CBSE Class 11

NCERT Solutions for Class 11 Geography Practical Work in Geography Chapter 5

NCERT Solutions for Class 11 Geography Practical Work in Geography Chapter 5 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 11 Geography Practical Work in Geography Chapter 5 Topographical Maps (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 11 Geography. Here we have given NCERT Solutions for Class 11 Geography Practical Work in Geography Chapter 5 Topographical Maps.

[NCERT TEXTBOOK QUESTIONS SOLVED] (पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न)

प्र० 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें
(i) स्थालाकृतिक मानचित्र क्या होते हैं?
उत्तर- स्थलाकृतिक मानचित्र एक दीर्घ मापक पर निर्मित बहुउद्देशीय मानचित्र होता है, जो भूतल के छोटे-से-छोटे भाग को दर्शाता है। इस पर प्राकृतिक लक्षण, जैसे-जल-प्रवाह, धरातल, वनस्पति इत्यादि और मानवीय लक्षण, जैसे-गाँव, नगर, नहरें तथा सड़कों आदि को विस्तारपूर्वक दर्शाया जाता है।

(ii) भारत की स्थलाकृतिक मानचित्र बनाने वाली संस्था का नाम बताइए तथा इसके मानचित्रों में प्रयुक्त मापनियों के विषय में बताइए।
उत्तर- भारत की स्थलाकृतिक मानचित्र बनाने वाली संस्था का नाम भारतीय सर्वेक्षण विभाग है। भारत का स्थलाकृतिक मानचित्र 1 : 10,00,000, 1 : 2,50,000, 1 : 1,25,000, 1 : 50,000 तथा 1 : 25,000 की मापनी पर तैयार किया जाता है।

(iii) भारतीय सर्वेक्षण विभाग हमारे देश के मानचित्रण में किन मापनियों का उपयोग करता है?
उत्तर- भारतीय सर्वेक्षण विभाग विभिन्न मापनियों पर मानचित्र- श्रृंखला के रूप में स्थलाकृतिक मानचित्र तैयार करता है। इसलिए दी हुई श्रृंखला के सभी मानचित्रों में एक ही प्रकार के संदर्भ बिंदु, मापनी, प्रक्षेप, रूढ़ चिह्नों तथा रंगों का प्रयोग किया जाता है।

(iv) समोच्च रेखाएँ क्या हैं?
उत्तर- समोच्च रेखाएँ वे काल्पनिक रेखाएँ हैं जो समुद्र तल से समान ऊँचाई वाले स्थानों को मिलाती हैं। समोच्च रेखाएँ धरातल पर बनी आकृतियों जैसे – पर्वत, पठार, मैदान आदि को मानचित्र पर दर्शाने के लिए खींची जाती हैं। ये समान अंतराल पर खींची जाती हैं।

(v) समोच्च रेखाओं के अंतराल क्या दर्शाते हैं?
उत्तर- समोच्च रेखाओं के अंतराल विभिन्न उच्चावच रेखाओं के अंतर को दर्शाते हैं। दो समोच्च रेखाओं के मध्य उर्ध्वाधर अंतर समान रहता है। समोच्च रेखाएँ भिन्न-भिन्न अंतर पर खींची जाती हैं, जैसे- 20, 50, 100 मीटर।

(vi) रूढ़ चिह्न क्या हैं?
उत्तर- स्थलाकृतिक मानचित्र में भिन्न-भिन्न भौतिक और सांस्कृतिक लक्षणों को भिन्न-भिन्न संकेतों की सहायता से दिखाने वाले चिह्नों को रूढ़ चिह्न अथवा रूढ़ संकेत कहते हैं।

प्र० 2. संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिए
(क) समोच्च रेखाएँ
(ख) स्थलाकृतिक शीट मे उपांत सूचनाएँ।
(ग) भारतीय सर्वेक्षण विभाग
उत्तर-

(क) समोच्च रेखाएँ – समोच्च रेखा माध्य समुद्र तल से समान ऊँचाई वाले बिन्दुओं को मिलाने वाली काल्पनिक रेखा होती है। वह मानचित्र, जो भू-आकृति को समोच्च रेखाओं द्वारा दर्शाता है, समोच्च रेखा मानचित्र कहलाता है। उच्चावच लक्षणों को समोच्च रेखा के द्वारा दर्शाना अत्यधिक उपयोगी एवं लोकप्रिय विधि है। मानचित्र पर समोच्च रेखाएँ क्षेत्र की स्थलाकृति को समझने की सबसे उपयोगी विधि है।

(ख) स्थलाकृतिक शीट में उपान्त सूचनाएँ- मानचित्र की सीमाओं पर लिखी गई सूचनाओं को उपांत सूचनाएँ कहते हैं। इसमें स्थलाकृतिक शीट संख्या, इसकी स्थिति, डिग्री एवं मिनट में इसका विस्तार, मापनी एवं सम्मिलित जिले आदि की सूचनाएँ होती है।

(ग) भारतीय सर्वेक्षण विभाग- भारतीय सर्वेक्षण विभाग का गठन 1767 ई० में किया गया था। इसने पहली बार 1785 ई० में भारत का मानचित्र तैयार किया था। आज भारतीय सर्वेक्षण विभाग विभिन्न मापनियों के आधार पर पूरे देश का मानचित्र तैयार करता है। इसके अतिरिक्त अन्तर्राष्ट्रीय मानचित्रों वालीश्रृंखला तथा भारत के स्थलाकृतिक मानचित्रों को भी प्रकाशित करता है।

प्र० 3. स्थलाकृतिक मानचित्र निर्वचन का क्या अर्थ है। तथा इसकी विधि क्या है, इसकी विवेचना कीजिए।
उत्तर- स्थलाकृतिक मानचित्र निर्वचन में उन कारकों का अध्ययन शामिल है, जो मानचित्र पर दिखाए गए अनेक लक्षणों के बीच संबंधों को समझने में सहायता करते हैं। उदाहरण के लिए स्थलाकृतिक मानचित्रों पर प्राकृतिक वनस्पतियों के वितरण तथा कृषि के अन्तर्गत क्षेत्रों को भू-आकृतियों एवं अपवाह तंत्र की पृष्ठभूमि में ठीक से समझ सकते हैं। इसी प्रकार बस्तियों के वितरण को परिवहन के साधनों एवं स्थलाकृतियों के द्वारा पहचाना जा सकता है। निम्नलिखित चरण एवं विधियाँ मानचित्रों की व्याख्या में सहायता प्रदान करते हैं
(i) स्थलाकृतिक मानचित्र में स्थलाकृतिक शीट सूचक संख्या के अनुसार भारत में इसकी अवस्थिति ज्ञात की जा सकती है। इससे बृहत एवं मध्यम स्तर वाले भूआकृतिक विभागों की सामान्य विशेषताओं की भी जानकारी मिलती है।
(ii) ट्रेसिंग पेपर पर निम्नलिखित को दर्शाना :
(क) मुख्य स्थलाकृतियाँ – समोच्च रेखाओं द्वारा दिखाना।
(ख) अपवाह एवं जलीय लक्षण – मुख्य नदी एवं उसकी महत्वपूर्ण सहायक नदियाँ।
(ग) भूमि उपयोग, जैसे – वन, कृषिगत भूमि, बेकार भूमि, पशु विहार पार्क, विद्यालय आदि। (घ) बस्तियाँ एवं परिवहन प्रतिरूप।
(iii) प्रत्येक लक्षण के वितरण-प्रतिरूप का वर्णन सबसे महत्वपूर्ण पक्षों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए अलग-अलग करना।
(iv) एक समय में मानचित्रों के एक जोड़े को अध्यारोपित करके, यदि किन्हीं दो प्रारूपों के बीच कोई संबंध है। तो उसे लिखिए। उदाहरण के लिए अगर एक समोच्च मानचित्र भूमि उपयोग से मिल जाता है तो ढाल के डिग्री एवं उपयोग में आने वाली भूमि के बीच संबंध को बताएगा।
एक ही क्षेत्र के हवाई चित्रों तथा उपग्रही प्रतिबिंबों की तुलना उस क्षेत्र के स्थलाकृतिक मानचित्र के द्वारा की जा सकती है।

प्र० 4. यदि आप स्थलाकृतिक शीट के सांस्कृतिक लक्षणों की व्याख्या कर रहे हैं तो आप किस प्रकार की सूचनाएँ लेना पसंद करेंगे तथा इन सूचनाओं को कैसे प्राप्त करेंगे? उपयुक्त उदाहरण की सहायता से विवेचना करें।
उत्तर- बस्तियाँ, भवन, रेलमार्ग एवं सड़क मार्ग रूढ़ चिह्नों, प्रतीकों एवं रंगों के द्वारा स्थलाकृतिक शीट पर दिखाए जाने वाले किसी क्षेत्र के महत्वपूर्ण सांस्कृतिक लक्षण हैं। हमें इन सभी लक्षणों की सूचनाएँ एकत्र करनी पड़ती हैं। ये सभी सूचनाएँ सर्वे ऑफ़ इंडिया के माध्यम से प्राप्त हो सकती हैं। यातायात के साधनों की सूचना हमें उस क्षेत्र के मानचित्र पर दिए गए चिह्नों के द्वारा प्राप्त होगी, जैसे सड़क मार्ग, रेलमार्ग, वायुमार्ग, जलमार्ग आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करना। इसी तरह से संचार के साधनों की भी जानकारी मानचित्र में दिए गए दूरदर्शन केंद्र,रेडियो स्टेशन,डाकघर के चिह्नों से प्राप्त होगी। मानव बस्तियों के प्रकार तथा घनत्व के बारे में भी जानकारी हमें मानचित्र में दिए गए रूढ़ चिह्नों से मिलेगी।

प्र० 5. निम्नलिखित लक्षणों के लिए रूढ़ चिह्नों एवं संकेतों को बनाइए
(क) अंतर्राष्ट्रीय सीमा रेखाएँ
(ख) तल चिह्न
(ग) गाँव
(घ) पक्की सड़क
(ङ) पुल सहित पगडंडी
(च) पूजा करने के स्थान
(छ) रेल लाइन
उत्तर-
NCERT Solutions for Class 11 Geography Practical Work in Geography Chapter 5 (Hindi Medium) 1

अभ्यास (क)

समोच्च प्रणाली को देखें तथा निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें।
NCERT Solutions for Class 11 Geography Practical Work in Geography Chapter 5 (Hindi Medium) 2

  1. समोच्च रेखाओं से निर्मित स्थलाकृति का नाम लिखें।
  2. मानचित्र में समोच्च अंतराल का पता लगाएँ।
  3. मानचित्र पर के E एवं F के बीच की दूरी को धरातल पर की दूरी में बदलें।
  4. A तथा B, C तथा D एवं E तथा F के बीच के ढालों के प्रकार के नाम लिखें।
  5. G से E, D तथा F के दिशाओं को बताएँ।

उत्तर-

  1. पठार
  2. 100 मीटर
  3. E एवं F के बीच की दूरी 2 से.मी. है, जो धरातल पर की 4 किलोमीटर की दूरी को दर्शाता है।
  4. A तथा B मंद ढाल
    C तथा D तीव्र ढाल
    E तथा F मंद ढाल
  5. G से E पश्चिम दिशा, G से D उत्तर दिशा तथा G से F दक्षिण-पश्चिम दिशा।

अभ्यास (ख)

स्थलाकृतिक शीट संख्या 63K/12 जैसा कि नीचे दिए गए चित्र में दिखाया गया है का अध्ययन करें तथा निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें
NCERT Solutions for Class 11 Geography Practical Work in Geography Chapter 5 (Hindi Medium) 3

  1. 1 : 50,000 को साधारण कथन में बदलें।
  2. क्षेत्र की मुख्य बस्तियों के नाम लिखें।
  3. गंगा नदी के बहाव की दिशा क्या है?
  4. गंगा नदी के कौन-से किनारे पर भतौली स्थित है?
  5. गंगा नदी के किनारे ग्रामीण बस्तियाँ किस प्रकार अवस्थित हैं?
  6. उन गाँवों/बस्तियों के नाम लिखें, जहाँ डाकघर/डाक एवं तारघर स्थित हैं?
  7. क्षेत्र में पीला रंग क्या दर्शाता है?
  8. भतौली गाँव के लोगों के द्वारा नदी को पार करने के लिए परिवहन के किस साधन का उपयोग किया जाता है?

उत्तर-

  1. 1 सेंटीमीटर 0.5 कि.मी. को दर्शा रहा है।
  2. कछवा, बरैनी, बजाहन, भतौली, केवताबीर, सोतसार, मझवान।
  3. गंगा नदी का बहाव उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर है।
  4. भतौली गंगा नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है।
  5. गंगा नदी के किनारे ग्रामीण बस्तियाँ संहत आकार से अवस्थित हैं।
  6. भतौली, बरैनी तथा प्रेम का पुरा बस्ती में डाकघर तथा कछवा में डाक एवं तारघर स्थित है।
  7. क्षेत्र में पीला रंग मैदानी क्षेत्र को दर्शाता है।
  8. भतौली गाँव के लोगों द्वारा नदी पार करने के लिए परिवहन के साधन नौका का उपयोग किया जाता है।

अभ्यास (ग)

नीचे दी गई स्थलाकृतिक शीट संख्या 63K/12 का अध्ययन करें तथा निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें
NCERT Solutions for Class 11 Geography Practical Work in Geography Chapter 5 (Hindi Medium) 4

  1. मानचित्र के सबसे उच्च बिंदु की ऊँचाई ज्ञात करें।
  2. जमटिहवा नदी मानचित्र के किस भाग से होकर बह रही है?
  3. कुरदरी नाले के पूर्व में कौन-सी मुख्य बस्ती अवस्थित है?
  4. इस क्षेत्र में किस प्रकार की बस्ती है?
  5. सिपू नदी के बीच के सफ़ेद धब्बे किस प्रकार की भौगोलिक स्थलाकृति को दर्शाते हैं?
  6. स्थलाकृतिक शीट के इस भाग पर दर्शाई गई दो प्रकार की वनस्पतियों के नाम लिखें।
  7. कुरदरी के बहाव की दिशा क्या है?
  8. नीचला खजौरी डैम स्थलाकृतिक शीट के किस भाग में अवस्थित है?

उत्तर-

  1. 174 मीटर
  2. जमटिहवा नदी मानचित्र के दक्षिण-पूर्वी भाग से होकर बह रही है।
  3. कुरदरी नाले के पूर्व में कोटवा बस्ती अवस्थित है।
  4. इस क्षेत्र में मुख्यतः रैखिक बस्ती है।
  5. मैदानी भाग
  6. उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वनस्पति और दांती संरक्षित वनस्पति।
  7. दक्षिण से उतर
  8. नीचला खजौरी डैम स्थलाकृतिक शीट के उत्तरी भाग में अवस्थित है।

Hope given Practical Work in Geography Class 11 Solutions Chapter 5 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 11 Geography Practical Work in Geography Chapter 5 (Hindi Medium) Read More »

NCERT Solutions for Class 11 Geography Indian Physical Environment Chapter 7

NCERT Solutions for Class 11 Geography Indian Physical Environment Chapter 7 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 11 Geography Indian Physical Environment Chapter 7 Natural Hazards and Disasters (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 11 Geography. Here we have given NCERT Solutions for Class 11 Geography Indian Physical Environment Chapter 7 Natural Hazards and Disasters.

[NCERT TEXTBOOK QUESTIONS SOLVED] (पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न)

प्र० 1. बहुवैकल्पिक प्रश्न
(i) इनमें से भारत के किस राज्य में बाढ़ अधिक आती है?
(क) बिहार
(ख) पश्चिम बंगाल
(ग) असम
(घ) उत्तर प्रदेश
उत्तर- (ग) असम

(ii) उत्तरांचल के किस जिले में मालपा भूस्खलन आपदा घटित हुई थी?
(क) बागेश्वर
(ख) चंपावत
(ग) अल्मोड़ा
(घ) पिथोरागढ़
उत्तर- (घ) पिथोरागढ़

(iii) इनमें से कौन-से राज्य में सर्दी के महीने में बाढ़ आती है?
(क) असम
(ख) पश्चिम बंगाल
(ग) केरल
(घ) तमिलनाडु
उत्तर- (घ) तमिलनाडु

(iv) इनमें से किस नदी में मजौली नदीय द्वीप स्थित है?
(क) गंगा
(ख) ब्रह्मपुत्र
(ग) गोदावरी
(घ) सिंधु
उत्तर- (ख) ब्रह्मपुत्र

(v) बर्फानी तूफान किस तरह की प्राकृतिक आपदा है?
(क) वायुमंडलीय
(ख) जलीय
(ग) भौमिकी
(घ) जीवमंडलीय
उत्तर- (क) वायुमंडलीय

प्र० 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 30 से कम शब्दों में दें :
(i) संकट किस दशा में आपदा बन जाता है?
उत्तर- प्राकृतिक संकट या मानव निर्मित संकट द्वारा जब धन-जन दोनों की नुकसान पहुँचने की संभावना बढ़ जाती है तब वह संकट आपदा बन जाता है। जैसे किसी क्षेत्र में अगर बाढ़ आती है और बाढ़ के कारण फसलें नष्ट हो जाती हैं तो यह बाढ़ संकट से आपदा के रूप में नज़र आती है।

(ii) हिमालय और भारत के उत्तरी-पूर्वी क्षेत्र में अधिक भूकंप क्यों आते हैं?
उत्तर- इंडियन प्लेट प्रतिवर्ष उत्तर व उत्तर-पूर्वी दिशा में एक सेंटीमीटर खिसक रही है लेकिन उत्तर में स्थित यूरेशियन प्लेट इसके लिए अवरोध पैदा करती है। परिणामस्वरूप इन प्लेटों के किनारे लॉक हो जाते हैं। ऊर्जा संग्रह से तनाव बढ़ता है, जिससे प्लेटों के लॉक टूट जाते हैं और भूकंप आ जाता है। इसलिए हिमालय और भारत के उत्तरी-पूर्वी क्षेत्र में भूकंप अधिक आते हैं।

(iii) उष्ण कटिबंधीय तूफान की उत्पति के लिए कौन-सी परिस्थितियाँ अनुकूल हैं?
उत्तर- उष्ण कटिबंधीय तूफान की उत्पति के लिए कम दबाव वाले उग्र मौसम तंत्र जो 30° उत्तर तथा 30° दक्षिण अक्षांशों के बीच पाए जाते हैं, तीव्र कोरियोलिस बल, क्षोभमंडल में अस्थिरता तथा मजबूत उध्र्वाधर वायु फान की अनुपस्थिति आदि स्थितियाँ अनुकूल हैं।

(iv) पूर्वी भारत की बाढ़ पश्चिमी भारत की बाढ़ से अलग कैसे होती हैं?
उत्तर- पूर्वी भारत की नदियों में ब्रह्मपुत्र, गंगा, दामोदर महानदी, कृष्णा, कावेरी, गोदावरी आदि प्रमुख है। जबकि पश्चिम भारत की नदियों में लूनी, माही, नर्मदा, ताप्ती आदि प्रमुख हैं। पूर्वी भारत में वर्षा पश्चिमी भारत की अपेक्षा अधिक होती है, इसलिए पूर्वी भारत में बाढ़ पश्चिमी भारत की अपेक्षा अधिक आती है तथा पूर्वी भारत की नदियों की बाढ़ पश्चिमी भारत की नदियों की अपेक्षा भयंकर होती है।

(v) पश्चिमी और मध्य भारत में सूखे ज्यादा क्यों पड़ते हैं?
उत्तर- पश्चिमी और मध्य भारत में कम वर्षा होती है, जिसके कारण भूतल पर जल की कमी हो जाती है। कम वर्षा, अत्यधिक वाष्पीकरण और जलाशयों तथा भूमिगत जल के अत्यधिक प्रयोग से सूखे की स्थिति पैदा होती है। पश्चिमी भाग मरुस्थलीय और मध्यवर्ती भाग पठारी भाग है। इन दोनों क्षेत्रों में जब वर्षा कम होती है तो सूखा की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

प्र० 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 125 शब्दों में दें:
(i) भारत में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों की पहचान करें और इस आपदा के निवारण के कुछ उपाय बताएँ।
उत्तर- भारत में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में हिमालय की युवा पर्वत शृखलाएँ, अंडमान निकोबार, पश्चिमी घाट और नीलगिरी में अधिक वर्षा वाले क्षेत्र, उत्तर-पूर्वी क्षेत्र, भूकंप प्रभावी क्षेत्र और अत्यधिक मानव क्रियाकलापों वाले क्षेत्र, जिनमें सड़क और बाँध निर्माण इत्यादि आते हैं।

हिमालय पार के कम वर्षा वाले क्षेत्र जैसे लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में स्फीति क्षेत्र, अरावली पहाड़ियों में कम वर्षा वाले क्षेत्र, पश्चिमी व पूर्वी घाट के दक्कन पठार के वृष्टि छाया क्षेत्र ऐसे इलाके हैं, जहाँ कभी-कभी भूस्खलन होता है। इसके अतिरिक्त झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, गोवा और केरल में खानों और भूमि धंसने से भूस्खलन होता रहता है।
आपदा के निवारण के उपाय
(i) भूस्खलन वाले क्षेत्रों में वृक्षारोपण अधिक करना चाहिए।
(ii) तीव्र ढाल को कम करने के लिए सीढ़ीनुमा खेत बना देना चाहिए।
(iii) भूस्खलन वाले क्षेत्रों में सड़कों के किनारे तथा गाँवों के किनारे प्रतिरोध दीवार को बनाना चाहिए।
(iv) अधिक ढाल वाले या भूस्खलन वाले क्षेत्रों में मकान या भवन का निर्माण नहीं करना चाहिए तथा नदी की धारा अवरूद्ध न हो इसके लिए पर्वतीय
क्षेत्रों में नदी के किनारे तटबंध बनाना चाहिए।

(ii) सुभेद्यता क्या है? सूखे के आधार पर भारत को प्राकृतिक आपदा भेद्यता क्षेत्रों में विभाजित करें और इसके निवारण के उपाय बताएँ।
उत्तर- प्राकृतिक संकटों या प्राकृतिक आपदाओं द्वारा आसानी से प्रभावित करने की क्षमता को सुभेद्यता कहा जाता है। तकनीकी विकास ने मानव को पर्यावरण को प्रभावित करने की क्षमता प्रदान की है, इससे मनुष्य ने प्राकृतिक संकट या आपदा के खतरे वाले क्षेत्रों में भी अपनी गहन गतिविधियाँ शुरू कर दी हैं, जिसने प्राकृतिक संकटों या आपदाओं की सुभेद्यता को बढ़ाया है। सूखे की तीव्रता के आधार पर भारत को निम्नलिखित आपदा भेद्यता क्षेत्रों में बाँटा गया है

अत्यधिक सूखा प्रभावित क्षेत्र – राजस्थान में अधिकतर भाग, विशेषकर अरावली के पश्चिम में स्थित मरुस्थली भाग और गुजरात को कच्छ क्षेत्र अत्यधिक सूखा प्रभावित है। इसमें राजस्थान के जैसलमेर और बाड़मेर जिले भी शामिल हैं, जहाँ 90 मिलीलीटर से कम औसत वार्षिक वर्षा होती है।

अधिक सूखा प्रभावित क्षेत्र – इसमें राजस्थान के पूर्वी भाग, मध्य प्रदेश के ज्यादातर भाग, महाराष्ट्र के पूर्वी भाग, आंध्र प्रदेश के अंदरूनी भाग, कर्नाटक का पठार, तमिलनाडु के उत्तरी भाग, झारखंड का दक्षिणी भाग और ओडिशा का आंतरिक भाग शामिल है।

मध्यम सूखा प्रभावित क्षेत्र – राजस्थान के उत्तरी भाग, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के दक्षिणी जिले, गुजरात के बचे हुए जिले, कोंकण को छोड़कर महाराष्ट्र, झारखंड, तमिलनाडु में कोयम्बटूर पठार और आंतरिक कर्नाटक शामिल है। भारत के बचे हुए भाग बहुत कम या न के बराबर सुखे से प्रभावित हैं।

सूखा निवारण के उपाय – सूखे से राहत के लिए युद्ध स्तर पर योजनाएँ चलाई जानी चाहिए। भूजल के भंडारों की खोज के लिए सुदूर संवेदन, उपग्रह मानचित्रण तथा भौगोलिक सूचना तंत्र जैसी विविध युक्तियों का उपयोग किया जाना चाहिए। लोगों के सक्रिय सहयोग से वर्षा के जल संग्रहण के समन्वित कार्यक्रम भी उपयोगी रहते हैं। अधिशेष से कमी वाले क्षेत्रों के लिए नदी जल का अंतर्दोणी स्थानांतरण भी एक हद तक जल संकट को कम कर सकता है। कुछ अन्य उपाय हो सकते हैं। जल संग्रह के लिए छोटे बाँधों का निर्माण, वन रोपण तथा सूखारोधी फसलें उगाने, महाराष्ट्र की ‘पानी पंचायत’ और हरियाणा में ‘सुखो माजरी’ प्रयोग सूखे का मुकाबला के लिए लोगों द्वारा किए गए सुविख्या प्रयत्न हैं।

(iii) किस स्थिति में विकास कार्य आपदा का कारण बन सकता है?
उत्तर- आपदा में बाढ़, सूखाड़, चक्रवात, सुनामी, भूकंप आदि आते हैं। जब नदी में बाढ़ आती है तो बाढ़ का पानी आस-पास के क्षेत्रों में फैल जाता है, जिससे आसपास की भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है। आज कई बड़े-बड़े बाँध बनाकर विद्युत का निर्माण, भूमि को सिंचित करना, जल आपूर्ति जैसे कार्य किए। जाते हैं, लेकिन बाँध के टूटने पर बाढ़ का खतरा हो सकता है। आज की परमाणु शक्ति ऊर्जा के प्रमुख स्रोत बन चुके हैं। उद्योगों से अर्थव्यवस्था का विकास होता है। लेकिन औद्योगिक दुर्घटना कई बार आपदा का रूप ले लेता है, जैसे-भोपाल गैस कांड में काफी लोग मारे गए थे। ज्वालामुखी भी आपदा का एक रूप हैं।

लेकिन ज्वालामुखी के उद्गार से काली मिट्टी का निर्माण होता है जो कपास की फसल के लिए उपयुक्त होती है। उद्योगों, यातायात के मार्गों के निर्माण, बाँधों के निर्माण के लिए काफी मात्रा में वन काटे जाते हैं। जो वर्षा को प्रभावित करता है और सूखा का कारण
बनता है।

परियोजना/क्रियाकलाप
नीचे दिए गए विषयों पर प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करें।
(i) मालपा भूस्खलन
(ii) सुनामी
(iii) उड़ीसा चक्रवात और गुजरात चक्रवात
(iv) नदियों को आपस में जोड़ना
(v) टेहरी बाँध/सरदार सरोवर
(vi) भुज/लूतर भूकंप
(vii) डेल्टा/नदीय द्वीप में जीवन
(viii) छत वर्षा जल संलवन का मॉडल तैयार करें।

Hope given Indian Physical Environment Class 11 Solutions Chapter 7 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 11 Geography Indian Physical Environment Chapter 7 (Hindi Medium) Read More »

NCERT Solutions for Class 11 Sociology Introducing Sociology Chapter 1 Sociology and Society (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 11 Sociology Introducing Sociology Chapter 1 Sociology and Society (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 11 Sociology Introducing Sociology Chapter 1 Sociology and Society (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 11 Sociology. Here we have given NCERT Solutions for Class 11 Sociology Introducing Sociology Chapter 1 Sociology and Society.

पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न [NCERT TEXTBOOK QUESTIONS SOLVED]

प्र० 1. समाजशास्त्र के उद्गम और विकास का अध्ययन क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर – समाजशास्त्र के उद्गम और विकास का अध्ययन समाजशास्त्र में अनेक व्यक्तिगत एवं सामाजिक पहलुओं की जानकारी के लिए महत्वपूर्ण है।
1. इंग्लैंड औद्योगिक क्रांति का केंद्रबिंदु था। इस तथ्य की जानकारी अत्यधिक महत्वपूर्ण है कि किस प्रकार शहरीकरण या कारखाना उत्पादन पद्धति ने सभी आधुनिक समाजों को प्रभावित किया।
2. भारत में समाजशास्त्र का केंद्रबिंदु व्यक्तियों के उद्गम और विकास, सामाजिक संगठन तथा इनकी समस्याएँ हैं। भारतीय इतिहास साम्राज्यवादी हमलों से भरा है। भारत में सामंतवाद, पूँजीवाद एवं उपनिवेशवाद की लंबी परंपरा रही है।
3. राजनीतिक, सामाजिक या सांस्कृतिक क्षेत्रों से संबंधित भारतीय इतिहास विदेशियों के द्वारा लिखा गया है और यह मुख्यतः उत्कंठाओं से भरा है। प्रधानतः भारतीय इतिहास पक्षपाती है। अतः भारत का समाजशास्त्र भी पक्षपाती है। वर्तमान समय में भारतीय समाज को इसकी परंपराओं की जटिलता के संदर्भ में समझा जा सकता है, जोकि तुर्क, मंगोल, कुषाण, अफगान तथा ब्रिटिश और आधुनिक विश्व के प्रभावों से निर्मित है। भारतीय समाजशास्त्र अपने इतिहास की जटिल उपज है। अतः समाजशास्त्र के उद्गम और विकास का अध्ययन समाजशास्त्र के लिए महत्वपूर्ण है।

प्र० 2. ‘समाज’ शब्द के विभिन्न पक्षों की चर्चा कीजिए। यह आपके सामान्य बौद्धिक ज्ञान की समझ से किस प्रकार अलग है?
उत्तर-
1. समाज सामाजिक संबंधों का जाल है।
2. मेकाइवर (Maciver) और पेज (Page) के अनुसार, “समाज रीतियों, कार्य-प्रणालियों, अधि कार एवं पारस्परिक सहयोग, अनेक समूह और उनके विभागों, मानव व्यवहार के नियंत्रणों और स्वतंत्रताओं की व्यवस्था है।
3. समाजशास्त्र की यह परिभाषा इस तथ्य पर बल देती है कि समाज की मुख्य विशिष्टताएँ, रीतियाँ, कार्यविधि, प्राधिकार, आपसी सहयोग, समूह तथा उपसमूह और स्वतंत्रताएँ हैं।
4. रीतियों का सरोकार, समाज के स्वीकृत प्रतिमानों से है।
5. कार्य-विधि का तात्पर्य सामाजिक संगठनों से है। उदाहरणार्थ, परिवार तथा विवाह जो सामाजिक अंत:संबंधों की रचना के लिए महत्वपूर्ण हैं।
6. प्राधिकार का तात्पर्य एक व्यवस्था से है, जो समाज की इकाइयों को नियंत्रित करती है और सामाजिक जाल का पोषण करती है।
7. समूहों तथा वर्गों का संबंध समूहों और उपसमूहों से है, जिसमें व्यक्ति अंत:क्रिया करते हैं एवं सामाजिक प्रतिमानों का ज्ञान प्राप्त करते हैं।
8. मानवीय व्यवहार के नियंत्रण का सरोकार लिखित या अलिखित प्रतिमानों के संदर्भ में व्यक्तियों के सामाजिक नियंत्रण और स्वतंत्रता से है, जो सामाजिक जालों के निर्विघ्न (Smooth) क्रियान्वयन (सुचारु रूप से संचालक) के लिए महत्वपूर्ण है।
9. मेकाइवर (Maciver) और पेज (page) के अनुसार, उपरोक्त वर्णित तथ्य समाज के विभिन्न परिदृश्य तथा सामाजिक संबंधों के जाल हैं।

प्र०3. चर्चा कीजिए कि आजकल अलग-अलग विषयों में परस्पर लेन-देन कितना ज्यादा है।
उत्तर- छात्र आपस में स्वयं चर्चा करें।

प्र० 4. अपनी या अपने दोस्त अथवा रिश्तेदार की किसी व्यक्तिगत समस्या को चिह्नित कीजिए। इसे समाजशास्त्रीय समझ द्वारा जानने की कोशिश कीजिए।
उत्तर- छात्र स्वयं करें।

Hope given Introducing Sociology Class 11 Solutions Chapter 1 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 11 Sociology Introducing Sociology Chapter 1 Sociology and Society (Hindi Medium) Read More »

NCERT Solutions for Class 11 Geography Indian Physical Environment Chapter 4

NCERT Solutions for Class 11 Geography Indian Physical Environment Chapter 4 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 11 Geography Indian Physical Environment Chapter 4 Climate (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 11 Geography. Here we have given NCERT Solutions for Class 11 Geography Indian Physical Environment Chapter 4 Climate.

[NCERT TEXTBOOK QUESTIONS SOLVED] (पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न)

प्र० 1. बहुवैकल्पिक प्रश्न
(i) जाड़े के आरंभ में तमिलनाडु के तटीय प्रदेशों में वर्षा किस कारण होती है?
(क) दक्षिण-पश्चिमी मानसून
(ख) उत्तर-पूर्वी मानसून
(ग) शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात
(घ) स्थानीय वायु परिसंचरण
उत्तर- (ख) उत्तर-पूर्वी मानसून

(ii) भारत के कितने भू-भाग पर 75 सेंटीमीटर से कम औसत वार्षिक वर्षा होती है?
(क) आधा
(ख) दो-तिहाई
(ग) एक-तिहाई
(घ) तीन-चौथाई
उत्तर- (घ) तीन-चौथाई

(iii) दक्षिण भारत के संदर्भ में कौन-सा तथ्य ठीक नहीं है?
(क) यहाँ दैनिक तापांतर कम होती है।
(ख) यहाँ वार्षिक तापांतर कम होता है।
(ग) यहाँ तापमान सारा वर्ष ऊँचा रहता है।
(घ) यहाँ जलवायु विषम पाई जाती है।
उत्तर- (घ) यहाँ जलवायु विषम पाई जाती है।

(iv) जब सूर्य दक्षिणी गोलार्द्ध में मकर रेखा पर सीधा चमकता है, तब निम्नलिखित में से क्या होता है?
(क) उत्तरी-पश्चिमी भारत में तापमान कम होने के कारण उच्च वायुदाब विकसित हो जाता है।
(ख) उत्तरी-पश्चिमी भारत में तापमान बढ़ने के कारण निम्न वायुदाब विकसित हो जाता है।
(ग) उत्तरी-पश्चिमी भारत में तापमान और वायुदाब में कोई परिवर्तन नहीं आता।
(घ) उत्तरी-पश्चिमी भारत में झुलासा देने वाली तेज लू चलती है।
उत्तर- (क) उत्तर-पश्चिमी भारत में तापमान कम होने के कारण उच्च वायुदाब विकसित हो जाता है।

(v) कोपेन के वर्गीकरण के अनुसार भारत में ‘As’ प्रकार की जलवायु कहाँ पाई जाती है?
(क) केरल और तटीय कर्नाटक में
(ख) अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में
(ग) कोरोमंडल तट पर
(घ) असम व अरुणाचल प्रदेश में
उत्तर- (ग) कोरोमंडल तट पर।

प्र० 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए :
(i) भारतीय मौसम तंत्र को प्रभावित करने वाले तीन महत्त्वपूर्ण कारक कौन-से हैं?
उत्तर- भारतीय मौसम तंत्र को प्रभावित करने वाले तीन महत्त्वपूर्ण कारक इस प्रकार हैं|
(i) वायु दाब एवं पवनों को धरातल पर वितरण।
(ii) भूमंडलीय मौसम को नियंत्रित करने वाले कारकों एवं विभिन्न वायु संहतियों एवं जेह प्रवाह के अंतर्वाह द्वारा उत्पन्न ऊपरी वायुसंचरण।
(iii) शीतकाल में पश्चिमी विक्षोभों तथा दक्षिणी पश्चिमी मानसून काल में उष्ण कटिबंधीय अबदाबों के भारत में अंतर्वहन के कारण उत्पन्न वर्षा की अनुकूल दशाएँ।

(ii) अंत:उष्ण कटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र क्या है?
उत्तर- विषुवत वृत्त पर स्थित अंत:उष्ण कटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र (आई.टी.सी.जेड.) एक निम्न वायुदाब वाला क्षेत्र है। इस क्षेत्र में वायु ऊपर उठने लगती है। जुलाई के महीने में आई.टी.सी.जेड. 20° से 25° उ० अक्षांशों के आस-पास गंगा के मैदान में खिसक जाता है। इसे मानसूनी गर्त भी कहते हैं। यह उत्तर-पश्चिमी भारत पर तापीय निम्न वायुदाब के विकास को प्रोत्साहित करता है। इससे दक्षिण गोलार्थ की व्यापारिक पवनें 40° और 60° पूर्वी देशांतरों के बीच विषुवत वृत्त को पार कर जाती है तथा कोरियोलिस बल के प्रभाव से इनकी दिशा दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर हो जाती है, जिसे दक्षिण-पश्चिम मानसून कहा जाता है। शीत ऋतु में यह आई.टी.सी. जेड. दक्षिण की ओर खिसक जाता है जिसके कारण पवनों की दिशा बदलकर उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम हो जाती है, जिसे उत्तर-पूर्वी मानसून भी कहते हैं।

(iii) मानसून प्रस्फोट से आपका क्या अभिप्राय है? भारत में सबसे अधिक वर्षा प्राप्त करने वाले स्थान का नाम लिखिए।
उत्तर- उत्तर-दक्षिण-पश्चिम मानसून की ऋतु में वर्षा अचानक आरंभ हो जाती है। पहली बारिश का असर यह होता है कि तापमान में काफी गिरावट आ जाती है। प्रचंड गर्जन और बिजली की कड़क के साथ
आर्द्रता भरी पवनों का अचानक चलना मानसून का प्रस्फोट कहलाता है। जून के पहले सप्ताह में केरल, कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र के तटीय भागों में मानसून फट पड़ता है, जबकि देश के आंतरिक भागों में यह जुलाई के पहले सप्ताह तक हो पाता है। भारत में सबसे अधिक वर्षा प्राप्त करने वाला स्थान मॉसिनराम है।

(iv) जलवायु प्रदेश क्या होता है? कोपेन के पद्धति के प्रमुख आधार कौन-से हैं?
उत्तर- मौसम के तत्त्वों के मोल से अनेक क्षेत्रीय विभिन्नताएँ प्रदर्शित होती हैं। यही विभिन्नताएँ जलवायु के उपप्रकारों में देखी जा सकती हैं। इसी आधार पर जलवायु प्रदेश पहचाने जा सकते हैं। एक जलवायु प्रदेश में जलवायवी दशाओं की समरूपता होती है। जो दूसरे जलवायु प्रदेश से भिन्न होती है। कोपेन ने अपने जलवायु वर्गीकरण का आधार तापमान तथा वर्षण के मासिक मानों को रखा है। उन्होंने जलवायु के पाँच प्रकार माने हैं। कोपेन ने जलवायु प्रकारों को व्यक्त करने के लिए वर्ण संकेतों का प्रयोग किया है।

(v) उत्तर-पश्चिमी भारत में रबी की फसलें बोने वाले किसानों को किस प्रकार के चक्रवातों से वर्षा प्राप्त होती है? वे चक्रवात कहाँ उत्पन्न होते हैं?
उत्तर- उत्तर-पश्चिमी भारत में रबी की फसलें बोने वाले किसानों को क्षीण शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवातों अर्थात् पश्चिमी विक्षोभों से वर्षा प्राप्त होती है जो काफी लाभदायक होता है। ऐसे चक्रवात भूमध्य सागर में उत्पन्न होते हैं। भारत की ओर इसका आगमन पश्चिमी जेट प्रवाह द्वारा होता है।

प्र० 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 125 शब्दों में लिखिए।
(i) जलवायु में एक प्रकार का ऐक्य होते हुए भी, भारत की जलवायु में क्षेत्रीय विभिन्नताएँ पाई जाती हैं। उपयुक्त उदाहरण देते हुए इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- मानसूनी पवनों की व्यवस्था भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच एकता को बल प्रदान करती है। मानसून जलवायु की व्यापक एकता के इस दृष्टिकोण से किसी भी जलवायु की प्रादेशिक भिन्नता की उपेक्षा नहीं की जा सकती। यही भिन्नता भारत के विभिन्न प्रदेशों के मौसम और जलवायु को एक दूसरे से अलग करती है। उदाहरण के लिए दक्षिण में केरल तथा तमिलनाडु की जलवायु उत्तर में उत्तर प्रदेश तथा बिहार की जलवायु से अलग है, फिर भी इन सभी राज्यों की जलवायु में अनेक प्रादेशिक भिन्नताएँ हैं, जिन्हें पवनों के प्रतिरूप, तापक्रम और वर्षा, ऋतुओं की लय तथा आर्द्रता एवं शुष्कता की मात्रा में भिन्नता के रूप में देखा जा सकता है। इन प्रादेशिक विविधताओं का जलवायु के उपवर्गों के रूप में वर्णन किया जा सकता है। हिमालय के ऊपरी भाग में हमेशा निम्न तापमान रहता है जबकि केरल और तमिलनाडु के तटवर्ती भागों में हमेशा उच्च तापमान देखने को मिलता है। इस प्रकार भारत में मानसूनी एकता के बावजूद क्षेत्रीय भिन्नताएँ पाई जाती हैं।

(ii) भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार भारत में कितने स्पष्ट मौसम पाए जाते हैं? किसी एक मौसम की दशाओं की सविस्तार व्याख्या कीजिए।
उत्तर- भारत की जलवायवी दशाओं को उसके वार्षिक ऋतु चक्र के माध्यम से सर्वश्रेष्ठ ढंग से व्यक्त किया जा सकता है। मौसम वैज्ञानिक वर्ष को निम्नलिखित चार ऋतुओं में बाँटते हैं
(i) शीत ऋतु
(ii) ग्रीष्म ऋतु
(iii) दक्षिण-पश्चिमी मानसून की ऋतु
(iv) मानसून के निवर्तन की ऋतु।
ग्रीष्म ऋतु-अप्रैल, मई व जून में उत्तरी भारत में स्पष्ट रूप से ग्रीष्म ऋतु होती है। भारत के अधिकांश भागों में तापमान 30° से 32° सेल्सियस तक पाया जाता है। मार्च में दक्कन पठार पर दिन का अधिकतम तापमान 38° सेल्सियस हो जाता है। जबकि अप्रैल में गुजरात और मध्य प्रदेश में यह तापमान 38° से 45° सेल्सियस के बीच पाया जाता है। मई में ताप की यह पेटी और अधिक उत्तर में खिसक जाती है। दक्षिण भारत में ग्रीष्म ऋतु मृदु होती है न कि उत्तरी भारत जैसी प्रखर। दक्षिणी भारत की प्रायद्वीपीय स्थिति समुद्र के समकारी प्रभाव के कारण यहाँ के तापमान को उत्तरी भारत में प्रचलित तापमानों से नीचे रखती है। अतः दक्षिण में तापमान 26° से 32° सेल्सियस के बीच रहता है। पश्चिमी घाट की पहाड़ियों के कुछ क्षेत्रों में ऊँचाई के कारण तापमान 25° सेल्सियस से भी कम रहती है। तटीय भागों में समताप रेखाएँ तट के समानांतर उत्तर-दक्षिण दिशा में फैली हैं। जो प्रमाणित करती है कि तापमान उत्तरी भारत से दक्षिणी भारत की ओर न बढ़कर तटों से भीतर की ओर बढ़ता है। गर्मी के महीनों में औसत न्यूनतम दैनिक तापमान भी काफी ऊँचा रहता है और यह 26° सेल्सियस से शायद ही कभी नीचे जाती हो।

परियोजना/क्रियाकलाप
भारत के रेखा-मानचित्र पर निम्नलिखित को दर्शाइए :
(i) शीतकालीन वर्षा के क्षेत्र
(ii) ग्रीष्म ऋतु में पवनों की दिशा
(iii) 50 प्रतिशत से अधिक वर्षा की परिवर्तिता वाले क्षेत्र
(iv) जनवरी माह में 15° सेल्सियस से कम तापमान वाले क्षेत्र
(v) भारत में 100 सेंटीमीटर की समवर्षा रेखा
उत्तर-
NCERT Solutions for Class 11 Geography Indian Physical Environment Chapter 4 (Hindi Medium) 1

Hope given Indian Physical Environment Class 11 Solutions Chapter 4 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 11 Geography Indian Physical Environment Chapter 4 (Hindi Medium) Read More »

NCERT Solutions for Class 11 Economics Statistics for Economics Chapter 1 Introduction (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 11 Economics Statistics for Economics Chapter 1 Introduction (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 11 Economics Statistics for Economics Chapter 1 Introduction (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 11 Economics. Here we have given NCERT Solutions for Class 11 Economics Statistics for Economics Chapter 1 Introduction.

प्रश्न अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

प्र.1. निम्नलिखित कथन सही है अथवा गलत? इन्हें तदनुसार चिह्नित कीजिए।

(क) सांख्यिकी केवल मात्रात्मक आँकड़ों का अध्ययन करती है।
(ख) सांख्यिकी आर्थिक समस्याओं का समाधान करती है।
(ग) आँकड़ों के बिना अर्थशास्त्र में सांख्यिकी का कोई उपयोग नहीं है।

उत्तर

(क) सही
(ख) गलत
(ग) सही

प्र.2 बस स्टैंड या बाजार में होने वाले क्रियाकलापों की सूची बनाएँ। इनमें से कितने आर्थिक क्रियाकलाप हैं?
उत्तर बस स्टैंड या बाज़ार में निम्नलिखित क्रियाकलाप देखने को मिलते हैं।

(क) उत्पादन
(ख) उपयोग
(ग) निवेश
(घ) वितरण
(ङ) विनिमय

प्र.3. सरकार और नीति-निर्माता आर्थिक विकास के लिए उपयुक्त नीतियों के निर्माण के लिए सांख्यिकीय आँकड़ों का प्रयोग करते हैं। दो उदाहरणों सहित व्याख्या कीजिए।
उत्तर आँकड़ों के समर्थन के बिना किसी भी सरकारी नीति का निर्माण संभव नहीं है। सरकार सभी आर्थिक समस्याओं चाहे वे निर्धनता हो, बेरोजगारी हो, जनसंख्या हो, जनांनकीय चुनौतियाँ हों या कोई और समस्या हो, का समाधान करने के लिए सांख्यिकी आँकड़ों का प्रयोग करती है।

उदाहरण के लिए, यदि सरकार बालिकाओं के शिक्षा स्तर में सुधार के लिए एक नीति लाना चाहती है तो पहले इस समस्या की गंभीरता एवं कारण जानने की आवश्यकता है। इसमें सांख्यिकीय उपकरण बहुत मदद करते हैं। नीति उद्घोषणा के बाद नीति की प्रभावशीलता जानने के लिए भी सांख्यिकी का उपयोग किया जायेगा। इसी प्रकार, यदि सरकार देश की जनसंख्या नियंत्रित करने के लिए कुछ करना चाहती है तो इसे एक प्रभावी नीति घोषणा करने की आवश्यकता है। घोषणा वह प्रभावी होगी जो बढ़ती हुई जनसंख्या के कारणों पर आक्रमण करे तथा बढ़ती जनसंख्या के कारण जानने के लिए पुनः सांख्यिकीय उपकरणों का प्रयोग करे।।

प्र.4. “आपकी आवश्यकताएँ असीमित हैं तथा उनकी पूर्ति करने के लिए आपके पास संसाधन सीमित हैं।” उदाहरणों द्वारा इस कथन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर हमारी आवश्यकताएँ असीमित हैं परंतु उनकी पूर्ति करने के लिए हमारे पास संसाधन सीमित हैं। उदाहरण के लिए, आपके परिवार की आय सीमित है जबकि आपकी इच्छाएँ असीमित हैं। आप इतनी सारी वस्तुएँ एवं सेवाएँ खरीदना चाहते हैं जो आप अपनी सीमित आय में नहीं खरीद सकते। अतः आपको चयन करना पड़ता है। इसी तरह आपके पास सीमित समय है और उसके बहुत से उप्रयोग हैं। आप खेलना चाहते हैं, नाचना चाहते हैं, पढ़ना चाहते हैं, सोना चाहते हैं, बातें करना चाहते हैं परंतु जीवन की सीमित सीमा में आप ये सब नहीं कर सकते। अतः आपको पुनः चयन करना पड़ता है।

प्र.5. उन आवश्यकताओं को चुनाव आप कैसे करेंगे, जिनकी आप पूर्ति करना चाहेंगे?
उत्तर हालाँकि हमारी आवश्यकताएँ असीमित हैं परंतु ये आवश्यकताएँ तीव्रता एवं अनिवार्यता के स्तर में भिन्न हैं। कुछ आवश्यकताएँ अन्य आवश्यकताओं की तुलना में अधिक तीव्र एवं अनिवार्य होती हैं। हम अधिक तीव्र एवं अनिवार्य आवश्यकताओं को पहले प्राथमिकता देते हैं। उदाहरण के लिए, एक परिवार घूमने के लिए स्वीटजरलैंड जाना चाहता है तथा एक मकान खरीदना चाहता है। क्योंकि वह किराये के मकान में रह रहा है। हम यह उम्मीद कर सकते हैं कि वह पहले मकान खरीदेगा बाद में घूमने जायेगा। एक उपभोक्ता ऐसा समूह खरीदना चाहता है जो उसे अधिकतम उपयोगिता प्रदान करता हो, एक उत्पादक ऐसे समूह का चयन करता है। जिससे उसे उत्पादन लागत न्यूनतम पड़ती है, एक निवेशक ऐसे निवेशों का चयन करता है जो उसे अधिकतम लाभ देते हों।

प्र.6. आप अर्थशास्त्र का अध्ययन क्यों करना चाहते हैं? कारण बताइए।
उत्तर अर्थशास्त्र की आवश्यकता जीवन के हर क्षेत्र में पड़ती है
(क) एक उपभोक्ता के रूप में-हम सभी की सीमित आय एवं इससे हम अपनी असीमित इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं। अर्थशास्त्र हमें उपभोग एवं आय के विभिन्न वस्तुओं एवं सेवाओं में आबंटन से संबंधित संयोग का निर्णय लेने में सहायता करता है।
(ख) एक उत्पादक के रूप में-एक उत्पादक इस तरह वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन करना चाहता है, जिससे उत्पादन की लागत न्यूनतम तथा लाभ अधिकतम हो। अर्थशास्त्र हमें ऐसे सिद्धांत देता है जिनसे हम ऐसे संयोग का चुनाव कर सकें।
(ग) एक निवेशक के रूप में-एक निवेशक के रूप में हमें अपने धन को ऐसे परियोजना में लगाने की आवश्यकता है। जो हमें अधिकतम अर्जन यूनतम जोखिम के साथ प्राप्त कराये। पुनः अर्थशास्त्र हमें ऐसे सिद्धांत देता है जो ऐसा संयोग प्राप्त करने में सहायता करते हैं।
(घ) एक नागरिक के रूप में-अर्थशास्त्र हमें सरकारी नीतियों का समाज एवं अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को समझने में सहायता करता है। तदनुसार हम यह कह सकते हैं कि सरकार कुशलता से कार्य कर रही है या नहीं।
(ङ) एक मनुष्य के रूप में-जब हम दुर्लभता के सिद्धांत को अपने दैनिक जीवन में लागू करते हैं तो हमें यह अहसास होता है कि समय हमारा सबसे दुर्लभ और गैर पुर्ननवीनीकरणीय स्रोत है। अपनी पूरी संपत्ति खर्च करके भी हम जीवन का एक क्षण नहीं बढ़ा सकते। अतः हमें अपने समय का अवश्य ही सर्वोत्तम उपयोग करना चाहिए। यह हमें कुशलता, सर्वोत्तम उपयोगिता, कोई बर्बादी नहीं, विवेकशीलता तथा निर्णय लेना लागत-लाभ विश्लेषण के आधार पर सिखाता है।

प्र.7. सांख्यिकीय विधियाँ सामान्य बुद्धि का स्थानापन्न नहीं होती!’ अपने दैनिक जीवन के उदाहरणों द्वारा इस कथन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर सांख्यिकीय विधियाँ सामान्य बुद्धि का स्थानापन्न नहीं होती। बहुत बार सांख्यिकी ऐसे परिणाम देती है जो सामान्य बुद्धि के आधार पर अर्थपूर्ण नहीं लगते। वास्तव में तो सामान्य बुद्धि का कोई भी स्थानापन्न नहीं है, सांख्यिकीय भी नहीं।

एक व्यक्ति ने एक सर्वेक्षण किया और पाया कि जिन स्थानों पर अस्पताल अधिक थे, वहाँ पर मृत्यु दरें भी अधिक थी तो उसने निष्कर्ष निकाला कि अस्पताल बढ़ती मृत्यु दरों का कारण है।

एक अन्य उदाहरण एक ऐसी परिस्थिति का हो सकता है। एक अध्यापक अपने विद्यार्थियों के अंकों को उनके कद पर आँकड़े इकट्टे करे और पाये कि लंबे बच्चों के अंक छोटे कद वाले विद्यार्थियों से बेहतर थे। आप यह निष्कर्ष दे दें कि कद ही अच्छे अंकों का कारण है।

अतः हम यह कह सकते हैं कि सांख्यिकी सामान्य बुद्धि का स्थानापन्न नहीं है।

Hope given Statistics for Economics Class 11 Solutions Chapter 1 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 11 Economics Statistics for Economics Chapter 1 Introduction (Hindi Medium) Read More »

NCERT Solutions for Class 11 Geography Fundamentals of Physical Geography Chapter 13

NCERT Solutions for Class 11 Geography Fundamentals of Physical Geography Chapter 13 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 11 Geography Fundamentals of Physical Geography Chapter 13 Water (Oceans) (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 11 Geography. Here we have given NCERT Solutions for Class 11 Geography Fundamentals of Physical Geography Chapter 13 Water (Oceans).

[NCERT TEXTBOOK QUESTIONS SOLVED] (पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न)

प्र० 1. बहुवैकल्पिक प्रश्न
(i) उस तत्व की पहचान करें जो जलीय चक्र का भाग नहीं हैं।
(क) वाष्पीकरण
(ख) वर्षण
(ग) जलयोजन
(घ) संघनन
उत्तर- (ग) जलयोजन

(ii) महाद्वीपीय ढाल की औसत गहराई निम्नलिखित के बीच होती है।
(क) 2-20 मीटर
(ख) 20-200 मीटर
(ग) 200-2000 मीटर
(घ) 2000-20000 मीटर
उत्तर- (ग) 200-2000 मीटर

(iii) निम्नलिखित में से कौन-सी लघु उच्चावच आकृति महासागरों में नहीं पाई जाती है?
(क) समुद्री टीला
(ख) महासागरीय गभीर
(ग) प्रवाल द्वीप
(घ) निमग्न द्वीप
उत्तर- (ख) महासागरीय गभीर

(iv) लवणता को प्रति समुद्री जल में घुले हुए नमक (ग्राम) की मात्र से व्यक्त किया जाता है
(क) 10 ग्राम
(ख) 100 ग्राम
(ग) 1,000 ग्राम
(घ) 10,000 ग्राम
उत्तर- (ग) 1,000 ग्राम

(v) निम्न में से कौन-सा सबसे छोटा महासागर है?
(क) हिंद महासागर
(ख) अटलांटिक महासागर
(ग) आर्कटिक महासागर
(घ) प्रशांत महासागर
उत्तर- (ग) आर्कटिक महासागर

प्र० 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।
(i) हम पृथ्वी को नीला ग्रह क्यों कहते हैं?
उत्तर- जल पृथ्वी पर रहने वाले सभी प्रकार के जीवों के लिए आवश्यक घटक है। पृथ्वी के जीव सौभाग्यशाली हैं कि यह एक जलीय ग्रह है। अन्यथा हम लोगों का अस्तित्व ही नहीं होता। जल हमारे सौरमंडल का दुर्लभ पदार्थ है। सूर्य अथवा सौरमंडल में अन्यत्र कहीं भी जल नहीं है। पृथ्वी के 71% भाग पर जल पाया जाता है अर्थात पृथ्वी के धरातल पर जल की प्रचुर आपूर्ति है। हमारे ग्रह को ‘नीला ग्रह’ भी कहा जाता है।

(ii) महाद्वीपीय सीमांत क्या होता है?
उत्तर- महाद्वीपीय सीमांत प्रत्येक महादेश का विस्तृत किनार होता है जो कि अपेक्षाकृत छिछले समुद्री तथा खाड़ियों का भाग होता है। यह महासागर का सबसे छिछला भाग होता है, जिसकी औसत प्रवणता 1 डिग्री या उससे भी कम होती है। इस सीमा का किनारा बहुत ही खड़े ढाल वाला होता है। यह अत्यंत तीव्र ढाल पर समाप्त होता है।

(iii) विभिन्न महासागरों के सबसे गहरे गर्तों की सूची बनाइए।
उत्तर- गर्त महासागरों के सबसे गहरे भाग होते हैं। अभी तक लगभग 57 गर्तों को खोजा गया है, जिसमें 32 प्रशांत महासागर, 19 अटलांटिक महासागर एवं 6 हिंद महासागर में है। विश्व की कुछ प्रमुख गर्ते निम्नलिखित है
(क) मेरिआना खाई – प्रशांत महासागर और पृथ्वी का सबसे गहरा भाग, जिसकी गहराई समुद्र तल से 11034 मीटर है।
(ख) प्यूरिटको खाई – यह अटलांटिक महासागर का सबसे गहरा गर्त है।
(ग) सुंडा खाई – यह हिंद महासागर की सबसे गहरी खाई है।

(iv) ताप प्रवणता क्या है?
उत्तर- समुद्र में तापमान गिरने का सिलसिला समुद्री सतह से लगभग 100 से 400 मीटर नीचे प्रारंभ होता है एवं कई सौ मीटर नीचे तक जाता है। वह सीमा क्षेत्र जहाँ तापमान में तीव्र गिरावट आती है, ताप प्रवणता कहा जाता है। महासागर में सतहीय एवं गहरी परतों वाले जल के बीच विभाजक रेखा होती है। समुद्र में वहीं से तापमान गिरने लगता है।

(v) समुद्र में नीचे जाने पर आप ताप की किन परतों का सामना करेंगे? गहराई के साथ तापमान में भिन्नता क्यों आती है?
उत्तर- मध्य एवं निम्न अक्षांशों में महासागरों के तापमान की संरचना को सतह से तली की ओर तीन परतों से गुजरना पड़ता है- पहली परत गर्म महासागरीय जल की सबसे ऊपरी परत होती है जो लगभग 500 मीटर मोटी होती है। और इसका तापमान 20 डिग्री सेंटीग्रेड से 25 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच होता है। उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में, यह परत पूरे वर्ष उपस्थित होती है, जबकि मध्य अक्षांशों में यह केवल ग्रीष्म ऋतु में विकसित होती है। दूसरी परत जिसे ताप प्रवणता परत कहा जाता है, पहली परत के नीचे स्थित होती है। इसमें गहराई के बढ़ने के साथ तापमान में तीव्र गिरावट आती है। यहाँ ताप प्रवणता की मोटाई 500 से 1000 मीटर तक होती है।
तीसरी परत बहुत अधिक ठंडी होती है तथा गभीर महासागरीय तली तक विस्तृत होती है। आर्कटिक एवं अंटार्कटिक वृत्तों में सतही जल का तापमान 0° डिग्री सेंटीग्रेड के निकट होता है और इसलिए गहराई के साथ तापमान में बहुत कम परिवर्तन होता है।

(vi) समुद्री जल की लवणता क्या है?
उत्तर- वर्षा का जल हो या महासागरों का, प्रकृति में उपस्थित सभी जलों में खनिज लवण घुले हुए होते हैं। लवणता वह शब्द है, जिसका उपयोग समुद्री जल में घुले हुए नमक की मात्रा को निर्धारित करने में किया जाता है। इसका परिकलन 1000 ग्राम समुद्री जल में घुले हुए नमक की मात्रा के द्वारा किया जाता है। इसे प्रायः प्रति 1000 भाग (%) या PPT के रूप में व्यक्त किया जाता है।

प्र० 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए।
(i) जलीय चक्र के विभिन्न तत्व किस प्रकार अंतर-संबंधित हैं?
उत्तर- समुद्र का जल वाष्प बनकर बादल के रूप में परिणत होकर विभिन्न अवरोधों से टकराकर वर्षा कराता है और यह वर्षा का पानी नदी और नालों के माध्यम से समुद्र में चला जाता है और पुनः समुद्र का जल जलवाष्प बनकर वर्षा कराता है। इस तरह की क्रियाएँ बार-बार होती रहती हैं, इसे जलीय चक्र कहा जाता है। जलीय चक्र में एक तत्व दूसरे तत्व से अंतर-संबंधित हैं। जल एक चक्र के रूप में महासागर से धरातले पर और धरातल से महासागर तक पहुँचता है। जलीय चक्र के तत्व वायु, जल, पृथ्वी पर जीवन के लिए सबसे आवश्यक तत्व हैं। पृथ्वी पर जल का वितरण असमान है। जलीय चक्र जल के वितरण की असमानता को कम करता है। क्योंकि जलवाष्प वर्षा के रूप में परिणत होकर विभिन्न क्षेत्रों में जल वितरित करता है। इस तरह से चल चक्र महासागरों, वायुमंडल, भूपृष्ठ, अधःस्तल और जीवों के बीच अंतर-संबंध स्थापित करता है।

(ii) महासागरों के तापमान वितरण को प्रभावित | करने वाले कारकों का परीक्षण कीजिए।
उत्तर- महासागरीय जल के तापमान वितरण को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं
(क) अक्षांश – ध्रुवों की ओर प्रवेशी सौर विकिरण की मात्रा घटने के कारण महासागरों के सतही जल का तापमान विषुवतवृत्त से ध्रुवो की ओर घटता चला जाता है।
(ख) स्थल एवं जल का असमान वितरण – उत्तरी गोलार्ध के महासागर दक्षिणी गोलार्ध के महासागरों की अपेक्षा स्थल के बहुत बड़े भाग से जुड़े होने के कारण अधिक मात्रा में ऊष्मा प्राप्त करते हैं।
(ग) सनातन पवनें – स्थल से महासागरों की तरफ बहने वाली पवनें महासागरों के सतही गर्म जल को तट से दूर धकेल देती है, जिसके परिणामस्वरूप नीचे का ठंडा जल ऊपर की ओर आ जाता है। परिणामस्वरूप तापमान में देशांतरीय अंतर आता है। इसके विपरीत, अभितटीय पवनें गर्म जल को तट पर जमा कर देती है और इससे तापमान बढ़ जाता है।
(घ) महासागरीय धाराएँ – गर्म महासागरीय धाराएँ ठंडे क्षेत्रों में तापमान को बढ़ा देती है। जबकि ठंडी धाराएँ गर्म महासागरीय क्षेत्रों में तापमान को घटा देती है। गल्फ स्ट्रीम उत्तरी अमेरिका के पूर्वी तट तथा यूरोप के पश्चिमी तट के तापमान को बढ़ा देती है। जबकि लेब्राडोर धारा उत्तरी अमेरिका के उत्तरी-पूर्वी तट के नजदीक के तापमान को कम कर देती है।

परियोजना कार्य-
(i) विश्व की एटलस की सहायता से महासागरीय नितल के उच्चावचों को विश्व के मानचित्र पर दर्शाइए।
(ii) एटलस की सहायता से हिंद महासागर में मध्य महासागरीय कटकों के क्षेत्रों को पहचानिए।
उत्तर- छात्र स्वयं करें।

Hope given Fundamentals of Physical Geography Class 11 Solutions Chapter 13 are helpful to complete your homework.

 

NCERT Solutions for Class 11 Geography Fundamentals of Physical Geography Chapter 13 (Hindi Medium) Read More »

error: Content is protected !!