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Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 20 यक्ष-प्रश्न
Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers in Hindi Chapter 20
प्रश्न 1.
अपने मृत पड़े भाइयों को देखकर युधिष्ठिर की कैसी दशा हुई ?
उत्तर:
असह्य शोक के कारण युधिष्ठिर की आँखों से अविरल आँसू बहने लगे। युधिष्ठिर विलाप कर रहे थे कि तभी उसने देखा उसके भाइयों के शरीर पर किसी प्रकार के चोट के निशान नहीं थे। युधिष्ठिर ने सोचा की शायद यह कोई मायाजाल है या दुर्योधन की कोई और चाल।।
प्रश्न 2.
मनुष्य का सबसे बड़ा साथी कौन होता है ?
उत्तर:
भनुष्य का सबसे बड़ा साथी धैर्य होता है क्योंकि धैर्य से काम लेने वाला व्यक्ति बड़ी से बड़ी मुसीबत को भी आसानी से झेल लेता है।
प्रश्न 3.
यक्ष ने युधिष्ठिर के उत्तरों से संतुष्ट होकर क्या किया ?
उत्तर:
यक्ष ने युधिष्ठिर के उत्तरों से संतुष्ट होकर उसके एक भाई को जीवित करने की बात कही।
प्रश्न 4.
युधिष्ठिर ने अपने कौन से भाई को जीवित करने के लिए कहा ? और क्यों?
उत्तर:
युधिष्ठिर ने अपने सबसे छोटे भाई नकुल को जीवित करने के लिए यक्ष से कहा। युधिष्ठिर का मानना था कि एक पुत्र माद्री का भी जीवित हो उठे तो कुंती व माद्री का एक-एक पुत्र तो रहेगा।
प्रश्न 5.
यक्ष ने सभी पांडवों को जीवित क्यों किया ?
उत्तर:
यक्ष युधिष्ठिर की न्यायप्रियता से बहुत प्रसन्न हुआ। उसने अपने भाई भीम या अर्जुन की अपेक्षा माद्रीपुत्र नकुल का जीवन दान माँगा।
प्रश्न 6.
वनवास के दौरान पांडवों ने क्या-क्या उपलब्धियाँ प्राप्त की ?
उत्तर:
वनवास के दौरान अर्जुन ने इंद्र से दिव्यास्त्र प्राप्त किए, भीमसेन ने फूलों वाले सरोवर के पास हनुमान से भेंट कर और उनका आलिंगन प्राप्त करके अपनी शक्ति को दस गुना बढ़ा लिया। मायावी सरोवर के पास युधिष्ठिर ने स्वयं धर्मदेव के दर्शन किए।
प्रश्न 7.
अज्ञातवास में पांडवों ने कहाँ जाना उचित समझा और क्यों ?
उत्तर:
अज्ञातवास में पांडवों ने विराट नगर जाना उचित समझा क्योंकि मत्स्याधिराज राजा विराट बड़े शक्ति सम्पन्न थे। वे दुर्योधन की बातों में भी आने वाले नहीं थे।
Bal Mahabharat Katha Class 7 Summary in Hindi Chapter 20
युधिष्ठिर अपने भाइयों को तलाश करते-करते उसी तालाब पर जा पहुँचा जहाँ उसके भाई मृत अवस्था पड़े हुए थे। शोक के कारण उनकी आँखों से आँसू बह निकले। युधिष्ठिर ने अपने भाइयों के शरीर को देखकर सोचा यह तो कोई मायाजाल-सा लगता है क्योंकि आसपास किसी शत्रु के पाँवों के निशान तक नहीं हैं। युधिष्ठिर भी प्यास के कारण तालाब में पानी पीने के लिए उतरने लगा तो वही वाणी उसे भी सुनाई दी। युधिष्ठिर को लगा कि यह कोई यक्ष बोल रहा है। युधिष्ठिर से यक्ष ने कहा कि पहले मेरे प्रश्नों का उत्तर दो बाद में जल ग्रहण करना। युधिष्ठिर ने यक्ष से कहा कि आप प्रश्न कर सकते हैं। यक्ष ने पहला प्रश्न किया-
प्रश्न 1.
मनुष्य का साथ कौन देता है ?
उत्तर:
धैर्य ही मनुष्य का साथी होता है।
प्रश्न 2.
कौन-सा शास्त्र (विद्या) है, जिसका अध्ययन करके मनुष्य बुद्धिमान बनता है।
उत्तर:
कोई भी शास्त्र ऐसा नहीं है। महान लोगों की संगति से ही मनुष्य महान बनता है।
प्रश्न 3.
भूमि से भारी क्या चीज है ?
उत्तर:
संतान को कोख में धारण करने वाली माता भूमि से भी भारी होती है।
प्रश्न 4.
आकाश से भी ऊँचा कौन है ?
उत्तर:
पिता।
प्रश्न 5.
हवा से भी तेज चलने वाला कौन है ?
उत्तर:
मन।
प्रश्न 6.
घास से भी तुच्छ कौन-सी चीज होती है ?
उत्तर:
चिंता।
प्रश्न 7.
विदेश जाने वाले का कौन साथी होता है ?
उत्तर:
विद्या।
प्रश्न 8.
घर में ही रहने वाले का कौन साथी होता है ?
उत्तर:
पत्नी।
प्रश्न 9.
मरणासन्न वृद्ध का मित्र कौन होता है ?
उत्तर:
दान, क्योंकि वही मृत्यु के बाद अकेले चलने वाले जीव के साथ-साथ चलता है।
प्रश्न 10.
बर्तनों में सबसे बड़ा कौन-सा है ?
उत्तर:
बर्तनों में सबसे बड़ा बर्तन भूमि है जिसमें सब कुछ समा जाता है।
प्रश्न 11.
सुख क्या है ?
उत्तर:
सुख व चीज है जो शील और सच्चरित्रता पर स्थित है।
प्रश्न 12.
किसके छूट जाने से मनुष्य सर्वप्रिय बनता है ?
उत्तर:
अहंभाव के छूट जाने पर।
प्रश्न 13.
किस चीज के खो जाने से दुःख नहीं होता है ?
उत्तर:
क्रोध के खो जाने पर।
प्रश्न 14.
किस चीज को गवाँकर मनुष्य धनी बनता है ?
उत्तर:
लालच को।
प्रश्न 15.
संसार में सबसे बड़े आश्चर्य की बात क्या है ?
उत्तर:
प्रतिदिन आँखों के सामने कितने ही प्राणी मृत्यु को प्राप्त होते हैं फिर भी बचे हुए ये सोचते हैं कि वे अमर हैं। यही महान आश्चर्य की बात है।
इस प्रकार यक्ष ने अनेक प्रश्न किए और युधिष्ठिर ने सबके उत्तर देकर यक्ष को संतुष्ट कर दिया। यक्ष बोला कि हे राजन्! मैं तुम्हारे मृत भाइयों में से किसी एक को जीवित कर सकता हूँ। युधिष्ठिर ने कहा कि यदि ऐसा है तो मेरा छोटा भाई नकुल जी उठे। यक्ष ने पूछा युधिष्ठिर दस हजार हाथियों के बल वाले भीम को छोड़कर तुमने नकुल को जीवित करवाना क्यों ठीक समझा। युधिष्ठिर ने कहा कि मैं कुंती पुत्र हूँ और मैं चाहता हूँ कि एक पुत्र माद्री का भी जीवित हो उठे। यक्ष ने प्रसन्न होकर युधिष्ठिर के चारों भाइयों को जीवित कर दिया। यक्ष ने आशीर्वाद देते हुए कहा कि अब अज्ञातवास में तुम्हें कोई नहीं पहचान सकेगा। तुम्हारा अज्ञातवास सफलतापूर्वक पूरा होगा। इतना कहकर धर्मदेव अंर्तध्यान हो गए।
वनवास के दौरान सभी कार्य सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गए। अर्जुन ने इन्द्रदेव से दिव्य अस्त्र प्राप्त कर लिए। हनुमान से भेंट के बाद भीम और अधिक शक्तिशाली हो गया। युधिष्ठिर ने धर्मदेव के दर्शन कर लिए। युधिष्ठिर ने ब्राह्मणों की अनुमति लेकर उनको नगर लौटने को कहकर पांडव एकांत वन में चले गए और आगे के कार्यक्रम पर विचार करने लगे। अज्ञातवास में कहाँ रहा जाए ? इस प्रश्न पर अर्जुन ने अपनी राय दी कि मत्स्य देश में जाकर रहना ठीक रहेगा। इस देश के अधीश राजा विराट हैं। विराट नगर बहुत ही सुंदर व समृद्ध है। युधिष्ठिर ने कहा कि ठीक है वह बहुत शक्तिशाली है और दुर्योधन की बातों में भी आने वाला नहीं है। अतः सबने वहीं जाकर रहने का निर्णय लिया।