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NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 8 Devotional Paths to the Divine (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 8 Devotional Paths to the Divine (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 8 Devotional Paths to the Divine (Hindi Medium)

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पाठगत प्रश्न

1. शंकर या रामानुज के विचारों के बारे में पता लगाने का प्रयत्न करें। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-107)
उत्तर
शंकर – उनका का जन्म आठवीं शताब्दी में केरल प्रदेश में हुआ था। उनके मुख्य विचार थे-

  1. वे अद्वैतवाद के समर्थक थे, जिसके अनुसार जीवात्मा और परमात्मा दोनों एक ही हैं।
  2. उन्होंने यह शिक्षा दी कि ब्रह्मा, जो एकमात्र या परम सत्य है, वह निर्गुण और निराकार है।
  3.  उन्होंने हमारे चारों ओर के संसार को मिथ्या या माया माना और संसार का परित्याग करने अर्थात संन्यास लेने और ब्रह्मा की सही प्रकृति को समझने और मोक्ष प्राप्त करने के लिए ज्ञान के मार्ग को अपनाने का उपदेश दिया।

रामानुज – रामानुज ग्यारहवीं शताब्दी में तमिलनाडु में पैदा हुए थे। वे विष्णु भक्त अलवार संतों से बहुत प्रभावित थे। इनके मुख्य विचार थे-

  1. मोक्ष प्राप्त करने का उपाय विष्णु के प्रति अनन्य भक्ति भाव रखना है।
  2. भगवान विष्णु की कृपादृष्टि से भक्त उनके साथ एकाकार होने का परमानंद प्राप्त कर सकता है।
  3. रामानुज ने विशिष्टताद्वैत के सिद्धान्त को प्रतिपादित किया, जिसके अनुसार आत्मा, परमात्मा से जुड़ने के बाद भी अपनी अलग सत्ता बनाए रखती है।

2. वसवन्ना, ईश्वर को कौन-सा मंदिर अर्पित कर रहा है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-108)
उत्तर बसवन्ना ईश्वर को शरीररूपी मंदिर अर्पित कर रहा है।

3. आपके विचार से मीरा ने राणा का राजमहल क्यों छोड़ा? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-115)
उत्तर मीराबाई रविदास जो ‘अस्पृश्य जाति’ के माने जाते थे, की अनुयायी बन गईं। वे कृष्ण के प्रति समर्पित थीं। और उन्होंने अपने गहरे भक्ति-भाव को कई भजनों में अभिव्यक्त किया है। कृष्ण के प्रति समर्पित होने के कारण ही उन्होंने राजमहल को छोड़ दिया।

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

फिर से याद करें

1. निम्नलिखित में मेल बैठाएँ :

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 8 (Hindi Medium) 1

उत्तर

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2. रिक्त स्थान की पूर्ति करें :

(क) शंकर …………. के समर्थक थे।
(ख) रामानुज ………….. के द्वारा प्रभावित हुए थे।
(ग) …………………. , …………………….. और …………………….. वीरशैव मत के समर्थक थे।
(घ) ……………… महाराष्ट्र में भक्ति परंपरा का एक महत्त्वपूर्ण केंद्र था।

उत्तर

(क) अद्वैत
(ख) अलवार
(ग) वसवन्ना,अल्लामा-प्रभु,अक्कमहादेवी
(घ) पंढरपुर।

3. नाथपंथियों, सिद्धों और योगियों के विश्वासों और आचार-व्यवहारों का वर्णन करें।
उत्तर नामपंथी, सिद्ध और योगी इस काल में अनेक ऐसे धार्मिक समूह उभरे, जिन्होंने साधारण तर्क-वितर्क का सहारा लेकर रूढ़िवादी धर्म के कर्मकांडों और अन्य बनावटी पहलुओं तथा समाज-व्यवस्था की आलोचना की है। उनमें नामपंथी, सिद्धाचार और योगी जन उल्लेखनीय हैं। उन्होंने संसार का त्याग करने का समर्थन किया। उनके विचार से निराकार परम सत्य का चिन्तन-मनन और उसके साथ एक हो जाने की अनुभूति ही मोक्ष का मार्ग है। इसके लिए उन्होंने योगासन, प्राणायाम और चिन्तन-मनन जैसी क्रियाओं के माध्यम से मन एवं शरीर को कठोर प्रशिक्षण देने की आवश्यकता पर बल दिया। उनके द्वारा की गई रूढ़िवादी धर्म की आलोचना ने भक्तिमार्गीय धर्म के लिए आधार तैयार किया, जो आगे चलकर उत्तरी भारत में लोकप्रिय शक्ति बना।

4. कबीर द्वारा अभिव्यक्त प्रमुख विचार क्या-क्या थे ? उन्होंने इन विचारों को कैसे अभिव्यक्त किया ?
उत्तर कबीर द्वारा अभिव्यक्त प्रमुख विचार

  1. कबीर निराकार परमेश्वर में विश्वास करते थे।
  2. भक्ति के माध्यम से ही मोक्ष यानी मुक्ति प्राप्त हो सकती है।
  3. हिन्दू और इस्लाम धर्म में व्याप्त कुरीतियों की आलोचना की।
  4. प्रत्येक व्यक्ति को ईश्वर के प्रति प्रेम-भाव रखना चाहिए।
  5. हिंदू और मुसलमान एक ही ईश्वर की संतान हैं।
  6. धर्मों का अंतर अथवा भेदभाव मानव द्वारा बनाया गया है। आइए समझें।

5. सूफियों के प्रमुख आचार-व्यवहार क्या थे ?
उत्तर सूफी पंथ के आचार-विचार

  1. सूफी पंथ धर्म के बाहरी आडम्बरों को अस्वीकार करते हुए ईश्वर के प्रति प्रेम और भक्ति तथा सभी मनुष्यों के प्रति दयाभाव रखने पर बल देते थे।
  2. सूफी संत ईश्वर के साथ ठीक उसी प्रकार जुड़े रहना चाहते थे, जिस प्रकार एक प्रेमी दुनिया की। परवाह किए बिना अपनी प्रियतम के साथ जुड़े रहना चाहता है।
  3. ईश्वर एक है, उसे प्रेम-साधना और भक्ति द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।

6. आपके विचार से बहुत-से गुरुओं ने उस समय प्रचलित धार्मिक विश्वासों तथा प्रथाओं को अस्वीकार क्यों किया ?
उत्तर बहुत से गुरुओं ने उस समय प्रचलित धार्मिक विश्वासों तथा प्रथाओं को निम्न कारणों से अस्वीकार कर दिया

  1. प्राचीनकाल से चले आ रहे ऐसे धार्मिक कर्मकांड जिसमें कई तरह की कुरीतियाँ व्याप्त हो गई थीं।
  2. प्राचीन काल से चली आ रही धार्मिक रीति-रिवाज एवं प्रथाओं में काफी जटिलताएँ आ गई थीं।
  3. उस समय प्रचलित धार्मिक विश्वास तथा प्रथाएँ समानता पर आधारित नहीं थीं। कई वर्गों के साथ काफी भेदभाव किया जाता था।

7. बाबा गुरुनानक की प्रमुख शिक्षाएँ क्या थीं ?
उत्तर बाबा गुरुनानक की प्रमुख शिक्षाएँ निम्न हैं

  1. एक ईश्वर की उपासना करनी चाहिए।
  2. जाति-पाति और लिंग-भेद की भावना से दूर रहना चाहिए।
  3. ईश्वर की उपासना करनी चाहिए, दूसरों का भला करना चाहिए तथा अच्छे आचार-विचार अपनाने चाहिए।
  4. उनके उपदेशों को नाम-जपना, कीर्तन करना और वंड-छकना के रूप में याद किया जाता है।

आइए विचार करें

8. जाति के प्रति वीरशैवों अथवा महाराष्ट्र के संतों का दृष्टिकोण कैसा था ? चर्चा करें।
उत्तर
जाति के प्रति वीरशैवों के विचार – वीरशैवों ने सभी प्राणियों की समानता के पक्ष में और जाति तथा नारी के प्रति व्यवहार के बारे में ब्राह्मणवादी विचारधारा के विरुद्ध अपने प्रबल तर्क प्रस्तुत किए। इसके अलावा वे सभी प्रकार के कर्मकांडों और मूर्तिपूजा के विरोधी थे।

जाति के प्रति महाराष्ट्र के संतों के विचार – महाराष्ट्र के संतों में जणेश्वर, नामदेव, एकनाथ और तुकाराम आदि महत्त्वपूर्ण थे। इन संतों ने सभी प्रकार के कर्मकांडों, पवित्रता के ढोंगों और जन्म पर आधारित सामाजिक अंतरों का विरोध किया।

9. आपके विचार से जनसाधारण ने मीरा की याद को क्यों सुरक्षित रखा?
उत्तर हमारे विचार से जनसाधारण ने मीराबाई की याद को निम्न कारणों से सुरक्षित रखा

  1. मीराबाई एक राजपूत राजकुमारी थीं और उसका विवाह मेवाड़ के राजपरिवार में हुआ था, फिर भी उन्होंने रविदास जो अस्पृश्य जाति से संबंधित थे, को अपना गुरु बनाया।
  2. उन्होंने भगवान कृष्ण की उपासना में अपने-आप को समर्पित कर दिया था। उन्होंने अपने गहरे भक्ति-भाव को कई भजनों में अभिव्यक्त किया है।
  3. उनके गीतों ने उच्च जातियों के रीतियों-नियमों को खुली चुनौती दी तथा ये गीत राजस्थान व गुजरात के जनसाधारण में बहुत लोकप्रिय हुए।

आइए करके देखें

10. पता लगाएँ कि क्या आपके आस-पास भक्ति परंपरा के संतों से जुड़ी हुई कोई दरगाह, गुरुद्वारा या मंदिर है। इनमें से किसी एक को देखने जाइए और बताइए कि वहाँ आपने क्या देखा और सुना।
उत्तर छात्र स्वयं करें।

11. इस अध्याय में अनेक संत कवियों की रचनाओं के उद्धरण दिए गए हैं। उनकी कृतियों के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करें और उनकी उन कविताओं को नोट करें, जो यहाँ नहीं दी गई हैं। पता लगाएँ कि क्या ये गाई जाती हैं। यदि हाँ, तो कैसे गाई जाती हैं और कवियों ने इनमें किन विषयों पर लिखा था।
उत्तर छात्र स्वयं करें।

12. इस अध्याय में अनेक संत-कवियों के नामों का उल्लेख किया गया है, परंतु कुछ की रचनाओं को इस अध्याय में शामिल नहीं किया गया है। उस भाषा के बारे में कुछ और जानकारी प्राप्त करें, जिसमें ऐसे कवियों ने अपनी कृतियों की रचना की। क्या उनकी रचनाएँ गाई जाती थीं? उनकी रचनाओं का विषय क्या था?
उत्तर छात्र स्वयं करें।

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NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 8 Human – Environment Interactions The Tropical and the Subtropical Region (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 8 Human – Environment Interactions: The Tropical and the Subtropical Region (Hindi Medium)

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पाठगत प्रश्न

1. ब्रह्मपुत्र नदी को विभिन्न स्थानों पर विभिन्न नामों से जाना जाता है। इस नदी के अन्य नामों का पता बताइए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-60)
उत्तर ब्रह्मपुत्र नदी को विभिन्न स्थानों पर विभिन्न नामों से पुकारा जाता है। ब्रह्मपुत्र नदी को चीन में सांगपो के नाम से तथा जब हिमालय के क्षेत्र में बहती है तो उसे दिहांग के नाम से जाना जाता है और जब वह बांग्लादेश में बहती है तो उसे जमुना कहा जाता है। जब वह गंगा नदी में मिलकर बहती है तो उसे पदमा कहा जाता है।

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

1. निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए

(क) उस महाद्वीप के नाम बताएँ जो अमेज़न बेसिन में स्थित है।
उत्तर दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप।

(ख) अमेज़न बेसिन के लोग कौन-सी फसल उपजाते हैं?
उत्तर अमेज़न बेसिन के लोग टेपियोका, अनन्नास, कॉफी, मक्का, कोको, शकरकंद, कसावा और गन्ना को प्रमुख रूप से उपजाते हैं।

(ग) अमेज़न के वर्षा वन में कौन-से पक्षी पाए जाते हैं?
उत्तर अमेज़न के वर्षा वन में टूकन और गुंजन पक्षी पाए जाते हैं।

(घ) गंगा नदी के तट पर कौन-से प्रमुख शहर स्थित हैं?
उत्तर गंगा नदी के तट पर स्थित प्रमुख शहर हैं- हरिद्वार, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, पटना, मुंगेर, भागलपुर, कोलकाता।

(च) एक सींग वाले गैंडे कहाँ पाए जाते हैं?
उत्तर एक सींग वाले गैंडे ब्रह्मपुत्र नदी के मैदानों में पाया जाता है।

2. सही (✓) उत्तर चिह्नित कीजिए

(क) टूकन क्या हैं?

  1. पक्षी
  2. पशु
  3. फसलें

उत्तर 1. पक्षी

(ख) मैनियॉक कहाँ को प्रमुख भोजन है?

  1. गंगा बेसिन
  2. अफ्रीका
  3. अमेज़न

उत्तर 2. अमेज़न

(ग) कोलकाता किस नदी के तट पर स्थित है?

  1. ऑरेन्ज
  2. हुगली
  3. भागीरथी

उत्तर 2. हुगली

(घ) देवदार एवं फर किसके प्रकार हैं?

  1. शंकुधारी वृक्ष
  2. पर्णपाती वृक्ष
  3. क्षुप

उत्तर 1. शंकुधारी वृक्ष

(च) बंगाल टाइगर कहाँ मिलते हैं?

  1. पर्वतों में
  2. डेल्टा क्षेत्रों में
  3. अमेज़न में

उत्तर 2. डेल्टा क्षेत्रों में

3. निम्नलिखित स्तंभों को मिलाकर सही जोड़े बनाइए –

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उत्तर

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4. कारण बताइए

(क) वर्षा वन लुप्त हो रहे हैं।
उत्तर वर्षा वन वाले क्षेत्र में कृषि के लिए एवं अन्य मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु वर्षा वनों की तेजी से: कटाई हो रही है, जिससे वर्षा वन लुप्त हो रहे हैं।

(ख) गंगा-ब्रह्मपुत्र के मैदानों में धान की कृषि होती है।
उत्तर गंगा-ब्रह्मपुत्र के मैदानों में धान की कृषि अधिक होने के कई कारण हैं:

  1. इन क्षेत्रों में 100 से.मी. से अधिक वर्षा होती है।
  2. इस क्षेत्र में जलोढ़ मिट्टी पाई जाती है जो धान के लिए उपयुक्त होती है।
  3. इन क्षेत्रों में सस्ते श्रमिक आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।

5. मानचित्र कौशल –

(क) भारतीय प्रायद्वीप के रेखा मानचित्र पर गंगा, ब्रह्मपुत्र नदियों को उद्गम से मुहाने तक दर्शाएँ। दोनों नदियों की महत्त्वपूर्ण सहायक नदियों को भी दर्शाएँ।
उत्तर

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(ख) दक्षिण अमेरिका के राजनीतिक मानचित्र पर भूमध्य रेखा खींचें। भूमध्य रेखा पर स्थित देशों को चिह्नित करें।
उत्तर

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6. आओ खेलें –
एक दीवार पर भारत के आकर्षक स्थानों के चित्रों को दर्शाएँ। पर्वतीय भू-दृश्य, समुद्री तटों, वन्यजीव-स्थलों तथा ऐतिहासिक महत्त्व के स्थानों को दर्शाने के लिए आप अपनी कक्षा को विभिन्न समूहों में विभाजित कर सकते हैं।

7. निम्नलिखित सामग्री एकत्रित करें। प्रक्रम के समय देखें कि किस प्रकार पेड़ों का विनाश मृदा को प्रभावित करता है।
सामग्री :

  1. तीन छोटे गमले या डिब्बे (शीतल पेय के टिन का डब्बा)
  2. तली में छेद किया हुआ एक बड़ा डिब्बा (यह पानी छिड़कने का कार्य करेगा)
  3. 12 सिक्के या बोतल के ढक्कन
  4. मिट्टी।

प्रक्रम :

तीन छोटे डिब्बे या गमले लीजिए। उन्हें ऊपर तक मिट्टी से भर दें। डिब्बे के मुँह के बराबर मिट्टी को दबाएँ। अब प्रत्येक डिब्बे की मिट्टी पर चार सिक्के या बोतल के ढक्कन रख दें। इसके पश्चात, एक छेद किए हुए बड़े डिब्बे में पानी भर लें। आप अपने बगीचे से पानी छिड़ने वाला डिब्बा भी ले सकते हैं। अब तीनों डिब्बों पर पानी का छिड़काव करें। पहले डिब्बे पर धीमे से छिड़काव करें ताकि मिट्टी छलक कर बाहर न आ जाए। दूसरे डिब्बे पर पहले केन से अधिक पानी छिड़कें। तीसरे डिब्बे पर छिडकाव और तेजी से करें। आप देखेंगे कि असुरक्षित मिट्टी बाहर निकल आती है। अब ‘वर्षा’ तेज होती है तब अधिक मात्रा में मिट्टी बहकर बाहर निकल आती है जबकि पहले डिब्बे में सबसे कम मात्रा में मिट्टी बाहर निकलती है। ढक्कन, पेड़ों के आवरण को दर्शाता है। स्पष्ट है कि यदि पृथ्वी से वनस्पति संपूर्ण रूप से नष्ट हो जाए तो मिट्टी की परत भी शीघ्र ही विलुप्त हो जाएगी।

 

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NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 7 (Hindi Medium)

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NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 7 Understanding Advertising (Hindi Medium)

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पाठगत प्रश्न

1. केयर साबुन के विज्ञापन में यह प्रतीत होता है कि बच्चे की देखभाल केवल माँ ही करती है। क्या इस छवि में आपको कोई समस्या नज़र आती है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-81)
उत्तर : केयर साबुन के विज्ञापन में यह प्रतीत होता है कि बच्चे की देखभाल केवल माँ ही करती है, यह सही नहीं है। किसी बच्चे की देखभाल माता-पिता दोनों मिलकर करते हैं। यह अलग बात है कि उसमें माँ का योगदान अधिक होता है।

2. विज्ञापन हमें ब्रांड का सामान इस्तेमाल पर क्या अनुभव कराना चाहता है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-84)
उत्तर : विज्ञापन अधिकतर हमारी व्यक्तिगत भावनाओं को केंद्र बनाने की कोशिश करते हैं। हमारी व्यक्तिगत भावनाओं को उत्पादों के साथ जोड़कर वे इस बात को भी प्रभावित करने की कोशिश करते हैं कि हमें अपना मूल्य कैसे आँकते हैं। विज्ञापन ब्रांड को उच्च स्तरीय उत्पाद बतलाने की कोशिश करता है और यह भी बताता है। कि वे उत्पाद खरीदने योग्य हैं। साथ ही विज्ञापन हमें अधिकांशतः धनाढ्य लोगों की जीवन शैली के चित्र दिखाते हैं।

3. यदि आपके पास विज्ञापित उत्पादों को खरीदने के लिए पैसा हो, तो आपको इन्हें देखकर कैसा महसूस होगा? यदि आपके पास पैसा न हो, तब कैसा अनुभव होगा? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-84)
उत्तर : विज्ञापित उत्पाद अधिकांशत: बड़ी कंपनियों की होती है, जो अपनी उत्पादों की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए तकनीकी पर करोड़ों रुपये खर्च करती है। ऐसी स्थिति में स्वाभाविक है कि इन कंपनियों का उत्पाद उच्च कोटि का होगा। इन वस्तुओं को खरीदकर हमें अच्छा महसूस होगा। यदि इन वस्तुओं को हमें खरीदने की क्षमता नहीं होगी तो हम बिना विज्ञापित उत्पादों को ही खरीदेंगे और विज्ञापित वस्तुओं के प्रति हमारी धारणा यह होगी कि ये वस्तुएँ विज्ञापन के कारण ही महँगी हैं। इनमें और हमारे द्वारा खरीदे गए वस्तुओं में ज्यादा अंतर नहीं है।

4. आपके विचार में सामाजिक विज्ञापन में किस श्रोता को संबोधित या ‘लक्षित किया गया है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-88)
उत्तर : हमारे विचार में सामाजिक विज्ञापन में उन सभी श्रोताओं को संबोधित या लक्षित किया गया है, जो समाज के अंग हैं; जैसे-विकलांग बच्चों के शैक्षणिक अधिकारों से संबंधित विज्ञापन, असुरक्षित रेलवे क्रॉसिंग को पार करने से संबंधित विज्ञापन, उपभोक्ताओं के अधिकार से संबंधित विज्ञापन आदि।

5. राज्य शासन के अध्याय में आपने हैजा की महामारी फैलने के बारे में पढ़ा। इसे पढ़ने के बाद क्या आप एक सामाजिक विज्ञापन बना सकते हैं जिसमें हैजा की बीमारी से बचाव के उपायों के बारे में बताया गया हो। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-88)
उत्तर : “पानी को किसी बर्तन से ढककर रखें या पानी को उबालकर पीयें पानी में किसी तरह की अस्वच्छता
आपके घर में हैजा को दस्तक दे सकता है। । हैजा की बीमारी अस्वच्छ जल से ही फैलती है इसलिए ऊपर में विज्ञापन लोगों को स्वच्छ जल के
प्रति जागरूकता के लिए दिया गया है।

6. पाठ्यपुस्तक में से प्रत्येक सामाजिक विज्ञापन क्या संदेश पहुँचाना चाह रहा है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-88)
उत्तर : पाठ्यपुस्तक में दिए गए प्रत्येक सामाजिक विज्ञापन लोगों की सुरक्षा और अधिकार से संबंधित संदेश पहुँचाना चाहते हैं; जैसे-असुरक्षित रेलवे क्रॉसिंग को पार करने से संबंधित सामाजिक विज्ञापन। विकलांग बच्चों के शैक्षणिक अधिकारों से संबंधित सामाजिक विज्ञापन।

प्रश्न-अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

1. ‘ब्रांड’ शब्द से आप क्या समझते हैं? विज्ञापन के लिए ब्रांड निर्मित करने के दो मुख्य कारण बताइए।
उत्तर : ‘ब्रांड’ शब्द का आशय उत्पाद के विशेष नाम या पहचान से है। इस पहचान का निर्माण विज्ञापन प्रक्रिया द्वारा होता है। विज्ञापन के लिए ब्रांड निर्मित करने के कारण|

  1. प्रायः निर्माता अपने उत्पाद को बाजार में प्रचलित अन्य उत्पादों से भिन्न दिखाने के लिए विशेष नाम अथवा चिन्ह का प्रयोग करते हैं।
  2. निर्माता, ग्राहकों को अपने उत्पादों की ओर आकर्षित करने के लिए भी अपने उत्पादों को नाम देते हैं।

2. अपनी पसंद के दो छपे हुए विज्ञापन चुनिए। इन्हें देखकर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

  • आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए इन विज्ञापनों में कैसी भाषा और चित्रों का उपयोग किया गया है?
  • इन विज्ञापनों से किन मूल्यों को बढ़ावा दिया जा रहा है?
  • यह विज्ञापन किन लोगों से संवाद कर रहा है और किन्हें छोड़ रहा है?
  • यदि आप विज्ञापित ब्रांड खरीदने में समर्थ नहीं होंगे, तो आपको कैसा लगेगा?

उत्तर :

  • हमारा ध्यान आकर्षित करने के लिए इन विज्ञापनों में सरल भाषा और चित्रों को आकर्षित रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिससे उपभोक्ता देखकर और पढ़कर खरीदने के लिए तत्पर हो जाएँ।
  • इन विज्ञापनों के द्वारा अपने उत्पाद की विशेषताओं को बतलाया जा रहा है, जो सबसे अच्छी और बाज़ार में उचित मूल्य पर उपलब्ध है।
  • यह विज्ञापन उन लोगों से संवाद कर रहा है जो इन उत्पादों को खरीदने पर विचार कर रहे हैं या इन उत्पादों को खरीदने में रुचि रखते हैं और उन लोगों को छोड़ रहा है जिनकी बजट इन उत्पादों को खरीदने में सक्षम नहीं है।
  • यदि हम उन उत्पादों को खरीदने में सक्षम नहीं होंगे तो हमें लगेगा कि इन उत्पादों में कई तरह की खूबियाँ हैं, अगर मौका मिलेगा तो इन उत्पादों NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 7 (Hindi Medium) 1

3. क्या आप ऐसे दो तरीके बता सकते हैं, जिनके द्वारा आप सोचते हैं कि विज्ञापन का प्रभाव लोकतंत्र में समानता के मुद्दे पर पड़ता है?
उत्तर : विज्ञापन का प्रभाव लोकतंत्र में समानता के मुद्दे पर पड़ता है। विज्ञापन के ऐसे दो तरीके निम्न हैं

  1. ब्रांड या उत्पाद के विज्ञापन की कीमत भी वस्तु के मूल्य में शामिल होने से उसकी कीमत बढ़ जाती | है, जिसके कारण वह वस्तु निम्न आय वर्ग की पहुँच से बाहर हो जाती है।
  2. केवल बड़ी कंपनियाँ ही बड़े स्तर पर अपने ब्रांड का विज्ञापन कर सकती हैं। छोटे व्यापारी या उत्पादक | उद्यमी अपने अच्छे उत्पाद को भी सस्ते मूल्य पर बेचने में भी असफल रहते हैं। इस प्रकार लोकतंत्र में जहाँ सब लोग समान हैं और जहाँ सभी को सम्मानीय जीवन जीने का अवसर मिलना चाहिए। विज्ञापन के कारण समाज में दो तरह के उत्पाद उपलब्ध होते हैं। एक ब्रांड उत्पाद और दूसरा स्थानीय उत्पाद। ब्रांडेड उत्पाद को अच्छा माना जाता है और स्थानीय उत्पाद को ब्रांडेड उत्पाद की अपेक्षा कम अच्छा माना जाता है।

4. विज्ञापन बनाने में रचनात्मकता की बहुत आवश्यकता होती है। आइए, हम एक ऐसी स्थिति की कल्पना करें, जहाँ एक निर्मात्री ने एक नयी घड़ी बनाई है। निर्मात्री कहती है कि वह यह घड़ी स्कूल के बच्चों को बेचना चाहती है। वह आपकी कक्षा में आकर आप सबसे घड़ी के लिए एक ब्रांड का नाम और विज्ञापन बनाने को कहती है। कक्षा को छोटे-छोटे समूहों में बाँट दीजिए। हर समूह इस घड़ी के लिए एक विज्ञापन और तैयार करेगा। अब आपस में अपने बनाए कच्चे-पक्के विज्ञापनों और नाम को कक्षा के सामने रखिए।
उत्तर एक घड़ी के विज्ञापन तैयार करने के लिए कक्षा के छात्रों को चार भागों में बाँटें
घड़ी के ब्रांड का नाम-‘टाइम वॉच’:
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पहले समूह का विज्ञापन : ‘टाइम वॉच’ एक सस्ती और टिकाऊ घड़ी है, जो सालों-साल चलती है। यह घड़ी काफी आकर्षित भी है और बच्चों के लिए सबसे उपयोगी घड़ी है, कीमत मात्र : 325 रुपये है।
दूसरे समूह का विज्ञापन-टाइम वॉच” दुनिया की सबसे बेहतरीन घड़ी है। जिसे लाखों-करोड़ों की संख्या में लोगों नेआजमाया है और इसकी सराहना की है। अब आपके लिए भी उपलब्ध है। कीमत मात्र : 325 रुपये।
तीसरे समूह का विज्ञापन : ‘टाइम वॉच’ ‘‘सभी घड़ियों से अलग खूबियों वाली” इसकी खूबियाँ जो अन्य घड़ियों से इसे अलग करती हैं

  1. डायमंड लगा हुआ फ्रैंक बलूची वॉच
  2. 1 साल की मैन्युफेक्चरर वॉरन्टी
  3. वाटर प्रूफ
  4. बच्चों को ध्यान में रखकर बनाया गया।चौथे समूह का विज्ञापन : “टाइम वॉच” पर 20% की ।छूट। बच्चों के लिए यह छूट 25% तक की है। यह मौका आपके हाथ से कहीं निकल न जाए।

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NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 9 The Making of Regional Cultures (Hindi Medium)

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पाठगत प्रश्न

1. पता लगाएँ कि पिछले दस सालों में कितने नए राज्य बनाए गए हैं। क्या इनमें से प्रत्येक राज्य एक अलग क्षेत्र है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-122)
उत्तर पिछले दस सालों में बनने वाले नए राज्य झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तरांचल हैं। ये राज्य भौगोलिक दृष्टि से जिन राज्यों से अलग हुए हैं, उससे भिन्न थे। इसलिए जब उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार राज्य के भौगोलिक विवरण का अध्ययन किया जाता था तो इन नए राज्यों को अलग भौगोलिक क्षेत्र के रूप में अध्ययन किया जाता था।

2. पता लगाएँ कि आपके घर में आप जो भाषा बोलते हैं, उसका लेखन में सर्वप्रथम कब प्रयोग हुआ होगा? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-123)
उत्तर हम अपने घर में हिन्दी भाषा को बोलते हैं। इस भाषा का सर्वप्रथम लेखने के रूप में प्रयोग 12वीं सदी में हुआ था। इस भाषा में हिन्दी का पहला ग्रंथ पृथ्वीराज रासो था जिसे चन्दबरदाई ने लिखा था।

3. भरतनाट्यम (तमिलनाडु), कथाकली (केरल), ओडिसी (उड़ीसा), कुचिपुड़ (आन्ध्र प्रदेश), मणिपुरी (मणिपुर) में से किसी एक नृत्य के रूप में अधिक जानकारी प्राप्त करें। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-127)
उत्तर कुचिपुड़ी (आन्ध्र प्रदेश)-आन्ध्र प्रदेश के कुचेलपुरम् नामक ग्राम में प्रारंभ हुई यह नृत्य शैली तमिलनाडु के पागवत मेला नाटक शैली के समान ही एक प्रमुख नृत्य नाटिका है। यह शास्त्रीय नृत्य भरतमुनि के नाट्यशास्त्र के सिद्धान्तों का पालन करता है तथा इसका उद्देश्य वैदिक एवं उपनिषदों के धर्म व अध्यात्म का प्रचार करना था। इस शैली का विकास तीर्थ नारायण तथा सिद्धेन्द्र योगी ने किया। यह मूलतः पुरुषों का नृत्य है, परन्तु हाल में स्त्रियों ने भी इसे अपनाया है।

4. आपके विचार से द्वितीय श्रेणी की कृतियाँ लिखित रूप में क्यों नहीं रखी जाती थीं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-132)
उत्तर दूसरी श्रेणी की कृतियाँ मौखिक रूप से कही-सुनी जाती थी, इसलिए उनका काल निर्णय सही-सही नहीं। किया जा सकता है। दूसरी श्रेणी की कृतियों की विश्वसनीयता काफ़ी कम थी, इसलिए ये कृतियाँ लिखित रूप में नहीं रखी जाती थीं।

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

फिर से याद करें

1. निम्नलिखित में मेल बैठाएँ :

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 9 (Hindi Medium) 1

उत्तर

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 9 (Hindi Medium) 2

2. मणिप्रवालम क्या है? इस भाषा में लिखी पुस्तक का नाम बताएँ।
उत्तर ‘मणिप्रवालम’ एक भाषा-शैली है। मणिप्रवालम का शाब्दिक अर्थ है-हीरा और मुँगा, जो यहाँ दो भाषाओं-संस्कृत और क्षेत्रीय भाषा के साथ-साथ प्रयोग की ओर संकेत करता है।

3. कत्थक के प्रमुख संरक्षक कौन थे?
उत्तर राजस्थान के राजदरबार और लखनऊ के नवाब नृत्य-शैली के प्रमुख संरक्षक थे। अवध के अंतिम नवाब वाजिद अली शाह के संरक्षण में यह एक प्रमुख कला के रूप में उभरा।

4. बंगाल के मंदिरों की स्थापत्य कला के महत्त्वपूर्ण लक्षण क्या हैं?
उत्तर बंगाल के मंदिरों की स्थापत्यकला के महत्त्वपूर्ण लक्षण

  1. स्थानीय देवी-देवता जो पहले गाँवों में छान-छप्पर वाली झोपड़ियों में पूजे जाते थे।
  2. मंदिरों की शक्ल या आकृति बंगाल की छप्परदार झोपड़ियों की तरह दोचाला (दो छतों वाली) या चौचाला (चार छतों वाली) होती थी।
  3. मंदिर आमतौर पर एक वर्गाकार चबूतरे पर बनाए जाते थे। उनके भीतरी भाग में कोई सजावट नहीं होती थी।
  4. मंदिरों की बाहरी दीवारें चित्रकारियों, सजावटी टाइलों अथवा मिट्टी की पट्टियों से सजी हुई थीं।

आइए विचार करें

5. चारण-भाटों ने शूरवीरों की उपलब्धियों की उद्घोषणा क्यों की?
उत्तर चारण-भाटों द्वारा शूरवीरों की उपलब्धियों की उद्घोषणा के कारण –

  1. चारण-भाटों द्वारा गाए गए काव्य एवं गीत ऐसे शूरवीरों की स्मृति को सुरक्षित रखते थे।
  2. चारण-भाटों से यह आशा की जाती थी कि वे अन्य जनों को भी उन शूरवीरों का अनुकरण करने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित करेंगे।

6. हम जनसाधारण की तुलना में शासकों के सांस्कृतिक रीति-रिवाजों के बारे में बहुत अधिक क्यों जानते हैं?
उत्तर शासकों के सांस्कृतिक रीति-रिवाजों की अधिक जानकारी के कारण

  1. शासकों द्वारा निर्मित कराए गए धार्मिक स्मारकों में हमें उनके सांस्कृतिक रीति-रिवाजों की जानकारी मिलती है।
  2. सांस्कृतिक परंपराएँ कई क्षेत्रों के शासकों के आदर्शों तथा अभिलाषाओं के साथ घनिष्ठता से जुड़ी थीं।
  3. शासकों के सांस्कृतिक गतिविधियों के बारे में यात्रा-वृत्तांतों तथा कई रचनाकारों द्वारा भी वर्णन किया गया है।

7. विजेताओं ने पुरी स्थित जगन्नाथ के मंदिर पर नियंत्रण प्राप्त करने के प्रयत्न क्यों किए?
उत्तर ज्यों-ज्यों जगन्नाथ मंदिर को तीर्थस्थल यानी तीर्थयात्रा के केन्द्र के रूप में महत्त्व प्राप्त होता गया, सामाजिक और राजनीतिक मामलों में भी उसकी सत्ता बढ़ती गई। जिन्होंने भी उडीसा को जीता, जैसे-मुगल, मराठे और अंग्रेज़ी ईस्ट इंडिया कम्पनी, सबने इस मंदिर पर अपना नियंत्रण स्थापित करने का प्रयत्न किया। वे सब महसूस करते थे कि मंदिर पर नियंत्रण प्राप्त करने से स्थानीय जनता में उनका शासन स्वीकार्य हो जाएगा।

8. बंगाल में मंदिर क्यों बनाए गए?
उत्तर बंगाल में पंद्रहवीं शताब्दी के बाद वाले वर्षों में मंदिर बनाने का दौर जोरों पर रहा, जो उन्नीसवीं सदी तक चला। मंदिर निर्माण के कई कारण थे|

  1. मंदिर और अन्य धार्मिक भवन अकसर उन व्यक्तियों या समूहों द्वारा बनाए जाते थे, जो शक्तिशाली बन रहे थे। वे इनके माध्यम से अपनी शक्ति तथा भक्तिभाव का प्रदर्शन करना चाहते थे।
  2. बंगाल में जैसे-जैसे लोगों की सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति सुधरती गई, उन्होंने इन मंदिर स्मारकों के निर्माण के माध्यम से अपनी प्रस्थिति या प्रतिष्ठा की घोषणा कर दी।

आइए करके देखें

9. भवनों, प्रदर्शन कलाओं, चित्रकला के विशेष संदर्भ में अपने क्षेत्र की संस्कृति के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण लक्षणों/विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर छात्र स्वयं करें।

10. क्या आप (क) बोलने, (ख) पढ़ने, (ग) लिखने के लिए भिन्न-भिन्न भाषाओं का प्रयोग करते हैं ? इनमें से किसी एक भाषा की किसी प्रमुख रचना के बारे में पता लगाएँ और चर्चा करें कि आप इसे रोचक क्यों पाते हैं?
उत्तर छात्र स्वयं करें।

11. उत्तरी, पश्चिमी, दक्षिणी पूर्वी और मध्य भारत से एक-एक राज्य चुनें। इनमें से प्रत्येक के बारे में उन भोजनों की सूची बनाएँ, जो आमतौर पर सभी के द्वारा खाए जाते हैं। आप उनमें कोई अंतर या समानताएँ पाएँ, तो उन पर प्रकाश डालें
उत्तर छात्र स्वयं करें।

12. इनमें से प्रत्येक क्षेत्र से पाँच-पाँच राज्यों की एक-एक अन्य सूची बनाएँ और यह बताएँ कि प्रत्येक राज्य में महिलाओं तथा पुरुषों द्वारा आमतौर पर कौन-से वस्त्र पहने जाते हैं। अपने निष्कर्षों पर चर्चा करें।
उत्तर छात्र स्वयं करें।

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NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 9 Life in the Temperate Grasslands (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 9 Life in the Temperate Grasslands (Hindi Medium)

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पाठगत प्रश्न

1. वेल्ड दक्षिणी गोलार्ध में स्थित है। जब वेल्ड में ग्रीष्म ऋतु होती है, तो उस समय प्रेअरी में कौन-सी ऋतु होगी? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-68)
उत्तर जब वेल्ड में ग्रीष्म ऋतु होती है तो उस समय प्रेअरी में शीत ऋतु होती है।

2. किसी-न-किसी प्रकार की घास, पृथ्वी के धरातल पर लगभग सभी जगह पाई जाती है। उन स्थानों के नाम बताइए, जहाँ आपने घास को उगते देखा है। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-68)
उत्तर घास मुख्यतः खेतों में, खेल के मैदानों में, नदी के तटबंध पर, सड़क के किनारों पर या आसपास, पहाड़ी भागों के ढलानों पर, पठारी भागों में, पार्श्व मार्ग के दरारों में आदि स्थानों पर पाए जाते हैं।

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

1. निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

(क) उत्तर-अमेरिकी शीतोष्ण घासस्थल को क्या कहा जाता है?
उत्तर प्रेअरी।

(ख) उत्तर-अमेरिकी घासस्थल के पशु चरागाह को क्या कहते हैं?
उत्तर रैंच।

(ग) वेल्ड को अपवाहित करने वाली नदियों के नाम बताइए।
उत्तर वेल्ड को अपवाहित करने वाली नदियों के नाम-ऑरेंज नदी, लिंगपोपो नदी आदि प्रमुख हैं।

(घ) वेल्ड में वर्षा ऋतु कब आती है?
उत्तर, वेल्ड में वर्षा ऋतु ग्रीष्मकालीन महीनों (नवम्बर, दिसम्बर, जनवरी और फरवरी) में होती है।

(च) दक्षिण अफ्रीकी घासस्थल के लोगों का मुख्य व्यवसाय क्या है?
उत्तर दक्षिण अफ्रीकी घासस्थल के लोगों का मुख्य व्यवसाय पशुपालन है।

2. सही (✓) उत्तर चिह्नित कीजिए –

(क) मिसीसिपी नदी अपवाहित करती है

  1. कनाडा
  2. अफ्रीका
  3. संयुक्त राज्य अमेरिका

उत्तर 3. संयुक्त राज्य अमेरिका

(ख) डेकेन्सबर्ग पर्वत किसे घेरते हैं?

  1. प्रेअरी
  2. वेल्ड
  3. पंपास

 उत्तर 2. वेल्ड

(ग) मेरिनो प्रजाति है,

  1. मछली
  2. हाथी
  3. भेड़

उत्तर 3. भेड़

(घ) किंबरले किसके लिए प्रसिद्ध है?

  1. हीरा
  2. चाँदी
  3. प्लैटिनम

उत्तर 1. हीरा

3. निम्नलिखित स्तंभों को मिलाकर सही जोड़े बनाइए –

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 9 (Hindi Medium) 1

उत्तर

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 9 (Hindi Medium) 2

4. कारण बताइए –

(क) प्रेअरी को ‘विश्व का धान्यागार’ कहा जाता है।
उत्तर इस प्रदेश में उपजाऊ भूमि और गेहूँ के लिए अनुकूल जलवायु पाई जाती हैं तथा यह प्रदेश संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तरी भाग और कनाडा के दक्षिणी भाग में स्थित है। यह प्रदेश काफी विकसित क्षेत्र है, इसलिए यहाँ के किसान कृषि वैज्ञानिक विधियों एवं ट्रैक्टर, हारवेस्टर तथा कंबाइन के उपयोग करके गेहूं की फसल को अधिक मात्रा में उगाते हैं। गेहूँ के अत्यधिक उत्पादन के कारण प्रेअरी को विश्व का धान्यागार भी कहते हैं।

(ख) वेल्ड में ऊनी उद्योग का विकास उत्तर वेल्ड में ऊनी उद्योग के विकसित होने के कारण

  1. वेल्ड का अधिकतर भाग घास से ढंके हुए हैं।
  2. भेड़ पालन यहाँ के लोगों का मुख्य व्यवसाय है। मेरिनो भेड़ एक लोकप्रिय प्रजाति है और इससे काफी अच्छा ऊन मिलता है।
  3. यहाँ शीत ऋतु ठंडी एवं शुष्क होती है। इस दौरान तापमान 5° सेल्सियस से 10° सेल्सियस के मध्य रहता है तथा ग्रीष्म ऋतु काफी छोटी होती है, इसलिए यहाँ ऊनी वस्त्र की माँग काफी अधिक होती है।

5. मानचित्र कौशल

उत्तरी अमेरिका के रेखा मानचित्र पर रॉकी पर्वत, ग्रेट लेक, मिसीसिपी नदी, सासकेच्वान नदी, शिकागो एवं विनिपेग शहर चिह्नित करें।
उत्तर

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 9 (Hindi Medium) 3

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NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 8 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 8 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 8 Markets Around us (Hindi Medium)

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पाठगत प्रश्न

1. लोग साप्ताहिक बाजारों में क्यों जाते हैं? तीन कारण बताइए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-96)
उत्तर :
लोगों के साप्ताहिक बाजारों में जाने के तीन कारण

  1. साप्ताहिक बाजारों में बहुत-सी चीजें सस्ते दामों पर मिल जाती हैं।
  2. जरूरत का सभी सामान एक ही जगह पर मिल जाता है।
  3. खरीदारों के पास यह भी अवसर होता है कि वे मोल-तोल करके भाव कम करवा सकें।

2. साप्ताहिक बाज़ारों में दुकानदार कौन होते हैं? बड़े व्यापारी इन बाजारों में क्यों नहीं दिखते? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-96)
उत्तर : साप्ताहिक बाजारों में प्रतिदिन खुलनेवाली पक्की दुकानें नहीं होती हैं। दुकानदार दिन में दुकान लगाते हैं और शाम होने पर उन्हें समेट लेते हैं। अगले दिन वे अपनी दुकानें किसी और जगह पर लगाते हैं। बड़े व्यापारी । को अपने स्थायी दुकानों से ही फुरसत नहीं मिलती, इसलिए वे साप्ताहिक बाजारों में नहीं दिखते।।

3. साप्ताहिक बाजारों में सामान सस्ते दामों में क्यों मिल जाता है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-96)
उत्तर : साप्ताहिक बाजारों में बहुत-सी चीजें सस्ते दामों पर मिल जाती हैं। ऐसा इसलिए कि जो पक्की दुकानें होती।हैं, उन्हें अपनी दुकानों के कई तरह के खर्चे जोड़ने होते हैं। उन्हें दुकानों का किराया, बिजली का बिल, सरकारी शुल्क आदि देना पड़ता है। इन दुकानों पर काम करने वाले कर्मचारियों की तनख्वाह भी इन्हीं खर्ची में जोड़नी होती है। साप्ताहिक बाजारों में बेची जाने वाली चीजों को दुकानदार अपने घरों में ही जमा करके रखते हैं। इन दुकानदारों के घर के लोग अकसर इनकी सहायता करते हैं, जिससे इन्हें अलग से कर्मचारी नहीं रखने पड़ते। साप्ताहिक बाजार में एक ही तरह के सामानों के लिए कई दुकानें होती हैं, जिससे उनमें आपस में प्रतियोगिता भी होती है। यदि एक दुकानदार किसी वस्तु के लिए अधिक कीमत माँगता है, तो लोगों के पास यह विकल्प होता है कि वे अगली दुकानों पर वही सामान देख लें, जहाँ संभव है कि वही वस्तु कम कीमत में मिल जाए। ऐसी स्थितियों में खरीदारों के पास यह अवसर भी होता है कि वे मोल-तोल करके भाव कम करवा सकें।

4. एक उदाहरण देकर समझाइए कि लोग बाज़ारों में कैसे मोल-तोल करते हैं? क्या आप ऐसी स्थिति के बारे में सोच सकते हैं, जहाँ मोल-तोल करना अन्यायपूर्ण होगा? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-96)
उत्तर :
जब ग्राहक किसी सामान को लेने के लिए दुकानदार के पास जाता है और वह किसी सामान की कीमतपूछता है और जब दुकानदार द्वारा वस्तु की कीमत बतलाई जाती है, इसके बाद जब ग्राहक उस कीमत से संतुष्ट नहीं होता तो वह दुकानदार से मोल-तोल करने लगता है और जिस कीमत पर दुकानदार और ग्राहक वस्तु को देने और लेने के लिए सहमत हो जाते हैं, वस्तु की कीमत वहीं पर निर्धारित हो जाती है।

जिन वस्तुओं की कीमत सरकार द्वारा निश्चित की जाती है तथा बड़ी-बड़ी कम्पनियों की कीमत एक निश्चित होती है, वहाँ पर वस्तुओं की कीमत का मोल-तोल करना उचित नहीं होगा।

5. सुजाता नोटबुक लेकर दुकान क्यों गई? क्या यह तरीका उपयोगी है? क्या इसमें कोई समस्या भी। आ सकती है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-97)
उत्तर :
सुजाता एक दिन अपने मोहल्ले की दुकान से कुछ सामान खरीदने पहुँची। दुकानदार सुजाता को जानने वाला था जो सुजाता को उधार सामान भी दिया करता था और उस उधार सामान की कीमत सुजाता के नोटबुक पर लिख देता था। इसलिए सुजाता को दुकानदार से जब उधार सामान लेना होता है, उसे अपने साथ नोटबुक लेकर जाना पड़ता था। यह तरीका काफी उपयोगी है, क्योंकि कभी किसी ग्राहक के पास पैसा न होने परभी उसे दुकानदार द्वारा सामान उपलब्ध करा दिया जाता है। इससे दुकानदार को भी फायदा होता है कि ग्राहक जुड़ा रहता है और सारा सामान उसी से लेता है।

इसमें कई बार दुकानदारों का पैसा डूब सकता है। दुकानदार भी ऐसे ग्राहकों को अधिक कीमत पर सामान उपलब्ध करवाता है।

6. आपके मोहल्ले में अलग-अलग प्रकार की कौन-सी दुकानें हैं? आप उनसे क्या-क्या खरीदते हैं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-97)
उत्तर : हमारे मोहल्ले में कई तरह की दुकानें हैं, जो कि निम्न हैं

  1. किराने की दुकान ।
  2. कपड़े की दुकान
  3. जनरल स्टोर ।
  4. मोबाइल की दुकान
  5. मिठाई की दुकान ।
  6. सोने-चाँदी ज्वैलरी की दुकान
  7. स्टेशनरी की दुकान
    हम इन दुकानों से खाने-पीने का सामान, पहनने का सामान, पढ़ने-लिखने के सामान एवं अन्य सामानों एवं सेवाओं को खरीदते हैं।

7. सड़क किनारे की दुकानों या साप्ताहिक बाज़ार में मिलने वाले सामान की तुलना में पक्की दुकानों से मिलने वाला सामान महँगा क्यों होता है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-97)
उत्तर : सड़क किनारे की दुकानों या साप्ताहिक बाजार में मिलने वाले सामान की तुलना में पक्की दुकानों से मिलने वाला सामान महँगा होने के कारण

  1. पक्की दुकानों को कई तरह के खर्चे; जैसे-दुकानों का किराया, बिजली का बिल, सरकारी शुल्क आदि देना पड़ता है।
  2. इन दुकानों पर काम करने वाले कर्मचारियों की तनख्वाह भी इन्हीं खर्चे में जोड़नी होती है।
  3. पक्की दुकानों पर स्थानीय उत्पाद कम और ब्रांडेड कम्पनी के सामान अधिक मिलते हैं। स्थानीय उत्पाद वस्तुओं की अपेक्षा ब्रांडेड कम्पनी की वस्तुएँ महँगी होती हैं।

8. आप क्या सोचते हैं, सुरक्षा कर्मचारी ने सुजाता और कविता को अंदर जाने से रोकना क्यों चाहा होगा? यदि कहीं किसी बाज़ार में कोई आपको ऐसी ही दुकान में अंदर जाने से रोके तो आप क्या कहेंगे? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-98)
उत्तर : सुजाता और कविता अंजल मॉल में गयी थीं, जो कि एक पाँच मंजिला शॉपिंग कॉम्पलेक्स है। कविता और सुजाता इसमें लिफ्ट से ऊपर जाने और नीचे आने का आनंद ले रही थीं। इसमें से बाहर का नजारा देखती हुई ऊपर नीचे जा रही थीं। उन्हें यहाँ आईसक्रीम, बर्गर, पिज्जा आदि खाने की चीजें, घरेलू उपयोग का सामान, चमड़े के जूते, किताबें आदि तरह-तरह की दुकानों को देखना अद्भुत लग रहा था। जब वे लोग रेडिमेड कपड़े की दुकान पर पहुँची तो सुरक्षा कर्मचारी ने उन्हें रोकना चाहा, इसका मुख्य कारण यह था कि वे दोनों मॉल में सामान लेने नहीं, बल्कि घूमने के इरादे से गई थीं और वे मॉल में स्थित विभिन्न दुकानों को आश्चर्यचकित होकर देख रही थीं, इसलिए सुरक्षाकर्मी को उनके इरादों पर संदेह हो रहा था।

हमें ऐसी दुकान के अंदर जाने से रोकने पर हम उन सुरक्षाकर्मी को मॉल में आने के उद्देश्य बतलाएँगे अर्थात सामानों को खरीदने के बारे में बतलाएँगे।

9. ऐसा क्यों होता है कि लोग मॉल में दुकानदारों से मोल-तोल नहीं करते हैं, जबकि साप्ताहिक बाज़ारों में ऐसा खूब किया जाता है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-99)
उत्तर :
लोग मॉल में दुकानदारों से मोल-तोल करना अपनी शख्सियत के खिलाफ मानते हैं। साथ-ही-साथ मॉल में कई दुकानों की कीमत निश्चित होती है। ऐसी स्थिति में लोग मॉल में दुकानदारों से मोल-तोल नहीं करते हैं।

साप्ताहिक बाजारों में ब्रांडेड कम्पनी के सामान नहीं मिलते हैं, जिसकी कीमत निश्चित होती है, बल्कि इन बाजारों में स्थानीय उत्पाद वाली वस्तुएँ मिलती हैं, जिसकी कीमत निश्चित नहीं होती। ऐसी स्थिति में लोग इन वस्तुओं के मोल-तोल करते हैं।

10. आपको क्या लगता है, आपके मुहल्ले की दुकान में सामान कैसे आता है? पता लगाइए और कुछ उदाहरणों से समझाइए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-99)
उत्तर : हमारे मुहल्ले की दुकान में सामान थोक विक्रेताओं से आता है। उदाहरणस्वरूप-हर शहर में थोक बाज़ार का एक क्षेत्र होता है। थोक व्यापारी या विक्रेता अपना सामान वितरक या उत्पादक से काफी मात्रा में खरीदता | है। थोक विक्रेता अपना सामान खुदरा विक्रेता को बेचते हैं। खुदरा विक्रेता ही मोहल्ले में सामान बेचते हैं, जिसे उपभोक्ता खरीदते हैं।

11. थोक व्यापारी की भूमिका जरूरी क्यों होती है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-99)
उत्तर : बाज़ार में थोक व्यापारी की भूमिका काफी महत्त्वपूर्ण होती है। थोक व्यापारी वितरक तथा उत्पादक से काफी मात्रा में वस्तु खरीदते हैं। उस वस्तु को थोक व्यापारी खुदरा व्यापारी को उपलब्ध कराते हैं। कई खुदरा व्यापारी के पास इतने अधिक पैसे नहीं होते कि वे वितरक तथा उत्पादक से काफी मात्रा में सामान खरीद सकें। खुदरा व्यापारी ही उपभोक्ता तक सामान को उपलब्ध कराता है।

प्रश्न-अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

1. एक फेरीवाला, किसी दुकानदार से कैसे भिन्न है?
उत्तर : एक फेरीवाला दुकानदार से कई दृष्टि से भिन्न है

  1. फेरीवालों की कोई निश्चित या स्थायी दुकान नहीं होती है। वे घूम-घूमकर अपना सामान बेचते हैं, जबकि दुकानदार की अपनी एक निश्चित दुकान होती है।
  2. फेरीवाला अपने सामान को आवाज़ लगाकर बेचता है, जबकि दुकानदार को अपने सामान को बेचने के लिए आवाज़ नहीं लगानी पड़ती।
  3. फेरीवाले के पास सामान बहुत कम होता है, जिसके कारण पूँजी भी कम लगती है। इसकी अपेक्षा दुकानदार के पास सामान अधिक होता है और पूँजी भी अधिक लगती है।
  4. फेरीवाला स्थानीय उत्पाद का सामान बेचता है, जबकि दुकानदार स्थानीय उत्पाद का सामान और ब्रांडेड दोनों तरह के सामान बेचता है।।

2. निम्न तालिका के आधार पर एक साप्ताहिक बाज़ार और एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की तुलना करते हुए उनका अंतर स्पष्ट कीजिए।
NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 8 (Hindi Medium) 1
उत्तर :
NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 8 (Hindi Medium) 2

3. स्पष्ट कीजिए कि बाजारों की श्रृंखला कैसे बनती है? इससे किन उद्देश्यों की पूर्ति होती है?
उत्तर : एक उत्पादक वस्तुओं का उत्पादन करता है। उत्पादक द्वारा वस्तुएँ वितरक तथा थोक व्यापारियों को बेचा जाता है। कई बड़ी-बड़ी कम्पनियाँ अपना सामान थोक विक्रेताओं को न देकर वितरकों को देते हैं और वितरक के माध्यम से थोक विक्रेताओं के पास सामान पहुँचता है। थोक विक्रेता खुदरा विक्रेता को सामान बेचता है। खुदरा विक्रेता उन वस्तुओं को स्थानीय ग्राहकों को बेचते हैं।
बाज़ार श्रृंखला द्वारा निम्नलिखित उद्देश्यों की पूर्ति होती है-

  1. उत्पादक के लिए सीधे रूप में ग्राहकों को सामान बेचना संभव नहीं होता, इसलिए बाज़ार श्रृंखला की आवश्यकता होती है।
  2. छोटे व्यवसायी एवं खुदरा विक्रेता उत्पादक का सारा सामान खरीदने में असमर्थ होते हैं, इसलिए उन्हें भी बाज़ार श्रृंखला की आवश्यकता होती है।
  3. बाजार श्रृंखला के कारण ही उत्पादक से उपभोक्ता तक सामान आसानी से उपलब्ध हो जाता है।

4. सब लोगों को बाजार में किसी भी दुकान पर जाने का समान अधिकार है। क्या आपके विचार से महँगे उत्पादों की दुकानों के बारे में यह बात सत्य है? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : सब लोगों को बाज़ार में किसी भी दुकान पर जाने का समान अधिकार है। यह बात महँगे उत्पादों की दुकानों के बारे में भी सत्य है, परंतु महँगे उत्पाद प्रायः उच्च आय वाले ही खरीद पाते हैं। गरीब लोग महँगे उत्पादों की दुकानों के सामान को नहीं खरीद सकते। वे सिर्फ साप्ताहिक बाज़ारों, स्थानीय दुकानों तथा फेरीवालों से ही सामान खरीदते हैं।

उदाहरणस्वरूप-उच्च आय वर्ग के लोग ब्रांडेड सामान शॉपिंग मॉल से खरीदते हैं, जबकि निम्न आय वर्ग के लोग इसे खरीदने में असमर्थ होते हैं।

5. बाज़ार में जाए बिना भी खरीदना और बेचना हो सकता है। उदाहरण देकर इस कथन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर : आज के वर्तमान युग में बाजार में जाए बिना भी खरीदना और बेचना संभव है। इसे उदाहरणों के माध्यम से समझा जा सकता है। उदाहरणस्वरूप-कोई उपभोक्ता अपने घर की आवश्यकता के लिए कुछ सामान खरीदना चाहता है उसके लिए वह सबसे पहले अपनी आवश्यक सामानों की सूची बनाएगा। इसके बाद वह नजदीक के डिपार्टमेंटल स्टोर को फोन अथवा ई-मेल द्वारा सामान की सूची को नोट कराएगा और साथ-ही-साथ उसे अपना फोन नम्बर। ई-मेल नम्बर और घर का पता भी बतलाएगा। डिपार्टमेंटल स्टोर के कर्मचारी उस पते पर सारे सामान को पहुँचा देगा और उपभोक्ता से सामान की कीमत वसूल कर वापस चला जाएगा।

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