CBSE Class 12

NCERT Solutions for Class 12 Geography Fundamentals of Human Geography Chapter 10 Human Settlements (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 12 Geography Fundamentals of Human Geography Chapter 10 Human Settlements (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 12 Geography Fundamentals of Human Geography Chapter 10 Human Settlements (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 12 Geography. Here we have given NCERT Solutions for Class 12 Geography Fundamentals of Human Geography Chapter 10 Human Settlements. https://mcq-questions.com/ncert-solutions-for-class-12-geography-fundamentals-of-human-geography-chapter-10-hindi/

अभ्यास प्रश्न (पाठ्यपुस्तक से)

प्र० 1. नीचे दिये गये चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए
(i) निम्न में से किस प्रकार की बस्तियाँ सड़क, नदी या नहर के किनारे होती हैं?
(क) वृत्ताकार
(ख) चौक पट्टी
(ग) रेखीय
(घ) वर्गाकार
(ii) निम्न में से कौन-सी एक आर्थिक क्रिया ग्रामीण बस्तियों की मुख्य आर्थिक क्रिया है?
(क) प्राथमिक
(ख) तृतीयक
(ग) द्वितीयक
(घ) चतुर्थ
(iii) निम्न में से किस प्रदेश में प्रलेखित प्राचीनतम नगरीय बस्ती रही है?
(क) ह्वांगहो की घाटी
(ख) सिंधु घाटी
(ग) नील घाटी
(घ) मेसोपोटामिया
(iv) 2006 के प्रारंभ में भारत में कितने ‘मिलियन सिटी’ थे?
(क) 40
(ख) 41
(ग) 42
(घ) 43
(v) विकासशील देशों की जनसंख्या के सामाजिक ढाँचे के विकास एवं आवश्यकताओं की पूर्ति में कौन से प्रकार के संसाधन सहायक हैं?
(क) वित्तीय
(ख) मानवीय
(ग) प्राकृतिक
(घ) सामाजिक

उत्तर:
(i) (ग) रेखीय
(ii) (क) प्राथमिक
(iii) (ख) सिंधु घाटी
(iv) (क) 40
(b) (घ) सामाजिक

प्र० 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए
(i) आप बस्ती को कैसे परिभाषित करेंगे?
उत्तर: मानव आवासों के संगठित समूह को बस्ती कहा जाता है। बस्तियों में होने वाले मानवीय व आर्थिक क्रिया-कलापों के आधार पर इन्हें ग्रामीण तथा नगरीय बस्तियों में वर्गीकृत किया जाता है। गुफाओं से निकलकर मानव ने अपने लिए स्थायी व अस्थायी बस्तियाँ बसानी आरंभ कर दी थीं, यह प्रक्रिया आज भी जारी है।
(ii) स्थान (साइट) एवं स्थिति (सिचुएसन) के मध्य अंतर बताएँ।
उत्तर: स्थान का संबंध उस भूभाग से है जहाँ मानव बस्ती बनाकर रहते हैं, साथ ही वे अनेक जीवनोपयोगी क्रियाकलापों में संलग्न रहते हैं। जबकि स्थिति का संबंध उन भौगोलिक व पर्यावरणीय दशाओं के अलावा समीपस्थ बस्तियों से है जिनसे एक बस्ती प्रभावित होती है।
(iii) बस्तियों के वर्गीकरण के क्या आधार हैं?
उत्तर: बस्तियों का वर्गीकरण-ग्रामीण व नगरीय आधार पर किया जाता है। कोई बस्ती ग्रामीण है या नगरीय इसके लिए विभिन्न मापदंड अपनाए जाते हैं, जैसे-जनसंख्या का आकार, जनसंख्या का घनत्व तथा वहाँ होने वाले आर्थिक क्रियाकलाप इत्यादि। किंतु इन मापदंडों पर सार्वभौम मतैक्य नहीं है।
(iv) मानव भूगोल में मानव बस्तियों के अध्ययन का औचित्य बताएँ।
उत्तर: मानव भूगोल में अध्ययन का मुख्य केंद्र मानव व मानवीय क्रियाकलाप होते हैं। आवास मानव जीवन की मूलभूत आवश्यकता है। आवासों का संगठित प्रतिरूप बस्तियाँ कहलाता है। बस्ती एकांकी आवास से लेकर ग्राम, पुरवे, कस्बे, नगर, शहर अथवा मेगासिटी किसी भी रूप में हो सकते हैं। मानव बस्तियों के अध्ययन से मानव के आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक व राजनीतिक विकास का पता चलता है और यही मानव भूगोल की विषयवस्तु होती हैं।

प्र० 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 150 शब्दों से अधिक में न दीजिए
(i) ग्रामीण एवं नगरीय बस्ती किसे कहते हैं? उनकी विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर: जनसंख्या का आकार, वृद्धि एवं विस्तार तथा आर्थिक क्रियाकलापों के आधार पर मानव बस्तियों को दो वर्गों में रखा जाता है। ग्रामीण बस्तियों में जनसंख्या व जनघनत्व बहुत ही कम होता है तथा यहाँ के निवासी प्राथमिक क्रियाकलापों के द्वारा जीविकोपार्जन करते हैं जबकि नगरीय बस्तियों में जनसंख्या व जनघनत्व अपेक्षाकृत अधिक होता है तथा यहाँ के अधिकतर निवासी द्वितीयक, तृतीयक व चतुर्थ श्रेणी के क्रियाकलापों में संलग्न रहकर अपनी जीविका का उपार्जन करते हैं।
ग्रामीण बस्तियों की विशेषताएँ
(i) ग्रामीण बस्तियाँ प्रत्यक्ष रूप से अपनी भूमि से निकटता से गहरा संबंध बनाए रखती हैं।
(ii) यहाँ के निवासी ग्रामीण परिवेश से जुड़ी आर्थिक क्रियाओं, जैसे – कृषि, पशुपालन, लकड़ी काटना, मछली पकड़ना तथा खनन कार्य आदि से अपनी जीविका कमाते हैं।
(iii) इन बस्तियों का आकार अपेक्षाकृत छोटा होता है तथा वृद्धि एवं विस्तार की दर बहुत धीमी होती है।
(iv) ये बस्तियाँ प्रायः किसी जल-स्रोत जैसे-तालाब, झील, नदी, नहर अथवा झरने के समीप बसी होती हैं।
(v) ग्रामीण बस्तियों के लोग सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक समरूपता के साथ आपस में गहरे संबंध रखते हैं। तथा एक-दूसरे को जानते-पहचानते हैं।
(vi) ग्रामीण बस्तियों के आवासों के प्रकार व निर्माण सामग्री में समरूपता पायी जाती है जो कि स्थानीय भौगोलिक तथा पर्यावरणीय दशाओं के अनुरूप होती है।
नगरीय बस्तियों की विशेषताएँ
(i) समय बीतने के साथ कुछ बस्तियाँ विशेषीकृत होकर अपने आस-पास की बस्तियों को सेवाएँ प्रदान करने लगती हैं। ऐसी बस्तियों को नगर कहा जाता है।
(ii) नगरों के अधिकांश निवासी द्वितीयक, तृतीयक एवं चतुर्थ क्रियाकलापों में संलग्न रहते हैं।
(iii) जनसंख्या की अधिकता, व्यावसायिक विविधता व प्रशासनिक कार्यों के आधार पर नगरों को वर्गीकृत किया जाता है।
(iv) नगरों में जनसंख्या का घनत्व भी बहुत अधिक होता है।
(v) नगरों की समस्याओं के समाधान हेतु नगर पालिका, नगर निगम, छावनी बोर्ड अथवा अधिसूचित नगरीय क्षेत्र समिति का गठन किया जाता है।
(vi) नगरों के विकास एवं विस्तार की दर बहुत अधिक होती है।
(vii) आवासों की सघनता के कारण लंबवत विस्तार अधिक होता है तथा आवासों के निर्माण में प्रयुक्त सामग्री विविधतापूर्ण होती है।
(ii) विकासशील देशों में नगरीय बस्तियों की समस्याओं का विवेचन कीजिए।
उत्तर: 1. विकासशील देशों के अधिकतर शहर अनियोजित रूप से बसे हैं। रोजगार के अधिक अवसर व नागरिक सुविधाओं की उपलब्धता के कारण यहाँ जनसंख्या व जन-घनत्व बहुत अधिक होता है। अतः यहाँ भीड़भाड़ अधिक होती है।
2. जनसंख्या के भारी दबाव के कारण अनधिकृत व स्लम बस्तियों का लगातार विकास व विस्तार होने से नागरिक सुविधाओं की भारी कमी देखने को मिलती है।
3. एशिया पेसिफिक देशों में नगरीय जनसंख्या का 60 प्रतिशत भाग इन्हीं अनधिकृत बस्तियों में रहता है।
4. इन देशों के ग्रामीण क्षेत्रों से अकुशल तथा अर्धकुशल श्रमिक नगरीय क्षेत्रों की ओर पलायन करते हैं जिससे जनसंख्या का दबाव और बढ़ जाता है।
5. विकासशील देशों के शहर अपर्याप्त वित्तिय संसाधनों के कारण अनेक सामाजिक बुराइयों से ग्रस्त हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा तथा स्वच्छ जल की उपलब्धता गरीब नगरवासियों की पहुँच से बाहर है।
6. ग्रामीण क्षेत्रों से पुरुष उत्प्रवास व शहरों में आप्रवास के कारण ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों में लिंगानुपात असंतुलित हो जाता है जिससे सामाजिक बुराइयाँ पनपती हैं।
7. नगरीय क्षेत्रों में अधिक जनसंख्या के कारण पर्यावरण संबंधी समस्याएँ भी विकराल रूप धारण कर लेती हैं। जैसे-मल व अन्य अपशिष्ट पदार्थों की विशाल मात्रा का निष्ठान करना, ध्वनि प्रदूषण, जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, भू-प्रदूषण तथा यातायात जाम की स्थिति आदि समस्याओं के कारण यहाँ के निवासियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
8. कंकरीट, लौह-इस्पात व कांच से बनी बहुमंजिला इमारतें उष्म द्वीप का कार्य करती हैं जो कि मनुष्य के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डालती हैं।

Hope given Fundamentals of Human Geography Class 12 Solutions Chapter 10 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 12 Geography Fundamentals of Human Geography Chapter 10 Human Settlements (Hindi Medium) Read More »

NCERT Solutions for Class 12 Geography India People and Economy Chapter 2 Migration Types, Causes and Consequences (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 12 Geography India: People and Economy Chapter 2 Migration: Types, Causes and Consequences (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 12 Geography India: People and Economy Chapter 2 Migration: Types, Causes and Consequences (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 12 Geography. Here we have given NCERT Solutions for Class 12 Geography India: People and Economy Chapter 2 Migration: Types, Causes and Consequences. https://mcq-questions.com/ncert-solutions-for-class-12-geography-india-people-and-economy-chapter-2-hindi/

अभ्यास प्रश्न (पाठ्यपुस्तक से)

प्र० 1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
(i) निम्नलिखित में से कौन-सा भारत में पुरुष प्रवास का मुख्य कारण है?
(क) शिक्षा
(ख) काम और रोज़गार
(ग) व्यवसाय
(घ) विवाह
(ii) निम्नलिखित में से किस राज्य से सर्वाधिक संख्या में आप्रवासी आते हैं?
(क) उत्तर प्रदेश
(ख) महाराष्ट्र
(ग) दिल्ली
(घ) बिहार
(iii) भारत में प्रवास की निम्नलिखित धाराओं में से कौन-सी एक धारा पुरुष प्रधान है?
(क) ग्रामीण से ग्रामीण
(ख) ग्रामीण से नगरीय
(ग) नगरीय से ग्रामीण
(घ) नगरीय से नगरीय
(iv) निम्नलिखित में से किस नगरीय समूहने में प्रवासी जनसंख्या का अंश सर्वाधिक है?
(क) मुंबई नगरीय समूहन
(ख) बंगलौर नगरीय समूहन
(ग) दिल्ली नगरीय समूहन
(घ) चेन्नई नगरीय समूहले

उत्तर:
(i) (ख) काम और रोज़गार
(ii) (क) उत्तर प्रदेश
(iii) (ख) ग्रामीण से नगरीय
(iv) (क) मुंबई नगरीय समूहन

प्र० 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें।
(i) जीवनपर्यंत प्रवासी और पिछले निवास के अनुसार प्रवासी में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: जब किसी व्यक्ति के जन्म का स्थान गणना के स्थान से भिन्न होता है, ऐसे व्यक्ति को जीवनपर्यंत प्रवासी के नाम से जाना जाता है। जबकि यदि किसी व्यक्ति के निवास का पिछला स्थान गणना के स्थान से भिन्न होता है। तब उसे पिछले निवास के आधार पर प्रवासी माना जाता है।
(ii) पुरुष/स्त्री चयनात्मक प्रवास के मुख्य कारण की पहचान कीजिए।
उत्तर: ग्रामीण क्षेत्रों में पुरुष चयनात्मक बाह्य प्रवास के कारण पत्नियाँ पीछे छूट जाती हैं। जिससे उन पर अतिरिक्त शारीरिक व मानसिक दबाव पड़ता है। अत: प्रवास स्त्रियों के जीवन स्तर को प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से प्रभावित करता है।
(iii) उद्गम और गंतव्य स्थान की आयु एवं लिंग संरचना पर ग्रामीण-नगरीय प्रवास का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: प्रवास से देश के अंदर जनसंख्या का पुनर्वितरण होता है। ग्रामीण-नगरीय प्रवास से नगरों में युवा पुरुष जनसंख्या में वृद्धि हो जाती है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों से युवा आयु वर्ग के कुशल व दक्ष लोगों का बाह्य प्रवास नगरों की ओर होता है। उत्तरांचल, राजस्थान, मध्य प्रदेश तथा पूर्वी महाराष्ट्र से होने वाले बाह्य प्रवास से इन राज्यों की आयु व लिंग संरचना में भारी असंतुलन हो जाता है।

प्र० 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें।
(i) भारत में अंतर्राष्ट्रीय प्रवास के कारणों की विवेचना कीजिए।
उत्तर: भारत में अंतर्राष्ट्रीय प्रवास के दो स्तर हैं – (i) उत्प्रवास-भारत से बाह्य देशों की ओर प्रवास, (ii) आप्रवास-बाह्य देशों से भारत की ओर प्रवास। 2001 ई० की जनगणना के अनुसार भारतीय डायास्पोरा के लगभग 2 करोड़ लोग ऐसे हैं जो 110 देशों में जाकर बसे हैं। बेहतर अवसरों की तलाश में भारत से बड़ी संख्या में लोग मध्य-पूर्व व पश्चिमी यूरोप के देशों, अमेरिका, आस्ट्रेलिया व पूर्वी एवं दक्षिण-पूर्वी एशिया में प्रवास करते रहे हैं। भारत से लोगों के प्रसार के तीन चरण स्पष्ट दिखाई पड़ते हैं
प्रथम चरण – उपनिवेश काल-इस दौरान अंग्रेजों द्वारा उत्तर प्रदेश तथा बिहार से करारबद्ध लाखों श्रमिकों को भारतीय उत्प्रवास अधिनियम (गिरमिट एक्ट) के अंतर्गत रोपण कृषि में काम करने हेतु मॉरीशस, कैरेबियन द्वीपों, फिजी और दक्षिणी अफ्रीका, फ्रांसीसियों व जर्मनों द्वारा रियूनियन द्वीप, गुआडेलोप, मार्टीनीक तथा सूरीनाम, डच व पुर्तगालियों द्वारा गोवा, दमन व दीव तथा अंगोला, मोजांबिक न अन्य देशों में भेजा जाता था। इन करारबद्ध मजदूरों के जीवन की दशाएँ दासों से बेहतर नहीं थी।
द्वितीय चरण – प्रवासियों की दूसरी तरंग आधुनिक समय में व्यावसायियों, शिल्पियों, व्यापारियों और फैक्टरी मजदूरों के रूप में आर्थिक अवसरों की तलाश में निकटवर्ती देशों-थाइलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया व ब्रूनेई आदि देशों में व्यवसाय हेतु गये। यह प्रवृत्ति अब भी जारी है।
तृतीय चरण – प्रवासियो की तीसरी तंरग (1960 के बाद) डॉक्टरों, अमियंताओं, सॉफ्टवेयर इंजिनियरों, प्रबंधन परामर्शदाताओं, वित्तीय विशेषज्ञों, संचार माध्यमों से जुड़े व्यक्तियों ने संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाड़ा, यूनाइटेड किंगडम, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड व जर्मनी आदि में प्रवास किया है। यह सर्वाधिक शिक्षित व उच्च अर्जक जनसंख्या है।
भारत में अन्य देशों से 50 लाख व्यक्तियों का आप्रवास हुआ है। इनमें से 96% पड़ोसी देशों-बांग्लादेश (30 लाख) पाकिस्तान (9 लाख), नेपाल (5 लाख) इनमें तिब्बत, श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान व ग्यांमार से आये 1.6 लाख शरणार्थी भी शामिल है।
(ii) प्रवास के सामाजिक जनांकिकीय परिणाम क्या-क्या हैं?
उत्तर: प्रवास के सामाजिक परिणाम – प्रवास से विभिन्न संस्कृतियों के लोगों का अंतर्मिश्रण होता है। नवीन प्रौद्योगिकी, परिवार नियोजन व बालिका शिक्षा इत्यादि से संबंधित नए विचार प्रवासियों द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान । पर नगरीय क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर विसरित होते हैं इससे संकीर्ण विचारों का भेदन होता है, साथ ही विभिन्न संस्कृतियों के अच्छे गुणों व विशेषताओं से परिचय होता है। किंतु इसके गुमनामी जैसे गंभीर नकारात्मक परिणाम भी होते हैं जो व्यक्तियों में सामाजिक निर्वात तथा खिन्नता की भावना भर देते हैं। खिन्नता की सतत् भावना लोगों को अपराध और औषध दुरुपयोग (Drug Abuse) जैसी असामाजिक गतिविधियों में संलग्न होने के लिए प्रेरित करती है।
जनांकिकीय परिणाम – प्रवास से देश के अंतद जनसंख्या का पुनर्वितरण होता है। प्रवास के कारण ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों में लिंग अनुपात असंतुलित हो जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षित, प्रशिक्षित, कुशल व दक्ष युवा लोगों । को पलायेन वहाँ के जनांकिकीय संघटन पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। उत्तराखंड, राजस्थान, मध्यप्रदेश व पूर्वी महाराष्ट्र से होने वाले बाह्य प्रवास ने इन राज्यों की आयु एवं लिंग संरचना में गंभीर असंतुलन पैदा कर दिया है। ऐसा ही असंतुलन उन राज्यों व नगरों में भी उत्पन्न हो गया है जहाँ ये प्रवासी बसते हैं। अतः प्रवासियों के उद्गम व गंतव्य स्थानों पर लिंग अनुपात व आयु संरचना के अनुपात में भारी असंतुलन पैदा हो जाता है।

Hope given NCERT Class 12 Geography Solutions Chapter 2 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 12 Geography India: People and Economy Chapter 2 Migration: Types, Causes and Consequences (Hindi Medium) Read More »

NCERT Solutions for Class 12 Geography Fundamentals of Human Geography Chapter 7 Tertiary and Quaternary Activities (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 12 Geography Fundamentals of Human Geography Chapter 7 Tertiary and Quaternary Activities (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 12 Geography Fundamentals of Human Geography Chapter 7 Tertiary and Quaternary Activities (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 12 Geography. Here we have given NCERT Solutions for Class 12 Geography Fundamentals of Human Geography Chapter 7 Tertiary and Quaternary Activities . https://mcq-questions.com/ncert-solutions-for-class-12-geography-fundamentals-of-human-geography-chapter-7-hindi/

अभ्यास प्रश्न (पाठ्यपुस्तक से)

प्र० 1. नीचे दिये गये चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
(i) निम्नलिखित में से कौन-सा एक तृतीयक क्रियाकलाप है?
(क) खेती
(ख) बुनाई
(ग) व्यापार
(घ) आखेट
(ii) निम्नलिखित क्रियाकलापों में से कौन-सा एक द्वितीयक सेक्टर का क्रियाकलाप नहीं है?
(क) इस्पात प्रगलन
(ख) वस्त्र निर्माण
(ग) मछली पकड़ना
(घ) टोकरी बुनना
(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा एक सेक्टर दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में सर्वाधिक रोजगार प्रदान करता
(क) प्राथमिक
(ख) द्वितीयक
(ग) पर्यटन
(घ) सेवा
(iv) वे काम जिनमें उच्च परिमाण और स्तर वाले अन्वेषण सम्मिलित होते हैं, कहलाते हैं?
(क) द्वितीयक क्रियाकलाप
(ख) पंचम क्रियाकलाप
(ग) चतुर्थ क्रियाकलाप
(घ) प्राथमिक क्रियाकलाप
(v) निम्नलिखित में से कौन-सा क्रियाकलाप चतुर्थ सेक्टर से संबंधित है?
(क) संगणक विनिर्माण
(ख) विश्वविद्यालयी अध्ययन ध्ययन
(ग) कागज और कच्ची लुगदी निर्माण
(घ) पुस्तकों का मुद्रण
(vi) निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक सत्य नहीं है?
(क) बाह्यस्रोतन दक्षता को बढ़ाता है और लागतों को घटाता है।
(ख) कभी-कभार अभियांत्रिकी और विनिर्माण कार्यों की भी बाह्यस्रोतन की जा सकती है।
(ग) बी०पी०ओज़ के पास के०पी०ओज़ की तुलना में बेहतर व्यावसायिक अवसर होते हैं।
(घ) कामों के बाह्यस्रोतन करने वाले देशों में काम की तलाश करने वालों में असंतोष पाया जाता है।

उत्तर:
(i) (ग) व्यापार
(ii) (ग) मछली पकड़ना
(iii) (घ) सेवा
(iv) (ग) चतुर्थ क्रियाकलाप
(v) (ख) विश्वविद्यालयी अध्ययन
(vi) (घ) कामों के बाह्यस्रोतन करने वाले देशों में काम की तलाश करने वालों में असंतोष पाया जाता है।

प्र० 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए
(i) फुटकर व्यापार सेवा को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: वह व्यापारिक क्रियाकलाप जिसमें उपभोक्ताओं को उपभोग के लिए प्रत्यक्ष रूप में वस्तुएँ व उत्पाद उपलब्ध कराये जाते हैं।
(ii) चतुर्थ सेवाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर: चतुर्थ सेवाओं में सूचना आधारित तथा अनुसंधान व विकास आधारित क्रियाकलापों को सम्मिलित किया जाता है। इनके अंतर्गत सूचनाओं का संग्रहण, उत्पादन एवं प्रकीर्णन अथवा सूचनाओं का उत्पादन आता है।
(iii) विश्व में चिकित्सा पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से उभरते हुए देशों के नाम लिखिए।
उत्तर: भारत विश्व में चिकित्सा पर्यटन के क्षेत्र में अग्रणी देश बनकर उभरा है। इसके अलावा थाईलैंड, सिंगापुर और मलेशिया जैसे विकासशील देश भी चिकित्सा पर्यटन से लाभान्वित हो रहे हैं। भारत, स्विट्ज़रलैंड और ऑस्ट्रेलिया विशिष्ट परीक्षणों की सुविधाएँ उपलब्ध करा रहे हैं।
(iv) अंकीय विभाजक क्या है?
उत्तर: अंकीय विभाजक-विकसित देशों की तुलना में विकासशील देश अनेक आर्थिक, राजनीतिक व सामाजिक भिन्नताओं के कारण सूचना एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मिलने वाले लाभों व अवसरों के मामले में पिछड़ गये हैं। यही अंकीय विभाजक है।

प्र० 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 150 शब्दों से अधिक में न दें
(i) आधुनिक आर्थिक विकास में सेवा सेक्टर की सार्थकता और वृद्धि की चर्चा कीजिए।
उत्तर: किसी देश के आर्थिक विकास में सेवा सेक्टर की सार्थकता का मापन उसके अंतर्गत होने वाले विभिन्न क्रियाकलापों के विकास के स्तर का आकलन करने के बाद ही संभव हो सकता है। सेवा सेक्टर के अंतर्गत होने वाले क्रियाकलाप निम्नलिखित हैं
1. वाणिज्य और व्यापार-इसके दो स्तर हैं – 1. फुटकर व्यापार तथा 2. थोक व्यापार।
इसमें फुटकर विक्रेता तथा थोक विक्रेता, चाहे वे ग्रामीण परिवेश से संबंधित हैं अथवा शहरी परिवेश से, सभी का उद्देश्य वस्तुओं/उत्पादों को बेचकर लाभ कमाना होता है। किसी देश में व्यापार और वाणिज्य में विशेष रूप से आधुनिक विनिर्मित वस्तुओं के क्रय एवं विक्रेय में, जितनी अधिक वृद्धि होगी, विकास का स्तर उतना ही ऊँचा होगा।
2. परिवहन और संचार सुविधाएँ – परिवहन के द्वारा व्यक्तियों, वस्तुओं व संपत्तियों को प्रत्यक्ष रूप में अपने गंतव्यों तक पहुँचाना होता है जबकि संचार की सुविधाओं के द्वारा शब्दों, विचारों व संदेशों को चाहे वे लिखित सामग्री के रूप में हैं अथवा श्रृंव्य-दृश्य के रूप में उन्हें विभिन्न माध्यमों जैसे-डाक सेवाओं द्वारा, दूरसंचार सेवाएँ (मोबाइल, फैक्स, इंटरनेट, रेडियो व दूरदर्शन) के द्वारा अथवा लिखित सामग्री (समाचार पत्र व पत्रिकाओं) के द्वारा-ये सभी जनसंचार के आधुनिक साधन हैं। इनका जितना अधिक विकास होगा, और लोग इनका जितना अधिक-से-अधिक उपयोग करेंगे देश उतना ही अधिक विकसित होगा।
3. व्यावसायिक कुशलता, अनुसंधान व उच्च प्रौद्योगिकी का निष्पादन – देश में साधारण सेवाओं के अलावा व्यावसायिक रूप से कुशल व प्रशिक्षित शिक्षक, डॉक्टर, वकील, लेखाकार, परामर्शदाता वैज्ञानिक, शोधकर्ता, प्रशासनिक कुशलता रखने वाले लोगों की संख्या तथा उच्च प्रौद्योगिकी पेशेवरों की संख्या जितनी अधिक होगी तथा उनको कार्यस्थलों का जितना विकास होगा, देश उतना ही विकसित कहलाता है। विकसित देशों में तृतीयक क्रियाकलापों में संलग्न जनसंख्या का प्रतिशत अधिक होता है।
(ii) परिवहन और संचार सेवाओं की सार्थकता को विस्तारपूर्वक स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: किसी देश के आर्थिक विकास में परिवहन एवं संचार सेवाओं का महत्त्वपूर्ण योगदान रहता है। इन सेवाओं का जितना अधिक विकास होगा उतनी ही अधिक गतिशीलता वहाँ के व्यापार व वाणिज्य में देखने को मिलती है साथ ही वहाँ के लोग भी अधिक क्रियाशील होते हैं। वहाँ के लोगों को तथा व्यापार व वाणिज्य को गतिशील बनाता है। क्योंकि
1. परिवहन – परिवहन एक ऐसी सेवा या सुविधा है जिससे लोग, विनिर्मित व कच्चा माल एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है। आधुनिक समाज में वस्तुओं के उत्पादन, वितरण और उपभोग के लिए द्रुतगामी परिवहन व्यवस्था चाहते हैं। परिवहन में दूरी को कई तरह से मापा जाता है-1. मार्ग की लंबाई के रूप में, 2. मार्ग में लगने वाले समय के रूप में तथा 3. मार्ग पर यात्रा पर आने वाले खर्च के रूप में। परिवहन के साधन के रूप में अनेक विकल्प होते हैं; जैसे-सड़क परिवहन, रेल परिवहन, वायुमार्ग परिवहन, जलमार्ग परिवहन तथा द्रव व गैस के लिए पाइप लाइन परिवहन। लोगों को जितने अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे। अर्थव्यवस्था के विकास के लिए उतना ही अच्छा होगा। परिवहन के संदर्भ में दो बिंदु विचारणीय होते हैं
(i) परिवहन की माँग जनसंख्या के आकार से प्रभावित होती है। अधिक जनसंख्या होने पर अधिक परिवहन सेवाओं की माँग होगी।
(ii) परिवहन का जाल-तंत्र जितना विकसित होगा, अर्थव्यवस्था उतनी ही सुदृढ़ होगी।
2. संचार – संचार सेवाओं के द्वारा शब्दों, विचारों व संदेशों को चाहे वे लिखित सामग्री के रूप में हैं अथवा शृव्य-दृश्य सामग्री के रूप में, उन्हें विभिन्न माध्यमों जैसे डाक द्वारा, समाचार-पत्र व पत्रिकाओं के द्वारा तथा दूरसंचार सेवाओं (मोबाइल, दूरभाष, फैक्स, इंटरनेट, रेडियो व दूरदर्शन) के द्वारा गंतव्य तक पहुँचाना होता है। ये सभी जनसंचार के आधुनिक साधन हैं। इनका लोगों द्वारा जितना विकास व उपयोग होगी देश आर्थिक रूप से उतना ही प्रगति करेगा।

Hope given Fundamentals of Human Geography Class 12 Solutions Chapter 7 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 12 Geography Fundamentals of Human Geography Chapter 7 Tertiary and Quaternary Activities (Hindi Medium) Read More »

NCERT Solutions for Class 12 Geography Fundamentals of Human Geography Chapter 6 Secondary Activities (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 12 Geography Fundamentals of Human Geography Chapter 6 Secondary Activities (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 12 Geography Fundamentals of Human Geography Chapter 6 Secondary Activities (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 12 Geography. Here we have given NCERT Solutions for Class 12 Geography Fundamentals of Human Geography Chapter 6 Secondary Activities. https://mcq-questions.com/ncert-solutions-for-class-12-geography-fundamentals-of-human-geography-chapter-6-hindi/

अभ्यास प्रश्न (पाठ्यपुस्तक से)

प्र० 1. नीचे दिये गये चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
(i) निम्न में से कौन-सा कथन असत्य है?
(क) हुगली के सहारे जूट के कारखाने सस्ती जल यातायात की सुविधा के कारण स्थापित हुए।
(ख) चीनी, सूती वस्त्र एवं वनस्पति तेल उद्योग स्वच्छंद उद्योग हैं।
(ग) खनिज तेल एवं जलविद्युत शक्ति के विकास ने उद्योगों की अवस्थिति कारक के रूप में कोयला शक्ति के महत्त्व को कम किया है।
(घ) पत्तन नगरों ने भारत में उद्योगों को आकर्षित किया है।
(ii) निम्न में से कौन-सी एक अर्थव्यवस्था में उत्पादन का स्वामित्व व्यक्तिगत होता है?
(क) पूँजीवाद
(ख) मिश्रित
(ग) समाजवाद
(घ) कोई भी नहीं।
(iii) निम्न में से कौन-सा एक प्रकार का उद्योग अन्य उद्योगों के लिए कच्चे माल का उत्पादन करता है?
(क) कुटीर उद्योग
(ख) छोटे पैमाने के उद्योग
(ग) आधारभूत उद्योग।
(घ) स्वच्छंद उद्योग
(iv) निम्न में से कौन-सा एक जोड़ा सही मेल खाता है?
(क) स्वचालित वाहन उद्योग …………. लॉस एंजिल्स
(ख) पोत निर्माण उद्योग ………………………
(ग) वायुयान निर्माण उद्योग ………………….. फलोरेंस
(घ) लौह-इस्पात उद्योग …………….. पिट्सबर्ग
उत्तर:
(i) (ख) चीनी, सूती वस्त्र एवं वनस्पति तेल उद्योग स्वच्छंद उद्योग है।
(ii) (क) पूँजीवाद
(iii) (ग) आधारभूत उद्योग
(iv) (घ) लौह-इस्पात उद्योग ……………………. पिट्स बर्ग।

प्र० 2. निम्नलिखित पर लगभग 30 शब्दों में टिप्पणी लिखिए|
(i) उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग ।
(ii) विनिर्माण
(iii) स्वच्छंद उद्योग
उत्तर:
(i) उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग – ये नवीनतम पीढ़ी के उद्योग हैं जिनमें उन्नत वैज्ञानिक एवं इंजीनियरिंग उत्पादों का निर्माण एवं विकास गहन शोध के पश्चात् किया जाता है। इनमें सफेद कॉलर श्रमिकों (व्यावसायिक श्रमिकों) की संख्या अधिक होती है। इन उद्योगों में यंत्र-मानव (रोबोट) कंप्यूटर आधारित डिज़ाइन तथा निर्माण, इलेक्ट्रानिक नियंत्रण वाले शोधकार्य तथा नये रासायनिक व औषधीय उत्पादों का निर्माण होता है।
(ii) विनिर्माण – विनिर्माण का शाब्दिक अर्थ है ‘हाथ से बनाना’, किंतु अब इसमें यंत्रों व मशीनों द्वारा बनायी गई वस्तुएँ भी सम्मिलित की जाती हैं। अतः विनिर्माण जैविक व अजैविक पदार्थों का एक नये उत्पान के रूप में यांत्रिक एवं रासायनिक परिवर्तन है। चाहे यह वस्तुएँ किसी कारखाने अथवा कामगार के घर में निर्मित हुई हों।
(iii) स्वच्छंद उद्योग-इने उद्योगों की स्थापना में परंपरागत कारक प्रभावी नहीं होते हैं; बल्कि इन्हें कहीं भी औद्योगिक संकुलों में स्थापित किया जा सकता है। क्योंकि इन उद्योगों का कच्चा माल दूसरे उद्योगों को तैयार माल होता है, जिनमें क्षति का स्तर बहुत ही कम होता है। ये उद्योग संघटक पुरजों पर निर्भर रहते हैं जो कहीं भी प्राप्त किए जा सकते हैं।

प्र० 3. निम्न प्रश्नों का 150 शब्दों में उत्तर दीजिए
(i) प्राथमिक एवं द्वितीयक गतिविधियों में क्या अन्तर है?
उत्तर: प्राथमिक गतिविधियाँ
1. इनमें वे मानवीय क्रियाकलाप आते हैं, जो सीधे पर्यावरण से जुड़े होते हैं।
2. प्रकृति से प्राप्त पदार्थों का उपभोग बिना प्रसंस्करण के अथवा अल्प-प्रसंस्करण के उपभोक्ताओं द्वारा कर लिया जाता है।
3. इसके अंतर्गत-आखेट, भोजन संग्रह, पशुचारण, मछली पकड़ना, वनों से लकड़ी, कंद-मूल-फल व अन्य उत्पाद एकत्रित करना, कृषि एवं खनन कार्य सम्मिलित किए जाते हैं।
4. इन गतिविधियों के अंतर्गत वे क्षेत्र आते हैं जहाँ विषम जलवायविक व भौगोलिक दशाएँ विद्यमान होती हैं।
5. यहाँ के अधिकतर निवासी आदिम सामाजिक जीवन जी रहे होते हैं।
6. ये वे क्षेत्र हैं जहाँ अभी तक आधुनिक प्रौद्योगिकी व तकनीकी का विकास व हस्तक्षेप नहीं हुआ है।
द्वितीयक गतिविधियाँ-
1: इनमें वे मानवीय क्रियाकलाप आते हैं जिनके द्वारा प्राथमिक उत्पादों के गुणों व रूप में परिवर्तन करके उन्हें और अधिक उपयोगी व मूल्यवान बनाया जाता है।
2. विभिन्न यांत्रिक व मशीनीकृत प्रक्रियाओं के द्वारा प्राथमिक उत्पादों को प्रसंस्कृत करने के बाद उपभोक्ताओं के उपभोग के लिए भेजा जाता है।
3. इसके लिए छोटे घरेलू उद्योग से लेकर बड़े-बड़े कारखाने व औद्योगिक इकाइयाँ स्थापित की गयी हैं।
4. इन गतिविधियों के अंतर्गत उच्च जनसंख्या वाले विकसित तथा विकासशील क्षेत्र आते हैं।
5. इनके लिए भौगोलिक व जलवायविक दशाएँ इतना महत्त्व नहीं रखतीं जितना प्राथमिक क्रियाओं के लिए महत्त्वपूर्ण होती हैं।
6. विश्व के इन क्षेत्रों को आधुनिकीरण व प्रौद्योगिकीकरण उच्च स्तर तक पहुँच चुका है।
(ii) विश्व के विकसित देशों, उद्योगों के संदर्भ में आधुनिक औद्योगिक क्रियाओं की मुख्य प्रवृत्तियों की विवेचना कीजिए।
उत्तर: विश्व के विकसित देशों में उद्योगों में आधुनिक औद्योगिक क्रियाओं की मुख्य प्रवृत्तियाँ इस प्रकार हैं
1. कौशल (श्रम) का विशिष्टीकरण – शिल्प विधि से, कारखानों में सीमित मात्रा में ही सामान उत्पादित किया जाता है जोकि आदेशानुसार बनाया जाता है। अत: इस पर लागत अधिक आती है। अधिक उत्पादन के लिए यह आवश्यक है कि प्रत्येक कारीगर निरंतर एक ही प्रकार का कार्य करे जिसमें उसकी विशिष्टता है।
2. यंत्रीकरण – यंत्रीकरण से तात्पर्य, किसी कार्य को पूर्ण करने के लिए मशीनों व उपकरणों के प्रयोग से है। स्वचा. लित कारखानों को पुनर्निवेशन एवं संवृत-पाश कंप्यूटर नियंत्रण प्रणाली से युक्त किया गया है। इनमें मशीनों को ‘सोचने के लिए विकसित किया गया है जोकि अब पूरे विश्व में दिखाई देने लगी हैं।
3. प्रौद्योगिकीय नवाचार – प्रौद्योगिक नवाचार में शोध तथा विकासमान युक्तियों के द्वारा विनिर्माण की गुणवत्ता को नियंत्रित करने, अपशिष्टों के निस्तारण एवं अदक्षता को समाप्त करने तथा प्रदूषण को नियंत्रित करने पर जोर दिया जा रहा है।
4. संगठनात्मक ढाँचा एवं स्तरीकरण-आधुनिक निर्माण की विशेषताएँ हैं
(i) एक जटिल प्रौद्योगिकी तंत्र,
(ii) अत्यधिक विशिष्टीकरण एवं श्रम विभाजन के द्वारा अल्प लागत से अधिक उत्पादन
(iii) अधिक पूँजी निवेश
(iv) बड़े संगठन तथा
(v) प्रशासकीय अधिकारी वर्ग।
5. अनियमित भौगोलिक वितरण – आधुनिक निर्माण के मुख्य संकेंद्रण कुछ ही स्थानों तक सीमित हैं। विश्व के कुल स्थलीय भाग के 10% से भी कम भू-भाग पर इसका विस्तार है। किंतु ये क्षेत्र आर्थिक एवं राजनतिक शक्ति के केंद्र बन गये हैं तथा जहाँ पर वृहत कारखाने स्थापित हैं, वहाँ हजारों श्रमिकों को रोजगार दिया जा सकता है साथ ही हज़ारों मनुष्यों को भरण-पोषण संभव है।
(iii) अधिकतर देशों में उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग प्रमुख महानगरों के परिधि क्षेत्रों में ही क्यों विकसित हो रहे हैं? व्याख्या कीजिए।
उत्तर: विश्व अर्थव्यवस्था में निर्माण उद्योगों का बड़ा योगदान है। लौह-इस्पात, वस्त्र, मोटर गाड़ी निर्माण, पेट्रो रसायन एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विश्व के प्रमुख निर्माण उद्योग हैं। किंतु उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग नवीनतम पीढी के उद्योगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनमें उन्नत वैज्ञानिक एवं इंजीनियरिंग उत्पादों का निर्माण गहन शोध एवं विकास पर आधारित प्रयोगों पर खरा उतरने के बाद किया जाता है। इसमें संलग्न संपूर्ण श्रमिक शक्ति का अधिकतर भाग व्यावसायिक (सफेद कॉलर) श्रमिकों का होता है। ये उच्च दक्षता प्राप्त विशिष्ट श्रमिक, वास्तविक उत्पादक (नीला कॉलर) श्रमिकों से संख्या में अधिक होते हैं। उच्च प्रौद्योगिकी उद्योगों में यंत्रमानव (रोबोट), कंप्यूटर आधारित डिज़ाइन (कैड) तथा निर्माण धातु पिघलाने एवं शोधन के इलैक्ट्रोनिक नियंत्रण एवं नए रासायनिक व औषधीय उत्पाद प्रमुख स्थान रखते हैं। इस भू-दृश्य में विशाल भवनों, कारखानों एवं भंडार क्षेत्रों के स्थान पर आधुनिक, नीचे साफ-सुथरे, बिखरे कार्यालय एवं प्रयोगशाला देखने को मिलती हैं। वर्तमान में जो भी प्रादेशिक व स्थानीय विकास की योजनाएँ बन रही हैं उनमें नियोजित व्यवसाय पार्क का निर्माण किया जा रहा है। उच्च प्रौद्योगिकी उद्योगों में निर्मित अधिकांश उत्पादों की मांग महानगरों में अधिक है साथ ही प्रौद्योगिकी व कुशल श्रमिक भी महानगरों में उपलब्ध हैं अतः विश्व के अधिकांश देशों में उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग प्रमुख महानगरों के परिधि क्षेत्रों में ही विकसित हुए हैं।
(iv) अफ्रीका में अपरिमित प्राकृतिक संसाधन हैं, फिर भी औद्योगिक दृष्टि से यह बहुत पिछड़ा महाद्वीप है। समीक्षा कीजिए।
उत्तर: अफ्रीका महाद्वीप प्राकृतिक संसाधनों से सम्पन्न महाद्वीप है। इस महाद्वीप का मध्य भाग उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों से आच्छादित है। इसके पठारी भागों में खनिजों के अपार भंडार निक्षेपित हैं जिनमें खनिज तेल, प्राकृतिक गैस, लौह-अयस्क, कोयला, यूरेनियम, तांबा, बॉक्साइट, सोना, हीरा, कोबाल्ट तथा जस्ता महत्त्वपूर्ण हैं। यहाँ की अनेक सदानीरा नदियों में जलविद्युत पैदा करने की असीम संभावनाएँ हैं। विश्व की सबसे लम्बी नील नदी इसके मरुस्थलीय भाग को जीवन प्रदान करती है। इसी नदी घाटी में मिश्र की प्राचीन सभ्यता फली-फूली व विकसित हुई थी। एक अनुमान के अनुसार, विश्व की 40% संभाव्य जलविद्युत अफ्रीका की नदियों में विद्यमान है। इतना सब कुछ होने के बावजूद भी अफ्रीका महाद्वीप औद्योगिक दृष्टि से पिछड़ा हुआ महाद्वीप है। क्योंकि, इसके अधिकांश भू-भाग यूरोपीय साम्राज्यवादी शक्तियों के अधीन उनके उपनिवेश रहे हैं। इन साम्राज्यवादी शक्तियों ने यहाँ उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का दोहन अपने देशों का विकास करने के लिए किया था। अपने अधीन उपनिवेशों की अर्थव्यवस्था सुधारने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं थी। परिणामतः यूरोपवासियों के संपर्क में रहने के बावजूद भी, इस महाद्वीप के देशों की अर्थव्यवस्था पिछड़ी रही। क्योंकि, यहाँ आधारभूत उद्योगों व प्रौद्योगिकी को अभी तक विकास नहीं हो पाया है, जिनके द्वारा ये देश अपने संसाधनों का उपयोग अपने विकास के लिए कर सकें, अतः संसाधनों की बहुलता होते हुए भी यह महाद्वीप औद्योगिक दृष्टि से आज भी पिछड़ा हुआ है।

Hope given Fundamentals of Human Geography Class 12 Solutions Chapter 6 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 12 Geography Fundamentals of Human Geography Chapter 6 Secondary Activities (Hindi Medium) Read More »

NCERT Solutions for Class 12 Geography Fundamentals of Human Geography Chapter 8 Transport and Communication (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 12 Geography Fundamentals of Human Geography Chapter 8 Transport and Communication (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 12 Geography Fundamentals of Human Geography Chapter 8 Transport and Communication (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 12 Geography. Here we have given NCERT Solutions for Class 12 Geography Fundamentals of Human Geography Chapter 8 Transport and Communication. https://mcq-questions.com/ncert-solutions-for-class-12-geography-fundamentals-of-human-geography-chapter-8-hindi/

अभ्यास प्रश्न (पाठ्यपुस्तक से)

प्र० 1. नीचे दिये गए चार विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए
(i) पारमहाद्वीपीय स्टुवर्ट महामार्ग किनके मध्य से गुजरता है?
(क) डार्विन और मेलबोर्न
(ख) एडमंडन और एंकॉरेज
(ग) बैंकूवर और सेंट जॉन नगर
(घ) चेगडू और ल्हासा
(ii) किस देश में रेलमार्गों के जाल का सघनतम घनत्व पाया जाता है?
(क) ब्राजील
(ख) कनाडा
(ग) संयुक्त राज्य अमेरिका
(घ) रूस
(iii) बृहत ट्रंक मार्ग होकर जाता है
(क) भूमध्य सागर हिंद महासागर से होकर
(ख) उत्तर अटलांटिक महासागर से होकर
(ग) दक्षिण अटलांटिक महासागर से होकर
(घ) उत्तर प्रशांत महासागर से होकर
(iv) ‘बिग इंच’ पाइप लाइन के द्वारा परिवहित किया जाता है।
(क) दूध
(ख) जल
(ग) तरल पेट्रोलियम गैस (LPG)
(घ) पेट्रोलियम
(v) चैनल टनल जोड़ता है।
(क) लंदन-बर्लिन ।
(ख) बर्लिन-पेरिस
(ग) पेरिस-लंदन
(घ) बार्सीलोना-बर्लिन

उत्तर:
(i) (क) डार्विन और मेलबोर्न
(ii) (ग) संयुक्त राज्य अमेरिका
(iii) (ख) उत्तर अटलांटिक महासागर से होकर।
(iv) (घ) पेट्रोलियम
(v) (ग) पेरिस-लंदन

प्र० 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए
(i) पर्वतों, मरुस्थलों तथा बाढ़ संभावित प्रदेशों में स्थल परिवहन की क्या-क्या समस्याएँ हैं?
उत्तर: पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों व रेलमार्गों के निर्माण में तथा उनके रखरखाव में भारी खर्च आता है। इनके मार्ग में अनेक पुलों व टनलों का निर्माण करना पड़ता है। भूकंप व भूस्खलन जैसी आपदाओं से सड़कों व रेलमार्गों को भारी क्षति होती है। जबकि मरुस्थलों में रेतीली भूमि के कारण सड़कें बनाना कठिन होता है। इसी तरह बाढ़ संभावित क्षेत्रों में बाढ़ आने पर सड़कों व रेलमार्गों का बह जाना या क्षतिग्रस्त होना आम घटना है।
(ii) पारमहाद्वीपीय रेलमार्ग क्या होता है?
उत्तर: पारमहाद्वीपीय रेलमार्ग पूरे महाद्वीप से गुजरते हुए इसके दो छोरों को जोड़ते हैं। इनका निर्माण आर्थिक व राजनीतिक कारणों से विभिन्न दिशाओं में लंबी यात्राओं को सुविधाजनक बनाने के लिए किया जाता है।
(iii) जल परिवहन के क्या लाभ हैं?
उत्तर: जल परिवहन-परिवहन के सभी साधनों में यह सबसे सस्ता साधन है। इसके लिए मार्गों का निर्माण नहीं करना पड़ता। सभी महासागर आपस में जुड़े होने के कारण छोटे-बड़े सभी प्रकार के जहाजों से यात्रियों व भारी-भरकम सामान को विश्व के किसी भी कोने में आसानी से ले जाया जा सकता है। जल में कम घर्षन के कारण ऊर्जा लागत अपेक्षाकृत कम आती है।

प्र० 3. नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर 150 शब्दों से अधिक न दें
(i) “एक सुप्रबंधित परिवहन प्रणाली में विभिन्न एक-दूसरे की संपूरक होती हैं”, इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: एक सुप्रबंधित परिवहन तंत्र में परिवहन की विभिन्न विधाएँ एक-दूसरे की संपूरक होती हैं न कि प्रतियोगी। किसी विधा की सार्थकता उनके द्वारा परिवहित की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं के प्रकार, परिवहन की लागतों और परिवहन के लिए उपलब्ध उपयुक्त विधा पर निर्भर करती है; जैसे-वस्तुओं के अंतर्राष्ट्रीय संचलन का निपटान भारवाही जलयानों के द्वारा किया जाता है। जबकि कम दूरी व घर-घर सेवाएँ प्रदान करने में सड़क परिवहन सस्ता एवं तीव्रगामी साधन है। किसी देश के भीतर स्थूल/भारी पदार्थों को विशाल मात्रा में लंबी दूरियों तक परिवहन करने के लिए रेल सर्वाधिक अनुकूल साधन है। जबकि उच्च मूल्य वाली, हल्की तथा नाशवान वस्तुओं को वायुमार्गों द्वारा परिवहन सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। तरल व गैसीय पदार्थों का परिवहन पाइप लाइनों द्वारा बेहतर सिद्ध होता है। जबकि पहाड़ी क्षेत्रों में रोपवे अर्थात तारों पर चलने वाली ट्रॉली तीव्रगामी साधन है। इस तरह परिवहन की इन सभी विधाओं का प्रयोग अंतर्जादेशिक एवं अंतराप्रादेशिक परिवहन के लिए किया जाता है। पाइप लाइनों को छोड़कर शेष सभी विधाओं के द्वारा यात्रियों और पदार्थों दोनों का वहन किया जाता है।
(ii) विश्व के वे कौन-से प्रमुख प्रदेश हैं जहाँ वायुमार्गों का सघन तंत्र पाया जाता है?
उत्तर: वायु परिवहन, परिवहन का तीव्रतम साधन है, किंतु यह बहुत ही महँगा है। तीव्रगामी होने के कारण लंबी दूरी की यात्राओं के लिए यात्री इसे ही वरीयता देते हैं। इसके द्वारा मूल्यवान जहाजी भार को तेजी के साथ पूरे विश्व में कहीं भी भेजा जा सकता है। कई बार अगम्य क्षेत्रों तक पहुँचने का यही एकमात्र साधन होता है। वायुयान जमी हुई भूमि के अवरोध से प्रभावित हुए बिना उत्तरी कनाडा के एस्किमो के लिए अनेक वस्तुएँ पहुँचाते हैं। हिमालय प्रदेश में भू-स्खलन, ऐवेलांश अथवा भारी हिमपात से मार्ग अवरुद्ध हो जाने पर वायुमार्ग से ही यात्रा संभव होती है। वायुमार्गों का अत्यधिक सामरिक महत्त्व भी होता है। संयुक्त राज्य अमेरिका एवं ब्रिटिश सेवाओं द्वारा ईरान में किए। गए हमले इस तथ्य के साक्षी हैं। वर्तमान समय में विश्व में कोई भी स्थान 35 घंटे से अधिक की दूरी पर नहीं है। विश्व के अनेक भागों में दैनिक वायु सेवाएँ उपलब्ध हैं। यद्यपि ब्रिटेन का वाणिज्यिक वायु परिवहन का प्रयोग अनुकरणीय है। संयुक्त राज्य अमेरिका ने मुख्य रूप से युद्धोत्तर अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन का विकास किया है। वर्तमान में 250 से अधिक वाणिज्यिक एयर लाइनें हैं जो विश्व के विभिन्न भागों में नियमित सेवाएँ प्रदान करती हैं। एक सुपरसोनिक वायुयान लंदन और न्यूयार्क के बीच की दूरी को मात्र साढ़े तीन घंटों में तय कर लेता है। उत्तरी गोलार्द्ध में अंतर-महाद्वीपीय वायुमार्गों की एक सुस्पष्ट पूर्व-पश्चिम पट्टी है। पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका, पश्चिमी यूरोप और दक्षिण-पूर्वी एशिया में वायुमार्गों का सघन जाल पाया जाता है। विश्व के कुल वायुमार्गों के 60 प्रतिशत भाग का प्रयोग अकेला संयुक्त राज्य अमेरिका करता है। न्यूयार्क, लंदन, पेरिस, एमस्टर्डम एवं शिकागो, नोडीय बिंदु हैं। जहाँ वायु मार्ग अभिसरित होते हैं अथवा महाद्वीपों की ओर विकिरित होते हैं।
(iii) वे कौन-सी विधाएँ हैं जिनके द्वारा साइबर स्पेस मनुष्यों के समकालीन आर्थिक और सामाजिक स्पेस की वृद्धि करेगा?
उत्तर: साइबर स्पेस-साइबर स्पेस विद्युत द्वारा कंप्यूटरीकृत स्पेस का संसार है। यह वर्ल्ड वाइड वेबसाइट जैसे इंटरनेट द्वारा आवृत है। साधारण शब्दों में यह भेजने वाले और प्राप्त करने वाले के बीच विद्युतीय तरंगों के माध्यम से कंप्यूटर पर सूचनाओं का प्रेषण तथा प्राप्ति विद्युतीय अंकीय रूप में प्राप्त करता है। इसे इंटरनेट के नाम से भी जाना जाता है। यह किसी कार्यालय में, घर में, जल में, चलती नौका में, उड़ते हुए जहाज में अथवा कहीं भी हो सकता है। वर्तमान में विश्व के करोड़ों लोग इंटरनेट का प्रयोग कर रहे हैं और लगातार इसके उपयोगकर्ताओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। क्योंकि साइबर स्पेस लोगों के समकालीन आर्थिक और सामाजिक स्पेस को ई-मेल, ई-वाणि ज्य, ई-शिक्षा, और ई-प्रशासन के माध्यम से विस्तृत हो रहा है। फैक्स, टेलीविज़न और रेडियो के साथ इंटरनेट समय और स्थान की सीमाओं को लाँघते हुए अधिक-से-अधिक लोगों तक पहुँचेगा। ये सभी आधुनिक संचार की प्रणालियाँ हैं जिन्होंने परिवहन की तुलना में कहीं अधिक वैश्विक ग्राम की संकल्पना को साकार किया है। जैसे-जैसे इस तकनीक का विकास हो रहा है तथा इस पर लगे प्रतिबंध समाप्त हो रहे हैं निजी व्यावसायिक कंपनियाँ, शैक्षणि कि संस्थान तथा संस्कार द्वारा इन सूचनाओं तथा उपग्रह चित्रों का उपयोग असैनिक क्षेत्रों जैसे-नगरीय नियोजन, प्रदूषण नियंत्रण, वन विनाश से प्रभावित क्षेत्रों का पता लगाने व सैकड़ों भौतिक प्रतिरूपों एवं प्रक्रमों को पहचानने हेतु हो रहा है। इसका उपयोग विश्व के अधिकांश प्रयोक्ता जैसे-संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, चीन व भारत में भी हो रहा है। विगत 5 वर्षों में वैश्विक प्रयोक्ताओं का संयुक्त राज्य अमेरिका से विकासशील देशों में स्थानांतरण हुआ है। इस तरह संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रयोक्ताओं का प्रतिशत कम होता जा रहा है।

Hope given Fundamentals of Human Geography Class 12 Solutions Chapter 8 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 12 Geography Fundamentals of Human Geography Chapter 8 Transport and Communication (Hindi Medium) Read More »

NCERT Solutions for Class 12 Geography Chapter 6 Spatial Information Technology

Detailed, Step-by-Step NCERT Solutions for Class 12 Geography Chapter 6 Spatial Information Technology Questions and Answers were solved by Expert Teachers as per NCERT (CBSE) Book guidelines covering each topic in chapter to ensure complete preparation. https://mcq-questions.com/ncert-solutions-for-class-12-geography-chapter-6-part-c/

Spatial Information Technology NCERT Solutions for Class 12 Geography Chapter 6

Spatial Information Technology Questions and Answers Class 12 Geography Chapter 6

Question 1.
Choose the right answer from the four alternatives given below:
(i) The spatial data are characterised by the following forms of appearance.
(a) Positional
(b) Linear
(c) Areal
(d) All of the above
Answer:
(c) Areal

NCERT Solutions for Class 12 Geography Chapter 6 Spatial Information Technology

(ii) Which one of the following operations requires analysis module software?
(a) Data storage
(b) Data display
(c) Data output
(d) Buffering
Answer:
(b) Data display.

(iii) Which one of the following is a disadvantage of Raster data format?
(a) Simple data structure
(b) Easy and efficient overlaying
(c) Compatible with remote sensing imagery
(d) Difficult network analysis
Answer:
(d) Difficult network analysis

(iv) Which one of the following is an advantage of vector data format:
(a) Complex data structure
(b) Difficult overlay operations
(c) Lack of compability with remote sensing data
(d) Compact data structure
Answer:
(a) Complex data structure

NCERT Solutions for Class 12 Geography Chapter 6 Spatial Information Technology

(v) Urban change detection is effectively undertaken in GIS core using:
(a) Overlay operations
(b) Proximity analysis
(c) Network analysis
(d) Buffering
Answer:
(d) Buffering

Question 2.
Answer the following questions in about 30 words:

(i) Differentiate between raster and vector data models.
Answer:
Raster Data Models. Raster data represents a graphic features as apattern of gird of squares a raster file would represent the image by sub-dividing the paper into a matrix of small rectangles similar to a sheet of graph paper.

Vector Data Models. Vector data models represents the object as a set of lines drawn between specific points and vector data models representation of the same diagonal line would record the position of line by simple recording the coordinates of its starting and ending points.

NCERT Solutions for Class 12 Geography Chapter 6 Spatial Information Technology

(ii) What is an overlay analysis?
Answer:
An overlay operation is the hallmark of GIS. An integration of multiple layers of maps using overlay operations is an useful analysis function. In the other views GIS makes it possible to overlay two or more thematic layers of maps of the same area to obtain a new map layer. Map overlay can be used to learn the changes in land use over two different periods.

(iii) What are the advantages of GIS over manual methods?
Answer:
Advantages of GIS over manual methods are:

  • Maps can be drawn by quering or analysing attribute data.
  • Spatial operations can be applied on integrated data base to collect new sets of knowledge.
  • Now with this users can interrogate spatial features displayed and retrieve associated attribute information for display and analysis.
  • Different items of attribute data can be related with one another through shared locations code.

(iv) What are important components of GIS?
Answer:
The important components of GIS are as under:

  • Hardware
  • Software
  • Data
  • People

(v) What are different ways in which spatial data is built in GIS core?
Answer:
Different ways in which spatial data is built in GIS core are as under :

  • Spatial data input
  • Entering of the attribute data
  • Data verification and editing
  • Spatial and attribute data linkages
  • Spatial analysis

NCERT Solutions for Class 12 Geography Chapter 6 Spatial Information Technology

(vi) What is Spatial Information Technology?
Answer:
Spatial word is derived from space. It refers to the features and the phenomona distributed over a geographically definable space, thus, having physically measurable dimensions. Data that we use today have some spatial components, like an address of a municipal facility, or the boundaries of a agricultural holdings etc. Spatial Information Technology relates to the use of the technological inputs in collecting, storage, retrieving, displaying, managing and analysing the spatial information.

Question 3.
Answer the following questions in about 125 words:
(i) Discuss raster and vector data formats. Give examples.
Answer:
Graphic features are represented by raster data as a pattern of grids of squares where as vector data is helpful in representing the object as a set of lines drawn diagonally on a piece of paper. A raster file would represent this imagery subdividing the paper into a matrix of small rectangles similar to a sheet of paper called cells. Each cell is assigned aposition in the data file and given a value based on the attribute of that position. Its row and column coordinates may identify any individual pixel.
NCERT Solutions for Class 12 Geography Chapter 6 Spatial Information Technology 1
NCERT Solutions for Class 12 Geography Chapter 6 Spatial Information Technology 2
Vector Format: This representation of the same diagonal line would be record the position of the line by simply recording the coordinates of its starting and ending points. Each point would be expressed as two or three members depending on whether the representation was 2D or 3D often referred to as XY or XYZ coordinates.
NCERT Solutions for Class 12 Geography Chapter 6 Spatial Information Technology 3

(ii) Write an explanatory account of the sequence of activities of GIS related work.
Answer:
An explanatory account of the sequence of activities of GIS related work are as under:
1. Spatial data input. These could be summarised into the following two categories.
(a) Acquiring digital data site from a data supplies.
The present day data supplies make the digital data readily available which range from small scale map to the large scale maps.

(b) Creating digital data: manual input of data to a GIS involves four main stages:

  • entering the spatial data
  • entering the attribute data
  • spatial and attribute data verification and editing.

The manual data input methods depend on whether the data base has a vector typology or grid cell.

2. Entering the attribute data. It defines the spatial entity that need to be handled in the GIS but which are not spatial.

3. Data verification and editing. This data captured into a GIS require verification for the error identification and corrections so as to ensure the data accuracy.

4. Linkage. GIS typically links different data sets. Suppose we want to know the mortality rate due to malnutrition among children under ten year of age in any state we must first combine or link the two. In one number of children of this age group another contains the mortality rate from malnitrition.

NCERT Solutions for Class 12 Geography Chapter 6 Spatial Information Technology

NCERT Solutions for Class 12 Geography Chapter 6 Spatial Information Technology Read More »

error: Content is protected !!