CBSE Class 7

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 19 आश्रम का अनुमानित व्यय

These NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 19 आश्रम का अनुमानित व्यय Questions and Answers are prepared by our highly skilled subject experts.

आश्रम का अनुमानित व्यय NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 19

Class 7 Hindi Chapter 19 आश्रम का अनुमानित व्यय Textbook Questions and Answers

लेखा-जोखा

प्रश्न 1.
हमारे यहाँ बहुत से काम लोग खुद नहीं करके किसी पेशेवर कारीगर से करवाते हैं। गाँधी जी छेनी, हथौड़े, बसूले क्यों खरीदना चाहते होंगे?
उत्तर:
गाँधी जी कुटीर उद्योग, लघु उद्योग को बढ़ावा देना चाहते थे। वे चाहते थे कि सभी लोग स्वावलंबी बनें और अपनी आवश्यकताओं को स्वयं मिलजुल कर पूरा करें। ऐसा करने से समाज का विकास होता है। बेरोजगारी कम होती है। सारा काम सभी आदमियों में बराबर बँट जाता है। अपने हाथ से काम करने से आत्मविश्वास बढ़ता है, हम अपनी मूलभूत आवश्यकताएँ स्वयं पूरी कर सकते हैं। गाँधी जी ऐसा करके सभी को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करना चाहते थे।

प्रश्न 2.
गाँधी जी ने अखिल भारतीय कांग्रेस सहित कई संस्थाओं व आंदोलनों का नेतृत्व किया। उनकी जीवनी या उन पर लिखी गई किताबों से उन अंशों को चुनिए जिनसे हिसाब-किताब के प्रति गाँधी जी की चुस्ती का पता चलता है?
उत्तर:
छात्र गाँधी जी के जीवन से संबंधित पुस्तकें पढ़ें एवं उनसे उन अंशों को चुनें जिनसे हिसाब-किताब के प्रति गाँधी जी की चुस्ती का पता चलता है।

प्रश्न 3.
मान लीजिए, आपको कोई बाल आश्रम खोलना है। इस बजट से प्रेरणा लेते हुए उसका अनुमानित बजट बनाइए। इस बजट में दिए गए किन-किन मदों पर आप कितना खर्च करना चाहेंगे। किन नयी मदों को जोड़ना-हटाना चाहेंगे?
उत्तर:
आश्रम के लिए भवन एवं ज़मीन – 20 लाख रुपये
बालकों के लिए पाठ्य पुस्तकें – 50 हजार रुपये
पुस्तकालय के लिए पुस्तकें – 2 लाख रुपये
बच्चों के वस्त्रों पर खर्च – 50 हजार रुपये
आश्रम के लिए बिस्तरों पर खर्च – 1 लाख रुपये
खाने पर खर्च – 20 हजार रुपये
आश्रम के रखरखाव पर खर्च – 20 हजार रुपये

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 19 आश्रम का अनुमानित व्यय

प्रश्न 4.
आपको कई बार लगता होगा कि आप कई छोटे-मोटे काम (जैसे-घर की पुताई, दूध दुहना, खाट बुनना) करना चाहें तो कर सकते हैं। ऐसे कामों की सूची बनाइए, जिन्हें आप चाहकर भी नहीं सीख पाते। इसके क्या कारण रहे होंगे? उन कामों की सूची भी बनाइए, जिन्हें आप सीखकर ही छोड़ेंगे।
उत्तर:
कार्यकारण
खाना बनाना – लड़कों को घर में खाना बनाना नहीं सिखाया जाता
कपड़े धोना – यह काम भी औरतों का माना जाता है
सिलाई का काम – सिखाने वाला नहीं मिला
मकान बनाना – घर के लोग करने नहीं देते
घर में सफेदी, रंग-रोगन करना – यह काम मजदूरों से ही करवाया जाता है।
इन सभी कार्यों को आसानी से किया जा सकता है। मैं भी इन कार्यों को कर सकता हूँ।

प्रश्न 5.
इस अनुमानित बजट को गहराई से पढ़ने के बाद आश्रम के उद्देश्यों और कार्यप्रणाली के बारे में क्या-क्या अनुमान लगाए जा सकते हैं?
उत्तर:
इस बजट को देखकर आश्रम के उद्देश्य एवं कार्यप्रणाली स्पष्ट हो जाती है। जो इस प्रकार है-

  1. गाँधी जी सभी को स्वावलंबी बनाना चाहते थे।
  2. वे लघु उद्योगों के पक्षधर थे। उनका मानना था कि यदि लोग आपस में मिल-जुल कर छोटे-छोटे कार्य स्वयं करें तो इससे समाज का विकास होगा और परस्पर सहयोग की भावना बढ़ेगी।
  3. गाँधी जी लोगों को यह बताना चाहते थे कि हम किस प्रकार सीमित संसाधनों में भी विकास कर सकते थे।
  4. गाँधी जी यह संदेश देना चाहते थे कि कार्य कोई छोटा या बड़ा नहीं होता।
  5. ऐसा करके उन्होंने श्रम की महत्ता बताई।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
अनुमानित शब्द अनुमान में इत प्रत्यय जोड़कर बना है। इत प्रत्यय जोड़ने पर अनुमान का न नित में परिवर्तित हो जाता है। नीचे-इत प्रत्यय वाले कुछ और शब्द लिखे हैं। उनमें मूल शब्द पहचानिए और देखिए कि क्या परिवर्तन हो रहा है-
प्रमाणित, व्यथित, द्रवित, मुखरित
झंकृत, शिक्षित, मोहित, चर्चित
उत्तर:
प्रमाणित – प्रमाण + इत
व्यथित – व्यथा + इत
द्रवित – द्रव + इत
मुखरित – मुखर + इत
शिक्षित – शिक्षा + इत
मोहित – मोह + इत
चर्चित – चर्चा + इत

प्रश्न 2.
इत प्रत्यय की भाँति इक प्रत्यय से भी शब्द बनते हैं और तब शब्द के पहले अक्षर में भी परिवर्तन हो जाता है, जैसे-सप्ताह + इक = साप्ताहिक। नीचे इक प्रत्यय से बनाए गए शब्द दिए गए हैं। इनमें मूल शब्द पहचानिए और देखिए कि क्या परिवर्तन हो रहा है-
मौखिक, संवैधानिक, प्राथमिक, नैतिक, पौराणिक, दैनिक
उत्तर:
मौखिक – मुख + इक
सवैधानिक – संविधान + इक
प्राथमिक – प्रथम + इक
नैतिक – नीति + इक
पौराणिक – पुराण + इक
दैनिक – दिन + इक

प्रश्न 3.
बैलगाड़ी और घोडागाड़ी शब्द दो शब्दों को जोड़ने से बने हैं। इसमें दूसरा शब्द प्रधान है, यानी शब्द का प्रमुख अर्थ दूसरे शब्द पर टिका है। ऐसे समास को तत्पुरुष समास कहते हैं। ऐसे छह शब्द और सोचकर लिखिए और समझिए कि उनमें दूसरा शब्द प्रमुख क्यों है?
उत्तर:
रेलगाड़ी – रेल की पटरी पर चलने वाली गाड़ी
राष्ट्रपति – राष्ट्र का पति
राजपुत्र – राजा का पुत्र
तुलसीकृत – तुलसी द्वारा कृत
विद्याहीन – विद्या से हीन
घुड़सवार – घोड़े का सवार

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 19 आश्रम का अनुमानित व्यय

घरेलू सामान की सूची

चार पतीले-चालीस आदमियों का खाना बनाने के योग्य; दो छोटी पतीलियाँ- दस आदमियों के योग्य; तीन पानी भरने के पतीले या ताँबे के कलशे; चार मिट्टी के घड़े चार तिपाइयाँ; एक कढ़ाई; दस रतल खाना पकाने योग्य; तीन कलछियाँ, दो आटा गूंधने की परातें; एक पानी गरम करने का बड़ा पतीला; तीन केतलियाँ; पाँच बाल्टियाँ या नहाने का पानी रखने के बरतन; पाँच पतीले के ढक्कन; पाँच अनाज रखने के बरतन; तीन तइयाँ, दस थालियाँ; दस कटोरियाँ, दस गिलास, दस प्याले, चार कपड़े धोने के टब, दो छलनियाँ, एक पीतल की छलनी; तीन चक्कियाँ; दस चम्मच; एक करछा; एक इमामदस्ता-मूसली; तीन झाडू, छह कुर्सियाँ, तीन मेजें; छह किताबें रखने की अलमारियाँ, तीन दवातें; छह काले तख्ने; छह रैक; तीन भारत के नक्शे; तीन दुनिया के नक्शे; दो बंबई अहाते के नक्शे; एक गुजरात का नक्शा, पाँच हाथकरघे; बढ़ई के औज़ार, मोची के औज़ार; खेती के औज़ार; चार चारपाइयाँ, एक गाड़ी; पाँच लालटेन; तीन कमोड; दस गद्दे; तीन चैंबर पॉट; चार सड़क की बत्तियाँ। (वैशाख बदी तेरह, मंगलवार, 11 मई, 1915)

  • चौके का सामान
  • एक बैलगाड़ी या घोड़गाड़ी
  • एक वर्ष के लिए खाने का खर्च-छह हजार रुपया

मेरा खयाल है कि हमें लुहार और राजमिस्त्री के औजारों की भी जरूरत होगी। दूसरे बहुत से औजार भी चाहिए, किंतु इस हिसाव से मैंने उनका खर्च और शिक्षण-संबंधी सामान का खर्च शामिल नहीं किया है। शिक्षण के सामान में पाँच-छह देशी हथकरघों की आवश्यकता होगी। अहमदाबाद में स्थापित आश्रम का संविधान स्वयं गाँधी जी ने तैयार किया था। संविधान के मसविदे से पता चलता है कि वह भारतीय जीवन का निर्माण किस प्रकार करना चाहते थे।

शब्दार्थ : अनुमानित-अंदाजे से; अलावा-अतिरिक्त; एरन-लोहा गर्म करने की भट्टी को हवा देने वाली मशीन; स्थानीय-स्थान विशेष से संबंधित (Local); खयाल-विचार।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

मुझे मालूम हुआ है ………………… अनुमान में भूलें भी हो सकती हैं।

प्रश्न 1.
कौन किस प्रयोग की बात कह रहा है?
उत्तर:
महात्मा गाँधी जी अहमदाबाद में आश्रम की स्थापना कर उसे प्रयोग के तौर पर चलाना चाहते हैं जहाँ सभी सामूहिक रूप से रह सकें।

प्रश्न 2.
गाँधी जी अहमदाबाद से क्या अपेक्षा करते हैं?
उत्तर:
गाँधी जी चाहते थे कि अहमदाबाद आश्रम का ऊपर बताया खर्च उठाए और पूरी ज़मीन व मकान सभी को दे।

प्रश्न 3.
गाँधी जी स्वयं कौन-सा खर्च उठाने की बात कहते हैं?
उत्तर:
गाँधी जी स्वयं खाने का खर्च उठाने की बात कहते हैं।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 19 आश्रम का अनुमानित व्यय

आश्रम का अनुमानित व्यय Summary

पाठ का सार

दक्षिण अफ्रीका से लौटकर गाँधी जी ने अहमदाबाद में एक आश्रम की स्थापना की, उसके प्रारंभिक सदस्यों तथा सामान आदि का विवरण इस पाठ में है। आरंभ में संस्था (आश्रम) में चालीस लोग होंगे। कुछ समय में इस संख्या के पचास हो जाने की संभावना है। – हर महीने औसतन दस अतिथियों के आने की संभावना है। इनमें तीन या पाँच सपरिवार होंगे, इसलिए स्थान की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि परिवार वाले लोग अलग रह सकें और शेष एक साथ।

इसको ध्यान में रखते हुए तीन रसोईघर हों और मकान कुल पचास हजार वर्ग फुट क्षेत्रफल में बने तो सब लोगों के लायक जगह हो जाएगी। इसके अलावा तीन हजार पुस्तकें रखने लायक पुस्तकालय और अलमारियाँ होनी चाहिए।

कम-से-कम पाँच एकड़ जमीन खेती करने के लिए चाहिए, जिसमें कम-से-कम तीस लोग काम कर सकें, इतने खेती के औजार चाहिए। इनमें कुदालियों, फावड़ों और खुरपों की ज़रूरत होगी।

बढ़ईगिरी के निम्नलिखित औज़ार भी होने चाहिए-पाँच बड़े हथौड़े, तीन बसूले, पाँच छोटी हथौड़ियाँ, दो एरन, तीन बम, दस छोटी-बड़ी छेनियाँ, चार रंदे, एक सालनी, चार केतियाँ, चार छोटी-बड़ी बेधनियाँ, चार आरियाँ, पाँच छोटी-बड़ी संडासियाँ, बीस रतल कीलें-छोटी और बड़ी, एक मोंगरा (लकड़ी का हथौड़ा), मोची के औज़ार।

मेरे अनुमान से इन सब पर कुल पाँच रुपया खर्च आएगा।
रसोई के लिए आवश्यक सामान पर एक सौ पचास रुपये खर्च आएगा।
स्टेशन दूर होगा तो सामान को या मेहमानों को लाने के लिए बैलगाड़ी चाहिए।

मैं खाने का खर्च दस रुपये मासिक प्रति व्यक्ति लगाता हूँ। मैं नहीं समझता कि हम यह खर्च पहले वर्ष में निकाल सकेंगे। वर्ष में औसतन पचास लोगों का खर्च छह हजार रुपये आएगा।

यदि अहमदाबाद सब खर्च उठाए तो विभिन्न मदों में खर्च इस तरह होगा-

  • किराया-बंगला और खेत की ज़मीन
  • किताबों की अलमारियों का खर्च
  • बढ़ई के औज़ार
  • मोची के औज़ार

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 19 आश्रम का अनुमानित व्यय Read More »

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 18 संघर्ष के कराण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया धनराज

These NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 18 संघर्ष के कराण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया धनराज Questions and Answers are prepared by our highly skilled subject experts.

संघर्ष के कराण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया धनराज NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 18

Class 7 Hindi Chapter 18 संघर्ष के कराण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया धनराज Textbook Questions and Answers

साक्षात्कार से

प्रश्न 1.
साक्षात्कार पढ़कर आपके मन में धनराज पिल्लै की कैसी छवि उभरती है? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
साक्षात्कार पढ़कर हमारे मन में धनराज पिल्लै की एक जुझारू व्यक्ति की छवि उभरती है। गरीबी ने उनको और भी अधिक संघर्ष करने वाला बना दिया। अपने परिवार की आर्थिक स्थिति के कारण उनको कोई भी चीज़ आसानी से नहीं प्राप्त हुई इस कारण उनका स्वभाव चिड़चिड़ा हो गया। वे सच बोलने वाले व्यक्ति हैं उनके मन में जो बात आती है वे सीधे-सीधे शब्दों में कह डालते हैं। उनकी माँ को इनके पालन-पोषण के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा जिस कारण से ये तुनकमिज़ाज बन गए। परन्तु ये बहुत ही भावुक किस्म के इंसान हैं।

प्रश्न 2.
धनराज पिल्लै ने जमीन से उठकर आसमान का सितारा बनने तक की यात्रा तय की है। लगभग सौ शब्दों में इस सफर का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
धनराज पिल्लै बहुत ही गरीब परिवार से थे। अपने भाइयों को हॉकी खेलते देखकर उनमें भी हॉकी खेलने की दिलचस्पी बढ़ी। उनके पास हॉकी खरीदने के लिए भी पैसा नहीं था। 16 वर्ष की उम्र में उनको जूनियर राष्ट्रीय हॉकी टीम के लिए चुन लिया गया। 1986 में उनको सीनियर टीम में चुना गया। 1988 में ओलंपिक खेलों के लिए न चुने जाने पर इनको बहुत निराशा हुई। एक साल बाद इनको ऑलविन एशिया कप के लिए चुन लिया गया। तब से अब तक इनका सफर लगातार जारी है। इनको अपने जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ा। इनको आसानी से कुछ नहीं मिला। अंतर्राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी होते हुए भी ये लोकल ट्रेन से सफर करते रहे क्योंकि इनकी टैक्सी में चलने की हैसियत नहीं थी। विदेशों में खेलकर और एक-एक पैसा जोड़कर इन्होंने अपनी बहिन की शादी की। अपनी कमाई से सन 2000 में इन्होंने कार खरीदी। ये भारतीय टीम के कप्तान भी रहे। इनका जीवन संघर्षों की कहानी है।

प्रश्न 3.
‘मेरी माँ ने मुझे अपनी प्रसिद्धि को विनम्रता-से सँभालने की सीख दी है’-धनराज पिल्लै की इस बात का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
धनराज पिल्लै के इस कथन का अर्थ यह है कि धनराज की माँ ने बहुत गरीबी देखी इसलिए उनको इस बात का अहसास था कि समृद्धि में अहंकार नहीं करना चाहिए। विनम्र बनकर ही उसे स्वीकार करना चाहिए।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 18 संघर्ष के कराण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया धनराज

साक्षात्कार से आगे

प्रश्न 1.
ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता है। क्यों? पता लगाइए।
उत्तर:
ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर इसलिए कहा जाता है क्योंकि जब गेंद उनकी स्टिक पर आ जाती थी तो वे उसको लेकर इस तरह दौड़ते थे मानो गेंद उनकी स्टिक से चिपकी हुई है। कई बार तो उनकी स्टिक को इसलिए बदलवाया गया की इनकी इस स्टिक में कुछ जादू है परन्तु उनको जो भी स्टिक दी गई उन्होंने उसी से ही गोल कर दिया। एक बार तो उनकी स्टिक पर जब कुछ लोगों ने एतराज किया तो उन्होंने डंडे से ही गोल कर दिया।

प्रश्न 2.
किन विशेषताओं के कारण हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है?
उत्तर:
हॉकी पूरे भारत में खेली जाती है। आजादी से पूर्व भारत ने लगातार ओलंपिक हॉकी में स्वर्ण पदक जीता इसलिए भारत में हॉकी को राष्ट्रीय खेल घोषित कर दिया गया।

प्रश्न 3.
आप समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं में छपे हुए साक्षात्कार पढ़ें और अपनी रुचि से किसी व्यक्ति को चुनें, उसके बारे में जानकारी प्राप्त कर कुछ प्रश्न तैयार करें और साक्षात्कार लें।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
‘यह कोई जरूरी नहीं कि शोहरत पैसा भी साथ लेकर आए’-क्या आप धनराज पिल्लै की इस बात से सहमत हैं? अपने अनुभव और बड़ों से बातचीत के आधार पर लिखिए।
उत्तर:
धनराज पिल्लै का यह कथन पूरी तरह उचित है। यह आवश्यक बिल्कुल भी नहीं की शोहरत पैसा भी साथ लेकर आए। आज ध्यानचंद को बच्चा-बच्चा जानता है वह केवल अपने खेल के लिए जाने जाते थे। ऐसे अनेक लोग हैं जिनको शोहरत खूब मिली। जैसे मुंशी प्रेमचंद परन्तु वे जीवन भर गरीबी में दिन काटते रहे।

प्रश्न 2.
(क) अपनी गलतियों के लिए माफी माँगना आसान होता है या मुश्किल?
(ख) क्या आप और आपके आस-पास के लोग अपनी गलतियों के लिए माफी माँग लेते हैं?
(ग) माफी माँगना मुश्किल होता है या माफ करना? अपने अनुभव के आधार पर लिखिए।
उत्तर:
(क) अपनी गलतियों के लिए माफ़ी माँगने में कोई मुश्किल नहीं होती। मुश्किल तब होती है यदि कोई बिना गलती के ही माफी माँगने के लिए कहे।
(ख) हाँ हमारे आस-पास के अधिकतर लोग अपनी गलतियों के लिए माफी माँग लेते हैं। कुछ मूढ़ लोग ही ऐसे होते हैं जो गलती होने पर भी माफी नहीं माँगते।
(ग) माफ़ी माँगने से माफ़ करना अधिक मुश्किल होता है क्योंकि माफ़ करते समय गलती करने वाले की गलतियाँ ऐसा करने से रोकती हैं। मन करता है कि इसको सज़ा मिलनी ही चाहिए।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 18 संघर्ष के कराण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया धनराज

भाषा की बात

प्रश्न 1.
नीचे कुछ शब्द लिखे हैं जिनमें अलग-अलग प्रत्ययों के कारण बारीक अंतर है। इस अंतर को समझाने के लिए इन शब्दों को वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
प्ररेणा, प्ररेक, प्रेरित, संभव, संभावित, संभवतः, उत्साह, उत्साहित, उत्साहवर्धक,
उत्तर:
प्रेरणा : मुझे अपने माता-पिता से ईमानदार व स्वाभिमानी बनने की प्रेरणा मिली।
प्रेरक : महर्षि दयानंद सरस्वती के वचन मेरे लिए प्रेरक हैं।
प्रेरित : बड़े भाई ने मुझे पढ़ने के लिए प्रेरित किया।
संभव : आज पिता जी का आना संभव नहीं।
संभावित : संभावित प्रश्नों को अच्छी प्रकार याद कर लेना।
संभवतः : संभवतः यह काम मोहन का ही है।
उत्साह : महाराणा प्रताप में अदम्य उत्साह था।
उत्साहित : शिवाजी के वचनों को सुनकर उनके सैनिक उत्साहित होकर लड़ने लगने।
उत्साहवर्धक : आपका भाषण जनता के लिए उत्साहवर्धक था।

प्रश्न 2.
तुनकमिजाज शब्द तुनुक और मिज़ाज दो शब्दों के मिलने से बना है। क्षणिक, तनिक और तुनुक एक ही शब्द के भिन्न रूप हैं। इस प्रकार का रूपांतर दूसरे शब्दों में भी होता है, जैसे-बादल, बादर, बदरा, बदरिया; मयूर, मयूरा, मोर; दर्पण, दर्पन, दरपन। शब्दकोश की सहायता लेकर एक ही शब्द के दो या दो से अधिक रूपों को खोजिए। कम-से-कम चार शब्द और उनके अन्य रूप लिखिए।
उत्तर:
विज्ञ, विज्ञान, वैज्ञानिक, विज्ञानी, विज्ञाता, विज्ञात
तपन, तपना, तपनांशु, तपनी, तपसी, तपस्या
दश, दशमी, दशहरा, दशानन, दशावतार
प्रचर, प्रचार, प्रचरण, प्रचरित, प्रचलन

प्रश्न 3.
हर खेल के अपने नियम, खेलने के तौर-तरीके और अपनी शब्दावली होती है। जिस खेल में आपकी रुचि हो उससे संबंधित कुछ शब्दों को लिखिए, जैसे-फुटबॉल के खेल से संबंधित शब्द हैं-गोल, बैकिंग, पासिंग, बूट इत्यादि।
उत्तर:
क्रिकेट-विकेट, बैट, पैड, बॉल, बाउंड्री, चौका, छक्का, रन आउट, डोट बॉल, रन आउट, एंपायर, थर्ड एंपायर, विकेट कीपर, बॉलर, बल्लेबाज, फील्डर।
हॉकी-बॉट-स्टिक, गोल कीपर, पेनल्टी शूट, पेनल्टी कॉर्नर, हाफ लाइन, रैफरी, गोल पोस्ट।

हमारी ख्वाहिश
(केवल पढ़ने के लिए)

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है जोर कितना वाजू-ए-क़ातिल में है।
रहबरे राहे मुहब्बत, रह न जाना राह में,
लज्जते सहरा नवर्दी दूरी-ए-मंजिल में है।
वक्त आने दे, बता देंगे तुझे, ऐ आसमां!
हम अभी से क्या बाताएं, क्या हमारे दिल में है।
अब न अगले वलवले हैं और न अरमानों की भीड़,
एक मिट जाने की हसरत अब दिले ‘बिस्मिल’ में है।
आज मक़तल में ये कातिल कह रहा है बार-बार,
क्या तमन्ना-ए-शहादत भी किसी के दिल में है!
ऐ शहीदे-मुल्को-मिल्लत, तेरे जज्यों के निसार,
तेरी कुर्वानी का चर्चा गैर की महफिल में है।
-रामप्रसाद ‘बिस्मिल’

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 18 संघर्ष के कराण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया धनराज

गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

1. बचपन मुश्किलों ………………….. वह मेरी अपनी थी।

प्रश्न 1.
धनराज को हॉकी खेलने का शौक किस प्रकार लगा?
उत्तर:
धनराज के दो बड़े भाई हॉकी खेलते थे। उन्हीं के चलते इनको भी हॉकी खेलने का शौक लग गया।

प्रश्न 2.
धनराज के परिवार की आर्थिक स्थिति कैसी थी? .
उत्तर:
धनराज का परिवार बहुत गरीब था। उनके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वे एक हॉकी-स्टिक खरीद सकें। उनको अपने साथियों की हॉकी-स्टिक से खेलना पड़ता था।

प्रश्न 3.
धनराज को पहली बार हॉकी-स्टिक कब मिली ?
उत्तर:
धनराज को पहली बार हॉकी-स्टिक तब मिली जब उनके बड़े भाई का चयन भारतीय कैंप के लिए हुआ।

2. मैंने अपनी जूनियर ………………… धूम मचाई।

प्रश्न 1.
राष्ट्रीय हॉकी में धनराज का आगमन कब हुआ ?
उत्तर:
धनराज 1985 में जूनियर हॉकी टीम में खेला। ये खेल मणिपुर में हुए थे तब इनकी उम्र केवल 16 वर्ष थी।

प्रश्न 2.
धनराज का व्यक्तित्व कैसा था, कोई खिलाड़ी इनसे भिड़ने की कोशिश क्यों नहीं करता था ?
उत्तर:
धनराज की कद काठी बहुत दुबली सी थी। परन्तु ये बहुत ही जुझारू किस्म के थे। इनका दबदबा ऐसा था कि कोई भी इनके साथ भिड़ने की कोशिश नहीं करता था।

प्रश्न 3.
धनराज को सीनियर टीम में कब लिया गया, यह वर्ष इनके लिए कैसा रहा ?
उत्तर:
सन् 1986 में इनको सीनियर टीम में सम्मिलित कर लिया गया। इस वर्ष इन्होंने बेहतरीन खेल-खेलकर खूब धूम मचाई।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 18 संघर्ष के कराण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया धनराज

3. मेरी तुनुकमिज़ाजी ……………………….. महसूस नहीं होती।

प्रश्न 1.
धनराज कैसे स्वभाव के व्यक्ति हैं?
उत्तर:
धनराज बहुत ही तुनकमिज़ाज हैं। उन्हें जो भी कहना है उसे वे सीधे-सीधे कह डालते थे। उनको क्रोध बहुत आता है। उनका स्वभाव चिड़चिड़ा है।

प्रश्न 2.
उनके इस स्वभाव के पीछे क्या कारण है ?
उत्तर:
धनराज को हर छोटी-बड़ी चीज़ के लिए सदा ही जूझना पड़ा। इनको आसानी से कुछ भी नहीं मिला। इसी कारण से इनका स्वाभाव चिड़चिड़ा हो गया।

प्रश्न 3.
अपने दोस्तों और परिवार के लिए धनराज कैसा है ?
उत्तर:
अपने दोस्तों और परिवार की धनराज बहुत कद्र करता है। ये बहुत ही भावुक किस्म के व्यक्ति हैं।

4. सबसे अधिक प्रेरणा …………………… प्रेरणा-स्रोत रही हैं।

प्रश्न 1.
धनराज को सबसे अधिक प्रेरणा किससे मिली ?
उत्तर:
धनराज को सबसे अधिक प्रेरणा अपनी माँ से मिली। उन्होंने इन सभी भाई-बहिनों में अच्छे संस्कार डालने की कोशिश की है। ये चाहे भारत में या विदेश में हों सोने से पहले अपनी माँ से जरूर बात करते हैं।

प्रश्न 2.
धनराज की माँ ने उनको क्या सीख दी है ?
उत्तर:
धनराज की माँ ने उसको प्रसिद्धि को विनम्रता के साथ संभालने की सीख दी है।

प्रश्न 3.
कविता कौन है ?
उत्तर:
कविता धनराज की बड़ी भाभी का नाम है। वे अपनी भाभी को माँ की तरह मानते हैं।

5. मेरी पहली कार ………………. पैसा भेजना शुरू किया।

प्रश्न 1.
धनराज को पहली कार किस प्रकार मिली ?
उत्तर:
धनराज को जो पहली कार मिली वह सेकेंड हेड अरमाडा थी जो उनको इनके पहले एम्लॉयर ने दी थी।

प्रश्न 2.
फोटोग्राफर ने लोगों को क्या बताने के लिए धनराज की फोटो खबर के साथ अखबार में छापी।
उत्तर:
फोटोग्राफर लोगों को यह बताना चाहता था कि हॉकी का सितारा मुम्बई की लोकल ट्रेन में सफर करता है। उनका यह संदेश देना था कि इतनी प्रसिद्धि के बाद भी भारत में हॉकी खिलाड़ियों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हो पाती।

प्रश्न 3.
लोकल ट्रेनों में सफर करने के पीछे उनकी क्या मज़बूरी थी?
उत्तर:
लोकल ट्रेन में सफर करने के पीछे उनकी सबसे बड़ी मज़बूरी आर्थिक तंगी थी। वे जो कुछ कमाते उसमें उन्हें अपना परिवार चलाना पड़ता था। उन्होंने धीरे-धीरे पैसा जमा करके अपनी बहिन की शादी की।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 18 संघर्ष के कराण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया धनराज

संघर्ष के कराण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया धनराज Summary

पाठ का सार

धनराज का बचपन मुश्किलों से भरा रहा है। वे बहुत गरीब थे। उनके दोनों बड़े भाई हॉकी खेलते थे। उनको देखकर ही धनराज को भी हॉकी खेलने का शौक लगा। गरीबी के कारण हॉकी-स्टिक खरीदने के पैसे भी नहीं होते थे। इनको पहली बार हॉकी-स्टिक तब मिली जब इनके बड़े भाई को हॉकी टीम के लिए चुना गया। इन्होंने 1985 में जूनियर हॉकी मणिपुर में खेली तब इनकी उम्र 16 वर्ष थी। दुबली कद काठी के बावजूद इनका इतना दबदबा था कि कोई इनसे भिड़ने की कोशिश नहीं करता था। 1986 में इनका चयन सीनियर टीम के लिए हो गया। 1988 में ओलंपिक की टीम के लिए न चुने जाने पर ये बहुत निराश हुए।

धनराज पढ़ने में एकदम फिसड्डी था। किसी तरह दसवीं तक ही पहुंच पाया। यदि यह हॉकी न खेलता तो इनको कोई चपरासी की नौकरी भी न देता। माँ ने बहुत संघर्षों में इनका पालन-पोषण किया, जिसके कारण वह तुनकमिजाज बन गया। धनराज सीधी बात करने में विश्वास रखता है। इसको हर छोटी बड़ी चीज के लिए जूझना पड़ा जिससे इसका स्वभाव चिड़चिड़ा हो गया। ये अपने दोस्तों और परिवार की बहुत कद्र करते हैं। इनको अपनी माँ से बहुत प्रेरणा मिली। वह कहीं भी हो सोने से पहले अपनी माँ से अवश्य बात करता है। वह अपनी भाभी कविता को भी माँ की तरह मानता है। 1988 में दिल्ली में पहली बार ये कृत्रिम घास पर खेले।

इनके पास पहली बार एक सेकेंड हैंड अरमाड़ा थी। जो इनको इनके पहले एम्प्लॉयर ने दी थी। ये मुंबई की लोकल ट्रेनों में सफर करते थे क्योंकि टैक्सी से चलने की इनकी हैसियत नहीं थी। एक बार रेलवे स्टेशन की भीड़ में किसी फोटोग्राफर ने इनकी तस्वीर अखबार में छपवा दी कि हॉकी का सितारा पिल्लै अभी-भी लोकल ट्रेन में सफर करता है। ये कर ही क्या सकते थे ये जो कुछ भी कमाते उससे अपने परिवार का पालन पोषण भी करना पड़ता था। इन्होंने अपने पैसे से फोर्ट आइकॉन कार सन् 2000 में खरीदी। आज खिलाड़ियों को जितना कुछ मिलता है उसकी अपेक्षा पहले कुछ भी नहीं मिलता था। वे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारना चाहते थे। विदेश में जाकर खेलने से जो कमाई हुई उससे उन्होंने 1994 में पूणे में एक फ्लैट खरीदा। 1999 में महाराष्ट्र सरकार ने इनको पवई में एक फ्लैट दिया जिसको ये कभी-भी नहीं खरीद सकते थे। इनको राष्ट्रपति से मुलाकात होने पर अपने खास होने का अहसास हुआ।

शब्दार्थ : दबदबा-रौब दाब; जुझारू-जूझने वाला/संघर्ष करने वाला; तुनकमिज़ाज-छोटी-छोटी बातों पर क्रोधित होने वाला; बिना लाग लपेट वाला आदमी-सीधी बात कहने वाला आदमी; कद्र-इज्जत; शोहरत-प्रसिद्धि; तोहफ़ा-पुरस्कार; प्रतिष्ठा-सम्मान।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 18 संघर्ष के कराण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया धनराज Read More »

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 17 वीर कुवर सिंह

These NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 17 वीर कुवर सिंह Questions and Answers are prepared by our highly skilled subject experts.

वीर कुवर सिंह NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 17

Class 7 Hindi Chapter 17 वीर कुवर सिंह Textbook Questions and Answers

निबंध से

प्रश्न 1.
वीर कुंवर सिंह. के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताओं ने आपको प्रभावित किया ?
उत्तर:
वीर कुंवर सिंह के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताएँ प्रभावित करने वाली हैं :

  1. वीर कुंवर सिंह में देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी। वे वीर थे।
  2. वीर कुंवर सिंह युद्ध कला में बहुत निपुण थे। वे छापामार युद्ध करना जानते थे। अंग्रेज उनके रण-कौशल को समझने में पूरी तरह असमर्थ रहे।
  3. उनमें नेतृत्व की भावना कूट-कूट कर भरी थी वे जहाँ भी गए लोग उनके साथ हो लिए।
  4. वे एक उदार एवं संवेदनशील व्यक्ति थे। उन्होंने अनेक सामाजिक कार्य किए। वे सभी धर्मों का समान आदर करते थे।
  5. वे बहुत ही चतुर थे। अपनी इसी चतुराई से उन्होंने अंग्रेज सेनापति डगलस को धोखा दिया।

प्रश्न 2.
कुँवर सिंह को बचपन में किन कामों में मजा आता था? क्या उन्हे उन कामों से स्वतंत्रता सेनानी बनने में कुछ मदद मिली ?
उत्तर:
कुँवर सिंह को बचपन में घुड़सवारी, तलवारबाजी और कुश्ती लड़ने में मजा आता था। इन कामों के कारण वे एक अच्छे योद्धा एवं  स्वतंत्रता सेनानी बन सके। क्योंकि उन दिनों घुड़सवारी ही युद्ध में सबसे अधिक काम आती थी और युद्ध तलवारों से लड़े जाते थे। कुश्ती से उनका शरीर बलिष्ठ हो गया था और उनका दम खम बढ़ गया था।

प्रश्न 3.
सांप्रदायिक सद्भाव में कुँवर सिंह की गहरी आस्था थी-पाठ के आधार पर कथन की पुष्टि किजिए ?
उत्तर:
सांप्रदायिक सद्भाव में कुँवर सिंह की गहरी आस्था थी। उनकी सेना में मुसलमान भी उच्च पदों पर आसीन थे। उनके यहाँ हिन्दुओं और मुसलमानों के सभी त्योहार एक साथ मिलकर मनाए जाते थे। उन्होंने पाठशालाओं के साथ-साथ मकतब की बनवाए जिनमें मुस्लिम छात्र पढ़ सकें।

प्रश्न 4.
पाठ के किन प्रसंगों से आपको पता चलता है कि कुँवर सिंह साहसी, उदार एवं स्वाभिमानी व्यक्ति थे?
उत्तर:
पाठ के निम्नलिखित प्रसंगों से पता चलता है वे साहसी, उदार और स्वाभिमानी व्यक्ति थे।

  1. साहसी-कुँवर सिंह ने जगदीशपुर में हारकर भी अपना साहस नहीं खोया। वे सेना एकत्र कर आगे बढ़ते चले गए और लखनऊ तक विजय पताका फहराते चले गए। घायल होने के बाद भी उन्होंने अपने हाथ से ही अपनी बाजू काट कर गंगा में अर्पित कर दी।
  2. उदार-कुँवर सिंह की स्थिति अच्छी नहीं थी फिर भी वे निर्धनों की सहायता करने से नहीं चूकते थे। उन्होंने अनेक कुँए खुदवाए व सड़कें बनवाईं। उनकी सेना में मुसलमान ऊँचे पदों पर आसीन थे।
  3. स्वाभिमानी-कुँवर सिंह स्वाभिमानी व्यक्ति थे। उन्होंने अंग्रेजों के सामने हार नहीं मानी। बूढ़े होने पर भी वे अपनी आन और अपने देश के स्वाभिमान के लिए लड़ते रहे।

प्रश्न 5.
आमतौर पर मेले मनोरंजन, खरीद-फरोख्त एवं मेलजोल के लिए होते हैं। वीर कुंवर सिंह ने मेले का उपयोग किस रूप में किया ?
उत्तर:
वीर कुंवर सिंह ने मेले का उपयोग क्रांति की योजनाएँ बनाने के लिए किया। उन्होंने इस मेले में गुप्त बैठकें की तथा अनेक योजनाएँ बनाईं। इन योजनाओं के कारण ही वे पूरे उत्तरी भारत में युद्ध का बिगुल बजा सके।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 17 वीर कुवर सिंह

निबंध से आगे

प्रश्न 1.
सन् 1857 के आंदोलन में भाग लेने वाले किन्हीं चार सेनानियों पर दो-दो वाक्य लिखिए ?
उत्तर:
रानी लक्ष्मीबाई- झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अपने पति की मृत्यु के बाद अपनी झाँसी को बचाने के लिए अंग्रेजों के साथ युद्ध किया और वीरगति को प्राप्त हुई।
तात्या टोपे- तात्या टोपे, झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के सेनापति थे। इन्हें 18 अप्रैल, 1857 को फाँसी दे दी गई थी।
बहादुरशाह ज़फर- बहादुरशाह ज़फर अंतिम मुगल बादशाह थे। इनको 11 मई को पुनः भारत का शासक घोषित किया गया।
नाना साहब- नाना साहब रानी लक्ष्मीबाई अर्थात् मनु के बचपन के साथी थे। वे पेशवा बाजीराव के दत्तक पुत्र थे। इन्होंने 1857 के विद्रोह में सक्रिय भूमिका निभाई।

प्रश्न 2.
सन् 1857 के क्रांतिकारियों से संबंधित गीत विभिन्न भाषाओं और बोलियों में गाए जाते हैं। ऐसे कुछ गीतों को संकलित कीजिए।
उत्तर:
छात्र अपने पुस्तकालय से गीतों का संकलन करें।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
वीर कुंवर सिंह का पढ़ने के साथ-साथ कुश्ती और घुड़सवारी में अधिक मन लगता था आपको पढ़ने के अलावा और किन-किन गतिविधियों या कामों में खूब मजा आता है? लिखिए।
उत्तर:
मुझे पढ़ने के अलावा खेलने-कूदने, योगासन करने, पुरानी फिल्मों के गीत सुनने व टी. वी. देखने का शौक है।

प्रश्न 2.
सन् 1857 में अगर आप 12 वर्ष के होते तो क्या करते? कल्पना करके लिखिए।
उत्तर:
सन् 1857 में अगर मैं 12 वर्ष का होता तो अंग्रेजों को देश से निकालने के लिए लोगों को जागरूक बनाता। मैं वे सभी कार्य करता जिससे मैं एक अच्छा सैनिक बन सकता। मैं घुड़सवारी सीखता व बच्चों को इकट्ठे करके एक सेना बनाता जो अंग्रेजों के साथ युद्ध लड़ने को तैयार रहती।

प्रश्न 3.
आपने भी कोई मेला देखा होगा। सोनपुर के मेले और इस मेले में आप क्या अंतर पाते हैं?
उत्तर:
हमने दिल्ली में प्रगति मैदान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला देखा है। सोनपुर के मेले में पशुओं की बिक्री होती है और प्रगति मैदान में विभिन्न तरह की वस्तुएँ बेची जाती हैं। इस मेले में दुनिया के कोने-कोने-से व्यापारी आते हैं। इस मेले में प्रतिदिन कई-लाख व्यक्ति आते हैं। इस मेले के सभी राज्यों की विशेष प्रदर्शनियाँ भी लगती हैं।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 17 वीर कुवर सिंह

भाषा की बात

1. आप जानते हैं कि किसी शब्द को बहुवचन में प्रयोग करने पर उसकी वर्तनी में बदलाव आता है। जैसे-सेनानी एक व्यक्ति के लिए प्रयोग करते हैं और सेनानियों एक से अधिक के लिए। सेनानी शब्द की वर्तनी में बदलाव यह हुआ है कि अंत के वर्ण ‘नी’ की मात्रा दीर्घी’ (ई) से ह्रस्व (इ) हो गई है। ऐसे शब्दों को, जिनके अंत में दीर्घ ईकार होता है, बहुवचन बनाने पर वह इकार हो जाता है, यदि शब्द के अंत में ह्रस्व इकार होता है, तो उसमें परिवर्तन नहीं होता जैसे-दृष्टि से दृष्टियों।
नीचे दिए गए शब्दों का वचन बदलिए-
नीति …………….. ज़िम्मेदारियों …………… सलामी
स्थिति ……………. स्वाभिमानियों ………….. गोली …………….
उत्तर:
नीति – नीतियाँ
जिम्मेदारियों – जिम्मेदारी
सलामी – सलामियाँ
स्थिति – स्थितियाँ
स्वाभिमानियों – स्वाभिमानी
गोली – गोलियाँ

गद्याशों पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

1. सन् 1857 के व्यापक ………………… कब्जा रहा।

प्रश्न 1.
1857 में बैरकपुर में क्या घटना घटी ?
उत्तर:
1857 में बैरकपुर छावनी में मंगल पांडे ने अंग्रेजों के खिलाफ बगावत कर दी। 8 अप्रैल, 1857 को मंगल पांडे को अंग्रेजों ने फाँसी दे दी।

प्रश्न 2.
10 मई का क्या विशेष महत्त्व है?
उत्तर:
10 मई, 1857 को मेरठ में भारतीय सैनिकों ने ब्रिटिश अधिकारियों के विरुद्ध आंदोलन कर दिया। उन्होंने दिल्ली की ओर कूच करके दिल्ली पर कब्जा कर लिया।

प्रश्न 3.
बहादुरशाह जफर कौन थे?
उत्तर:
बहादुरशाह ज़फर अंतिम मुगल बादशाह थे। 11 मई को दिल्ली पर कब्जा करने के बाद उनको ही भारत का शासक घोषित किया गया।

2. वीर कुंवर सिंह के बचपन के बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं मिलती। कहा जाता है कि कुँवर सिंह का जन्म बिहार में शाहाबाद जिले के जगदीशपुर में सन् 1782 में हुआ था। उनके पिता का नाम साहबजादा सिंह और माता का नाम पंचरतन कुँवर था। उनके पिता साहबजादा सिंह जगदीशपुर रियासत के ज़मींदार थे, परंतु उनको अपनी ज़मींदारी हासिल करने में बहुत संघर्ष करना पड़ा। पारिवारिक उलझनों के कारण कुँवर सिंह के पिता बचपन में ठीक से देखभाल नहीं कर सके। जगदीशपुर लौटने के बाद ही वे कुँवर सिंह की पढ़ाई-लिखाई की ठीक से व्यवस्था कर पाए।

कुँवर सिंह के पिता वीर होने के साण साथ स्वाभिमानी एवं उदार स्वभाव के व्यक्ति थे। उनके व्यक्तित्व का प्रभाव कुँवर सिंह पर भी पड़ा। कुँवर सिंह की शिक्षा-दीक्षा की व्यवस्था उनके पिता ने घर पर ही की।

प्रश्न 1.
वीर कुंवर सिंह का जन्म कब और कहाँ हुआ?
उत्तर:
वीर कुंवर सिंह का जन्म सन् 1782 में बिहार के शाहाबाद जिले की जगदीशपुर रियासत में हुआ था।

प्रश्न 2.
वीर कुंवर सिंह के माता-पिता का क्या नाम था?
उत्तर:
वीर कुंवर सिंह के पिता का नाम साहबज़ादा सिंह और माता का नाम पंचरतन कुँवर था। उनके पिता जगदीशपुर रियासत के जमींदार थे।

प्रश्न 3.
कुँवर सिंह की देख भाल सुचारू रूप से क्यों नहीं हो पाई?
उत्तर:
कुंवर सिंह के पिता को अपनी जमींदारी हासिल करने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा। पारिवारिक परेशानियों के कारण कुँवर सिंह की देख-भाल ठीक प्रकार से नहीं हो पाई।

प्रश्न 4.
कुँवर सिंह पर अपने पिता का कैसा असर पड़ा?
उत्तर:
कुँवर सिंह के पिता बहुत ही स्वाभिमानी एवं उदार हृदय व्यक्ति थे। उनके इन गुणों का असर कुंवर सिंह पर भी पड़ा।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 17 वीर कुवर सिंह

3. जगदीशपुर के जंगलों में ‘बसुरिया बाबा’ नाम के एक सिद्ध संत रहते थे। उन्होंने ही कुँवर सिंह में देशभक्ति एवं स्वाधीनता की भावना उत्पन्न की थी। उन्होंने बनारस, मथुरा, कानपुर, लखनऊ आदि स्थानों पर जाकर विद्रोह की सक्रिय योजनाएँ बनाईं। वे 1845 से 1846 तक काफी सक्रिय रहे और गुप्त ढंग से ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ विद्रोह की योजना बनाते रहे। उन्होंने बिहार के प्रसिद्ध सोनपुर मेले को अपनी गुप्त बैठकों की योजना के लिए चुना। सोनपुर के मेले को एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला माना जाता है। यह मेला कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगता है। यह हाथियों के क्रय-विक्रय के लिए भी विख्यात है। इसी ऐतिहासिक मेले में उन दिनों स्वाधीनता के लिए लोग एकत्र होकर क्रांति के बारे में योजना बनाते थे।

प्रश्न 1.
बसुरिया बाबा का स्वाधीनता आंदोलन में क्या योगदान है?
उत्तर:
बसुरिया बाबा ने कुँवर सिंह जैसे रणबांकुरे के मन में देशभक्ति की भावना भरी। जिसके फलस्वरूप पूरे उत्तरी भारत में स्वतंत्रता की लहर दौड़ उठी। उसने ऐसे अनेक व्यक्तियों के मन में देशभक्ति की ज्योति जगाई। वे गुप्त रूप से सक्रिय रहे और ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ़ विद्रोह की योजना बनाते रहे।

प्रश्न 2.
बसुरिया बाबा ने सोनपुर के पशु मेले को अपनी गुप्त बैठकों की योजना बनाने के लिए क्यों चुना?
उत्तर:
सोनपुर में दूर-दूर से लोग पशु खरीदने व बेचने आते हैं। यह एशिया का सब से बड़ा पशु मेला था। यहाँ एक स्थान. पर ही अनेक लोगों से संपर्क हो सकता था। मेले में किसी को शक भी नहीं होता था कि ये लोग इकट्ठे होकर क्या कर रहे हैं?

4. दानापुर और आरा की ………………. हुए वे लखनऊ पहुंचे।

प्रश्न 1.
जगदीशपुर के पतन का क्या कारण था?
उत्तर:
जगदीशपुर के पतन का कारण था देशी सैनिकों की अनुशासनहीनता और आधुनिकतम शस्त्रों की कमी, साथ ही स्थानीय जमींदारों का अंग्रेजों के साथ सहयोग।

प्रश्न 2.
कुँवर सिंह आजादी की लौ जलाते हुए कहाँ-कहाँ गए?
उत्तर:
कुँवर सिंह जगदीशपुर में अंग्रेजों से परास्त होकर भावी संग्राम की योजना बनाने में तत्पर हो गए। वे सासाराम से मिर्जापुर होते हुए रीवा, कालपी, कानपुर और लखनऊ तक गए।

प्रश्न 3.
कुंवर सिंह ने लखनऊ न जाकर आजमगढ़ की ओर क्यों प्रस्थान किया?
उत्तर:
उन दिनों लखनऊ में शांति नहीं थी इसलिए उन्होंने आजमगढ़ की ओर प्रस्थान किया।

5. वीर कुंवर सिंह …………………… के रूप में आज भी गाई जाती है।

प्रश्न 1.
वीर कुंवर सिंह ने कौन-कौन से सामाजिक कार्य किए?
उत्तर:
वीर कुंवर सिंह ने पाठशालाएँ और मकतब बनवाए। आरा से जगदीशपुर व आरा से बलिया तक सड़क बनवाई व कुएँ खुदवाए।

प्रश्न 2.
कुँवर सिंह की धार्मिक भावमा कैसी थी?
उत्तर:
कुँवर सिंह एक धर्मनिरपेक्ष एवं संवेदनशील व्यक्ति थे। उनकी सेना में मुसलमान उच्च पदों पर आसीन थे। उनके यहाँ हिन्दुओं एवं मुसलमानों के सभी त्योहार मिलकर मनाए जाते थे।

प्रश्न 3.
बिहार के लोग कुँवर सिंह को आज भी किस प्रकार याद करते हैं?
उत्तर:
बाबू कुँवर सिंह बहुत ही लोकप्रिय व्यक्ति थे। बिहार की लोक भाषाओं में उनकी प्रशस्ति लोक गीतों के रूप में आज भी गाई जाती है।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 17 वीर कुवर सिंह

वीर कुवर सिंह Summary

पाठ का सार

1857 में कलकत्ता की बैरकपुर छावनी में अंग्रेजों के विरुद्ध बगावत करने के जुल्म में मंगल पांडे को 8 अप्रैल, 1857 को फाँसी पर लटका दिया गया। 10 मई, 1857 को मेरठ में भारतीय सैनिकों ने ब्रिटिश अधिकारियों के विरुद्ध आंदोलन शुरू किया और 11 मई को दिल्ली पर कब्जा करके अंतिम मुगल शासक बहादुरशाह ज़फर को शासक घोषित कर दिया। दिल्ली के अतिरिक्त कानपुर, लखनऊ, बरेली, बुंदेलखंड और आरा में भी भीषण युद्ध हुआ। विद्रोह के मुख्य नेताओं में नाना साहेब, तात्या टोपे, बख्त खान, रानी लक्ष्मीबाई, कुँवर सिंह आदि थे।

1857 के युद्ध में वीर कुंवर सिंह का नाम कई दृष्टियों से उल्लेखनीय है। उनके पिता का नाम साहबजादा सिंह और माता का नाम पंचरतन कुँवर था। उनके पिता जगदीशपुर रियासत के ज़मींदार थे परन्तु उनको अपनी जमींदारी हासिल करने में बहुत संघर्ष करना पड़ा। कुँवर सिंह की पढ़ाई-लिखाई की भी ठीक से व्यवस्था नहीं हो सकी। बाबू कुँवर सिंह ने अपने पिता की मृत्यु के बाद 1827 में रियासत की जिम्मेदारी संभाली। इस समय ब्रिटिश हुकूमत का अत्याचार अपने चरम पर था। कुँवर सिंह ने ब्रिटिश हुकूमत से लोहा लेने का संकल्प लिया। कुँवर सिंह ने कई स्थानों पर जाकर अंग्रेजों के विरुद्ध योजनाएँ बनाईं। 25 जुलाई, 1857 को दानापुर की सैनिक टुकड़ी ने विद्रोह कर दिया। कुँवर सिंह से उनका संपर्क पहले से ही था। वे कुंवर सिंह का जयघोष करते हुए आरा पहुंचे और जेल की सलाखों को तोड़ दिया। 27 जुलाई को उन्होंने आरा पर विजय प्राप्त कर ली। दानापुर और आरा की इस लड़ाई की ज्वाला बिहार में सर्वत्र फैल गई थी परन्तु देशी सैनिकों में अनुशासन की कमी थी एवं आधुनिक अस्त्र-शस्त्र भी नहीं थे इस कारण जगदीशपुर के पतन को रोका नहीं जा सका। कुँवर सिंह सासाराम से मिर्जापुर होते हुए रीवा, कालपी, कानपुर और लखनऊ तक गए। कुँवर सिंह की कीर्ति पूरे उत्तर भारत में फैल गई थी। उनकी आजादी की यह यात्रा आगे बढ़ती गई। लोग शामिल होते गए। इस प्रकार ग्वालियर, जबलपुर के सैनिकों के सहयोग से सफल सैन्य प्रदर्शन करते हुए वे लखनऊ पहुँचे। वे इलाहाबाद एवं बनारस पर आक्रमण कर शत्रुओं को पराजित करना चाहते थे। उन्होंने 22 मार्च, 1858 को आजमगढ़ पर कब्जा कर लिया। 23 अप्रैल को स्वाधीनता की पताका फहराते हुए वे जगदीशपुर पहुँच गए। परन्तु बूढ़े शेर को अधिक दिनों तक इस विजय का आनंद लेने का सौभाग्य नहीं मिला। अंग्रेजों के साथ लड़ते हुए 26 अप्रैल, 1858 को वह वीरगति को प्राप्त हो गया।

वीर कुंवर सिंह छापामार युद्ध करने में बहुत निपुण थे। उनके रण कौशल को अंग्रेजी सेनानायक नहीं समझ पाते थे। 1857 के संग्राम में इन्होंने तलवार की जिस धार से अंग्रेजी सैनिकों को मौत के घाट उतारा उसकी चमक आज भी भारतीयों के हृदय में थी। वीर कुंवर सिंह ने अनेक सामाजिक कार्य भी किए। उन्होंने आरा जिला स्कूल के लिए जमीन दान दी। उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी फिर भी वे निर्धन व्यक्तियों की सहायता करने के लिए सदा तत्पर रहते थे। उन्होंने आरा-जगदीशपुर व आरा-बलिया सड़क का निर्माण कराया तथा अनेक कुँए खुदवाए। उनकी सेना में इब्राहीम खाँ और किफायत हुसैन उच्च पदों पर आसीन थे। हिन्दू और मुसलमान मिलकर त्योहार मनाते थे। कुँवर सिंह की प्रशस्ति लोक गीतों के रूप में आज भी गाई जाती है।

शब्दार्थ : वीरवर-श्रेष्ठ-वीर; अभिराम-सुंदर; व्यापक-दूर-दूर तक फैला हुआ; विस्तृत-लंबा चौड़ा; संकल्प-निश्चय; तत्पर-तैयार; पताका-झंडा; रण कौशल-युद्धकला; संवेदनशील-संवेदना वाला; शौर्य-वीरता।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 17 वीर कुवर सिंह Read More »

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 16 भोर और बरखा

These NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 16 भोर और बरखा Questions and Answers are prepared by our highly skilled subject experts.

भोर और बरखा NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 16

Class 7 Hindi Chapter 16 भोर और बरखा Textbook Questions and Answers

कविता से

प्रश्न 1.
‘बंसीवारे ललना’, ‘मोरे प्यारे’, ‘लाल जी’, कहते हुए यशोदा किसे जगाने का प्रयास करती हैं और वे कौन-कौन सी बातें कहती हैं ?
उत्तर:
यशोदा कृष्ण जी से निम्नलिखित बातें कहती हैं। अब रात बीत गई है, सवेरा हो गया है घरों के किवाड़ खुल गए हैं, गोपियाँ दही मथने लगी हैं क्योंकि उनके कंगनों के खनकने की आवाज़ आ रही है।

  • द्वार पर देवता और मनुष्य आकर खड़े हो गए हैं। ग्वाल-बाल कोलाहल कर रहे हैं, वे जय-जयकार कर रहे हैं।
  • उन्होंने माखन रोटी हाथ में ले रखी है।

प्रश्न 2.
नीचे दी गई पंक्ति का आशय अपने शब्दों में लिखिए- ‘माखन-रोटी हाथ मँह लीनी, गउवन के रखवारे।
उत्तर:
इस पंक्ति का आशय है कि भोर हो गई है और सभी ग्वाले माखन रोटी हाथ में लेकर अपनी गायों को चराने के लिए निकलने लगे हैं। वे अपनी गायों को इकट्ठी करके उनकी रखवाली कर रहे हैं। ऐसा कहकर यशोदा कृष्णा को जगाना चाहती है।

प्रश्न 3.
पढ़े हुए पद के आधार पर ब्रज की भोर का वर्णन कीजिए
उत्तर:
ब्रज की भोर कुछ अलग ही होती है। गोपिकाएँ सवेरा होते ही उठकर दही मथना आरंभ कर देती हैं। ग्वाले अपनी गायों को चराने के लिए जंगल में जाने की तैयारी में लग जाते हैं। वे अपने नाश्ते के लिए माखन रोटी हाथ में ले लेते हैं और अपनी गायों को इकट्टी करके चराने निकल पड़ते हैं। वे कोलाहल करते हैं। एक-दूसरे को आवाज देकर बुलाते हैं तथा जय-जयकार करते हैं।

प्रश्न 4.
मीरा को सावन-मन-भावन क्यों लगने लगा ?
उत्तर:
मीरा को सावन-मन-भावन इसलिए लगने लगा क्योंकि उनको अपने प्रियतम अर्थात् श्रीकृष्ण जी के आने की आहट मिल गई थी। यही कारण है कि वर्षा की रिमझिम ने मीरा के मन को उमंगों से भर दिया।

प्रश्न 5.
पाठ के आधार पर सावन की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
सावन का महीना पूरी तरह से वर्षा का महीना होता है सावन में आकाश काले बादलों से ढका रहता रहता है। सावन में अक्सर झड़ी लग जाती है जिसके कारण निरंतर रिमझिम-रिमझिम नन्हीं-नन्हीं बूंदें पड़ती रहती हैं। हवा शीतल होकर बहने लगती है जो बहुत ही सुखद लगती है। मौसम बहुत ही सुहावना हो जाता है।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 16 भोर और बरखा

कविता से आगे

प्रश्न 1.
मीरा भक्तिकाल की प्रसिद्ध कवयित्री थीं। इस काल के दूसरे कवियों के नामों की सूची बनाइए तथा उनकी एक-एक रचना का नाम लिखिए।
उत्तर:
इस काल के अन्य कवि एवं उनकी रचनाएँ इस प्रकार हैं-
कविरचनाएँ
विद्यापति – पदावली
कबीरदास – साखी
मलिक मुहम्मद जायसी – पद्मावत
सूरदास – सूरसागर
नरोत्तमदास – सुदामा चरित
गोस्वामी तुलसीदास – रामचरित मानस
रसखान – प्रेमवाटिका
रहीम – दोहावली
केशवदास – रामचंद्रिका

प्रश्न 2.
सावन वर्षा ऋतु का महीना है, वर्षा से संबंधित दो अन्य महीनों के नाम लिखिए।
उत्तर:
आषाढ़ एवं भादों भी वर्षा के महीने हैं।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
सुबह जगने के समय आपको क्या अच्छा लगता है ?
उत्तर:
नहा-धोकर पार्क में खेलने के लिए जाना।

प्रश्न 2.
यदि आपको अपने छोटे भाई-बहिन को जगाना पड़े तो कैसे जगाएँगे ?
उत्तर:
मैं अपने छोटे भाई-बहिन को हौले-हौले से उनको हिलाकर जगाऊँगा, उनके सिर के बालों को सहलाऊँगा।

प्रश्न 3.
वर्षा में भीगना और खेलना आपको कैसा लगता है ?
उत्तर:
वर्षा में भीगने और खेलने में मुझे बहुत-आनंद आता है।

प्रश्न 4.
मीराबाई ने सुबह का चित्र खींचा है। अपनी कल्पना और अनुमान से लिखिए कि नीचे दिए गए स्थानों की सुबह कैसी होती है-
(क) गाँव, गली या मुहल्ले में
(ख) रेलवे प्लेटफ़ॉर्म पर
(ग) नदी या समुद्र के किनार
(घ) पहाड़ों पर
उत्तर:
(क) गाँव, गली या मुहल्ले में चहल-पहल शुरू हो जाती है। गाँव में किसान खेत के लिए निकल पड़ते हैं। बच्चे गलियों में खेलने लगते हैं।
(ख) रेलवे प्लेटफ़ॉर्म पर चाय बेचने वालों की आवाजें आने लगती हैं। लोग अपने गंतव्य की ओर जाने के लिए इधर-इधर जाने लगते हैं।
(ग) नदी या समुद्र के किनारे लोग सैर करने के लिए जाते हैं यहाँ का वातावरण एकदम शांत होता है।
(घ) पहाड़ों पर निकलते सूर्य की धूप पड़ने लगती है। चिड़ियों की चहचहाट मंत्रमुग्ध कर देती है।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 16 भोर और बरखा

भाषा की बात

प्रश्न 1.
कृष्ण को ‘गउवन के रखवारे’ कहा गया है जिसका अर्थ है गौओं का पालन करने वाले। इसके लिए एक शब्द दें।
उत्तर:
ग्वाला

प्रश्न 2.
नीचे दो पंक्तियाँ दी गई हैं। इनमें से पहली पंक्ति में रेखांकित शब्द दो बार आए हैं, और दूसरी पंक्ति में भी दो बार। इन्हें पुनरुक्ति (पुनः उक्ति) कहते हैं। पहली पंक्ति में रेखांकित शब्द विशेषण हैं और दूसरी पंक्ति में संज्ञा।
‘नन्हीं-नन्हीं बूंदन मेहा बरसे’
‘घर-घर खुले किंवारे’
इस प्रकार के दो-दो उदाहरण खोजकर वाक्य में प्रयोग कीजिए और देखिए कि विशेषण तथा संज्ञा की पुनरुक्ति के अर्थ में क्या अंतर है ? जैसे-मीठी-मीठी बातें, फूल-फूल महके।
उत्तर:
छोटे-छोटे बच्चे
हरी-हरी मटर
द्वार-द्वार पर पहरेदार
गाँव-गाँव खुशहाली आई।

कुछ करने को

प्रश्न 1.
कृष्ण को ‘गिरधर’ क्यों कहा जाता है ? इसके पीछे कौन सी कथा है ? पता कीजिए और कक्षा में बताइए।
उत्तर:
गिरधर का अर्थ है गिरि को धारण करने वाला। एक बार इंद्र भगवान कुपित हो गए। निरंतर वर्षा के कारण ब्रज में प्रलय की स्थिति आ गई। ब्रजवासियों की रक्षा के लिए श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अँगुली पर उठाकर वहाँ के लोगों को इन्द्र के प्रकोप से बचाया था। इस घटना के बाद से कृष्ण जी को गिरधर भी कहने लगे।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 16 भोर और बरखा

काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

1. जागो बंसीवारे ………………………. आयाँ को तारै॥

शब्दार्थ- ललना-प्रिय बालक; मोरे-मेरे; रजनी-रात; भोर-प्रातःकाल/सुबह; किंवारे-किवाड़, सुनियत-सुन रही है; सुर-नर-देवता और मनुष्य; कुलाहल-कोलाहल/शोर; सबद उचारै-शब्द का उच्चारण कर रहे हैं; गउवन-गाय; सरण-शरण; आयाँ-आए हुए को; तारै-उद्धार करे।

प्रसंग- प्रस्तुत पाठ मीरा द्वारा रचित व ‘बसंत भांग-2’ में संकलित है। कवयित्री ने इस पद में भोर के समय श्रीकृष्ण जी को सोते से जगाने का वर्णन किया है। यशोदा माता तरह-तरह की बातें बताते हुए कृष्ण जी से जाग जाने एवं बिस्तर त्यागने की बात कहती हैं।

व्याख्या- बालक कृष्ण अभी सोए पड़े हैं। माता यशोदा उनको जगाने का तरह-तरह से प्रयत्न कर रही है। यशोदा कृष्ण जी से कहती हैं कि हे मेरे प्यारे पुत्र बंशी वाले तुम जाग जाओ। रात बीत गई है और सवेरा हो गया है अब यह सोने का समय नहीं है। सभी घरों के किवाड़ खुल गए हैं जिससे लगता है कि सभी लोग जाग गए। ग्वालिनों ने उठकर दही मथना (बिलोना) शुरू कर दिया है क्योंकि दही मथने के कारण उनके कंगनों के खनकने की आवाज सुनाई देने लगी है। हे मेरे प्रिय लल्ला सुबह हो गई है। इस समय द्वार पर देवता और मनुष्य दोनों ही आकर खड़े हो गए हैं। सभी ग्वाल-बाल भी जाग गए हैं वे जागकर खेलने लगे हैं इसलिए उनका कोलाहल सुनाई पड़ रहा है। सभी ग्वाले मिलकर जय जयकार का उच्चारण करते हुए तुम्हारी जय बोल रहे हैं। यशोदा माता कहती हैं कि सभी ग्वालों ने माखन रोटी हाथ में ले रखी हैं। वे अपनी गायों की रखवाली कर रहे हैं। मीराबाई अंत में कहती हैं कि श्रीकृष्ण तो गिरधर नागर हैं और मेरे प्रभु हैं वे उन सब का उद्धार करते हैं जो उनकी शरण में आ जाता है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
यशोदा माता कृष्ण को किस-किस संबोधन से पुकार कर जगा रही है ?
उत्तर:
यशोदा माता कृष्ण को बंशीवाले ललना, लालजी और गउवन के रखवाले संबोधन से जगा रही है।

प्रश्न 2.
यशोदा कृष्ण को क्या कहकर विश्वास दिलाती है कि सवेरा हो गया है ?
उत्तर:
यशोदा कहती है कि सभी घरों के किवाड़ खुल चुके हैं। गोपियों ने दही मथना शुरु कर दिया है क्योंकि उनके कंगनों के खनकने की आवाज आ रही है। सभी ग्वाल-बाल कोलाहल कर रहे हैं। इन सभी बातों से यशोदा कृष्ण जी को विश्वास दिला देती हैं कि सुबह हो गई है।

प्रश्न 3.
मीराबाई अंत में क्या कहती हैं ?
उत्तर:
मीराबाई कृष्ण जी को अपना प्रभु बताते हुए कहती हैं कि जो भी कृष्ण जी की शरण में आ जाता है वे उसका उद्धार कर देते हैं।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 16 भोर और बरखा

2. बरसे बदरिया ………………….. गावन की।।

शब्दार्थ- बदरिया-बदली/बादल; मन-भावन-मन को अच्छा लगने वाला; उमग्यो-आनंदित होना, उमंग में होना; मनवा-मन; भनक-आहट; दामिन-दामिनी/विद्युत; दमके-चमक रही है; झर लावन-झड़ी लगना; मेहा-मेह-बारिश; सुहावन-अच्छा लगना।

प्रसंग- प्रस्तुत पद मीराबाई द्वारा रचित है। इस पद में कवयित्री ने सावन की झड़ी लगने और कृष्ण जी के आगमन की आहट से अपने मन में उत्पन्न सुखद अनुभूति का वर्णन किया है।

व्याख्या- कवयित्री कह रही है कि सावन की बदली बरस रही है। सावन का महीना बहुत ही मन को आनंद प्रदान करने वाला होता है। सावन में कवयित्री के मन में उमंगें उठने लगी हैं क्योंकि सावन में कृष्ण जी के आने की आहट मिल गई है। उनके आगमन का समाचार सुनकर मीराबाई का हृदय आनंदित हो उठा है। उमड़-घुमड़ करता हुआ बादल चारों दिशाओं से उठकर आ गया। बादलों से रह-रहकर बिजली चमक रही है। बादलों के लगातार बरसने से झड़ी लग गई है। नन्हीं-नन्हीं बूंदें पड़ रही हैं। शीतल पवन बहुत ही सुहावनी लग रही है। मीराबाई अंत में कहती हैं कि मेरे प्रभु तो गिरधर नागर हैं। उनके आगमन की खुशी में मंगल गीत गाने के लिए मन मचल रहा है।

अर्थ ग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
सावन की बदरिया को बरसते देख मीराबाई का मन क्यों आनंदित हो रहा है ?
उत्तर:
सावन की बदरिया बरसने से झड़ी लगी हुई है। इस झड़ी में कृष्ण जी के आने की आहट मीरा को लग गई है। इस कारण मीरा के मन में उमंगें उठने लगी हैं। उनका मन आनंद से सराबोर हो उठा है।

प्रश्न 2.
मीराबाई ने वर्षा का कैसा वर्णन किया है ?
उत्तर:
मीराबाई ने वर्षा का बहुत ही मनोहारी वर्णन किया है। आकाश में चारों ओर से बादल घिर आया है। बिजली रह-रहकर चमक रही है। झड़ी लग रही है। नन्हीं-नन्हीं बूंदें पड़ रही हैं और शीतल मंद पवन बड़ी सुहावनी लग रही है।

प्रश्न 3.
झड़ी की क्या विशेषता होती है ?
उत्तर:
लगातार वर्षा होने को झड़ी कहते हैं। झड़ी लगने पर छोटी-छोटी बूंदों की फुहार पड़ती रहती है। हवा में शीतलता आ जाती है।

प्रश्न 4.
मीराबाई का मन क्या करने को मचल रहा है और क्यों ?
उत्तर:
मीराबाई का मन मंगल गीत गाने के लिए मचल रहा है क्योंकि उनको कृष्ण जी के आने की आहट मिल चुकी है। उनका मन आनंदित हो रहा है।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 16 भोर और बरखा Read More »

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 15 नीलकंठ

These NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 15 नीलकंठ Questions and Answers are prepared by our highly skilled subject experts.

नीलकंठ NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 15

Class 7 Hindi Chapter 15 नीलकंठ Textbook Questions and Answers

निबंध से

प्रश्न 1.
मोर मोरनी के नाम किस आधार पर रखे गए ?
उत्तर:
मोर की गरदन नीली थी इसलिए उसका नाम नीलकंठ रखा गया। मोरनी सदैव मोर के आस-पास ही रहती थी। वह उसका साथ बिल्कुल भी नहीं छोड़ती थी। वह सदा उनका अनुसरण करती रहती थी। अतः उसका नाम राधा रख दिया।

प्रश्न 2.
जाली के बड़े घर में पहुँचने पर मोर के बच्चों का किस प्रकार स्वागत हुआ ?
उत्तर:
जालीघर में पहुंचने पर दोनों नवागंतुकों ने पहले से रहने वालों में वैसा ही कुतूहल जगाया जैसा नववधू के आगमन पर परिवार में स्वाभाविक है। लक्का कबूतर नाचना छोड़कर दौड़ पड़े और उनके चारों ओर घूम-घूमकर गुटरगूं-गुटरगूं की रागिनी अलापने लगे। बड़े खरगोश सभ्य सभासदों के समान क्रम से बैठकर गंभीर भाव से उनका निरीक्षण करने लगे। ऊन की गेंद जैसे छोटे खरगोश उनके चारों ओर उछलकूद मचाने लगे। तोते मानो भली-भाँति देखने के लिए एक आँख बंद करके उनका परीक्षण करने लगे। उस दिन मेरे चिड़ियाघर में मानो भूचाल आ गया।

प्रश्न 3.
लेखिका को नीलकंठ की कौन-कौन सी चेष्टाएँ बहुत भाती थीं ?
उत्तर:
लेखिका को नीलकंठ की निम्नलिखित चेष्टाएँ भाती थीं-
लेखिका को नीलकंठ का झूले से उतरकर अपने पंखों का सतरंगी छाता तानकर नृत्य भंगिमा में खड़ा होना बहुत अच्छा लगता था।

नीलकंठ द्वारा हथेली से भुने चने खाना बहुत भाता था। मेघों की साँवली छाया में अपने इंद्रधनुष के गुच्छे जैसे पंखों को मंडलाकार बनाकर जब वह नाचता था, तब उस नृत्य में एक सहजात लय-ताल रहता था। आगे-पीछे, दाहिने-बाएँ क्रम से घूमकर वह किसी अलक्ष्य सम पर ठहर-ठहर जाता था।

प्रश्न 4.
‘इस आनंदोत्सव की रागिनी में बेमेल स्वर कैसे बज उठा’-वाक्य किस घटना की ओर संकेत कर रहा है?
उत्तर:
यह वाक्य उस घटना की ओर संकेत कर रहा है जब लेखिका चिड़िया बेचने वाले बड़े मियाँ से एक घायल मोरनी खरीद लाई। उस मोरनी के घर में आने पर नीलकंठ एवं राधा का सारा आनंद समाप्त हो गया। उसने उनके अंडों को भी तोड़ दिया था। वह राधा को नीलकंठ के पास नहीं जाने देती थी। लेखिका ने उस मोरनी का नाम उसके रूप के अनुसार ही कुब्जा रखा था।

प्रश्न 5.
वसंत ऋतु में नीलकंठ के लिए जालीघर में बंद रहना असहनीय क्यों हो जाता था?
उत्तर:
मोर को वसंत ऋतु और वर्षा ऋतु बहुत भाती है। नीलकंठ भी भला इस ऋतु में जालीघर में क्यों बंद रहता, उसका मन नाचने के लिए मचल उठता था। अतः वसंत में जब आम के वृक्ष सुनहली मंजरियों से लद जाते थे, अशोक नए लाल पल्लवों से ढक जाता था, तब जालीघर में वह इतना अस्थिर हो उठता कि उसे बाहर छोड़ देना पड़ता।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 15 नीलकंठ

प्रश्न 6.
जालीघर में रहने वाले सभी जीव एक-दूसरे के मित्र बन गए थे, पर कुब्जा के साथ ऐसा संभव क्यों नहीं हो पाया?
उत्तर:
जालीघर में रहने वाले सभी जीव जंतु आपस में स्नेह का भाव रखते थे उनको एक दूसरे से ईर्ष्या नहीं थी। कुब्जा मोरनी का स्वभाव ईष्यालु था। वह सभी के साथ बैरभाव रखती थी। राधा को तो वह नीलकंठ के पास फटकने ही नहीं देती थी। उसने चोंच मार-मारकर उसके अंडों को तोड़ दिया था। कुब्जा अपने स्वभाव के कारण किसी की भी मित्र नहीं बन पाई।

प्रश्न 7.
नीलकंठ ने खरगोश के बच्चे को साँप से किस तरह बचाया ? इस घटना के आधार पर नीलकंठ के स्वभाव की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
एक दिन की घटना थी कि एक साँप जाली के भीतर पहुँच गया। सब जीव-जंतु भागकर इधर-उधर छिप गए, केवल एक शिशु खरगोश साँप की पकड़ में आ गया। निगलने के प्रयास में साँप ने उसका आधा पिछला शरीर तो मुँह में दबा रखा था, शेष आधा जो बाहर था, उससे चीं-चीं का स्वर भी इतना तीव्र नहीं निकल पा रहा था कि किसी को स्पष्ट सुनाई दे सके। नीलकंठ दूर ऊपर झूले में सो रहा था। उसी के चौकन्ने कानों ने उस मंद स्वर की व्यथा पहचानी और वह पूँछ-पंख समेटकर सर्र से एक झपट्टे में नीचे आ गया। संभवतः अपनी सहज चेतना से ही उसने समझ लिया होगा कि साँप के फन पर चोंच मारने से खरगोश भी घायल हो सकता है।

उसने साँप के फन को पंजों में दबाया और फिर चोंच से इतने प्रहार किए वह अधमरा हो गया। पकड़ ढीली पड़ते ही खरगोश का बच्चा मुख से निकल आया, इस प्रकार उसके प्राणों की रक्षा हुई। इस घटना से नीलकंठ के स्वभाव की निम्नलिखित विशेषताएँ प्रकट होती हैं।

नीलकंठ साहसी था।
नीलकंठ दूसरों की सहायता के लिए सदा तत्पर रहता था।
उसका स्वभाव दयालु था। वह किसी का दुःख देख नहीं सकता था।

निबंध से आगे

प्रश्न 1.
यह पाठ एक ‘रेखाचित्र’ है। रेखाचित्र की क्या-क्या विशेषताएँ होती हैं ? जानकारी प्राप्त कीजिए और लेखिका के लिखे किसी अन्य रेखाचित्र को पढ़िए।
उत्तर:
शब्दों के द्वारा किसी जीव-जंतु अथवा मनुष्य का ऐसा चित्रण करना कि वह हमारे सामने एकदम जीवंत हो उठे रेखाचित्र कहलाता है। रेखाचित्र पूरी तरह से सत्य घटना पर आधारित होता है। कल्पना के लिए इसमें कोई स्थान नहीं होता। रेखाचित्र हमें यथार्थ का ज्ञान कराता है। महादेवी वर्मा ने विभिन्न पशु-पक्षियों एवं आदमियों से जुड़े रेखाचित्र प्रस्तुत किए हैं। उनके द्वारा रचित ‘पथ के साथी’ एवं ‘अतीत की स्मृतियाँ’ रेखाचित्रों का संकलन है। ये सभी पुस्तकालयों में उपलब्ध रहते हैं।

प्रश्न 2.
वर्षा ऋतु में जब आकाश में बादल घिर आते हैं तब मोर पंख फैलाकर धीरे-धीरे मचलने लगता है-यह मोहक दृश्य देखने का प्रयास कीजिए।
पुस्तकालय से ऐसी कहानियों, कविताओं या गीतों को खोजकर पढ़िए जो वर्षा ऋतु और मोर के नाचने से संबंधित हों।
छात्र-कक्षा नवम् ‘अ’ पाठ्यक्रम’ क्षितिज भाग-1 से सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की कविता ‘मेघ आए’ पढ़ें।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 15 नीलकंठ

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
निबंध में आपने ये पंक्तियाँ पढ़ी हैं-‘मैं अपने शाल में लपेटकर उसे संगम ले गई। जब गंगा की बीच धार में उसे प्रवाहित किया गया तब उसके पंखों की चंद्रिकाओं से बिंबित-प्रतिबिंबित होकर गंगा का चौड़ा पाट एक विशाल मयूर के समान तरंगित हो उठा।’-इन पंक्तियों में एक भावचित्र है। इसके आधार पर कल्पना कीजिए और लिखिए कि मोरपंख की चंद्रिका और गंगा की लहरों में क्या-क्या समानताएँ लेखिका ने देखी होंगी जिसके कारण गंगा का चौड़ा पाट एक विशाल मयूर पंख के समान तरंगित हो उठा।
उत्तर:
जिस प्रकार वृत्ताकार मोर के पंख थे उसी प्रकार लेखिका ने जब मोर को गंगा में प्रवाहित किया तो गंगा में वृत्ताकार छोटी-छोटी लहरें चारों ओर फैल गईं।

प्रश्न 2.
नीलकंठ की नृत्य-भंगिमा का शब्द चित्र प्रस्तुत करें।
उत्तर:
नीलकंठ मेघों को गरजते देखकर जालीघर से बाहर आने के लिए बेचैन हो उठता था। वह अपने पंखों को मंडालाकार रूप में करके नृत्य मुद्रा में आ जाता था। मेघों को देखकर उसका केकारव तीव्र होता जाता था। जब वर्षा की रिमझिम शुरू हो जाती थी तो धीरे-धीरे उसका केकारव मंद पड़ने लगता था। वह पूरी तरह से नृत्य में मग्न हो जाता था। उसकी नृत्य भंगिमा बहुत चित्ताकर्षक होती थी।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
‘रूप’ शब्द से कुरूप, स्वरूप, बहुरूप आदि शब्द बनते हैं। इसी प्रकार नीचे लिखे शब्दों से अन्य शब्द बनाओ-
गंध, रंग, फल, ज्ञान।
उत्तर:
गंध – सुगंध, दुर्गंध, गंधयुक्त
रंग – बदरंग, रंगीला, रंगहीन, रंगत, रंगीन
फल – निष्फल, फलित, सुफल, फलदार, फलीभूत
ज्ञान – अज्ञान, विज्ञान, ज्ञानी, अज्ञानी

विस्मयाभिभूत शब्द विस्मय और अभिभूत दो शब्दों के योग से बना है। इसमें विस्मय के य के साथ अभिभूत के अ के मिलने से या हो गया है। अ आदि वर्ण है। ये सभी वर्ण-ध्वनियों में व्याप्त हैं। व्यंजन वर्गों में इसके योग को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, जैसे-क् + अ = क इत्यादि। अ की मात्रा के चिह्न (1) से आप परिचित हैं। अ की भाँति किसी शब्द में आ के भी जुड़ने से अकार की मात्रा ही लगती है, जैसे-मंडल + आकार = मंडलाकार। मंडल और आकार की संधि करने पर (जोड़ने पर) मंडलाकार शब्द बनता है और मंडलाकार शब्द का विग्रह करने पर (तोड़ने पर) मंडल और आकार दोनों अलग होते हैं। नीचे दिए गए शब्दों के संधि-विग्रह कीजिए-
नील + आभ = ………………
सिंहासन = …………..
नव + आगंतुक = …………
मेघाच्छन्न = ……………
संधि
उत्तर:
नील + आभ = नीलाभ
नव + आगंतुक = नवागंतुक

विच्छेद
सिंहासन – सिंह + आसन
मेघाच्छन्न – मेघ + आच्छन्न

कुछ करने को

चयनित व्यक्ति/पशु पक्षी की खास बातों को ध्यान में रखते हुए एक रेखाचित्र बनाइए।

प्रिय नेता – सुभाष चंद्र बोस

मालती के फूल की तरह मनस्वी लोगों की दो प्रमुख स्थितियाँ होती हैं या तो वे संसार के एकांत में पड़े रह जाते हैं या संसार के सिर पर मुकुट की तरह शोभा पाते हैं। ‘जय हिंद’ का मंत्र देने वाले महान् देश-भक्त नेताजी सुभाष चंद्र बोस एक ऐसे ही मनस्वी थे। इस वीर योद्धा का नाम हमारे स्वाधीनता आंदोलन के सुनहरे पृष्ठों पर लिखा जा चुका है। सुभाष चंद्र बोस की माँ प्रभावती उन्हें ‘सुब्बी’ कहकर पुकारती थी। अपनी माता के बड़े लाडले थे सुभाष । माँ ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनका दुलारा ‘सुब्बी’ एक दिन भारत में ही नहीं वरन् पूरी दुनिया में नेता जी के नाम से लोकप्रिय होगा। नेता जी सुभाष का नाम हर भारतवासी के हृदय में सुगंध की तरह बस गया है।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 15 नीलकंठ

गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

1. मोर के सिर ……………….. आँका जा सकता।

प्रश्न 1.
नीलकंठ मोर के सौंदर्य का वर्णन कीजिए। .
उत्तर:
मोर के सिर पर कलगी गहरी चमकीली और ऊँची लगने लगी थी। उसकी चोंच टेढ़ी और पैनी हो गई। उसकी गोल आँखों में मीली चमक दिखाई देने लगी थी। उसकी गरदन पर नीला-गहरा रंग झलकने लगा था। उसके दोनों पंख सफेद एवं सलेटी आलेखन स्पष्ट होने लगे थे।

प्रश्न 2.
इस गद्यांश में मोर के किन-किन अंगों की सुंदरता का वर्णन किया गया है ?
उत्तर:
इस गद्यांश में मोर की कलगी, चोंच, आँखों, गरदन, पंखों, पूँछ और पैरों का वर्णन किया गया है।

प्रश्न 3.
लेखिका ने यह क्यों कहा कि ‘गति का चित्र नहीं आंका जा सकता’ ?
उत्तर:
मोर बहुत चंचल पक्षी होता है। वह निरंतर तरह-तरह की क्रियाएँ करता रहता है। वह क्षणभर के लिए भी स्थिर नहीं होता इसलिए लेखिका ने ऐसा कहा है।

2. राधा नीलकंठ के …………………. उपाधि दे डाली।

प्रश्न 1.
लेखिका ने राधा की क्या विशेषता बताई है ?
उत्तर:
राधा नीलकंठ की तरह नाच नहीं सकती थी परंतु वह नृत्य मग्न नीलकंठ के कभी दाईं ओर से बाईं ओर कभी बाईं ओर से दाईं ओर चक्कर लगाती रहती थी।

प्रश्न 2.
लेखिका के जालीघर के पास आने पर नीलकंठ किस मुद्रा में आ जाता था ?
उत्तर:
लेखिका के जालीघर के पास आने पर नीलकंठ झूले से उतरकर नीचे आ जाता और अपने पंखों का मंडलाकर छाता बनाकर नृत्य मुद्रा में आ जाता था।

प्रश्न 3.
विदेशी मेहमान नीलकंठ को देखकर विस्मयाभिभूत क्यों हो उठते थे ?
उत्तर:
लेखिका के जालीघर के पास आने पर नीलकंठ जिस मुद्रा में आ जाता था लेखिका के साथ आए मेहमान उसकी उस मुद्रा को अपने प्रति सम्मानपूर्वक समझकर विस्मयाभिभूत हो जाते थे।

प्रश्न 4.
विदेशी महिलाओं ने नीलकंठ को क्या उपाधि दी ?
उत्तर:
विदेशी महिलाओं ने नीलकंठ को ‘परफैक्ट जेंटिलमैन’ की उपाधि दी।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 15 नीलकंठ

3. नीलकंठ और राधा की ………………….. भी एक करुण कथा है।

प्रश्न 1.
नीलकंठ और राधा को कौन-सी ऋतु प्रिय थी। वे इस मौसम में किस प्रकार आनंदित होते थे ?
उत्तर:
वर्षा ऋतु नीलकंठ और राधा की प्रिय ऋतु थी। मेघों के गर्जन करते ही वे नृत्य करने लगते थे। मेघों के आने से पहले ही उनको उनकी सजल (जलयुक्त) आहट आने लगती थी।

प्रश्न 2.
मेघों के आने पर उनका केकारव कैसा हो जाता था ?
उत्तर:
मेघों के आने पर नीलकंठ व राधा का मंद केकारव निरंतर तीव्र से तीव्रतर होता चला जाता था। ऐसा लगता था मानो वे आकाश से मेघों की बूंदों को उतारने के लिए सीढ़ी बना रहे हों।

प्रश्न 3.
मेघों के गर्जन, बिजली की चमक और वर्षा की रिमझिमाहट बढ़ने के साथ-साथ नीलकंठ में क्या परिवर्तन आने लगता था ?
उत्तर:
जैसे ही मेघ गरजने लगते, बिजली चमकने लगती और वर्षा की बूंदों की रिमझिम बढ़ने लगती वैसे ही नीलकंठ का केकारव मंद्र से मंद्रतर होने लगता।

4. वास्तव में नीलकंठ ………………… दृष्टि लगाए रहती थी।

प्रश्न 1.
नीलकंठ न तो बीमार था और न घायल ही फिर भी उसकी मृत्यु हुई ऐसा क्यों हुआ होगा ?
उत्तर:
नीलकंठ को कुब्जा के व्यवहार से बहुत ही मानसिक आघात पहुँचा था। कुब्जा ने उसके अंडों को भी तोड़ दिया था। कुब्जा राधा को नीलकंठ के पास नहीं आने देती थी। इस कलह कोलाहल के कारण ही शायद नीलकंठ का अंत हो गया।

प्रश्न 2.
लेखिका ने नीलकंठ का अंतिम संस्कार किस प्रकार किया ?
उत्तर:
लेखिका नीलकंठ के शव को अपने शाल में लपेटकर संगम तट पर ले गई। वहाँ उन्होंने उसे गंगा की धार में प्रवाहित कर दिया।

प्रश्न 3.
नीलकंठ की मृत्यु के बाद राधा की कैसी दशा हुई ?
उत्तर:
नीलकंठ की मृत्यु के बाद राधा निश्चेष्ट-सी घर के एक कोने में बैठी रही। वह अब भी इस इंतजार में कि शायद नीलकंठ लौट आए। क्योंकि नीलकंठ कई बार घर से चले जाने के बाद फिर लौट आता था। इसी भाव से वह द्वार पर दृष्टि लगाए रहती थी।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 15 नीलकंठ

नीलकंठ Summary

पाठ का सार

लेखिका महादेवी वर्मा अपने किसी अतिथि को स्टेशन पहुँचाकर लौट रही थी कि उनको चिड़ियाँ और खरगोशों की दुकान का ध्यान आया। उन्होंने अपने ड्राइवर से मियाँ- चिड़िया वाले की दुकान की ओर चलने को कहा। वे दुकान पर पहुंची और मियाँ- चिड़िया वाला बोला कि आपने पिछली बार मोर के बच्चों के लिए पूछा था मैंने एक शिकारी से आपके लिए बच्चे खरीद लिए। बड़े मियाँ की भाषण मेल चलती ही जा रही थी अतः लेखिका पैंतीस रुपये में उन मोर के दोनों बच्चों को खरीद कर घर ले आई। घर पहुँचने पर सबने कहा कि ये मोर नहीं तीतर के बच्चे हैं, आपको ठग लिया है। लेखिका ने उन बच्चों का पिंजरा अपने पढ़ने वाले कमरे में रखकर खोला। वे दोनों इधर-उधर लुका छिपी खेलने लगे। बिल्ली के डर के कारण उनको पिंजरे में ही रखना पड़ता था। इनको देखकर लेखिका के घर में रहने वाले कबूतर, खरगोश, तोते सभी में कुतूहल जागा।

धीरे-धीरे मोर के बच्चे बड़े होने लगे। मोर के सिर पर कलगी सघन और ऊँची तथा चमकीली हो गई। चोंच अधिक बंकिम और पैनी हो गई। लंबी नील-हरित ग्रीवा बहुत सुंदर लगने लगी। लेखिका ने इसका नाम नीलकंठ रखा। मोरनी का विकास मोर जितना चमत्कारिक तो नहीं था परन्तु वह अपनी मंथर गति से मोर की उपयुक्त सहचरी होने का प्रभाव देने लगी। नीलकंठ लेखिका के घर में रहने वाले सभी जीव जंतुओं का सेनापति बन गया। खरगोश के छोटे बच्चों को वह चोंच से उनके कान पकड़कर उठा लेता था। एक दिन वहाँ जाली में एक साँप आ गया। एक शिशु खरगोश साँप की पकड़ में आ गया। वह उसे निगलने का प्रयास कर रहा था कि नीलकंठ ने उसके फन को पंजों से दबाकर चोंच से प्रहार किया इस प्रकार खरगोश मुक्त हो गया और साँप के भी नीलकंठ ने दो खंड कर दिए।

नीलकंठ जब आकाश में बादल होते थे तो वह इंद्र धनुष के गुच्छे जैसे पंखों को मंडलाकार बनाकर नाचता था। राधा नीलकंठ के समान तो नहीं नाच सकती थी परन्तु नीलकंठ की परिक्रमा से एक पूरक ताल का परिचय अवश्य मिलता था। नीलकंठ का नृत्य बहुत अच्छा लगता था। वह भी यह बात जान गया था अतः वह अब प्रतिदिन अपना नृत्य कौशल दिखाने लगा था। कुछ विदेशी मेहमानों ने भी उसका नृत्य देखा उन्होंने उसको ‘परफैक्ट अँटिलमैन’ की उपाधि से विभूषित कर दिया। जैसे ही वर्षा ऋतु की रिमझिम शुरू होती नीलकंठ का नृत्य आरंभ हो जाता।

नीलकंठ की इस सुखद नृत्य कथा का अंत भी एक दिन हुआ। लेखिका बड़े मियाँ के यहाँ से एक घायल मोरनी ले आई। लेखिका ने उसका इलाज करके उसके प्राण बचाए लेखिका ने उसका नाम कुब्जा रखा क्योंकि घायल होने के कारण उसकी चाल-ढाल बदल गई थी। वह नीलकंठ के पास राधा को भी नहीं जाने देती थी। इस घटना से नीलकंठ उदास रहने लगा। कुब्जा ने राधा के अंडों को भी चोंच मारकर गिरा दिया। नीलकंठ बहुत उदास रहने लगा था। कई महीने बीतने के बाद एक दिन वह मरा हुआ मिला। उसकी मृत्यु का कारण तो पता नहीं चला। लेखिका उसे अपने शाल में लपेट कर गंगा में प्रवाहित कर आई। नीलकंठ के न रहने पर राधा भी निष्चेष्ट-सी बैठी रहने लगी। एक दिन अल्सेशियन कुतिया कजली के दाँत लगने से कुब्जा भी घायल हो गई उसे बचाया नहीं जा सका।

अब राधा कभी ऊँचे झूले पर और कभी अशोक की डाल पर अपनी केका को तीव्रतर करके नीलकंठ को बुलाती रहती है।

शब्दार्थ- चिडिमार-चिड़िया को मारने वाला शिकारी; अनुसरण-नकल करना, पीछे चलना; संकीर्ण-सँकरा/छोटा; मुनासिब-उचित; पक्षी-शावक-पक्षी का बच्चा; आश्वस्त-तसल्ली; आविर्भूत-प्रकट होना; नवागंतुक-नया-नया आया हुआ मेहमान; मार्जारी-बिल्ली; असह्य-न सहने योग्य; कायाकल्प-शरीर में बहुत भारी परिवर्तन आना; बंकिम-टेढ़ी; नीलाभ-नीली चमक; उद्दीप्त-चमक उठना; भंगिमा-मुद्रा; सहचारिणी-पत्नी/साथ-साथ चलने वाली, विचरण करने वाली; ग्रीवा-गर्दन; आर्तक्रंदन-दर्द भरे स्वर में रोना; उष्णता-गर्मी; कार्तिकेय-कृतिका नक्षत्र में उत्पन्न शिव के पुत्र, देवताओं के सेनापति; विस्मयाभिभूत-आश्चर्य से आनंदमग्न होना; पुष्पित और पल्लवित-फूलों और पत्रों से लदा हुआ; मंजरिया-आम का बौर या फूल; केका-मोर की ध्वनि (आवाज)।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 15 नीलकंठ Read More »

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 14 खानपान की बदलती तस्वीर

These NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 14 खानपान की बदलती तस्वीर Questions and Answers are prepared by our highly skilled subject experts.

खानपान की बदलती तस्वीर NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 14

Class 7 Hindi Chapter 14 खानपान की बदलती तस्वीर Textbook Questions and Answers

गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण-संबंधी प्रश्नोत्तर

1. पिछले दस-पंद्रह वर्षों …………………… अजनबी नहीं रहे।

प्रश्न 1.
दक्षिण भारत के व्यंजन कौन-कौन से हैं ?
उत्तर:
इटली-डोसा-बड़ा-सांभर-रसम दक्षिण भारत के व्यंजन हैं।

प्रश्न 2.
ढाबा संस्कृति क्या है ?
उत्तर:
सड़कों के किनारे छोटे-छोटे रैस्टोरेंटनुमा खाने की दुकानों को ढाबा कहा जाता है। ढाबा अक्सर उत्तर भारत में होते हैं। लोग इन ढाबों पर खाना खाते हैं परन्तु आज ये पूरे भारत में फैल गए हैं।

प्रश्न 3.
फास्ट फूडं क्या है? इनका चलन क्यों बढ़ा है ?
उत्तर:
बहुत शीघ्रता से तैयार होने वाले व्यंजन जैसे बर्गर, नूडल्स आदि फास्टफूड की श्रेणी में आते हैं। आज भागम-भाग जीवन के कारण इन चीजों का चलन बढ़ गया है।

2. मुंबई की पाव-भाजी …………………… सचमुच दुःसाध्य है।

प्रश्न 1.
मुंबई की पाव-भाजी और दिल्ली के छोले कुलचों की दुनिया पहले की तुलना में किस प्रकार बड़ी हुई है?
उत्तर:
मुंबई की पाव-भाजी अब केवल मुंबई तक ही सीमित नहीं है वरन् सम्पूर्ण भारत में लोग पाव-भाजी खाने लगे हैं। इसी प्रकार दिल्ली के छोले कुलचे भी अब हर जगह मिल सकते हैं।

प्रश्न 2.
मथुरा के पेड़ों और आगरा के पेठे में पहले वाली बात क्यों नहीं रही?
उत्तर:
अन्य वस्तुओं का महत्त्व बढ़ जाने के कारण और पहले जैसी शुद्ध चीज न मिलने के कारण इनकी गुणवत्ता में बहुतः . अंतर आ गया है। अब लोग पहले जितनी मेहनत नहीं करना चाहते।

प्रश्न 3.
महिलाओं के लिए अब क्या दुःसाध्य हो गया है?
उत्तर:
महिलाओं के लिए अब ऐसे कार्य दुःसाध्य हो गए हैं जिनमें मेहनत व समय अधिक लगता है और फल कम प्राप्त होता है। खरबूजे के बीज सुखाना और उनको-छीलना ऐसे ही कार्य हैं।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 14 खानपान की बदलती तस्वीर

3. आजादी के बाद ………………………. खानपान-विशेष से जुड़ी हुई है।

प्रश्न 1.
खानपान की चीजें एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में किस प्रकार पहुँची हैं?
उत्तर:
उद्योग-धंधों और नौकरियों में तबादले के कारण एक स्थान का व्यक्ति दूसरे स्थान पर अपनी जीविका के लिए जाता है इस प्रकार उसके साथ उसका खान-पान भी दूसरी जगह पहुँच जाता है।

प्रश्न 2.
खानपान की यह संस्कृति राष्ट्रीय एकता में किस प्रकार सहायक हो सकती है?
उत्तर:
खानपान की यह संस्कृति तरह-तरह के लोगों को नज़दीक लाती है जैसे विद्यालयों में देखते हैं कि वहाँ सभी धर्म-जाति और क्षेत्रों के विद्यार्थी पढ़ते हैं वे सभी खान-पान के समय एक दूसरे के नज़दीक आते हैं। अब वे एक दूसरे को बड़ी नज़दीकी से समझ सकते हैं। भाषा और बोलचाल के द्वारा एक-दूसरे के नजदीक आयेंगे।

खानपान की मिश्रित संस्कृति में हम कई बार चीज़ों का असली और अलग स्वाद नहीं ले पा रहे। अक्सर प्रीतिभोजों और पार्टियों में एक साथ ढेरों चीजें रख दी जाती हैं और उनका स्वाद गड्डमड्ड होता रहता है। खानपान की मिश्रित या विविध संस्कृति हमें कुछ चीजें चुनने का अवसर देती है, हम उसका लाभ प्रायः नहीं उठा रहे हैं। हम अक्सर एक ही प्लेट में कई तरह के और कई बार तो बिलकुल विपरीत प्रकृति वाले व्यंजन परोस लेना चाहते हैं।

प्रश्न 1.
खान-पान की मिश्रित संस्कृति में हम कई बार चीज़ों का असली और अलग स्वाद क्यों नहीं ले पा रहे हैं?
उत्तर:
उत्तर जब हम किसी पार्टी या प्रीतिभोज में जाते हैं तो वहाँ अलग-अलग तरह की चीजें खाने के लिए रखी होती हैं। खाने वाला ठीक प्रकार से खाने की वस्तुओं का चयन ही नहीं कर पाता। सबका स्वाद आपस में गड्डमगड्ड हो जाता है।

प्रश्न 2.
खान-पान की संस्कृति हमें कुछ चीजें चुनने का अवसर देती है परन्तु हम उनका लाभ क्यों नहीं उठा पाते?
उत्तर:
जब हम किसी पार्टी आदि में भोजन करते हैं तो अक्सर एक ही प्लेट में कई तरह के और कई बार तो बिलकुल विपरीत प्रकृति वाले व्यंजन एक साथ परोस लेना चाहते हैं। इस प्रकार हम उन व्यंजनों का लाभ नहीं उठा पाते।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 14 खानपान की बदलती तस्वीर

निबंध से

प्रश्न 1.
खानपान की मिश्रित संस्कृति से लेखक का क्या मतलब है? अपने घर के उदाहरण देकर इसकी व्याख्या करें?
उत्तर:
खानपान की मिश्रित संस्कृति से लेखक का मतलब है एक ही स्थान पर तरह-तरह और अलग-अलग स्थानों के व्यंजनों का होना जैसे किसी परिवार में पाव-भाजी, छोले कुल्चे व चाइनिज फूड आदि का खाया जाना। ये सभी खाद्य पदार्थ अलग-अलग स्थानों एवं राज्यों के व्यंजन हैं। भारत में उत्तरी क्षेत्र में और तरह के व्यंजन होते हैं तथा दक्षिण में और तरह के। गुजरात का ढोकला और खांडवी भी आजकल हर जगह मिलते हैं और बंगाल का रसगुल्ला भी हर जगह मौजूद है।

प्रश्न 2.
खानपान में बदलाव के कौन से फायदे हैं? फिर लेखक इस बदलाव को लेकर चिंतित क्यों है ?
उत्तर:
खानपान के बदलाव के अनेक फायदे हैं जैसे हम हर तरह एवं हर स्वाद का भोजन कर सकते हैं। एकतरह का भोजन . करने से हमें एक तरह के ही तत्त्वं भोजन से प्राप्त होते हैं। दूसरा फायदा यह है कि जब हम एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं तो आसानी से हम अपने को वहाँ के माहौल में ढाल लेते हैं।

लेखक इस बदलाव से इसलिए चिंतित है क्योंकि हम खाते समय परस्पर विरोधी प्रकृतिवाले व्यंजनों को एक साथ खाने लगते हैं। इस बदलाव के कारण हमारे स्थानीय व्यंजन लुप्त होते जा रहे हैं। साथ ही उनकी गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है।

प्रश्न 3.
खानपान के मामले में स्थानीयता का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
स्थानीयता का अर्थ उन व्यंजनों से है जो किसी स्थान विशेष के परंपरागत व्यंजन हैं। जैसे दिल्ली के छोले-भटूरे, मथुरा के पेड़े और आगरा का पेठा तथा घरों में बनने वाले व्यंजन जैसे सब्जी-पूड़ी आदि। इन चीजों को विशेष अवसरों पर अवश्य बनाया जाता है परन्तु धीरे-धीरे इनका महत्त्व कम होता जा रहा है। बहुत-सी चीजें अब केवल पाँच सितारा होटलों तक ही सीमित रह गई हैं।

निबंध से आगे

प्रश्न 1.
घर में बातचीत करके पता कीजिए कि आपके घर में क्या चीजें पकती हैं और क्या चीजें बनी-बनाई बाज़ार से आती हैं? इनमें से बाजार से आनेवाली कौन सी चीजें आपके माँ-पिता जी के बचपन में घर में बनती थीं?
उत्तर:
घर में बनने वाली चीजें – दाल, सब्जी रोटी-पूड़ी, खीर, दलिया, खिचड़ी आदि
बाज़र से आने वाली चीजें – मिठाई, समोसे, पकोड़ी, जलेबी, आइसक्रीम आदि।

प्रश्न 2.
यहाँ खाने, पकाने और स्वाद से संबंधित कुछ शब्द दिए गए हैं। इन्हें ध्यान से देखिए और इनका वर्गीकरण कीजिए-
उबालना, तलना, भूनना, सेंकना, दाल, भात, रोटी, पापड़
आलू, बैंगन, खट्टा, मीठा, तीखा, नमकीन, कसैला
NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 14 खानपान की बदलती तस्वीर 1
उत्तर:
NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 14 खानपान की बदलती तस्वीर 2

प्रश्न 4.
छौंक चावल कढ़ी
इन शब्दों में क्या अंतर है? समझाइए। इन्हें बनाने के तरीके विभिन्न प्रांतों में अलग-अलग हैं। पता करें कि आपके प्रांत में इन्हें कैसे बनाया जाता है।
नोट-विद्यार्थी स्वयं करें।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 14 खानपान की बदलती तस्वीर

प्रश्न 5.
पिछली शताब्दी में खानपान की बदलती हुई तस्वीर का खाका खींचें तो इस प्रकार होगा-
सन् साठ का दशक – छोले-भटूरे
सन् सत्तर का दशक – इडली, डोसा
सन् अस्सी का दशक – तिब्बती (चीनी) भोजन
सन् नब्बे का दशक – पीजा, पाव-भाजी
इसी प्रकार आप कुछ कपड़ों या पोशाकों की बदलती तस्वीर का खाका खींचिए।
उत्तर:
सन् साठ का दशक – पतलून, कमीज, सलवार, साड़ी
सन् सत्तर का दशक – बैलबाटम, कुर्ता पाजामा
सन् अस्सी का दशक – पेंट, शर्ट, टाई, सूट, जींस
सन् नब्बे का दशक – जींस, पेंट, टी शर्ट

प्रश्न 6.
मान लीजिए कि आपके घर कोई मेहमान आ रहे हैं जो आपके प्रांत का पारंपरिक भोजन करना चाहते हैं। उन्हें खिलाने के लिए घर के लोगों की मदद से एक व्यंजन-सूची (मेन्यू) बनाइए।
उत्तर:
हलवा, पूड़ी सब्जी
छोले-चावल
गाजर का हलवा
आलू गोभी की सब्जी और रोटी
प्याज, टमाटर, खीरे का सलाद
बूंदी, लौकी या आलू से बना रायता
बूंदी वाली छाछ
आम एवं नींबू का अचार

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
‘फास्ट फूड’ यानी तुरंत भोजन के नफे-नुकसान पर कक्षा में वाद-विवाद करें?
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 2.
हर शहर, कस्बे में कुछ ऐसी जगहें होती हैं जो अपने किसी खास व्यंजन के लिए जानी जाती हैं। आप अपने शहर, कस्बे का नक्शा बनाकर उसमें ऐसी सभी जगहों को दर्शाइए?
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 3.
खानपान के मामले में शुद्धता का मसला काफी पुराना है। आपने अपने अनुभव में इस तरह की मिलावट को देखा है? किसी फिल्म या अखबारी खबर के हवाले से खानपान में होने वाली मिलावट के नुकसानों की चर्चा कीजिए।
उत्तर:
खानपान में मिलावट अनेक रोगों को जन्म देती है। इस मिलावट के कारण हमारा पाचन तंत्र खराब हो जाता है जिसके कारण पेट की अनेक बीमारियाँ हो जाती हैं। गलत खान पान से नेत्र ज्योति भी कमजोर होती है तथा हृदय से जुड़ी अनेक बीमारियाँ पैदा होती हैं यहाँ तक कि कैंसर और टी.बी. जैसी बीमारियाँ गलत खान-पान के कारण ही होती हैं।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 14 खानपान की बदलती तस्वीर

भाषा की बात

प्रश्न 1.
खानपान शब्द, खान और पान दो शब्दों को जोड़कर बना है। खानपान शब्द में और छिपा हुआ है। जिन शब्दों के योग में और, अथवा, या जैसे योजक शब्द छिपे हों, उन्हें द्वंद्व समास कहते हैं। नीचे द्वंद्व समास के कुछ उदाहरण दिए गए हैं। इनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए और अर्थ समझिए-
सीना-पिरोना भला-बुरा – चलना-फिरना
लंबा-चौड़ा कहा-सुनी घास-फूस
उत्तर:
सामासिक शब्दों का वाक्य में प्रयोग

  • सीना-पिरोना – पहले लड़की के लिए सीना-पिरोना ही मुख्य काम माना जाता था।
  • भला-बुरा – समझदार व्यक्ति अपना भला-बुरा स्वयं देख लेता है।
  • चलना-फिरना – मरीज ने चलना-फिरना शुरू कर दिया है।
  • लंबा-चौड़ा – हमारे विद्यालय का मैदान लंबा-चौड़ा है।
  • कहा-सुनी – मेरी किसी बात को लेकर मोहन के साथ कहा-सुनी हो गई।
  • घास-फूस – मजदूर घास-फूस के घर बनाकर रहते हैं।

प्रश्न 2.
कई बार शब्द सुनने या पढ़ने पर कोई और शब्द याद आ जाता है। आइए शब्दों की ऐसी कड़ी बनाएँ। नीचे शुरुआत की गई है। उसे आप आगे बढ़ाइए। कक्षा में मौखिक सामूहिक गतिविधि के रूप में भी इसे दिया जा सकता है-
इडली – दक्षिण – केरल – ओणम् – त्योहार – छुट्टी – आराम…
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

कुछ करने को

उन विज्ञापनों को इकट्ठा कीजिए जो हाल ही के ठंडे पेय पदार्थों से जुड़े हैं। उनमें स्वास्थ्य और सफाई पर दिए गए ब्योरों को छाँटकर देखें कि हकीकत क्या है?

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 14 खानपान की बदलती तस्वीर

खानपान की बदलती तस्वीर Summary

पाठ का सार

पिछले दस-पन्द्रह वर्षों में हमारे खानपान में बहुत बदलाव आया है। अब एक क्षेत्र के व्यंजन वहीं तक सीमित न रहकर सब जगह फैल गए हैं। अब दक्षिण के व्यंजन उत्तर में और उत्तर की ढाबा संस्कृति दक्षिण में नज़र आती है। अंग्रेजी राज तक ब्रेड साहबी ठिकानों तक ही सीमित थी। वह आज कस्बों, गाँवों तक पहुँचकर लाखों करोड़ों लोगों के घरों में नाश्ते के रूप में प्रयोग हो रही है। खान-पान के इस बदलाव से नई पीढ़ी सबसे अधिक प्रभावित हुई है। स्थानीय व्यंजन घटकर अब कुछ चीज़ों तक सीमित रह गए हैं। बंबई की पाव भाजी और दिल्ली के छोले कुलचों की दुनिया बढ़ गई है परन्तु आगरे का पेठा और मथुरा के पेड़ों का दायरा घट गया है-क्वालिटी भी पहले वाली नहीं रही है। मौसमी व्यंजनों के बनाने का चलन भी अब उतना नहीं रहा। महिलाएँ भी अब इस प्रकार के व्यंजनों को दुःसाध्य समझने लगी हैं। जहाँ स्थानीय व्यंजनों में कमी आ रही है वहीं देशी-विदेशी व्यंजन अपनाए जा रहे हैं जिनको आसानी से बनाया जा सके। इसका कारण आज जीवन की भागम-भाग है। मँहगाई के कारण भी लोग कई चीजों से वंचित हो गए हैं।

अब खानपान की एक मिश्रित संस्कृति बन गई है। गृहिणियाँ और कामकाजी महिलाएँ जल्दी तैयार होने वाले व्यंजनों को बनाना पंसद करती हैं। नयी-पीढ़ी को देश-विदेश के व्यंजनों को जानने का सुयोग मिला है। आजादी के बाद उद्योग धंधों एवं दूर-दूर नौकरियों के कारण सभी संस्कृतियों के लोग आपस में मिल गए हैं। इनसे उनका खान-पान भी एक दूसरे लोगों ने अपना लिया है। विद्यालयों में हर क्षेत्र के लोगों के बच्चे पढ़ते हैं। उनके टिफिन में तरह-तरह के व्यंजन होते हैं। सभी बच्चे उनसे परिचित हो जाते हैं। स्थानीय व्यंजन धीरे-धीरे गायब होने लगे हैं। पाँच सितारा होटलों में वे कभी-कभार मिलते रहते हैं। जो चीजें उत्तर भारत में गली मुहल्ले में आम हुआ करती थीं वे अब खास दुकानों में ही उपलब्ध हैं। पश्चिम की नकल में हमने कई चीजें ऐसी अपना ली हैं जो स्वास्थ्य और स्वाद के मामले में हमारे अनुकूल नहीं हैं। प्रीतिभोज पार्टियों में इतने व्यंजन होते हैं कि किसी का ठीक से स्वाद भी नहीं ले सकते कभी -कभी तो विपरीत प्रकृति वाले व्यंजन परोस लेते हैं। आज लगता है खानपान की यही मिश्रित संस्कृति अधिक विकसित होने वाली है।

शब्दार्थ : चलन-रिवाज़; विज्ञापित-प्रचारित; गुणवत्ता-क्वालिटी (Quality); दुःसाध्य-जिसको साधना (करना) मुश्किल हो; व्यंजन-पकवान; निखालिस-शुद्ध; बोली-बानी-बोलचाल की भाषा; प्रचारार्थ-प्रचार के लिए; सरसता-रसीला/स्वादिष्ट; प्रीतिभोज-पार्टी आदि; गड्डमगड्-आपस में मिल जाना; मिश्रित-मिली-जुली; पुनरुद्वार-फिर से उद्धार करना, ऊपर उठाना; विनिहित-रखा हुआ।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 14 खानपान की बदलती तस्वीर Read More »

error: Content is protected !!