These NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 5 मीठाईवाला Questions and Answers are prepared by our highly skilled subject experts.
मीठाईवाला NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 5
Class 7 Hindi Chapter 5 मीठाईवाला Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
मिठाईवाला अलग-अलग चीजें क्यों बेचता था और वह महीने बाद क्यों आता था ?
उत्तर:
बच्चे अलग-अलग चीज़ों को पसंद करते हैं। उनको खिलौने भी चाहिए और मिठाई भी तथा मन बहलाने के लिए मुरली भी चाहिए। वह एक बार में एक चीज ही लाता है। तब तक दूसरी चीज बनकर तैयार हो जाती है। मिठाईवाला बच्चों की इच्छा का पूरा ध्यान रखता है। वह बच्चों के लिए चीजें तैयार कराता है इसलिए वह महीनों बाद आता है।
प्रश्न 2.
मिठाईवाले में वे कौन से गुण थे जिनकी वजह से बच्चे तो बच्चे, बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे?
उत्तर:
मिठाईवाले में वे सभी गुण थे जिनकी अपेक्षा बच्चे करते हैं।
- मिठाईवाले के हृदय में बच्चों के प्रति वात्सल्य भाव भरा हुआ था।
- मिठाईवाले का स्वर बहुत ही मधुर था, उसकी आवाज़ सुनकर बच्चे दौड़े चले आते थे।
- वह बहुत ही सस्ती चीजें बेचता था जिनको हर बच्चा खरीदा सकता था। जिन बच्चों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होती थी उनको वह मुफ्त में ही दे देता था।
- वह बच्चों को यह तरीका भी बताता था कि माँ से पैसे कैसे लिए जाएँ।
प्रश्न 3.
विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरलीवाला एक विक्रेता। दोनों अपने-अपने पक्ष के समर्थन में क्या तर्क पेश करते हैं ?
उत्तर:
विजय बाबू एक ग्राहक और मुरलीवाला एक विक्रेता। विजय बाबू का मानना था कि सभी फेरीवाले झूठे व मक्कार होते हैं। वे सबको समान दर पर ही चीजें बेचते हैं परंतु ग्राहक पर अहसान जताने के लिए कहते हैं कि बस आपके लिए यह वस्तु इतने की है। मुरलीवाला कहता है कि ग्राहक को यह पता नहीं होता कि इस वस्तु पर कितनी लागत आई है। वह सोचता है कि वह उसे लूट रहा है। यदि दुकानदार हानि उठाकर भी चीजें बेचे तो भी ग्राहक को लगता है कि वह उससे अधिक पैसे ले रहा है। ग्राहक दुकानदार की बातों का विश्वास नहीं करता।
प्रश्न 4.
खिलौनेवाले के आने पर बच्चों की क्या प्रतिक्रिया होती थी ?
उत्तर:
जब खिलौनेवाला आता था तो उसकी आवाज सुनकर बच्चे खिलौने लेने दौड़ पड़ते थे। वे ऐसे दौड़ते थे कि किसी की टोपी गली में गिर पड़ती। किसी का जूता पार्क में ही छूट जाता और किसी की सोथनी (पाजामा) ही ढीली होकर लटक जाती। इस तरह दौड़ते-हाँफते बच्चे खिलौनेवाले के पास पहुँच जाते। बच्चे खिलौने लेकर उछल-कूद मचाने लगाते थे।
प्रश्न 5.
रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण क्यों हो आया ?
उत्तर:
खिलौनेवाला भी इसी प्रकार गा-गाकर खिलौने बेच रहा था जैसे मुरली बेचनेवाला। दोनों के स्वर में एक जैसी मिठास थी। इसलिए रोहिणी को लगा कि मुरली बेचनेवाला वही है जो पहले खिलौने बेचने आया था।
प्रश्न 6.
किसकी बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था? उसने इन व्यवसायों को अपनाने का क्या कारण बताया?
उत्तर:
रोहिणी की बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया। उसने इस व्यवसाय को इसलिए अपनाया ताकि वह बच्चों में अपने बच्चों की छवि देख सके। मिठाई बेचना, मुरली बेचना और खिलौने बेचना बच्चों से जुड़ा व्यवसाय था। इन सब चीजों के खरीदार बच्चे ही थे। इसलिए उसने इस व्यवसाय को अपनाया।
प्रश्न 7.
‘अब इस बार ये पेसे न लूँगा’-कहानी के अंत में मिठाईवाले ने ऐसा क्यों कहा ?
उत्तर:
चुन्नू-मुन्नू जब रोहिणी से लिपटकर मिठाई माँगने लगे तो मिठाईवाले को उन दोनों बच्चों में अपने बच्चों की छवि नजर आई। वह पैसा कमाने के लिए तो मिठाई बेच नहीं रहा था। इसलिए उसने पैसे लेने से मना कर दिया। रोहिणी के द्वारा उसके जीवन से जुड़ी बातें पूछने पर वह बहुत भावुक हो गया था।
प्रश्न 8.
इस कहानी में रोहिणी चिक के पीछे से बात करती है। क्या आज भी औरतें चिक के पीछे से बात करती हैं? यदि करती हैं तो क्यों? आपकी राय में क्या यह सही है ?
उत्तर:
आज कम ही ऐसे परिवार होंगे जहाँ पर्दा प्रथा है। आजकल तो गाँवों में भी पर्दा प्रथा समाप्त हो गई है। पहले इस प्रकार पर्दा किया जाता था क्योंकि तब स्त्रियाँ निरक्षर हुआ करती थीं। स्त्रियों को मुस्लिम परिवारों के प्रभाव के कारण पर्दे में ही रखा जाता था। स्त्रियों का इस प्रकार पर्दे में रहना उचित नहीं है। आज स्त्रियाँ पुरुषों के समान सभी कार्य करती हैं यदि वे पर्दे में रहेंगी तो कैसे काम करेंगी।
कहानी से आगे
प्रश्न 1.
मिठाईवाले के परिवार के साथ क्या हुआ होगा ? सोचिए और इस आधार पर एक और कहानी बनाइए?
उत्तर:
इस प्रकार की घटनाएँ भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय बहुत घटी थीं। इस दौरान लोग अपने परिवारों से बिछुड़ गए थे। यह घटना भी तब की हो सकती है। हो सकता है मिठाईवाले का परिवार किसी दुर्घटना का शिकार हो गया हो।
प्रश्न 2.
हाट-मेले, शादी आदि आयोजनों में कौन-कौन सी चीजें आपको सबसे ज्यादा आकर्षित करती हैं ? उनको सजाने-बनाने में किसका हाथ होगा ? उन चेहरों के बारे में लिखिए।
उत्तर:
हाट-मेले, शादी आदि के आयोजनों में रंग-बिरंगे वस्त्र, खिलौने व खाने-पीने की चीजें बहुत आकर्षित करती हैं। बच्चे हाट-मेले से खिलौने और बाँसुरी आदि चीजें खरीदने के लिए मचलते हैं। खाने की चीजों में मिठाई व चाट पकौड़ी पसंद करते हैं। उनको सजाने बनाने में विभिन्न कारीगरों का हाथ होता है। उन कारीगरों के चेहरे तब खिल उठते हैं जब लोग उनके द्वारा बनी वस्तुएँ खरीदते हैं एवं उनकी प्रशंसा करते हैं।
प्रश्न 3.
इस कहानी में मिठाईवाला दूसरों को प्यार और खुशी देकर अपना दुःख कम करता है ? इस मिज़ाज की और कहानियाँ, कविताएँ ढूंढिए और पढ़िए।
उत्तर:
छात्र अपने पुस्तकालय से ऐसी बालोपयोगी पुस्तकें लेकर पढ़ें। चंपक, नंदन, बाल भारती, बालहंस जैसी पत्रिकाओं में भी आपको ऐसी अनेक कहानियाँ मिलेंगी।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
आपकी गलियों में कई अजनबी फेरीवाले आते होंगे। आप उनके बारे में क्या-क्या जानते हैं ? अगली बार जब आपकी गली में कोई फेरीवाला आए तो उससे बातचीत कर जानने की कोशिश कीजिए।
उत्तर:
नोट-छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 2.
आपके माता-पिता के जमाने से लेकर अब तक फेरी की आवाजों में कैसा बदलाव आया है ? बड़ों से पूछकर लिखिए।
उत्तर:
पहले की अपेक्षा आज फेरीवाले कम हो गए हैं।
प्रश्न 3.
आपको क्या लगता है-वक्त के साथ फेरी के स्वर कम हुए हैं ? कारण लिखिए।
उत्तर:
अब जगह-जगह दुकानें व बाजार खुल गए हैं। लोग फेरीवालों से सामान न लेकर इन बाजारों से ही खरीदारी करते हैं।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
ऊपर ‘वाला’ का प्रयोग है। अब बताइए कि-
(क) ‘वाला’ से पहले आने वाले शब्द संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि में से क्या हैं ?
(ख) ऊपर लिखे वाक्यांशों में उनका क्या प्रयोग है ?
उत्तर:
(क) वाला से पहले आने वाले शब्द संज्ञा भी हैं और क्रिया भी।
(ख) मिठाईवाला में मिठाई संज्ञा है। संज्ञा के साथ ‘वाला’ जुड़ने से यह शब्द विशेषण बना है। ‘बोलने वाली गुड़िया’ में ‘बोलना’ क्रिया है परंतु इसके साथ ‘वाली’ जुड़ने से यह शब्द गुड़िया का विशेषण हो गया।
प्रश्न 2.
“अच्छा मुझे ज्यादा वक्त नहीं, जल्दी से दो ठो निकाल दो।”
- उपर्युक्त वाक्य में ‘ठो’ के प्रयोग की ओर ध्यान दीजिए। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार की भाषाओं में इस शब्द का प्रयोग संख्यावाची शब्द के साथ होता है, जैसे, भोजपुरी में-एक ठो लइका, चार ठे आलू, तीन ठे बटुली।
- ऐसे शब्दों का प्रयोग भारत की कई अन्य भाषाओं/बोलियों में भी होता है। कक्षा में पता कीजिए कि किस-किस की भाषा-बोली में ऐसा है। इस पर सामूहिक बातचीत कीजिए।
उत्तर:
इस प्रकार के प्रयोग अन्य जगह भी होते हैं :
जैसे- चार नग सामान
चार अदद सामान।
प्रश्न 3.
“वे भी जान पड़ता है पार्क में खेलने निकल गए हैं।”
“क्यों भई किस तरह देते हो मुरली ?”
दादी चुन्नू-मुन्नू के लिए मिठाई लेनी है। जरा कमरे में चलकर ठहराओ।
भाषा के ये प्रयोग आजकल पढ़ने-सुनने में नहीं आते। आप ये बातें कैसे कहेंगे
उत्तर:
- यह मालूम होता है, पार्क में खेलने चले गए होंगे ?
- क्यों भाई : कितने में बेचते हो मुरली ?
- दादी चुन्नू-मुन्नू के लिए मिठाई खरीदनी है, जरा कमरे में जाकर बैठाओ।
कुछ करने को
प्रश्न 1.
फेरीवालों की दिनचर्या कैसी होती होगी ? उनका घर-परिवार कहाँ होगा ? उनकी जिंदगी में किस प्रकार की समस्याएँ और उतार-चढ़ाव आते होंगे ? यह जानने के लिए तीन-तीन के समूह में छात्र-छात्राएँ कुछ प्रश्न तैयार करें और फेरीवालों से बातचीत करें। प्रत्येक समूह अलग-अलग व्यवसाय से जुड़े फेरीवालों से बात करें।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 2.
इस कहानी को पढ़कर क्या आपको यह अनुभूति हुई कि दूसरों को प्यार और खुशी देने से अपने मन का दुःख कम हो जाता है ? समूह में बातचीत कीजिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 3.
अपनी कल्पना की मदद से मिठाईवाले का चित्र शब्दों के माध्यम से बनाइए।
उत्तर:
मिठाईवाला अधेड़ उम्र का व्यक्ति है उसके सिर पर पगड़ी तथा चेहरे पर बड़ी-बड़ी मूंछे हैं। परिस्थितियों के कारण मिठाई वाले के चेहरे पर समय से पहले ही झुर्रियाँ दिखाई देने लगी हैं। मिठाईवाला जब बच्चों को देखता है तो उसके चेहरे पर प्रसन्नता झलकने लगती है। वह अपने सिर पर एक बड़ी-सी पोटली बाँधकर रखता है जिसमें तरह-तरह की मिठाइयाँ हैं। उसके कंधे पर भी एक झोली लटक रही है जिसमें बच्चों के लिए भी कुछ वस्तुएँ हैं।
गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण-संबंधी प्रश्नोत्तर
1. मुरलीवाला हर्ष-गद्गद ………………. लाद रहे हो।”
प्रश्न 1.
मुरलीवाला किस हर्ष से गद्गद हो गया था ?
उत्तर:
मुरलीवाले ने जब बच्चों को देखा तो वह हर्ष से गद्गद हो गया।
प्रश्न 2.
मुरलीवाले के पास कितनी मुरलियाँ थीं? वह कितने पैसे में मुरली बेच रहा था ?
उत्तर:
मुरलीवाले के पास सत्तावन मुरलियाँ थीं, वह दो-दो पैसे में मुरली बेच रहा था।
प्रश्न 3.
विजय बाबू क्यों मुस्करा दिए ?
उत्तर:
विजय बाबू मुरलीवाले की इस बात पर मुस्करा दिए कि वैसे तो तीन पैसे की मुरली है परंतु आपको दो पैसे की ही लगेगी।
प्रश्न 4.
विजय बाबू ने मुरलीवाले को यह क्यों कहा कि तुम्हारी झूठ बोलने की आदत होती है ?
उत्तर:
अक्सर सभी दुकानदार ग्राहक पर एहसान जताते हैं कि हम आपको सस्ता दे रहे हैं। विजय बाबू ने मुरलीवाले को भी आम फेरी लगाने वालों की तरह समझा।
2. मुरलीवाला एकदम …………… तब मुझे इस भाव पड़ी हैं।”
प्रश्न 1.
मुरलीवाला अप्रतिम (उदास) क्यों हो उठा ?
उत्तर:
विजय बाबू की यह बात सुनकर कि तुम देते सब को मुरली दो पैसे की हो परंतु मुझे तीन की बताकर मेरे ऊपर एहसान जताना चाहते हो। विजय बाबू की इस बात से मुरली वाला अप्रतिभ हो गया।
प्रश्न 2.
‘अप्रतिभ’ शब्द का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
अप्रतिभ शब्द का अर्थ है उदास, लज्जाशील।
प्रश्न 3.
मुरलीवाले ने एक हजार मुरलियाँ कितने की बनवाईं थीं ?
उत्तर:
मुरलीवाले ने एक हजार मुरलियाँ बीस रुपये की बनवाईं थीं।
3. अतिशय गंभीरता के …………….. ऐसा जान पड़ता।
प्रश्न 1.
मिठाईवाले की आर्थिक स्थिति कैसी थी ?
उत्तर:
मिठाईवाले की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी थी। वह अपने नगर का एक प्रतिष्ठित व्यक्ति था। उसके पास वह सभी कुछ था जो एक धनी व्यक्ति के पास होता है।
प्रश्न 2.
मिठाई वाले का परिवार कैसा था ?
उत्तर:
मिठाईवाले के परिवार में उसकी सुंदर स्त्री व दो बहुत ही सुंदर बच्चे थे। उसका परिवार हँसता खेलता था।
प्रश्न 3.
मिठाईवाला मिठाई क्यों बेचता है ?
उत्तर:
मिठाईवाले का परिवार अब इस दुनिया में नहीं है। वह बच्चों के लिए मिठाई लाता है। ऐसा करके कहीं न कहीं वह अपने बच्चों की छवि उन बच्चों में देख लेता है और उसको ऐसा करके अपार संतोष की प्राप्ति होती है।
मीठाईवाला Summary
कहानी का सार
एक व्यक्ति बहुत ही मीठे स्वर में आवाज लगाकर खिलौने बेच रहा था। उसकी मधुर आवाज को सुनकर उसके चारों ओर बच्चे इकट्ठे हो जाते। वे अपनी तोतली बोली में उससे खिलौने माँगते। राय विजय बहादुर के बच्चे भी एक दिन खिलौने लेकर घर आए। खिलौने काफी सस्ते थे। यकीन नहीं होता था कि वह इतने सस्ते कैसे दे गया।
छह महीने बाद फिर नगर में एक मुरलीवाले के आने का समाचार फैला। वह मुरली बजाकर दो-दो पैसे में मुरली बेचता था। उसका स्वर बहुत ही मधुर था। वह जिस गली में भी जाता बच्चों का झुंड उसे घेर लेता। विजय बहादुर ने भी उससे अपने बच्चों के लिए मुरली खरीदी। उसने इनकी लागत पूछी जो उसने बताया कि मुझे ये दो पैसे में ही पड़ी है। मुरली वाला बच्चों को उनकी इच्छानुसार मुरलियाँ दे रहा था।
विजय बहादुर की पत्नी रोहिणी मुरली वाले की सारी बातें सुन रही थी। उसे लगा कि बच्चों से इतना प्यार करने वाला कोई फेरीवाला आज तक नहीं आया। धीरे-धीरे काफी दिन बीत गए। लगभग आठ महीने बाद गली में मिठाई बेचने वाले की मधुर आवाज सुनाई दी। वह फेरी देकर मिठाई बेच रहा था। साथ ही अपनी मिठाइयों की तारीफ भी कर रहा था। रोहिणी को मिठाई वाले का स्वर कुछ परिचित सा लगा। उसने अपनी सास से कहकर उसे बुलवा लिया। वह स्वयं चिक की ओट में बैठ गई और उसकी बातें सुनने लगी। उसकी सास ने उसके साथ मोल-भाव किया। रोहिणी उसकी बातों को सुनकर अपनी सास से बोली कि जरा इनसे. पूछो ये पहली बार आए हैं या इससे पहले भी कुछ बेचने आए हैं। मिठाई वाले ने बताया कि मैं पहले खिलौने और फिर मुरली बेचने आया था। रोहिणी ने प्रश्न किया, “भला तुम्हें इस व्यवसाय में क्या मिलता है ?” उसने उत्तर दिया मुझे इस व्यवसाय में असीम सुख मिलता है। रोहिणी के पूछने पर मिठाई वाले ने अपनी पूरी कहानी बताई कि वह नगर का एक प्रतिष्ठित व्यक्ति था। उसके पास नौकर-चाकर, घोड़ा-गाड़ी सब कुछ था। उसकी बहुत ही सुंदर स्त्री व दो बच्चे थे। मेरा घर बहुत ही सुखी था। अब उनमें से कोई नहीं है। उन बच्चों की खोज में निकला हूँ। कहीं न कहीं तो उन्होंने जन्म लिया ही होगा। मुझे ऐसा लगता है कि शायद मेरे बच्चे यहीं कहीं हैं और इन्हीं बच्चों में खेल रहे हैं। इन बच्चों में मुझे अपने बच्चों की झलक मिल जाती है। रोहिणी ने मिठाई वाले की ओर देखा, उसकी आँखें आँसुओं से तर थीं। रोहिणी ने भीतर से पैसे दिए। मिठाई वाले ने पेटी उठाते हुए कहा कि अब इस बार ये पैसे न लूँगा।” मिठाईवाला चला गया।
शब्दार्थः अंतापी-अंदर ही अंदर फैला हुआ; पुलकित-प्रसन्न; मृदुल-मीठा; अप्रतिभ-प्रतिभाहीन/उदास/लज्जाशील; दस्तूर-रिवाज़; स्नेहसिक्त-स्नेह में भीगी हुई/वात्सल्यपूर्ण; संशय-शक; विस्मयादि-आश्चर्य के अस्थिर-चंचल; असीम-जिसकी कोई सीमा न हो; हरजा-नुकसान; वैभव-खुशहाली/ऐश्वर्य; सजीव-जीता जागता; अतिशय-बहुत अधिक।