CBSE Class 8

NCERT Solutions for Class 8 English Honeydew Poem 2 Geography Lesson

NCERT Solutions for Class 8 English

Geography Lesson NCERT Solutions for Class 8 English Honeydew Poem 2

Geography Lesson NCERT Text Book Questions and Answers

Geography Lesson Working with the poem

Question 1.
Find three or four phrases in stanzas one and two which are likely to occur in a geography lesson.
Answer:
Some phrases in stanzas one and two which are likely to occur in a geography lesson are:

  • The city had developed the way it had,
  • It scaled six inches to the mile.
  • It was clear why the country
  • Had cities where the rivers ran
  • And why the valleys were populated.
  • That land and water attracted man

NCERT Solutions for Class 8 English Honeydew Poem 2 Geography Lesson

Question 2.
Seen from the window of an aeroplane, the city appears
i. as haphazard as on ground.
ii. as neat as a map.
iii. as developed as necessary.
Mark the right answer.
ii. as neat as a map.

Question 3.
Which of the following statements are examples of “the logic of geography ”?
i. There are cities where there are rivers.
ii. Cities appear as they are not from six miles above the ground.
iii. It is easy to understand why valleys are populated.
iv. It is difficult to understand why humans hate and kill one another.
v. The earth is round, and it has more sea than land.
Answer:
i. There are cities where there are rivers.
iii. It is easy to understand why valleys are populated.
v. The earth is round, and it has more sea than land.

NCERT Solutions for Class 8 English Honeydew Poem 2 Geography Lesson

Question 4.
Mention two things that are
i. clear from the height.
ii. not clear from the height.
Answer:
i. clear from the height: why valleys were populated; why cities were developed near water resources
ii. not clear from the height: why men fight and kill each other; why we build walls around us and hate each other

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NCERT Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 9 Women, Caste and Reform (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 9 Women, Caste and Reform (Hindi Medium)

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प्रश्न-अभ्यास

( पाठ्यपुस्तक से)

फिर से याद करें

प्रश्न 1.
निम्नलिखित लोगों ने किन सामाजिक विचारों का समर्थन और प्रसार किया :
राममोहन रॉय
दयानंद सरस्वती
वीरेशलिंगम पंतुलु
ज्योतिराव फुले
पंडिता रमाबाई
पेरियार
मुमताज़ अली
ईश्वरचंद्र विद्यासागर
उत्तर
NCERT Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 9 (Hindi Medium) 1

प्रश्न 2.

निम्नलिखित में से सही या गलत बताएँ :
(क) जब अंग्रेजों ने बंगाल पर कब्जा किया तो उन्होंने विवाह, गोद लेने, संपत्ति उत्तराधिकार आदि के बारे में नए कानून बना दिए।
उत्तर
सही,

(ख) समाज सुधारकों को सामाजिक तौर-तरीकों में सुधार के लिए प्राचीन ग्रंथों से दूर रहना पड़ता था।
उत्तर
गलत,

(ग) सुधारकों को देश के सभी लोगों का पूरा समर्थन मिलता था।
उत्तर
गलत,

(घ) बाल विवाह निषेध अधिनियम 1829 में पारित किया गया था।
उत्तर
सही।

आइए विचार करें

प्रश्न 3.
प्राचीन ग्रंथों के ज्ञान से सुधारकों को नए कानून बनवाने में किस तरह मदद मिली?
उत्तर
कानून बनाने में मदद

  1. संचार के नए तरीके विकसित हो गए थे।
  2. पहली बार किताबें, अखबार, पत्रिकाएँ, पर्चे और पुस्तिकाएँ छप रही थीं, ये चीजें पुराने साधनों के मुकाबले सस्ती थीं, इसलिए ज्यादा लोगों की पहुँच में भी थी।
  3. नए शहरों में हर प्रकार के सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक और धार्मिक मुद्दों पर चर्चाएँ आम जनता तक पहुँचीं।

प्रश्न 4.
लड़कियों को स्कूल न भेजने के पीछे लोगों के पास कौन-कौन से कारण होते थे?
उत्तर
लोगों के कारण

  1. स्कूल जाने से लड़कियाँ घरों से दूर भागने लगेंगी। इससे वे अपना पारंपरिक घरेलू काम नहीं कर पाएँगी।
  2. लड़कियों को स्कूल जाने के लिए सार्वजनिक स्थानों से होकर जाना पड़ता है जो उनके लिए ठीक नहीं है।
  3. लड़कियों के आचरण पर बुरा प्रभाव पड़ेगा और वे बिगड़ जाएँगी।

प्रश्न 5.
ईसाई प्रचारकों की बहुत सारे लोग क्यों आलोचना करते थे? क्या कुछ लोगों ने उनका समर्थन भी | किया होगा? यदि हाँ तो किस कारण?
उत्तर
आलोचना का कारण

  1. भारतीय संस्कृति को नष्ट कर पाश्चात्य संस्कृति को भारतीयों पर लाद देंगे।
  2. जनजातीय समूहों तथा निम्न जाति के लोगों का धर्म परिवर्तन कर देंगे।

समर्थन के कारण

  1. ये स्त्री-शिक्षा तथा पुरुषों के समानता के अधिकार के पक्षधर थे।
  2. जनजातीय लोगों तथा निम्न जाति के लोगों के लिए स्कूलों की स्थापना की।

प्रश्न 6.
अंग्रेजों के काल में ऐसे लोगों के लिए कौन से नए अवसर पैदा हुए जो “निम्न” मानी जाने वाली
जातियों से संबंधित थे?
उत्तर
नए अवसर-

  1. उन्नीसवीं सदी में ईसाई प्रचारक आदिवासी समुदायों और निचली” जातियों के बच्चों के लिए स्कूल खोलने लगे थे।
  2. शहरों में रोजगार के नए-नए अवसर सामने आ रहे थे; जैसे-मकान, पार्क, सड़कें, नालियाँ, बाग, मिलें, रेलवे लाइन, स्टेशन आदि के निर्माण के लिए मजदूरों की आवश्यकता थी। इन कामों के लिए शहर जाने वालों में से बहुत सारे ‘निम्न जातियों के लोग थे।
  3.  बहुत सारे लोग असम, मॉरीशस, त्रिनीदाद और इंडोनेशिया आदि स्थानों पर बाग़ानों में काम करने के | लिए भी जा रहे थे।

प्रश्न 7.
ज्योतिराव और अन्य सुधारकों ने समाज में जातीय असमानताओं की आलोचना को किस तरह सही ठहराया?
उत्तर
आलोचनाओं को उचित बताना-

  1. ज्योतिराव फुले ने ब्राह्मणों की इस बात को गलत ठहराया कि आर्य होने के कारण वे अन्य लोगों से
    श्रेष्ठ हैं। फुले का तर्क था कि आर्य उपमहाद्वीप के बाहर से आए थे उन्होंने यहाँ के मूल निवासियों को हरा कर गुलाम बना लिया तथा पराजित जनता को निम्न जाति वाला मानने लगे।
  2. पेरियार ने हिंदू वेद पुराणों की आलोचना की उनका मानना था कि ब्राह्मणों ने निचली जातियों पर अपनी सत्ता तथा महिलाओं पर पुरुषों का प्रभुत्व स्थापित करने के लिए इन पुस्तकों का सहारा लिया है।
  3. हरिदास ठाकुर ने भी जाति व्यवस्था सही ठहराने वाले ब्राह्मणवादी ग्रंथों पर सवाल उठाया।
  4. अम्बेडकर ने भी मंदिर प्रवेश आंदोलन’ के द्वारा समकालीन समाज में उच्च’ जातीय संरचना पर सवाल उठाए। वह इस आंदोलन के द्वारा पूरे देश को दिखाना चाहते थे कि समाज में जातीय पूर्वाग्रहों की जकड़ कितनी मजबूत है।

प्रश्न 8.
फुले ने अपनी पुस्तक गुलामगीरी को गुलामों की आज़ादी के लिए चल रहे अमेरिकी आंदोलन को समर्पित क्यों किया?
उत्तर
अमेरिकी आंदोलन को समर्पित

  1. 1873 में फुले ने गुलामगीरी (गुलामी) नामक एक पुस्तक लिखी।
  2. फुले के पुस्तक लिखने से 10 वर्ष पूर्व अमेरिका में गृहयुद्ध के फलस्वरूप दास प्रथा का अंत हो। चुका था।
  3. फुले ने भारत की “निम्न जातियों और अमरीका के काले गुलामों की दुर्दशा को एक-दूसरे से जोड़कर देखा। इसलिए फुले ने अपनी पुस्तक को उन सभी अमेरिकियों को समर्पित किया, जिन्होंने गुलामों को मुक्ति दिलाने के लिए संघर्ष किया था।

प्रश्न 9.
मंदिर प्रवेश आंदोलन के ज़रिए अंबेडकर क्या हासिल करना चाहते थे?
उत्तर
मंदिर प्रवेश आंदोलन

  1. अंबेडकर एक महार परिवार में पैदा हुए थे, इसलिए उन्होंने बचपन से जातीय भेदभाव और पूर्वाग्रह को नजदीक से देखा था।
  2. समकालीन समाज में उच्च’ जातीय सत्ता संरचना के कारण निम्न जातियों के साथ असमानता, बुरा व्यवहार तथा भेदभाव हो रहा था।
  3. 1927 में 1935 के बीच अंबेडकर ने मंदिरों में प्रवेश के लिए तीन मंदिर प्रवेश’ आंदोलन चलाए।
  4. जिसके माध्यम से वह देश को दिखाना चाहते थे कि समाज में जातीय पूर्वाग्रहों की जकड़ कितनी मजबूत है, लेकिन लगातार विरोध करने पर इसको कमजोर किया जा सकता है।

प्रश्न 10.
ज्योतिराव फुले और रामास्वामी नायकर राष्ट्रीय आंदोलन की आलोचना क्यों करते थे? क्या उनकी आलोचना से राष्ट्रीय संघर्ष में किसी तरह की मदद मिली?
उत्तर
राष्ट्रीय संघर्ष में मदद

  1. फुले ने जाति व्यवस्था की अपनी आलोचना को सभी प्रकार क़ी गैर बराबरी से जोड़ दिया था, वह “उच्च जाति महिलाओं की दुर्दशा, मजदूरों की मुसीबतों और निम्न जातियों के अपमानपूर्ण हालात के बारे में गहरे तौर पर चिंतित थे।
  2. पेरियार की दलीलों और आंदोलन से उच्च जातीय राष्ट्रवादी नेताओं के बीच कुछ आत्ममंथन और आत्मालोचना की प्रक्रिया शुरू हुई।
  3. इनकी आलोचना से समाज में समानता का भाव आया। जातीय बंधन ढीले पड़े, छुआछूत की भावना कम हुई, जिससे राष्ट्रीय आंदोलन में एकता का भाव पैदा हुआ।

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NCERT Solutions for Class 8 English Honeydew Poem 1 The Ant and the Cricket

NCERT Solutions for Class 8 English

The Ant and the Cricket NCERT Solutions for Class 8 English Honeydew Poem 1

The Ant and the Cricket NCERT Text Book Questions and Answers

The Ant and the Cricket Working with the poem

Question 1.
The cricket says, “Oh! what will become of me? ” When does he say it, and why?
Answer:
The cricket says this during the winter when he has no food. He says so because he is uncertain of his future.

Question 2.
i. Find in the poem the lines that mean the same as “Neither a borrower nor a lender be ”(Shakespeare).
Answer:
But we ants never borrow; we ants never lend.

ii. What is your opinion of the ant’s principles?
Answer:
The ant’s principles are clear and practical. He does not believe in either lending or borrowing.

NCERT Solutions for Class 8 English Honeydew Poem 1 The Ant and the Cricket

Question 3.
The ant tells the cricket to “dance the winter away ”. Do you think the word ‘dance ’ is appropriate here? If so, why?
Answer:
Yes, the word ‘dance’ is appropriate here because the cricket had spent the summer time singing, and making merry. So, the grasshopper can spend the winter dancing.

Question 4.
i. Which lines in the poem express the poet’s comment? Read them aloud.
Answer:
The lines in the poem that expresses the poet’s opinions are as follows:

Folks call this a fable. I’ll warrant it true:
Some crickets have four legs, and some have two.

NCERT Solutions for Class 8 English Honeydew Poem 1 The Ant and the Cricket

ii. Write the comment in your own words.
Answer:
If you know a fable in your own language, narrate it to your classmates.
(Encourage the students to write in their own words.)

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NCERT Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 8 Civilising the “Native”, Educating the Nation (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 8 Civilising the “Native”, Educating the Nation (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 8 Civilising the “Native”, Educating the Nation (Hindi Medium)

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प्रश्न-अभ्यास

( पाठ्यपुस्तक से)

फिर से याद करें

प्रश्न 1.
NCERT Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 8 (Hindi Medium) 1
NCERT Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 8 (Hindi Medium) 2
उत्तर
NCERT Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 8 (Hindi Medium) 3

प्रश्न 2.

निम्नलिखित में से सही या गलत बताएँ :
(क) जेम्स मिल प्राच्यवादियों के घोर आलोचक थे।
उत्तर
सही,

(ख) 1854 के शिक्षा संबंधी डिस्पैच में इस बात पर जोर दिया गया था कि भारत में उच्च शिक्षा का माध्यम अंग्रेज़ी होना चाहिए।
उत्तर
सही,

(ग) महात्मा गांधी मानते थे कि साक्षरता बढ़ाना ही शिक्षा का सबसे महत्त्वपूर्ण उद्देश्य है।
उत्तर
गलत,

(घ) रवीन्द्रनाथ टैगोर को लगता था कि बच्चों पर सख्त अनुशासन होना चाहिए।
उत्तर
गलत

आइए विचार करें

प्रश्न 3.
विलियम जोन्स को भारतीय इतिहास, दर्शन और कानून का अध्ययन क्यों ज़रूरी दिखाई देता था?
उत्तर
भारतीय इतिहास, दर्शन और कानून का अध्ययन

  1. भारत को समझने के लिए प्राचीन काल में लिखे गए यहाँ के पवित्र और कानूनी ग्रंथों को खोजना व समझना जरूरी था।
  2. हिंदुओं और मुसलमानों के असली विचारों व कानूनों को इन्हीं रचनाओं के माध्यम से ही समझा जा सकता है।
  3. विलियम जोन्स का मानना था कि इस कार्य से न केवल अंग्रेजों को भारतीय संस्कृति से सीखने में मदद मिलेगी बल्कि भारतीयों को भी अपनी विरासत को दोबारा अपनाने और अतीत के लुप्त वैभव को समझने में मदद देगी।

प्रश्न 4.
जेम्स मिल और टॉमस मैकॉले ऐसा क्यों सोचते थे कि भारत में यूरोपीय शिक्षा अनिवार्य है?
उत्तर
जेम्स मिल और मैकॉले की सोच

  1. भारतीयों के विचारों को अंग्रेजी के अध्ययन से रूढ़िवादी विचारों वाले लोगों से अलग किया जा सकता। | है, क्योंकि वे अपनी भाषा में अधिक वैज्ञानिक व तकनीकी सफलताएँ प्राप्त नहीं कर सकते।
  2. इनके अनुसार पूर्वी साहित्य अंगभीर और सतही तथा त्रुटियों से भरा हुआ व अवैज्ञानिक है।
  3. इनके अनुसार अंग्रेज़ी के ज्ञान से भारतीयों को दुनिया की श्रेष्ठतम साहित्यिक कृतियों को पढ़ने का मौका मिलेगा। वे पश्चिमी विज्ञान और दर्शन के क्षेत्र में हुए विकास से अवगत हो पाएँगे।

प्रश्न 5.
महात्मा गांधी बच्चों को हस्तकलाएँ क्यों सिखाना चाहते थे?
उत्तर
बच्चों को हस्तकलाएँ सिखाना

  1. पश्चिमी शिक्षा मौखिक ज्ञान के स्थान पर केवल पढ़ने और लिखने पर केंद्रित है उसमें पाठ्यपुस्तकों पर जोर दिया जाता है और जीवन अनुभवों तथा व्यावहारिक ज्ञान की उपेक्षा की जाती है।
  2. गांधी जी का तर्क था कि शिक्षा से व्यक्ति का दिमाग और आत्मा विकसित होनी चाहिए। केवल साक्षरता यानी पढ़ने और लिखने की क्षमता पा लेना ही शिक्षा नहीं होती।
  3. दिमाग और आत्मा विकसित करने के लिए हाथ से काम करना पड़ता है, हुनर सीखने पड़ते हैं और | यह जानना पड़ता है कि विभिन्न चीजें किस तरह काम करती हैं।

प्रश्न 6.
महात्मा गांधी ऐसा क्यों सोचते थे कि अंग्रेज़ी शिक्षा ने भारतीयों को गुलाम बना लिया है?
उत्तर
भारतीयों को गुलाम बनाना

  1. औपनिवेशिक शिक्षा ने भारतीयों के मस्तिष्क में हीनता का भाव पैदा कर दिया है। यहाँ के लोग पश्चिमी सभ्यता को श्रेष्ठतर मानने लगे हैं। अपनी संस्कृति के प्रति उनका गौरव भाव नष्ट हो गया है।
  2. पश्चिमी शिक्षा में विष भरा है, यह पापपूर्ण है, इसने भारतीयों को दास बना दिया है, इसने लोगों पर बुरा प्रभाव डाला है।
  3. पश्चिमी शिक्षा ग्रहण करने वाले भारतीय ब्रिटिश शासन को पसंद करते हैं तथा पश्चिम से आने वाली हर चीज की प्रशंसा करते हैं।
  4.  विदेशी भाषा बोलने वाले, स्थानीय संस्कृति से घृणा करने वाले भारतीय अपनी जनता से जुड़ने के तौर-तरीके भूल चुके हैं।

आइए करके देखें।

प्रश्न 7.
अपने घर के बुजुर्गों से पता करें कि स्कूल में उन्होंने कौन-कौन सी चीजें पढ़ी थीं?
उत्तर
यह कार्य छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 8.
अपने स्कूल या आसपास के किसी अन्य स्कूल के इतिहास का पता लगाएँ। उ
उत्तर
यह कार्य छात्र स्वयं करें।

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NCERT Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 10 The Changing World of Visual  (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 10 The Changing World of Visual  (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 10 The Changing World of Visual  (Hindi Medium)

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प्रश्न-अभ्यास

( पाठ्यपुस्तक से)

फिर से याद करें

प्रश्न 1.
रिक्त स्थान भरें :
(क) जिस कला शैली में चीजों को गौर से देखकर उनकी यथावत तसवीर बनाई जाती है, उसे ………………… कहा जाता है।
(ख) जिन चित्रों में भारतीय भूदृश्यों को अनूठा, अनछुआ दिखाया जाता था, उनकी शैली को …………….. कहा जाता है।
(ग) जिस चित्रशैली में भारत में रहने वाले यूरोपीयों के सामाजिक जीवन को दर्शाया जाता था, उन्हें …………… कहा जाता था।
(घ) जिन चित्रों में ब्रिटिश साम्राज्यवादी इतिहास और उनकी विजय के दृश्य दिखाए जाते थे, उन्हें ………………. कहा जाता है।
उत्तर
(क) यथार्थपरक,
(ख) मनोहरी,
(ग) रूप-चित्रण,
(घ) इतिहास की चित्रकारी।

प्रश्न 2.
बताएँ कि निम्नलिखित में से कौन-कौन सी विधाएँ और शैलियाँ अंग्रेजों के जरिए भारत में आईं :
(क) तैल चित्र
(ख) लघु चित्र ।
(ग) आदमकद छायाचित्र
(घ) परिप्रेक्ष्य विधा का प्रयोग
(च) भित्ति चित्र उत्तर
उत्तर
(क) तैल चित्र,
(घ) परिप्रेक्ष्य विधा का प्रयोग।

प्रश्न 3.
इस अध्याय में दिए गए किसी एक ऐसे चित्र का अपने शब्दों में वर्णन करें, जिसमें दिखाया गया है कि अंग्रेज़ भारतीयों से ज्यादा ताकतवर थे। कलाकार ने यह बात किस तरह दिखाई है?
उत्तर
पाठ्यपुस्तक में दिया गया चित्र 5 (पृष्ठ 126) में भारतीयों को अंग्रेजों को चाय पेश करते हुए तथा अंग्रेजों का सामान ले जाते हुए दिखाया गया है।

प्रश्न 4.
ख़र्रा चित्रकार और कुम्हार कलाकार कालीघाट क्यों आए? उन्होंने नए विषयों पर चित्र बनाना क्यों शुरू किया?
उत्तर
कालीघाट आना

  1. यह एक ऐसा समय था, जब वाणिज्यिक तथा प्रशासनिक केंद्रों के रूप में शहरों का विस्तार हो रहा था।
  2. औपनिवेशिक अधिकारी इन शहरों में आकर रह रहे थे, जहाँ नए-नए औपनिवेशिक कार्यालय तथा बाज़ार खुल रहे थे और नई सड़कों व इमारतों का निर्माण हो रहा था।
  3. शहर में नए-नए रोजगार के अवसर पैदा हो रहे थे, जिसके कारण ग्रामीण कलाकार भी नए ग्राहकों तथा नए संरक्षकों की उम्मीद में शहरों में आकर बसने लगे।
  4. कलाकारों ने नई विषय वस्तुओं पर चित्रकारी की नई शैली विकसित की, क्योंकि मूल्य-मान्यताएँ, रुचियाँ, सामाजिक कायदे-कानून और रीति-रिवाज़ आदि बहुत तेजी से बदल रहे थे।

प्रश्न 5.
राजा रवि वर्मा के चित्रों को राष्ट्रवादी भावना वाले चित्र कैसे कहा जा सकता है?
उत्तर
राष्ट्रवादी भावना

  1. राजा रवि वर्मा आरंभिक चित्रकारों में से थे, जिन्होंने आधुनिक और राष्ट्रीय कला शैली विकसित की।
  2. उन्होंने तैल चित्रकारी और यथार्थपरक जीवन अध्ययन की पश्चिमी कला पर महारत हासिल की, परंतु भारतीय पुराणों के चित्र बनाए। उन्होंने रामायण और महाभारत के अनगिनत दृश्यों को किरमिच पर उतारा।
  3. 1880 के दशक में राजा रवि वर्मा के पौराणिक चित्र भारतीय राजे-रजवाड़ों और कला संग्राहकों के बीच अत्यंत लोकप्रिय हो चुके थे।
  4. राजाओं ने अपने महलों की दीवारें राजा रवि वर्मा के चित्रों से भर रखी थी।

आइए विचार करें

प्रश्न 6.
भारत में ब्रिटिश इतिहास के चित्रों में साम्राज्यवादी विजेताओं के रवैये को किस तरह दर्शाया जाता था?
उत्तर
उत्तर

  1. साम्राज्यवादी कला की एक और श्रेणी ‘इतिहास की चित्रकारी” थी। इस शैली के चित्रों में ब्रिटिश शाही इतिहास की विभिन्न घटनाओं को नाटकीय रूप में चित्रित किया जाता था।
  2. ये चित्रकार यात्रियों के विवरणों और रेखाचित्रों के आधार पर ब्रिटिश जनता को दिखाने के लिए भारत में ब्रिटिश कार्यवाइयों की सुंदर छवि तैयार करने का प्रयास करते थे।
  3. इन तसवीरों में अंग्रेजों का यशगान होता था। इन चित्रों के केंद्र में उनकी सत्ता, उनकी विजय और उनकी श्रेष्ठता होती थी।
  4. साम्राज्यवादी ऐतिहासिक चित्रों में शाही जीत की लोकस्मृतियाँ गढ़ने का भी प्रयास किया ताकि भारत और ब्रिटेन दोनों देशों में अंग्रेजों की जीत साधारण लोगों की स्मृति में बनी रहे।

प्रश्न 7.
आपके अनुसार कुछ कलाकार एक राष्ट्रीय कला शैली क्यों विकसित करना चाहते थे?
उत्तर
राष्ट्रीय कला शैली

  1. बंगाल में राष्ट्रवादी कलाकारों का एक नया समूह रवींद्रनाथ टैगोर के भतीजे अबनिंद्रनाथ टैगोर के साथ जुड़ गया।
  2. इस समूह के कलाकारों ने राजा रवि वर्मा की कला को नकल और पश्चिमी रंग-ढंग की कहकर त्याग | दिया और घोषणा की कि इस प्रकार की शैली राष्ट्र के प्राचीन मिथकों और जनश्रुतियों को चित्रित करने के लिए ठीक नहीं।
  3. इनके अनुसार पेंटिग की असली भारतीय शैली गैर-पश्चिमी कला परंपराओं पर आधारित होनी चाहिए। और उसे पूर्वी विश्व के आध्यात्मिक तत्व को पकड़ना चाहिए।
  4. ये लोग एशियाई कला आंदोलन खड़ा करने के लिए उसी समय भारत की यात्रा पर आए जापानी कलाकारों से भी प्रभावित थे।

प्रश्न 8.
कुछ कलाकारों ने सस्ती कीमत वाले छपे हुए चित्र क्यों बनाए? इस तरह के चित्रों को देखने से लोगों के मस्तिष्क पर क्या असर पड़ते थे?
उत्तर
सस्ती कीमत वाले छपे हुए चित्र

  1. कुछ कलाकारों ने सस्ती कीमत वाले छपे हुए चित्र बनाए ताकि गरीब लोग भी उन्हें आसानी से खरीद सकें। |
  2. इस तरह के चित्रों को देखने से लोगों के मस्तिष्क पर रचनात्मक प्रभाव पड़ता था।
  3. राष्ट्रवादी विचारों को अभिव्यक्त करने और लोगों को ब्रिटिश शासन के खिलाफ उद्वेलित करने के लिए धार्मिक छवियों का प्रयोग किया गया।

आइए करके देखें

प्रश्न 9.
अपने आसपास मौजूद किसी परंपरागत कला शैली पर ध्यान दें। पता लगाएँ कि पिछले 50 साल के दौरान उसमें क्या बदलाव आए हैं? आप ये भी पता लगा सकते हैं कि इन कलाकारों को किन लोगों से मदद मिलती रही और उनकी कला को कौन लोग देखते हैं? शैलियों और दृश्यों में आए बदलावों पर जरूर ध्यान दें।
उत्तर
छात्र स्वयं करें।

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NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 18 टोपी

These NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 18 टोपी Questions and Answers are prepared by our highly skilled subject experts.

टोपी NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 18

Class 8 Hindi Chapter 18 टोपी Textbook Questions and Answers

कहानी से

प्रश्न 1.
गवरइया और गवरा के बीच किस बात पर बहस हुई और गवरइया को अपनी इच्छा पूरी करने का अवसर कैसे मिला ?
उत्तर:
गवरइया और गवरा के बीच कपड़े पहनने को लेकर बहस हुई। गवरइया का कहना था कि कपड़े मौसम की मार से बचने के लिए भी पहने जाते हैं। गवरइया टोपी पहनना चाहती है। उसे घूरे पर चुगते समय रूई का एक फाहा मिल जाता है। इसी से उसे अपनी इच्छा पूरी करने का अवसर मिल गया।

प्रश्न 2.
गवरइया और गवरे की बहस के तर्कों को एकत्र करें और उन्हें संवाद के रूप में लिखें।
उत्तर:
गवरइया – आदमी को देखते हो ? कैसे रंग-बिरंगे कपड़े पहनते हैं! कितना फबता है उन पर कपड़ा!
गवरा – खाक फबता है! कपड़ा पहन लेने के बाद तो आदमी और बदसूरत लगने लगता है।
गवरइया – लगता है आज लटजीरा चुग आए हो ?

गवरा – कपड़े पहन लेने के बाद आदमी की कुदरती खूबसूरती ढंक जो जाती है। अब तू ही सोच! अभी तो तेरी सुघड़ काया का एक – एक कटाव मेरे सामने है, रोवें-रोवें की रंगत मेरी आँखों में चमक रही है। अब अगर तू मानुस की तरह खुद को सरापा ढंक ले तो तेरी सारी खूबसूरती ओझल हो जाएगी कि नहीं ?

गवरइया – कपड़े केवल अच्छा लगने के लिए नहीं, मौसम की मार से बचने के लिए भी पहनता है आदमी।

गवरा – तू समझती नहीं। कपड़े पहन-पहनकर जाड़ा-गरमी-बरसात सहने की उनकी सकत भी जाती रही है। ……. और कपड़े में बड़ा लफड़ा भी है। कपड़ा पहनते ही पहनने वाले की औकात पता चल जाती है…आदमी-आदमी की हैसियत में भेद पैदा हो जाता है।
[इसी प्रकार बाद में आए संवादों को इसमें जोड़ा जा सकता है। आगे के संवाद छात्र स्वयं लिखें।]

प्रश्न 3.
टोपी बनवाने के लिए गवरइया किस-किस के पास गई? टोपी बनने तक के एक-एक कार्य को लिखें।
उत्तर:
टोपी बनवाने के लिए गवरइया धुनिया, कोरी, बुनकर और दर्जी के पास गई। ये लोग राजा के किसी न किसी काम को बेगार के रूप में कर रहे थे। धनिया को आधा मेहनताना देकर गवरइया ने रूई धुनवाई, कोरी को आधा सूत देने का वायदा करके रूई से सूत कतवा लिया। बुनकर को आधा कपड़ा देने का आश्वासन देकर कपड़ा बुनवा लिया। इसी प्रकार दर्जी को मज़दूरी के तौर पर एक टोपी देने का वायदा करके टोपी सिलवा ली। सबने खुश होकर काम कर दिया; क्योंकि गवरइया ने मुफ्त में किसी से भी काम नहीं कराया था।

प्रश्न 4.
गवरइया की टोपी पर दर्जी ने पाँच फुदने क्यों जड़ दिए?
उत्तर:
दर्जी को मुँह माँगी मजूरी मिल गई थी। उसने खुश होकर टोपी सिल दी और गवरइया की टोपी पर इसीलिए पाँच फुदने भी जड़ दिए।

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 18 टोपी

कहानी से आगे

प्रश्न 1.
किसी कारीगर से बातचीत कीजिए और परिश्रम का उचित मूल्य नहीं मिलने पर उसकी प्रतिक्रिया क्या होगी? ज्ञात कीजिए और लिखिए।
उत्तर:
मैंने एक दरी बनाने वाले से बातचीत की। उसे सत्तर रुपये रोज़ मज़दूरी के रूप में मिलते हैं। उसकी बनाई दरी पर मालिक को एक सौ सत्तर रुपये का लाभ होता है। वहाँ पर दस मज़दूर काम करते हैं। मालिक एक दिन में एक हजार रुपये का लाभ प्राप्त कर लेता है और दस-दस घंटे काम करने वाले मज़दूर को रोटी का जुगाड़ करना भी भारी पड़ता है। इस बात को लेकर दरी बुनने वाले तनाव और दुख से घिरे रहते हैं। जाएँ भी तो कहाँ जाएँ? सब जगह इसी प्रकार शोषण होता है।

प्रश्न 2.
गवरइया की इच्छा पूर्ति का क्रम घूरे पर रूई के मिल जाने से प्रारंभ होता है। उसके बाद वह क्रमशः एक-एक कर कई कारीगरों के पास जाती है और उसकी टोपी तैयार होती है। आप भी अपनी कोई इच्छा चुन लीजिए। उसकी पूर्ति के लिए योजना और कार्य-विवरण तैयार कीजिए।
उत्तर:
मेरी इच्छा डॉक्टर बनने की है। मैं इसके लिए मन लगाकर पढ़ाई कर रहा हूँ। अपने अध्ययन को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए मैंने समय-सारणी बना ली है। में विज्ञान विषयों का गहराई से अध्ययन कर रहा हूँ। जानकारी बढ़ाने के लिए इंटरनेट और अपने विद्यालय की लाइब्रेरी का भी बहुत उपयोग करता हूँ। मुझे विश्वास है कि परीक्षा की योग्यता-सूची में मेरा स्थान अवश्य आ जाएगा। कालिज में भी मन लगाकर पढूंगा ताकि अपने कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकूँ।

प्रश्न 3.
गवरइया के स्वभाव से यह.प्रमाणित होता है कि कार्य की सफलता के लिए उत्साह आवश्यक है। सफलता के लिए उत्साह की आवश्यकता क्यों पड़ती है, तर्क सहित लिखिए।
उत्तर:
कार्य की सफलता के लिए उत्साह जरूरी है। उत्साह से ही व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने की शक्ति मिलती है। जो व्यक्ति पहले ही हताश और निराश हो जाते हैं; सामने खड़ी सफलता भी उनके हाथ नहीं लगती। अपनी मंज़िल तक पहुंचने के लिए धैर्य के साथ आगे तभी बढ़ा जा सकता है; जब व्यक्ति के मन में उत्साह भरा हो। गवरइया के स्वभाव से भी यही प्रमाणित होता है।

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 18 टोपी

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
टोपी पहनकर गवरइया राजा को दिखाने क्यों पहुँची जबकि उसकी बहस गवरा से हुई और वह गवरा के मुँह से अपनी बड़ाई सुन चुकी थी। लेकिन राजा से उसकी कोई बहस हुई ही नहीं थी। फिर भी वह राजा को चुनौती देने को पहुँची। कारण का अनमान लगाइए।
उत्तर:
राजा ने सभी काम करने वालों से मुफ्त में काम कराया था। वह चाहता तो उन्हें मज़दूरी दे सकता था। गवरइया ने सभी को उचित मज़दूरी देकर काम करवाया; इसीलिए उसे खूबसूरत टोपी ओढ़ने के लिए मिली। वह राजा को महसूस कराना चाहती थी कि किसी से मुफ्त में काम लेना बहुत बड़ा अन्याय है। इस प्रकार के अन्याय से काम करने वाला दुखी और नाराज़ रहता है।

प्रश्न 2.
यदि राजा के राज्य के सभी कारीगर अपने-अपने श्रम का उचित मूल्य प्राप्त कर रहे होते तब गवरइया के साथ उन कारीगरों का व्यवहार कैसा होता? ।
उत्तर:
यदि राजा के राज्य के सभी कारीगर अपने-अपने श्रम का उचित मूल्य प्राप्त कर रहे होते तब गवरइया के साथ उनका व्यवहार रूखा न होता। वे अपने श्रम के मूल्य से संतुष्ट होते और गवरइया से भी प्रेमपूर्वक बात करते।

प्रश्न 3.
चारों कारीगर राजा के लिए काम कर रहे थे। एक रजाई बना रहा था। दूसरा अचकन के लिए सूत कात रहा था। तीसरा बागा बुन रहा था। चौथा राजा की सातवीं रानी की दसवीं संतान के लिए झब्ले सिल रहा था। उन चारों ने राजा का काम रोककर गवरइया का काम क्यों किया ?
उत्तर:
राजा श्रम का मूल्य दिये बिना काम करा रहा था। सभी काम करने वाले खीझकर ही काम कर रहे थे। गवरइया ने उनसे आधी मज़दूरी देने का वचन दिया। इसीलिए धुनिया, कोरी, बनुकर और दर्जी ने अपने हाथ का राजा का काम छोड़कर गवरइया का काम किया। वे अपनी उचित मज़दूरी पाकर गवरइया का काम करने को तैयार हो गए।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
गाँव की बोली में कई शब्दों का उच्चारण अलग होता है। उनकी वर्तनी भी बदल जाती है। जैसे गवरइया गौरेया का ग्रामीण उच्चारण है। उच्चारण के अनुसार इस शब्द की वर्तनी लिखी गई। फूंदना, फुलगेंदा का बदला हुआ रूप है। कहानी में अनेक शब्द हैं जो ग्रामीण उच्चारण में लिखे गए हैं, जैसे-मुलुक मुल्क खमा-क्षमा, मजूरी-मजदूरी, मल्लार-मल्हार इत्यादि। आप क्षेत्रीय या गाँव की बोली में उपयोग होने वाले कुछ ऐसे शब्दों को खोजिए और उनका मूल रूप लिखिए, जैसेटेम-टाइम, टेसन/टिसन-स्टेशन।
उत्तर:
टिकस-टिकट, करशाण-किसान, बखत-वक्त, पीसा-पैसा, पलेटफारम- प्लेटफार्म, बजार-बाज़ार, सास्सू-सास, रोट्टी-रोटी।

प्रश्न 2.
मुहावरों के प्रयोग से भाषा आकर्षक बनती है। मुहावरे वाक्य के अंग होकर प्रयुक्त होते हैं। इनका अक्षरशः अर्थ नहीं बल्कि लाक्षणिक अर्थ लिया जाता है। पाठ में अनेक मुहावरे आए हैं। टोपी को लेकर तीन मुहावरे हैं; जैसे- कितनों को टोपी पहनानी पड़ती है। शेष मुहावरों को खोजिए और उनका अर्थ ज्ञात करने का प्रयास कीजिए।
उत्तर:
टोपी से सम्बन्धित मुहावरे-

  1. टोपी सलामत रहना-इज्जत बनी रहना, सम्मान बरकरार रहना।
  2. टोपी उछलना-अपमान होना।

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वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
गवरइया का मन क्या पहनने को करता?
(क) साड़ी
(ख) टोपी।
(ग) कोट
(घ) हार
उत्तर:
(ख) टोपी।

प्रश्न 2.
गवरइया टोपी बनवाने के लिए इनमें से किसके पास नहीं गई?
(क) कोरी
(ख) बुनकर
(ग) राजा
(घ) दर्जी
उत्तर:
(ग) राजा।

प्रश्न 3.
इनमें से मज़दूरी के लिए किसने आधा सूत लिया?
(क) धुनिया
(ख) बुनकर
(ग) कोरी
(घ) दर्जी
उत्तर:
(ग) कोरी।

प्रश्न 4.
गवरइया ने मजदूरी में सबको कितना-कितना भाग दिया?
(क) आधा-आधा
(ख) आधे से कम
(ग) आधे से ज़्यादा
(घ) कुछ नहीं दिया
उत्तर:
(क) आधा-आधा।

प्रश्न 5.
गवरइया को रूई का फाहा कहाँ मिला?
(क) धुनिया के यहाँ
(ख) घूरे पर
(ग) राजा के यहाँ
(घ) घोंसले में
उत्तर:
(ख) घूरे पर।

प्रश्न 6.
दर्जी ने गवरइया की टोपी में कितने फुदने जोड़े?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) पाँच
उत्तर:
(घ) पाँच।

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प्रश्न 7.
दर्जी ने पाँच फँदनों के बदले क्या लिया?
(क) आधा कपड़ा
(ख) कुछ नहीं
(ग) एक टोपी
(घ) एक रुपया
उत्तर:
(ख) कुछ नहीं।

प्रश्न 8.
“मैं तुम्हें पूरी उज़रत दूँगी” गवरइया ने किससे कहा?
(क) कोरी
(ख) दर्जी
(ग) बुनकर
(घ) धुनिया
उत्तर:
(घ) धुनिया।

प्रश्न 9.
“साव करे भाव तो चबाव करे चाकर”-किसने कहा?
(क) बुनकर ने
(ख) दर्जी ने
(ग) धुनिया ने
(घ) राजा ने
उत्तर:
(क) बुनकर ने।

प्रश्न 10.
राजा के चार टहलुये क्या-क्या नहीं कर रहे थे?
(क) सिर पर चम्पी कर रहा था
(ख) हाथ-पाँव की उँगलियाँ फोड़ रहा था
(ग) पाँव दबा रहा था
(घ) पीठ पर मुक्की मार रहा था
उत्तर:
(ग) पाँव दबा रहा था।

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टोपी Summary

पाठ का सार

यह एक गवरा और गवरइया की कथा है। इस कथा में जनता और सत्ता के सम्बन्धों की गुत्थी को बड़े अच्छे ढंग से सुलझाने की कोशिश की है। एक दिन गवरइया ने रंग-बिरंगे कपड़े पहने आदमी को देखा और उसकी प्रशंसा की। गवरा का मानना था कि कपड़े पहनने से आदमी की कुदरती खूबसूरती ढक जाती है। गवरइया का अपना तर्क था कि कपड़े मौसम की मार झेलने के लिए भी पहने जाते हैं। गवरइया को आदमी के सिर पर टोपी अच्छी लगती है। उसने ठान लिया कि वह भी टोपी पहनेगी।

धुन की पक्की गवरइया को घूरे पर चुगते हुए रूई का फाहा मिल गया। गवरा ने उसे टोपी के लिए निराश करने की कोशिश की। गवरइया रूई का फाहा लेकर धुनिया के पास गई। गवरइया रूई धुनने के बदले उसे आधा फाहा देने की बात कहती है। न चाहते हुए भी धुनिया उसे रूई धुनकर दे देता है। उसे कभी आधी मज़दूरी नहीं मिली थी सो उसने मन लगाकर रूई धुन दी। फिर सूत कतवाने की लिए वह कोरी के पास पहुँची। वह राजा की अचकन के लिए सूत कात रहा था। वह आधा सूत देने के बदले कोरी से कताई करा लेती है। उसके जिद करके बुनकर से कपड़ा भी बुनवा लिया। उसे भी मज़दूरी के लिए आधा कपड़ा दे दिया।

जब गवरइया दर्जी के पास पहुँची, वह राजा के दसवें बेटे के लिए ढेरों झब्ले सिलने में व्यस्त था। एक टोपी के बदले एक टोपी सिलने के लिए दर्जी तैयार हो गया। खुश होकर दर्जी ने अपनी तरफ से टोपी पर फंदने भी लगा दिए। गवरइया उस टोपी को पहनकर राजा के महल के कँगूरे पर बैठ गई। राजा उस समय अपने सेवकों से चम्पी करा रहा था। गवरइया चिल्लाई-“मेरे सिर पर टोपी, राजा के सिर पर टोपी नहीं।”

राजा उसकी टोपी देखकर चकराया। राजा ने अपनी टोपी मँगवाकर पहन ली तो गवरया ने अपने पाँच फँदने वाली टोपी का राग अलापना शुरू कर दिया। राजा उसे मरवाना चाहता था किन्तु सबने ऐसा करने से मना कर दिया। एक सिपाही ने गुलेल मारकर गवरइया की टोपी नीचे गिरा दी, राजा ने दर्जी, बुनकर, कोरी और धुनिया को बुलाकर टोपी का रहस्य जानने की कोशिश की। सबने बताया कि उन्हें काम के बदले आधा हिस्सा दिया गया था। राजा ये काम बेगार में करवाता था। गवरइया ने कहा कि राजा कंगाल हो गया है। इसीलिए मेरी टोपी ले ली है। बदनामी से बचने के लिए राजा ने गवरइया की टोपी वापस कर दी, गवरइया कहाँ चूकने वाली थी। वह बोली- “यह राजा तो डरपोक है।” गवरइया के मुँह कौन लगता ? राजा ने चुप्पी साध ली।

शब्दार्थ : भिनसार-सवेरा; खोते-घोंसले; झुटपुटा-कुछ अँधेर कुछ, उजाले का समय; फबता–अच्छा लगता; तपाक-तुरंत; लटजीरा-एक पौधा, चिचड़ा; सरापा-सरसे पाँव तक, सकत-शक्ति, लफड़ा-झंझट, औकात-सामर्थ्य, हैसियत; लिबास-पहनावा; निरा-बिल्कुल; पौंगापन-ढोंग दिखावा; ठाठ उलटना-असलियत प्रकट हो जाना; टोपी उछालना-अपमान करना; टोपी सलामत रहना-इज्जत बनी रहना; टोपी पहनाना-बेवकूफ बनाना; जहाँ चाह वहाँ राह-जहाँ कुछ प्राप्त करने की इच्छा होती है, वहाँ उसका रास्ता भी मिल जाता है; मामूल-हमेशा की तरह; घूरे-कूड़े के ढेर; चाम का दाम चलाना-चमड़े का सिक्का चलाना; अगबग-भौंचक होकर, कारिंदे-सेवक; साब करे भाव तो चबाव करे चाकर-जब बड़े काम की बात करते हैं, उस समय नौकर-चाकर व्यर्थ की बात करते हैं; सेंत-मेंत में-मुफ्त में, गफ़श-घना; दबीज-मोट; झब्ले-बच्चों के कपड़े; कुछ देना न लेना-भर माथे पसीना-बिना मजदूरी लिए मेहनत करना; मूजी-दुष्ट, कंजूस; मनोयोग-मन लगाकर; फुदने-ऊन आदि का फुल; हुलस-उल्लास; टहलुओं-नौकरों, फुलेल-इत्र, फदगुद्दी-गौरैया; राग अलापना-बार-बार कहना; हेठी-अपमान, छोटापन; पखने-पंख, नायाब-बेजोड़; मानिंदा-समान, तरह; बेहतरीन-सबसे बढ़िया; नफासत-सजा-सँवरा, सजावट जुरती-जुड़ती, जुटती, प्राप्त होती; दंडवत-लेटकर प्रणाम करना; उज्र-विरोध, उज़रत-मजदूरी; लशकरी-फौजों वाला, लवाजिमा-सामान; बेपरदा करना-वास्तविकता बता देना; बागा-एक पुराना लम्बा पहनावा।

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