Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 6 भीम

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Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 6 भीम

Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers in Hindi Chapter 6

प्रश्न 1.
दुर्योधन पांडवों से ईर्ष्या क्यों करता था ?
उत्तर:
पांडव बल बुद्धि में कौरवों से अधिक थे। उनके बल एवं बुद्धि को देखकर दुर्योधन को ईर्ष्या होती थी।

प्रश्न 2.
सभी राजकुमार किससे शिक्षा ग्रहण करते थे ?
उत्तर:
अतः सभी राजकुमार कृपाचार्य से अस्त्र-विद्या के साथ-साथ अन्य विद्याएँ भी सीखते थे।

प्रश्न 3.
एक बार कौरवों ने भीम को रास्ते से हटाने के लिए क्या चाल चली ?
उत्तर:
कौरवों ने आपस में सलाह की कि भीम को गंगा में डुबोकर मार डाला जाए और युधिष्ठिर व अर्जुन आदि को कैद कर लिया जाए। ऐसा करके पूरे राज्य पर उनका अधिकार हो जाएगा।

प्रश्न 4.
भीम को उन्होंने किस प्रकार गंगा में डुबोया ?
उत्तर:
पहले तो सभी लोग खेलते रहे व नदी में नहाते रहे फिर उन्होंने भोजन किया। दुर्योधन ने भीम के भोजन में विष मिला दिया। भीम को विष के कारण गहरा नशा हो गया। वह गंगा किनारे ही गिर पड़ा। दुर्योधन ने उसके हाथ-पैर लताओं से बाँधकर उसे गंगा में बहा दिया।

प्रश्न 5.
कुंती ने विदुर को बुलाकर क्या कहा ? विदुर ने कुंती को क्या सलाह दी?
उत्तर:
कुंती ने विदुर को बुलाकर दुर्योधन के व्यवहार के बारे में बताया कि किस प्रकार उसने अपने भाइयों के साथ मिलकर भीम को विष दिया व फिर गंगा में डुबो दिया। विदुर ने कुंती से कहा कि इस बात को अपने मन में ही रखना अन्यथा दुर्योधन और अधिक द्वेष करने लगेगा।

प्रश्न 6.
भीम के उत्तेजित हो जाने पर युधिष्ठिर ने उसको क्या सलाह दी ?
उत्तर:
युधिष्ठिर ने भीम से कहा कि अभी समय नहीं आया है तुम्हें अपने आपको संयमित रखना है। इस समय हम पाँचों भाइयों को यही करना है कि किसी प्रकार एक दूसरे की रक्षा करते हुए बचे रहे।

Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 6 भीम

Bal Mahabharat Katha Class 7 Summary in Hindi Chapter 6

पांडव और कौरव हस्तिनापुर में साथ-साथ रहने लगे। शरीरबल में पांडु पुत्र भीम सबसे बलशाली था। वह दुर्योधन एवं उसके भाइयों को खूब तंग किया करता था। दुर्योधन एवं उसके भाइयों के मन में भीम के प्रति द्वेष भाव था। सभी बालकों को कृपाचार्य के पास शस्त्र विद्या सीखने के लिए भेज दिया। शस्त्रविद्या में पांडव कौरवों से आगे थे। दुर्योधन पांडवों को हर प्रकार से नीचा दिखाने का प्रयास किया करता था। एक बार कौरवों ने निश्चय किया कि भीम को गंगा में डुबोकर मार डाला जाए। उन्होंने भीम के भोजन में विष मिला दिया। पहले सभी खूब खेले और फिर थककर सो गए। भीम को विष के कारण गहरा नशा हो गया। कौरवों ने भीम को लताओं से बाँधकर गंगा नदी में बहा दिया। दुर्योधन मन ही मन खुश हुआ। पांडव अपने भाई भीम को ढूंढते रहे परन्तु उसका कहीं कोई पता नहीं लगा। वे निराश होकर अपने महल को लौट आए। तभी झूमता हुआ भीम चला आ रहा था। कुंती ने भीम को अपने गले से लगा लिया। यह हाल देखकर कुंती बहुत चिंतित हुई उसने विदुर को बुलाकर कहा कि दुर्योधन कोई चाल चल रहा है। राज्य के लोभ में वह भीम को मार डालना चाहता है। विदुर ने कुंती को समझाते हुए कहा कि तुम्हारा कहना सही है परन्तु अब चुप रहने में ही कुशलता है इस बात को अपने तक ही सीमित रखो। दुर्योधन की निंदा करोगी तो उसका द्वेष और बढ़ेगा। इस घटना से भी बहुत उत्तेजित हो गया। युधिष्ठिर ने उसको समझाया कि अभी समय नहीं आया है। तुम्हें अपने आपको संभालना है और किसी प्रकार एक दूसरे की रक्षा करते हुए बचे रहना है।

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