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NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 8 कवितावली (उत्तर कांड से), लक्ष्मण-मूच्छ और राम का विलाप

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कवितावली (उत्तर कांड से), लक्ष्मण-मूच्छ और राम का विलाप NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 8

कवितावली (उत्तर कांड से), लक्ष्मण-मूच्छ और राम का विलाप Questions and Answers Class 12 Hindi Aroh Chapter 8

पाठ के साथ

Kavitavali Class 12 Question Answer NCERT Solutions प्रश्न 1.
कवितावली के उदधृत छंदों के आधार पर स्पष्ट करें कि तुलसीदास को अपने-अपने युग की आर्थिक विषमता की अच्छी समझ है। (A.I. C.B.S.E. 2016, C.B.S.E. 2010, Set-1)
उत्तर :
तुलसी के समकालीन समाज में आर्थिक विषमता और गरीबी का बोलबाला था। इन्होंने अपने काव्य में समकालीन युग का यथार्थ चित्रण किया है। कवि ने ग़रीबी और आर्थिक विषमता को बखूबी झेला था। इसलिए उन्होंने इसके सजीव चित्र उकेरे हैं कि उस युग में किसान के पास खेती नहीं थी, भिखारी को भीख नहीं मिलती थी, न व्यापारी के पास व्यापार था और न ही नौकर के पास काम-धंधा। समाज के सामने आर्थिक विषमता और ग़रीबी ही मुख्य समस्या थी। यहाँ तक कि समाज में लोग अपने पेट की आग मिटाने के लिए अपने बेटा-बेटी को भी बेच देते थे। इस प्रकार कवि ने युगीन समाज की आर्थिक विषमता का सजीव चित्रण किया है।

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Kavitavali Class 12 NCERT Solutions प्रश्न 2.
पेट की आग का शमन ईश्वर (राम) भक्ति का मेघ ही कर सकता है-तुलसी का यह काव्य-सत्य क्या इस समय का भी युग-सत्य है? तर्कसंगत उत्तर दीजिए।युग-सत्यह
उत्तर :
पेट की आग का शमन ईश्वर (राम) भक्ति का मेघ ही कर सकता है-तुलसी का यह काव्य-सत्य समकालीन युग में भी सत्य था । और आज भी सत्य है। भक्त यदि भगवान के प्रति पूर्ण समर्पण भाव से भक्ति और कर्म करे तो पेट की माग ही नहीं वरन भक्त का उद्धार भी हो सकता है।

इस सृष्टि में ईश्वर ही सत्य, वही जन्मदाता और पालनहार है फिर जिस प्रभु ने जन्म दिया हो क्या वह अपने बच्चों का पेट नहीं भरेगा। भक्त की भक्ति से प्रसन्न होकर जब ईश्वर भक्ति का मेघ बरसता है तो भक्त को संपूर्ण संसार की खुशियाँ मिल जाती हैं। इस प्रकार यदि भक्त भगवान के प्रति एकनिष्ठ भक्ति करता है और अपना कर्म भी निष्ठापूर्वक निभाता है तो ईश्वर उसकी पेट की आग को ही शांत नहीं करता बल्कि उसके जीवन का भी उद्धार कर देता है।

Kavitavali Question Answer NCERT Solutions  प्रश्न 3.
तुलसी ने यह कहने की जरूरत क्यों समझी? धूत कहौ, अवधूत कही, रजपूत कहौ, जोलहा कहौ कोऊ/काहू की बेटी से बेटी न ब्याहब, काहू की जाति बिगार न सोऊ। इस सवैया में काहू के बेटा सों बेटी न ब्याहब कहते तो सामाजिक अर्थ में क्या परिवर्तन आता?
उत्तर :
भारतीय समाज एक पुरुष प्रधान समाज है। सदियों से यहाँ विवाह की परंपरा रही है कि बेटी के माँ-बाप को बेटे के माँ-बाप के यहाँ हाथ जोड़कर विनम्रतापूर्वक रस्म अदा करते हैं। अतः बेटे के घरवालों को बेटी के घरवाले अधिक सम्मान और इज्जत देते हैं। इस प्रकार यदि इस सवैये में कवि का बेटा सों बेटी न व्हायब कहते तो सामाजिक अर्थ बिलकुल विपरीत हो जाता अर्थात बेटे की जगह बेटी अथ.. पुरुष की जगह स्त्री का वर्चस्व प्रकट होता जिससे भारतीय समाज की परंपरा भी टूट जाती।

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Lakshman Murcha Class 12 Question Answer NCERT Solutions प्रश्न 4.
धूत कही….वाले छंद में ऊपर से सरल व निरीह दिखलाई पड़नेवाले तुलसी की भीतरी असलियत एक स्वाभिमानी भक्त हृदय की है। इससे आप कहाँ तक सहमत हैं? (C.B.S.E. Delhi 2013, Set-l. II, III)
अथवा
‘धूत कहौ, अवधूत कही…’ सवैये में तुलसीदास का स्वाभिमान प्रतिबिंबित होता है। इस कथन की पुष्टि कीजिए। (Outside Delhi 2017, Set-1)
उत्तर :
तुलसीदास जी आदर्शवादी चेतना के कवि हैं। बचपन से उनमें स्वाभिमान की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी। जन्म देते ही माँ-बाप ने उनको त्याग दिया। उनका जीवन अत्यंत कठिनाइयों में व्यतीत हुआ। बाद में रलावली से शादी करने पर भी उन्हें फटकार मिली।

तुलसी जी ने अपनी पत्नी की एकमात्र फटकार से दुनिया से वैराग्य ले लिया था और वे एकनिष्ठ-भाव से प्रभु राम की भक्ति में लीन हो गए थे। इस प्रकार उनका संपूर्ण जीवन दर-दर भटककर व्यतीत हुआ लेकिन वे कभी किसी के सामने गिड़गिड़ाए नहीं। उन्होंने समाज में प्रचलित जाति-पाति और धर्म का खुलकर विरोध किया। वास्तव में वे बाहर से सीधे-सादे-सरल थे लेकिन अंदर से एक स्वाभिमानी भक्त हृदय छिपाए थे। हम इससे पूर्णतः सहमत हैं।

Class 12 Hindi Kavitavali Question Answer NCERT Solutions प्रश्न 5.
व्याख्या करें
(क) मम हित लागि तजेहु पितु माता। सहेहु बिपिन हिम आतप बाता।
जौँ जनतेऊँ बन बंधु बिछोहू। पितु बचन मनतेऊँ नहिं ओहू॥

(ख) जथा पंख बिनु खग अति दीना। मनि बिन फनि करिबर कर हीना।
अस मम जिवन बंधु बिनु तोही। जौं जड़ दैव जिआवै मोही॥

(ग) माँगि के बैबो, मसीत को सोइबो, लैबो को एक न दैबो को दोऊ॥
(घ) ऊँचे नीचे करम, धरम-अधरम करि, पेट को ही पचत, बेचत बेटा-बेटकी॥
उत्तर :
उत्तर के लिए सप्रसंग व्याख्या का अंश देखिए।

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Kavitavali Class 12 Ncert Solutions  प्रश्न 6.
भ्रातृशोक में हुई गम की दशा को कवि ने प्रभु की नर-लीला की अपेक्षा सच्ची मानवीय अनुभूति के रूप में रचा है। क्या आप इससे सहमत हैं? तर्क पूर्ण उत्तर दीजिए। (C.B.S.E. Outside Delhi 2013. Set-11)
उत्तर :
हाँ, भ्रातृशोक में हुई राम की दशा को कवि ने प्रभु की नर-लीला की अपेक्षा सच्ची मानवीय अनुभूति के रूप में रचा है। लक्ष्मण-मूर्छा के पश्चात राम अत्यंत व्याकुल हो उठते हैं। वे कभी तो लखन को अपने हृदय से उठाकर लगाते हैं, तो कभी उनसे बात करने के लिए कहते हैं। लक्ष्मण के बिना राम फूट-फूट कर रो रहे हैं। वे लक्ष्मण से कहते हैं कि यदि मैं जानता कि वन में भाई को खोना पड़ेगा तो मैं अपने पिता दशरथ के वचन को कभी नहीं मानता।

राम कहते हैं कि संसार में सुत, धन, संपत्ति, भवन, परिवार तो बार-बार मिल जाते हैं लेकिन लक्ष्मण जैसा भाई बार-बार नहीं मिल सकता। वे सोच रहे हैं कि अब मैं अयोध्या में क्या मुँह लेकर जाऊँगा? सब यही कहेंगे कि राम ने अपनी पत्नी के लिए अपने भाई को न्योछावर कर दिया। इस संसार में उनको कलंक लेकर जीना पड़ेगा।

यहाँ तक कि राम एक पत्नी अर्थात सीता की हानि को विशेष नहीं मान रहे थे जबकि अपने भाई लक्ष्मण के लिए सामान्य जन की भाँति फूट-फूट कर रो रहे थे। वे लखन के बिना अपने को अधूरा समझ रहे थे कि जैसे पंख के बिना पक्षी, मणि के बिना साँप तथा सूंड के बिना हाथी का जीवन व्यर्थ है उसी तरह लक्ष्मण के बिना राम का जीवन भी व्यर्थ रह जाएगा। वस्तुतः भ्रातृशोक में राम की दशा एक सामान्य मनुष्य की भाँति हो गई थी।

Class 12 Hindi Chapter 8 Question Answer NCERT Solutions प्रश्न 7.
शोक-ग्रस्त माहौल में हनुमान के अवतरण को करुण रस के बीच वीर रस का आविर्भाव क्यों कहा गया है?
अथवा
शोक के वातावरण में हनुमान के अवतरण का क्या प्रभाव पड़ा था?
उत्तर :
लक्ष्मण-मूर्छा के पश्चात समस्त माहौल शोकग्रस्त हो गया था। राम लक्ष्मण को अपने हृदय से लगाकर फूट-फूट कर रो रहे थे। इनके साथ-साथ समस्त भालू-वानर सेना राम को देख अत्यंत दुखी थे। यहाँ तक कि राम-सेना का प्रत्येक प्राणी, वीर शोक-मग्न था। श्रीराम तो सामान्य मनुष्य की भाँति करुणावस्था में पहुंच चुके थे। वे बार-बार लक्ष्मण को देखकर अनेक बातें याद करते हुए रो रहे थे लेकिन जैसे ही हनुमान जी संजीवनी बूटी लेकर शोक-सभा में पहुंचे तो वे पूरा का पूरा पर्वत ही अपने हाथ पर उठा लाए थे।

हनुमान को देख राम तथा समस्त जन थोड़े खुश हुए तथा शीघ्र ही वैद्य जी ने लक्ष्मण को संजीवनी बूटी पिलाई तो लक्ष्मण हर्षित होकर उठ खड़े हुए। राम सहित समस्त वानर-सेना खुश हो गई। इस प्रकार शोक-ग्रस्त माहौल में हनुमान के अवतरण को वीर रस का आविर्भाव कहा गया है।

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Kavitavali Ncert Solutions प्रश्न 8.
“जैहऊँ अवध कवन मुहुँ लाई। नारि हेतु प्रिय भाई गँवाई॥
बरु अपजस सहतेंउँ जग माहीं। नारि हानि विसेष छति नाहिं।।”
भाई के शोक में डूबे राम के इस प्रलाप वचन में स्त्री के प्रति कैसा सामाजिक दृष्टिकोण संभावित है?
उत्तर :
भाई के शोक में डूबे राम के इस प्रलाप-वचन में स्त्री के प्रति उपेक्षित भाव प्रकट हुआ है। समाज में स्त्री को उपेक्षित समझा जाता है। उसे पुरुष के समान इज्जत नहीं दी जाती। समाज नारी की अस्मिता को संदेहपूर्ण दृष्टि से देखता है और उसे असहाय और निर्बल समझकर पग-पग पर उसके मान-सम्मान को ठेस पहुंचाता है।

पाठ के आस-पास

Tulsidas Class 12 Ncert Solutions प्रश्न 1.
कालिदास के रघुवंश महाकाव्य में पत्नी (इंदुमती) के मृत्यु-शोक पर अज तथा निराला की सरोज-स्मृति में पुत्री (सरोज) के मृत्यु-शोक पर पिता के करुण उद्गार निकले हैं। उनसे भ्रातृशोक में डूबे राम के इस विलाप की तुलना करें।
उत्तर :
अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

Class 12 Hindi Kavitavali Ncert Solutions प्रश्न 2.
‘पेट को हि पचत बेटा-बेटकी’ तुलसी के युग का ही नहीं आज के युग का भी सत्य है। भुखमरी में किसानों की आत्म-हत्या और संतानों (खासकर बेटियों) को भी बेच डालने की हृदय-विदारक घटनाएँ हमारे देश में घटती रही हैं। वर्तमान परिस्थितियों और तुलसी के युग की तुलना करें।
उत्तर :
तुलसी युग में भी समाज में भुखमरी, गरीबी का बोलबाला था और आज भी है। उस समय भुखमरी के कारण किसान अपनी भूख मिटाने के कारण अपने बेटे-बेटियों को ही बेच दिया करते थे। आज के युग में लोग गरीबी और भुखमरी से परेशान होकर अपने बेटे-बेटियों को बेच रहे हैं। लेकिन आज के युग में मनुष्य के पास साधनों की कमी नहीं है जो तुलसी युग में होती थी। दूसरे उस युग में गरीबी और भुखमरी के कारण लोग अपने बच्चों को मजबूर होकर बेचते थे लेकिन आज तो कुछ लोग अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए भी अपनी संतानों को बेच रहे हैं।

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लक्ष्मण मूर्छा और राम का विलाप प्रश्न उत्तर NCERT Solutions प्रश्न 3.
‘तुलसी के युग की बेकारी के क्या कारण हो सकते हैं? आज की बेकारी की समस्या के कारणों के साथ उसे मिलाकर कक्षा में परिचर्चा करें।
उत्तर:
तुलसी के युग की बेकारी के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं

  • लोगों के पास कृषि-योग्य भूमि का न होना
  • अच्छे संसाधन का न होना
  • परिश्रम न करना
  • शासन में व्याप्त भ्रष्टाचार
  • कुशासन से परेशान तंत्र
  • मौसम पर आधारित कृषि व्यवस्था।

विद्यार्थी कक्षा में अपने साथियों तथा अध्यापक/अध्यापिका के साथ परिचर्चा करें।

Lakshman Murcha Aur Ram Ka Vilap Question Answer NCERT Solutions  प्रश्न 4.
राम कौशल्या के पुत्र थे और लक्ष्मण सुमित्रा के। इस प्रकार वे परस्पर सहोदर (एक ही माँ के पेट से जन्मे) नहीं थे। फिर, राम ने लक्ष्य कर ऐसा क्यों कहा-“मिलइ न जगत सहोदर भ्राता”? इस पर विचार करें।
उत्तर :
राम ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि राम कौशल्या के साथ-साथ सुमित्रा को भी अपनी माँ मानते थे। वे लक्ष्मण को अपने सगे भाई की तरह प्यार करते थे।

Class 12 Hindi Aroh Chapter 8 Question Answer NCERT Solutions प्रश्न 5.
यहाँ कवि तुलसी के दोहा, चौपाई, सोरठा, कवित्त, सवैया-ये पाँच छंद प्रयुक्त हैं। इसी प्रकार तुलसी साहित्य में और छंद तथा काव्य-रूप आए हैं। ऐसे छंदों व काव्य-रूपों की सूची बनाएँ। दोहा- भरत बाहु
उत्तर :
दोहा – भरत बाहु बल शील गुन प्रभु पद प्रीति अपार।
मन महुँ जात सराहत पुनि-पुनि पवन कुमार ॥

सोरठा – हरषि राम भेंटेउ हनुमाना। अति कृतग्य प्रभु परम सुजाना।
तुरत बैद तब कीन्ही उपाई। उठि बैठे लछिमन हरषाई॥

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कवित्त- खेती न किसान को भिखारी को न भीख, बलि,
बनिक को बनिज, न चाकर को चाकरीन
जीविका विहीन लोग सीद्यमान सोच बस,
कहें एक एकन सों ‘कहाँ जाई, का करी?’
वेदहूँ पुरान कही, लोकहुँ बिलोकिअत,
साँकरे सबै पै, राम! रावर कृपा करी।
दारिद दसानन दबाई दुनी, दुनी दीनबंधु
दुरित-दहन देखि तुलसी हहा करी॥

सवैया – धूत कहौ, अवधूत कहौ, रजपूत कहौ जोलहा कहौ कोऊ।
काहूकी बेटी सों बेटा न ष्याल्ब, काहूकी जाति बिगार न सोऊ॥

तुलसी सरनाम गुलामु है राम को, जाको रुचै सो कहै कछु ओऊ।
माँगी कै खैबो, मसीत को सोइबो, लैबोको एकु न दैबको दोऊ॥

इन्हें भी जानें

चौपाई _चौपाई सम-मात्रिक छंद है यह चार पंक्तियों का होता है जिसके दोनों चरणों में 16-16 मात्राएँ होती हैं। चालीस चौपाइयोंवाली रचना को चालीसा कहा जाता है-यह तथ्य लोकप्रसिद्ध है।

दोहा—दोहा अर्ध-सम-मात्रिक छंद है। इसके सम-चरणों (दूसरे और चौथे चरण) में 11-11 मात्राएँ होती हैं तथा विषम चरणों (पहले और तीसरे) में 13-13 मात्राएँ होती हैं। इनके साथ अंत लघु (।) वर्ण होता है।

सोरठा- दोहे को उलट देने से सोरठा बन जाता है। इसके सम-चरणों (दूसरे और चौथे चरण) में 13-13 मात्राएँ होती हैं तथा विषम चरणों (पहले और तीसरे) में 11-11 मात्राएँ होती हैं। परंतु दोहे के विपरीत इसके सम-चरणों (दूसरे और चौथे चरण) में अंत्यानुप्रास या तुक नहीं रहती, विषम चरणों (पहले और तीसरे) में तुक होती है।

कवित्त- यह वार्णिक छंद है। इसे मनहरण भी कहते हैं। कवित्त के प्रत्येक चरण में 31-31 वर्ण होते हैं। प्रत्येक चरण के 16वें और फिर 15वें वर्ण पर यति रहती है। प्रत्येक चरण का अंतिम वर्ण गुरु होता है। सवैया-चूँकि सवैया वार्णिक छंद है, इसलिए सवैया छंद के कई भेद हैं। ये भेद गणों के संयोजन के आधार पर बनते हैं। इनमें सबसे प्रसिद्ध मत्तगयंद सवैया है इसे मालती सवैया भी कहते हैं। सवैया के प्रत्येक चरण में 23-23 वर्ण होते हैं जो 7 भगण + 2 गुरु (33) के क्रम के होते हैं। यहाँ प्रस्तुत तुलसी का सवैया कई भेदों को मिलाकर बनता है।
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NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 10 छोटा मेरा खेत, बगुलों के पंख

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छोटा मेरा खेत, बगुलों के पंख NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 10

छोटा मेरा खेत, बगुलों के पंख Questions and Answers Class 12 Hindi Aroh Chapter 10

कविता के साथ

Chota Mera Khet Class 12 Ncert Solutions प्रश्न 1.
छोटे चौकोना खेत को कागज़ का पन्ना कहने में क्या अर्थ निहित है? (C.B.S.E. Sample Paper)
अथवा
‘छोटा मेरा खेत’ कविता के आधार पर खेत और कागज के पन्ने में समानता के तीन बिंदुओं पर प्रकाश डालिए। (C.B.S.E. 2012)
करगज के पन्ने की तुलना छोटे चौकोर खेत से करने का आधार स्पष्ट कीजिए। (C.B.S.E. 2014 Set-l, II, III)

छोटे चौकोने खेत को कागज़ का पन्ना कहने में यह अर्थ निहित है कि जिस प्रकार कागज का पन्ना चौकोर होता है उसी प्रकार छोटा खेत भी चौकोर होता है। खेत में बीज बोया जाता है फिर उसमें रसायन तत्व, पानी आदि डालते हैं। तत्पश्चात उसमें से बीज अंकुरित होते हैं। वे अंकुर पत्तों और फूलों के रूप में पल्लवित होकर एक दिन पूर्ण तथा फ़सल बन जाते हैं। फिर एक दिन उस फसल की कटाई कर देते हैं।

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ठीक इसी प्रकार कागज के पन्ने पर कोई कल्पना के सहारे कवि द्वारा अभिव्यक्ति रूपी बीज बोया जाता है। फिर वह बीज मूल कल्पना से विकसित होकर इस प्रक्रिया में स्वयं विगलित हो जाता है, उससे शब्दों के अंकुर निकलते हैं और अंततः वह एक पूर्ण कृति का स्वरूप ग्रहण करता। उसमें से एक ऐसी अमृत रस-धारा निकलती है जो अनंत काल तक समाप्त नहीं होती है।

Chota Mera Khet Class 12 NCERT Solutions प्रश्न 2.
रचना के संदर्भ में अंधड़ और बीज क्या हैं ?
उत्तर :
रचना के संदर्भ में अंधड़ भावनात्मक आँधी का तथा बीज रचना-विचार और अभिव्यक्ति का प्रतीक है।

Chota Mera Khet Question Answer Class 12 NCERT Solutions प्रश्न 3.
रस का अक्षय पात्र से कवि ने रचना कर्म की किन विशेषताओं की ओर इंगित किया है? (C.B.S.E. Delhi 2017, Set-III)
उत्तर :
रस का अक्षम पात्र से कवि ने रचनाकर्म की निम्नलिखित विशेषताओं की ओर इंगित (संकेत) किया है

  • रचना कर्म के रस के अक्षय पात्र से अलौकिक अमृत धाराएँ फूटती हैं।
  • यह बार-बार लूटने पर भी से जरा भी कम नहीं होता।
  • यह रस बार-बार लूटने से कम होने की अपेक्षा बढ़ता जाता है।

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Class 12 Hindi Chapter 10 Question Answer NCERT Solutions प्रश्न 4.
व्याख्या करें–
शब्द के अंकुर फूटे
पल्लव-पुष्यों से नमित हुआ विशेष ।
उत्तर :
प्रस्तुत काव्यांश ‘आरोह भाग-2’ में संकलित कवि ‘उमाशंकर जोशी’ द्वारा रचित ‘छोटा मेरा खेत’ कविता से अवतरित है। कवि का कथन है कि छोटे खेत रूपी कागज़ के पन्ने पर कवि जब रचना विचार और अभिव्यक्ति का बीज बोता है तो वह कल्पना के सहारे विगलित होकर उसमें से शब्द रूपी अंकुर फूटते हैं। तत्पश्चात ये शब्द रूपी अंकुर पल्लवित-पुष्पित होकर धीरे-धीरे एक पूर्ण कृति के स्वरूप को ग्रहण करता है। फिर वे निरंतर पल्लवित और पुष्पित होते हुए कृति के रूप को ग्रहण करते हैं।

Chhota Mera Khet Question Answer Class 12 NCERT Solutions प्रश्न 5.
रोपाई क्षण की
कटाई अनंतता की
लुटते रहने से ज़रा भी नहीं कम होती।
उत्तर
प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘आरोह भाग-2’ में संकलित कवि ‘उमाशंकर जोशी’ द्वारा रचित ‘छोटा मेरा खेत’ कविता से ली गई हैं। इनमें कवि का भाव यह है कि कवि खेत रूपी कागज़ के पन्ने पर क्षण-भर में जो अभिव्यक्ति और रचना विचार का बीज बोता है उसकी रोपाई तो कवि क्षण भर में कर देता है जबकि उस कृति से प्राप्त रस की अमृत-धारा अनंत काल तक चलने वाली कटाई के समान होती है। एक श्रेष्ठ कृति या साहित्य से जो रस-धारा फूटती है वह अनंत काल तक कम नहीं होती। वह रस-धारा बार-बार लूटने से ज़रा-सी भी कम नहीं होती।

कविता के आस-पास

छोटा मेरा खेत कविता Class 12 NCERT Solutions प्रश्न 1.
शब्दों के माध्यम से जब कवि दृश्यों, चित्रों, ध्वनि-योजना अथवा रूप-रस-गंध को हमारी ऐंद्रिक अनुभवों में साकार कर देता है तो बिंब का निर्माण होता है। इस आधार पर प्रस्तुत कविता से बिंब की खोज करें।
उत्तर :
आस्वाद बिंब – कल्पना के रसायनों को पी
बीज गया निःशेष;
शब्द के अंकुर फूटे,
पल्लव-पुष्पों से नमित हुआ विशेष।

ध्वनि बिंब – छोटा मेरा खेत चौकोना
कागज़ का एक पन्ना,
कोई अंधड़ कहीं से आया
क्षण का बीज वहाँ बोया गया।

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Chhota Mera Khet Class 12 NCERT Solutions प्रश्न 2.
जहाँ उपमेय में उपमान का आरोप हो रूपक कहलाता है। कविता में से रूपक का चुनाव करें।
उत्तर :

  • पल्लव-पुष्पों से नमित हुआ विशेष
  • कजरारे बादलों की छाई नम छाया
  • तैरती साँझ की सतेज श्वेत काया।

कला की बात

छोटा मेरा खेत व्याख्या Class 12 NCERT Solutions प्रश्न 1.
बगुलों के पंख कविता को पढ़ने पर आपके मन में कैसे चित्र उभरते हैं ? उनकी किसी भी अन्य कला के माध्यम में अभिव्यक्त करें।
उत्तर :
बगुलों के पंख कविता पढ़ने पर हमारे मन में अनेक सफेद और सुंदर पंखों वाले पक्षी विचरण करने लगते हैं। ये सभी सुंदर पक्षी पंक्तिबद्ध हैं। इनकी सुंदरता हमारे मन को अपनी ओर खींच लेती है। साथ ही आसमान में छाए बादल और उनके पल-पल बदलते रूप दृश्यमान हो जाते हैं।

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NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 4 कैमरे में बंद अपाहिज

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 कैमरे में बंद अपाहिज NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 4

 कैमरे में बंद अपाहिज Questions and Answers Class 12 Hindi Aroh Chapter 4

कविता के साथ

Class 12 Hindi Chapter 4 Question Answer NCERT Solutions प्रश्न 1.
कविता में कुछ पंक्तियाँ कोष्ठकों में रखी गई हैं-आपकी समझ से इसका क्या औचित्य है?
उत्तर :
अपनी बात को सार्थकता, स्पष्टता और विशिष्टता प्रदान करने, प्रयोगवादी शिल्प को व्यक्त करने तथा भावों को सामर्थ्य देने के लिए कवि ने कविता में कुछ पंक्तियाँ कोष्ठकों में रखी हैं।

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 4 कैमरे में बंद अपाहिज

Kamre Mein Band Apahij Question Answer Class 12 प्रश्न 2.
‘कैमरे में बंद अपाहिज’ करुणा के मुखौटे में छिपी क्रूरता की कविता है-विचार कीजिए। (Delhi C.B.S.E. 2009, A.I.C.B.S.E. 2011, Set-I, 2012, Set-I, Delhi C.B.S.E. 2016, Outside Delhi 2017, Set-III)
अथवा
कैमरे में बंद अपाहिज कुछ लोगों की संवेदनहीनता प्रकट करती है। कैसे? कुछ लागा का सबदनहानता प्रकट करती है। कैसे? (C.B.S.E. 2014 Set-I, II, III)
उत्तर :
‘कैमरे में बंद अपाहिज’ कविता में कवि ने अपंग व्यक्ति के प्रति करुणा-भाव प्रकट किए हैं लेकिन टेलीविज़न कैमरा अपने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए तथा अपने कारोबार के कारण उस अपाहिज के प्रति संवेदनहीन रवैये को अपनाता है। कैमरे वाले दर्शकों को दिखाते हुए अपाहिज की संवेदनाओं को नहीं देखते। दूरदर्शन शारीरिक चुनौती झेलते लोगों के प्रति संवेदनशीलता की अपेक्षा संवेदनहीनता का रवैया अपनाता है जिस कारण अपाहिज लोगों के हृदय में क्रूर भाव पनप जाते हैं।

Kamre Me Band Apahij Kavita Question Answer Class 12 प्रश्न 3.
‘हम समर्थ शक्तिवान’ और ‘हम एक दुर्बल को लाएंगे’ पंक्ति के माध्यम से कवि ने क्या व्यंग्य किया है?
अथवा
‘कैमरे में बंद अपाहिज’ कविता में शारीरिक चुनौती झेलते अन्यथा सक्षम लोगों के प्रति काम के रवैये पर टिप्पणी कीजिए। (A.I. C.B.S.E. 2012, Set-I, C.B.S.E Delhi 2017, Set-I)
उत्तर :
‘इस पंक्ति के माध्यम से कवि ने टेलीविज़न कैमरा तथा दूरदर्शनवालों पर व्यंग्य किया है जो अपने-आपको हर तरह से समर्थ मानकर किसी अपाहिज व्यक्ति की संवेदनाओं से खिलवाड़ करते हैं। ये शारीरिक चुनौती झेलते लोगों की दुर्बलता का बार-बार अहसास कराकर उन्हें कंठित करते हैं जो अपनी प्रसिद्धि के लिए दसरों की भावनाओं को ठेस पहँचाते हैं।

Kamre Mein Band Apahij Class 12 NCERT Solutions प्रश्न 4.
यदि शारीरिक रूप से चनौती का सामना कर रहे व्यक्ति और दर्शक, दोनों एक साथ रोने लगेंगे, तो उससे प्रश्नकर्ता का कौन-सा उद्देश्य पूरा होगा ?
उत्तर :
शारीरिक चुनौती का सामना कर रहे व्यक्ति और दर्शक दोनों के एक साथ रोने से प्रश्नकर्ता का कार्यक्रम सफल हो जाएगा तथा उसकी जिज्ञासा भी शांत हो जाएगी।

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 4 कैमरे में बंद अपाहिज

कैमरे में बंद अपाहिज पाठ के प्रश्न उत्तर Class 12 NCERT Solutions प्रश्न 5.
‘परदे पर वक्त की कीमत है’ कहकर कवि ने पूरे साक्षात्कार के प्रति अपना नज़रिया किस रूप में रखा है?
उत्तर :
‘परदे पर वक्त की कीमत है’ कहकर कवि ने पूरे यह बताया है कि दूरदर्शनवाले यह चाहते हैं कि अपंग व्यक्ति को दुखी देखकर दर्शकगण भी रोने लगे। इस तरह के दृश्य को वे अधिक समय तक दिखाना नहीं चाहते क्योंकि उन्हें वक्त की कीमत का अहसास है। शायद इसीलिए वे सभी कार्यक्रम समयानुसार प्रदर्शित करते हैं तथा समय के अनुरूप अपने कार्यक्रमों को बाँट लेते हैं।

कविता के आस-पास

कैमरे में बंद अपाहिज प्रश्न उत्तर Class 12 NCERT Solutions प्रश्न 1.
यदि आपको शारीरिक चुनौती का सामना कर रहे किसी मित्र का परिचय लोगों से करवाना हो, तो किन शब्दों में करवाएँगे?
उत्तर :
यह मेरा घनिष्ट मित्र प्रिंस है। यह एक अच्छा शिक्षक है। इसकी एक टाँग अपने देश की आज़ादी के आंदोलन में कट गई थी लेकिन इसने कभी हार नहीं मानी। अब भी यह देश-सेवा में तत्पर रहता है। तथा बच्चों को चरित्र-निर्माण तथा देश-सेवा की प्रेरणा देता है।

Class 12 Hindi Aroh Chapter 4 Question Answer NCERT Solutions प्रश्न 2.
सामाजिक उद्देश्य से युक्त ऐसे कार्यक्रम को देखकर आपको कैसा लगेगा? अपने विचार संक्षेप में लिखें!
उत्तर :
हमें ऐसा सामाजिक उद्देश्य से मुक्त कार्यक्रम देखकर बहुत अच्छा लगेगा। इससे जीवन में मुसीबतों और दुखों से लड़ने की प्रेरणा मिलेगी, जीवन जीने की इच्छा जाग उठेगी। फिर अपने जीवन से कोई शिकायत न रहेगी।

कैमरे में बंद अपाहिज Ncert Solutions Class 12 NCERT Solutions प्रश्न 3.
यदि आप इस कार्यक्रम के दर्शक हैं तो टी०वी० पर ऐसे सामाजिक कार्यक्रम को देखकर एक पत्र में अपनी प्रतिक्रिया दूरदर्शन निदेशक को भेजें।
उत्तर :
सेवा में
निदेशक महोदय
दूरदर्शन
नई दिल्ली
विषय-शारीरिक चुनौती से युक्त कार्यक्रम के प्रति।
महोदय मैं इस पत्र के माध्यम से दूरदर्शन पर दिखाए जानेवाले शारीरिक चुनौती का सामना कर रहे लोगों के कार्यक्रम के प्रति आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूँ। प्रायः दूरदर्शन पर ऐसे लोगों के कार्यक्रम दिखाए जाते हैं जो अपाहिज हैं; चल-फिर नहीं सकते; बोल नहीं सकते या देख नहीं सकते। टी०वी० पर इन लोगों से संवाददाता अपने चैनल या कार्यक्रम की प्रसिद्धि के लिए ऐसे प्रश्न पूछते हैं : जिससे ये लोग हतोत्साहित होते हैं। इन बातों से इन लोगों में दुर्बलता का अहसास पैदा होता है। बार-बार शारीरिक कमजोरी के प्रश्न : पूछकर उनकी आंतरिक संवेदनाओं से खिलवाड़ किया जाता है। महोदय, मेरी इच्छा है कि शारीरिक रूप से कमजोर लोगों का कार्यक्रम : दिखाते हुए उससे ऐसे सवाल न पूछे जाएँ जिससे उनके मन में हीन भावना पैदा हो।
धन्यवाद।
भवदीय
प्रिंस गुप्ता

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 4 कैमरे में बंद अपाहिज

Class 12 Hindi Kamre Mein Band Apahij Question Answer प्रश्न 4.
नीचे दिए गए खबर के अंश को पढ़िए और बिहार के इस बुधिया से एक-एक काल्पनिक साक्षात्कार कीजिए
उम्र पाँच साल, संपूर्ण रूप से दिव्यांग और दौड़ गया पाँच किलोमीटर। सुनने में थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन यह कारनामा कर दिखाया है पवन ने। बिहारी बुधिया के नाम से प्रसिद्ध पवन जन्म से ही दिव्यांग है। इसके दोनों हाथ का पुलवा नहीं है, जबकि पैर में सिर्फ ऐडी ही है। पवन ने रविवार को पटना के कारगिल चौक से सुबह 8.40 पर दौड़ना शुरू किया। डाकबंगला रोड, तारामंडल और आर० ब्लॉक होते हुए पवन का सफ़र एक घंटे बाद शहीद स्मारक पर जाकर खत्म हुआ। पवन द्वारा तय की गई इस दूरी के दौरान ‘उम्मीद स्कूल’ के तकरीबन तीन सौ बच्चे साथ दौड़कर उसका हौसला बढ़ा रहे थे। सड़क किनारे खड़े दर्शक यह देखकर हतप्रभ थे कि किस तरह एक दिव्यांग बच्चा जोश एवं उत्साह के साथ दौड़ता चला जा रहा है। जहानाबाद जिले का रहनेवाला पवन नव रसना एकेडमी, बेउर में कक्षा एक का छात्र है। असल में पवन का सपना ओडिशा के बुधिया जैसा करतब दिखाने का है। कुछ माह पूर्व बुधिया 65 किलोमीटर दौड़ चुका है। लेकिन बुधिया पूरी तरह से स्वस्थ है जबकि पवन पूरी तरह से दिव्यांग। पवन का सपना कश्मीर से कन्याकुमारी तक की दूरी पैदल तय करने का है। (9 अक्तूबर, 2006 हिंदुस्तान से साभार)
उत्तर :
पत्रकार-शाबाश पवन! तुम ने तो कमाल कर दिया। इतनी लंबी दौड़ के बाद थकान नहीं हुई तुम्हें?
पवन- नहीं। मैं अकेला थोड़े ही भाग रहा था। मेरे साथ उम्मीद स्कूल के तीन सौ बच्चे भी तो भाग रहे थे।
पत्रकार- हाँ, वह तो है। पर उनमें और तुममें थोड़ा-सा अंतर भी तो है।
पवन- हाँ, वह तो है। भगवान ने उन्हें शरीर के अंग तो पूरे दिए हैं पर मेरे पैरों में तो केवल एड़ी ही है, पंजा तो है ही नहीं। मेरे दोनों हाथ का पुलवा भी नहीं है। पर मुझे उन्होंने साहस दिया है।
पत्रकार- तुमने कितने किलोमीटर की दौड़ लगाई है?
पवन- पाँच किलोमीटर।
पत्रकार-लोग तुम्हें बुधिया के नाम से पुकारते हैं तो तुम्हें कैसा लगता है?
पवन- अच्छा लगता है। ईश्वर ने उसे स्वस्थ बनाया है और वह एक ही बार में 65 किलोमीटर लंबी दौड़ लगा चुका है।
पत्रकार- क्या तुम भी एक बार में इतनी ही लंबी दौड़ लगाना चाहते हो या इससे भी लंबी?
पवन- मैं तो एक ही बार कश्मीर से कन्याकुमारी तक की दूरी पैदल तय करना चाहता हूँ।
पत्रकार- अरे वाह ! तुम तो बड़े बहादुर हो। तुमने अपनी यह दौड़ कहाँ से शुरू की थी और कहाँ समाप्त की थी?
पवन- मैंने रविवार को पटना के कारगिल चौक से सुबह 8.40 पर दौड़ना शुरू किया था। डाकबंगला रोड तारामंडल और आर० ब्लॉक होते हुए मैंने एक घंटे बाद शहीद स्मारक पर अपनी दौड़ समाप्त की थी।
पत्रकार-तुम पढ़ते भी हो? पवन-हाँ, मैं जहानाबाद जिले के नव रसना एकेडमी, बेउर में पहली कक्षा में पढ़ता हूँ।
पत्रकार-तुम तो बहुत अच्छे हो। पढ़ते भी हो, दौड़ते भी हो और तुममें साहस भी बहुत है। ईश्वर तुम्हें लंबी उमर दे ताकि तुम देश का नाम ऊँचा कर सको।
पवन-धन्यवाद।

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 4 कैमरे में बंद अपाहिज

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NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 3 कविता के बहाने, बात सीधी थी पर

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कविता के बहाने, बात सीधी थी पर NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 3

कविता के बहाने, बात सीधी थी पर Questions and Answers Class 12 Hindi Aroh Chapter 3

कविता के साथ।

Kavita Ke Bahane Class 12 Ncert Solutions प्रश्न 1.
इस कविता के बहाने बताएँ कि ‘सब घर एक कर देने के माने’ क्या है? (C.P.S.E. Model Q. Paper 2008)
उत्तर
“सब घर एक कर देने के माने’ से अभिप्राय है सभी घरों को एक समान समझना तथा अपना-पराया, छोटा-बड़ा, मेरा-तेरा, जाति-धर्म, संप्रदाय आदि संकुचित भावनाओं को मिटाकर सबको एकसमान देखना। समाज में छोटे बच्चे का मन बहुत कोमल होता है। उसे किसी से भेदभाव, ईर्ष्या, द्वेष आदि नहीं होता, इसलिए वह अपने साथियों के साथ खेलने के लिए सभी घरों में जाता है। वह समस्त संकीर्णताओं को मिटाकर सभी घरों को एकसमान कर देता है।

Class 12 Hindi Chapter 3 Question Answer प्रश्न 2.
‘उड़ने’ और ‘खिलने’ का कविता से क्या संबंध बनता है।
उत्तर :
कविता में ‘उड़ने’ का संबंध चिड़िया से है पर वह चिड़िया से भी बढ़कर कविता के उन भावों से है जो काल की सीमा को भी लाँघ कर स्वयं को प्रकट कर देते हैं। अतीत के भाव यदि वर्तमान तक पहुँचते हैं तो वे भविष्य में भी जाएँगे। चिड़िया की उड़ने की तो सीमित क्षमता है पर कविता में विद्यमान भावों की क्षमता तो असीम है। ‘खिलने’ का संबंध फूल से है, उसकी सुंदरता और उसकी मधुर गंध से है पर कविता में विद्यमान होने वाले सुंदर भावों और गुणों को भी यह प्रकट करता है।

फूल तो कुछ समय के लिए खिलकर अपना रंग-रूप प्रकट करता है, गंध फैलाता है लेकिन कविता तो युग-युगांतरों तक अपने गुण रूपी सुगंध को फैलाने की क्षमता रखती है। कवि ने प्रतीकात्मकता के प्रयोग से ‘उड़ने’ और ‘खिलने’ को अति व्यापकता प्रदान कर दी है और ये शाश्वत गुणों को व्यक्त करने वाले वाहक बन गए हैं।

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 3 कविता के बहाने, बात सीधी थी पर

Kavita Ke Bahane Class 12 NCERT Solutions प्रश्न 3.
कविता और बच्चे को समानांतर रखने के क्या कारण हो सकते हैं?
अथवा
‘कविता के बहाने’ कविता में कविता और बच्चे को समानांतर रखने के क्या कारण हो सकते हैं? (C.B.S.E. 2018)
उत्तर :
कोई बच्चा इस सृष्टि में आकर इंसान की युगों पुरानी सभ्यता को वर्तमान में स्थापित करता है। युगों से हमारे पूर्वजों ने जिन-जिन जीवन मूल्यों की स्थापना की, उन्हें अगली पीढ़ी तक ले जाने के लिए वह तत्पर होता है। पुराने मूल्यों में वर्तमान का यथार्थ जोड़ता है और भविष्य की ओर बढ़ जाता है। कविता भी ऐसा ही करती है। कविता युगों पुराने भावों को वर्तमान के माध्यम से भविष्य की ओर लेकर आगे गति करती है।

कोई भी बच्चा खेलते-कूदते समय, स्थान और स्थिति का ध्यान न रखते हुए अपने भावों को व्यक्त कर देता है और कवि भी अपनी कविता के माध्यम से ऐसा ही करता है। कवि ने कविता और बच्चे को समानांतर रखा है क्योंकि इन दोनों के माध्यम से ही अतीत, वर्तमान और भविष्य आपस में जुड़ते हैं। बच्चे भी खेलते समय किसी की परवाह नहीं करते और कवि भी हर प्रकार के अच्छे-बुरे भावों को कविता के माध्यम से व्यक्त कर देते हैं।

Kavita Ke Bahane Question Answer Class 12  प्रश्न 4.
कविता के संदर्भ में ‘बिना मुरझाए महकने के मान क्या है?
उत्तर :
कविता के माध्यम से कवि के मधुर भाव व्यक्त होते हैं जो अपने समय और समाज को सुगंध प्रदान करते हैं। उन भावों का प्रभाव क्षणिक नहीं होता, वे चिरस्थाई होते हैं। वे युग-युगांतर तक मानव सभ्यता को प्रभावित करते हैं। शाश्वत मूल्य तो मानव के लिए हर काल में संजीवनी का कार्य करते हैं। कविता में छिपे हुए श्रेष्ठ भाव और मूल्य तो बिना मुरझाए सदा महकते रहते हैं। अतीत से वे वर्तमान को प्राप्त हुए और वर्तमान से आने वाली पीढ़ियों को प्राप्त होंगे। उनके द्वारा ही मानव सभ्यता के उच्च जीवन-मूल्य गति प्राप्त करते रहेंगे।

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 3 कविता के बहाने, बात सीधी थी पर

Kavita Ke Bahane Ncert Solution Class 12 प्रश्न 5.
‘भाषा को सहूलियत’ से बरतने से क्या अभिप्राय है? (A.I C.B.S.E. Set-I. Outside Delhi 2013. 2017 Set-1, II, III)
उत्तर :
इस कथन के माध्यम से कवि यह कहना चाहता है कि जब भी हम कोई रचना करते हैं तो हमें उस समय अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए आडंबरपूर्ण भारी-भरकम समझ में न आने वाली शब्दावली का प्रयोग नहीं करना चाहिए। अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए हमें सहज, सरल, व्यावहारिक तथा सबकी समझ में आने वाली भाषा का प्रयोग करना चाहिए, जिससे कवि की भावनाओं को सहज तथा स्पष्ट रूप से समझा जा सके।

कविता के बहाने प्रश्न उत्तर Class 12 NCERT Solutions प्रश्न 6.
बात और भाषा परस्पर जुड़े होते हैं, किंतु कभी-कभी भाषा के चक्कर में ‘सीधी बात भी टेढ़ी हो जाती है, कैसे?
उत्तर
जब हम किसी को कोई बात कहना चाहते हैं तो उसके लिए हमें उन्हीं उचित शब्दों का चयन करना पड़ता है जिनसे हमारी बात उस व्यक्ति तक स्पष्ट रूप से पहुँच जाए और वह हमारी बात कहने का मतलब भी समझ जाए नहीं, तो कई बार सीधी बात भी टेढ़ी हो जाती है। जैसे हमने किसी को मारना नहीं है और हम कहते हैं ‘मारो, मत छोड़ो’ तो सुनने वाला उसे मार देगा। हमें कहना चाहिए था ‘मारो मत, छोड़ो’। इस प्रकार से सीधी बात भी टेढ़ी हो जाती है।

कविता के बहाने का प्रश्न उत्तर Class 12 NCERT Solutions प्रश्न 7.
बात (कथ्य) के लिए नीचे दी गई विशेषताओं का उचित बिंबों/मुहावरों से मिलान करेंबिंब/मुहावरा
Kavita Ke Bahane Class 12 Ncert Solutions
उत्तर :
Class 12 Hindi Chapter 3 Question Answer

कविता के आस-पास

प्रश्न बात से जुड़े कई मुहावरे प्रचलित हैं। कुछ मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग करते हुए लिखिए।
उत्तर :
बात छेड़ना (चर्चा करना)-श्याम बात छेड़ तो देता है परंतु पूरी नहीं करता।
बात ही बात में (तुरंत)-मोहन हर काम बात ही बात में कर देता है।
बात को पीना (चुभती हुई बात को सह लेना)-श्रीकृष्ण शिशुपाल की अनेक बातों को पी गए।
बात रखना (इज्ज़त रखना)-लाला राम लाल ने कृष्ण लाल की बेटी का अपने पुत्र से बिना दहेज के विवाह करके उसकी बात रख ली।
बात हाँकना (बढ़-चढ़कर बातें करना)-राधे मोहन कुछ काम तो करता नहीं, बस बातें ही हाँकता रहता है।
इनके अतिरिक्त भी कुछ अन्य मुहावरे हैं-बात न करना, बात पकड़ना, बात पक्की करना, बात काटना, बात पूछना, बात निकलना, बात रह जाना, बात लगाना।

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 3 कविता के बहाने, बात सीधी थी पर

व्याख्या करें

ज़ोर ज़बरदस्ती से
बात की चूड़ी मर गई
और वह भाषा में बेकार घूमने लगी।
उत्तर
इस पाठ का सप्रसंग व्याख्या भाग देखिए। चर्चा कीजिए

(i) आधुनिक युग में कविता की संभावनाओं पर चर्चा कीजिए।
(ii) चूड़ी, कील, पेंच आदि मूर्त उपमानों के माध्यम से कवि ने कथ्य की अमूर्तता को साकार किया है। भाषा को समृद्ध एवं संप्रेषणीय बनाने में बिंबों और उपमानों के महत्व पर परिसंवाद आयोजित करें।
उत्तर :
अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं कीजिए।

आपसदारी

सुंदर है सुमन, विहग सुंदर
मानव तुम सबसे सुंदरतम।

(i) पंत की इस कविता में प्रकृति की तुलना में मनुष्य को अधिक सुंदर और समर्थ बताया गया है। ‘कविता के बहाने’ कविता में से इस आशय को अभिव्यक्त करने वाले बिंदुओं की तलाश करें।
उत्तर
पंत की कविता में प्रकृति की तुलना में मनुष्य को अधिक सुंदर और समर्थ बताया गया है और ठीक वैसे ही ‘कुँवर नारायण’ की कविता में भी बच्चे के माध्यम से मानव के गुणों को परोक्ष रूप में व्यक्त किया गया है। मनुष्य में अपार रचनात्मक ऊर्जा है जिसे वह हर-संभव स्थान पर प्रकट करने को सदा तत्पर रहता है।

(ii) प्रतापनारायण मिश्र का निबंध ‘बात’ और नागार्जुन की कविता ‘बातें’ ढूँढ़कर पढ़ें।
उत्तर
विद्यार्थी पुस्तकालय से पुस्तक लेकर स्वयं पढ़ें।

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 3 कविता के बहाने, बात सीधी थी पर

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NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 5 सहर्ष स्वीकारा है

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सहर्ष स्वीकारा है NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 5

सहर्ष स्वीकारा है Questions and Answers Class 12 Hindi Aroh Chapter 5

कविता के साथ

Saharsh Swikara Hai Question Answer Class 12 प्रश्न 1.
टिप्पणी कीजिए-गरबीली ग़रीबी, भीतर की सरिता, बहलाती सहलाती आत्मीयता, ममता के बादल। (C.R.S.E. 2010, Set-1 )
उत्तर :
गरबीली गरीबी – गरबीली गरीबी से अभिप्राय है गर्वीली गरीबी अर्थात गर्वयुक्त दरिद्रता। गरीबी में मनुष्य हताश, निराश, दुखी हो अपना धैर्य खो बैठता है। जीवन के प्रति उसका दृष्टिकोण सात्विक नहीं रहता लेकिन यहाँ कवि ने ऐसी गरीबी का चित्रण किया है जिसमें डूबकर वह हताश, निराश एवं दुखी नहीं होता बल्कि धैर्य, साहस और स्वाभिमान से उसका मुकाबला करता है। वह इस गरीबी में जीकर भी खुश है, आनंदित है। उसे गरीबी युक्त जीवन से कोई शोक या वेदना नहीं होती बल्कि वह गर्व से जीवन-यापन करता है। इसलिए कवि ने गरीबी को गरबीली गरीबी कहा है।

भीतर की सरिता – भीतर की सरिता है आंतरिक सरिता या हृदय रूपी सरिता। यहाँ कवि ने हृदय में नदी का अभेद आरोपण किया है। जिस प्रकार नदी पवित्र होती है, उसका पानी पवित्र होता है; धाराएँ पवित्र होती हैं; किनारे पवित्र होते हैं। उसी प्रकार हृदय भी पवित्र और उसमें उदित सभी भाव भी पवित्र हैं। जैसे सरिता के साथ मिलकर सब कुछ पवित्र बन जाता है उसी प्रकार कवि के भाव भी हृदय में आकर तथा उससे प्रवाहित होकर पवित्र बन जाते हैं।

बहलाती, सहलाती आत्मीयता – बहलाती, सहलाती आत्मीयता अर्थात बहलाने, सहलानेवाला अपनापन । इससे अभिप्राय यह है कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज के साथ उसका अटूट संबंध है। समाज में मनुष्य के अनेक ऐसे सगे-संबंधी या चाहने वाले होते हैं जो दुख-सुख, राग-विराग प्रत्येक स्थिति में उसको सहयोग देते हैं अर्थात सुख-दुख में मनुष्य के कुछ अपने लोग उसको ढाँढस देते हैं।

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 5 सहर्ष स्वीकारा है

इसलिए मनुष्य पर जब भी दुख, पीड़ा या निराशा की घड़ी आती है तो उसके आत्मीय जन उसे सांत्वना देते हैं उसके दुखों को सहलाने का प्रयास भी करते हैं। उन पर प्रेमरूपी मरहम भी लगाना चाहते हैं। यही वह आत्मीयता है, जो प्रतिकूल परिस्थितियों में बहलाती और सहलाती है। लेकिन प्रस्तुत कविता में कवि जीवन में इतना दुखी और निराश हो चुका है कि उसे आत्मीयजन की बहलाती, सहलाती आत्मीयता भी सहन नहीं होती।

ममता के बादल – ममता के बादल से अभिप्राय है ममता रूपी बादल या प्रेम के बादल। यहाँ कवि ने ममता पर बादलों का अभेद आरोप किया है। जिस प्रकार बादल अपनी वर्षा से पृथ्वी को जलमग्न तथा हरा-भरा कर सबको सुख प्रदान करते हैं उसी प्रकार प्रेम रूपी बादल अपने भावों से प्रेमी जन को आनंद प्रदान कर आनंदविभोर कर देते हैं। उनके जीवन में खुशियाँ भर देते हैं। लेकिन यहाँ कवि को प्रेम, खुशियाँ शायद अच्छी नहीं लगती इसलिए उन्हें ये ममता के बादलों की कोमलता भी पीड़ादायक प्रतीत होती

Saharsh Swikara Hai Class 12 प्रश्न 2.
इस कविता में और भी टिप्पणी योग्य पद-प्रयोग हैं। ऐसे किसी एक प्रयोग का अपनी ओर से उल्लेख कर उस पर टिप्पणी करें।
उत्तर
मुसकाता चाँद-मुसकाता चाँद अर्थात मुसकराता हुआ चंद्रमा। रात्रि के गहन अंधकार में जब चंद्रमा अपनी शीतल चाँदनी लेकर उदित होता है तो वह चारों ओर व्याप्त अंधकार को मिटाकर अपनी उज्ज्वल चाँदनी बिखेर देता है। रात्रि के गहन अंधकार पर फैला चंद्रमा मुसकराता हुआ प्रतीत होता है। उसी प्रकार कवि की आत्मा पर ईश्वर का चेहरा या स्वरूप खिलता या मुसकराता रहता है। कवि की आत्मा पर प्रभु का स्वरूप चाँद की तरह मुसकराता हुआ छाया रहता है। इसीलिए कवि ने प्रभु को मुसकाता चाँद कहा है।

Saharsh Swikara Hai Ncert Solutions Class 12 प्रश्न 3.
व्याख्या कीजिए :
जाने क्या रिश्ता है, जाने क्या नाता है?
जितना भी उँडेलता हूँ, भर-भर फिर आता है
दिल में क्या झरना है?
मीठे पानी का सोता है
भीतर वह, ऊपर तुम
मुसकाता चाँद ज्यों धरती पर रातभर
मुझ पर त्यों तुम्हारा ही खिलता वह चेहरा है!
उपर्युक्त पंक्तियों की व्याख्या करते हुए यह बताइए कि यहाँ चाँद की तरह आत्मा पर झुका चेहरा भूलकर अमावस्या में नहाने की बात क्यों की गई है?
उत्तर :
कृपया व्याख्या के लिए व्याख्या-भाग देखिए।
कवि चाँद की तरह आत्मा पर झुका चेहरा भूलकर अंधकार-अमावस्या में इसलिए नहाना चाहता है क्योंकि उस सत्ता द्वारा ढका और घिरा हुआ उसका रमणीय प्रकाश अब उससे सहन नहीं होता। ममता रूपी बादलों की मँडराती कोमलता भी उसके हृदय को पीड़ादायक लगती है। उसकी आत्मा कमजोर और शक्तिहीन हो गई है। उसकी छाती होनी को देख छटपटाने लगती है और उसे अब आत्मीय-जन की बहलाती, सहलाती आत्मीयता भी सहन नहीं होती।

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 5 सहर्ष स्वीकारा है

सहर्ष स्वीकारा है कविता के प्रश्न उत्तर Class 12 प्रश्न 4.
तुम्हें भूल जाने की
दक्षिण ध्रुवी अंधकार-अमावस्या
शरीर पर, चेहरे पर, अंतर में पा लूँ मैं झेलूँ मैं, उसी में नहा लूँ मैं इसलिए कि तुमसे ही परिवेष्टित आच्छादित रहने का रमणीय उजेला अब सहा नहीं जाता है।

(क) यहाँ अंधकार-अमावस्या के लिए क्या विशेषण इस्तेमाल किया गया है और उससे विशेष्य में क्या अर्थ जुड़ता है?

(ख) कवि ने व्यक्तिगत संदर्भ में किस स्थिति को अमावस्या कहा?

(ग) इस स्थिति से ठीक विपरीत ठहरनेवाली कौन-सी स्थिति कविता में व्यक्त हुई है? इस वैपरीत्य को व्यक्त करनेवाले शब्द का व्याख्यापूर्वक उल्लेख करें।

(घ) कवि अपने संबोध्य (जिसको कविता संबोधित है। कविता का ‘तुम’) को पूरी तरह भूल जाना चाहता है, इस बात को प्रभावी तरीके से व्यक्त करने के लिए क्या युक्ति अपनाई है? रेखांकित अंशों को ध्यान में रखकर उत्तर दें।।
उत्तर
(क) यहाँ अंधकार-अमावस्या के लिए ‘दक्षिणी-धूवी’ विशेषण का इस्तेमाल किया गया है। इससे अति कठोरता और कष्टों की अधिकता का अर्थ प्रकट होता है। मानव-जीवन सरल-सीधा नहीं है। उसकी जटिलताएँ दक्षिण-धूवी जीवन के कष्टों के समान ही है।

(ख) कवि ने व्यक्तिगत संदर्भ में अपने जीवन के दुखों को अमावस्या कहा है, जिससे वह चाहकर भी अपना पीछा नहीं छड़वा पाता।

(ग) इस स्थिति से ठीक विपरीत ठहरनेवाली स्थिति कार्यों में लीन होने की है | इसलिए कि जो कुछ भी मेरा है या मेरा जो होता-सा लगता है, होता-सा संभव है सभी वह तुम्हारे ही कारण के कार्यों का घेरा है, कार्यों का वैभव है अब तक तो जिंदगी में जो कुछ था, जो कुछ है सहर्ष स्वीकारा है इसलिए कि जो कुछ भी मेरा है | वह तुम्हें प्यारा है। इस वैपरीत्य को व्यक्त करनेवाला शब्द कार्य है। कार्य ही मनुष्य के सुख-दुःख को भुलाता है और मनुष्य को सबलता और साहस प्रदान करता है।

(घ) कवि ने अपने संबोधन को पूरी तरह भूलकर कार्य में लीन हो जाने की बात की है। कोई भी व्यक्ति अपने काम में लीन होकर ही अपने कष्टों को विस्मृत कर सकता है।

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 5 सहर्ष स्वीकारा है

Class 12 Hindi Chapter 5 Question Answer प्रश्न 5.
बहलाती सहलाती आत्मीयता बरदाश्त नहीं होती है-और कविता के शीर्षक ‘सहर्ष स्वीकारा है’ में आप कैसे अंतर्विरोध पाते हैं? चर्चा कीजिए।
उत्तर
प्रस्तुत कविता में कवि एक ओर तो कहता है कि मैंने सुख-दुख, संघर्ष-अवसाद, उठा-पटक, राग-विराग, आशा-निराशा आदि भावों को सहर्ष स्वीकार किया है लेकिन दूसरी ओर उन्हें आत्मीय जन की बहलाती-सहलाती आत्मीयता भी अच्छी नहीं लगती। यहाँ दोनों भाव एक-दूसरे के विपरीत दिखाई देते हैं लेकिन कवि ने अपने यौवन-काल में जब उनके शरीर में शक्ति, विश्वास और स्वाभिमान होगा तब उन्होंने जीवन में आनेवाली अनुकूल-प्रतिकूल परिस्थिति का डटकर सामना किया होगा।

उन्होंने राग-विराग, सुख-दुख, आशा-निराशा, संघर्ष-अवसाद, उठा-पटक आदि भावों को सहर्ष अंगीकार किया हो लेकिन जब वे बुढ़ापे की ओर पदार्पण कर रहे होंगे या उनका आत्मविश्वास डगमगा गया होगा या शरीर में शक्ति नहीं होगी तो उन्हें लगा होगा कि उनके शरीर में अब इतनी भी शक्ति नहीं रही कि वे आत्मीय जन को बहलाती, सहलाती आत्मीयता को भी सहन कर सकें।

शायद आत्मिक शक्ति न होने के कारण उनके जीवन पर ऐसी परिस्थितियाँ आई जीवन में अनुकूल प्रतिकूल प्रत्येक भाव को सहर्ष स्वीकार करनेवाला व्यक्ति आत्मीय जन की सहानुभूति भी सहन नहीं कर सका तथा उन्होंने स्वयं स्वीकार किया कि अब आत्मीय जन की बहलाती, सहलाती आत्मीयता भी सहन नहीं होती।

कविता के आस-पास

Saharsh Svikara Hai Ncert Solutions Class 12 प्रश्न 1.
अतिशय मोह भी क्या त्रास का कारक है ? माँ का दूध छूटने का कष्ट जैसे एक ज़रूरी कष्ट है, वैसे ही कुछ और जरूरी कष्टों की सूची बनाएँ।
उत्तर :
अतिशय मोह अर्थात बहुत अधिक ममता भी त्रास का कारक है। यह सच है कि अत्यधिक मोह किसी के भी हृदय में त्रास को पैदा करता है। इसी मोह के कारण मनुष्य में अनेक बुरी आदतें पैदा हो जाती हैं। माँ का दूध छूटने के कष्ट के समान अन्य जरूरी कष्ट निम्नलिखित हैं

  • घुटनों के बल सरककर चलना, घूमना
  • बोतल से दूध पीना छूटना
  • नग्न रहना आदि।

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 5 सहर्ष स्वीकारा है

Class 12 Hindi Aroh Chapter 5 Question Answer प्रश्न 2.
‘प्रेरणा’ शब्द पर सोचिए। उसके महत्व पर प्रकाश डालते हुए जीवन के वे प्रसंग याद कीजिए जब माता-पिता, दीदी-भैया, शिक्षक या कोई महापुरुष/महानगरी आपके अँधेरे क्षणों में प्रकाश भर गए।
उत्तर :
‘प्रेरणा’ एक ऐसा शब्द है जो जीवन में शक्ति का संचार करता है। इसे प्राप्त कर मनुष्य पृथ्वी से उठकर आसमान को छू सकता है। अपने जीवन की दिशा बदल सकता है। जीवन में प्रेरणा का बहुत महत्त्व है। यह जीवन को शिखर पर पहुंचा सकती है। इससे कर्महीन मनुष्य परिश्रमी बन जाता है। चोर, डाकू, संत महात्मा बन जाते हैं। मनुष्य के जीवन में माता-पिता, दीदी, भैया, शिक्षक और महापुरुष अनेक प्रेरक होते हैं।

ये सभी प्रेरक मनुष्य को अंधकार के क्षणों में प्रेरणा प्रदान करते हैं। मेरे माता-पिता, दीदी, भैया तथा शिक्षकों ने भी मेरे जीवन के अंधेरे क्षणों में प्रेरणा प्रदान कर मुझे अंधेरे से बाहर निकाला तथा आज उन्हीं की प्रेरणा से में उन्नति के शिखर पर पहुँचा हूँ।

Saharsh Sweekara Hai Class 12 प्रश्न 3.
‘भय’ शब्द पर सोचिए। सोचिए कि मन में किन-किन चीजों का भय बैठा है? उससे निबटने के लिए आप क्या करते हैं और कवि की मन:स्थिति से अपनी मनःस्थिति की तुलना कीजिए।
उत्तर :
‘भय’ का शाब्दिक अर्थ है डर डर से हमारे मन में ऐसी भावना पैदा हो जाती है जिससे मन अशांत और असंतुलित हो जाता है। मेरे मन में सुख-दुख, प्रेम-विरह, भविष्य तथा शिक्षा के प्रति भय बैठा है। उससे निपटने के लिए मैं अनेक योजनाएं बनाता हूँ। उनसे संघर्ष करने के लिए मेहनत करता हूँ तथा लोगों से सलाह लेता हूँ। कवि अपने जीवन में आए सुख-दुख के राग-विराग को सहर्ष स्वीकार करता है लेकिन मैं उनका सामना करने हेतु संघर्ष करता हूँ।

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 5 सहर्ष स्वीकारा है

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NCERT Solutions for Class 12 English Vistas Chapter 8 Memories of Childhood

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Memories of Childhood NCERT Solutions for Class 12 English Vistas Chapter 8

Memories of Childhood NCERT Text Book Questions and Answers

Memories of Childhood Reading with Insight

Class 12 English Vistas Chapter 8 Question Answer Question 1.
The two accounts that you read above are based on two distant cultures. What is the commonality theme found in both of them?
Answer:
The main theme is the universal hatred against discrimination (both, racial and class discrimination) and oppression. This barrier is across time and space, which is clear from the two accounts given here of women belonging to two cultures, different places and in different times. The commonality lies in both of them being autobiographical accounts of women of marginalised communities.

Both excerpts talk about the prejudices and humiliation faced by the oppressed class from mainstream culture. Both the women bravely use their talent and education to stand up not only for their own, but also their community’s rights. Both use the power of pen to fight oppression.

Memories Of Childhood Ncert Solutions Class 12 Question 2.
It may take a long time for oppression to be resisted, but the seeds of rebellion are sowed early in life. Do you agree that injustice in any form cannot escape being noticed even by children?
Answer:
The world has been gripped in the web of stratification, oppression and discrimination at many levels. While the adults have grown used to this, the innocence of childhood does not understand hatred and prejudice. However, their keen observant eye is capable enough to notice any form of injustice and discrimination. When subjected to such evil . practices, their sensitive minds and hearts are deeply affected. Perplexed, they often resist in their own simple ways.

In the lesson, the two girls describe their encounters with inequality. Zitkala-Sa, in the very first line reports that her first day in school was “bitter-cold”. For her, it not only describes the weather, but also represents the cold and unwelcome atmosphere of the boarding school.

The overly disciplined students of the school and the European staff were unfriendly or “cold” towards her, and the vain struggle against her hair being shingled was a “bitter” experience for her. On the other hand, Bama walked on her brother’s footsteps to protest against the practice of untouchability through education. She studied wholeheartedly to reach a position where people would forget her “caste” and feel proud to befriend her.

NCERT Solutions for Class 12 English Vistas Chapter 8 Memories of Childhood

Question 3.
Bama’s experience is that of a victim of the caste system. What kind of discrimination does Zitkala-Sa’s experience depict? What are their responses to their respective situations?
Answer:
Zitkala-Sa is the victim of social discrimination beloging to a tribe of native Americans. The white-skinned settlers of Europe consider local tribes as inferior. They treat them like animals. Both Bama and Zitkala-Sa refuse to bow to the injustice they are subjected to. Both protest in their own way. Zitkala-Sa does not want her hair to be shingled as amongst her tribe, shingled hair is regarded as a sign of cowardice. She struggles with all her might, when she was tied to a chair. Towards the end, however, the little one has to give up. Bama, on her part, decides to work hard in her studies, so that others realise her worth and become her friends.

Memories of Childhood Extra Questions and Answers

Memories of Childhood Short Answer Questions

Question 1.
How was Zitkala-Sa different from the other Native American students?
Answer:
Zitkala-Sa was a Native American girl. She had great love for her tradition and culture. She was proud of her beliefs. She held these beliefs close to her heart and felt hurt when the rest of the girls followed the foreign culture without any hesitation.

Question 2.
Mention any two reasons because of which it would take thirty minutes to an hour for Bama to reach home?
(Memories of Childhood—We too are human beings)
OR
What would take ‘Bama’ half an hour to cover ten minutes distance?
Answer:
There were many reasons why Bama took long to reach home. She would watch all the fun and games going on the road, she would also look at the shops and bazaars; she loved looking at the performing monkey and the snake charmers. The various food stalls, the street plays, the political meetings, the Maariyaata temple, the pongal offerings being cooked in front of the temple she could just go on and on looking at the beautiful sights.

NCERT Solutions for Class 12 English Vistas Chapter 8 Memories of Childhood

Question 3.
Why was the girl tied to a chair in Memories of Childhood?
Answer:
The girl, Zitkala-Sa was refusing to accept the school’s decision to shingle the hair of all girls. According to her traditions and customs, a girl’s long hair was shingled only when captured by enemy, in mourning or for cowards. She felt insulted and hid herself. She was finally caught and forcefully tied to a chair and her long hair was chopped off.

Question 4.
Why did Zitkala-Sa not want her hair to be cut short?
Answer:
Zitkala-Sa belonged to a Native American warrior tribe. Their tradition was to keep long and heavy hair. Only those warriors, captured by the enemy, had their hair shingled. Short hair was worn by mourners, and shingled hair by cowards. Therefore, for her, this was absolutely atrocious.

Question 5.
When did Bama first come to know of the social discrimination faced by the people of her community?
Answer:
Bama came to know of the social discrimination when she was in class 3. On her way back from school, she saw an elder from her community carrying a small packet of eatables by a string without touching it. She found it very funny that a huge elderly man was carrying a small packet so strangely. Later on, she discovers from her brother that the real reason was that the landlords were of a higher class and they thought that their food would get polluted, if touched by people from her caste.

Question 6.
How did Zitkala-Sa try to prevent the shingling of her hair?
OR
Describe how Zitkala-Sa tried in vain to save her hair from being cut. Why did she want to save her hair?
Answer:
Zitkala-Sa went upstairs and crawled under a bed to hide herself. But to her plight, she was caught and brought downstairs and tied to a chair. Though she made many voluble protests, they were not fruitful. She cried, shook her head all the while but could not avoid her hair from being shingled.

Zitkala-Sa belonged to a Native American warrior tribe. Their tradition was to keep long and heavy hair. Only those warriors captured by the enemy had their hair shingled. Short hair was worn by mourners, and shingled hair by cowards. Therefore, for her, this was absolutely atrocious.

Question 7.
What are the similarities in the lives of Bama and Zitkala-Sa though they belong to different cultures?
OR
What kind of discrimination did Bama and Zitkala-Sa experience? How did they respond to their respective situations?
Answer:
Both Bama and Zitkala-Sa are victims of racial discrimination. Zitkala-Sa was a Native American and their community was treated poorly. The white skinned settlers of Europe considered local tribes as inferior. Similarly, Bama was a Dalit and was treated badly by the higher caste people.

Both of them have painful experiences as they were subjected to humiliation merely as they belonged to backward tribes or communities. Both of them protest in their own ways and try their best to overcome all these humiliations. Zitkala-Sa fights against the shingling of hair by hiding, voicing out her protests aloud. Bama tries to study hard and be successful.

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Question 8.
How was Zitkala-Sa’s hair cut?
Answer:
Zitkala-Sa’s hair was cut even after her resistance and strong opposition. It was all in vain since her stiff resistance was met with equally stiff efforts. She was tied to a chair and amidst her loud disapproval, her hair was cut.

Question 9.
Why did the landlord’s man ask Bama’s brother, on which street he lived? What was the significance?
Answer:
The street on which a person lived signified the caste of a person. Each street was dominated by a particular caste.

Question 10.
What did Zitkala-Sa feel when her long hair was cut?
Answer:
Zitkala-Sa was terribly shocked. She was in tears. She cried for her mother. However, no one came to comfort or reason out with her.

Question 11.
Why was Zitkala-Sa terrified when Judewin told her that her hair would be cut short?
Answer:
Judewin had overheard a talk about shingling of hair of all girls. Zitkala-Sa belonged to a native American warrior tribe. Their tradition was to keep long and heavy hair. Only those warriors captured by the enemy had their hair shingled. Short hair was worn by mourners, and shingled hair by cowards. Therefore, for her, this was absolutely atrocious and terrifying. Therefore, she decided to rebel by hiding herself.

Question 12.
What advice did Annan offer Bama?
Answer:
Annan asked Bama to study hard and to top all exams. He also told her that if she was successful in life, people would come to her of their own accord.

Question 13.
At the dining table, why did Zitkala-Sa begin to cry when others started eating?
Answer:
Zitakala-Sa was not used to eating by formula. She was confused and sat down when others stood up and vice versa. She felt out of place and embarrassed in the school. The matron was angry with her and kept staring at her. This made Zitkala-Sa more uncomfortable and she started crying when the others started eating.

Question 14.
How did Zitkala-Sa’s first day in the land of apples begin?
Answer:
The first day in school was a bitter and cold day. The noise made by the breakfast bell, the clatter of the shoes and the constant murmuring voices in a foreign tongue annoyed Zitkala-Sa. She saw girls marching into dining room wearing tight fitting clothes. Zitkala-Sa found this immodest.

Question 15.
According to Zitkala-Sa, what does ‘eating by formula’ mean?
Answer:
There was a fixed procedure for breakfast. With the first bell, everyone had to pull the chairs, at the second bell, everyone had to sit down. Finally, at the third bell, everyone had to start eating with forks and knives. Zitkala-Sa called it eating by formula. She felt out of place and started crying.

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Question 16.
What were the indignities that Zitkala-Sa had to suffer for being from a marginalised community?
Answer:
Zitkala-Sa was tied with the chair and her braids were gnawed off. She became helpless. She felt herself like a wooden puppet tossed in the air. She felt herself like one of those sheep (cattle) driven by a herder.

Memories of Childhood Long Answer Questions

Question 1.
Describe how the narrator in ‘The Cutting of My Long Hair’ resists and fights against ‘ the attempt of shingling her long and heavy hair. How is she ultimately made to lose her distinct cultural identity?
Answer:
The narrator’s friend Judewin gave her a terrible warning. She knew a few words of English. She had overheard the ‘pale-faced woman’. She had talked about cutting the long and heavy hair of Native American girls. It was a shocking news. Their mothers had taught them that shingled hair was worn only by cowards. Judewin advised her to submit. The narrator had made a decision. She was not to submit. She was to struggle and fight against that oppression.

The narrator disappeared unnoticed. She crawled under the bed and cuddled herself in the dark corner. She shuddered with fear, whenever she heard footsteps nearby. Voices became louder.

They stormed into the room. She was dragged out. She resisted by kicking and scratching wildly. She was carried downstairs and tied fast to a chair. Then they gnawed off her long and beautiful hair. No one came forward to help her. Nor was anybody present there to console her. Thus, the narrator lost her distinct cultural recognition and identity. Now, she was only one of the many little animals driven by a herder.

Question 2.
The narrator in ‘We Too Are Human Beings’ is amused at the way the elder of her street carried the food packet by its string without touching it. But the same girl is provoked and becomes angry when Annan makes her aware of the social inequality and untouchability in the social system. Describe how the narrator attains honour and dignity in spite of her humble birth.
Answer:
The narrator in ‘We Too Are Human Beings’ passes through different phases of mental and physical development. The role of her elder brother (Annan) in shaping her personality can’t be minimised. He inspired her to fight against inequality and untouchability. The narrator saw a threshing floor set up at one corner of her street. An old man of her street attracted her attention. The elder came along from the direction of the bazaar.

He was a big man carrying a small packet of food by its string without touching it. She thought it quite funny. She narrated the incident to her elder brother, but he was not amused. The man was not being funny. He belonged to a ‘low caste’. He couldn’t touch the food packet. She
felt terribly sad. She felt provoked and angry that she wanted to touch those vadais herself straightaway. Annan described that the people of their caste were not respected and given importance.

Education, learning and prosperity bring honour and dignity.The narrator was inspired by his words. She studied hard and stood first in the class. Then many friends came to her on their own accord.

NCERT Solutions for Class 12 English Vistas Chapter 8 Memories of Childhood

Question 3.
Both Bama and Zitkala-Sa are victims of discrimination that is practised in the society. What kind of experience did both of them go through?
Answer:
The lesson, ‘Memories of Childhood’ deals with the autobiographical accounts of women of marginalised communities. Both narrate the prejudices and humiliation faced by them from mainstream culture. The former is a victim of racial discrimination, whereas the latter is a victim of caste discrimination.

 

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