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Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 21 अज्ञातवास
Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers in Hindi Chapter 21
प्रश्न 1.
विराट राजा के राज्य में पांडवों की नियुक्ति किन-किन कार्यों के लिए हुई ?
उत्तर:
युधिष्ठिर-कंक’ नाम से विराट के दरबारी बन गए और राजा के साथ चौपड़ खेलकर दिन बिताने लगे। भीमसेन, ‘बल्लभ’ के नाम से रसोइयों का मुखिया बनकर रहने लगा। वह कभी-कभी मशहूर पहलवानों से कुश्ती लड़कर या हिंस्र जन्तुओं को वश में करके राजा का दिल बहलाया करता था, अर्जुन, स्त्री के वेश में ‘वृहन्नला’ के नाम से रनवास की स्त्रियों, दासियों को नाच गाना सिखाने लगा।
नकुल ‘ग्रंथिक’ के नाम से घोड़ों को साधने, उनकी बीमारियों का इलाज करने और उनकी देखभाल करके राजा को खुश करने लगा। सहदेव ‘तंतिपाल’ के रूप में गाय-बैलों की देखभाल करता रहा। द्रौपदी ‘सैरंध्री’ के नाम से विराट की रानी सुदेष्णा की सेवा सुश्रुषा करती रही।
प्रश्न 2.
कीचक कौन था ?
उत्तर:
कीचक विराट के राजा की पत्नी सुदेष्णा का भाई था। वह बड़ा ही बलिष्ठ और प्रतापी वीर था। मत्स्य देश की सेना का वही नायक बना हुआ था। मत्स्य देश के राज्य में उसकी शक्ति के कारण गहरी पैठ थी। स्वयं राजा विराट भी कीचक से डरते थे।
प्रश्न 3.
कीचक वध का समाचार सुनकर कौरवों ने क्या अनुमान लगाया ?
उत्तर:
कौरवों का अनुमान था कि हो न हो कीचक का वध भीम ने ही किया है। दुर्योधन ने राज्य सभा में यह बात रखी और विराट नगर पर हमला करने की योजना बनाई।
प्रश्न 4.
दुर्योधन विराट नगर पर हमला क्यों करना चाहता था ?
उत्तर:
दुर्योधन की योजना थी कि यदि पांडव विराट के यहाँ हुए तो वे युद्ध करने अवश्य आयेंगे और हम उन्हें पहचान कर पुनः बारह वर्ष के लिए वनवास भेज देंगे।
प्रश्न 5.
दुर्योधन ने विराट नगर को किस प्रकार घेरने की योजना बनाई ?
उत्तर:
यह निश्चय किया गया कि राजा सुशर्मा दक्षिण की ओर से विराट पर हमला करें और जब विराट अपनी सेना लेकर उसका मुकाबला करने जाए तब उत्तर की ओर से दुर्योधन अपनी सेना लेकर अचानक विराट पर छापा मार दे।
प्रश्न 6.
विराट के बंदी बनाए जाने पर युधिष्ठिर ने उसे छुड़ाने के लिए किसे भेजा ?
उत्तर:
विराट को सुशर्मा द्वारा बंदी बनाए जाने पर युधिष्ठिर ने भीम को भेजा और कहा कि तुम अभी जाओ और साधारण लोगों की भाँति रथ पर बैठकर धनुष-वाण से ही युद्ध करना सदा की, भाँति गर्जना करोगे तो तुम पहचान लिए जाओगे। भीम ने विराट को छुड़ा लिया और सुशर्मा को बंदी बनाकर ले आया।
प्रश्न 7.
राजकुमार उत्तर के डर का क्या कारण था ?
उत्तर:
विराट के राजा तो सुशर्मा से युद्ध करने गए थे तभी सुशर्मा को देखकर राजकुमार उत्तर डर गए। अर्जुन ने वृहन्नला के रूप में ही उत्तर को साथ लेकर तथा उसे सारथि बनाकर युद्ध क्षेत्र की ओर प्रस्थान किया। उत्तरा ने रथ को कौरव सेना के सामने ला खड़ा किया।
प्रश्न 8.
कौरव सेना के सामने पहुँचकर अर्जुन ने क्या किया ?
उत्तर:
अर्जुन ने अपना गांडीव संभाल लिया और उस पर डोरी चढ़ाकर तीन बार जोर से टंकार की। कौरव सेना के सचेत होने से पहले ही अर्जुन ने खड़े होकर शंख की ध्वनि की जिससे कौरव सेना थर्रा उठी। उसमें खलबली मच गई कि पांडव आ गए।
Bal Mahabharat Katha Class 7 Summary in Hindi Chapter 21
सब अपना-अपना वेश बदलकर राजा विराट के यहाँ चाकरी करने लगे। पांडव अपनी-अपनी पसंद के कार्यों में नियुक्त कर दिए गए। युधिष्ठिर ‘कंक’ नाम से विराट के दरबारी बन गए। भीसेन ‘बल्लभ’ नाम से रसोइयों का मुखिया बनकर रहने लगा। अर्जुन स्त्री के वेश में ‘वृहन्नला’ के नाम से रनवास की स्त्रियों खासकर विराट की कन्या उत्तरा और उसकी सहेलियों को नाच गाना सिखाने लगा। नकुल ‘ग्रंथिक’ नाम से घोड़ों को साधने, उनकी बीमारियों का इलाज करने और उनकी देखभाल करने में अपनी चतुरता का परिचय देते हुए राजा को खुश करता रहा। सहदेव ‘तंतिपाल’ के रूप में गाय-बैलों की देखभाल करता रहा। पांचाल राजा की पुत्री द्रौपदी दूसरी रानियों की आज्ञाकारिणी दासी बन गई। वह सैरंध्री के नाम से विराट की पत्नी की सेवा में लग गई।
रानी सुदेष्णा का भाई कीचक बड़ा ही बलिष्ठ और प्रतापी वीर था। अपने कुल के लोगों को साथ लेकर वास्तविक रूप से मत्स्यदेश का शासन वही चला रहा था। विराट कीचक के ही कहे अनुसार कार्य करता था। कौरवों ने अज्ञातवास के दौरान पांडवों की खोज करनी शुरू कर दी। तभी उनको कीचक वध का पता चला। दुर्योधन का अनुमान था कि यह काम भीम ही कर सकता है। राज सभा में दुर्योधन ने अपनी शंका प्रकट की। अंत में विराट नगर पर आक्रमण करने का निश्चय किया। उनका मानना था कि यदि पांडव वहाँ हुए तो विराट नगर की ओर से हमसे लड़ने अवश्य आयेंगे तब उनको पहचान कर बारह वर्ष का और वनवास हो जाएगा। तब यह निश्चय किया गया कि विराट के राज्य पर सुशर्मा दक्षिण की ओर से हमला करे और उत्तर की ओर से दुर्योधन हमला करे ओर विराट नगर पर छापा मार दें। सुशर्मा ने दक्षिण की ओर हमला करके झुंड के झुंड गायों को अपने कब्जे में ले लिया। युधिष्ठिर ने विराट के राजा को सांत्वना देते हुए कहा-‘राजन चिंता न करेंगे। मैं भी अस्त्र विद्या सीखा हुआ हूँ। मैंने सोचा कि आपके रसोइये बल्लभ, अश्वपाल, ग्रंथिक और तंतिपाल भी बड़े कुशल योद्धा हैं। मैं कवच पहनकर रथारूढ़ होकर युद्ध क्षेत्र में जाऊँगा। आप भी उनको आज्ञा दें कि वे भी रथारूढ़ हो मेरे साथ चलें। अर्जुन को छोड़कर चारों वीर सुशर्मा की सेना से लड़ने चल पड़े। राजा सुशर्मा और विराट की सेना में भयंकर युद्ध हुआ। राजा विराट को बंदी बना लिया। युधिष्ठिर ने भीमसेन से कहा कि तुम सामान्य योद्धा की तरह जाओ और अभी सुशर्मा को छुड़ाकर लाओ। भीमसेन ने बाणों की वर्षा करते हुए शीघ्र ही विराट को छुड़ा लिया और सुशर्मा को कैद कर लिया। विराट नगर में विजय उत्सव मनाया गया। तभी उत्तर की ओर से दुर्योधन ने आक्रमण कर भारी तबाही मचा दी। इधर वृहन्नला के रूप में अर्जुन राजकुमार उत्तर को लेकर दुर्योधन से मुकाबला करने के लिए पहुंच गया। अर्जुन ने उत्तर को सारथी के स्थान पर बैठाकर रास उसके हाथ में दे दी। अर्जुन ने कौरव सेना के सामने रथ ला खड़ा किया। उसने अपना गांडीव सँभाल लिया और उस पर डोरी चढ़ाकर तीन बार जोर से टंकार की। कौरव-सेना टंकार-ध्वनि से सचेत हो भी न पाई थी कि अर्जुन ने खड़े होकर शंखनाद कर दिया। कौरव सेना में खलबली मच गई कि पांडव आ गए।