Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 4 विदुर

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Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 4 विदुर

Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers in Hindi Chapter 4

प्रश्न 1.
विदुर कौन थे ? उनका स्वभाव कैसा था ?
उत्तर:
विदुर विचित्रवीर्य की रानी अंबालिका की दासी के पुत्र थे। वे धर्मशास्त्र एवं राजनीति के पंडित थे। वह बड़े निःस्पृह थे। क्रोध उनको छू तक नहीं गया था।

प्रश्न 2.
विदुर ने धृतराष्ट्र द्वारा दुर्योधन को जुआ खेलने की अनुमति दिए जाने पर क्या किया ?
उत्तर:
विदुर ने धृतराष्ट्र से आग्रहपूर्वक निवेदन किया कि जुए के खेल से आपके बेटों में आपस में वैरभाव बढ़ेगा। आप इस खेल को रोक दीजिए।

प्रश्न 3.
धृतराष्ट्र ने दुर्योधन को रास्ते पर लाने के लिए क्या किया ?
उत्तर:
धृतराष्ट्र ने दुर्योधन को समझाते हुए कहा कि विदुर बड़ा बुद्धिमान है. वह हमेशा हमारा भला चाहता है। उसका कहा मानने में हमारी भलाई है। वत्स! जुआ खेलने का विचार छोड़ दो।

प्रश्न 4.
विदुर युधिष्ठिर के पास क्यों गए। युधिष्ठिर ने विदुर की बात को स्वीकार क्यों नहीं किया ?
उत्तर:
विदुर युधिष्ठिर के पास इसलिए गए ताकि जुए के खेल को रुकवाया जा सके। युधिष्ठिर विदुर की बातों से सहमत थे परन्तु वे अपने काका धृतराष्ट्र के प्रस्ताव को भी टाल नहीं सकते थे। उनका कहना था कि युद्ध या खेल के लिए बुलाए जाने पर न जाना क्षत्रिय का धर्म नहीं है। यह कहकर युधिष्ठिर क्षत्रिय कुल की मर्यादा रखने के लिए जुआ खेलने गए।

Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 4 विदुर

Bal Mahabharat Katha Class 7 Summary in Hindi Chapter 4

विचित्रवीर्य की रानी अंबालिका की दासी की कोख से धर्मदेव का जन्म हुआ। वह ही आगे चलकर विदुर के नाम से प्रसिद्ध हुए। धर्मशास्त्र और राजनीति का उनको अथाह ज्ञान था। वे बहुत ही बुद्धिमान व विनम्र थे। उनके विवेक तथा ज्ञान से प्रभावित होकर भीष्मपितामह ने उन्हें धृतराष्ट्र का प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया। जिस समय धृतराष्ट्र ने दुर्योधन को जुआ खेलने की अनुमति दी, विदुर ने धृतराष्ट्र को आग्रहपूर्वक समझाया था कि जुआ खेलने से आपके पुत्रों में वैरभाव बढ़ेगा। धृतराष्ट्र ने विदुर की बात से प्रभावित होकर दुर्योधन को बहुत समझाया परन्तु वह बिल्कुल न माना। जब धृतराष्ट्र पर विदुर का वश नहीं चला तो वे युधिष्ठिर के पास गए और उनको जुआ खेलने से रोकने का प्रयत्न किया। युधिष्ठिर ने विदुर से कहा कि मैं आपकी बात से पूरी तरह सहमत हूँ परन्तु जब काका धृतराष्ट्र बुलाएँ तो मैं कैसे इंकार करूँ।

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