NCERT Solutions for Class 9 Science Chapter 9 Force and Laws of Motion (Hindi Medium)
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पाठगत हल प्रश्न (NCERT IN-TEXT QUESTIONS SOLVED)
NCERT पाठ्यपुस्तक ( पृष्ठ संख्या 131)
प्र० 1. निम्न में किसका जड़त्व अधिक है?
(a) एक रबर की गेंद एवं उसी आकार का पत्थर।
(b) एक साइकिल एवं एक रेलगाड़ी।
(c) पाँच रुपये का एक सिक्का एवं एक रुपये का सिक्का।
उत्तर-
(a) उसी आकार का पत्थर।
(b) एक रेलगाड़ी।
(c) पाँच रुपये का एक सिक्का। क्योंकि किसी वस्तु का द्रव्यमान उसके जड़त्व की माप है। जितना अधिक द्रव्यमान होगा, जड़त्व भी उतना ही अधिक होगा।
प्र० 2. नीचे दिए गए उदाहरण में गेंद का वेग कितनी बार बदलता है, जानने का प्रयास करें-
“फुटबाल का एक खिलाड़ी गेंद पर किक लगाकर गेंद को अपनी टीम के दूसरे खिलाड़ी के पास पहुँचाता है। दूसरा खिलाड़ी उस गेंद को किक लगाकर गोल की ओर पहुँचाने का प्रयास करता है। विपक्षी टीम का गोलकीपर गेंद को पकड़ता है और अपनी टीम के खिलाड़ी की ओर किक लगाता है।”
इसके साथ ही उस कारक की भी पहचान करें जो प्रत्येक अवस्था में बल प्रदान करता है।
उत्तर-
अतः गेंद का वेग 4 बार परिवर्तित होता है तथा वस्तु को गति प्रदान करने या गति में परिवर्तन लाने के लिए खींचना, धकेलना या ठोकर लगाना (Push) पड़ता है।
प्र० 3. किसी पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाने पर कुछ पत्तियाँ झड़ जाती हैं। क्यों?
उत्तर- जब पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाया जाता है तो शाखाएँ गति में आ जाती हैं, परंतु पत्तियाँ विरामावस्था में ही रहती हैं। विराम-जड़त्व के कारण पत्तियाँ अपनी इसी अवस्था में रहना चाहती हैं अर्थात् पत्तियाँ अवस्था परिवर्तन का विरोध करती हैं। जिसके फलस्वरूप पत्तियाँ झड़कर गिर जाती हैं।
प्र० 4. जब कोई गतिशील बस अचानक रुकती है तो आप आगे की ओर झुक जाते हैं और जब विरामावस्था से गतिशील होती है तो पीछे की ओर हो जाते हैं? क्यों?
उत्तर-
(a) प्रथम स्थिति में – जब गतिशील बस अचानक रुकती है, इस स्थिति में हमारा शरीर भी गतिशील होता है। हमारे शरीर का निचला हिस्सा जो बस के साथ-साथ गतिशील है, तुरंत रुक जाता है। परंतु ऊपरी हिस्सा गति के जड़त्व के कारण अभी भी गतिशील ही रहना चाहता है। अतः बस में सवार व्यक्ति आगे की ओर झुक जाता है।
(b) दूसरी स्थिति में – जब हम ठहरी हुई बस में बैठे हों और अचानक बस चल पड़े तो हमारे शरीर का निचला भाग बस की सतह (Floor) के संपर्क में होने के कारण तुरंत गतिशील हो जाता है, परंतु शरीर का ऊपरी भाग विराम- जड़त्व (Inertia of Rest) के कारण विरामावस्था में ही रहने की चेष्टा करता है जिसके परिणामस्वरूप हम पीछे की ओर हो जाते हैं।
NCERT पाठ्यपुस्तक ( पृष्ठ संख्या 140 )
प्र० 1. यदि क्रिया सदैव प्रतिक्रिया के बराबर है तो स्पष्ट कीजिए कि घोड़ा गाड़ी को कैसे खींच पाता है?
उत्तर- न्यूटन के गति के तीसरे नियमानुसार क्रिया तथा प्रतिक्रिया बराबर तथा विपरीत दिशा में लगते हैं, परंतु दो भिन्न वस्तुओं पर। यहाँ घोड़ा आगे की है ओर झुककर किसी कोण पर अपने पाँवों से जमीन को दबाता है तथा जमीन घोड़े क्षैतिज घटक पर प्रतिक्रियात्मक बल लगाता है जो दो। भागों में बँट जाता है। बल का ऊर्ध्वाधर घटक घोड़े को संतुलन देता है जबकि क्षैतिज घटक गाड़ी को आगे की ओर गति देता है। यदि घर्षण बल (पहिए और सड़क के बीच) का मान क्षैतिज घटक से कम होता है तो गाड़ी आगे बढ़ जाती है।
प्र० 2. एक अग्निशमन कर्मचारी को तीव्र गति से बहुतायत मात्रा में पानी फेंकने वाली रबड़ की नली को पकड़ने में कठिनाई क्यों होती है? स्पष्ट करें।
उत्तर- क्रिया तथा प्रतिक्रिया सदैव समान और विपरीत दिशा में होती है। पानी की धारा तीव्र वेग से आगे निकलती है तथा पीछे की ओर प्रतिक्रिया बल पाइप (नली) पर लगाता है जिसके कारण नली पीछे खिसकने लगती है और फिसलती है। यही कारण है कि अग्निशमन कर्मचारी को नली पकड़ने में कठिनाई होती है।
प्र० 3. एक 50 g द्रव्यमान की गोली 4 kg द्रव्यमान की रायफल से 35 ms-1 के प्रारंभिक वेग से छोड़ी जाती है। रायफल के प्रारंभिक प्रतिक्षेपित वेग की गणना कीजिए।
उत्तर- राइफल का द्रव्यमान (M) = 4 kg
50 गोली का द्रव्यमान (m) = 50 g = \(\frac { 50 }{ 1000 }\) kg
गोली का वेग (v) = 35 ms-1
राइफल का प्रतिक्षेपित (Recoil) वेग (V) = ?
संवेग संरक्षण के नियम द्वारा
राइफल का संवेग = गोली का संवेग = MV = mv
⇒ (4 kg) (V) = [\(\frac { 50 }{ 1000 }\) kg] (35 m/s)
⇒ V = \(\frac { 50 x 35 }{ 1000 x 4 }\) m/s = 0.4375 ms-1
अतः राइफल का प्रतिक्षेपित वेग = 0.4375 ms-1
प्र० 4. 100 g और 200 g द्रव्यमान की दो वस्तुएँ एक ही रेखा के अनुदिश एक ही दिशा में क्रमशः 2 ms-1 और 1 ms-1 के वेग से गति कर रही हैं। दोनों वस्तुएँ टकरा जाती हैं। टक्कर के पश्चात् प्रथम वस्तु का वेग 1.67ms-1 हो जाता है, तो दूसरी वस्तु का वेग ज्ञात करें।
पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न (NCERT TEXTBOOK QUESTIONS SOLVED)
प्र० 1. कोई वस्तु शून्य बाह्य असंतुलित बल अनुभव करती है। क्या किसी भी वस्तु के लिए अशून्य वेग (non-zero velocity) से गति करना संभव है? यदि हाँ, तो वस्तु के वेग के परिमाण एवं दिशा पर लगने वाली शर्ते का उल्लेख करें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
उत्तर- हाँ, किसी वस्तु के लिए अशून्य वेग से गति करना संभव है। ऐसा निम्नलिखित स्थितियों (शर्ते) में संभव हो सकता है
(a) जब वस्तु एक सीधी सरल रेखा में एकसमान चाल से चल रही हो।
(b) जब चाल के परिमाण (Magnitude of Speed) में कोई परिवर्तन नहीं हो रहा हो।
(c) जब गति की दिशा में कोई परिवर्तन नहीं हो।
(d) वायु का प्रतिरोध (Air Resistance) अवश्य ही शून्य होना चाहिए।
(e) जब वस्तु की सतह तथा जमीन के बीच घर्षण बल का मान शून्य हो।
प्र० 2. जब किसी छड़ी से एक दरी (कार्पेट) को पीटा जाता है, तो धूल के कण बाहर आ जाते हैं। स्पष्ट करें।
उत्तर- प्रारंभ में दरी तथा धूल के कण विरामावस्था में होते हैं। जब इन्हें किसी छड़ी से पीटा जाता है तो दरी में कंपन गति होने लगती है, परंतु धूलकण विराम में ही रहना चाहते हैं। अतः विराम-जड़त्व के कारण धूलकण अपनी अवस्था को बनाए रखना चाहते हैं जबकि दरी (कार्पेट) में गति होती है जिसके परिणामस्वरूप धूलकण बाहर निकल जाते हैं।
प्र० 3. बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से क्यों बाँधा जाता है?
उत्तर- बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से इसलिए बाँधा जाता है ताकि अचानक ब्रेक लगने पर तथा बस के अचानक खुलने की स्थिति में सामान पीछे की ओर नीचे तथा आगे की ओर नीचे न गिर जाए। बस के मुड़ने की स्थिति में भी सामान किनारे से गिर सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बस की गति में परिवर्तन होने की स्थिति में सामान जड़त्व के कारण अवस्था परिवर्तन का विरोध करता है; जैसे-ब्रेक लगने पर बस रुकती है परंतु सामान गति में ही रहना चाहता है जिससे आगे खिसककर गिर सकता है। इसी प्रकार बस के अचानक खुलने पर बस गति में आ जाती है, परंतु सामान विराम-जड़त्व में ही रहना चाहता है और पीछे खिसककर गिर सकता है।
प्र० 4. किसी बल्लेबाज द्वारा क्रिकेट की गेंद को मारने पर गेंद जमीन पर लुढ़कती है। कुछ दूरी चलने के पश्चात् गेंद रुक जाती है। गेंद रुकने के लिए धीमी होती है, क्योंकि
(a) बल्लेबाज ने गेंद को पर्याप्त प्रयास से हिट नहीं किया है।
(b) वेग गेंद पर लगाए गए बल के समानुपाती है।
(c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।
(d) गेंद पर कोई असंतुलित बल कार्यरत नहीं है,
अतः गेंद विरामावस्था में आने के लिए प्रयासरत है।
(सही विकल्प का चयन करें।)
उत्तर- (c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।
प्र० 5. एक ट्रक विरामावस्था से किसी पहाड़ी से नीचे की ओर नियत त्वरण से लुढ़कना शुरू करता है। यह 20 s में 400 m की दूरी तय करता है। इसका त्वरण ज्ञात करें। अगर इसका द्रव्यमान 7 टन है तो इस पर लगने वाले बल की गणना करें। (1 टन = 1000 kg)
प्र० 6. 1 kg द्रव्यमान के एक पत्थर को 20 ms-1 के वेग से झील की जमी हुई सतह पर फेंका जाता है। पत्थर 50 m की दूरी तय करने के बाद रुक जाता है। पत्थर और बर्फ के बीच लगने वाले घर्षण बल की गणना करें।
प्र० 7. एक 8000 kg द्रव्यमान का रेल इंजन प्रति 2000 kg द्रव्यमान वाले पाँच डिब्बों को सीधी पटरी पर खींचता है। यदि इंजन 40000 N का बल आरोपित करता है। तथा यदि पटरी 5000 N का घर्षण बल लगाती है, तो ज्ञात करें
(a) नेट त्वरण बल
(b) रेल का त्वरण तथा
(c) डिब्बे 1 द्वारा डिब्बे 2 पर लगाया गया बल।
प्र० 8. एक गाड़ी का द्रव्यमान 1500 kg है। यदि गाड़ी को 1.7 ms-2 के ऋणात्मक त्वरण (अवमंदन) के साथ विरामावस्था में लाना है, तो गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल कितना होगा?
प्र० 9. किसी m द्रव्यमान की वस्तु जिसका वेग ७ है, का संवेग क्या होगा?
(a) (mv)²
(b) mv²
(c) (\(\frac { 1 }{ 2 }\)) mv²
(d) mv
(उपरोक्त में से सही विकल्प चुनें।)
उत्तर- (d) mv; चूँकि संवेग = द्रव्यमान x वेग होता है।
प्र० 10. हम एक लकड़ी के बक्से को 200 N बल लगाकर उसे नियत वेग से फ़र्श पर धकेलते हैं। बक्से पर लगने वाला घर्षण बल क्या होगा?
उत्तर- चूँकि लकड़ी के बक्से को नियत वेग (Constant velocity) से फ़र्श पर धकेला जाता है।
अतः 200 N का बल, घर्षण बल को संतुलित करने में ही लग जाता है अर्थात् इस बल का कोई भी भाग लकड़ी के बक्से में त्वरण उत्पन्न करने में नहीं लगता है।
अतः घर्षण बल = आरोपित बल = 200 N
प्र० 11. दो वस्तुएँ, प्रत्येक का द्रव्यमान 1.5 kg है, एक ही सीधी रेखा में एक-दूसरे के विपरीत दिशा में गति कर रही हैं। टकराने के पहले प्रत्येक का वेग 2.5 ms-1 है। टकराने के बाद यदि दोनों एक-दूसरे से जुड़ जाती हैं, तब उनका सम्मिलित वेग क्या होगा?
उत्तर- मान लीजिए कि पहली वस्तु बाएँ से दाएँ जाती है।
तथा दूसरी वस्तु दाएँ से बाएँ।
पहली वस्तु के लिए
प्र० 12. गति के तृतीय नियम के अनुसार जब हम किसी वस्तु को धक्का देते हैं, तो वस्तु उतने ही बल के साथ हमें भी विपरीत दिशा में धक्का देती है। यदि वह वस्तु एक ट्रक है जो सड़क के किनारे खड़ा है; संभवतः हमारे द्वारा बल आरोपित करने पर भी गतिशील नहीं हो पाएगा। एक विद्यार्थी इसे सही साबित करते हुए कहता है कि दोनों बल विपरीत एवं बराबर हैं जो एक-दूसरे को निरस्त कर देते हैं। इस तर्क पर अपने विचार दें और बताएँ कि ट्रक गतिशील क्यों नहीं हो पाता?
उत्तर- प्रश्नानुसार एक विद्यार्थी द्वारा यह साबित किया गया कि दोनों बल विपरीत एवं बराबर हैं जो एक-दूसरे को निरस्त कर देते हैं, बिलकुल गलत है क्योंकि दोनों बल दो भिन्न वस्तुओं पर आरोपित होते हैं इसलिए एक-दूसरे को निरस्त (Cancel) करने का प्रश्न नहीं उठता। वास्तव में ट्रक का द्रव्यमान अत्यधिक होने के कारण इसका जड़त्व बहुत अधिक होता है तथा हमारे द्वारा आरोपित बल का मान कम होने के कारण यह सड़क तथा पहिए के बीच घर्षण बल को खत्म कर पाने में असमर्थ होता है। अतः ट्रक को गतिशील करने के लिए अत्यधिक असंतुलित बल की आवश्यकता होती है।
प्र० 13. 200 g द्रव्यमान की एक हॉकी की गेंद 10 ms-1 की वेग से सीधी रेखा में चलती हुई 5 kg द्रव्यमान के गुटके से संघट्ट करती है तथा उससे जुड़ जाती है। उसके बाद दोनों एक साथ उसी रेखा में गति करते हैं। संघट्ट के पहले और संघट्ट के बाद के कुल संवेगों की गणना करें। दोनों वस्तुओं की जुड़ी हुई अवस्था में वेग की गणना करें।
प्र० 14. 10 g द्रव्यमान की एक गोली सीधी रेखा में 150 ms-1 के वेग से चलकर एक लकड़ी के गुटके से टकराती है और 0.03 s के बाद रुक जाती है। गोली लकड़ी रुक जाती है। गोली लकड़ी को कितनी दूरी तक भेदेगी? लकड़ी के गुटके द्वारा गोली पर लगाए गए बल के परिमाण की गणना करें।
प्र० 15. एक वस्तु जिसका द्रव्यमान 1 kg है, 10 ms-1 के वेग से एक सीधी रेखा में चलते हुए विरामावस्था में रखे 5 kg द्रव्यमान के एक लकड़ी के गुटके से टकराती है। उसके बाद दोनों साथ-साथ उसी सीधी रेखा में गति करते हैं। संघट्ट के पहले तथा बाद के कुल संवेगों की गणना करें। आपस में जुड़े हुए संयोजन के वेग की भी गणना करें।
प्र० 16. 100 kg द्रव्यमान की एक वस्तु का वेग समान त्वरण से चलते हुए 6s में 5 ms-1 से 8 ms-1 हो जाता है। वस्तु के पहले और बाद के संवेगों की गणना करें। उस बल के परिमाण की गणना करें जो उस वस्तु पर आरोपित है।
प्र० 17. अख्तर, किरण और राहुल किसी राजमार्ग पर बहुत तीव्र गति से चलती हुई कार में सवार हैं, अचानक उड़ता हुआ कोई कीड़ा, गाड़ी के सामने के शीशे से आ टकराया और वह शीशे से चिपक गया। अख्तर और किरण इस स्थिति पर विवाद करते हैं। किरण का मानना है कि कीड़े के संवेग परिवर्तन का परिमाण कार के संवेग परिवर्तन के परिमाण की अपेक्षा बहुत अधिक है। (क्योंकि कीड़े के वेग में परिवर्तन का मान कार के वेग में परिवर्तन के मान से बहुत अधिक है।) अख्तर ने कहा कि चूंकि कार का वेग बहुत अधिक था अतः कार ने कीड़े पर बहुत अधिक बल लगाया जिसके कारण कीड़े की मौत हो गई। राहुल ने एक नया तर्क देते हुए कहा कि कार तथा कीड़ा दोनों पर समान बल लगा और दोनों के संवेग में बराबर परिवर्तन हुआ। इन विचारों पर अपनी प्रतिक्रिया दें।
उत्तर-
(a) किरण का यह मानना कि कीड़े के संवेग परिवर्तन का परिमाण कार के संवेग परिवर्तन के परिमाण की अपेक्षा बहुत अधिक है। यह तर्क गलत है।
(b) अख़्तर का तर्क भी गलत है।
(c) राहुल का तर्क सही है। दोनों पर समान बल लगेगा क्योंकि क्रिया तथा प्रतिक्रिया समान परंतु विपरीत दिशा में क्रियाशील होते हैं। साथ ही, संवेग में परिवर्तन का परिमाण भी समान ही रहता है।
प्रारंभिक संवेग (टक्कर के पूर्व) = अंतिम संवेग (टक्कर के बाद)
i.e., [m1u1 + m2u2 = m1v1 +m2v2]
संवेग संरक्षण के नियमानुसार
स्पष्टतः दोनों वस्तुओं (कीड़े एवं कार) पर समान बल आरोपित होगा तथा संवेग में परिवर्तन भी समान होगा। कीड़े का द्रव्यमान अत्यधिक कम होने के कारण उसके वेग में बहुत अधिक परिवर्तन होता है जिससे वह शीशे से चिपक जाता है।
प्र० 18. एक 10 kg द्रव्यमान की घंटी 80 cm की ऊँचाई से फ़र्श पर गिरी। इस अवस्था में घंटी द्वारा फ़र्श पर स्थानांतरित संवेग के मान की गणना करें। परिकलन में सरलता हेतु नीचे की ओर दिष्ट त्वरण का मान 10 ms-2 लें।
NCERT (पृष्ठ संख्या-144)
प्र० A1. एक वस्तु की गति की अवस्था में दूरी समय सारणी निम्नवत् है :
(a) त्वरण के बारे में आप क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं? क्या यह नियत है? बढ़ रहा है? घट रहा है? या शून्य है?
(b) आप वस्तु पर लगने वाले बल के बारे में क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं?
उत्तर-
(a) जब समय t = 0, तो दूरी S = (0)3 = 0
जब t = 1, तो S = (1)3 = 1
जब t = 2, तो S = 23 = 8
इसी प्रकार, अन्य सभी मानों के लिए। अतः दी गई तालिका से स्पष्ट है कि [s ∝ t3]
अर्थात् दूरी ∝ (समय)3
चूँकि दूरी, समय के घन (Cube) के समानुपाती है अतः त्वरण समय के साथ एकसमान रूप से बढ़ रहा है।
(b) हम जानते हैं कि F = ma i.e., F ∝ a या a ∝ F चूँकि त्वरण का मान समय के साथ एकसमान रूप से बढ़ रहा है। अतः वस्तु पर आरोपित बल (लगने वाले बल) का मान भी समय के साथ एकसमान रूप से बढ़ेगा।
प्र० A2. 1200 kg द्रव्यमान की कार को एक समतल सड़क पर दो व्यक्ति समान वेग से धक्का देते हैं। उसी कार को तीन व्यक्तियों द्वारा धक्का देकर 0.2 ms-2 का त्वरण उत्पन्न किया जाता है। कितने बल के साथ प्रत्येक व्यक्ति कार को धकेल पाता है। (मान लें कि सभी व्यक्ति समान पेशीय बल के साथ कार को धक्का देते हैं।)
उत्तर- माना कि प्रत्येक व्यक्ति F बल लगाता है।
जब कार को दो व्यक्ति धक्का देते हैं तो कार में त्वरण उत्पन्न नहीं होता है अतः F + F = 2 F बल घर्षण बल (f) द्वारा संतुलित हो जाता है जो विपरीत दिशा से लगता है।
अतः f = 2F …(1)
वह बल जो कार में त्वरण उत्पन्न कर देता है।
= 3F – f
तीन व्यक्तियों द्वारा बल लगाने पर कार में त्वरण उत्पन्न होता है। i.e., F + F + F = 3 F
= 3F -2F [समी० 1 से मान रखने पर] = F
अत: F = m x a = 1200 kg x 0.2 ms-2 = 240 N
प्र० A3. 500 g द्रव्यमान के एक हथौड़े द्वारा 50 ms-1 वेग से एक कील पर प्रहार किया जाता है। कील द्वारा हथौड़े को बहुत कम समय 0.01 s में ही रोक दिया जाता है। कील के द्वारा हथौड़े पर लगाए गए बल का परिकलन करें।
उत्तर- हथौड़े का द्रव्यमान, m = 500 g = \(\frac { 500 }{ 1000 }\) = 0.5 kg
हथौड़े का प्रारंभिक वेग, u = 50 ms-1
अंतिम वेग, v = 0 (चूंकि हथौड़ा रुक जाता है)
समय, t = 0.01 s
त्वरण, g = ?
अब, गति के समीकरण v = u + at द्वारा
0 = 50 + a x 0.01 s
-50 = (0.01) a
a =- 5000 ms-2
हम जानते हैं कि F = m x a
⇒ F = (0.5 kg) x (-5000 ms-2) = – 2500 N
ऋणात्मक चिह्न यह दर्शाता है कि कील के द्वारा लगाया
गया बल गति के विपरीत दिशा में होता है।
प्र० A4. एक 1200 kg द्रव्यमान की मोटरकार 90 km/h की वेग से एक सरल रेखा के अनुदिश चल रही है। उसका वेग बाहरी असंतुलित बल लगने के कारण 4 s में घटकर 18 km/h हो जाता है। त्वरण और संवेग में परिवर्तन का परिकलन करें। लगने वाले बल के परिमाण का भी परिकलन करें।
उत्तर-
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