NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 2 लाख की चूड़ियाँ

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लाख की चूड़ियाँ NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 2

Class 8 Hindi Chapter 2 लाख की चूड़ियाँ Textbook Questions and Answers

कहानी से

प्रश्न 1.
बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव चाव से क्यों जाता था और बदलू को ‘बदलू मामा’ न कहकर ‘बदलू काका’ क्यों कहता था ?
उत्तर:
लेखक अपने मामा के गाँव चाव से जाता था, क्योंकि ‘बदलू काका’ उसे लाख की गोलियाँ बनाकर देते थे। ये रंग-बिरंगी गोलियाँ किसी भी बच्चे का मन मोह सकती थीं।

गाँव के सभी बच्चे उसे ‘वदलू काका’ कहते थे, इसलिए लेखक भी उसे ‘बदलू मामा’ न कहकर ‘बदलू काका’ ही कहता था।

प्रश्न 2.
वस्तु-विनिमय क्या है ? विनिमय की प्रचलित पद्धति क्या है ?
उत्तर:
एक वस्तु देकर उसके बदले में दूसरी वस्तु लेना ही ‘वस्तु-विनिमय’ है। इस समय रुपये के बदले वस्तु ली जाती है, यही प्रचलित पद्धति है। गाँवों में मजदूरी के बदले अनाज देने की पद्धति आज भी प्रचलित है। सरकारी स्तर पर भी काम के बदले अनाज की पद्धति कना-कभी अपनाई जाती है।

प्रश्न 3.
“मशीनी युग ने कितने हाथ काट दिए हैं” इस पंक्ति में लेखक ने किस व्यथा की ओर संकेत किया है?
उत्तर:
मशीनों के कारण कुटीर उद्योग ठप्प हो गए हैं। जो कारीगर अपने हाथ से काम करके रोटी-रोजी कमाते थे, उनका काम-धंधा बंद हो गया है। इस प्रकार मशीनों के आने से बहुतों की कमाई बंद हो गई है। इसे ही लेखक ने ‘मशीनी युग ने कितने हाथ काट दिए हैं’-कहा है।

प्रश्न 4.
बदलू के मन में ऐसी कौन-सी व्यथा थी, जो लेखक से छिपी न रह सकी ?
उत्तर:
बदलू ने कहा था-जो सुन्दरता काँच की चूड़ियों में होती है, लाख में कहाँ सम्भव है”? यह व्यथा थी मशीन से उपजे संकट की। गाँव-गाँव काँच का प्रचार हो गया। मशीनी युग आ गया है। उसकी चूड़ियों को कोई नहीं पूछता। कारीगरों की उपेक्षा हो गई है। बदलू के मन का यह दर्द लेखक से न छिप सका।।

प्रश्न 5.
मशीनी युग से बदलू के जीवन में क्या बदलाव आया ?
उत्तर:
बदलू का लाख की चूड़ी का काम मशीनी युग आने से बंद हो गया। गाय को खिलाने के लिए चारे का प्रबन्ध नहीं हो सका तो वह बेच दी गई। उसे फसली खाँसी हो गई। अवस्था के साथ-साथ बदलू का शरीर ढल चुका था। हाथों और माथे पर नसें उभर आई थीं। बेरोज़गारी ने उसे और अधिक कमज़ोर कर दिया।

कहानी से आगे

प्रश्न 1.
आपने मेले-बाज़ार आदि में हाथ से बनी चीजों को बिकते देखा होगा। आपके मन में किसी चीज को बनाने की कला सीखने की इच्छा हुई हो और आपने कोई कारीगरी सीखने का प्रयास किया हो तो उसके विषय में लिखिए।
उत्तर:
दीपावली के अवसर पर मैंने रंग-बिरंगी मोमबत्तियाँ खरीदी थीं। मेरे मन में मोमबत्तियाँ बनाने का विचार उठा। मैंने अपने ‘कार्यानुभव शिक्षक’ से बात की। स्कूल में मोम और मोमबत्तियों के साँचे मौजूद थे। उन्होंने मुझे तरह-तरह की मोमबत्तियाँ बनाने की कला सिखाई। अब मैं यह कला और भी बच्चों को सिखा रहा हूँ। .

प्रश्न 2.
लाख की वस्तुओं का निर्माण भारत के किन-किन राज्यों में होता है ? लाख से चूड़ियों के अतिरिक्त क्या-क्या चीजें बनती हैं ? ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
लाख की वस्तुओं का काम राजस्थान और गुजरात में सबसे अधिक होता है। चूड़ियाँ ही नहीं वरन् लाख के गहने भी बनाए जाते हैं। लाख की मूर्तियाँ एवं खिलौने भी बनाए जाते हैं।

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अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
घर में मेहमान के आने पर आप उनका अतिथि-सत्कार कैसे करेंगे ?
उत्तर:
हम प्रसन्नतापूर्वक उन्हें बैठने के लिए कहेंगे। उनके पीने के लिए पानी व चाय या कॉफी प्रस्तुत करेंगे। यदि खाने का समय होगा तो उनके लिए खाने का प्रबन्ध करेंगे। उनके साथ ऐसा व्यवहार करेंगे कि उन्हें आने पर अपनापन लगे।

प्रश्न 2.
आपको छुट्टियों में किसके घर जाना सबसे अच्छा लगता है ? वहाँ की दिनचर्या अलग कैसे होती है ? लिखिए।
उत्तर:
मुझे छुट्टियों में मामा के घर जाना सबसे अच्छा लगता है। मामा का घर गाँव में है। वहाँ हमें सुबह जल्दी उठना पड़ता है। मामा के यहाँ दूध देने वाली कई गाएँ हैं। हमें ताजा दूध पीने को मिलता है। दही और मट्ठा भी भरपूर मिलता है। नाश्ते में रोटी के साथ ताजा मक्खन भी खाने को मिलता है। नहाने के लिए खेत में लगे ट्यूबवैल पर जाते हैं और जी भर नहाते और ऊधम मचाते हैं। रात को बड़े मामा जी हमें तरह-तरह की कहानियाँ सुनाकर हमारा मनोरंजन करते हैं।

प्रश्न 3.
मशीनी युग में अनेक परिवर्तन आए दिन होते रहते हैं। आप अपने आस-पास से इस प्रकार के किसी परिवर्तन का उदाहरण चुनिए और उसके बारे में लिखिए।
उत्तर:
हमारे गाँव में कुम्हार मिट्टी के बर्तन बनाते थे और जुलाहे खेस, दुतई एवं चादर बनाते थे। हँडिया, बटलोई का स्थान स्टील के बर्तनों ने ले लिया, अतः धीरे-धीरे उनका काम बन्द हो गया। शादी के समय पर सकोरों की जरूरत पड़ती थी, उसका स्थान प्लास्टिक के गिलासों ने ले लिया। जुलाहे के बुने कपड़ों का स्थान मशीन से बने कपड़ों ने ले लिया है। आज उनके हथकरघे खाली पड़े हैं। ये कारीगर अब खेतों में मजदूरी करने के लिए मजबूर है। मज़दूरी न मिलने पर इन्हें कई-कई दिन बेकार रहना पड़ता है।

प्रश्न 4.
बाज़ार में बिकने वाले सामानों की डिज़ाइनों में हमेशा परिवर्तन होता रहता है। आप इन परिवर्तनों को किस प्रकार देखते हैं ? आपस में चर्चा कीजिए।
उत्तर:
ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए बाजार में बिकने वाले सामान के डिज़ाइन में हमेशा परिवर्तन किया जाता है। ग्राहक हमेशा नई चीज़ की माँग करता है। वस्तुओं के निर्माता बदलाव लाकर उसे आकर्षक और टिकाऊ बनाने की कोशिश करते हैं। उस सामान में नई सुविधा जोड़ते हैं। हम इस परिवर्तन को अच्छा मानते हैं। टी.वी., वॉशिंग मशीन, कम्प्यूटर, प्रिंटर, वस्त्रों आदि के नए डिजाइन हमेशा बाज़ार पर छाए रहते हैं।

प्रश्न 5.
हमारे खान-पान, रहन-सहन और कपड़ों में भी बदलाव आ रहा है। इस बदलाव के पक्ष-विपक्ष में बातचीत कीजिए और बातचीत के आधार पर लेख तैयार कीजिए।
उत्तर:
खान-पान में फास्ट फूड हावी होता जा रहा है, जो जनसामान्य के स्वास्थ्य के लिए घातक है। एक दूसरा भी बदलाव है-सभी प्रांतों के प्रसिद्ध भोजन सब जगह मिल जाएँगे। सब उसका आनन्द उठा सकते हैं। रहन-सहन में बदलाव आया है। पहनावा देश और समाज की सीमा को पार करके सामान्य होता जा रहा है। कुछ बदलाव अच्छा भी है। हम दूसरों के भोजन एवं अच्छे पहनावे में से कुछ ग्रहण कर रहे हैं। पुराना फैशन लौटकर नए रूप में आ रहा है। जो कल तक बहिष्कृत एवं तिरस्कृत था, वह नए के रूप में स्वीकृत हो रहा है।

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भाषा की बात

प्रश्न 1.
‘बदलू को किसी बात से चिढ़ थी तो काँच की चूड़ियों से’ और बदलू स्वयं कहता है-“जो सुन्दरता काँच की चूड़ियों में होती है, लाख में कहाँ संभव है”? ये पंक्तियाँ बदलू की दो प्रकार की मनोदशाओं को सामने लाती हैं। दूसरी पंक्ति में उसके मन की पीड़ा है। उसमें व्यंग्य भी है। हारे हुए मन से, या दुखी मन से अथवा व्यंग्य में बोले गए वाक्यों के अर्थ सामान्य नहीं होते। कुछ व्यंग्य वाक्यों को ध्यानपूर्वक समझकर एकत्र कीजिए और उनके भीतरी अर्थ की व्याख्या करके लिखिए।
(क) मशीन युग है न यह, लला! आजकल सब काम मशीन से होता है।
(ख) गाय कहाँ है, लला! दो साल हुए बेच दी। कहाँ से खिलाता ?
उत्तर:
भीतरी अर्थ-
(क) इन पंक्तियों में मशीन युग की बात की है कि सब काम मशीन से होता है। इसका अभिप्राय यह है कि हाथ से किया जाने वाला काम कम हो गया है और कारीगर बेकार हो गए हैं। उनके पास करने के लिए कोई काम नहीं बचा है।
(ख) ‘कहाँ से खिलाता’ में आर्थिक मजबूरी की ओर संकेत किया है। इसी कारण से गाय बेच दी गई। जब तक बदलू चूड़ियाँ बनाता था, तब तक सब सुविधाएँ थीं। बेरोजगार होने से सुविधाएँ भी छूट गई हैं।

प्रश्न 2.
‘बदलू’ कहानी में दृष्टि से पात्र है और भाषा की बात (व्याकरण) की दृष्टि से संज्ञा है। किसी भी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, विचार अथवा भाव को संज्ञा कहते हैं। संज्ञा को तीन भेदों में बाँटा गया है।
(क) व्यक्तिवाचक संज्ञा, जैसे-शहर, गाँव, पतली-मोटी, गोल, चिकना इत्यादि।
(ख) जातिवाचक संज्ञा, जैसे-चरित्र, स्वभाव, वजन, आकार आदि द्वारा जानी जाने वाली संज्ञा।
(ग) भाववाचक संज्ञा, जैसे-सुंदरता, नाजुक, प्रसन्नता इत्यादि जिसमें कोई व्यक्ति नहीं है और न आकार, वजन। परंतु उसका अनुभव होता है। पाठ से तीनों प्रकार की संज्ञाएँ चुनकर लिखिए।
उत्तर:
व्यक्तिवाचक संज्ञा- बदलू, रज्जो।
जातिवाचक संज्ञा- आदमी, गोलियाँ, चूड़ियाँ, गाँव, बच्चे, काका, मकान, वृक्ष, लाख, चौखट, मुँगेरियाँ, मचिये, बेलन, वधू, मनिहार, स्त्रियाँ, अनाज, वस्त्र, पगड़ी, शहर, कलाइयाँ, मलाई, दूध, कलाई।
भाववाचक संज्ञा- चाव, पेशा, खपत, ज़िद, कसर, चिढ़, जीवन, खातिर, रुचि, दृष्टि, प्रचार, सुन्दरता, खाँसी, दमा, अवस्था, व्यथा, शांति, प्रसन्नता, हार, व्यक्तित्व।।

प्रश्न 3.
गाँव की बोली में कई शब्दों के उच्चारण बदल जाते हैं। कहानी में बदलू वक्त (समय) को बखत, उम्र (वय/आयु) को उमर कहता है। इस तरह के अन्य शब्दों को खोजिए जिनके रूप में परिवर्तन हुआ हो, अर्थ में नहीं।
उत्तर:
गाँव की बोली के कुछ और शब्द-मरद, लला।

भाषा की बात कुछ और

निम्नलिखित वाक्यों को पढ़िए-

  1. वह मुझे सुन्दर-सुन्दर लाख की गोलियाँ बनाकर देता था।
  2. मामा के गाँव का होने के कारण मुझे बदलू को ‘बदलू मामा’ कहना चाहिए था
  3. मकान के सामने बड़ा-सा सहन था जिसमें एक पुराना नीम का वृक्ष लगा था।

इन वाक्यों को इस प्रकार लिखना चाहिए-

  1. वह मुझे लाख की सुन्दर-सुन्दर गोलियाँ बनाकर देता था।
  2. मामा के गाँव का होने के कारण मुझे बदलू को ‘बदलू मामा’ कहना चाहिए
  3. मकान के सामने बड़ा-सा सहन था, जिसमें नीम का एक पुराना वृक्ष लगा था।

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वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
‘लाख की चूड़ियाँ कहानी के कहानीकार कौन हैं?
(क) कामतानाथ
(ख) रामदरश मिश्र
(ग) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(घ) इस्मत चुगताई
उत्तर:
(क) कामतानाथ

प्रश्न 2.
वस्तु विनिमय क्या है ?
(क) पैसा देकर वस्तु खरीदना
(ख) बाजार से वस्तु न लेना
(ग) वस्तु को सीधे उत्पादक
(घ) वस्तु के बदले वस्तु लेना
उत्तर:
(घ) वस्तु के बदले वस्तु लेना

प्रश्न 3.
‘हाथ कटने का’ इस कहानी में क्या अर्थ है ?
(क) घायल होना
(ख) अपनी बात न कह पाना
(ग) हाथों से रोजगार छिनना
(घ) काम करने में असमर्थ होना
उत्तर:
(ग) हाथों से रोजगार छिनना

प्रश्न 4.
‘मशीनी युग’ के कारण बदलू के जीवन में क्या बदलाव आया ?
(क) वह बीमार रहने लगा
(ख) उसका शरीर ढल गया
(ग) वह बेरोजगार हो गया
(घ) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं

प्रश्न 5.
लाख की वस्तुएँ सबसे ज्यादा किस राज्य में बनती है ?
(क) कर्नाटक
(ख) राजस्थान
(ग) महाराष्ट्र
(घ) पंजाब
उत्तर:
(ख) राजस्थान

प्रश्न 6.
व्यक्ति वाचक संज्ञा छाँटकर लिखो।
(क) मकान
(ख) सफलता
(ग) गीता
(घ) लड़ाई
उत्तर:
(ग) गीता

प्रश्न 7.
बदलू कौन था ?
(क) एक किसान
(ख) एक राज मिस्त्री
(ग) एक मनिहार
(घ) एक वकील
उत्तर:
(ग) एक मनिहार

प्रश्न 8.
बदलू लेखक को मलाई क्यों नहीं खिला पाया ?
(क) उसके घर में उस समय दूध नहीं था
(ख) दूध खराब हो गया था
(ग) बेरोजगारी के कारण उसकी गाय बिक चुकी थी
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) बेरोजगारी के कारण उसकी गाय बिक चुकी थी

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बोध प्रश्नोत्तर

1. बदलू का मकान कुछ ऊँचे पर बना था। मकान के सामने बड़ा-सा शहर था जिसमें एक पुराना नीम का वृक्ष लगा था। उसी के नीचे बैठकर बदलू अपना काम किया करता था। बगल में भट्ठी दहकती रहती जिसमें वह लाख पिघलाया करता। सामने एक लकड़ी की चौखट पड़ी रहती जिस पर लाख के मुलायम होने पर वह उसे सलाख के समान पतला करके चूड़ी का आकार देता। पास में चार-छह विभिन्न आकार की बेलननुमा मुँगेरियाँ रखी रहतीं जो आगे से कुछ पतली और पीछे से मोटी होतीं। लाख की चूड़ी का आकार देकर वह उन्हें मुँगेरियों पर चढ़ाकर गोल और चिकना बनाता और तब एक-एक कर पूरे हाथ की चूड़ियाँ बना चुकने के पश्चात् वह उन पर रंग करता।

प्रश्न 1.
बदलू का मकान किस प्रकार का था ?
उत्तर:
बदलू का मकान कुछ ऊँचाई पर बना था। मकान के सामने बड़ा-सा आँगन था, जिसमें नीम का पुराना पेड़ लगा हुआ था।

प्रश्न 2.
बदलू कहाँ बैठकर लाख की चूड़ियाँ बनाया करता था ?
उत्तर:
बदलू नीम के पेड़ के नीचे बैठकर लाख की चूड़ियाँ बनाया करता था।

प्रश्न 3.
वह किससे चूड़ियाँ बनाता था ?
उत्तर:
वह लाख से चूड़ियाँ बनाता था।

प्रश्न 4.
बदलू चूड़ियाँ किस प्रकार बनाता था ?
उत्तर:
वह भट्टी में लाख पिघलाता, फिर उसे लकड़ी की एक चौखट पर रखकर मुलायम करता। लाख को सलाख की तरह पतला करके उसे चूड़ी का रूप देता। सामने रखी चार-छह मुंगरियों पर चढ़ाकर चूड़ी का आकार देता। उसे गोल व चिकना बनाता, तब उन पर रंग करता।

2. बदलू मनिहार था। चूड़ियाँ बनाना उसका पैतृक पेशा था और वास्तव में वह बहुत ही सुंदर चूड़ियाँ बनाता था। उसकी बनाई हुई चूड़ियों की खपत भी बहुत थी। उस गाँव में तो सभी स्त्रियाँ उसकी बनाई हुई चूड़ियाँ पहनती ही थीं आस-पास के गाँवों के लोग भी उससे चूड़ियाँ ले जाते थे। परंतु वह कभी भी चूड़ियों को पैसों से बेचता न था। उसका अभी तक वस्तु-विनिमय का तरीका था और लोग अनाज के बदले उससे चूड़ियाँ ले जाते थे। बदलू स्वभाव से बहुत सीधा था। मैंने कभी भी उसे किसी से झगड़ते नहीं देखा। हाँ, शादी-विवाह के अवसरों पर वह अवश्य जिद पकड़ जाता था। जीवन भर चाहे कोई उससे मुफ्त चूड़ियाँ ले जाए, परंतु विवाह के अवसर पर वह सारी कसर निकाल लेता था। आखिर सुहाग के जोड़े का महत्त्व ही और होता है। मुझे याद है-मेरे मामा के यहाँ किसी लड़की के विवाह पर जरा-सी किसी बात पर बिगड़ गया था और फिर उसको मनाने में लोहे लग गए थे। विवाह में इसी जोड़े का मूल्य इतना बढ़ जाता था कि उसके लिए उसकी घरवाली को सारे वस्त्र मिलते, ढेरों अनाज मिलता, उसको अपने लिए पगड़ी मिलती और रुपये जो मिलते सो अलग।

प्रश्न 1.
चूड़ियाँ बनाना बदलू का कैसा पेशा था ?
उत्तर:
चूड़ियाँ बनाना बदलू का पैतृक अर्थात् खानदानी पेशा था।

प्रश्न 2.
बदलू कैसी चूड़ियाँ बनाता था ?
उत्तर:
बदलू बहुत ही सुंदर चूड़ियाँ बनाता था।

प्रश्न 3.
उसकी चूड़ियों की खपत कैसी थी ?
उत्तर:
उसकी बनाई चूड़ियों की खपत खूब थी। उसके गाँव की तथा आस-पास के गाँव की स्त्रियाँ उसी की चूड़ियाँ पहनती थीं।

प्रश्न 4.
वह चूड़ियाँ किस प्रकार देता था ?
उत्तर:
बदलू अनाज के बदले चूड़ियाँ देता था। वह चूड़ियों को पैसों से नहीं बेचता था।

प्रश्न 5.
बदलू का स्वभाव कैसा था ?
उत्तर:
बदलू का स्वभाव अच्छा था। वह कभी किसे से झगड़ता नहीं था।

प्रश्न 6.
वह जिद कब पकड़ता था ?
उत्तर:
वह शादी-विवाह के अवसरों पर जिद पकड़ता था।

प्रश्न 7.
मामा की लड़की के विवाह के अवसर पर उसे क्या हो गया था ?
उत्तर:
मामा की लड़की की शादी के अवसर पर वह बिगड़ गया था। तब उसे बहुत मुश्किल से मनाया था।

प्रश्न 8.
सुहाग के जोड़े के बदले ‘बदलू’ को क्या-क्या मिलता था ?
उत्तर:
सुहाग के जोड़े के बदले बदलू को पगड़ी, अनाज और उसकी पत्नी को सारे वस्त्र मिलते थे, रुपये मिलते सो अलग।

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लाख की चूड़ियाँ Summary

पाठ का सार

बदलू लाख की चूड़ियाँ बनाता था। वह लेखक को लाख की चूड़ियाँ सुन्दर-सुन्दर गोलियाँ बनाकर देता था। इस प्रकार लेखक ने अपने बचपन में ढेर सारी रंग-बिरंगी गोलियाँ एकत्र कर ली थीं। वह मेरे मामा का गाँव था, परन्तु मैं ‘बदलू’ को बदलू मामा न कहकर ‘बदलू काका’ कहता था। बदलू के आँगन में नीम का पुराना पेड़ था। उसी के नीचे बैठकर अपना काम करता। बगल में भट्टी दहकती जिसमें वह लाख पिघलाता। उसे चौखट पर रखकर पतला करके चूड़ी का आकार देता। फिर मुँगेरियों पर चढ़ाकर चूड़ी का आकार देता, उन्हें गोल और चिकना बनाता। पूरे हाथ की चूड़ियाँ बनाकर उन पर रंग करता। पुरानी मचिया पर वैठकर बदलू हुक्का गुड़गुड़ाता और अपना काम करता रहता। मैं जब उनके पास जाता, वे मेरे लिए मचिया मँगवा देते। मैं चुपचाप उनका काम देखता रहता था।

चूड़ियाँ बनाना बदलू का पैतृक पेशा था। गाँव की सभी स्त्रियाँ उसकी बनाई चूड़ियाँ पहनतीं। आस-पास के गाँव के लोग भी उससे चूड़ियाँ ले जाते। लोग अनाज के बदले चूड़ियाँ लेते थे। वह पैसे के बदले चूड़ियाँ नहीं बेचता था। वह कभी किसी से झगड़ा नहीं करता। जीवनभर कोई मुफ्त में चूड़ियाँ ले सकता था, पर शादी के समय वह सारी कसर निकाल लेता था। ऐसे मौके पर उसे मनाना बहुत कठिन था। विवाह के मौके पर उसकी पत्नी को सारे वस्त्र मिलते, ढेरों अनाज और उसको पगड़ी मिलती सो अलग से। वह काँच की चूड़ियों से बहुत चिढ़ता था।

वह मुझसे खूब अपनेपन से बात करता। मेरी बहुत खातिर भी करता था। गाय के दूध से मलाई बचाकर मेरे लिए रखता। आम की फसल में मैं रोज उसके यहाँ से दो-चार आम खा लेता। वह रोज मेरे लिए एक-दो गोलियाँ जरूर बना देता। मेरे पिता जी की दूसरे शहर में बदली हो गई। मैं काफी दिनों तक मामा के गाँव न जा सका। लाख की गोलियों में भी अब मेरी रुचि नहीं रह गई थी। मैं आठ-दस साल बाद मामा के गाँव गया। बहुत कुछ बदलाव आ गया। स्त्रियाँ काँच की चूड़ियाँ पहनने लगी थी।

मैं वदलू के पास गया। न मचिया वहाँ थी न बदलू की भट्टी। वह चूड़ियाँ बनाने का काम बन्द कर चुका था। गाँव भर में काँच की चूड़ियों का प्रचार हो चुका था। मशीनी युग ने बदलू काका का काम छीन लिया था। काका ने अपनी बेटी रज्जो को आवाज देकर मेरे लिए आम मँगवाए। गाय बेच दी गई थी। अतः मलाई खाने का मौका नहीं मिला। जो बदलू ने लाख की चूड़ियों का आखिरी जोड़ा बनाया था, वह रज्जो के हाथ की शोभा बढ़ा रहा था। ज़मीदार ने उस जोड़े का मनचाहा दाम नहीं दिया था, सो बदलू ने देने से मना कर दिया था। बदलू ने किसी के सामने हार नहीं मानी।

शब्दार्थ : चाव-तीव्र इच्छा, चाह; मोह लेना-आकर्षित कर लेना; सहन-आँगन; मचिया-छोटी खाट, चौकी; नव-वधू-नई बहू; खपत-माल की बिक्री; विनिमय-लेन-देन, अदल-बदल; कसर-कमी; लोहे लगना-कठिनाई होना; कुढ़ना-दुखी होना; नाजुक-कोमल; खातिर-स्वागत या सत्कार; विरले-बहुत कम; सहसा-अचानक; निहारना-देखना; स्मृति-पटल- याद में बना रहना अवस्था-उम्र; व्यथा-पीड़ा। लहककर-लहराकर; मुखातिब-जिससे कुछ कहा जाए; बखत-वक्त, समय; फबना- शोभा देना; मनिहार-चूड़ी बनाने वाला।

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