These NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant & Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 29 चौथा, पाँचवां और छठा दिन are prepared by our highly skilled subject experts.
Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 29 चौथा, पाँचवां और छठा दिन
Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers in Hindi Chapter 29
प्रश्न 1.
चौथे दिन के युद्ध का क्या परिणाम रहा ?
उत्तर:
चौथे दिन के युद्ध में शल्य का पुत्र मारा गया। भीमसेन ने दुर्योधन के आठ भाइयों को मार दिया। दुर्योधन के वार से भीमसेन मूर्छित-सा होकर रथ पर बैठ गया।
प्रश्न 2.
घटोत्कच को क्रोध क्यों आया ? उसने क्रोध में आकर क्या किया ?
उत्तर:
अपने पिता भीमसेन को मूर्छित देख घटोत्कच को बहुत क्रोध आया। उसने कौरव सेना पर ऐसा आक्रमण किया कि वह युद्ध भूमि में टिक न सकी। भीष्म ने युद्ध बंद करा दिया और सेना को लौटा दिया।
प्रश्न 3.
धृतराष्ट्र व्यथित क्यों हो गए थे ?
उत्तर:
धृतराष्ट्र को संजय पल-पल की खबर सुना रहा था। युद्ध में अपने पुत्रों की मृत्यु व सेना की भारी तबाही सुनकर धृतराष्ट्र का हृदय व्यथित हो गया।
प्रश्न 4.
छठे दिन के युद्ध में अर्जुन ने किस प्रकार युद्ध किया ?
उत्तर:
छठे दिन के युद्ध में अर्जुन ने कौरव सेना के हजारों सैनिकों को युद्ध में मार दिया। इस दिन जन-हानि बड़ी संख्या में हुई। अंत में द्रोण ने भारी तबाही मचाई जिससे पांडव सेना के पाँव उखड़ गए।
प्रश्न 5.
छठे दिन का युद्ध देखकर युधिष्ठिर का मन आशंकित क्यों हो रहा था ?
उत्तर:
छठे दिन जन-हानि बहुत हुई। इस दिन का युद्ध बहुत ही भंयकर था। धृष्टद्युम्न और भीमसेन जब सकुशल शिविर लौट गए तो युधिष्ठिर ने राहत की साँस ली।
Bal Mahabharat Katha Class 7 Summary in Hindi Chapter 29
चौथे दिन के युद्ध में शल्य का पुत्र मारा गया। भीमसेन ने दुर्योधन के आठ भाइयों को मार दिया। दुर्योधन के एक वार से भीमसेन मूर्छित सा होकर रथ पर बैठ गया। घटोत्कच ने जब यह देखा तो उसने क्रोध में आकर भयंकर युद्ध किया। घटोत्कच के सामने कौरव सेना टिक न सकी। भीष्म ने युद्ध बंद कर दिया और सेना को लौटा दिया। अपने मरे भाइयों के कारण दुर्योधन बहुत दुःखी था। उधर संजय धृतराष्ट्र को हर पल की खबर सुना रहा था। सुबह होने पर फिर दोनों सेनाएँ युद्ध के मैदान में पहुंच गईं। सूरज डूबते ही भीष्म ने युद्ध बंद करने की आज्ञा दे दी। छठे दिन भी इसी प्रकार की जन-हानि होने लगी। अंत में द्रोण ने ऐसी तबाही मचाई की पांडव सेना के पैर उखड़ गए। दुर्योधन इस दिन के युद्ध में घायल हो गया। सूर्यास्त होने पर युद्ध बंद हो गया।