NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kritika Chapter 1 इस जल प्रलय में

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kritika Chapter 1 इस जल प्रलय में

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kritika Chapter 1 इस जल प्रलय में

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 9 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kritika Chapter 1 इस जल प्रलय में.

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

प्रश्न 1.
बाढ़ की खबर सुनकर लोग किस तरह की तैयारी करने लगे?
उत्तर:
लोग बाढ़ की खबर सुनकर चिंतित हो गए। बाढ़ के कारण उन्हें अनेक परेशानियाँ झेलनी पड़ती हैं। इन सभी आने वाली कठिनाइयों का ध्यान में रख कर लोग अपने घर ईंधन, आलू, दियासलाई, कंपोज की गोलियाँ, मोमबत्तियाँ, पीने का पानी, सिगरेट आदि का प्रबंध करने लगे। सबसे ज्यादा परेशान दुकान वाले थे। वे अपने सामान को जल्दी से जल्दी सुरक्षित स्थान पर पहुँचाना चाहते थे। लोग अपने सामान को रिक्शा, टमटम, टैम्पो और ट्रकों में लादकर अन्यत्र जाने की तैयारी कर रहे थे।

प्रश्न 2.
बाढ़ की सही जानकारी लेने और बाढ़ का रूप देखने के लिए लेखक क्यों उत्सुक था?
उत्तर:
लेखक ने बाढ़ को कई बार देखा था। उसने अनेक बार बाढ़-पीड़ितों की सहायता भी की थी। परंतु किसी नगर में, विशेषकर अपने नगर में पानी किस प्रकार घुसेगा-यह जानना बिल्कुल नया अनुभव था। इसलिए उसे घुसते हुए पानी को देखने की बड़ी उत्सुकता थी। उसने रिक्शावाले को यही शब्द कहे थे- “चलो, पानी कैसे घुस गया है, वही देखना है।”

प्रश्न 3.
सबकी जुबान पर एक ही जिज्ञासा-‘पानी कहाँ तक आ गया है?’-इस कथन से जनसमूह की कौन-सी भावनाएँ व्यक्त होती हैं?
उत्तर:
सन् 1967 में पटना में लगातार अठारह घंटे तक वर्षा होती रही। इससे अपने इलाके में पानी घुस आने के भय से लोगों की जिज्ञासा बढ़ती जा रही थी कि पानी कहाँ तक आ गया है? हर व्यक्ति यह जानना चाहता था कि बाढ़ कहाँ तक आई है और उसकी कॉलोनी में पहुँचने में कितना समय लग सकता है। जिन इलाकों को वे सुरक्षित समझ रहे थे, वे सुरक्षित हैं भी या नहीं। इस प्रकार जनसमूह के कथन में उत्कट जिज्ञासा, कुतूहल तथा नया अनुभव प्राप्त करने की भावनाएँ व्यक्त हो रही हैं।

प्रश्न 4.
‘मृत्यु का तरल दूत’ किसे कहा गया है और क्यों?
उत्तर:
बाढ़ के लगातार बढ़ते जल को ‘मृत्यु का तरल दूत’ कहा गया है।
क्यों-बाढ़ के इस जल ने न जाने कितने प्राणियों को उजाड़ दिया था, बहा दिया था और बेघरबार करके मौत की नींद सुला दिया था। इस तरल जल के कारण लोगों को मरना पड़ा, इसलिए इसे मृत्यु का तरल दूत कहना बिल्कुल सार्थक है।

प्रश्न 5.
आपदाओं से निपटने के लिए अपनी तरफ से कुछ सुझाव दीजिए।
उत्तर:
आपदाओं से निपटने के लिए मैं अपनी तरफ से कुछ सुझाव देना चाहूँगा जो निम्नलिखित हैं-

  1. बाढ़ आने की संभावना को देखते हुए कुछ आवश्यक वस्तुओं-मोमबत्ती, माचिस, ईंधन, सब्जियाँ, राशन, कुछ आवश्यक दवाईयों का प्रबंध कर लेना चाहिए।
  2. प्राथमिक उपचार में काम आने वाली दवाएँ जरूर रख लेनी चाहिए। बाढ़ की स्थिति में उल्टी-दस्त, पेंचिस, हैजा, मलेरिया आदि होने की संभावना बढ़ जाती है। कभी-कभी ये महामारी का रूप ले लेती हैं। इन्हें फैलने से बचने का उपाय अवश्य करना चाहिए।
  3. बाढ़ के साथ कुछ जहरीले कीड़े-मकोड़े घर में आ जाते हैं। इनसे भी बचने का प्रयत्न करना चाहिए।
  4. बाढ़ आने की संभावना में कीमती वस्तुओं को ऊँचाई वाली जगह पर रख देना चाहिए। (७) दूषित पानी के प्रयोग से बचना चाहिए।
  5. हम लोगों को जागरूक करें कि प्लास्टिक की थैलियों को इधर-उधर न फेंके, क्योंकि ये थैलियाँ इधर-उधर नालों में फंसकर अवरोध उत्पन्न करती हैं।
  6. वर्षा के जल का संचयन एवं उचित प्रबंधन किया जाना चाहिए ताकि वर्षा का अतिरिक्त जल बाढ़ का कारण न बन सके।
  7. नदी, नालों पर बाँध बनाकर पानी को रोकना चाहिए।

प्रश्न 6.
“ईह! जब दानापुर डूब रहा था तो पटनियाँ बाबू लोग उलटकर देखने भी नहीं गए… अब बूझो!’ इस कथन द्वारा लोगों की किस मानसिकता पर चोट की गई है?
उत्तर:
इस कथन द्वारा आम लोगों के मन में बैठी ईष्र्या-द्वेष की दुर्भावना पर गहरी चोट की गई है। गाँव और शहर का अंतर सदा-से बना रहा है। अतः ग्रामीणों और नगरवासियों के मन में आपसी कटुता भी घर किए रहती है। यही कटुता उस गॅवार मुस्टंडे के वचनों से प्रकट हुई है। वह मुस्टंडा चाहता है कि बाढ़ से पटनावासियों का भी बुरा हो, ताकि वे भी गाँववासियों की तरह दुखी हों।

प्रश्न 7.
खरीद-बिक्री बंद हो चुकने पर भी पान की बिक्री अचानक क्यों बढ़ गई थी?
उत्तर:
सन् 1967 में पटना में जब लगातार अठारह घंटे वर्षा होती रही तो जगह-जगह पानी भर गया और बाढ़ का खतरा मँडराने लगा। इस समय तक सभी दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दी थी। बस पान की दुकान खुली थी। लोग बढ़ते पानी का हाल-चाल जानने के लिए वहाँ इकट्ठा हो रहे थे। वे अपना समय काटने के लिए पान भी खाते जा रहे थे। यही कारण था कि पान की बिक्री अचानक बढ़ गई थी।

प्रश्न 8.
जब लेखक को यह अहसास हुआ कि उसके इलाके में भी पानी घुसने की संभावना है तो उसने क्या-क्या प्रबंध किए?
उत्तर:
जब लेखक को अहसास हुआ कि उसके इलाके में भी पानी घुसने की संभावना है तो उसने सबसे पहले ईंधन का प्रबंध किया। फिर खाने के लिए आलू, प्रकाश के लिए मोमबत्ती और दियासलाई, पीने के लिए पानी तथा कंपोज़ की गोलियाँ एकत्र कीं। उसने बाढ़ आने पर छत पर चले जाने का भी प्रबंध सुनिश्चित कर लिया।

प्रश्न 9.
बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में कौन-कौन सी बीमारियों के फैलने की आशंका रहती है?
उत्तर:
बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में चारों ओर पानी भर जाता है। ऐसे में मनुष्य अब अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कहीं आता-जाता है तो पैर में बार-बार पानी लगने के कारण पकाही घाव जैसा रोग उत्पन्न हो जाता है। इसके अलावा दूषित खाद्य एवं पेय-पदार्थों के सेवन से उस क्षेत्र में मलेरिया, उल्टी-दस्त, पेचिस, बुखार, डायरिया, कालरा आदि बीमारियाँ फैलने की संभावना रहती है।

प्रश्न 10.
नौजवान के पानी में उतरते ही कुत्ता भी पानी में कूद गया। दोनों ने किन भावनाओं के वशीभूत होकर ऐसा किया?
उत्तर:
नौजवान और कुत्ता परस्पर गहरे आत्मीय थे। दोनों एक-दूसरे के सच्चे साथी थे। उनमें मानव और पशु का भेदभाव भी नहीं था। वे एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे। यहाँ तक कि नौजवान को कुत्ते के बिना मृत्यु भी स्वीकार नहीं थी। इस व्यवहार से उनकी गहरी मैत्री का परिचय मिलता है।

प्रश्न 11.
“अच्छा है, कुछ भी नहीं। कलम थी, वह भी चोरी चली गई। अच्छा है, कुछ भी नहीं-मेरे पास ।’ मूवी कैमरा, टेप रिकॉर्डर आदि की तीव्र उत्कंठा होते हुए भी लेखक ने अंत में उपर्युक्त कथन क्यों कहा?
उत्तर:
लेखक ने देखा कि उसकी कॉलोनी के आसपास का सारा भाग ही पानी में डूबने लगा है तो उसने महसूस किया कि अच्छा है कि उसके पास कुछ भी नहीं है। उसके पास ये मूवी कैमरा, टेप रिकॉर्डर होते भी तो वह आसपास के लोगों की हृदय विदारक चीखें तथा विभीषिका के दृश्य भले ही कैद कर लेता, पर इससे बाढ़ में फंसे लोगों का कोई कल्याण नहीं हो सकता था। यह सब लेखक के लिए लेखन का विषय बन सकता था पर यह सब उनके किस काम का। वह मात्र तमाशबीन बनकर रह जाता। लेखक जो हमेशा से बाढ़-पीड़ितों की मदद करता आया था, वह उनकी मदद न कर पाता इसलिए उसने ऐसा कहा कि ‘अच्छा है कुछ भी नहीं। कलम थी वह भी चोरी ॐ चली गई। अच्छा है, कुछ भी नहीं-मेरे पास।

प्रश्न 12.
आपने भी देखा होगा कि मीडिया द्वारा प्रस्तुत की गई घटनाएँ कई बार समस्याएँ बन जाती हैं, ऐसी किसी घटना का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
मीडिया जहाँ समस्याओं की ओर हमारा ध्यान खींचकर उनका हल प्रस्तुत करता है, वहीं कई बार समस्याओं को बढ़ा भी देता है। उदाहरणतया, गुजरात में गोधरा नामक स्टेशन पर एक रेल बोगी में कुछ सांप्रदायिक ताकतों ने आग लगा दी। इस घटना को मीडिया ने इस ढंग से मसाले लगा-लगाकर प्रस्तुत किया कि वहाँ सांप्रदायिक दंगा लावे की तरह फूट पड़ा। मीडिया ने सनसनी फैलाने के उद्देश्य से उत्तेजक दृश्य दिखाए, परिणामस्वरूप पूरा गुजरात उत्तेजित हो उठा

प्रश्न 13.
अपनी देखी-सुनी किसी आपदा का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सितंबर 2010 में हम दिल्ली से मुरादाबाद-बरेली होकर लखनऊ जा रहे थे। हमने मुरादाबाद से पहले गढ़ मुक्तेश्वर में पुल से ही उफनती गंगा को देखा और देखा उसके आसपास जल प्लावित क्षेत्रों को। आगे जाने पर देखा कि मुरादाबाद-बरेली का मुख्य मार्ग पानी में डूबा है उससे पहले ही सड़क पर अनेक वाहन खड़े थे। पुलिसवाले वहाँ से वाहनों को आगे नहीं बढ़ने दे रहे थे। सड़क पर पानी अत्यंत तेज़ी से बह रहा था। लोग अपने सामानों की गठरी बाँधे बच्चों तथा मवेशियों के साथ सड़क के किनारे बने फुटपाथ पर तथा कुछ ऊँचे-ऊँचे स्थानों पर जमा थे। उनके मुरझाए तथा करुणापूर्ण चेहरे देख कर हम दयार्द्र हो उठे। हमने यथासंभव उनकी मदद की और वहीं से वापस आ गए। यह हृदय विदारक दृश्य मुझे हमेशा याद रहेगा।

Hope given NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kritika Chapter 1 are helpful to complete your homework.

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