Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 3 अंबा और भीष्म

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Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 3 अंबा और भीष्म

Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers in Hindi Chapter 3

प्रश्न 1.
चित्रांगद कौन था ? उसकी मृत्यु कैसे हुई ?
उत्तर:
चित्रांगद सत्यवती का ज्येष्ठ पुत्र था। वह बहुत ही वीर और स्वार्थी था। एक बार किसी गंधर्व के साथ युद्ध में उसकी मृत्यु हो गई।

प्रश्न 2.
विचित्रवीर्य के विवाह योग्य होने पर भीष्म ने क्या किया ?
उत्तर:
जब विचित्रवीर्य विवाह के योग्य हुए तो भीष्म को उसके विवाह की चिंता हुई। भीष्म को खबर लगी की काशीराज की कन्याओं का स्वयंवर होने वाला है। भीष्म स्वयंवर में पहुंच गए और बलपूर्वक विचित्रवीर्य के लिए काशीराज की तीनों कन्याओं का हरण कर लाए।

प्रश्न 3.
स्वयंवर में राजकुमारों ने भीष्म की हँसी क्यों उड़ाई थी ?
उत्तर:
सभी जानते थे कि भीष्म ने आजीवन ब्रह्मचारी रहने की प्रतिज्ञा की थी। भीष्म को स्वयंवर में देखा राजकुमारों ने सोचा कि ये स्वयंवर में भाग लेने आए हैं। उनको लगा कि इन्होंने जो प्रतिज्ञा की थी वह झूठी है।

प्रश्न 4.
भीष्म और शाल्व के बीच युद्ध क्यों हुआ ?
उत्तर:
शाल्व काशीराज की बड़ी कन्या अंबा से प्रेम करते थे। भीष्म ने अंबा का भी हरण कर लिया था। शाल्व ने भीष्म को रोकने के लिए युद्ध किया परन्तु वह युद्ध में पराजित हो गया। काशीराज की कन्याओं की प्रार्थना पर उसे जीवित छोड़ दिया गया।

Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 3 अंबा और भीष्म

प्रश्न 5.
जब विवाह मंडप में जाने का समय आया तो काशीराज की बड़ी बेटी अंबा ने भीष्म को एकांत में ले जाकर क्या कहा?
उत्तर:
काशीराज की बेटी अंबा ने भीष्म को एकांत में ले जाकर बोली गांगेय, मैंने अपने मन में सोमदेश के राजा शाल्व को अपना पति मान लिया था। इसी बीच आप बलपूर्वक मुझे यहाँ ले आए। मेरे मन की बात जानने के बाद आप जो उचित समझे, करें।

प्रश्न 6.
अंबा की शाल्व को अपना पति स्वीकार करने की बात सुनकर भीष्म ने क्या किया ?
उत्तर:
भीष्म ने उचित प्रबंध करके अंबा को शाल्व के पास भेज दिया। अंबा ने शाल्व को सारा वृतांत सुनाया। शाल्व ने अंबा को यह कहकर अस्वीकार कर दिया कि भीष्म ने मुझे युद्ध में पराजित किया है और बलपूर्वक तुम्हारा हरण करके ले गया। ऐसी स्थिति में मैं तुमसे विवाह कैसे कर सकता हूँ।

प्रश्न 7.
भीष्म से बदला लेने के लिए अंबा ने क्या प्रयास किए ?
उत्तर:
भीष्म से बदला लेने के लिए अंबा कई राजाओं के पास गई परन्तु किसी में भी इतना साहस नहीं था कि वे भीष्म के साथ युद्ध कर सकें।

प्रश्न 8.
अंबा परशुराम के पास क्यों गई ?
उत्तर:
भीष्म से अपना प्रतिशोध लेने के लिए वह परशुराम के पास गई क्योंकि परशुराम ही इतना पराक्रमी था जो भीष्म को हराने की शक्ति रखता था। भीष्म और परशुराम में भयंकर युद्ध हुआ। इस युद्ध में परशुराम की पराजय हुई।

प्रश्न 9.
अंबा ने भीष्म से किस प्रकार प्रतिशोध लिया ?
उत्तर:
अंबा ने वन में जाकर तपस्या प्रारंभ कर दी। वह अपने तपोबल से स्त्रीरूप छोड़कर पुरुष बन गई। उसने अपना नाम शिखंडी रख लिया। जब कौरव और पांडवों के बीच कुरुक्षेत्र में युद्ध हुआ तो भीष्म के साथ युद्ध लड़ते हुए शिखंडी अर्जुन के रथ के आगे बैठा था। भीष्म को यह बात मालूम थी कि शिखंडी ही अंबा है अतः उन्होंने उस पर बाण चलाना अपनी वीरोचित प्रतिष्ठा के विरुद्ध समझा। शिखंडी को आगे करके अर्जुन ने भीष्म पितामह पर हमला करके विजय प्राप्त की। इस प्रकार अंबा ने अपना प्रतिशोध ले लिया।

Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 3 अंबा और भीष्म

Bal Mahabharat Katha Class 7 Summary in Hindi Chapter 3

सत्यवती के बड़े पुत्र गंधर्वो के साथ युद्ध में मारे जाने पर विचित्रवीर्य गद्दी पर बैठे। उनकी आयु उस समय बहुत छोटी थी अतः राज-काज भी भीष्म को ही संभालना पड़ा। विचित्रवीर्य के विवाह योग्य होने पर भीष्म को उनके विवाह की चिंता हुई। उन्हें खबर लगी कि काशीराज की कन्याओं का स्वयंवर होने वाला है। भीष्म भी स्वयंवर में पहुंच गए। भीष्म को वहाँ देखकर सभी राजाओं में चर्चा होने लगी कि इन्होंने जीवन भर ब्रह्मचारी रहने की प्रतिज्ञा की थी। क्या वह झूठी थी, काशीराज की कन्याओं ने भी भीष्म की अवहेलना की। भीष्म इस अवहेलना को सह न सके। वे बलपूर्वक काशीराज की तीनों कन्याओं को रथ में बैठाकर चल पड़े। शाल्व ने भीष्म का पीछा करके उनको रोकने का प्रयत्न किया। भीष्म और शाल्व के बीच भीषण युद्ध हुआ। भीष्म ने शाल्व को हरा दिया परन्तु काशीराज की कन्याओं की प्रार्थना पर उसको जीवित छोड़ दिया। हस्तिनापुर पहुँचकर जब भीष्म विचित्रवीर्य के साथ विवाह के लिए काशीराज की पुत्रियों को विवाह मंडप में लाने लगे तो काशीराज की बड़ी बेटी अंबा ने भीष्म को एकांत में बुलाकर कहा कि मैं राजा शाल्व से प्रेम करती हूँ। मैंने उनको अपना पति मान लिया है। भीष्म ने अंबा को शाल्व के पास भेज दिया परन्तु शाल्व ने यह कह दिया कि भीष्म ने सभी राजाओं के सामने मुझे परास्त करके तुम्हारा हरण किया था, अब मैं तुम्हें कैसे स्वीकार कर सकता हूँ। इसके बाद अंबा हस्तिनापुर लौट आई। विचित्रवीर्य भी अंबा के साथ विवाह को तैयार नहीं हुए। अंबा ने भीष्म से कहा कि अब आप ही मेरे साथ विवाह करें परन्तु भीष्म ने अपनी प्रतिज्ञा के बारे में बताया कि वह किसी के साथ विवाह नहीं कर सकते। अंबा इस प्रकार हस्तिनापुर और सौम्य देश के बीच ठोकरें खाती रही। उसके मन में प्रतिहिंसा की आग जलने लगी। भीष्म से बदला लेने के लिए वह अनेक राजाओं के पास गई परन्तु कोई भी भीष्म के साथ युद्ध करने को तैयार नहीं हुआ। अंबा ने अपनी करुण कहानी परशुराम को सुनाई। परशुराम ने भीष्म के साथ भीषण युद्ध किया परन्तु वह हार गए। इसके बाद अंबा ने वन में जाकर तपस्या शुरू कर दी। तप के प्रभाव से पुरुष बन गई और अपना नाम शिखंडी रखा। वह जब कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध हुआ तो शिखंडी ने अर्जुन का सारथी बनकर भीष्म से अपना प्रतिशोध लिया। भीष्म ने शिखंडी पर बाण चलाना अपनी वीरोचित प्रतिष्ठा के खिलाफ समझा। इसी बीच अर्जुन ने भीष्म पर बाणों से प्रहार करके विजय प्राप्त की।

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