q2) or 3(3q2 + 2q) + 1 or 3(3q2 + 4q + 1) + 1

यदि m = (3q2) or (3q2 + 2q)  or (3q2 + 4q + 1) हो तो

हम पाते है कि ;

a2 = 3m or 3m + 1 or 3m + 1

Ex 1.1 Class 10 गणित प्र०5. यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करके दर्शाइए कि किसी धनात्मक पूर्णांक का घन 9m, 9m + 1 या 9m + 8 के रूप का होता है |

हल:

माना, a कोई धनात्मक पूर्णांक है;

युकिल्ड विभाजन प्रमेयिका के प्रयोग से;

a = bq + r जहाँ; 0 ≤ r < b

b = 9 रखने पर

a = 9q + r जहाँ; 0 ≤ r < 9

जब r = 0 हो;

a = 9q + 0 = 9q

a3  = (9q)3 = 9(81q3) या 9m जहाँ m = 81q3

जब r = 1 हो

a = 9q + 1

a3 = (9q + 1)3 = 9(81q3 + 27q2 + 3q) + 1

= 9m + 1  जहाँ m = 81q3 + 27q2 + 3q

जब r = 2 हो तो

a = 9q + 2

a3  = (9q + 2)3 = 9(81q3 + 54q2 + 12q) + 8

= 9m + 2  जहाँ m = 81q3 + 54q2 + 12q

अत: किसी धनात्मक पूर्णांक का घन 9m, 9m + 1 या 9m + 8 के रूप का होता है |

प्रश्नावली 1.2

Ex 1.2 Class 10 गणित Q1. निम्नलिखित संख्याओं को अभाज्य गुणनखंड के रूप में व्यक्त कीजिये :
(i) 140   

हल:

NCERT Solutions For Class 10 Maths Hindi Medium PDF
140 का अभाज्य गुणनखंड
= 22 × 5 × 7

(ii) 156

हल:

NCERT Solutions For Class 10 Maths Hindi Medium PDF 1
156 का अभाज्य गुणनखंड
= 22 × 3 × 13

(iii) 3825

हल:

NCERT Maths Solutions For Class 10 Hindi Medium

3825 का अभाज्य गुणनखंड
= 32 × 52 × 17

(iv) 5005

हल:

NCERT Solutions For Class 10 Maths Hindi Medium

5005 का अभाज्य गुणनखंड
= 5 × 7 × 11 × 13

(v) 7429

हल:

NCERT Maths Hindi Medium Solutions For Class 10
7429 का अभाज्य गुणनखंड
= 17 x 19 x 23

Ex 1.2 Class 10 गणित Q2. पूर्णांकों के निम्नलिखित युग्मों के LCM and HCF ज्ञात कीजिए तथा इसकी जाँच कीजिए कि दो संख्याओं का गुणनफल = LCM × HCF है| 

(i) 26 and 91

हल:

26 = 2 × 13

91 = 7 × 13

सार्व गुणनखंड = 13

∴ HCF = 13

LCM = 2 × 7 × 13 = 182

अब, जाँच,

दो संख्याओं का गुणनफल = LCM × HCF

N1 × N2 = LCM × HCF

26 × 91 = 13 × 182

2366 =  2366

इति सिद्धम |

(ii) 510 and 92

हल:

510 = 2 × 3 × 5 × 17

92 = 2 × 2 × 23

सार्व गुणनखंड = 2

∴ HCF = 2

LCM = 2 × 2 × 3 × 5 × 17 × 23 =  23460

अब, जाँच,

दो संख्याओं का गुणनखंड = LCM × HCF

N1 × N2 = LCM × HCF

510 × 92 = 2 × 23460

46920 =  46920

इति सिद्धम |

(iii) 336 and 54

हल:

336 = 2 × 2 × 2 × 2 × 3 × 7

54 = 2 × 3 × 3 × 3

सार्व गुणनखंड = 2 × 3

∴ HCF = 6

LCM = 2 × 2 × 2× 2 × 3 × 3 × 3 × 7 =  3024

जाँच,

दो संख्याओं का गुणनफल = LCM × HCF

N1 × N2 = LCM × HCF

336 × 54 = 6 × 3024

18144 =  18144

इति सिद्धम |

Ex 1.2 Class 10 गणित Q3. अभाज्य गुणनखंड विधि द्वारा निम्नलिखित पूर्णांकों के LCM और HCF ज्ञात कीजिए |

(i) 12, 15 and 21

हल:

12 = 2 × 2 × 3

15 = 5 × 3

21 = 7 × 3

सार्व गुणनखंड = 3

HCF = 3

​LCM = 3 × 2 × 2 × 5 × 7 = 420

(ii) 17, 23 and 29

हल:

17 = 1 × 17

23 = 1 × 23

29 = 1 × 29

HCF = 1

LCM = 17 × 23 × 29 = 11339

(iii) 8, 9 and 25

हल:

8 = 2 × 2 × 2

9 = 3 × 3

25 = 5 × 5

यहाँ 1 को छोड़कर अन्य कोई सार्व गुणनखंड नहीं है |

∴ HCF = 1

LCM = 2 × 2 × 2 × 3 × 3 × 5 × 5

= 8 × 9 × 25

= 1800

Ex 1.2 Class 10 गणित Q4. HCF (306, 657) = 9, दिया है | LCM (306, 657) ज्ञात कीजिए | 

हल:

HCF (306, 657) = 9

LCM × HCF = ​N1 × N2

Maths NCERT Solutions For Class 10 Hindi Medium
NCERT Solutions For Maths Class 10 Hindi Medium
LCM = 22338

Ex 1.2 Class 10 गणित Q5. जाँच कीजिए कि क्या किसी प्राकृत संख्या n के लिए संख्या 6n अंक 0 पर समाप्त हो सकती है | 

हल:

6n का अभाज्य गुणनखंड = (2 × 3 )n

जबकि, कोई प्राकृत संख्या जो शून्य पर समाप्त होती है उसके अभाज्य गुणनखंड (2 × 5 )n के रूप का होता है |

अत:, 6n शून्य पर समाप्त नहीं होगी |

Ex 1.2 Class 10 गणित Q6. व्याख्या कीजिए 7 × 11 × 13 + 13 और 7 × 6 × 5 × 4 × 3 × 2 × 1 + 5 भाज्य संख्या क्यों है ?

हल :

माना A = 7 × 11 × 13 + 13

= 13 (7 × 11 + 1)

= 13 (77 + 1)

= 13 × 78

अत: यह एक भाज्य संख्या है क्योंकि इसके अभाज्य गुणनखंड में 1 को छोड़कर अन्य दो गुणनखंड हैं |

इसीप्रकार,

माना B = 7 × 6 × 5 × 4 × 3 × 2 × 1 + 5

= 5 (7 × 6 × 4 × 3 × 2 × 1 + 1)​

= 5 × (1008 + 1)

= 5  ×  1009

अत: यह भी एक भाज्य संख्या है क्योंकि इसके भी अभाज्य गुणनखंड में 1 को छोड़कर अन्य दो गुणनखंड हैं |

Ex 1.2 Class 10 गणित Q7. किसी खेल के मैदान के चारों ओर एक वृत्ताकार पथ है। इस मैदान का एक चक्कर लगाने में सोनिया को 18 मिनट लगते हैं, जबकि इसी मैदान का एक चक्कर लगाने में रवि को 12 मिनट लगते हैं। मान लीजिए वे दोनों एक ही स्थान और एक ही समय पर चलना प्रारंभ करके एक ही दिशा में चलते हैं। कितने समय बाद वे पुनः प्रांरभिक स्थान पर मिलेंगे?

हल: 

एक चक्कर में सोनिया 18 मिनट लेती हैं |

रवि एक चक्कर में 12 लगाता है |

वे दोनों एक ही स्थान पर LCM(18, 12) मिनट के बाद मिलेंगे |

अत:

18 = 2 × 3 × 3

12 = 2 × 2 × 3

HCF = 2 × 3 = 6

 Hindi Medium Solutions For NCERT Maths Class 10
= 36 मिनट |

प्रश्नावली 1.3 

Ex 1.3 Class 10 गणित Q1. सिद्ध कीजिए कि √5 एक अपरिमेय संख्या है |

हल :

इसके विपरीत मान लीजिए कि √5 एक परिमेय संख्या है |

हम किसी भी परिमेय संख्या को p/q के रूप में व्यक्त कर सकते है जहाँ p तथा q दो पूर्णांक है और q  ≠ 0 है | 

इसलिए,

NCERT Solutions for Class 10th Mathematics Chapter 1 Real Numbers (Hindi Medium) 1.2 10
NCERT Hindi Medium Solutions Of Maths For Class 10
यहाँ 5 aको विभाजित करता है अत: 5 a को भी विभाजित करेगा | ….(1)

प्रमेय 1.3 द्वारा ]

अत: a = 5c माना      [ क्योंकि a 5 द्वारा विभाजित होता है अर्थात a का 5 कोई गुनाखंड है |]

5b2 = a2 में a = 5c रखने पर

⇒          5b2 = (5c)2

⇒          5b2 = 25c2

⇒            b2 = 5c2

NCERT Solutions for Class 10th Mathematics Chapter 1 Real Numbers (Hindi Medium) 1.2 11

यहाँ 5 bको विभाजित करता है अत: 5 b को भी विभाजित करेगा | ….(2)

प्रमेय 1.3 द्वारा ]

समीकरण (1) तथा (2) से हम पाते है कि 5 a तथा b दोनों को विभाजित करता है जिसमें 5 एक उभयनिष्ठ गुणनखंड है |

इससे हमारी इस तथ्य का विरोधाभास प्राप्त होता है कि a तथा b में 1 के अतिरिक्त कोई उभयनिष्ठ गुणनखंड नहीं है |

यह विरोधाभासी परिणाम हमारी गलत कल्पना से प्राप्त हुआ है कि

अत: √5 एक अपरिमेय संख्या है |

Ex 1.3 Class 10 गणित Q2.  सिद्ध कीजिए  कि 3 + 2√5 एक अपरिमेय संख्या है |

हल :

इसके विपरीत मान लीजिए कि 3 + 2√5 एक परिमेय संख्या है |

हम किसी भी परिमेय संख्या को p/q के रूप में व्यक्त कर सकते है जहाँ p तथा q दो पूर्णांक है और q  ≠ 0 है | 

इसलिए,

NCERT Solutions for Class 10th Mathematics Chapter 1 Real Numbers (Hindi Medium) 1.2 12

और p तथा q को उभयनिष्ठ गुणनखंड से विभाजित कर एक सह-अभाज्य संख्या a तथा b प्राप्त कर सकते हैं |

Maths Hindi Medium Solutions For Class 10 NCERT

चूँकि a तथा b पूर्णांक है और 2 तथा 3 भी पूर्णांक है |

NCERT Solutions for Class 10th Mathematics Chapter 1 Real Numbers (Hindi Medium) 1.2 14

इससे एक विरोधाभासी परिणाम प्राप्त होता है कि √5 परिमेय संख्या है |

ऐसा विरोधाभासी परिणाम हमारी गलत कल्पना से प्राप्त हुआ है कि 3 + 2√5 एक परिमेय संख्या है |

अत: 3 + 2√5 एक अपरिमेय संख्या है |

Solutions For Maths NCERT Class 10 Hindi Medium
NCERT Books Solutions For Class 10 Maths Hindi Medium
यहाँ 2 bको विभाजित करता है अत: 2, b को भी विभाजित करेगा | ….(1)

प्रमेय 1.3 द्वारा ]

अत: b = 2c माना      [ क्योंकि a 5 द्वारा विभाजित होता है | ]

NCERT Maths Book Solutions For Class 10 Hindi Medium
यहाँ 2 aको विभाजित करता है अत: 2 a को भी विभाजित करेगा | ….(2)

प्रमेय 1.3 द्वारा ]

समीकरण (1) तथा (2) से हम पाते है कि 2 a तथा b दोनों को विभाजित करता है जिसमें 2 एक उभयनिष्ठ गुणनखंड है |

इससे हमारी इस तथ्य का विरोधाभास प्राप्त होता है कि a तथा b में 1 के अतिरिक्त कोई उभयनिष्ठ गुणनखंड नहीं है, क्योंकि हमने a तथा b को सह-अभाज्य प्राप्त किया था |

यह विरोधाभासी परिणाम हमारी गलत कल्पना से प्राप्त हुआ है कि

CBSE NCERT Maths Hindi Medium Solutions For Class 10
CBSE NCERT Solutions For Class 10 Maths Hindi Medium
NCERT Maths Textbook For Class 10 Hindi Medium Solutions

प्रश्नावली 1.4 

Ex 1.4 Class 10 गणित Q1. बिना लंबी विभाजन प्रक्रिया किए बताइए कि निम्नलिखित परिमेय संख्याओं के दशमलव प्रसार सांत हैं या असांत आवर्ती हैं :

NCERT Books For Class 10 Maths Hindi Medium Solutions

हल :

NCERT Maths Textbook Hindi Medium Solutions For Class 10
हर का अभाज्य गुणनखंड 55 है और इसे 2× 5n के रूप में व्यक्त किया जा सकता है अत: यह एक सांत दशमलव प्रसार है |

NCERT Book Solutions For Class 10 Maths Hindi Medium
हर का अभाज्य गुणनखंड 23 है और इसे 2× 5n के रूप में व्यक्त किया जा सकता है अत: यह एक सांत दशमलव प्रसार है |

NCERT Solutions For Class 10 Maths Hindi Medium PDF Free Download
हर का अभाज्य गुणनखंड 5 × 7 × 13 है और इसे 2× 5n के रूप में व्यक्त नहीं किया जा सकता है अत: यह एक असांत दशमलव प्रसार है |

NCERT Book Solutions For Class 10 Maths Hindi Medium Real Numbers
हर का अभाज्य गुणनखंड 26 × 52 है और यह 2× 5n के रूप में व्यक्त है अत: यह एक सांत दशमलव प्रसार है |

NCERT Textbook Solutions For Class 10 Maths Hindi Medium Real Numbers 1.2 27
NCERT Books Solutions For Class 10 Maths Hindi Medium PDF Real Numbers (Hindi Medium) 1.2 28
NCERT Solutions for Class 10th Mathematics Chapter 1 Real Numbers (Hindi Medium) 1.2 29
Download NCERT Hindi Medium Solutions For Class 10 Maths Real Numbers
NCERT Solutions For Class 10 Maths PDF Real Numbers Hindi Medium
Q2. ऊपर दिए गए प्रश्न में उन परिमेय संख्याओं के दशमलव प्रसारों को लिखिए जो सांत हैं |

हल : प्रश्न संख्या 1 में सांत दशमलव प्रसार वाले प्रश्न निम्नलिखित हैं |

(i), (ii), (iii), (iv), (vi), (viii) और (ix)

NCERT Maths Solutions For Class 10 Real Numbers Hindi Medium 1.2 32
Maths NCERT Solutions For Class 10 Chapter 1 Real Numbers Hindi Medium 1.2 33
NCERT Solutions For Maths Class 10 Real Numbers Hindi Medium 1.2 34
Solutions For NCERT Maths Class 10 Chapter 1 Real Numbers Hindi Medium 1.2 35

Hope given NCERT Solutions for Class 10 Maths Chapter 1 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 10 Maths Chapter 1 Real Numbers (Hindi Medium) Read More »

NCERT Solutions for Class 10 English First Flight Poem 8 The Trees

NCERT Solutions for Class 10 English

The Trees NCERT Solutions for Class 10 English First Flight Poem 8

The Trees NCERT Text Book Questions and Answers

The Trees Thinking about the Poem

Question 1.
(i) Find, in the first stanza, three things that cannot happen in a treeless forest.
(ii) What picture do these words create in your mind: sun bury its feet in shadow…”? What could the poet mean by the sun’s feet’?
Answer:
(i) birds, insects, sunrays through leaves
(ii) In an area with dense forest cover sun enters through leaves and presents a splendid view. Sun’s feet are sun’s rays.

Question 2.
(i) Where are the trees in the poem? What do their roots, their leaves, and their twigs do?
(ii) What does the poet compare their branches to ?
Answer:
(i) Out of the forest. Roots come out of their cracks. Leaves strain towards the glass. Twigs are stiff.
(ii) The branches are compared to newly discharged patients.

NCERT Solutions for Class 10 English First Flight Poem 8 The Trees

Question 3.
(i) How does the poet describe the moon:
(a) at the beginning of the third stanza, and
(b) at its end? What causes this change?
(ii) What happens to the house when the trees move out of it?
(iii) Why do you think the poet does not mention “the departure of the forest from the house” in her letters ? (Could it be that we are often silent about important happenings that are so unexpected that they embarrass us? Think about this again when you answer the next set of questions.)
Answer:
(i) (a) The whole moon shines brightly.
(b) The moon is shining in fragments.
As the night was moving towards its end, the moon was slowly disappearing.
(ii) The house became silent and lifeless.
(iii) Self-attempt.

The Trees Extra Questions and Answers

The Trees Reference-to-Context Questions

Read the stanza given below and answer the questions that follow:

Question 1.
The trees inside are moving out into the forest,
the forest that was empty all these days
where no bird could sit
no insect hide
no sun bury its feet in shadow
the forest that was empty all these nights
will be full of trees by morning.

(a) The Sun their feet in the trees.
Answer:
buries

(b) The poet conveys that trees are into the forest.
Answer:
moving

(c) The forest will be full of trees by evening.
Answer:
False

(d) Find the antonym of ‘full’ in the extract.
Answer:
empty

NCERT Solutions for Class 10 English First Flight Poem 8 The Trees

Question 2.
All night the roots work
to disengage themselves from the cracks
in the veranda floor.

(a) The roots are separating themselves from the
Ans.
cracks

(b) The trees want to to the forest.
Answer:
go back

(c) The trees are outside the floor of the verandah.
Answer:
False

(d) Find the same meaning of ‘to become free’.
Answer:
slouching

NCERT Solutions for Class 10 English First Flight Poem 8 The Trees

Question 3.
The leaves strain toward the glass
small twigs stiff with exertion
long-cramped boughs shuffling under the roof
like newly discharged patients
half-dazed, moving to the clinic doors.

(a) The boughs have been compared to the newly discharged …………
Answer:
patients

(b) The leaves ………. toward the glass in an attempt to move out.
Answer:
strain

(c) The long-cramped boughs are shuffling under the roof.
Answer:
True

(d) Find the same meaning of ‘changing place’ in the extract.
Answer:
shuffling

NCERT Solutions for Class 10 English First Flight Poem 8 The Trees

Question 4.
I sit inside, doors open to the veranda
writing long letters
in which I scarcely mention the departure
of the forest from the house.

(a) The poet is writing long ………..
Answer:
letters

(b) The poet does not write about the ……… of the trees in his letter.
Answer:
departure

(c) The poet is sitting on the floor.
Answer:
False

(d) Find a word which is same in meaning to ‘hardly’ in the extract.
Answer:
scarcely

NCERT Solutions for Class 10 English First Flight Poem 8 The Trees

Question 5.
The night is fresh, the whole moon shines
in a sky still open
the smell of leaves and lichen
still reaches like a voice into the rooms.

(a) The poet compares the ……….. of leaves to a voice.
Answer:
smell

(b) The whole moon …………… when the sky is clear.
Answer:
shines

(c) The poet says about the atmosphere of the night that it is fresh. (True/False)
Answer:
True

(d) Find the same meaning of ‘clear’ in the extract.
Answer:
Fresh

NCERT Solutions for Class 10 English First Flight Poem 8 The Trees

Question 6.
My head is full of whispers
which tomorrow will be silent.
Listen. The glass is breaking.
The trees are stumbling forward
into the night.

(a) It will be silent tomorrow because the trees will have ……………. of the house.
Answer:
moved out

(b) The poet listens to the ………….. of glass.
Answer:
breaking

(c) ‘Whispers’ refers to sounds caused by the movement of trees and branches. (True/False)
Answer:
True

(d) Find the same meaning of the phrase “tripping over” in the extract.
Answer:
stumbling forward.

NCERT Solutions for Class 10 English First Flight Poem 8 The Trees

Question 7
Winds rush to meet them.
The moon is broken like a mirror,
its pieces flash now in the crown
of the tallest oak.

(a) The moon looks like a broken because it is seen through the branches.
Answer:
mirror

(b) The rays of the moon fall on the tallest
Answer:
oak

(c) Trees rush to meet the winds. (True/False)
Answer:
False

(d) Find the same meaning of the ‘shine’ in the extract.
Answer:
flash

The Trees Short Answer Question

Question 1.
What are the three things that can’t happen in a treeless forest? [2017]
Answer:
The three things that can’t happen in a treeless forest are :

  • the sitting of a bird on trees
  • the hiding of insects and
  • the sun burying its feet in the shadow of the forest.

NCERT Solutions for Class 10 English First Flight Poem 8 The Trees

The Trees Long Answer Question

Question 1.
‘Give me liberty or give me death’. How far does this phrase illustrate the theme of the poem ‘Trees’?
Answer:
This poem, dwelling upon the rejuvenating spirit of liberty, likens it to reforestation. Without a forest,(freedom), the birds lacked a perch, the insects a hiding place, the sun a shady footrest and nights were empty. Freedom is a hard-won, but silent battle, like disengaging roots from cracks in a verandah floor.

The foliage, like secondary freedom forces, strives to break free through the window glass, and boughs shuffle out from under the roof. Chroniclers of freedom take an overview, as if from a verandah. Their writings hail freedom but scarcely record individual struggles towards freedom.

The writer’s head is filled with freedom’s possibilities while the actual movement towards freedom surges through symbolic shuttered glass panels, into the night.

NCERT Solutions for Class 10 English First Flight Poem 8 The Trees Read More »

NCERT Solutions for Class 10 Social Science Geography Chapter 1 Hindi

NCERT Solutions for Class 10 Social Science Geography Chapter 1 Resource and Development (संसाधन एवं विकास)

NCERT Solutions for Class 10 Social Science Geography Chapter 1 Resource and Development (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 10 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Social Science Geography Chapter 1 Resource and Development.

प्रश्न अभ्यास

पाठ्यपुस्तक से संक्षेप में लिखें

1. बहुवैकल्पिक प्रश्न

(i) लौह अयस्क किस प्रकार का संसाधन है?
(क) नवीकरण योग्य
(ख) प्रवाह
(ग) जैव
(घ) अनवीकरण योग्य

(ii) ज्वारीय ऊर्जा निम्नलिखित में से किस प्रकार का संसाधन है?
(क) पुनः पूर्ति योग्य
(ख) अजैव
(ग) मानवकृत
(घ) अचक्रीय

(iii) पंजाब में भूमि निम्नीकरण का निम्नलिखित में से मुख्य कारण क्या है?
(क) गहन खेती
(ख) अधिक सिंचाई
(ग) वनोन्मूलन
(घ) अति पशुचारण

(iv) निम्नलिखित में से किस प्रांत में सीढ़ीदार (सोपानी) खेती की जाती है?
(क) पंजाब
(ख) उत्तर प्रदेश के मैदान
(ग) हरियाणा
(घ) उत्तरांचल

(v) इनमें से किस राज्य में काली मृदा पाई जाती है?
(क) जम्मू और कश्मीर
(ख) राजस्थान
(ग) गुजरात
(घ) झारखंड

उत्तर (i) (घ) (ii) (क) (iii) (ख) (iv) (घ), (v) (घ)।

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए

(i) तीन राज्यों के नाम बताएँ जहाँ काली मृदा पाई जाती है। इस पर मुख्य रूप से कौन-सी फसल उगाई जाती है?
उत्तर काली मृदा का रंग काला होता है। इन्हें रेंगर मृदा भी कहते हैं। ये लावाजनक शैलों से बनती हैं। ये मृदाएँ महाराष्ट्र, सौराष्ट्र, मालवा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के पठार पर पाई जाती हैं। काली मृदा कपास की खेती के लिए उचित समझी जाती है। इसे काली कपास मृदा के नाम से भी जाना जाता है।

(ii) पूर्वी तट के नदी डेल्टाओं पर किस प्रकार की मृदा पाई जाती है? इस प्रकार की मृदा की तीन मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर पूर्वी तट के नदी डेल्टाओं पर जलोढ़ मृदा पाई जाती है। इस जलोढ़ मृदा की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • यह मृदा हिमालय के तीन महत्त्वपूर्ण नदी तंत्रों- सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों द्वारा लाए गए निक्षेपों से | बनी है।
  • जलोढ़ मृदा में रेत, सिल्ट और मृत्तिका के विभिन्न अनुपात पाए जाते हैं। जैसे-जैसे हम नदी के मुहाने से घाटी में ऊपर की ओर जाते हैं, मृदा के कणों को आकार बढ़ता चला जाता है।
  • जलोढ़ मृदा बहुत उपजाऊ होती है। अधिकतर जलोढ़ मृदाएँ पोटाश, फास्फोरस और चूनायुक्त होती हैं जो इनको | गन्ने, चावल, गेहूँ और अन्य अनाजों और दलहन फसलों की खेती के लिए उपयुक्त बनाती हैं। अधिक उपजाऊपन के कारण जलोढ़ मृदा वाले क्षेत्रों में गहन कृषि की जाती है।

(iii) पहाड़ी क्षेत्रों में मृदा अपरदन की रोकथाम के लिए क्या कदम उठाने चाहिए?
उत्तर मृदा के कटाव और उसके बहाव की प्रक्रिया को मृदा अपरदन कहते हैं। विभिन्न मानवीय तथा प्राकृतिक कारणों से मृदा अपरदन होता रहता है। पहाड़ी क्षेत्रों में मृदा अपरदन की रोकथाम के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जाने चाहिए

  • पर्वतीय ढालों पर समोच्च रेखाओं के समानांतर हल चलाने से ढाल के साथ जल बहाव की गति घटती है। इसे | समोच्च जुताई कहा जाता है।
  • पर्वतीय ढालों पर सीढ़ीदार खेत बनाकर अवनालिका अपरदन को रोका जा सकता है। पश्चिमी और मध्य हिमालय में सोपान अथवा सीढ़ीदार कृषि काफी विकसित है।
  • पर्वतीय क्षेत्रों में पट्टी कृषि के द्वारा मृदा अपरदन को रोका जाता है। इसमें बड़े खेतों को पट्टियों में बाँटा जाता | है। फसलों के बीच में घास की पट्टियाँ उगाई जाती हैं। ये पवनों द्वारा जनित बल को कमजोर करती हैं।
  • पर्वतीय ढालों पर बाँध बनाकर जल प्रवाह को समुचित ढंग से खेती के काम में लाया जा सकता है। मृदा रोधक बाँध अवनालिकाओं के फैलाव को रोकते हैं।

(iv) जैव और अजैव संसाधन क्या होते हैं? कुछ उदाहरण दें।
उत्तर जैव संसाधन-वे संसाधन जिनकी प्राप्ति जीवमंडल से होती है और जिनमें जीवन व्याप्त होता है, जैव संसाधन कहलाते हैं, जैसे-मनुष्य, वनस्पति जगत, प्राणी जगत, पशुधन तथा मत्स्य जीवन आदि। अजैव संसाधन-वे सारे संसाधन जो निर्जीव वस्तुओं से बने हैं, अजैव संसाधन कहलाते हैं, जैसे-चट्टानें और धातुएँ ।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए
(i) भारत में भूमि उपयोग प्रारूप का वर्णन करें। वर्ष 1960-61 से वन के अंतर्गत क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण वृद्धि नहीं हुई, इसका क्या कारण है?
उत्तर भारत में भूमि का उपयोग अलग-अलग प्रकार के कार्यों में किया जाता है। कुल भूमि में से 93 प्रतिशत भोग के ही उपयोग के आँकड़े उपलब्ध हैं। कुल प्राप्त भूमि में से 46.6 प्रतिशत भूमि शुद्ध बोये गए क्षेत्र के अंतर्गत आती है।

22.5 प्रतिशत भूमि पर वन हैं। 13.8 प्रतिशत भूमि बंजर और कृषि अयोग्य भूमि है। 7.7 प्रतिशत भूमि परती भूमि है। 4.8 प्रतिशत भूमि पर चारागाह और बागान हैं। 4.6 प्रतिशत बंजर भूमि है। वर्ष 1960-61 से वन के अंतर्गत क्षेत्र में वृद्धि तो हुई है किंतु यह वृद्धि बहुत मामूली है। राष्ट्रीय वन नीति (1952) के अनुसार 33 प्रतिशत भूमि पर वन होने चाहिए किंतु भारत में बढ़ती जनसंख्या, अधिक औद्योगीकरण आदि के कारण निरंतर वनों के कटाव से वन भूमि में अधिक वृद्धि नहीं हो पाई है। लगातार भू-उपयोग के कारण भू-संसाधनों का निम्नीकरण हो रहा है। अधिक वन पर्यावरण को संतुलित करते हैं, मृदा अपरदन को रोकते हैं तथा भूमि को निम्नीकरण से बचाते हैं। इसलिए अधिक-से-अधिक वृक्ष लगाकर वनों के प्रतिशत को बढ़ाना जरूरी है।

परियोजना कार्य प्रश्न

1. अपने आसपास के क्षेत्रों में संसाधनों के उपभोग और संरक्षण को दर्शाते हुए एक परियोजना तैयार करें।
उत्तर विद्यार्थी इस परियोजना को स्वयं करें। प्रश्न

2. आपके विद्यालय में उपयोग किए जा रहे संसाधनों के संरक्षण विषय पर अपनी कक्षा में एक चर्चा आयोजित करें।
उत्तर विद्यार्थी अध्यापक की उपस्थिति में अपनी कक्षा में उपरोक्त विषय पर चर्चा करें। प्रश्न

3. वर्ग पहेली को सुलझाएँ; ऊर्ध्वाधर और क्षैतिज छिपे उत्तरों को ढूंढे।
नोट: पहेली के उत्तर अंग्रेजी के शब्दों में है। (पाठ्यपुस्तक पृष्ठ संख्या 14 देखें)
उत्तर

  • भूमि, जल, वनस्पति और खनिजों के रूप में प्राकृतिक सम्पदा-Resources
  • अनवीकरण योग्य संसाधन का एक प्रकार-Minerals
  • उच्च नमी रखाव क्षमता वाली मृदा-Black soil
  • मानसून जलवायु में अत्यधिक निक्षालित मृदाएँ-Laterite soil
  • मृदा अपरदन की रोकथाम के लिए बृहत् स्तर पर पेड़ लगाना-Afforestation
  • भारत के विशाल मैदान इन मृदाओं से बने हैं-Alluvial soil.

Hope given NCERT Solutions for Class 10 Social Science Geography Chapter 1 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 10 Social Science Geography Chapter 1 Resource and Development (संसाधन एवं विकास) Read More »

NCERT Solutions for Class 10 Social Science Geography Chapter 5 Hindi

NCERT Solutions for Class 10 Social Science Geography Chapter 5 Minerals and Energy Resources (खनिज और ऊर्जा संसाधन)

NCERT Solutions for Class 10 Social Science Geography Chapter 5 Minerals and Energy Resources (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 10 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Social Science Geography Chapter 5 Minerals and Energy Resources.

प्रश्न अभ्यास

पाठ्यपुस्तक से

संक्षेप में लिखें

1. बहुवैकल्पिक प्रश्न
(i) निम्नलिखित में से कौन-सा खनिज अपक्षयित पदार्थ के अवशिष्ट भार को त्यागता हुआ चट्टानों के अपघटन से बनता है?
(क) कोयला
(ख) बॉक्साइट
(ग) सोना
(घ) जस्ता

(ii) झारखंड में स्थित कोडरमा निम्नलिखित में से किस खनिज का अग्रणी उत्पादक है?
(क) बॉक्साइट
(ख) अभ्रक
(ग) लौह अयस्क
(घ) ताँबा

(iii) निम्नलिखित चट्टानों में से किस चट्टान के स्तरों में खनिजों का निक्षेपण और संचयन होता है?
(क) तलछटी चट्टानें
(ख) आग्नेय चट्टानें
(ग) कायांतरित चट्टानें ।
(घ) इनमें से कोई नहीं।

(iv) मोनाजाइट रेत में निम्नलिखित में से कौन-सा खनिज पाया जाता है?
(क) खनिज तेल
(ख) यूरेनियम
(ग) थोरियम
(घ) कोयला।
उत्तर (i) ख, (ti) ख, (iii) क, (iv) ग।

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।

(i) निम्नलिखित में अंतर 30 शब्दों में बताएं
(क) लौह और अलौह खनिज
(ख) परंपरागत तथा गैर परंपरागत ऊर्जा संसाधन
उत्तर (क) लौह और अलौह खनिज-वे खनिज जिनमें लोहे का अंश अधिक होता है, लौह खनिज कहलाते हैं। जैसे-लौह अयस्क, मैंगनीज, निकल व कोबाल्ट आदि। जिन खनिजों में लोहे का अंश नहीं होता या बहुत कम होता है अलौह खनिज कहलाते हैं। जैसे–सोना, चाँदी, प्लेटिनम आदि।
(ख) परंपरागत और गैर परंपरागत ऊर्जा संसाधन-कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस से उत्पन्न की गई ताप विद्युत, जल विद्युत और परमाणु शक्ति आदि ऊर्जा के परंपरागत साधन हैं। इन साधनों का नवीकरण नहीं किया जा सकता। ये स्रोत सीमित तथा लगातार प्रयोग से समाप्त होने के कगार पर हैं। सूर्य, वायु, ज्वार भाटे, जयोथर्मिल, बायो गैस, खेतों और पशुओं का कूड़ा-करकट, मनुष्य को मलमूत्र आदि ऊर्जा के गैर परंपरागत साधन हैं। ये साधन नवीकरण योग्य हैं। इनका बार-बार प्रयोग किया जा सकता है।

(ii) खनिज क्या हैं?
उत्तर खनिज उन प्राकृतिक साधनों को कहते हैं जो शैलों से प्राप्त होते हैं। भू-वैज्ञानिकों के अनुसार खनिज एक प्राकृतिक रूप से विद्यमान समरूप तत्व है जिसकी एक निश्चित आंतरिक संरचना है। खनिज प्रकृति में अनेक रूपों में पाए जाते हैं जिसमें कठोर, ठोस एवं नरम चूना तक शामिल है।

(iii) आग्नेय तथा कायांतरित चट्टानों में खनिजों का निर्माण कैसे होता है?
उत्तर आग्नेय तथा कायांतरित चट्टानों में खनिज दरारों, जोड़ों, भ्रंशों व विवरों में मिलते हैं। छोटे जमाव शिराओं के रूप में और वृहत् जमाव परत के रूप में पाए जाते हैं। इनका निर्माण भी अधिकतर उस समय होता है जब ये तरल अथवा • गैसीय अवस्था में दरारों के सहारे भू-पृष्ठ की ओर धकेले जाते हैं। ऊपर आते हुए ये ठंडे होकर जम जाते हैं। मुख्य धात्विक खनिज जैसे–जस्ता, ताँबा, जिंक और सीसा आदि इसी तरह शिराओं व जमावों के रूप में प्राप्त होते हैं।

(iv) हमें खनिजों के संरक्षण की क्यों आवश्यकता है?
उत्तर वर्तमान औद्योगिक युग में विभिन्न प्रकार के खनिजों का भारी प्रयोग किया जाने लगा है। खनिज निर्माण की भूगर्भिक प्रक्रियाएँ इतनी धीमी हैं कि उनके वर्तमान उपभोग की दर की तुलना में उनके पुनर्भरण की दर अपरिमित रूप से थोड़ी है। इसलिए खनिज संसाधन सीमित तथा अनवीकरण योग्य है। समृद्ध खनिज निक्षेप हमारे देश की मूल्यवान संपत्ति हैं लेकिन ये अल्पजीवी हैं। अयस्कों के सतत् उत्खनन की गहराई बढ़ने के साथ उनकी गुणवत्ता घटती जाती है। इसलिए खनिजों के संरक्षण की आवश्यकता है। इसके लिए खनिजों का सुनियोजित एवं सतत् पोषणीय ढंग से प्रयोग करना होगा।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए।

(i) भारत में कोयले के वितरण का वर्णन कीजिए।
उत्तर मानव के विकास में कोयले का विशेष महत्त्व है। कोयले के चार प्रकार हैं
1. पीट-इसमें कम कार्बन, नमी की अधिक मात्रा व निम्न ताप क्षमता होती है।
2. लिग्नाइट-यह निम्न कोटि का भूरा कोयला होता है। यह मुलायम होने के साथ अधिक नमीयुक्त होता है।
3. बिटुमिनस-गहराई में दबे तथा अधिक तापमान से प्रभावित कोयले को बिटुमिनस कोयला कहा जाता है।
4. एंथेसाइट-यह सबसे उत्तम प्रकार का कोयला होता है जिसमें कार्बन की मात्रा 80 प्रतिशत से अधिक होती है। यह ठोस काला व कठोर होता है।

कोयले के भारत में विस्तृत भंडार हैं। भारत में कोयला दो प्रमुख भूगर्भिक युगों के शैल क्रम में पाया जाता है। एक गोंडवाना जिसकी आयु 200 लाख वर्ष से कुछ अधिक हैं और दूसरा टरशियरी निक्षेप जो लगभग 55 लाख वर्ष पुराने हैं। गोंडवाना कोयले, जो धातुशोधन कोयलें हैं, के प्रमुख संसाधन दामोदर घाटी (प० बंगाल तथा झारखंड), झरिया, रानीगंज, बोकारो में स्थित है जो महत्त्वपूर्ण कोयला क्षेत्र हैं। गोदावरी, महानदी, सोन व वर्धा नदी घाटियों में भी कोयले के जमाव पाए जाते हैं। टरशियरी कोयला क्षेत्र उत्तर-पूर्वी राज्यों मेघालय, असम, अरुणाचल प्रदेश व नागालैंड में पाया जाता है। 1997-98 में भारत में कोई 32 करोड़ टन कोयले का उत्पादन हुआ जबकि 1951 ई० में केवल 3.23 करोड़ टन कोयले का उत्पादन हुआ था। भारत में उत्पादित होने वाले कोयले का दो-तिहाई से भी अधिक भाग बिजली पैदा करने के काम आता है।

(ii) भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य उज्जवल है। क्यों?
उत्तर भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य बहुत उज्ज्वल है जिसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं

  1. भारत एक उष्ण कटिबंधीय देश है। यहाँ सौर ऊर्जा के दोहन की असीम संभावनाएँ हैं। एक अनुमान के अनुसार यह लगभग 20 मेगावाट प्रति वर्ग किलामीटर प्रति वर्ष है।
  2. भारत में फोटोवोल्टाइक तकनीक द्वारा धूप को सीधे विद्युत में परिवर्तित किया जाता है।
  3. भारत का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र भुज के निकट माधोपुर में स्थित है, जहाँ सौर ऊर्जा से दूध के बड़े बर्तनों को कीटाणुमुक्त किया जाता है।
  4. सूर्य का प्रकाश प्रकृति का मुफ्त उपहार है। इसलिए निम्न वर्ग के लोग आसानी से सौर ऊर्जा का लाभ उठा | सकते हैं।
  5. कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस आदि ऊर्जा के ऐसे स्रोत हैं जो एक बार प्रयोग के बाद दोबारा प्रयोग में नहीं लाए जा सकते, वहीं सौर ऊर्जा नवीकरणीय संसाधन हैं। इसे बार-बार प्रयोग में लाया जा सकता है।
  6. ऐसी अपेक्षा है कि सौर ऊर्जा के प्रयोग से घरों में उपलों तथा लकड़ी पर निर्भरता को न्यूनतम किया जा सकेगा। फलस्वरूप यह पर्यावरण संरक्षण में योगदान देगा और कृषि में भी खाद्य की पर्याप्त आपूर्ति होगी।
  7. सौर ऊर्जा का प्रयोग हम अनेक प्रकार से कर सकते हैं। जैसे-खाना बनाने, पंप द्वारा जल निकालने, पानी को गरम करने, दूध को कीटाणु रहित बनाने तथा सड़कों पर रोशनी करने आदि के लिए।

क्रियाकलाप

नीचे दी गई वर्ग पहेली में उपयुक्त खनिजों का नाम भरें
नोटः
पहेली के उत्तर अंग्रेजी के शब्दों में हैं। (पाठ्यपुस्तक पृष्ठ संख्या 68)
NCERT Solutions for Class 10 Social Science Geography Chapter 5 (Hindi Medium) 1
क्षैतिज

  1. एक लौह खनिज
  2. सीमेंट उद्योग में प्रयुक्त कच्चा माल
  3. चुंबकीय गुणों वाला सर्वश्रेष्ठ लोहा
  4. उत्कृष्ट कोटि का कठोर कोयला आयु
  5. इस अयस्क से एल्यूमिनियम प्राप्त किया जाता है।
  6. इस खनिज के लिए खेतरी खदानें प्रसिद्ध हैं।
  7. वाष्पीकरण से निर्मित

ऊर्ध्वाधर

  1. प्लेसर निक्षेपों से प्राप्त होता है।
  2. बेलाडिला में खनन किया जाने वाला लौह-अयस्क
  3. विद्युत उद्योग में अपरिहार्य
  4. उत्तरी-पूर्वी भारत में मिलने वाले कोयले की भूगर्भिक
  5. शिराओं तथा शिरानिक्षेपों में निर्मित

उत्तर क्षैतिजः 1. मैंगनीज 2. लाइमस्टोन 3. मैंग्नीटाइट 4. एन्थ्रासाइट 5. बॉक्साइट 6. ताँबा 7. जिप्सम
ऊर्ध्वाधरः 1. चट्टान 2. हेमेटाइट 3. कोयला 4. टरशियरी 5. टिन

Hope given NCERT Solutions for Class 10 Social Science Geography Chapter 5 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 10 Social Science Geography Chapter 5 Minerals and Energy Resources (खनिज और ऊर्जा संसाधन) Read More »

NCERT Solutions for Class 10 Social Science History in Hindi Medium Chapter 5

NCERT Solutions for Class 10 Social Science History Chapter 5 The Age of Industrialisation (औद्योगीकरण का युग)

NCERT Solutions for Class 10 Social Science History Chapter 5 The Age of Industrialisation (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 10 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Social Science History Chapter 5 The Age of Industrialisation.

प्रश्न अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

संक्षेप में लिखें

प्रश्न 1. निम्नलिखित की व्याख्या करें –

(क) ब्रिटेन की महिला कामगारों ने स्पिनिंग जेनी मशीनों पर हमले किए।
(ख) सत्रहवीं शताब्दी में यूरोपीय शहरों के सौदागर गाँवों में किसानों और कारीगरों से काम करवाने लगे।
(ग) सूरत बंदरगाह अठारहवीं सदी के अंत तक हाशिये पर पहुँच गया था।
(घ) ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में बुनकरों पर निगरानी रखने के लिए गुमाश्तों को नियुक्त किया था।

उत्तर (क) जेम्स हरग्रीज़ ने 1764 में स्पिनिंग जेनी नामक मशीन बनाई थी। इस मशीन ने कताई की प्रक्रिया तेज कर दी और
मज़दूरों की माँग घटा दी। एक ही पहिया घुमाने वाला एक मजदूर बहुत सारी तकलियों को घुमा देता था और एक साथ कई धागे बनने लगते थे। जब इन मशीनों का प्रयोग शुरू हुआ तो हाथ से ऊन कातने वाली औरतें इस तरह की मशीनों पर हमला करने लगी क्योंकि इस मशीन की वजह से उनका काम छिन गया था। इस मशीन की वजह । से शारीरिक श्रम की माँग घटने के कारण बहुत-सी महिलाएँ बेरोजगार हो गई थीं। इसलिए उन्होंने स्पिनिंग जेनी के प्रयोग का विरोध किया।
(ख)

  1. 17वीं शताब्दी में यूरोपीय शहरों के सौदागर गाँवों की तरफ़ रुख करने लगे थे। वे किसानों और कारीगरों को पैसा देते थे और उनसे अंतर्राष्ट्रीय बाजार के लिए उत्पादन करवाते थे।
  2. उस समय विश्व व्यापार के विस्तार और दुनिया के विभिन्न भागों में उपनिवेशों की स्थापना के कारण चीजों की माँग बढ़ने लगी थी। इस माँग को पूरा करने के लिए केवल शहरों में रहते हुए उत्पादन नहीं बढ़ाया जा सकता था। इसलिए नए व्यापारी गाँवों की तरफ जाने लगे।
  3. गाँवों में गरीब काश्तकार और दस्तकार सौदागरों के लिए काम करने लगे। यह वह समय था जब छोटे व गरीब किसान आमदनी के नए स्रोत हूँढ़ रहे थे।
  4. इसलिए जब सौदागर वहाँ आए और उन्होंने माल पैदा करने के लिए पेशगी रकम दी तो किसान फौरन तैयार हो गए।
  5. सौदागरों के लिए काम करते हुए वे गाँव में ही रहते हुए अपने छोटे-छोटे खेतों को भी संभाल सकते थे।
  6. इससे कुटीर उद्योग को बल मिला।

(ग) 1750 के दशक तक भारतीय सौदागरों के नियंत्रण वाला नेटवर्क टूट गया। यूरोपीय कंपनियों की ताकत बढ़ती जा रही थी। उन्होंने पहले स्थानीय दरबारों से कई तरह की रियायतें हासिल की और उसके बाद उन्होंने व्यापार पर इजारेदारी अधिकार प्राप्त कर लिए। इससे सूरत जैसे बंदरगाह कमजोर पड़ गए। इन बंदरगाहों से होनेवाले निर्यात में नाटकीय कमी आई। पहले जिस कर्जे से व्यापार चलता था वह खत्म होने लगा। धीरे-धीरे स्थानीय बैंकर दिवालिया हो गए। 17वीं सदी के आखिरी सालों में सूरत बंदरगाह से होने वाला व्यापार का कुल मूल्य 1.6 करोड़ रुपये था। 1740 के दशक तक यह गिर कर केवल 30 लाख रुपये रह गया था। इस प्रकार 18वीं सदी के अंत तक सूरत बंदरगाह हाशिए पर हो गया था।
(घ) 1764 के युद्ध के बाद जब ईस्ट इंडिया कंपनी की राजनैतिक सत्ता स्थापित हो गई तब कंपनी ने व्यापार पर एकाधिकार कायम करने के लिए उससे सीधा संबंध स्थापित करना चाहा। इसके लिए उसने गुमास्तों की नियुक्ति की। यह कार्य कंपनी ने दो चरणों में पूर्ण किया।

  1. प्रथम चरण – कंपनी ने सर्वप्रथम बुनकरों को सक्रिय व्यापारियों व दलालों से मुक्त करवाने के लिए इनपर निगरानी रखने, माल इकट्ठा करने और कपड़ों की गुणवत्ता जाँचने के लिए वेतन भोगी कर्मचारी नियुक्त किए जिन्हें ‘गुमास्ता’ कहा गया।
  2. द्वितीय चरण – कंपनी ने बुनकरों पर पाबंदी लगा दी कि वे अन्य खरीददारों को अपना माल नहीं बेच सकते। जब बुनकरों को काम का ऑर्डर मिल जाएगा तो उन्हें कच्चा माल खरीदने के लिए कर्जा देने की भी व्यवस्था की गई, परंतु इसमें एक शर्त यह रखी गई कि जो कर्जा लेगा वह अपना माल गुमास्ता को ही बेचेगा।

परंतु जल्द ही गुमास्तों और बुनकरों के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई क्योंकि एक तो गुमास्ते तैयार माल की उचित कीमत नहीं देते थे, दूसरे यदि कोई बुनकर समय पर माल तैयार नहीं कर पाता तो उसे दंड देते थे, जैसे कोड़े मारना।

इस व्यवस्था में बुनकर की स्थिति दयनीय हो गई क्योंकि जहाँ उन्हें अपने माल की उचित कीमत नहीं मिल रही थी वहीं वे कंपनी के कर्जे तले भी दबते जा रहे थे।

For more information about NCERT Solutions Class 10 Social Science in Englsih medium.

प्रश्न 2. प्रत्येक वक्तव्य के आगे ‘सही’ या ‘गलत’ लिखें

(क) उन्नीसवीं सदी के आखिर में यूरोप की कुल श्रम शक्ति का 80 प्रतिशत तकनीकी रूप से विकसित औद्योगिक क्षेत्र में काम कर रहा था।
(ख) अठारहवीं सदी तक महीन कपड़े के अंतर्राष्ट्रीय बाजार पर भारत का दबदबा था।
(ग) अमेरिकी गृहयुद्ध के फलस्वरूप भारत के कपास निर्यात में कमी आई।
(घ) फ्लाई शटल के आने से हथकरघा कामगारों की उत्पादकता में सुधार हुआ।

उत्तर

(क) सही
(ख) सही
(ग) गलत
(घ) सही।

प्रश्न 3. आदि-औद्योगीकरण का मतलब बताएँ।
उत्तर औद्योगीकरण का इतिहास प्रारंभिक फैक्टरियों की स्थापना से शुरू होता है। इंग्लैंड और यूरोप में फैक्टरियों की स्थापना से भी पहले ही अंतर्राष्ट्रीय बाजार के लिए बड़े पैमाने पर औद्योगिक उत्पादन होने लगा था। यह उत्पादन फैक्टरियों में नहीं होता था। बहुत सारे इतिहासकार औद्योगीकरण के इस चरण को पूर्व-औद्योगीकरण कहते हैं। इस पूर्व-औद्योगीकरण की अवस्था में व्यावसायिक आदान-प्रदान होता था। इस पर सौदागरों का नियंत्रण था और चीजों का उत्पादन कारखानों की बजाय घरों पर होता था। उत्पादन के प्रत्येक चरण में प्रत्येक सौदागर 20-25 मजदूरों से काम करवाता था। इस प्रकार औद्योगीकरण से पहले, फैक्टरियों की स्थापना से पहले के उत्पादन कार्य को आदि-औद्योगीकरण कहा जाता था।

चर्चा करें

प्रश्न 1. उन्नीसवीं सदी के यूरोप में कुछ उद्योगपति मशीनों की बजाए हाथ से काम करने वाले श्रमिकों को प्राथमिकता क्यों देते थे?
उत्तर 19वीं सदी के यूरोप में कुछ उद्योगपति मशीनों की बजाए हाथ से काम करने वाले श्रमिकों को प्राथमिकता देते थे। इसके निम्नलिखित कारण थे

  1. विक्टोरिया कालीन ब्रिटेन में मानव श्रम की कोई कमी नहीं थी। इसलिए कम वेतन पर मजदूर मिल जाते थे। अतः उद्योगपति मशीनों की बजाए हाथ से काम करने वाले श्रमिकों को ही रखते थे।
  2. जिन उद्योगों में मौसम के साथ उत्पादन घटता-बढ़ता रहता था वहाँ उद्योगपति मशीनों की बजाए मजदूरों को ही काम | पर रखना पसंद करते थे।
  3. बहुत सारे उत्पाद केवल हाथ से ही तैयार किए जा सकते थे। मशीनों से एक जैसे उत्पाद ही बड़ी संख्या में बनाए जा | सकते थे। लेकिन बाजार में अक्सर बारीक डिजाइन और खास आकारों वाली चीजों की काफी माँग रहती थी । इन्हें बनाने के लिए यांत्रिक प्रौद्योगिकी की नहीं बल्कि इन्सानी निपुणता की जरूरत थी।
  4. विक्टोरिया कालीन ब्रिटेन में उच्च वर्ग के कुलीन लोग हाथों से बनी चीजों को महत्व देते थे। हाथ से बनी चीजों को परिष्कार और सुरूचि का प्रतीक माना जाता था। उनको एक-एक करके बनाया जाता था और उनका डिजाइन भी अच्छा होता था।
  5. यदि थोड़ी मात्रा में उत्पादन करना हो तो उसे मशीनों की बजाय श्रमिकों से ही कराया जाता था।
  6. क्रिसमस के समय बाइंडरों और प्रिंटरों का कार्य मशीनों की बजाए मजदूरों की सहायता से अधिक अच्छी तरह से हो सकता था।
  7. विक्टोरिया कालीन ब्रिटेन के उच्च वर्ग के कुलीन व पूँजीपति वर्ग के लोग हाथों से बनी वस्तुओं को अधिक महत्त्व देते थे क्योंकि ये वस्तुएँ सुरुचि और परिष्कार की प्रतीक थी। इनमें अच्छी फिनिशिंग यानि सफाई होती थी। इनमें डिजाइनों की विविधता होती थी तथा इन्हें बड़ी मेहनत से बनाया जाता था।

प्रश्न 2. ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीय बुनकरों से सूती और रेशमी कपड़े की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए क्या किया?
उत्तर  ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीय बुनकरों से सूती और रेशमी कपड़े की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रबंध और नियंत्रण की एक नई व्यवस्था लागू की। यह काम निम्नलिखित तरीके से किया गया

  1. कंपनी ने कपड़ा व्यापार में सक्रिय व्यापारियों और दलालों को खत्म करने तथा बुनकरों पर प्रत्यक्ष नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश की। कंपनी ने बुनकरों पर निगरानी रखने, माल इकट्ठा करने और कपड़ों की गुणवत्ता जाँचने के लिए वेतनभोगी कर्मचारी तैयार कर दिए जिन्हें ‘गुमाश्ता’ कहा जाता था।
  2. कंपनी का माल बेचने वाले बुनकरों को अन्य खरीददारों के साथ कारोबार करने पर पाबंदी लगा दी गई। इसके लिए उन्हें पेशगी रकम दी जाती थी। एक बार काम का ऑर्डर मिलने पर बुनकरों को कच्चा माल खरीदने के लिए कर्ज दे दिया जाता था। जो कर्ज लेते थे उन्हें अपना बनाया हुआ कपड़ा गुमाश्ता को ही देना पड़ता था। उसे वे और किसी व्यापारी को नहीं बेच सकते थे।

ये गुमाश्ता बुनकरों के बीच नहीं रहते थे इसलिए इनका बुनकरों से टकराव होने लगा। गुमाश्ता दंभपूर्ण व्यवहार करते थे तथा माल समय पर तैयार न होने की स्थिति में बुनकरों को पीटा करते थे। अब बुनकर न तो मोल-भाव कर सकते थे और न ही किसी और को माल बेच सकते थे। उन्हें कंपनी से जो कीमत मिलती थी वह बहुत कम थी पर वे कर्षों की वजह से कंपनी से बँधे हुए थे।

प्रश्न 3. कल्पना कीजिए कि आपको ब्रिटेन तथा कपास के इतिहास के बारे में विश्वकोश (Encyclopaedia) के लिए लेख लिखने को कहा गया है। इस अध्याय में दी गई जानकारियों के आधार पर अपना लेख लिखिए।
उत्तर इस परियोजना कार्य को विद्यार्थी स्वयं पूरा करेंगे। विद्यार्थियों की सहायता के लिए पाठ में दी गई जानकारी के आधार पर एक लेख यहाँ दिया जा रहा है

ब्रिटेन तथा कपास का इतिहास

  1. इंग्लैंड में औद्योगीकरण से पहले भी अंतर्राष्ट्रीय बाजार के लिए बड़े पैमाने पर औद्योगिक उत्पादन होने लगा था।
  2. यह उत्पादन फैक्ट्रियों में नहीं होता था।
  3. इस चरण को आदि औद्योगीकरण कहा जाता है।
  4. इंग्लैंड में सबसे पहले 1730 के दशक में कारखाने खुले लेकिन उनकी संख्या में 18वीं सदी के अंत में तेजी से वृद्धि हुई।
  5. कपास नए युग का प्रतीक था। 19वीं सदी के अंत में कपास के उत्पादन में भारी बढ़ोतरी हुई।
  6. 1760 में ब्रिटेन अपने कपास उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए 25 लाख पौंड कच्चे कपास का आयात करता था।
  7. 1787 में यह आयात बढ़कर 220 लाख पौंड तक पहुँच गया।
  8. यह वृद्धि उत्पादन की प्रक्रिया में बहुत सारे बदलावों का परिणाम था।
  9. 18वीं सदी में कई ऐसे अविष्कार हुए जिन्होंने उत्पादन प्रक्रिया के हर चरण की कुशलता बढ़ा दी।
  10. प्रति मजदूर उत्पादन बढ़ गया और पहले से ज्यादा मजबूत धागों व रेशों का उत्पादन होने लगा।
  11. इसके बाद रिचर्ड आर्कराइट ने सूती कपड़ा मिल की रूपरेखा सामने रखी।
  12. अभी तक कपड़ा उत्पादन पूरे देहात में फैला हुआ था। यह काम लोग अपने घर पर ही करते थे लेकिन अब महँगी नयी मशीनें खरीदकर उन्हें कारखानों में लगाया जा सकता था।
  13. कारखानों में सारी प्रक्रियाएँ एक छत के नीचे और एक मालिक के हाथों में आ गई थीं।
  14. सूती उद्योग और कपास उद्योग ब्रिटेन के सबसे फलते-फूलते उद्योग थे।
  15. कपास उद्योग 1840 के दशक तक औद्योगीकरण के पहले चरण में सबसे बड़ा उद्योग बन चुका था।
  16. जब इंग्लैंड में कपास उद्योग विकसित हुआ तो वहाँ के उद्योगपति दूसरे देशों से आने वाले आयात को लेकर पेरशान दिखाई देने लगे।
  17. उन्होंने सरकार पर दबाव डाला कि वह आयातित कपड़े पर आयात शुल्क वसूल करे जिससे मैनचेस्टर में बने कपड़े बाहरी प्रतिस्पर्धा के बिना इंग्लैंड में आराम से बिक सके।
  18. दूसरी तरफ उन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी पर दबाव डाला कि वह ब्रिटिश कपड़ों को भारतीय बाजारों में भी बेचे।
  19. 1860 के दशक में बुनकरों के सामने नयी समस्या खड़ी हो गई।
  20. उन्हें अच्छी कपास नहीं मिल पा रही थी।
  21. जब अमेरिकी गृहयुद्ध शुरू हुआ और अमेरिका से कपास की आमद बंद हो गई तो ब्रिटेन भारत से कच्चा माल मँगाने लगा।
  22. प्रथम विश्व युद्ध के बाद आधुनिकीकरण न कर पाने और अमेरिका, जर्मनी में जापान के मुकाबले कमजोर पड़ जाने के कारण ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी।
  23. कपास का उत्पादन बहुत कम रह गया था और ब्रिटेन से होने वाले सूती कपड़े के निर्यात में जबरदस्त गिरावट आई।

प्रश्न 4. पहले विश्व युद्ध के समय भारत का औद्योगिक उत्पादन क्यों बढ़ा?
उत्तर प्रथम विश्व युद्ध के समय भारत का औद्योगिक उत्पादन बढ़ा। इसके लिए निम्नलिखित कारण उत्तरदायी थे

  1. ब्रिटिश कारखाने सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए युद्ध संबंधी उत्पादन में व्यस्त थे। इसलिए भारत में मैनचेस्टर के माल का आयात कम हो गया। भारतीय बाजारों को रातों-रात एक विशाल देशी बाजार मिल गया।
  2. भारतीय कारखानों में भी फौज के लिए जूट की बोरियाँ, फौजियों के लिए वर्दी के कपड़े, टेंट और चमड़े के जूते, घोड़े व खच्चर की जीन तथा बहुत सारे अन्य सामान बनने लगे।
  3. नए कारखाने लगाए गए। पुराने कारखाने कई पालियों में चलने लगे। बहुत सारे नये मजदूरों को काम मिल गया। उद्योगपतियों के साथ-साथ मजदूरों को भी फायदा हुआ, उनके वेतन में बढ़ोतरी होने से उनकी कायापलट हो गई।
  4. प्रथम विश्व युद्ध में ब्रिटिश सरकार को फँसा देखकर राष्ट्रवादी नेताओं ने भी स्वदेशी चीजों के प्रयोग पर बल देना शुरू कर दिया जिससे भारतीय उद्योगों को और अधिक बढ़ावा मिला।

इस प्रकार प्रथम विश्व युद्ध के कारण विदेशी उत्पादों को हटाकर स्थानीय उद्योगपतियों ने घरेलू बाजारों पर कब्जा कर लिया और धीरे-धीरे अपनी स्थिति मजबूत बना ली।

परियोजना कार्य

प्रश्न 1. अपने क्षेत्र में किसी एक उद्योग को चुनकर उसके इतिहास का पता लगाएँ। उसकी प्रौद्योगिकी किस तरह बदली? उसमें मजदूर कहाँ से आते हैं? उसके उत्पादों का विज्ञापन और मार्केटिंग किस तरह किया जाता है? उस उद्योग के इतिहास के बारे में उसके मालिकों और उसमें काम करने वाले कुछ मजदूरों से बात करके देखिए।
उत्तर हमारे क्षेत्र में पत्थर और टाइलों का उद्योग काफी व्यापक स्तर पर फैला हुआ है। दुर्गापुरी चौक से लेकर लोनी तक इसके पचासों शोरूम व गोदाम हैं। पिछले पचास वर्षों से इस उद्योग में अनेक परिवर्तन आये हैं। पहले इसके चार-पाँच शोरूम व गोदाम ही हुआ करते थे लेकिन दिल्ली जैसे शहर में बढ़ते निर्माण कार्यों व आधुनिक निर्माण में घरों से लेकर बड़े-बड़े मॉलों तक में पत्थर के बढ़ते प्रयोग ने क्षेत्र में अनेक शोरूमों व गोदामों को फैलने का मौका दिया है।

बदलती प्रौद्योगिकी – पहले पत्थरों व टाइलों का यहाँ सिर्फ व्यापार होता था। राजस्थान के कोटा, जोधपुर व उदयपुर से पत्थर यहाँ लाकर बेचे जाते थे लेकिन बदलते फैशन में सिर्फ साधारण पत्थर के स्थान पर अब नक्काशीदार पत्थरों तथा पालिश किये गये पत्थरों की माँग ने यहाँ पत्थरों की कटाई-तराशी और पालिश की तकनीक में बहुत परिवर्तन ला दिया है। मशीनों द्वारा यहाँ पत्थरों को विभिन्न आकारों व डिजाइनों में काटा व तराशा जाता है। राजस्थान से लाए गए पत्थरों को विदेशों से लाए गए पत्थरों के साथ मेल करके पत्थरों की डिजाइनदार टाइलें बनायी जाती हैं। दीवारों व ड्राइंगरूम के लिए पत्थरों को लकड़ी व प्लास्टिक के फ्रेमों में भी जोड़ा व जड़ा जाता है। इसके लिये कुशल कारीगर व आधुनिक उपकरणों का प्रयोग किया जाता है।

इन गोदामों व शोरूमों पर दो तरह के मज़दूर होते हैं-एक तो वे जो सिर्फ पत्थरों की ढुलाई का काम करते हैं व दूसरे वो जो इसकी कटाई व गढ़ाई का काम करते हैं । ढुलाई की मजदूरी करने वाले मजदूर प्रायः बिहार, उड़ीसा व उत्तर प्रदेश से यहाँ आते हैं तथा पत्थरों की नक्कासी व पॉलिश व घिसाई-कटाई करने वाले मज़दूर राजस्थान व कटकी से यहाँ आते हैं।

इस उद्योग के कुछ मालिकों व मजदूरों से बात करके पता चला कि यह उद्योग यहाँ 50-60 वर्षों से चल रहा है तथा चूंकि यह जगह औद्योगिक क्षेत्र के रूप में घोषित नहीं है इसलिये यहाँ के मालिक व मजदूर सरकारी उत्पीड़न के शिकार हैं तथा क्षेत्र में उद्योग के भविष्य को लेकर चिंतित हैं।

इसके उत्पादों का विज्ञापन और मार्केटिंग के बारे में पूछने पर बताया कि उन्हें इसके लिये विशेष प्रयास व उपाय करने की जरूरत नहीं पड़ती। दिल्ली व उसके आस-पास इस तरह की कुछ एक जगह ही हैं जैसे मंगोलपुरी, कीर्ति नगर आदि तथा निर्माण कार्य में लगी कम्पनियाँ व लोग स्वयं ही अच्छे पत्थरों व टाइलों की खोज में यहाँ स्वयं आते हैं तथा इस क्षेत्र में अच्छी क्वालिटी व कीमत कम होने के कारण इन्हें अपना ग्राहक बनाने में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होती। बस स्थानीय निकायों की सख्ती ने कुछ लोगों को अपने शोरूम व गोदामों को अन्यत्र स्थानांतरित करने के लिए मजबूर कर दिया है। 50-60 वर्षों से चल रहे इस उद्योग का भविष्य सरकार की नीतियों के ऊपर निर्भर करता है।

Hope given NCERT Solutions for Class 10 Social Science History Chapter 5 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 10 Social Science History Chapter 5 The Age of Industrialisation (औद्योगीकरण का युग) Read More »

error: Content is protected !!