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NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 5 Rulers and Buildings (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 5 Rulers and Buildings (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 5 Rulers and Buildings (Hindi Medium)

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पाठगत प्रश्न

1. राजेन्द्र प्रथम तथा महमूद गजनवी की नीतियाँ किन रूपों में समकालीन समय की देन थीं और किन रूपों में ये एक-दूसरे से भिन्न थीं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-66)
उत्तर चोल राजा राजेन्द्र प्रथम ने दूसरे राज्यों पर जब आक्रमण किया था तो वहाँ से प्राप्त मूर्तियों को अपनी राजधानी में निर्मित मंदिरों में लगवाया था। इसी तरह से महमूद गजनवी ने जो भारत से धन प्राप्त किया था, उसे अपनी राजधानी को भव्य बनाने में खर्च किया।

दोनों में कई रूपों में भिन्नता थी। महमूद गजनवी ने भारत के कई मंदिरों को विध्वंस कर दिया था, लेकिन राजेंद्र प्रथम ने मंदिरों को विध्वंस नहीं किया था। महमूद गजनवी भारत से धन लूटकर गजनी ले गया था, लेकिन राजेन्द्र प्रथम ने जो दूसरे राज्यों से धन प्राप्त किया, उसे अपने राज्य में ही रहने दिया।

2. वास्तुकला की ‘गोथिक’ शैली के बारे में व्याख्या कीजिए। (एन०सी०ई०आर०टी पाठ्यपुस्तक, पेज-72)
उत्तर बारहवीं शताब्दी से फ्रांस में आरंभिक भवनों की तुलना में अधिक ऊँचे व हल्के चर्चे के निर्माण के प्रयास शुरू हुए। वास्तुकला की यह शैली गोथिक नाम से जानी जाती है। इस शैली की विशेषताएँ-नुकीले ऊँचे मेहराब, रंगीन काँच का प्रयोग, जिसमें प्रायः बाइबिल से लिए गए दृश्यों का चित्रण है तथा उड़ते हुए पुश्ते। दूर से ही दिखने वाली ऊँची मीनारें और घंटी वाले बुर्ज बाद में चर्च से जुड़े। इस वास्तुकलात्मक शैली के सर्वोत्कृष्ट ज्ञात उदाहरणों में से एक पेरिस का नाट्रेडम चर्च है। बारहवीं और तेरहवीं शताब्दियों के कई दशकों में इसका निर्माण हुआ।

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

फिर से याद करें

1. वास्तुकला का ‘अनुप्रस्थ टोडा निर्माण’ सिद्धांत ‘चापाकार’ सिद्धांत से किस तरह भिन्न है?
उत्तर अनुप्रस्थ टोडा निर्माण – सातवीं और दसवीं शताब्दी के मध्य वास्तुकार भवनों में और अधिक कमरे, दरवाजे और खिड़कियाँ बनाने लगे। छत, दरवाजे और खिड़कियाँ अभी भी दो ऊर्ध्वाकार खंभों के आर-पार एक अनुप्रस्थ शहतीर रखकर बनाए जाते थे। वास्तुकला की यह शैली ‘अनुप्रस्थ टोडा निर्माण’ कहलाई जाती है।
चापाकार सिद्धांत – दरवाज़ों और खिड़कियों के ऊपर की अधिरचना का भार कभी-कभी मेहराबों पर डाल दिया जाता था। वास्तुकला का यह ‘चापाकार’ रूप था।

2. ‘शिखर’ से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर मंदिर का शीर्ष जिसके नीचे गर्भगृह स्थित होता है, मंदिर का ‘शिखर’ कहलाता है।

3. ‘पितरा-दूरा’ क्या है?
उत्तर उत्कीर्णित संगमरमर अथवा बलुआ पत्थर पर रंगीन, ठोस पत्थरों को दबाकर बनाए गए सुंदर तथा अलंकृत नमूने ‘पितरा-दूरा’ कहलाता है।

4. एक मुगल चारबाग की क्या खास विशेषताएँ हैं?
उत्तर मुगल चारबाग की विशेषताएँ

  1. चारबाग चार समान हिस्सों में बँटे होते थे।
  2. यह बाग दीवार से घिरे होते थे।
  3. बाग कृत्रिम नहरों द्वारा चार भागों में विभाजित आयताकार अहाते में स्थित थे। आइए समझें

5. किसी मंदिर से एक राजा की महत्ता की सूचना कैसे मिलती थी?
उत्तर सभी विशालतम मंदिरों का निर्माण राजाओं ने करवाया था। दक्षिण भारत के प्रसिद्ध मंदिर राजराजेश्वर मंदिर का निर्माण राजा राजदेव ने अपने देवता राजराजेश्वरम की उपासना हेतु किया था। इनके देवताओं के नाम राजा से मिलते-जुलते थे। राजा स्वयं को ईश्वर के रूप में दिखाना चाहता था। धार्मिक अनुष्ठान के जरिए मंदिर में एक देवता दूसरे देवता का सम्मान करता था।

मंदिर के अन्य लघु देवता शासक के सहयोगियों तथा अधीनस्थों के देवी-देवता थे। यह मंदिर शासक और सहयोगियों द्वारा शासित विश्व का एक लघु रूप ही था। जिस तरह से वे राजकीय मंदिरों में इकट्ठे होकर अपने देवताओं की उपासना करते थे।

6. दिल्ली में शाहजहाँ के दीवान-ए-खास में एक अभिलेख में कहा गया है-‘अगर पृथ्वी पर कहीं स्वर्ग है तो वह यहीं है, यहीं है, यहीं है।’ यह धारणा कैसे बनी?
उत्तर शाहजहाँ की पत्नी मुमताज की 1631 ई. में मृत्यु हो गई थी उसके बाद शाहजहाँ का मन आगरा से हट गया था। इसलिए उसने 1639 ई. में यमुना नदी के समीप लाल किला का निर्माण करवाया। लाल किला के अंदर बनाया गया दीवान-ए-खास संगमरमर का बना हुआ अद्भुत इमारत है, जिसमें कई तरह की नक्काशियाँ बनाई गई हैं। इसकी सुंदरता को देखते हुए ही दीवान-ए-खास में एक अभिलेख में कहा गया है-‘अगर पृथ्वी पर कहीं स्वर्ग है तो वह यहीं है, यहीं है, यहीं है।’

7. मुगल दरबार से इस बात को कैसे संकेत मिलता था कि बादशाह से धनी, निर्धन, शक्तिशाली, कमज़ोर सभी को समान न्याय मिलेगा?
उत्तर मुगल दरबार में निम्न बातों से संकेत मिलता है कि धनी, निर्धन, शक्तिशाली, कमजोर सभी को बादशाह
से समान न्याय मिलेगा

  1. बादशाह के सिंहासन के पीछे पितरा-दूरा के जड़ाऊ काम की एक श्रृंखला बनाई गई थी, जिसमें पौराणिक यूनानी देवता आर्फियस को वीणा बजाते हुए चित्रित किया गया था।
  2. ऐसा माना जाता था कि आर्फियस का संगीत आक्रामक जानवरों को भी शांत कर सकता है और वे शांतिपूर्वक एक-दूसरे के साथ रहने लगते हैं।
  3. शाहजहाँ के सार्वजनिक सभा भवन का निर्माण यह सूचित करता था कि न्याय करते समय राजी ऊँचे और निम्न सभी प्रकार के लोगों के साथ समान व्यवहार करेगा और सभी सद्भाव के साथ रह सकेंगे।

8. शाहजहाँनाबाद में नए मुगल शहर की योजना में यमुना नदी की क्या भूमिका थी?
उत्तर शाहजहाँ ने दिल्ली में यमुना नदी के तट पर स्थित सलीमगढ़ स्थान पर शाहजहाँनाबाद की नींव रखी थी, क्योंकि यह स्थान कई दृष्टि से उपयुक्त था

  1. यमुना नदी के तट पर होने के कारण इस शहर को पीने के लिए पानी आसानी से उपलब्ध था।
  2. यमुना नदी के तटवर्ती भाग प्रायः समतल था।
  3. दिल्ली में शाहजहाँनाबाद में उसने जो नया शहर निर्मित करवाया उसमें शाही महल नदी पर स्थित था। आइए विचार करें

9. आज धनी और शक्तिशाली लोग विशाल घरों का निर्माण करवाते हैं। अतीत में राजाओं तथा उनके दरबारियों के निर्माण किन मायनों में इनसे भिन्न थे?
उत्तर अतीत में राजाओं तथा उनके दरबारियों के निर्माण निम्न प्रकार से आज के धनी और शक्तिशाली लोगों के विशाल घरों से भिन्न थे

  1. अतीत के राजाओं के अधिकांश घर पत्थर के किले के रूप में निर्मित थे।
  2. किले को सुरक्षित करने के लिए किले के चारों ओर गड्ढे खोदे जाते थे।
  3. उनके आवास ऊँचे स्थल पर बनाए जाते थे।
  4. सुरक्षा को विशेष महत्त्व दिया जाता था।

10. चित्र-4 पर नज़र डालें। यह इमारत आज कैसे तेजी से बनवाई जा सकती है?
उत्तर छात्र स्वयं करें। आइए करके देखें

11. पता लगाएँ कि क्या आपके गाँव या कस्बे में किसी महान व्यक्ति की कोई प्रतिमा अथवा स्मारक है? इसे वहाँ क्यों स्थापित किया गया था? इसका प्रयोजन क्या है?
उत्तर छात्र स्वयं करें।

12. अपने आस-पास के किसी पार्क या बाग की सैर करके उसका वर्णन करें। किन मायनों में ये मुगल बागों से समान अथवा भिन्न हैं?
उत्तर छात्र स्वयं करें।

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NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 6 Natural Vegetation and Wild Life (Hindi Medium)

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पाठगत प्रश्न

1. भारत में शीतोष्ण सदाबहार एवं शीतोष्ण पर्णपाती वन कहाँ पाए जाते हैं? उन राज्यों के नाम बताएँ। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-41)
उत्तर भारत में शीतोष्ण सदाबहार वन उत्तरी-पूर्वी भारत में हिमालय के उन पर्वतीय भागों में पाए जाते हैं जो असम, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम राज्य में आते हैं। शीतोष्ण पर्णपाती वन उत्तरांचल और हिमाचल प्रदेश के हिमालय के शिवालिक क्षेत्रों में पाए जाते हैं।

2. भारत में अधिकतर किस प्रकार के वन पाए जाते हैं। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-41)
उत्तर भारत में अधिकतर उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन पाए जाते हैं। ये भारत में सबसे बड़े क्षेत्र में फैले हुए वन हैं।

3. ब्राजील के उष्णकटिबंधीय सदाबहार वने इतने विशाल हैं कि पृथ्वी के फेफड़े की तरह प्रतीत होते हैं। आप बता सकते हैं, क्यों? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-40)
उत्तर ब्राजील के उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में लगभग वर्षभर वर्षा होती है, इसलिए इन क्षेत्रों में काफी पेड़-पौधे उगते हैं और ये पेड़-पौधे इतने घने हो गए हैं कि एक वृक्ष सूर्य के प्रकाश ग्रहण करने के लिए दूसरे पेड़ों से भी बढ़ जाते हैं। इसलिए इन क्षेत्रों के वृक्षों की लम्बाई भी काफी अधिक है। विषुवत रेखीय प्रदेश ब्राजील उत्तरी भागों से गुजरती है, इसलिए यह समस्त प्रदेश उष्णकटिबंधीय सदाबहार वनों से घिरा हुआ है, इसलिए ये वन पृथ्वी के फेफड़े की तरह प्रतीत होते हैं।

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

1. निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए

(क) वनस्पतियों का विकास किन दो कारकों पर अधिकतर निर्भर करता है?
उत्तर वनस्पतियों का विकास निम्न दो कारकों पर निर्भर करता है-

  1. तापमान
  2. वर्षा।

(ख) प्राकृतिक वनस्पतियों की तीन मुख्य श्रेणियाँ कौन-सी हैं?
उत्तर
प्राकृतिक वनस्पति की तीन मुख्य श्रेणियाँ–

  1. वन
  2. घासस्थल
  3. काँटेदार झाडियाँ।

(ग) उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन के दो दृढ़ काष्ठ वाले पेड़ों के नाम बताएँ।
उत्तर
उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन के दो वृक्ष–

  1. एबोनी
  2. महोगनी।

(घ) विश्व के किस भाग में उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन पाए जाते हैं?
उत्तर उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन मुख्यत: भारत, उत्तरी आस्ट्रेलिया एवं मध्य अमेरिका के बड़े हिस्सों में पाए जाते हैं।

(च) नींबू-वंश (सिट्स) के फल किस जलवायु में उगाए जाते हैं?
उत्तर भूमध्य सागरीय जलवायु में नींबू-वंश के फल उगाए जाते हैं।

(छ) शंकुधारी वन के कोई चार उपयोग बताएँ।
उत्तर शंकुधारी वनों के प्रमुख चार उपयोग

  1. इन शंकुधारी वनों के वृक्षों के काष्ठ का उपयोग लुगदी बनाने के लिए किया जाता है, जो सामान्य तथा अखबारी कागज़ बनाने के काम आती है।
  2. नरम काष्ठ का उपयोग माचिस एवं पैकिंग के लिए बक्से बनाने के लिए भी किया जाता है।
  3. रजत लोमड़ी, मिंक, ध्रुवीय भालू जैसे जानवरों के शरणस्थली हैं।
  4. घरेलू ईंधन के रूप में इनकी लकड़ियों का उपयोग किया जाना।

(ज) विश्व के किन भागों में मौसमी घासस्थल पाए जाते हैं?
उत्तर शीतोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में मौसमी घासस्थल पाए जाते हैं।

2. सही (✓) उत्तर चिह्नित कीजिए

(क) काई एवं लाइकेन पाए जाते हैं।

  1. रेगिस्तानी वनस्पति में
  2. उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन में
  3. टुंड्रा वनस्पति में

उत्तर 3. टुंड्रा वनस्पति में

(ख) काँटेदार झाड़ियाँ मिलती हैं।

  1. गर्म एवं आई, उष्णकटिबंधीय जलवायु में
  2. गर्म एवं शुष्क, रेगिस्तानी जलवायु में
  3. ठंडी ध्रुवीय जलवायु में

उत्तर 2. गर्म एवं शुष्क, रेगिस्तानी जलवायु में

(ग) उष्णकटिबंधीय सदाबहार वने का एक सामान्य जानवर :

  1. बंदर
  2. जिराफ़
  3. ऊँट

उत्तर 1. बंदर

(घ) शंकुधारी वन की महत्त्वपूर्ण वृक्ष प्रजाति :

  1. रोज़वुड
  2. चीड़
  3. सागवान

उत्तर 2. चीड़

(च) स्टेपी घासस्थल पाए जाते हैं :

  1. दक्षिण अफ्रीका
  2. आस्ट्रेलिया
  3. मध्य एशिया

उत्तर 3. मध्य एशिया

3. निम्नलिखित स्तंभों को मिलाकर सही जोड़े बनाइए –

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 6 (Hindi Medium) 1

उत्तर

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4. कारण बताइए –

(क) ध्रुवीय प्रदेशों में रहने वाले जानवरों की फ़र एवं त्वचा मोटी होती है।
उत्तर ध्रुवीय प्रदेशों में रहने वाले जानवरों के शरीर पर मोटा फर एवं मोटी चमड़ी होती है, जो उन्हें काफी ठंडी जलवायु से सुरक्षित रख सके।

(ख) उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन, शुष्क मौसम में अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं।
उत्तर उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन शुष्क मौसम में अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं, ये वन मानसूनी जलवायु वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं, जहाँ मौसमी परिवर्तन होते रहते हैं। इन वनों में पाए जाने वाले वृक्ष जल संरक्षित रखने के लिए शुष्क मौसम में अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं।

(ग) वनस्पति के प्रकार एवं सघनता एक स्थान से दूसरे स्थान पर बदलती रहती है।
उत्तर ऊँचाई में परिवर्तन के साथ जलवायु में परिवर्तन होता है तथा इसके कारण प्राकृतिक वनस्पति में भी बदलाव आता है। जलवायु में निम्न परिवर्तन के कारण वनस्पति के प्रकार और सघनता में बदलाव आते हैं

  1. विभिन्न स्थानों के तापमान में अन्तर के कारण।
  2. विभिन्न स्थानों के वर्षा में विभिन्नता के कारण।
  3. भूमि की ढाल एवं मृदा की पुरत की मोटाई में विभिन्नता के कारण।

5. क्रियाकलाप –

(क) विश्व के विभिन्न भागों के वनों एवं घास स्थलों के चित्र एकत्र करें। प्रत्येक चित्र के नीचे इससे संबंधित एक वाक्य लिखें।
(ख) वर्षावन, घासस्थल एवं शंकुधारी वन का एक कोलाज बनाएँ।
उत्तर उपरोक्त क्रियाकलापों (क एवं ख) को अपने सहपाठियों एवं अध्यापक की सहायता से पूर्ण कीजिए। इस कार्य में सहायता के लिए नीचे कुछ चित्र दिए गए हैं।

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NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 6 (Hindi Medium) 5

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6. आओ खेलें

नीचे दी गई वर्ग पहेली में शब्द छिपे हैं। ये सब वनस्पतियों एवं वन्य जीवों से संबंधित हैं। ये शब्द क्षैतिज एवं उर्ध्वाधर रूप में दिए गए हैं। इनसे दो शब्दों की पहचान आपके लिए की गई है। अपने दोस्त से मिलकर बाकी शब्दों की पहचान करें।

नोट : पहेली के उत्तर अँग्रेजी के शब्दों में हैं।

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उत्तर

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NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 6 Towns, Traders and Craftpersons (Hindi Medium)

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पाठगत प्रश्न

1. आपके मत से लोग तंजावूर को एक महान नगर क्यों मानते थे? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-76)
उत्तर तंजावूर चोल राजाओं की राजधानी थी। वर्ष में बारहों महीने बहने वाली कावेरी नदी इस सुंदर नगर के पास बहती है। इस नगर में सुंदर और भव्य कई ऐतिहासिक इमारतों का निर्माण हो चुका था। इस नगर में मंदिर के अलावा अनेक राजमहल हैं, जिनमें कई मंडप बने हुए हैं। राजा लोग इन मंडपों में अपना दरबार लगाते थे। नगरे उन बाज़ारों की हलचल से भरा हुआ था। तंजावूर एक मंदिर नगर का भी उदाहरण है। मंदिर नगर नगरीकरण का एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण प्रतिरूप प्रस्तुत करते हैं।

2. आपके विचार से इस प्रविधि के प्रयोग (लुप्तमोम तकनीक) के क्या-क्या लाभ थे? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-77)
उत्तर ‘लुप्तमोम’ तकनीक के अन्तर्गत सर्वप्रथम मोम की एक प्रतिमा बनाई जाती थी। इसे चिकनी मिट्टी से पूरी तरह लीपकर सूखने के लिए छोड़ दिया जाता था। जब वह पूरी तरह सूख जाती थी, तो उसे गर्म किया जाता था और उसके मिट्टी के आवरण में एक छोटा-सा छेद बनाकर उसे छेद के रास्ते सारा पिघला हुआ मोम बाहर निकाल दिया जाता था, फिर चिकनी मिट्टी के खाली साँचे में उसी छेद के रास्ते पिघली हुई धातु । भर दी जाती थी। जब वह धात् ठंडी होकर ठोस हो जाती थी, तो चिकनी मिट्टी के आवरण को सावधानीपूर्वक हटा दिया जाता था।

इस विधि से किसी भी प्रतिमा को सस्ता और सुंदर बनाया जाता था तथा इस प्रतिमा में काफ़ी चमक भी होती थी। प्रतिमा मिट्टी और मोम से बने होने के बावजूद भी काफ़ी मजबूत होती थी।

3. आज बाज़ार पर लगने वाले करों के बारे में कुछ और जानकारी प्राप्त करें। इन्हें कौन इकट्ठा करता है, वे किस प्रकार वसूल किए जाते हैं और उनका प्रयोग किस काम के लिए होता है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-79)
उत्तर बाज़ार में लगने वाले कर बिक्री हैं, इन्हें सरकार के आयकर विभाग के अधिकारी और कर्मचारी वसूल करते हैं। ये कर विक्रेताओं से वसूल किए जाते हैं। इन करों का प्रयोग प्रशासनिक कार्यों, विकास कार्यों और लोक कल्याणकारी कार्य के लिए किया जाता है।

4. आपके विचार से हम्पी नगर किलेबंद क्यों था? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-83)
उत्तर हम्पी नगर विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी। विजयनगर साम्राज्य की राजधानी होने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से इस नगर को किलेबंद किया गया था, जिससे कि यह नगर बाहरी आक्रमण से सुरक्षित रह सके।

5. अंग्रेज़ों और हॉलैंडवासियों ने मसूलीपट्टनम में अपनी बस्तियाँ बसाने का निर्णय क्यों लिया? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-85)
उत्तर मसूलीपट्टनम समुद्र के किनारे बसा हुआ है। पहले यहाँ पर मछुआरे रहते थे, लेकिन धीरे-धीरे व्यापारी लोग भी यहाँ रहने लगे। व्यापारी लोगों का दूसरे देशों से व्यापार होता रहता था। यहाँ पर इंग्लैण्ड तथा हॉलैंड के निवासी आते-जाते रहते थे और वे यहाँ पर रुकते भी थे। इस स्थान पर जहाजों के लिए लंगर डालने की | व्यवस्था हो गयी थी। व्यापारिक सुविधाओं के कारण ही अंग्रेज़ों और हॉलैंडवासियों ने मसूलीपट्टनम में अपनी बस्तियाँ बसाने का निर्णय लिया।

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

फिर से याद करें

1. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें :

(क) राजराजेश्वर मंदिर …………………. में बनाया गया था।
(ख) अजमेर सूफ़ी संत ……………… से संबंधित है।
(ग) हम्पी ……………….. साम्राज्य की राजधानी थी।
(घ) हॉलैंडवासियों ने आंध्र प्रदेश में ………………………….. पर अपनी बस्ती बसाई।

उत्तर

(क) ग्यारहवीं सदी में
(ख) ख्वाजा मुइनुउद्दीन चिश्ती
(ग) विजयनगर
(घ) मसूलीपट्टनम।

2. बताएँ क्या सही है और क्या गलत :

(क) हम राजराजेश्वर मंदिर के मूर्तिकार (स्थपति) का नाम एक शिलालेख से जानते हैं।
(ख) सौदागर लोग काफ़िलों में यात्रा करने की बजाय अकेले यात्रा करना अधिक पसंद करते थे।
(ग) काबुल हाथियों के व्यापार का मुख्य केंद्र था।
(घ) सूरत बंगाल की खाड़ी पर स्थित एक महत्त्वपूर्ण व्यापारिक पत्तन था।

उत्तर

(क) सही
(ख) गलत
(ग) गलत
(घ) गलत।

3. तंजावूर नगर को जल की आपूर्ति कैसे की जाती थी?
उत्तर तंजावूर नगर को जल की आपूर्ति कुँओं और तालाबों द्वारा की जाती थी।

4. मद्रास जैसे बड़े नगरों में स्थित ‘ब्लैक टाउन्स’ में कौन रहता था?
उत्तर ब्लैक टाउन्स में भारतीय व्यापारी, शिल्पकार, औद्योगिक मजदूर एवं अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूर तथा कर्मचारी रहा करते थे।

आइए समझें

5. आपके विचार से मंदिरों के आस-पास नगर क्यों विकसित हए?
उत्तर मंदिरों के आस-पास नगरों के विकसित होने के कारण

  1. मंदिर के कर्ता-धर्ता मंदिर के धन को व्यापार एवं साहूकारी में लगाते थे।
  2. शनैः शनैः समय के साथ बड़ी संख्या में पुरोहित-पुजारी, कामगार, शिल्पी, व्यापारी आदि मंदिर तथा उसके | दर्शनार्थियों एवं तीर्थयात्रियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मंदिर के आस-पास बसते गए।
  3. मंदिर के दर्शनार्थी भी दान दक्षिण दिया करते थे तथा राजा द्वारा भी भूमि एवं धन अनुदान में दिए जाते थे, इससे मंदिर के पुजारियों की आजीविका चलती थी।
  4. तीर्थयात्रियों तथा पुरोहित पंडितों को मंदिर प्रशासन द्वारा भोजन कराया जाता था, जिससे मंदिर के पास साधु-संत और पुरोहित-पंडितों को आवास स्थान बन गया था।

6. मंदिरों के निर्माण तथा उनके रख-रखाव के लिए शिल्पीजन कितने महत्त्वपूर्ण थे?
उत्तर मंदिरों के निर्माण तथा उनके रख-रखाव के लिए शिल्पीजन निम्न कारणों से महत्त्वपूर्ण थे|

  1. मंदिरों के निर्माण के लिए शिल्पी काफ़ी महत्त्वपूर्ण थे-शिल्पियों में सुनार, कसेरे, लोहार, राजमिस्त्री और बढ़ई शामिल थे।
  2. शिल्पकार मंदिरों को सुंदर बनाने में काफ़ी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। शिल्पकार ही मंदिरों के विभिन्न भागों को निर्मित करते थे।
  3. मंदिरों को कलात्मक रूप से सजाने का कार्य शिल्पकार ही करते थे।

7. लोग दूर-दूर के देशों-प्रदेशों से सूरत क्यों आते थे?

उत्तर सूरत नगर में लोगों के दूर-दूर प्रदेशों से आने के कारण

  1. सूरत अरब सागर के तट पर स्थित एक बन्दरगाह नगर था, जहाँ से पश्चिमी एशिया के देशों से व्यापार होता था।
  2. सूरत को मक्का का प्रस्थान द्वार भी कहा जाता था, क्योंकि बहुत से हज यात्री जहाज से यहीं से रवाना होते थे।
  3. सूरत शिल्प उद्योग का प्रमुख केन्द्र था, जिससे काफ़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला हुआ था।
  4. सूरत एक व्यापारिक नगर था, जहाँ पर कई वस्तुओं के थोक और फुटकर बाज़ार थे।

8. कलकत्ता जैसे नगरों में शिल्प उत्पादन तंजावूर जैसे नगरों के शिल्प उत्पादन से किस प्रकार भिन्न था ?
उत्तर तंजावूर कलकत्ता से पहले का विकसित नगर है, इसलिए तंजावूर में शिल्प का उत्पादन कलकत्ता से पहले शुरू हो गया था। दोनों नगरों के शिल्प उत्पादन में काफ़ी भिन्नता थी|

  1. कलकत्ता में मुख्यत: शिल्प उत्पादन सूती, रेशमी व जूट उत्पादन तक सीमित था।
  2. तंजावूर में सूती वस्त्रों के अतिरिक्त कांस्य मूर्तियों, धातु के दीपदान, मंदिरों के घंटे, आभूषणों आदि का निर्माण बड़े पैमाने पर होता था, क्योंकि तंजावूर एक मंदिर नगर था।

आइए विचार करें

9. इस अध्याय में वर्णित किसी एक नगर की तुलना आप, अपने परिचित किसी कस्बे या गाँव से करें। क्या दोनों के बीच कोई समानता या अंतर हैं?
उत्तर सूरत (नगर) और टेकारी (कस्बा) की तुलना
NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 6 (Hindi Medium) 1

10. सौदागरों को किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता था? आपके विचार से क्या वैसी कुछ समस्याएँ आज भी बनी हुई हैं?
उत्तर सौदागरों को निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ता था।

  1. व्यापारियों को अनेक राज्यों तथा जंगलों में से होकर गुजरना पड़ता था, इसलिए वे आमतौर पर काफिले बनाकर एक साथ यात्रा करते थे।
  2. सौदागर अपने हितों की रक्षा के लिए व्यापार संघ (गिल्ड) बनाते थे।
  3. उन्हें विभिन्न प्रकार के कर चुकाने पड़ते थे।
  4. प्राचीन व मध्यकाल में यातायात के रूप में बैलगाड़ी, घोड़ागाड़ी, नावें आदि प्रमुख थे। अर्थात् यातायात के साधन भी पर्याप्त मात्रा में नहीं थे।

वर्तमान समय में भी सौदागरों को व्यापार संघ बनाने पड़ते हैं। उन्हें विभिन्न कर चुकाने पड़ते हैं तथा व्यापार के लिए दूर-दूर तक यात्राएँ करनी पड़ती हैं।

आइए करके देखें

11. तंजावूर या हम्पी के वास्तुशिल्प के बारे में कुछ और जानकारी प्राप्त करें और इन नगरों के मंदिरों तथा अन्य भवनों के चित्रों की सहायता से एक स्क्रैपबुक तैयार करें।
उत्तर छात्र स्वयं करें।

12. किसी वर्तमान तीर्थस्थान का पता लगाएँ। बताएँ कि लोग वहाँ क्यों जाते हैं, वहाँ क्या करते हैं, क्या उस केंद्र के आस-पास दुकानें हैं और वहाँ क्या खरीदा और बेचा जाता है?
उत्तर छात्र स्वयं करें।

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NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 7 Human Environment Settlement, Transport and Communication (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 7 Human Environment Settlement, Transport and Communication (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 7 Human Environment Settlement, Transport and Communication (Hindi Medium)

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पाठगत प्रश्न

1. आप बर्फ से बने आवास कहाँ पाते हैं? उन्हें कौन बनाता है एवं वे क्या कहलाते हैं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-49)
उत्तर बर्फ़ के घर टुंड्रा प्रदेश में पाए जाते हैं। ये घर वहाँ के जनजाति एस्किमो बनाते हैं। इस घर को इग्लू कहा जाता है।

2. परिवहन के उन साधनों की एक सूची बनाएँ जिनका उपयोग आपकी कक्षा के छात्र स्कूल आने के लिए करते हैं। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-49)
उत्तर हमारे स्कूल के छात्रों को स्कूल आने के लिए जिन परिवहन के साधनों का उपयोग किया जाता है, वे निम्न हैं-

  1. बस
  2. मारुति वेन
  3. रिक्शा
  4. ऑटो रिक्शा
  5. मिनी बस
  6. कार।

3. अंग्रेज़ी, हिंदी एवं क्षेत्रीय भाषा के कुछ समाचार-पत्रों एवं टी.वी. चैनलों के नाम लिखें। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-52)
उत्तर
अंग्रेजी भाषा के समाचार-पत्र –

  1. द हिन्दुस्तान टाइम्स
  2. द हिन्दू
  3. इण्डियन एक्सप्रेस
  4. दे टाइम्स ऑफ इंडिया
  5. द पायनीअर।

हिन्दी भाषा के समाचार-पत्र –

  1. नवभारत टाइम्स
  2. हिन्दुस्तान
  3. दैनिक जागरण
  4. पंजाब केसरी
  5. अमर उजाला
  6. राष्ट्रीय सहारा।

टी.वी. चैनल –

  1. आई.बी.एन. 7
  2. आज तक
  3. स्टार न्यूज
  4. सोनी
  5. जी सिनेमा
  6. जी न्यूज
  7. इंडिया टी.वी.
  8. एन.डी.टी.वी.
  9. कलर
  10. स्टार प्लस
  11. जी.टी.वी.
  12. डिस्कवरी चैनल।

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

1. निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

(क) परिवहन के चार प्रकार क्या हैं?
उत्तर परिवहन के चार प्रकार-

  1. सड़कमार्ग
  2. रेलमार्ग
  3. वायुमार्ग
  4. जलमार्ग।

(ख) बस्ती से आप क्या समझते हैं?
उत्तर वह स्थान जहाँ लोग स्थायी रूप से बसने के लिए घरों का निर्माण करते हैं, बस्ती कहलाती है।

(ग) ग्रामीण लोगों के क्रियाकलाप क्या हैं?
उत्तर ग्रामीण लोगों के क्रियाकलाप-कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, वानिकी, दस्तकारी (बढ़ई द्वारा लकड़ी का फर्नीचर बनाना, कुम्हार द्वारा मिट्टी का बर्तन बनाना, लुहार द्वारा लोहे का सामान बनाना) आदि प्रमुख हैं।

(घ) रेलमार्ग के किन्हीं दो गुणों के बारे में बताएँ।
उत्तर
रेलमार्ग के दो गुण –

  1. लम्बी दूरी की यात्रा के लिए आरामदायक।
  2. उद्योग धन्धे के विकास में सहायक।

(च) संचार से आप क्या समझते हैं?
उत्तर संचार दूसरों के पास तक सूचना पहुँचाने की प्रक्रिया है।

(छ) जनसंपर्क माध्यम क्या हैं?
उत्तर समाचार-पत्रों, रेडियो एवं टेलीविजन के द्वारा हम बड़ी संख्या में लोगों के साथ संचार कर सकते हैं, इसलिए इनको जनसंपर्क माध्यम कहते हैं।

2. सही (✓) उत्तर चिह्नित कीजिए

(क) इनमें से कौन संचार का साधन नहीं है?

  1. टेलीफोन
  2. पुस्तक
  3. मेज़

उत्तर 3. मेज़

(ख) इनमें से कौन-सा सड़क का भूमिगत निर्माण है?

  1. फ्लाईओवर
  2. एक्सप्रेस वे
  3. सब वे

उत्तर 3. सब वे

(ग) किसी द्वीप पर पहुँचने के लिए, निम्न में से कौन-सा यातायात का साधन उपयुक्त

  1. जहाज़
  2. रेलगाड़ी
  3. कार

उत्तर 1. जहाज़

(घ) यातायात का कौन-सा साधन पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करता?

  1. साइकिल
  2. बस
  3. हवाई जहाज़

उत्तर 1. साइकिल

3. निम्नलिखित स्तंभों को मिलाकर सही जोड़े बनाइए –

 

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 7 (Hindi Medium) 1

उत्तर

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 7 (Hindi Medium) 2

4. कारण बताइए –

आज विश्व सिमटता जा रहा है।
उत्तर आज सम्पूर्ण विश्व से जुड़ने के लिए यातायात और संचार के साधनों का काफी विकास हो गया है। परिवहन के साधनों के तीव्र विकास के फलस्वरूप विश्व के किसी भाग में पहुँचने में अब बहुत कम समय लगता है। संचार के साधनों के विकास के कारण अब पूरी दुनिया के देश आपस में जुड़ गए हैं। अब टेलीफोन, इंटरनेट आदि साधनों से किसी भी देश में संपर्क स्थापित कर सकते हैं। यातायात के साधनों और संचार के साधनों ने ही सम्पूर्ण विश्व को छोटा बना दिया है।

5. क्रियाकलाप

(क) अपने स्थानीय क्षेत्र में एक सर्वेक्षण करें एवं देखें कि लोग अपने कार्यस्थलों पर जाने के लिए कितने साधनों का उपयोग करते हैं

  1. परिवहन के दो से अधिक साधन।
  2. परिवहन के तीन से अधिक साधन।
  3. पैदल तय की जाने वाली दूरी में ही रहते हैं।

(ख) निम्नलिखित परिस्थितियों में आप संचार के किस साधन को प्राथमिकता देंगे?

  1. आपके दादाजी अचानक बीमार पड़ गए। आप डॉक्टर को कैसे सूचित करेंगे?
  2. आपकी माँ पुराने घर को बेचना चाहती है। आप इस समाचार को दूसरों तक कैसे पहुँचाएँगे?
  3. आप अपने चचेरे भाई के विवाह में सम्मिलित होने जा रहे हैं, जिसके कारण आप अगले दो दिन तक स्कूल से अनुपस्थित रहेंगे। आप अपने शिक्षक को कैसे सूचित करेंगे?
  4. आपका मित्र अपने परिवार के साथ न्यूयॉर्क घूमने जा रहा है। आप उसके साथ प्रतिदिन कैसे संपर्क में रहेंगे।

उत्तर
(क) अपने सहपाठियों एवं अध्यापक की सहायता से कीजिए।
(ख) (i) टेलीफोन, (ii) समाचार-पत्र/पत्रिका, (iii) पत्र द्वारा, (iv) टेलीफोन/इंटरनेट।

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NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 6 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 6 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 6 Understanding Media (Hindi Medium)

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पाठगत प्रश्न

1. अपने परिवार के बड़े लोगों से पूछिए कि जब टी.वी. नहीं था, तब वे रेडियो पर क्या सुनते थे? उनसे पूछिए कि आपके क्षेत्र में पहले-पहल टी.वी. कब आया था? केबल टी.वी. कब शुरू हुआ? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-71)
उत्तर : हमारे बुजुर्ग रेडियो पर समाचार, गाना और नाटक सुना करते थे। सबसे पहले टी.वी. नब्बे के दशक में आया था। टी.वी. के लगभग दस साल बाद केबल का भी धीरे-धीरे प्रचलन होने लगा।

2. आपके पड़ोस में कितने लोग इंटरनेट का प्रयोग करते हैं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-71)
उत्तर : हमारे पड़ोस में अभी इंटरनेट का प्रयोग बहुत कम हो पाया है।

3. ऐसी तीन चीज़ों की सूची बनाइए, जो संसार के किन्हीं अन्य भागों से संबंधित हैं और जिनके बारे में आपने टेलीविजन देखकर जाना है। | (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-71)
उत्तर : हमने जिनके बारे में टेलीविजन देखकर जाना है और जो संसार के किन्हीं अन्य भागों से संबंधित हैं, वे निम्न हैं

  1. दुबई का खलीफा बुर्ज–दुनिया की सबसे ऊँची इमारत जो संयुक्त अरब अमीरात के दुबई शहर में स्थित है।
  2. पैट्रिश टावर मलेशिया की राजधानी कुआलालाम्पुर में स्थित 120 मंजिला इमारत, जो कि कंकरीट | से बना है। खलीफा बुर्ज के पहले दुनिया की सबसे ऊँची इमारत यही थी।
  3. लास वेगास संयुक्त राज्य अमेरिका का एक पर्यटक नगर, जिसे दुनिया के मनोरंजन की राजधानी माना जाता है।

4. अपने प्रिय टी.वी. कार्यक्रम के दौरान विज्ञापित होने वाली तीन चीज़ों की सूची बनाइए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-72)
उत्तर : टी.वी. कार्यक्रम के दौरान विज्ञापित होने वाली तीन चीज़ों की सूची

  1. पैन्टीन शैम्पू
  2. हीरो मोटरसाइकिल
  3. लक्स अंडरवियर-बनियान

5. एक समाचार-पत्र लीजिए और उसमें दिए गए विज्ञापनों की संख्या गिनिए। कुछ लोग कहते हैं कि | समाचार-पत्रों में बहुत अधिक विज्ञापन होते हैं। क्या आप सोचते हैं कि यह बात सही है? यदि हाँ, तो क्यों? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-72)
उत्तर : समाचार-पत्रों में अलग-अलग दिनों में अलग-अलग विज्ञापन होता है। सबसे ज्यादा विज्ञापन रविवार के दिन होता है। सबसे ज्यादा विज्ञापन हिन्दुस्तान टाइम्स में होता है। रविवार के दिन इस समाचार-पत्र में 1000 से ज्यादा विज्ञापन होते हैं। यह बात सही है कि समाचार-पत्रों में बहुत ज्यादा विज्ञापन होते हैं। इसके कई कारण हैं

  1. विज्ञापन से समाचार-पत्रों को काफी अधिक आय प्राप्त होती है।
  2. विज्ञापन से पाठकों की संख्या में वृद्धि होती है। उदाहरण के लिए नौकरी और शादी के विज्ञापन आदि से पाठकों की संख्या बढ़ती है। वर और वधू ढूँढ़ने वाले, नौकरी ढूँढने वाले समाचार-पत्र को खरीदते हैं।
  3. विज्ञापनों से समाचार-पत्र के पेज बढ़ जाते हैं।

6. क्या आप ऐसा सोचते हैं कि किसी विषय के दोनों पक्षों को जानना महत्त्वपूर्ण है? क्यों? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-75)
उत्तर : हमारे विचार में किसी विषय के दोनों पक्षों को जानना महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि किसी भी विषय से संबंधित सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पक्षों के बारे में जानना जरूरी है। दोनों पक्षों को जानने के बाद ही किसी | निष्कर्ष पर पहुँचा जा सकता है। अगर हमारी जानकारी किसी विषय से संबंधित नकारात्मक है तो हमारी धारणा उस विषय के संदर्भ में नकारात्मक हो जाएगी और अगर हमारी जानकारी किसी विषय से संबंधित सकारात्मक है तो हमारी धारणा उस विषय के संदर्भ में सकारात्मक हो जाएगी। इसी तथ्य को ध्यान में रखकर दोनों पक्षों के बारे में जानना जरूरी है।

7. संचार माध्यमों के द्वारा एजेंडा तय करते हुए झोपड़पट्टियों के स्थान पर फैशन वीक की खबर देने से क्या नतीजा निकलता है?
(एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-77)
उत्तर : कोई भी समाचार-पत्र बाजार में पाठक वर्ग को ध्यान में रखकर ही खबर को छापते हैं। समाचार-पत्र को झोपड़पट्टियों में बहुत कम पढ़ा जाता है, इसलिए समाचार-पत्र झोपड़पट्टियों से संबंधित बहुत ही कम खबर को छापते हैं। दूसरी तरफ फैशन वीक युवाओं के लिए आर्कषण का केन्द्र है, इसलिए फैशन वीक की खबरों को समाचार-पत्र में जगह मिलती है।

प्रश्न-अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

1. प्रजातंत्र में संचार माध्यम किस प्रकार महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं?
उत्तर : प्रजातंत्र में संचार माध्यमों की भूमिका

  1. संचार माध्यमों से नागरिक जान सकते हैं कि सरकार किस प्रकार काम कर रही है। |
  2. संचार माध्यम निश्चित करते हैं कि किन बातों पर जनता का ध्यान केन्द्रित किया जाना है। इस प्रकार संचार माध्यम जनमत निर्माण का एक सशक्त माध्यम है।
  3. वह सरकार की नीतियों की समालोचना करते हैं।
  4. वह जनता को सरकारी नीतियों अथवा कार्यों के पक्ष और विपक्ष हेतु मंच प्रदान करते हैं।

2. क्या आप इस रेखाचित्र को एक शीर्षक दे सकते हैं? इस रेखाचित्र से आप संचार माध्यम और बड़े व्यापार के परस्पर संबंध के बारे में क्या समझ पा रहे हैं?
उत्तर : शीर्षक-“संचार के माध्यम से व्यापार” संचार के माध्यम से उद्यमी अपने उत्पाद को बेचते हैं। किसी भी नए उत्पाद को बाजार में बेचने के लिए उत्पादकों को विज्ञापन का सहारा लेना पड़ता है। विज्ञापन देखकर ही उपभोक्ता वस्तुओं को खरीदते हैं। जिससे उत्पादकों की वस्तुओं की बिक्री बढ़ जाती है, जिससे उत्पादक अधिक धन बटोरते हैं। इस प्रकार उद्यमी संचार के माध्यम से साधारण दर्शक, श्रोता, पाठक वर्ग को मानसिक एवं आर्थिक रूप से अपने हितों के लिए शोषित करते हैं।

3. आप पढ़ चुके हैं कि संचार माध्यम किस प्रकार एजेंडा बनाते हैं। इनका प्रजातंत्र में क्या प्रभाव पड़ता है? अपने विचारों के पक्ष में दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर : संचार माध्यम अधिक-से-अधिक लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार के एजेंडा बनाते हैं। यह प्रजातंत्र को अनेक प्रकार से प्रभावित करते हैं। उदाहरण-

  1. सरकार की नीतियों के बारे में जनता को बतलाती है। जनता सरकार की नीतियों पर अपना जनमत तैयार करती है।
  2. संचार माध्यम निश्चित करते हैं कि किन बातों पर ध्यान केंद्रित किया जाना है और इस तरह वह एजेंडा निश्चित कर देते हैं।

4. कक्षा परियोजना के रूप में समाचारों में से कोई एक शीर्षक चुनकर उस पर ध्यान केंद्रित कीजिए। और अन्य समाचार-पत्रों में से उससे संबंधित विवरण छाँटिए। दूरदर्शन समाचार पर भी इस विषय पर प्रसारित सामग्री देखिए। दो समाचार-पत्रों के विवरण की तुलना करके उनमें समानता और भिन्नता की रिपोर्ट लिखिए। निम्नलिखित प्रश्न पूछना सहायक हो सकता है
(क) इस लेख में क्या जानकारी दी जा रही है?
(ख) कौन-सी जानकारी इसमें छोड़ दी गई है?
(ग) यह लेख किसके दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर लिखा गया है?
(घ) किसके दृष्टिकोण को छोड़ दिया गया है और क्यों?
उत्तर : शीर्षक-‘प्रदूषण के कारण कारखानों पर वज्रपात’ इस संदर्भ में दो समाचार-पत्र की रिपोर्ट नीचे दी गई है.
NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 6 (Hindi Medium) 1
(क) इस लेख में प्रदूषण के कारण एक लाख कारखानों के बंद होने से कारखानों के मालिकों और मजदूरों के विरोध से संबंधित एक रिपोर्ट दिया गया है।

(ख)
न्यूज ऑफ इंडिया ने कारखानों से फैलने वाले प्रदूषण के दुष्परिणामों के बारे में व्याख्या नहीं की है, जबकि इंडिया डेली की रिपोर्ट में कारखानों और मजदूरों का विरोध करना कितना उचित है तथा नगर निगम द्वारा कारखानों को कितना सुविधा दिया गया है और क्या-क्या कमी रह गई है इसके बारे में नहीं बतलाया गया है।

(ग)
न्यूज ऑफ इंडिया के लेख प्रदूषण के कारण कारखानों के बंद होने से मजदूरों द्वारा विरोध करने से सड़कों पर लगने वाले जाम को ध्यान में रखकर रिपोर्ट तैयार किया गया है, जबकि इंडिया डेली में कारखानों के मालिकों और मजदूरों के प्रतिक्रिया के संबंध में रिपोर्ट तैयार की गई है।

(घ)
इन दोनों रिपोर्ट में कुछ दृष्टिकोणों को छोड़ दिया गया है। न्यूज ऑफ इंडिया रिपोर्ट में प्रदूषण से होने वाले नुकसान के संदर्भ में जनता की प्रतिक्रिया के बारे में नहीं बताया गया है। इंडिया डेली रिपोर्ट में मजदूरों के रोजगार और उनके अपर्याप्त पुनस्र्थापन को कोई महत्त्व नहीं दिया गया है।

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NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 20 विप्लव गायन

These NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 20 विप्लव गायन Questions and Answers are prepared by our highly skilled subject experts.

विप्लव गायन NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 20

Class 7 Hindi Chapter 20 विप्लव गायन Textbook Questions and Answers

कविता से

प्रश्न 1.
‘कण-कण में है व्याप्त वही स्वर…..कालकूट फणि की चिंतामणि’
(क) वही स्वर, वही ध्वनि एवं वही तान किसके लिए किस भाव के लिए प्रयुक्त हुआ है ?
(ख) वही स्वर, वही ध्वनि एवं वही तान से संबंधित भाव का ‘रुद्ध-गीत की क्रुद्ध तान है/ निकली मेरी अंतरतर से’-पंक्तियों से क्या कोई संबंध बनता है?
उत्तर:
(क) वही स्वर, वही ध्वनि एवं वही तान क्रांति के लिए प्रयुक्त हुआ है।
(ख) इस भाव का संबंध इन पक्तियों से है क्योंकि क्रांति गीत का उद्भव कवि के उस कंठ से हुआ है जो अब तक किसी कारणवश अवरुद्ध था।

प्रश्न 2.
नीचे दी गई पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
‘सावधान! मेरी वीणा में….दोनों मेरी ऐंठी हैं।’
उत्तर:
इन पंक्तियों के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि शोषण करने वालो अब सावधान हो जाओ! अब मेरी वीणा से शृंगार गीत के स्वर न निकल कर क्रांति की चिंगारियाँ निकल रही हैं। अब मेरी अँगुलियों में कोमलता नहीं रही जो मधुर गीतों की धुन निकाल सके।

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कविता से आगे

प्रश्न 1.
स्वाधीनता संग्राम के दिनों में अनेक कवियों ने स्वाधीनता को मुखर करने वाली ओजपूर्ण कविताएँ लिखीं। माखनलाल चतुर्वेदी, मैथिलीशरण गुप्त और सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की ऐसी कविताओं की चार-चार पंक्तियाँ इकट्ठी कीजिए जिनमें स्वाधीनता के भाव ओज से मुखर हुए हैं?
उत्तर:
माखन लाल चतुर्वेदी

चाह नहीं में सुरबाला के
गहनों में गूँथा जाऊँ,
चाह नहीं प्रेमी-माला में
बिंध प्यारी को ललचाऊँ
चाह नहीं, सम्राटों के शव
पर हे हरि, डाला जाऊँ
चाह नहीं, देवों के सिर पर
चढूँ, भाग्य पर इठलाऊँ
मुझे तोड़ लेना, वनमाली
उस पथ में तुम देना फेंक,
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने
जिस पथ जावें वीर अनेक

मैथिलीशरण गुप्त

“नीलाम्बर परिधान हरित पट पर सुन्दर है,
सूर्य चन्द्र युग मुकुट मेखला रत्नाकर है।
नदियाँ प्रेम-प्रवाह फूल तारे मंडन है,
बन्दीजन खग वृन्द, शेष फन सिंहासन है।
करते अभिषेक पयोद हैं,
बलिहारी इस वेष की :
हे मातृभूमि : तू सत्य ही,
सगुण मूर्ति सर्वेश की।

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

“सिंही की गोद में से छीनते हैं शिशु कौन ?
मौन भी क्या रहती वह रहते प्राण ?
रे अज्ञान
एक मेष माता ही
रहती है निर्निमेष
दुर्बल वह-
छिनती सन्तान जब
जन्म भर अपने अभिशप्त
तप्त आँसू बहाती है।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
कविता के मूलभाव को ध्यान में रखते हुए बताइए इसका शीर्षक ‘विप्लव-गायन’ क्यों रखा गया होगा?
उत्तर:
विप्लव’ का अर्थ क्रांति होता है। कवि अपने गीतों से क्रांति लाना चाहता है। वह अन्य कवियों को भी ऐसे गीत लिखने के लिए कहता है जो समाज में क्रांति ला सकें। इसलिए इस कविता का शीर्षक उचित ही रखा गया है।

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भाषा की बात

प्रश्न 1.
कविता में दो शब्दों के मध्य (-) का प्रयोग किया गया है, जैसे-‘जिससे उथल-पुथल मच जाए’ एवं ‘कण-कण में है व्याप्त वही स्वर’। इन पंक्तियों को पढ़िए और अनुमान लगाइए कि कवि ऐसा प्रयोग क्यों करते हैं?
उत्तर:
ऐसा कई कारणों से होता है :
1. जहाँ पर एक ही शब्द बार-बार आए वहाँ (-) का प्रयोग होता है। पुनरुक्ति होने से शब्द-सौन्दर्य बढ़ता है। (4) सामासिक शब्दों जैसे ‘रात-दिन’ आदि में भी उनको अलग करने के लिए (-) का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 2.
कविता में, । आदि जैसे विराम चिह्नों का उपयोग रुकने, आगे-बढ़ने अथवा किसी खास भाव को अभिव्यक्त करने के लिए किया जाता है। कविता पढ़ने में इन विराम चिह्नों का प्रभावी प्रयोग करते हुए काव्य पाठ कीजिए। गद्य में आमतौर पर है शब्द का प्रयोग वाक्य के अंत में किया जाता है, जैसे-देशराज जाता है। अब कविता की निम्न पंक्तियों को देखिए-
‘कण-कण में है व्याप्त….वही तान गाती रहती है,
इन पंक्तियों में है शब्द का प्रयोग अलग-अलग जगहों पर किया गया है। कविता में अगर आपको ऐसे अन्य प्रयोग मिलें तो उन्हें छाँटकर लिखिए।
उत्तर:
कंठ रुका है महानाश का
× × × ×
टूटी है मिज़राबें
× × ×
रोम-रोम गाता है वह ध्वनि

प्रश्न 3.
निम्न पंक्तियों को ध्यान से देखिए-
‘कवि कुछ ऐसी तान सुनाओ….एक हिलोर उधर से आए,’
इन पंक्तियों के अंत में आए, जाए जैसे तुक मिलाने वाले शब्दों का प्रयोग किया गया है। इसे तुकबंदी या अंत्यानुप्रास कहते हैं। कविता से तुकबंदी के और शब्द/पद छाँटकर लिखिए। तुकबंदी के इन छाँटे गए शब्दों से अपनी कविता बनाने की कोशिश कीजिए/कविता पढ़िए।
उत्तर:
तुक बंदी वाले शब्द
आए, जाए बैठी है, ऐंठी है।
दिन भर से यूँ बैठी है।
लगता है यह ऐंठी है।
अब वह न गीत सुनाती है।
न किसी का मन बहलाती है।

काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

1. कवि, कुछ ……………………. मेरी ऐंठी हैं।

शब्दार्थ : तान-स्वर लहरी; हिलोर-लहर; मिज़राबें-वीणा के तारों को छेड़ने के लिए अंगुली में पहने जाने वाला छल्ला।

शब्दार्थ- प्रस्तुत काव्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वसंत भाग 2’ में संकलित कविता ‘विप्लव-गायन’ से लिया गया है। जिसके कवि ‘बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ जी हैं। कवि ने इन पक्तियों में अन्य कवियों से अपनी कविताओं के माध्यय से समाज में क्रांति लाने का आह्वान किया है।

व्याख्या- कवि सरस्वती की उपासना करने वालों को अर्थात् कवियों का आह्वान करते हुए उनसे कह रहा है कि आप अपने कंठ से अब ऐसी कविताएँ सुनाओ जो समाज में उथल-पुथल मचा दें क्योंकि कवि अपनी कविताओं से समाज में क्रांति ला सकता है। क्रांति की लहरें समाज में सभी ओर से उठनी चाहिए तभी सभी लोग क्रांति में अपना योगदान दे पाएंगे। सभी लोगों को, आज जागृत करने की सबसे बड़ी आवश्यकता है। कवि समाज का शोषण करने वालों को सावधान करते हुए कहता है कि अब मेरी वीणा से शृंगार गीत की धुन नहीं निकल रही है अब तो इससे क्रांति की चिंगारियाँ निकलने लगी हैं। ये चिंगारियाँ सब कुछ भस्म कर देने की शक्ति रखती हैं। कवि कहता है कि अब वीणावादक अर्थात् कवि की मिजराजें टूट गई हैं और अंगुलियाँ अकड़ गई हैं। अब इनमें इतनी कठोरता आ गई है कि कोमल स्वर की अपेक्षा करना व्यर्थ है। कठोर चीज जब तार से टकराएगी तो चिंगारियाँ ही निकलेंगी। कवि की यही स्थिति है। अब उसकी वीणा से क्रांति के स्वर निकल रहे हैं।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
कवि किससे क्या आह्वान कर रहा है?
उत्तर:
कवि अन्य कवियों से यह आह्वान कर रहा है कि आप अपनी कविताओं के माध्यम से इस सोए हुए समाज की जड़ता को दूर करने के लिए क्रांति कर दे।

प्रश्न 2.
कवि समाज में उथल-पुथल क्यों मचाना चाहता है?
उत्तर:
कवि समाज में क्रांति लाने के लिए उथल-पुथल मचाना चाहता है। उथल-पुथल मचेगी तभी लोगों की नींद खुलेगी और समाज से शोषकों का नाश होगा।

प्रश्न 3.
कवि किसको क्यों सावधान कर रहा है?
उत्तर:
कवि शोषण करने वालों को सावधान कर रहा है कि जो अब तक कवियों से शृंगार गीत सुनते आए हैं कवि उन्हें बताना चाहता है कि अब उनकी वीणा से चिंगारियाँ निकल रही हैं और उनके कंठ से शृंगार गीतों के स्थान पर क्रांति गीत के बोल निकल रहे है।

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2. कंठं रुका है …………………… अंतरतर से।

शब्दार्थ : महानाश-महा विनाश / पूरी बर्बादी; मारक गीत-मारने वाला गीत; रुद्ध-रुकना; हृत्तल-हृदय तल में / हृदय में; क्षुब्ध-कुपित; दग्ध-जलना; ज्वलंत-जलता हुआ; क्रुद्ध-क्रोधित; अंतरतर-हृदय की गहराइयाँ।

प्रसंग- प्रस्तुत काव्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वसंत भाग-2’ में संकलित कविता ‘विप्लव-गायन’ से अवतरित है जिसके कवि ‘बालकृष्ण शर्मा नवीन’ जी हैं। कवि ने इन पंक्तियों में अपनी कविताओं के माध्यम से समाज में फैली कुरीतियों को भस्म करने के लिए एवं समाज के नव- निर्माण के लिए क्रांति का आह्वान किया है।

व्याख्या- कवि कहता है कि अब तक मेरा कंठ रुका हुआ था मैं चाहकर भी महाविनाश का मारक गीत लिखने में अपने को असमर्थ पाता था परन्तु अब ऐसा नहीं है। अब मेरे हृदय में आक्रोश एवं घृणा के भाव उत्पन्न हो गए हैं इसलिए मैंने क्रांति के गीत लिखने का निश्चय कर लिया है। मेरे गीतों से क्रांति की जो ज्वाला निकलेगी वह सभी तरह के झाड़-झंकाड़ अर्थात् समाज के लिए घातक रूढ़ियों और परंपराओं को जलाकर भस्म कर देगी। अब तक मेरे मन में क्रांति का जो गीत रुका हुआ था वह अब ज्वाला के रूप में प्रकट होगा। हृदय की गहराइयों से निकलने वाला मेरा यह गीत मधुर और कोमल न होकर क्रांति की ज्वाला को भड़काने वाला होगा।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
कवि महानाश का मारक गीत क्यों नहीं लिख पा रहा था ?
उत्तर:
कवि कहता है कि पहले उसका कंठ रुका हुआ था वह चाहकर भी ऐसा गीत नहीं लिख सकता था जो समाज में उथल-पुथल मचा सके।

प्रश्न 2.
कवि के हृदय में अब कैसी आग लगी हुई है ?
उत्तर:
कवि के हृदय में वर्तमान शासन के प्रति गुस्सा है। कवि एक प्रकार का युद्ध छेड़ना चाहता है। वह चाहता है कि सभी लोगों के हृदय से ऐसी ज्वाला भड़के जिससे समाज में व्याप्त रूढ़ियाँ एवं दुर्गुण भस्म हो जाएँ।

प्रश्न 3.
झाड़-झंकाड़ से कवि का क्या आशय है। ये किस प्रकार बाधक हैं?
उत्तर:
झाड़-झंकाड़ से कवि का आशय समाज में फैली बुराइयों व रूढ़ियों से है। जिस प्रकार झाड़ झंकाड़ जमीन की उर्वरा शक्ति का उपयोग नहीं होने देते उसी प्रकार समाज में फैली बुराइयाँ समाज का विकास नहीं होने देतीं।

प्रश्न 4.
कवि के हृदय की गहराइयों से अब कैसा स्वर निकल रहा है ?
उत्तर:
कवि के हृदय की गहराइयों से अब क्रोध भरी तान निकल रही है। अब तक इनके गीत रुद्ध थे। कवि चाहकर भी क्रांति गीत नहीं लिख पा रहे थे। अब ऐसा नहीं है।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 20 विप्लव गायन

3. कण-कण में है ………………….. आया हूँ।

शब्दार्थ : व्याप्त-समाया हुआ; कालकूट-विष; फणि-शेषनाग; भ्रू-विलास-भौंहे टेढ़ी होना, क्रोध करना; पोषक-पोषित करने वाला/पालने वाला; परख-जाँच।

प्रसंग- प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वसंत भाग-2’ में संकलित कविता ‘विप्लव-गायन’ से ली गई हैं जिसके रचयिता ‘बालकृष्ण शर्मा नवीन’ जी हैं। कवि ने अपने कंठ से निकले क्रांति गीत की व्यापकता के बारे में बताया है।

व्याख्या- कवि कहता है कि मेरे कंठ से निकला गीत बहुत व्यापक है, वह सारे संसार के कण-कण में समाया हुआ है। सभी लोगों का रोम-रोम इस क्रांति गीत को गाता है। जो तान मैंने छेड़ी है सभी लोग उसी तान में इस गीत को गाते हैं। इस गीत को गाने वाले प्राणी केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि भंयकर विष को धारण करने वाला शेषनाग भी अपने सिर पर रखी चिंतामणि के माध्यम से इस गीत को गा रहा है। शेषनाग ऐसा करके क्रांति का आह्वान कर रहा है। कवि इस दृश्य को देखकर समझ गया है कि इस जीवन में क्या राज़ छिपा है। कवि जान गया है कि क्रोध में ही महानाश पोषक सूत्र होते हैं। कवि ने इस बात की जाँच अच्छी प्रकार कर ली है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
कण-कण में कौन-सा स्वर व्याप्त है ?
उत्तर:
कवि कहता है कि जो क्रांति गीत मेरे कंठ से निकला है वह पूरे संसार के कण-कण में व्याप्त है।

प्रश्न 2.
शेषनाग की चिंतामणि क्या संदेश देती है?
उत्तर:
शेषनाग की चिंतामणि क्रांति का संदेश दे रही है वह भी अपनी चमक बिखेर कर क्रांति फैलाना चाहती है।

प्रश्न 3.
कवि क्या राज समझ गया है ?
उत्तर:
कवि यह राज़ समझ गया है कि बिना क्रोध के अर्थात् टेढ़ी भौंहें किए क्रांति नहीं आती। विनम्रता दिखाना कायरता मानी जाती है।

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