These NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 13 एक तिनका Questions and Answers are prepared by our highly skilled subject experts.
एक तिनका NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 13
Class 7 Hindi Chapter 13 एक तिनका Textbook Questions and Answers
कविता से
प्रश्न 1.
नीचे दी गई कविता की पंक्तियों को सामान्य वाक्य में बदलिए।
जैसे-एक तिनका आँख में मेरी पड़ा-मेरी आँख में एक तिनका पड़ा।
मूंठ देने लोग कपड़े की लगे-लोग कपड़े की मुंठ देने लगे।
(क) एक दिन जब मैं मुंडेरे पर खड़ा था-………………….
(ख) आँख लाल होकर दुखने लगी-……………..
(ग) ऐंठ बेचारी दबे पाँवों भागी-……………………………..
(घ) जब किसी ढब से निकल तिनका गया-…….
उत्तर:
(क) एक दिन जब में मुंडेर पर खड़ा था।
(ख) आँख लाल होकर दुखने लगी।
(ग) बेचारी ऐंठ दबे पाँवों भगी।
(घ) जब किसी ढब से तिनका निकल गया।
प्रश्न 2.
‘एक तिनका’ कविता में किस घटना की चर्चा की गई है, जिससे घमंड नहीं करने का संदेश मिलता है?
उत्तर:
इस कविता में अहंकार में डूबे कवि की आँख में तिनका गिरने की घटना की चर्चा की गई है क्योंकि इस घटना के बाद कवि का सारा अहंकार जाता रहा।
प्रश्न 3.
आँख में तिनका पड़ने के बाद घमंडी की क्या दशा हुई ?
उत्तर:
आँख में तिनका पड़ने के बाद घमंडी बेचैन हो गया। वह आँख को रगड़ने लगा। इससे उसकी आँख लाल होकर दुखने लगी। घमंडी ने तब सोचा कि तेरी अकड़ निकालने के लिए तो एक तिनका ही काफी है।
प्रश्न 4.
घमंडी की आँख से तिनका निकालने के लिए उसके आस-पास के लोगों ने क्या किया ?
उत्तर:
उसके आस-पास खड़े लोगों ने कपड़े की गूंठ बनाई। वे उस मूंठ को मुँह की भाप से गर्म करके घमंडी की आँख को सेंकने लगे। मूंठ की सिकाई से आँख का तिनका निकल गया और आँख की पीड़ा भी कम हो गई।
प्रश्न 5.
‘एक तिनका’ कविता में घमंडी को उसकी ‘समझ’ ने चेतावनी दी-
ऐंठता त किसलिए इतना रहा,
एक तिनका है बहुत तेरे लिए।
इसी प्रकार की चेतावनी कबीर ने भी दी है-
तिनका कबहूँ न निदिए, पाँव तले जो होय।
कबहूँ उड़ि आँखिन परै, पीर घनेरी होय।।
इन दोनों में क्या समानता है और क्या अंतर? लिखिए।
उत्तर:
कबीर के कथन और अयोधसिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ के कथन में यह समानता है कि दोनों ने तिनके को तुच्छ बताया और कहा कि एक छोटा सा तिनका भी आँख में गिरने पर बहुत पीड़ा दे सकता है। इन दोनों की बात में यह अंतर है कि कबीर तिनके के माध्यम से किसी की उपेक्षा न करने की बात कहता है और हरिऔध जी तिनके के माध्यम से अहंकार न करने की चेतावनी देते हैं।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
इस कविता को कवि ने ‘मैं’ से आरंभ किया है- ‘मैं घमंडों में भरा ऐंठा हुआ’। कवि का यह ‘मैं’ कविता पढ़नेवाले व्यक्ति से भी जुड़ सकता है और तब अनुभव यह होगा कि कविता पढ़नेवाला व्यक्ति अपनी बात बता रहा है। यदि कविता में ‘मैं’ की जगह ‘वह’ या कोई नाम लिख दिया जाए, तब कविता के वाक्यों में बदलाव आ जाएगा। कविता में ‘मैं’ के स्थान पर ‘वह’ या कोई नाम लिखकर वाक्यों के बदलाव को देखिए और कक्षा में पढ़कर सुनाइए?
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 2.
नीचे दी गई पंक्तियों को ध्यान से पढ़िए-
ऐंठ बेचारी दबे पाँवों भगी,
तब ‘समझ’ ने यों मुझे ताने दिए।
इन पंक्तियों में ‘ऐंठ’ और ‘समझ’ शब्दों का प्रयोग सजीव प्राणी की भाँति हुआ है। कल्पना कीजिए, यदि ‘ऐंठ’ और ‘समझ’ किसी नाटक में दो पात्र होते तो उनका अभिनय कैसा होता ?
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 3.
नीचे दी गई कबीर की पंक्तियों में तिनका शब्द का प्रयोग एक से अधिक बार किया गया है। इनके अलग-अगल अर्थों की जानकारी प्राप्त करें।
उठा बबूला प्रेम का, तिनका उड़ा अकास।
तिनका-तिनका हो गया, तिनका तिनके पास।।
उत्तर:
पहले तिनके का अर्थ आत्मा, दूसरे तिनके का अर्थ खंड-खंड है।
तीसरे तिनका का अर्थ है – जिनका 2-अर्थात ईश्वर का।
चौथे तिनके का अर्थ है – जिनके अर्थात् ईश्वर के।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
‘किसी ढब से निकलना’ का अर्थ है किसी ढंग से निकलना। ‘ढब से’ जैसे कई वाक्यांशों से आप परिचित होंगे, जैसे धम से वाक्यांश है लेकिन ध्वनियों में समानता होने के बाद भी ढब से और धम से जैसे वाक्यांशों के प्रयोग में अंतर है। ‘धम से’, ‘छप से’ इत्यादि का प्रयोग ध्वनि द्वारा क्रिया को सूचित करने के लिए किया जाता है। नीचे कुछ ध्वनि द्वारा क्रिया को सूचित करने वाले वाक्यांश और कुछ अधूरे वाक्य दिए गए हैं। उचित वाक्यांश चुनकर वाक्यों के खाली स्थान भरिए-
छप से, टप से, थर्र से, फुर्र से, सन् से
(क) मेंढक पानी में …………. कूद गया।
(ख) नल बंद होने के बाद पानी की एक बूंद …………. चू गई।
(ग) शोर होते ही चिड़िया ……… उड़ी।
(घ) ठंडी हवा …………. गुजरी, मैं ठंड में …………. काँप गया।
उत्तर:
(क) मेंढक पानी में छप से कूद गया।
(ख) नल बंद होने के बाद पानी की एक बूंद टप से चू.गई।
(ग) शोर होते ही चिड़िया फुर्र से उड़ गई।
(घ) ठंडी हवा सन् से गुज़री, मैं ठंड में थर्र से काँप गया।
कविता की सप्रसंग व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
मैं घमंडों ……………………. बहुत तेरे लिए।
शब्दार्थ : ऐंठना-अकड़ दिखाना; मूँठ देना-कपड़े को मोल गाँठ-सी बनाकर मुँह की भाप से उसको गर्म कर आँख सेंकने की एक विधि; ढब-तरीका, उपाय।
प्रसंग- प्रस्तुत कविता ‘एक तिनका’ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘बसंत भाग-2’ में संकलित है। इस कविता में बताया है कि हमें अहंकार नहीं करना चाहिए। एक तुच्छ-सी वस्तु भी हमारे अहंकार को तोड़ने के लिए काफी है।
व्याख्या- कवि बताता है कि एक दिन मैं मन में अहंकार लिए अपने घर की छत पर खड़ा हुआ था। मैं अपने आपको बहुत शक्तिशाली समझता था। तभी अचानक कहीं दूर से एक तिनका उड़ता हुआ आया और मेरी आँख में गिर गया। आँख में तिनका गिरने से मुझे झिझक हुई और मैं बेचैन हो उठा। मेरी आँख लाल हो गई और दुखने लगी। मेरी आँख के दर्द को दूर करने के लिए पास खड़े लोग कपड़े की गांठ को मुँह की भाप से गर्म करके मेरी आँख की सिकाई करने लगे। मेरी सारी ऐंठ निकल गई। पता नहीं कैसे-कैसे करके मेरी आँख से तिनका निकाला गया। मेरी समझ ने मुझको ताने दिए कि तू बहुत अकड़वाला बनता था। तू इतना किसलिए ऐंठता था एक तिनके ने तेरी सारी अकड़ निकाल दी।
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
कवि कहाँ खड़ा हुआ था जब उसकी आँख में तिनका गिरा?
उत्तर:
कवि अपने घर की मुंडेर पर खड़ा था जब उसकी आँख में एक तिनका उड़कर गिर गया।
प्रश्न 2.
तिनका आँख में गिरने पर कवि की कैसी दशा हो गई ?
उत्तर:
कवि बेचैन हो उठा। उसकी आँख लाल होकर दुखने लगी। लोग उसकी आँख को कपड़े की पूँठ देकर सिकाई करने लगे।
प्रश्न 3.
आँख से तिनका किस प्रकार निकाला गया ?
उत्तर:
वहाँ खड़े लोगों ने तरह-तरह के यत्न करके किसी तरह से आँख से तिनका निकाल दिया।
प्रश्न 4.
इस कविता से हमें क्या सीख मिलती है ?
उत्तर:
इस कविता से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अहंकार नहीं करना चाहिए एक तुच्छ-सी वस्तु या छोटा और कमजोर-सा शत्रु भी हमको पीड़ा दे सकता है।