Author name: Raju

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 9 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 9 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 9 A Shirt in the Market (Hindi Medium)

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पाठगत प्रश्न

1. क्या स्वप्ना को रूई का उचित मूल्य प्राप्त हुआ? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-105)
उत्तर : स्वप्नों को रूई का उचित मूल्य प्राप्त नहीं हुआ क्योंकि स्वप्ना ने एक व्यापारी से ऊँची ब्याज दर पर 2500 रुपये कर्ज पर लिए थे। उस समय स्थानीय व्यापारी ने स्वप्ना को एक शर्त मानने के लिए सहमत कर लिया था। उसने स्वप्ना से वादा करवा लिया था कि वह अपनी सारी रूई उसे ही बेचेगी। व्यापारी ने स्वप्ना को 1500 रुपये प्रति क्विटल के हिसाब से रूई के 6000 रुपये दिए, जबकि रूई का बाजार भाव 1800 रुपये किंवटल था।

2. व्यापारी ने स्वप्ना को कम मूल्य क्यों दिया? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-105)
उत्तर क्योंकि स्वप्ना ने व्यापारी से ऊँची ब्याज दर पर 2500 रुपये कर्ज लिया था। व्यापारी ने स्वप्ना से वादा करवा लिया था कि वह अपनी सारी रूई उसे ही बेचेगी। अतः स्वप्ना को रूई व्यापारी को ही बेचना पड़ा। इसलिए व्यापारी ने स्वप्ना को कम मूल्य दिया। |

3. आपके विचार से बड़े किसान अपनी रूई कहाँ बेचेंगे? उनकी स्थिति किस प्रकार स्वप्ना से भिन्न (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-105)
उत्तर : हमारे विचार से बड़े किसान अपनी रूई मंडी में जाकर अधिक दाम में बेचेंगे। वे मंडी में किसी भी व्यापारी । को रूई बेचने के लिए स्वतंत्र हैं, जबकि स्वप्ना कर्ज लेने वाले व्यापारी को ही रूई बेच सकती थी।

4. इरोड के कपड़ा बाजार में निम्नलिखित लोग क्या काम कर रहे हैं-व्यापारी, बुनकर, निर्यातक? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-107)
उत्तर : इरोड के कपड़ा बाज़ार में व्यापारी का कार्य-इरोड के कपड़ा बाजार में कई प्रकार का कपड़ा बेचा जाता है। आस-पास के गाँवों से बुनकर द्वारा बनाया गया कपड़ा भी इस बाज़ार में बिकने के लिए आता है। बाज़ार के पास कपड़ा व्यापारियों के कार्यालय हैं, जो इस कपड़े को खरीदते हैं। दक्षिणी भारत के शहरों के अन्य व्यापारी भी इस बाजार में कपड़ा खरीदने आते हैं। बुनकर-बाजार के दिनों में बुनकर व्यापारियों के ऑर्डर के अनुसार कपड़ा बनाकर यहाँ लाते हैं। बुनकर व्यापारी से सूत लेते हैं और तैयार कपड़ा देते हैं। निर्यातक का कार्य-इरोड का व्यापारी, बुनकरों द्वारा निर्मित कपड़ा दिल्ली के पास बने-बनाए वस्त्र निर्यात करने वाले एक कारखाने को भेजता है। वस्त्र निर्यात करने वाली फैक्टरी इसका उपयोग कमीजें बनाने के लिए करती है। ये कमीनें विदेशी खरीददारों को निर्यात की जाती हैं।

5. बुनकर, व्यापारियों पर किस-किस तरह से निर्भर हैं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-107)
उत्तर : बुनकर व्यापारियों के ऑर्डर के अनुसार कपड़ी बनाकर लाते हैं। बुनकर व्यापारी से सूत लेते हैं और तैयार कपड़ा देते हैं। बुनकर व्यापारियों से ऊँचे ब्याज दर पर ऋण लेकर करघे खरीदते हैं। एक करघे का मूल्य 20,000 रुपये हैं।

6. यदि बुनकर खुद सूत खरीदकर बने हुए कपड़े बेचते हैं, तो उन्हें तीन गुना ज्यादा कमाई होती है। क्या यह संभव है? चर्चा कीजिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-108)
उत्तर : यदि बुनकर खुद सूत खरीदकर बने हुए कपड़े बेचते हैं, तो उन्हें तीन गुना ज्यादा कमाई होती है लेकिन यह संभव नहीं है, क्योंकि बुनकरों को कच्चा माल व्यापारियों से प्राप्त होता है और बेचने के लिए भी व्यापारियों पर निर्भर रहना पड़ता है। बुनकरों के पास यह जानने का कोई साधन नहीं है कि वे किसके लिए कपड़ा बना रहे हैं और वह किस कीमत पर बेचा जाएगा।

7. क्या इसी तरह की दादन व्यवस्था पापड़, बीड़ी और मसाले बनाने में भी देखने को मिलती है? अपने इलाके से इस संबंध में जानकारी इकट्ठी कीजिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-108)
उत्तर : दादन व्यवस्था में जहाँ व्यापारी कच्चा माल देता है और तैयार माल प्राप्त करता है। हमारे इलाके में भी इस तरह की व्यवस्था देखने को मिलती है। पापड़ के लिए आलू एवं अन्य सामान, बीड़ी के लिए बीड़ी पत्ता और धागा, मसालों के लिए हल्दी, धनियाँ, काली मिर्च, जीरा, सोंठ एवं अन्य गर्म मसाले कारीगर को दे दिए जाते हैं। वे पापड, बीडी और मसालें बनाकर व्यापारी को दे देते हैं।

8. आपने अपने इलाके में सहकारी संस्थाओं के बारे में सुना होगा, जैसे-दूध, किराना, धान आदि के व्यवसाय में। पता लगाइए कि ये किसके लाभ के लिए स्थापित की गई थीं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-108)
उत्तर : हमारे इलाके में कई दूधियों ने मिलकर दूध की एक सहकारी संस्था बनाई है और इस संस्था से दूध सरकार द्वारा स्थापित डेयरी द्वारा खरीदा जाता है। इसी तरह से कई किसान भाई मिलकर किराना और धान को एकत्रित | करते हैं और ये किराना और धान को किसी वाहन पर लादकर सरकार द्वारा स्थापित बाजार समिति में ले जाकर बेचते हैं।

9. विदेशों में खरीदार वस्त्र निर्यात करने वालों से क्या-क्या अपेक्षाएँ रखते हैं? वस्त्र निर्यातक इन शर्तो को क्यों स्वीकार कर लेते हैं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-109)
उत्तर : कमीजों के विदेशी ग्राहकों में अमेरिका और यूरोप के ऐसे व्यवसायी भी हैं, जो स्टोर्स की श्रृंखला चलाते हैं। ये बड़े-बड़े स्टोर्स के स्वामी केवल अपनी शर्तों पर ही व्यापार करते हैं। वे माल देने वालों से न्यूनतम मूल्य पर माल खरीदने की माँग करते हैं। साथ ही वे सामान की उच्चतम स्तर की गुणवत्ता और समय पर सामान देने की शर्त भी रखते हैं। सामान ज़रा सा भी दोषयुक्त होने पर या माल देने में जरा भी विलंब होने । पर वे बड़ा सख्त ऐतराज करते हैं। इसलिए निर्यातक इन शक्तिशाली ग्राहकों द्वारा निश्चित की गई शर्तों को भरसक पूरा करने की कोशिश करते हैं।

10. वस्त्र निर्यातक विदेशी खरीदारों की शर्तों को किस प्रकार पूरा करते हैं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-109)
उत्तर : वस्त्र निर्यातक विदेशी खरीदारों की शर्तों को निम्न प्रकार से पूरा करते हैं

  1. निर्यातक विदेशी खरीदारों को न्यूनतम कीमत पर वस्त्र उपलब्ध कराते हैं।
  2. निर्यातक वस्त्रों की उच्च गुणवत्ता पर अधिक ध्यान देते हैं।
  3. वस्त्रों को एक निश्चित अवधि में विदेशी खरीदारों के पास निर्यात कर दिया जाता है।

11. इम्पेक्स गार्मेंट फैक्टरी में अधिक संख्या में महिलाओं को काम पर क्यों रखा गया होगा? चर्चा कीजिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-110)
उत्तर : इम्पेक्स गारमेंट फैक्टरी में अधिक संख्या में महिलाओं को काम पर रखने के कारण

  1. इम्पेक्स गार्मेंट फैक्टरी में अधिकांश कर्मचारी अस्थायी हैं और महिलाओं को जब भी फैक्टरी में जरूरत होती है, काम के लिए बुला लिया जाता है।
  2. स्त्रियों को दर्जी के सहायक के रूप में धागे काटने, बटन टाँकने, इस्तरी करने और पैकिंग करने के लिए काम पर रखा जाता है। इन कामों के लिए न्यूनतम मजदूरी दी जाती है।

12. व्यवसायी बाज़ार में ऊँचा मुनाफा कमा पाता है। इसका क्या कारण है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-111)
उत्तर : व्यवसायी बाज़ार में ऊँचा मुनाफा निम्न कारणों से कमा पाते हैं

  1. व्यवसायी मजदूरों से न्यूनतम मजदूरी पर काम करवाते हैं।
  2. व्यवसायी बुनकरों से कम कीमत पर कपड़े खरीदते हैं।
  3. व्यवसायी वस्त्र निर्यात करने वाले कारखाने के खर्चे में कटौती करने का प्रयत्न करते हैं।

प्रश्न-अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

1. स्वप्ना ने अपनी रूई कुर्नूल के रूई-बाज़ार में न बेचकर व्यापारी को क्यों बेच दी?
उत्तर : स्वप्ना ने अपनी रूई कुर्नूल के रूई बाज़ार में न बेचकर व्यापारी को निम्न कारणों से बेच दी स्वप्ना ने एक व्यापारी से ऊँची ब्याज दर पर 2500 रुपये कर्ज पर लिए थे। उस समय स्थानीय व्यापारी ने स्वप्ना को एक शर्त मानने के लिए सहमत कर लिया था। उसने स्वप्ना से वादा करवा लिया था कि वह अपनी सारी रूई उसे ही बेचेगी।

2. वस्त्र निर्यातक कारखाने में काम करने वाले मजदूरों के काम के हालात और उन्हें दी जाने वाली मज़दूरी का वर्णन कीजिए। क्या आप सोचते हैं कि मजदूरों के साथ न्याय होता है?
उत्तर : वस्त्र निर्यातक कारखाने में काम करने वाले मजदूरों के काम के हालात और उन्हें दी जाने वाली मजदूरी

  1. वस्त्र निर्यातक कारखाने में काम करने वाले मज़दूर अस्थायी कर्मचारी हैं। अर्थात् जब भी फैक्टरी | मालिक को लगे कि कामगार की आवश्यकता नहीं है, वह उसे जाने को कह सकता है।
  2. कामगारों की मज़दूरी उनके कार्य कुशलता के अनुसार तय की जाती है। काम करने वालों में अधिकतम वेतन दर्जी को मिलता है, जो लगभग 3000 रुपये प्रतिमाह होता है।
  3. स्त्रियों को सहायक के रूप में धागे काटने, बटन टॉकने, इस्तरी करने और पैकिंग करने के लिए काम | पर रखा जाता है। इन कामों के लिए न्यूनतम मजदूरी दी जाती है। कमीज़ की इस्तरी करने की मज़दूरी 1 रुपये 50 पैसे, कमीज़ की जाँच करने वाले की मज़दूरी 2000 रुपये महीना है, धागे काटने व बटन लगाने वाले का वेतन 1500 रुपये महीना है।

3. ऐसी किसी चीज़ के बारे में सोचिए, जिसे हम सब इस्तेमाल करते हैं। वह चीनी, चाय, दूध, पेन, कागज़, पेंसिल आदि कुछ भी हो सकती है। चर्चा कीजिए कि यह वस्तु बाजारों की किस श्रृंखला से होती हुई, आप तक पहुँचती है। क्या आप उन सब लोगों के बारे में सोच सकते हैं, जिन्होंने इस वस्तु के उत्पादन व व्यापार में मदद की होगी?
उत्तर : जिसे हम इस्तेमाल करते हैं वह उत्पादक द्वारा निर्मित होने के बाद या उससे पहले, कई प्रक्रियाओं से गुजरता हुआ हमारे पास पहुँचता हैचीनी के उत्पादन की प्रक्रिया से लेकर उपभोक्ता तक पहुँचने तकगन्ना उत्पादक-किसान जो चीनी मील मालिकों को गन्ना उपलब्ध कराते हैं। चीनी मिल मालिकों से चीनी वितरक तथा थोक विक्रेताओं के पास पहुँचता है। थोक विक्रेता से खुदरा विक्रेताओं तक और खुदरा विक्रेताओं से हमारे पास तक चीनी पहुँचती है। इस प्रक्रिया में कई लोगों का सहयोग होता है; जैसे-किसान, मिल मालिक, मजदूर, थोक व्यापारी, ट्रांसपोर्टर, फुट विक्रेता आदि। चीनी के अतिरिक्त अन्य उत्पादों; जैसे–चाय, दूध, कागज, पेन, पेंसिल आदि भी इन्हीं प्रक्रियाओं से गुजरकर आम जनता तक पहुँचती है।

4. यहाँ दिए गए नौ कथनों को सही क्रम में कीजिए और फिर नीचे बनी कपास की डोडियों के चित्रों में सही कथन के अंक भर दीजिए। पहले दो चित्रों में आपके लिए अंक पहले से ही भर दिए गए हैं।

1. स्वप्ना, व्यापारी को रूई बेचती है।
2. ग्राहक, सुपरमार्केट में इन कमीजों को खरीदते हैं।
3. व्यापार, जिनिंग मिलों को रूई बेचते हैं।
4. गार्मेट निर्यातक, कमीज़ों बनाने के लिए व्यापारियों से कपड़ा खरीदते हैं।
5. सूत के व्यापारी, बुनकरों को सूत देते हैं।
6. वस्त्र निर्यातक, संयुक्त राज्य अमेरिका के व्यवसायी को कमीजें बेचता है।
7. सूत कातने वाली मिलें, रूई खरीदती हैं और सूत के व्यापारी को सूत बेचती हैं।
8. बुनकर कपड़ा तैयार करके लाते हैं।
9. जिनिंग मिलें रूई को साफ़ करती हैं और उनके गट्ठर बनाती हैं।
प्रश्न
NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 9 (Hindi Medium) 1
उत्तर :
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NCERT Solutions for Class 8 Social Science Geography Chapter 4 Agriculture (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 8 Social Science Geography Chapter 4 Agriculture (Hindi Medium)

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प्रश्न-अभ्यास

( पाठ्यपुस्तक से)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(i) कृषि क्या है?
(ii) उन कारकों का नाम बताइए जो कृषि को प्रभावित कर रहे हैं।
(iii) स्थानांतरी कृषि क्या है? इस कृषि की क्या हानियाँ हैं?
(iv) रोपण कृषि क्या है?
(v) सरकार किसानों को कृषि के विकास में किस प्रकार मदद करती है?
उत्तर
(i) कृषि-फसलों, फलों, सब्जियों, फूलों को उगाना और पशुपालन संबंधित सभी क्रियाएँ कृषि कहलाती . है। कृषि एक प्राथमिक क्रिया है।

(ii) कृषि को प्रभावित करने वाले कारक

  1. स्थलाकृति
  2. मृदा
  3. जलवायु

(iii) स्थानांतरी कृषि-स्थानांतरी कृषि में वृक्षों को काटकर और जलाकर भूखंड को साफ किया जाता है। तब
राख को मृदा में मिलाया जाता है और फसलों को उगाया जाता है। भूमि की उर्वरता की समाप्ति के बाद यह भूमि छोड़ दी जाती है और कृषक नए भूखंड पर चला जाता है। इसे कर्तन एवं दहन कृषि भी कहा जाता है।
हानियाँ-

  1. मृदा अपरदन होता है। |
  2. वनों का ह्रास होता है।
  3. पर्यावरण प्रभावित होता है।

(iv) रोपण कृषि-

  1. रोपण कृषि वाणिज्यिक कृषि का एक प्रकार है।
  2. इसमें बड़े पैमाने पर श्रम और पूँजी की आवश्यकता होती है।
  3. इसमें वैज्ञानिक विधियों को उपयोग किया जाता है।
  4. इसमें मुख्यत: चाय, कहवा, काजू, रबड़, केला आदि की एकल फसल उगाई जाती है।

(v) सरकार द्वारा किसानों को कृषि विकास में मदद-

  1. सरकार द्वारा किसानों के बिखरे खेतों को चेकबंदी द्वारा एक स्थान पर एकत्रित किया गया है।
  2. सरकार किसानों को उर्वरकों, कृषि उपकरणों तथा कीटनाशकों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती है।
  3. किसानों को उच्च उपज देने वाले बीज तथा उर्वरक आदि उपलब्ध कराकर उत्पादन बढ़ाने में सहायता करती है।
  4. सरकार कृषि उत्पादों के भंडारण तथा वितरण की सुविधा प्रदान करती है।

प्रश्न 2.
सही उत्तर को चिह्नित कीजिए-
(i) उद्यान कृषि का अर्थ है-
(क) गेहूँ उगाना
(ख) आदिम कृषि
(ग) फलों व सब्जियों को उगाना
उत्तर
(ग) फलों व सब्जियों को उगाना

(ii) सुनहरा रेशा’ से अभिप्राय है
(क) चाय |
(ख) कपास
(ग) पटसन
उत्तर
(ग) पटसन

(iii) कॉफी का प्रमुख उत्पादक है
(क) ब्राजील
(ख) भारत
(ग) रूस
उत्तर
(क) ब्राजील

प्रश्न 3.
कारण बताइए
(i) भारत में कृषि एक प्राथमिक क्रिया है।
(ii) विभिन्न फसलें विभिन्न प्रदेशों में उगायी जाती हैं।
उत्तर
(i) प्राथमिक क्रियाओं

प्राथमिक क्रियाओं के अंतर्गत उन सभी क्रियाओं को शामिल किया जाता है जिनका संबंध प्राकृतिक संसाधनों के उत्पादन और निष्कर्षण से होता है। भारत की कृषि में फलों, फसलों, सब्जियों, फूलों को उगाना और पशुधन पालन शामिल हैं ये सभी क्रियाएँ प्राथमिक क्रियाओं के अंतर्गत आती है इसलिए
कृषि एक प्राथमिक क्रिया है।

(ii) विभिन्न फसलें-

विभिन्न फसलें विभिन्न प्रदेशों में इसलिए उगाई जाती हैं, क्योंकि विभिन्न प्रदेशों में स्थलाकृति, मृदा और जलवायु विभिन्न होती है। विभिन्न स्थलाकृति, मृदा और जलवायु में विभिन्न फसलें ही पैदा होती

प्रश्न 4.
अंतर स्पष्ट कीजिए-
(i) प्राथमिक क्रियाएँ और तृतीयक क्रियाएँ
(ii) निर्वाह कृषि और गहन कृषि
उत्तर
(i) प्राथमिक क्रियाएँ और तृतीयक क्रियाएँ

NCERT Solutions for Class 8 Social Science Geography Chapter 4 (Hindi Medium) 1
(ii) निर्वाह कृषि और गहन कृषि

NCERT Solutions for Class 8 Social Science Geography Chapter 4 (Hindi Medium) 2

प्रश्न 5.
क्रियाकलाप
(i) बाजार में उपलब्ध गेहूँ, चावल, ज्वार, बाजरा, रागी, मक्का, तिलहन और दलहन के बीजों को एकत्र कीजिए। उन्हें कक्षा में लाइए और पता लगाइए कि वे किस प्रकार की मृदा में उगते हैं?
(ii) पत्रिकाओं, पुस्तकों, समाचार-पत्रों और इंटरनेट से संगृहीत चित्रों के आधार पर संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के किसानों की जीवन शैली के मध्य अंतर पता कीजिए।
उत्तर
(1) विभिन्न फसलों के बीज छात्र स्वयं एकत्र करें।

NCERT Solutions for Class 8 Social Science Geography Chapter 4 (Hindi Medium) 3

(ii) चित्र छात्र स्वयं करें।
अंतर
भारतीय किसान-

  • भारत में फार्म का आकार छोटा (लगभग 1 से 1-5 हेक्टेयर) होता है।
  • किसान मुख्य रूप से गाँव में रहता है।
  • किसान वर्ष में कम-से-कम दो फसलें उगाता है।
  • किसान अपने मित्रों और बुजुर्गों के साथ-साथ सरकारी कृषि अधिकारियों से कृषि कार्यों के संबंध में सलाह लेता है।
  • किसान खेतों की जुताई भाड़े के ट्रैक्टर से या बैलों से परंपरागत विधि से करते हैं।
  • किसानों के पास भंडारण की सुविधाओं की कमी होती है।

संयुक्त राज्य अमेरिका का किसान-

  • संयुक्त राज्य अमेरिका में फार्म का औसत आकार 250 हेक्टेयर होता है।
  • किसान सामान्यतः फार्म में रहता है।
  • किसान वर्ष में एक फसल उगाता है।
  • किसान उर्वरक कार्यक्रम की योजना बनाने में वैज्ञानिक मदद लेता है उसका कंप्यूटर उपग्रह से जुड़ा हुआ है जो किसान को उसके खेत की यथार्थ तस्वीर देता है।
  • किसान ट्रैक्टरों, बीज बोने की मशीनों, समतलक, संयुक्त हार्वेस्टर और प्रेसर का उपयोग कृषि संबंधी विविध संक्रियाओं में करता है।
  • अनाज स्वचालित अन्न भंडार में संचित किए जाते हैं अथवा बाजार अभिकरणों (मार्केट-एजेंसियों) में भेजे जाते हैं।

प्रश्न 6.
आओ खेलें
शब्द पहेली को दिए संकेतों की मदद से हल कीजिए।
नोट : वर्ग पहेली के उत्तर अंग्रेजी के शब्दों में हैं।
NCERT Solutions for Class 8 Social Science Geography Chapter 4 (Hindi Medium) 4

NCERT Solutions for Class 8 Social Science Geography Chapter 4 (Hindi Medium) 5
उत्तर
बाएँ से दाएँ-
1. MAIZE (मक्का)
2. GREEN REVOLUTION (हरित क्रांति)
4. WHEAT (गेहूँ)
10. SUBSISTENCE (निर्वाह कृषि)
13. LIVE STOCK (डेयरी फार्मिंग)
14. VITI CULTURE (विटिकल्चर)

ऊपर से नीचे
1. MILLETS (मिलेट्स)
3. SHIFTING (स्थानांतरी कृषि)
5. AGRICULTURE (एग्रीकल्चर)
8. HORTICULTURE (हॉर्टीकल्चर)
7. COTTON (कपास)
6. PLANTATIONS (रोपण कृषि)
9. JUTE (जूट)
11. RICE (चावल)
12. PRIMARY (प्राथमिक क्रिया)

 

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NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 1 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 1 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 1 On Equality (Hindi Medium)

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पाठगत प्रश्न

1. आपके विचार से समानता के बारे में शंका करने के लिए कांता के पास क्या पर्याप्त कारण हैं? उपरोक्त कहानी के आधार पर उसके ऐसा सोचने के तीन कारण बताइए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-6)
उत्तर : कांता के समानता के बारे में शंका करने के तीन कारण

  1. कांता एक झोपड़पट्टी में रहती है और उसके घर के पीछे एक नाला है। यह एक आर्थिक विषमता | का सूचक है।
  2. उसे अपने काम में एक भी छुट्टी नहीं मिलती जबकि निगमित उद्यम में काम करने वाले लोगों को कई-कई छुट्टियाँ मिलती हैं।
  3. उसे अपने बच्चों का इलाज कराने के लिए सरकारी अस्पताल में लंबी लाइन लगानी पड़ती है। जबकि सम्पन्न लोग निजी अस्पतालों में अपने बच्चों का इलाज कराते हैं जिसमें उन्हें लंबी लाइन नहीं लगानी पड़ती है।

2. आपके विचार से ओमप्रकाश वाल्मीकि के साथ उसके शिक्षक और सहपाठियों ने असमानता का व्यवहार क्यों किया था? अपने-आपको ओमप्रकाश वाल्मीकि की जगह रखते हुए चार पंक्तियाँ लिखिए कि उक्त स्थिति में आप कैसा अनुभव करते? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-8)
उत्तर: हमारे समाज में सामाजिक असमानता और आर्थिक असमानता कायम है। सामाजिक असमानता के तहत जातीय आधार पर भेदभाव किए जाते हैं। इसी आधार पर ओमप्रकाश बाल्मीकि के साथ उसके शिक्षक और सहपाठी ने असमानता का व्यवहार किया।

अगर हम ओमप्रकाश वाल्मीकि की जगह होते तो हमें निम्न तरह का अनुभव होता

  1. सामाजिक व्यवस्था के खिलाफ असंतोष पैदा होता।
  2. जातीय आधार पर भेदभाव को भी गलत मानते।
  3. अपने आपको सम्मानित महसूस नहीं करते।
  4. हमारे मन में कुंठा और ग्लानि उत्पन्न होती।

3. आपके विचार से अंसारी दंपति के साथ असमानता का व्यवहार क्यों किया जा रहा था? यदि आप अंसारी दंपति की जगह होते और आपको रहने के लिए इस कारण जगह न मिलती क्योंकि कुछ पड़ोसी आपके धर्म के कारण आपके पास नहीं रहना चाहते, तो आप क्या करते? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-8)
उत्तर: हमारे देश में कई तरह की विविधता है। इन विविधताओं में जाति, भाषा, धर्म, लिंग, क्षेत्र और संस्कृति प्रमुख है। इन विविधताओं के कारण देश में कुछ लोग एक-दूसरे से भेदभाव करते हैं। इस भेदभाव का मुख्य कारण संकीर्ण मानसिकता और शिक्षा का अभाव है। यदि हम अंसारी दंपति की जगह होते और हमें रहने के लिए इस कारण जगह नहीं मिलती, क्योंकि कुछ पड़ोसी हमारे धर्म के कारण हमारे पास नहीं रहना चाहते हैं तो हम निम्न गतिविधि को करते

  1. अपने पड़ोसी को समझाने का प्रयास करते।
  2. अपने मकान मालिक को उनके अनुकूल रहने का भरोसा दिलाते।
  3. हम अपने अच्छे विचारों को उनके सामने रखते।

4. यदि आप अंसारी परिवार के एक सदस्य होते, तो प्रॉपर्टी डीलर के नाम बदलने के सुझाव का उत्तर किस प्रकार देते? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-9)
उत्तर: यदि हम अंसारी परिवार के एक सदस्य होते तो प्रॉपर्टी डीलर के नाम बदलने के सुझाव का उत्तर निम्न प्रकार से देते

  1. प्रॉपर्टी डीलर को यह बतलाते कि हम अपना नाम बदल सकते हैं, लेकिन मिलने वाले रिश्तेदारों का नाम कैसे बदलेंगे।
  2. नाम बदलने के बाद अपने मजहब के पर्व त्यौहार, नमाज पढ़ना और रीति-रिवाजों को कैसे छोड़ सकते हैं।
  3. नाम बदलने से हमेशा जो मन में डर बना रहेगा कि कहीं मकान मालिक और पड़ोसी को हमारे धर्म
    के बारे में पता न चल जाए।

5. क्या आपको अपने जीवन की कोई ऐसी घटना याद है, जब आपकी गरिमा को चोट पहुँची हो? आपको उस समय कैसा महसूस हुआ था? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-9)
उत्तर :भारत में कई आधारों पर लोगों की गरिमा को चोट पहुँचाई जाती है। दिल्ली जैसे शहर में पूर्वांचल से (बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड) आने वाले लोगों को बिहारी कहकर संबोधित किया जाता है। यह संबोधन व्यंग्य का प्रतीक है। यह शब्द बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड के लोगों के लिए ही संबोधन नहीं किया जाता बल्कि दिल्ली में भी किसी व्यक्ति को अपमानित करना होता है तो उसे बिहारी शब्द से संबोधित करके अपमानित करते हैं। ऐसी स्थिति में मुझे यह महसूस होता है कि भारतीयों में सबसे बड़ी कमी यही है कि वे अपनी कमी को नहीं देखते बल्कि दूसरे की कमी को देखकर व्यंग्य करते हैं। यही कारण है कि हमारे देश के पास पर्याप्त संसाधन हैं, लेकिन हम पिछड़े हुए हैं।

6. मध्याह्न भोजन कार्यक्रम क्या है? क्या आप इस कार्यक्रम के तीन लाभ बता सकते हैं? आपके विचार से यह कार्यक्रम किस प्रकार समानता की भावना बढ़ा सकता है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-11)
उत्तर : मध्याह्न भोजन कार्यक्रम के अंतर्गत सभी सरकारी प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को दोपहर का भोजन स्कूल द्वारा दिया जाता है। यह योजना भारत में सर्वप्रथम तमिलनाडु राज्य में प्रारंभ की गई और 2001 में उच्चतम न्यायालय ने सभी राज्य सरकारों को इसे अपने स्कूलों में छह माह के अंदर आरंभ करने के निर्देश दिए।

मध्याह्न भोजन कार्यक्रम के तीन लाभ

  1. दोपहर का भोजन मिलने के कारण गरीब बच्चों ने अधिक संख्या में स्कूल में प्रवेश लेना और नियमित रूप से स्कूल जाना शुरू कर दिया।
  2. इस कार्यक्रम के पहले बच्चे खाना खाने घर जाते थे और फिर वापस स्कूल लौटते ही नहीं थे, परंतु इस कार्यक्रम के बाद उनकी दोपहर की उपस्थिति में सुधार आया है।
  3. वे माताएँ जिन्हें पहले अपना काम छोड़कर दोपहर को बच्चों को खाना खिलाने के लिए घर पर आना पडता था, अब उन्हें ऐसा नहीं करना पड़ता है।

7. अपने क्षेत्र में लागू की गई किसी एक सरकारी योजना के बारे में पता लगाइए। इस योजना में क्या किया जाता है। यह किसके लाभ के लिए बनाई गई है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-11)
उत्तर : हमारे क्षेत्र दिल्ली में सरकार द्वारा छात्रों को स्कूल ड्रेस के लिए पैसे दिए जाते हैं। यह रकम कक्षा के अनुसार अलग-अलग दिए जाते हैं। बिहार राज्य में स्कूल ड्रेस के लिए और साइकिल के लिए छात्राओं को पैसे दिए जाते हैं। दिल्ली में लाडली योजना के तहत लड़कियों की शादी के लिए कुछ रकम दी जाती है। इस योजना द्वारा दिए जाने वाली अधिकतम राशि एक लाख रुपये है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार ने भी लड़कियों के लिए योजना लागू की है। इन राज्यों के अतिरिक्त भी कई राज्यों में विभिन्न योजनाएँ लागू की गई हैं।

प्रश्न-अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

1. लोकतंत्र में सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार क्यों महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर : लोकतंत्र में सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार का महत्त्व

  1. सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार भारत के सभी नागरिकों को प्राप्त है।
  2. ‘सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार का विचार’ समानता के विचार पर आधारित है, क्योंकि यह घोषित करता है कि देश का प्रत्येक वयस्क स्त्री/पुरुष चाहे उसका आर्थिक स्तर या जाति कुछ भी क्यों न हो, एक वोट का हकदार है।
  3. सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के माध्यम से भारत का प्रत्येक नागरिक अपने प्रतिनिधियों का चुनाव स्वयं करता है।

2. बॉक्स में दिए गए संविधान के अनुच्छेद 15 के अंश को पुनः पढ़िए और दो ऐसे तरीके बताइए, जिनसे यह अनुच्छेद असमानता को दूर करता है?
उत्तर : अनुच्छेद 15 के द्वारा असमानता को दूर करने के तरीके

  1. राज्य किसी नागरिक के विरुद्ध केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई भेद नहीं करेगा।
  2.  कोई नागरिक केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर किसी व्यक्ति को दुकानों, सार्वजनिक भोजनालयों और सार्वजनिक मनोरंजन के स्थानों में प्रवेश करने से वंचित नहीं कर सकता। पूर्णतः अंशतः राज्य निधि से निर्मित कुँओं, तालाबों, स्नानघाटों, सड़कों और सार्वजनिक समागम के स्थानों के उपयोग पर प्रतिबंध नहीं लगा सकता।

3. ओमप्रकाश वाल्मीकि का अनुभव, अंसारी दंपति के अनुभव से किस प्रकार मिलता था?
उत्तर ओमप्रकाश वाल्मीकि और अंसारी दंपति का अनुभव निम्न रूप से समान था

  1. ओमप्रकाश वाल्मीकि को समाज के अन्य उच्च वर्गों के छात्रों से अलग फर्श पर बैठना पड़ता था और शिक्षकों के द्वारा भी उससे झाड़ लगवाया जाता था, उसी तरह से अंसारी दंपति को भी लोग अपने मकान में कमरा नहीं देना चाहते थे।
  2. ओमप्रकाश वाल्मीकि के साथ असमानता का व्यवहार जातिगत कारणों से किया गया था, जबकि अंसारी दंपति के साथ असमानता का व्यवहार धार्मिक कारणों से किया गया था।

4. “कानून के सामने सब व्यक्ति बराबर हैं”-इस कथन से आप क्या समझते हैं? आपके विचार से यह लोकतंत्र में महत्त्वपूर्ण क्यों है?
उत्तर : कानून के समक्ष सभी व्यक्ति बराबर है इससे तात्पर्य है कि

  1. कानून के समक्ष सभी व्यक्ति समान हैं चाहे वह भारत का सबसे बड़ा पद राष्ट्रपति का हो या एक सामान्य नागरिक। सभी को एक तरह के अपराध के लिए एक ही तरह के दंड देने का प्रावधान है।
  2. कानून किसी भी व्यक्ति के साथ उसके धर्म, जाति, लिंग, वंश, क्षेत्र के आधार पर भेदभाव नहीं करता। कानून के समक्ष भारत के सभी नागरिक एक समान हैं। हमारे विचार से कानून के समक्ष समानता से लोगों में यह संदेश जाता है कि देश में किसी के साथ भेदभाव नहीं हो रहा है और हम कानून के समक्ष सामान्य जनता का भी वही महत्त्व है, जो एक बड़े पद पर बैठे व्यक्ति का। इससे लोकतंत्र काफी मजबूत होता है।

5. भारत सरकार ने 1995 में विकलांगता अधिनियम स्वीकृत किया था। यह कानून कहता है कि विकलांग व्यक्तियों को भी समान अधिकार प्राप्त हैं और समाज में उनकी पूरी भागीदारी संभव बनाना सरकार का दायित्व है। सरकार को उन्हें निःशुल्क शिक्षा देनी है और विकलांग बच्चों को स्कूल की मुख्यधारा में सम्मिलित करना है। कानून यह भी कहता है कि सभी सार्वजनिक स्थल, जैसे-भवन, स्कूल आदि में ढलान बनाए जाने चाहिए, जिससे वहाँ विकलांगों के लिए पहुँचना सरल हो।
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चित्र को देखिए और उस बच्चे के बारे में सोचिए, जिसे सीढ़ियों से नीचे लाया जा रहा है। क्या आपको लगता है कि इस स्थिति में विकलांगता का कानून लागू किया जा रहा है? वह भवन में आसानी से आ-जा सके, उसके लिए क्या करना आवश्यक है? उसे उठाकर सीढ़ियों से उतारा जाना, उसके सम्मान और उसकी सुरक्षा को कैसे प्रभावित करता है?
उत्तर :

  1. उपरोक्त चित्र में विकलांगता कानून का पालन नहीं किया जा रहा है, क्योंकि भवन में ढलान नहीं बना हुआ है इसलिए बच्चे को सीढ़ियों के माध्यम से लाया जा रहा है।
  2. विकलांग व्यक्ति के लिए आसानी से भवन में आने-जाने के लिए सीढ़ियों के स्थान पर ढलान का निर्माण किया जाना चाहिए।
  3. उसे सीढ़ियों से उठाकर लाने-ले जाने से उसके आत्मसम्मान को ठेस पहुँचती है। वह अपने को अक्षम मानने लगता है, जिससे उसका आत्मबल कमजोर होगा। उसे बार-बार सीढ़ियों से चढ़ाने और उतारने से दुर्घटना हो सकती है जिससे उसे शारीरिक चोट पहुँच सकती है।

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NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 10 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 10 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 10 Struggle for Equality (Hindi Medium)

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पाठगत प्रश्न

1. ‘मताधिकार की ताकत’ से आप क्या समझते हैं? इस पर आपस में विचार कीजिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-115)
उत्तर : भारत के संविधान में भारत के सभी नागरिकों को जो वयस्क हैं या 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हैं, उन्हें एक गुप्त मत देने का अधिकार है। भारत के प्रत्येक नागरिक अपने मताधिकार का प्रयोग करके अपने प्रतिनिधि का चुनाव करते हैं और कई चुने हुए प्रतिनिधि मिलकर ही सरकार का गठन करते हैं। नागरिकों के मताधिकार के कारण ही भारतीय लोकतंत्र की सर्वोच्च शक्ति जनता में निहित है।

2. क्या आप अपने परिवार, समुदाय, गाँव या शहर में किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सोच सकते हैं, जिनका आप इसलिए सम्मान करते हैं, क्योंकि उन्होंने न्याय और समानता के लिए लड़ाई लड़ी? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-116)
उत्तर : हम अपने गाँव के ग्राम प्रधान उदय नारायण सिंह के बारे में जानते हैं। जो शिवनगर ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान के साथ-साथ एक समाज सेवी भी हैं। कई बार ग्राम पंचायत में एक जाति के लोग दूसरे जाति के साथ अन्याय और असमानता का व्यवहार करते थे तो वे अन्याय करने वाले व्यक्ति को समझाते थे। लोग उनका सम्मान करते हैं, इसलिए उनकी बातों को जल्द मान लेते हैं। इस तरह से उनके प्रयास के कारण ग्राम पंचायत के लोगों में सौहार्द का वातावरण उत्पन्न हुआ है।

3. ‘तवा मत्स्य संघ’ के संघर्ष का मुद्दा क्या था? ( एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-118)
उत्तर : तवा मत्स्य संघ के संघर्ष का मुद्दा : संघ ने सरकार से माँग की कि लोगों के जीवन-निर्वाह के लिए बाँध में मछलियाँ पकड़ने के काम को जारी रखने की अनुमति दी जाए, जो कि 1994 से तवा बाँध के क्षेत्र में मछली पकड़ने का काम निजी ठेकेदारों को सौंप दिया गया था।

4. गाँव वालों ने यह संगठन बनाने की जरूरत क्यों महसूस की? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-118)
उत्तर : 1994 में सरकार ने तवा बाँध के क्षेत्र में मछली पकड़ने का काम निजी ठेकेदारों को सौंप दिया। इन ठेकेदारों ने स्थानीय लोगों को काम से अलग कर दिया और बाहरी क्षेत्र से सस्ते श्रमिकों को ले आए। ठेकेदारों ने गुंडे बुलाकर गाँव वालों को धमकियाँ देना भी आरंभ कर दिया, क्योंकि लोग वहाँ से हटने को तैयार नहीं थे। गाँव वालों ने एकजुट होकर तय किया कि अपने अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ने और संगठन बनाकर सामने खड़े होने का वक्त आ गया है। इस तरह ‘तवा मत्स्य संघ’ नाम के संगठन को बनाया गया।

5. क्या आप सोचते हैं कि ‘तवा मत्स्य संघ’ की सफलता का कारण था, ग्रामीणों की बड़ी संख्या में भागीदारी? इस संबंध में दो पंक्तियाँ लिखिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-118)
उत्तर : यह बात सही है कि ‘तवा मत्स्य संघ’ की सफलता का कारण था, ग्रामीणों की बड़ी संख्या में भागीदारी। ग्रामीणों ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए एकजुटता का परिचय दिया। ग्रामीण लोगों ने चक्का जाम अभियान शुरू किया। उनके प्रतिरोध को देखकर सरकार ने पूरे मामले की समीक्षा के लिए एक समिति गठित की। । समिति ने गाँव वालों के जीवनयापन के लिए उनको मछली पकड़ने का अधिकार देने की अनुशंसा की।

6. समानता के लिए लोगों के संघर्ष में हमारे संविधान की क्या भूमिका हो सकती है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-121)
उत्तर : संविधान भी भारत के सभी नागरिकों को एक समान मानता है। संविधान जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र, लिंग के आधार पर किसी से भेदभाव नहीं करता। इसलिए तब लोग समानता के लिए संघर्ष करते हैं, संवैधानिक कानून उनके पक्ष में होता है। जब भी समानता के लिए संघर्ष का मामला न्यायालय में जाता है। न्यायालय संविधान को ध्यान में रखते हुए फैसला संघर्ष करने वालों के पक्ष में देता है। इसलिए समानता के लिए लोगों के संघर्ष में संविधान की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।

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NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 1 Environment (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 1 Environment (Hindi Medium)

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पाठगत प्रश्न

1. अपने आस-पास के स्थल को देखिए और आपके पड़ोस में भूमि का उपयोग किस-किस प्रकार हो रहा ? उसकी सूची बनाइए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-3)
उत्तर

  • खेती
  • सड़कें
  • औद्योगिक क्षेत्र
  • दुकानें
  • इंस्टीट्यूट
  • रेजीडेंटीयल बिल्डिग इत्यादि।

2. अपने घर एवं स्कूल में आप जो पानी उपयोग करते हैं, वह कहाँ से आता है? हमारे दैनिक जीवन में पानी के विभिन्न उपयोगों की सूची बनाएँ। क्या आपने किसी को पानी व्यर्थ करते देखा है? कैसे? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-3)
उत्तर हम जो पानी अपने घर एवं स्कूल में उपयोग करते हैं, वह दिल्ली जल बोर्ड से आता है।

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हाँ, मैंने ऐसे बहुत से लोगों को देखा है जो कि विभिन्न प्रकारों से जल को बर्बाद करते हैं। वे जब तक अपने दाँतों में ब्रश करते हैं तब तक नल को खुला रखते हैं। मैंने बहुत-सी पानी की टंकी भर जाने के बाद पानी छतों से बहता देखा है। प्रत्येक दिन मैंने देखा है कि बहुत से लोग अपनी कार धोते हैं और सड़क को भी जो उनके घर के सामने की होती है। सड़क के किनारे लगे नल से पानी बहता रहता है, लेकिन कोई बंद नहीं करता है।

3. स्कूल जाते समय आसमान को देखें। ध्यान दें कि दिन कैसा है? वर्षा हो रही है, आसमान में बादल हैं, तेज़ धूप है या कोहरा इत्यादि? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-3)
उत्तर दिन बदली वाला है। यह तो बहुत अच्छा–काले बादल छाकर वर्षा के आने की सूचना देते हैं। अब मौसम ठंडा और आरामदायक है, क्योंकि तापमान में गिरावट आई है।

4. अपने पड़ोस के किसी बुजुर्ग व्यक्ति से बात करें और निम्न जानकारी प्राप्त करें

  1. जब वे आपकी उम्र के थे, तब उनके आस-पास कैसे पेड़ थे?
  2. उस समय के घर के अंदर खेले जाने वाले खेल।
  3. उस समय उनका पसंदीदा फल।
  4. गर्मी एवं सर्दी का मौसम वे कैसे बिताते थे?

प्राप्त जानकारी को दीवार/बुलेटिन बोर्ड पर प्रदर्शित करें। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-3)
उत्तर

  1. आम, अमरूद, पपीता, लीची, अनार इत्यादि के पेड़।
  2. लूडो, शतरंज और कैरमबोर्ड।
  3. गर्मियों के समय वे केले के पेड़ों की घने छाया में बैठते थे।
  4. गर्मियों के समय वे केले के पेड़ों की घनी छाया में बैठते थे। जाड़े के समय में आग के पास बैठकर समय बिताते थे। वे धूप में बैठकर सूर्य की गर्मी भी लेते थे।

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

1. निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए

(क) पारितंत्र क्या है?
उत्तर वह तंत्र जिसमें समस्त जीवधारी आपस में एक-दूसरे के साथ तथा पर्यावरण के उन भौतिक एवं रासायनिक कारकों के साथ परस्पर क्रिया करते हैं, जिसमें वे निवास करते हैं पारितंत्र कहलाता है। ये सब ऊर्जा और पदार्थ के स्थानान्तरण द्वारा संबद्ध हैं।

(ख) प्राकृतिक पर्यावरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर भूमि, जल, वायु, पेड़-पौधे एवं जीव-जंतु मिलकर प्राकृतिक पर्यावरण बनाते हैं। दूसरे शब्दों में पृथ्वी पर उपस्थित उन समस्त जैविक और अजैविक तत्त्वों का योग प्राकृतिक पर्यावरण कहलाता है।

(ग) पर्यावरण के प्रमुख घटक कौन-कौन से हैं?
उत्तर
पर्यावरण के प्रमुख घटक –

  1. प्राकृतिक घटक, खनिज, भूमि, पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, जल, वायु आदि।
  2. मानव-निर्मित घटक-यातायात के साधन, संचार के साधन, उद्योग, पार्क आदि।

(घ) मानव-निर्मित पर्यावरण के चार उदाहरण दीजिए।
उत्तर मानव-निर्मित पर्यावरण के उदाहरण-यातायात के साधन, संचार के साधन, उद्योग, पार्क आदि।

(च) स्थलमंडल क्या है?
उत्तर पृथ्वी की ठोस पर्पटी या कठोर ऊपरी परत को स्थलमंडल कहते हैं। यह चट्टानों एवं खनिजों से बना होता है एवं मिट्टी की पतली परत से ढंका होता है। यह पहाड़, पठार, मैदान, घाटी आदि जैसी विभिन्न स्थलाकृतियों वाला विषम धरातल होता है। ये स्थलाकृतियाँ महाद्वीपों के अलावा महासागर की सतह पर भी पाई जाती हैं।
स्थलमंडल वह क्षेत्र है, जो हमें वन, कृषि एवं मानव बस्तियों के लिए भूमि, पशुओं को चरने के लिए घासस्थल प्रदान करता है। यह खनिज संपदा का भी एक स्रोत है।

(छ) जीवीय पर्यावरण के दो प्रमुख घटक क्या हैं?
उत्तर
जीवीय पर्यावरण के दो घटक–

  1. पेड़-पौधे
  2. पशु-पक्षी।

(ज) जैवमंडल क्या है?
उत्तर पादप एवं जीव-जंतु मिलकर सजीव संसार का निर्माण करते हैं, जिसे जीवमंडल कहते हैं। यह पृथ्वी का वह संकीर्ण क्षेत्र है, जहाँ स्थल, जल एवं वायु मिलकर जीवन को संभव बनाते हैं।

2. सही (✓) उत्तर चिह्नित कीजिए

(क) इनमें से कौन-सा प्राकृतिक पारितंत्र नहीं है?

  1. मरुस्थल
  2. ताल
  3. वन

उत्तर 3. ताल

(ख) इनमें से कौन-सा मानवीय पर्यावरण की घटक नहीं है?

  1. स्थल
  2. धर्म
  3. समुदाय

उत्तर 1. स्थल

(ग) इनमें से कौन-सा मानव-निर्मित पर्यावरण है?

  1. पहाड़
  2. समुद्र
  3. सड़क

उत्तर 1. सड़क

(घ) इनमें से कौन-सा पर्यावरण के लिए खतरा है?

  1. पादप-वृद्धि
  2. जनसंख्या वृद्धि
  3. फसल वृद्धि

उत्तर 2. जनसंख्या वृद्धि

3. निम्नलिखित स्तंभों को मिलाकर सही जोड़े बनाइए


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उत्तर

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 1 (Hindi Medium) 3

4. कारण बताइए

(क) मानव अपने पर्यावरण में परिवर्तन करता है।
उत्तर मानव अपने पर्यावरण के साथ पारस्परिक क्रिया करता है और उसमें अपनी आवश्यकता के अनुसार परिवर्तन करता है। वह अपनी आवश्यकता के लिए फसल उगाता है, पशुओं को पालता है, वस्तुओं को निर्मित करने के उद्योगों की स्थापना करता है। आवागमन के लिए यातायात के साधनों का निर्माण करता है। नदियों पर बाँध बनाकर बाढ़ पर नियंत्रण और सिंचाई का प्रबंध करता है। ये सभी मनुष्य को पर्यावरण से प्राप्त नहीं होता, बल्कि वह पर्यावरण में बदलाव करके प्राप्त करता है।

(ख) पौधे एवं जीव-जंतु एक-दूसरे पर आश्रित हैं।
उत्तर सभी पेड़-पौधे, जीव-जन्तु एवं मानव अपने आस-पास के पर्यावरण पर आश्रित होते हैं। प्रायः वे एक-दूसरे पर भी आश्रित हैं। जीवधारियों का आपसी एवं अपने आस-पास के पर्यावरण के बीच का संबंध ही पारितंत्र का निर्माण करता है। अधिक वर्षा वाले वन, घासस्थल, रेगिस्तान, पर्वत, झील, नदी, महासागर एवं छोटे से ताल का भी एक पारितंत्र हो सकता है।

5. क्रियाकलाप-एक आदर्श पर्यावरण की कल्पना कीजिए, जिसमें आप रहना चाहेंगे। अपने इस आदर्श पर्यावरण का चित्र बनाइए।
उत्तर
एक आदर्श पर्यावरण

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NCERT Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 3 Ruling the Countryside (Hindi Medium)

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प्रश्न-अभ्यास

( पाठ्यपुस्तक से)

फिर से याद करें

प्रश्न 1.
निम्नलिखित के जोड़े बनाएँ-

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उत्तर

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प्रश्न 2.
रिक्त स्थान भरें
(क) यूरोप में वोड उत्पादकों को …………….. से अपनी आमदनी में गिरावट का ख़तरा दिखाई देता था।
उत्तर
नील,

(ख) अठारहवीं सदी के आखिर में ब्रिटेन में नील की माँग …………………….. के कारण बढ़ने लगी।
उत्तर
औद्योगीकरण,

(ग) …………………… की खोज से नील की अंतर्राष्ट्रीय माँग पर बुरा असर पड़ा।
उत्तर
कृत्रिम रंग,

(घ) चंपारण आंदोलन …………………….. के खिलाफ था।
उत्तर
नील बागान मालिकों।

आइए विचार करें

प्रश्न 3.
स्थायी बंदोबस्त के मुख्य पहलुओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर
स्थाई बंदोबस्त-लार्ड कॉर्नवॉलिस ने 1793 में स्थायी बंदोबस्त लागू किया।

  1. राजाओं और तालुकदारों को जमींदारों के रूप में मान्यता दी गई।
  2. जमींदारों को किसानों से राजस्व इकट्ठा कर कंपनी के पास जमा कराने का काम दिया गया।
  3. जमीनों की राजस्व राशि स्थायी रूप से निश्चित कर दी गयी।
  4. किसानों से भूमि संबंधी अधिकार छीन लिए गए, जिससे किसान जमींदारों की दया पर निर्भर हो गए। वे अपनी ही जमीन पर मजदूरों की तरह काम करने लगे।

प्रश्न 4.
महालवारी व्यवस्था स्थायी बंदोबस्त के मुकाबले कैसे अलग थी?
उत्तर
महालवारी व्यवस्था और स्थायी बंदोबस्त में भिन्नता –
महालवारी व्यवस्था-बंगाल प्रेज़िडेंसी के उत्तर पश्चिमी के लिए होल्ट मैकेंजी नामक अंग्रेज़ ने एक नयी व्यवस्था 1822 में तैयार की गयी। इस व्यवस्था के अनुसार

  1. गाँव के एक-एक खेत के अनुमानित राजस्व को जोड़कर हर गाँव या ग्राम संमूह (महाल) से वसूल होने वाले राजस्व का हिसाब लगाया गया।
  2. इस राजस्व को स्थायी रूप से निश्चित नहीं किया गया, बल्कि उसमें समय-समय पर संशोधन का प्रावधान किया गया।
  3. राजस्व इकट्ठा करने तथा कंपनी के पास जमा कराने का काम जमींदार के स्थान पर गाँव के मुखिया
    को दिया गया।

स्थायी बंदोबस्त व्यवस्था-लॉर्ड कॉर्नवॉलिस ने 1793 में यह व्यवस्था लागू की

  1. राजाओं और तालुकदारों को जमींदारों के रूप में मान्यता दी गयी। खेत के हिसाब से राजस्व निश्चित
    नहीं किया गया।
  2. ज़मीनों की राजस्व राशि स्थायी रूप से निश्चित कर दी गयी। इस राशि में संशोधन का कोई प्रावधान नहीं किया गया।
  3. राजस्व इकट्ठा करने तथा कंपनी के पास जमा कराने का काम जमींदार को दिया गया।

प्रश्न 5.
राजस्व निर्धारण की नयी मुनरो व्यवस्था के कारण पैदा हुई दो समस्याएँ बताइए।
उत्तर
मुनरो व्यवस्था के कारण पैदा समस्याएँ

  1. ज़मीन से होने वाली आय को बढ़ाने के चक्कर में राजस्व अधिकारियों ने बहुत ज्यादा राजस्व तय कर दिया। किसान राजस्व नहीं चुका पा रहे तथा गाँव छोड़कर भाग रहे थे।
  2. मुनरो व्यवस्था से अफसरों को उम्मीद थी कि यह नई व्यवस्था किसानों को संपन्न उद्यमशील किसान बना देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

प्रश्न 6.
रैयत नील की खेती से क्यों कतरा रहे थे?
उत्तर
रैयतों का नील की खेती से कतराने का कारण|

  1. किसानों को नील की खेती करने के लिए अग्रिम ऋण दिया जाता था, परंतु फसल कटने पर कम कीमत पर फसल बेचने को मजबूर किया जाता था जिससे वे अपना ऋण नहीं चुका पाते थे और कभी न खत्म होने वाले कर्ज के चक्र में फँस जाते थे।
  2. बागान मालिक चाहते थे कि किसान अपने सबसे उपजाऊ खेतों पर नील की खेती करें, लेकिन किसानों
  3. किसान को नील की खेती करने के लिए अतिरिक्त मेहनत तथा समय की आवश्कता होती थी जिस कारण किसान अपनी अन्य फसलों के लिए समय नहीं दे पाता था।

प्रश्न 7.
किन परिस्थितियों में बंगाल में नील का उत्पादन धराशायी हो गया?
उत्तर
बंगाल में नील के उत्पादन के धराशायी होने की परिस्थितियाँ

  1. मार्च 1859 में बंगाल के हजारों रैयतों ने नील की खेती करने से मना कर दिया।
  2. रैयतों ने निर्णय लिया कि न तो वे नील की खेती के लिए कर्ज लेंगे और न ही बागान मालिकों के लाठीधारी गुंडों से डरेंगे।
  3. कंपनी द्वारा किसानों को शांत करने और विस्फोटक स्थितियों को नियंत्रित करने की कोशिश को किसानों ने अपने विद्रोह का समर्थन माना।
  4. नील उत्पादन व्यवस्था की जाँच करने के लिए बनाए गए नील आयोग ने भी बाग़ान मालिकों को
    जोर-जबर्दस्ती करने का दोषी माना और आयोग ने किसानों को सलाह दी वे वर्तमान अनुबंधों को पूरा करें तथा आगे से वे चाहें तो नील की खेती को बंद कर सकते हैं।
    इस प्रकार बंगाल में नीले का उत्पादन धराशायी हो गया।

आइए करके देखें

प्रश्न 8.
चंपारण आंदोलन और उसमें महात्मा गांधी की भूमिका के बारे में और जानकारियाँ इकट्ठा करें।
उत्तर
अफ्रीका से वापसी के बाद गांधी जी चंपारण के नील उत्पादक किसानों के बीच उनकी समस्याओं को जानने के लिए पहुँचे।

  1. गांधी जी नील उत्पादक किसानों के विरोध को अपना समर्थन दिया।
  2. गांधी जी भारत में अपना पहला सत्याग्रह चंपारण से शुरू किया जोकि नील उत्पादक किसानों के समर्थन में बागान मालिकों के विरुद्ध था।
  3. सरकार ने दमनकारी नीति अपनाई और गांधी जी को गिरफ्तार किया गया।
  4. अंत में सरकार को झुकना पड़ा और नील उत्पादक किसानों की जीत हुई तथा गांधी जी के सत्याग्रह का प्रयोग सफल रहा।

प्रश्न 9.
भारत के शुरुआती चाय या कॉफी बाग़ानों का इतिहास देखें। ध्यान दें कि इन बाग़ानों में काम करने वाले मजदूरों और नील के बाग़ानों में काम करने वाले मजदूरों के जीवन में क्या समानताएँ या फर्क
उत्तर
चाय या कॉफी बाग़ानों तथा नील बाग़ानों के मजदूरों के जीवन में समानताएँ ब अंतर

  1. चाय बागानों में मजदूरों को अनुबंधों के आधार पर रखा जाता था जबकि नील बागानों में ऐसा नहीं था।
  2. चाय या कॉफी बागानों में पूरे वर्ष काम होता था जबकि नील बाग़ानों में फसल कटाई या बुवाई के समय अधिक काम होता था।
  3. चाय या कॉफी बागानों से मज़दूर अनुबंध की अवधि के दौरान बागानों से बाहर नहीं जा सकते थे जबकि नील बाग़ानों में ऐसा नहीं होता था।

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