These NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 6 रक्त और हमारा शरीर Questions and Answers are prepared by our highly skilled subject experts.
रक्त और हमारा शरीर NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 6
Class 7 Hindi Chapter 6 रक्त और हमारा शरीर Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
रक्त के बहाव को रोकने के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर:
रक्त के बहाव को रोकने के लिए उस स्थान पर साफ कपड़ा बाँध देना चाहिए। ऐसा करने से रक्त शीघ्र रुक जाएगा। यदि जख्म गहरा है तो घायल को लेकर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
प्रश्न 2.
खून को ‘भानुमती का पिटारा’ क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
जिस प्रकार भानुमती के पिटारे में असंख्य चीजें होती हैं उसी प्रकार हमारे खून में भी असंख्य कण होते हैं। इन कणों को सूक्ष्मदर्शी यंत्र के द्वारा ही देखा जा सकता है।
प्रश्न 3.
एनीमिया से बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर:
एनामिया से बचन के लिए हमें पीष्टिक आहार लेना चाहिए। हम सभी वादय वस्तओं को परीमपाईने दी खाना चाहिए। साबुन से हाथों को अच्छी प्रकार धोना चाहिए। पेट में कीड़े न हों इसलिए पूरी सफाई रखनी चाहिए।
प्रश्न 4.
पेट में कीड़े क्यों हो जाते हैं? इनसे किस प्रकार बचा जा सकता है?
उत्तर:
दूषित जल के पीने और खाद्य पदार्थों के स्वच्छ न होने से पेट में कीड़े हो जाते हैं। इनसे बचने के लिए पूरी सफाई से बनाए गए खाद्य पदार्थ ही ग्रहण करने चाहिए। भोजन करने से पूर्व हाथ अच्छी तरह से धोएं और साफ पानी ही पिएँ। शौच के लिए शौचालय का ही प्रयोग करें और इधर-उधर नंगे पैर न घूमें।
प्रश्न 5.
रक्त के सफेद कणों को ‘वीर सिपाही’ क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
जब हमारे शरीर पर रोगाणु धावा बोलने की कोशिश करते हैं तो सफेद कण डटकर उनसे मुकाबला करते हैं और रोगाणुओं को यथासंभव भीतर घर नहीं करने देते। इसलिए सफेद कणों को ‘वीर सिपाही’ कहा जाता है।
प्रश्न 6.
ब्लड बैंक में रक्तदान से क्या लाभ हैं?
उत्तर:
प्रायः हर अस्पताल में ब्लड बैंक होता है। जहाँ सभी प्रकार के रक्त-समूहों का रक्त तैयार रखा जाता है। आपातस्थिति में इन ब्लड बैंकों का रक्त ही रोगी के काम आता है। ब्लड बैंक में रक्तदान करने से रोगी को समय पर रक्त मिल जाता है इस प्रकार उसका जीवन बचाया जा सकता है। रक्तदान करने वाले व्यक्ति को आपातस्थिति में आसानी से रक्त मिल जाता है।
प्रश्न 7.
साँस लेने पर शुद्ध वायु से जो ऑक्सीजन प्राप्त होती है, उसे शरीर के हर हिस्से में कौन पहुँचाता है-
सफेद कण, साँस नली, लाल कण, फेफड़े
उत्तर:
लाल कण
पाठ से आगे
प्रश्न 1.
रक्त में हीमोग्लोबिन के लिए किस खनिज की आवश्यकता पड़ती है-
जस्ता, लोहा, शीशा, प्लैटिनम
उत्तर:
लोहा
प्रश्न 2.
बिंबाणु (प्लेटलैट कण) की कमी किस बीमारी में पाई जाती है-
टाइफायड, डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया
उत्तर:
डेंगू
भाषा की बात
प्रश्न 1.
(क) चार महीने के होते-होते ये नष्ट हो जाते हैं-
इस वाक्य को ध्यान से पढ़िए। इस वाक्य में ‘होते-होते’ के प्रयोग से यह बताया गया है कि चार महीने से पूर्व ही ये नष्ट हो जाते हैं। इस तरह के चार वाक्य बनाइए जिनमें इन शब्दों का प्रयोग हो-
बनते-बनते, पहुँचते-पहुँचते, लेते-लेते, करते-करते
उत्तर:
बनते-बनते – मुकेश के विवाह की बात बनते-बनते बिगड़ गई।
पहुँचते-पहुँचते – रेलवे स्टेशन पहुँचते-पहुँचते आठ बज गए।
लेते-लेते – सामान लेते-लेते रात के आठ बज गए।
करते-करते – परिश्रम करते-करते सफलता मिल ही गई।
(ख) इन प्रयोगों को पढ़िए-
सड़क के किनारे-किनारे पेड़ लगे हैं।
आज दूर-दूर तक वर्षा होगी।
- इन वाक्यों में होते-होते’ की तरह ‘किनारे-किनारे’ और ‘दूर-दूर’ शब्द दोहराए गए हैं। पर हर वाक्य में अर्थ भिन्न है। किनारे-किनारे का अर्थ है-किनारे से लगा हुआ और दूर-दूर का-बहुत दूर तक।
- आप भी निम्नलिखित शब्दों का प्रयोग करते हुए वाक्य बनाइए और उनके अर्थ लिखिए-
ठीक-ठीक, घड़ी-घड़ी, कहीं-कहीं, घर-घर, क्या-क्या
उत्तर:
- ठीक-ठीक – अच्छी तरह
मुझे ठीक-ठीक याद नहीं यह बात कर की हैं। - घड़ी-घड़ी – हर समय
वह मुझे घड़ी-घड़ी परेशान करता रहता है? - कहीं-कहीं – बहुत कम
जंगल में शेर कहीं-कहीं दिखाई देते हैं। - घर-घर – प्रत्येक घर
वह घर-घर घूमा परन्तु कहीं कुछ न मिला। - क्या-क्या- सभी प्रयत्न करना
नौकरी के लिए उसने क्या-क्या नहीं किया?
प्रश्न 2.
इस पाठ में दिए गए मुहावरों और कहावतों को पढ़िए और वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
भानुमती का पिटारा, दस्तक देना, धावा बोलना, घर करना, पीठ ठोकना
उत्तर:
- भानुमती का पिटारा-हमारे विद्यालय का पुस्तकालय भानुमती का पिटारा है, जिसमें हर तरह की पुस्तकें हैं।
- दस्तक देना-कमजोर शरीर में रोग जल्दी दस्तक देते हैं?
- धावा बोलना-सैनिकों ने शत्रु सेना पर धावा बोल दिया।
- घर करना-यदि स्वास्थ्य का समुचित ध्यान न रखा जाए तो शरीर में रोग घर कर लेते हैं।
- पीठ ठोकना-कक्षा में प्रथम आने पर पिता जी ने मेरी पीठ ठोकी।
कुछ करने को
प्रश्न 1.
अपने परिवार के अट्ठारह वर्ष से पचास वर्ष तक की आयु वाले सभी स्वस्थ सदस्यों को रक्तदान के लिए प्रेरित कीजिए और समय आने पर स्वयं भी रक्तदान करने का संकल्प लीजिए।
प्रश्न 2.
शरीर-रचना का चित्र देखकर उसमें रक्त-संचार क्रिया को ठीक-ठीक समझिए।
प्रश्न 3.
नीचे दिए गए प्रश्नों के बारे में जानकारी एकत्र कीजिए-
(क) ब्लू बेबी क्या है?
(ख) रक्त के जमाव की क्रिया में बिंबाणु (प्लेटलैट) का कार्य क्या है?
(ख) रक्तदान के लिए कम-से-कम कितनी उम्र होनी चाहिए?
(ख) कितने समय बाद दोबारा रक्तदान किया जा सकता है?
(ख) क्या स्त्री का रक्त पुरुष को चढ़ाया जा सकता है?
प्रश्न 4.
शरीर के किसी अंग में अचानक रक्त-संचार रुक जाने से क्या-क्या परिस्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं?
उत्तर:
शरीर के किसी अंग में अचानक रक्त-संचार रुक जाने से कमजोरी महसूस हो सकती है। हृदयाघात (हार्ट अटैक) हो सकता है। शरीर निस्तेज हो जाता है।
गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण-संबंधी प्रश्नोत्तर
1. ‘देखने में रक्त ……………………. प्लाज्मा में तैरते रहते हैं।’
प्रश्न 1.
रक्त के कितने भाग होते हैं?
उत्तर:
मोटे तौर पर रक्त के दो भाग होते हैं। एक भाग तरल होता है जिसे हम प्लाज़्मा कहते हैं, दूसरे भाग को बिंबाणु कहते हैं?
प्रश्न 2.
विंबाणु किसे कहते हैं?
उत्तर:
हमारे रक्त में कुछ कण ऐसे होते हैं जिनका कोई रंग नहीं होता। (इन कणों को बिंबाणु या प्लेटलैट कण कहते हैं।)
2. लाल कण बनावट में …………………….. लेकिन एक साथ नहीं, धीरे-धीरे।
प्रश्न 1.
लाल कण देखने में कैसे लगते हैं ?
उत्तर:
लाल कण देखने में बालूशाही जैसी बनावट लिए होते हैं। ये दोनों ओर बीच में से दबे हुए होते हैं।
प्रश्न 2.
एक मिलीमीटर रक्त में लाल कणों की संख्या लगभग कितनी होती है?
उत्तर:
एक मिलीमीटर रक्त में लाल कणों की संख्या लगभग पचपन लाख होती है। इनके कारण ही हमारा रक्त लाल दिखाई देता है।
प्रश्न 3.
रक्त कणों का क्या कार्य है?
उत्तर:
रक्त कण हमारे शरीर के लिए दिन रात कार्य करते हैं। ये कण साँस द्वारा ली गई हवा को शुद्ध करके ऑक्सीजन के रूप में हमारे शरीर के प्रत्येक भाग में पहुँचाते हैं।
प्रश्न 4.
रक्त कण कितने दिन तक हमारे रक्त में रहते हैं?
उत्तर:
रक्त कणों का जीवन काल लगभग-चार माह होता है। पुराने रक्त कण धीरे-धीरे नष्ट होते रहते हैं उनका स्थान नए रक्त कण ले लेते हैं।
3. शरीर में हर समय ………………… उपयुक्त मात्रा में होते हैं।
यदि कोई व्यक्ति उचित आहार ग्रहण नहीं करता तो इन कारखानों को आवश्यकतानुसार कच्चा माल नहीं मिल पाता। नतीजा यह होता है कि रक्त-कण बन नहीं पाते, रक्त में इनकी कमी हो जाती है। लाल कणों की इसी कमी को एनीमिया कहते हैं।
प्रश्न 1.
हमारे शरीर में रक्त कणों का निर्माण कहाँ होता है?
उत्तर:
हमारी हड्डियों के बीच मज्जा भाग में ऐसे बहुत से कारखाने होते हैं जो हर समय रक्त कणों के निर्माण में लगे रहते हैं।
प्रश्न 2.
रक्त कणों के निर्माण के लिए किन-किन चीजों की आवश्यकता पड़ती है?
उत्तर:
रक्त कणों के निर्माण के लिए प्रोटीन, लौह-तत्त्व एवं विटामिन रूपी कच्चे माल की जरूरत पड़ती है।
प्रश्न 3.
प्रोटीन, लौहतत्त्व और विटामिन हमें कहाँ से प्राप्त होते हैं?
उत्तर:
ये सभी तत्त्व हमें उचित आहार लेने से मिलते हैं। हमारे लिए उचित आहार हैं हरी सब्जी, फल, दूध, अंडा, गोश्त आदि।
प्रश्न 4.
लाल कणों की कमी से कौन-सा रोग होता है?
उत्तर:
लाल कणों की कमी से ‘एनीमिया’ हो जाता है। इस रोग को उचित आहार के द्वारा दूर किया जा सकता है।
4. एनीमिया बहुत से ………………… नंगे पैर न घूमें”।
प्रश्न 1.
एनीमिया किन-किन कारणों से होता है ?
उत्तर:
एनीमिया पौष्टिक आहार की कमी एवं पेट में कीड़ों के हो जाने से होता है।
प्रश्न 2.
पेट के कीड़े किस कारण से होते हैं, इनसे बचने का क्या उपाय है ?
उत्तर:
पेट में होने वाले कीड़े दूषित जल व खाद्य पदार्थों द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं (इनसे बचने के लिए हमें सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए एवं साफ भोजन ग्रहण करना चाहिए और भोजन से पहले हाथ साबुन से धोएं)।
प्रश्न 3.
त्वचा के रास्ते शरीर में प्रवेश करने वाले कीड़ों से किस प्रकार बचा जा सकता हैं ?
उत्तर:
इस प्रकार के कीड़े जमीन की ऊपरी सतह पर पाए जाते हैं। इन अंडों से उत्पन्न लार्वा त्वचा के सहारे हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है। इनसे बचने का उपाय है शौच के लिए शौचालय का ही प्रयोग करें और नंगे पैर इधर-उधर न घूमें।
5. “सफ़ेद कण वास्तव में …………………… निकलना बंद हो जाता है।”
प्रश्न 1.
हमारे शरीर में सफेद कणों का क्या कार्य है ?
उत्तर:
सफेद कण हमारे शरीर के वीर सिपाही हैं। जब रोगाणु शरीर पर धावा बोलते हैं तो सफेद कण डटकर उनका मुकाबला करते हैं। ये रोगाणुओं को भीतर घर नहीं करने देते।
प्रश्न 2.
बिंबाणु हमारे शरीर में क्या काम करते हैं ?
उत्तर:
बिंबाणु चोट लगने पर रक्त जमाव क्रिया में मदद करते हैं रक्त और तरल भाग प्लाज्मा में एक विशेष किस्म की प्रोटीन होती है जो रक्त-वाहिका की कटी-फटी दीवार में मकड़ी के जाले के समान जाला बुन देती है। बिंबाणु इस जाले से चिपक कर खून को बहने से रोक लेते हैं।
6. अट्ठारह वर्ष से ………………… दीदी समझाते हुए बोलीं।
प्रश्न 1.
रक्तदान कौन कर सकता है ?
उत्तर:
एक स्वस्थ व्यक्ति जिसकी उम्र अट्ठारह वर्ष से अधिक हो रक्तदान कर सकता है?
प्रश्न 2.
हमारे शरीर में लगभग कितना खून होता है ? रक्तदान के समय कितना खून लिया जाता है?
उत्तर:
हमारे शरीर में लगभग पाँच लीटर खून होता है। रक्तदान करते समय हमारे शरीर से 300 मिलीलीटर खून लिया जाता है?
प्रश्न 3.
रक्तदान का शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर:
रक्तदान करने से शरीर में नई स्फूर्ति आती है शीघ्र ही नया खून बन जाता है और रक्तदान किए गए रक्त की पूर्ति हो जाती है। हमें रक्तदान अवश्य करना चाहिए।
रक्त और हमारा शरीर Summary
पाठ का सार
अनिल की छोटी बहिन दिव्या पिछले कुछ दिनों से थकान अधिक महसूस करने लगी। उसे भूख भी कम लगने लगी तो उसे डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने उसके रक्त की जाँच की। जाँच में पाया गया कि उसे एनीमिया हो गया है। एनीमिया एक रक्त की बीमारी है। सूक्ष्मदर्शी से देखने पर पता चलता है कि रक्त में बहुत-सी चीजें होती हैं। मौटे तौर पर इसके दो भाग होते हैं। एक भाग वह जो तरल है, जिसे हम प्लाज़्मा कहते हैं। दूसरा वह जिसमें छोटे-बड़े कई तरह के कण होते हैं, कुछ लाल और कुछ सफेद। लालकण बनावट में बालूशाही की तरह ही होते हैं। रक्त की एक बूंद में इनकी संख्या लाखों होती है, ये कण शरीर के लिए दिन-रात काम करते हैं। शरीर के हर हिस्से में ऑक्सीजन पहुँचाना इन्हीं का ही काम है। इनका जीवनकाल लगभग चार महीने होता है। पुराने कण धीरे-धीरे नष्ट होते हैं और नए कण बनते रहते हैं। हड्डियों के बीच के मज्जा भाग में ऐसे बहुत से कारखाने हैं जो रक्त कणों का निर्माण करते रहते हैं। उचित आहार के बिना ये रक्त कण नहीं बन पाते।
एनीमिया बहुत से कारणों से हो सकता है। पेट के कीड़ों व उचित आहार न मिलना एक बहुत बड़ा कारण है। हमें उचित आहार और सफाई का उचित ध्यान रखना चाहिए। शरीर में सफेद कण हमें रोगों से बचाते हैं। विंबाणु चोट लगने पर रक्त जमाव क्रिया में मदद करते हैं। रक्त के तरल भाग प्लाज़्मा में एक विशेष किस्म की प्रोटीन होती है जो रक्त वाहिका की कटी-फटी दीवार में मकड़ी के जाले के समान एक जाला बुन देती है। जिससे शरीर से रक्त बहना बंद हो जाता है। अधिक चोट लगने पर रक्त चढ़ाना पड़ता है। परन्तु सभी का रक्त एक जैसा नहीं होता। जिस व्यक्ति का रक्त जिस समूह का होता है उसे उस समूह के व्यक्ति का ही रक्त चढ़ाया जाता है। हर अस्पताल में ब्लड बैंक होते हैं जहाँ से हम ब्लड ले सकते हैं परन्तु इसके लिए आवश्यक है कि हम समय-समय पर ब्लड बैंक में रक्त दान करते रहें। अट्ठारह वर्ष से अधिक के स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकते हैं। रक्तदान करने से कोई हानि नहीं होती।
शब्दार्थः सूक्ष्मदर्शी-सूक्ष्म वस्तुओं को देखने का यंत्र; जिज्ञासा-जानने की इच्छा; एनीमिया-रक्त की कमी से होने वाला एक रोग; भानुमती का पिटारा-एक स्थान पर अनेक वस्तुओं का भण्डार होना; अवतल-मध्यभाग से दबे हुए; आहार-भोजन; संतुलित-न कम न अधिक पूरी तरह से उचित मात्रा; बिंबाणु-प्लेटलैट कण।