Author name: Raju

NCERT Solutions for Class 11 Geography Fundamentals of Physical Geography Chapter 9

NCERT Solutions for Class 11 Geography Fundamentals of Physical Geography Chapter 9 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 11 Geography Fundamentals of Physical Geography Chapter 9 Solar Radiation, Heat Balance and Temperature (Hindi Medium)

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[NCERT TEXTBOOK QUESTIONS SOLVED] (पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न)

प्र० 1. बहुवैकल्पिक प्रश्न
(i) निम्न में से किस अक्षांश पर 21 जून की दोपहर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं?
(क) विषुवत वृत्त पर
(ख) 23.5° उत्तरी
(ग) 66.5° दक्षिणी
(घ) 66.5° उत्तरी
उत्तर- (ख) 23.5° उत्तरी

(ii) निम्न में से किन शहरों में दिन ज्यादा लंबा होता है?
(क) तिरुवनंतपुरम
(ख) हैदराबाद
(ग) चंडीगढ़
(घ) नागपुर
उत्तर- (क) तिरुवनंतपुरम

(iii) निम्नलिखित में से किस प्रक्रिया द्वारा वायुमंडल मुख्यतः गर्म होता है?
(क) लघु तरंगदैर्ध्व वाले सौर विकिरण से
(ख) लंबी तरंगदैर्ध्व वाले स्थलीय विकिरण से
(ग) परावर्तित सौर विकिरण से
(घ) प्रकीर्णित सौर विकिरण से।
उत्तर- (ख) लंबी तरंगदैर्ध्व वाले स्थलीय विकिरण से।

(iv) निम्न पदों को उसके उचित विवरण के साथ मिलाएँ।
1. सूर्यातप (क) सबसे कोष्ण और सबसे शीतमहीनों के माध्य तापमान का अंतर
2. एल्बिडो (ख) समान तापमान वाले स्थानों को जोड़ने वाली रेखा
3. समताप रेखा (ग) आनेवाली सौर विकिरण
4. वार्षिक तापांतर (घ) किसी वस्तु के द्वारा परावर्तित दृश्य प्रकाश का प्रतिशत
उत्तर- 1. (ग) 2. (घ) 3. (ख) 4. (क)

(v) पृथ्वी के विषुवत वृत्तीय क्षेत्रों की अपेक्षा उत्तरी गोलार्ध के उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों का तापमान अधिकतम होता है, इसका मुख्य कारण है
(क) विषुवतीय क्षेत्रों की अपेक्षा उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में कम बादल होते हैं।
(ख) उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में गर्मी के दिनों की लंबाई विषुवतीय से अपेक्षा ज्यादा होती है।
(ग) उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में ‘ग्रीन हाउस प्रभाव विषुवतीय क्षेत्रों की अपेक्षा ज्यादा होता है।
(घ) उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्र विषुवतीय क्षेत्रों की | अपेक्षा महासागरीय क्षेत्र के ज्यादा करीब हैं।
उत्तर- (ख) उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में गर्मी के दिनों की लंबाई विषुवतीय क्षेत्रों से ज्यादा होती है।

प्र० 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।
(i) पृथ्वी पर तापमान का असमान वितरण किस प्रकार जलवायु और मौसम को प्रभावित करता है?
उत्तर- तापमान के असमान वितरण से मौसम और जलवायु प्रभावित होती है। जिस क्षेत्र में तापमान अधिक होता है उस क्षेत्र में हवाएँ कम तापमान वाले क्षेत्रों से चलती हैं। इसलिए विषुवतीय प्रदेशों से हवाएँ ऊपर उठ जाती हैं और हवाएँ अपने दोनों गोलार्धा (उत्तरी और दक्षिणी) में उतरती हैं जिसके कारण वहाँ का वायुदाब अधिक हो जाता है। शीतऋतु में हवाएँ स्थल से समुद्र की ओर चलती हैं इसलिए ये हवाएँ प्रायः शुष्क होती हैं। ग्रीष्म ऋतु में हवाएँ समुद्र से स्थल की ओर चलती हैं इसलिए ये पवनें आर्द्र होती हैं। तापमान का असमान वितरण वायु की उत्पत्ति का मुख्य कारण है। चक्रवात की उत्पत्ति भी तापमान के असमान वितरण का कारण होती है। इस तरह तापमान के असमान वितरण से मौसम और जलवायु प्रभावित होती है।

(ii) वे कौन से कारक हैं, जो पृथ्वी पर तापमान के वितरण को प्रभावित करते हैं?
उत्तर- तापमान को प्रभावित करने वाले कारक अक्षांश, ऊँचाई, स्थल एवं जल, प्रचलित पवनें, महासागरीय धाराएँ आदि हैं-

  1. अक्षांश – अप्रैल से जून तक उत्तरी गोलार्द्ध में तथा दिसंबर से मार्च तक दक्षिणी गोलार्द्ध में सूर्यातप अधिक रहता है तथा सितंबर से मार्च महीने में विषुवत रेखा पर सूर्यातप अधिक रहती है।
  2. ऊँचाई – प्रत्येक 165 मीटर की ऊँचाई पर 1° सेंटीग्रेड तापमान घट जाता है इसलिए पर्वतीय भागों की अपेक्षा मैदानी भागों में तापमान अधिक मिलता है।
  3. स्थल व जल – जलीय भागों की अपेक्षा स्थलीय भागों में सूर्यातप अधिक देखने को मिलता है।
  4. प्रचलित पवनें – प्रचलित पवनें अपने क्षेत्रों में तापमान दशाओं को प्रभावित करती हैं। महासागरों की ओर से बहने वाली प्रचलित पवन वहाँ के मृदु तापमान का प्रभाव समीपवर्ती स्थल पर लाती है।
  5. महासागरीय धाराएँ – गर्म धाराएँ समीपवर्ती ठंडे स्थल भाग का तापमान बढ़ा देती हैं और ठंडी धाराएँ समीपवर्ती गर्म स्थल भाग का तापमान घटा देती हैं।

(iii) भारत में मई में तापमान सर्वाधिक होता है, लेकिन उत्तर अयनांत के बाद तापमान अधिकतम नहीं होता। क्यों?
उत्तर- भारत में मई में तापमान अधिकतम होने का मुख्य कारण सूर्य का उत्तरायन होना है। सूर्य उस वक्त कर्क रेखा पर लंबवत रूप से चमकता है और कर्क रेखा भारत के बीचोंबीच से होकर गुजरती है। लेकिन यह तापमान मई के अंत तक ही संपूर्ण भारत में अधिकतम रहता है। क्योंकि मई के अंत में मालाबार तट पर वर्षा की शुरुआत हो जाती है जिसके कारण दक्षिण भारत में तापमान में वृद्धि नहीं हो पाती है। भले ही उत्तर भारत में तापमान में वृद्धि 21 जून तक जारी रहती है और यहाँ पर जून के पहले सप्ताह में तापमान अधिकतम देखने को मिलता है।

(iv) साइबेरिया के मैदान में वार्षिक तापांतर सर्वाधिक होता है। क्यों?
उत्तर- साइबेरिया के मैदानी भाग समुद्र से काफी दूर हैं और समुद्र से दूर वाले क्षेत्रों में विषम जलवायु पाई जाती। है। अर्थात् साइबेरिया के मैदानी भागों में शीतऋतु में तापमान -18° से -48° सेंटीग्रेड तक रहता है, लेकिन ग्रीष्म ऋतु का तापमान – 20° सेल्सियस तक पाया जाता है। इस तरह से साइबेरिया के मैदानी भागों का वार्षिक तापांतर -68° सेंटीग्रेड तक होता है जोकि बहुत अधिक है। इसका मुख्य कारण कोष्ण महासागरीय धाराएँ गल्फ स्ट्रीम तथा उत्तरी अंधमहासागरीय ड्रिफ्ट की उपस्थिति से उत्तरी अंधमहासागर अधिक गर्म होता है तथा समताप रेखाएँ उत्तरे की तरफ मुड़ जाती हैं। यह साइबेरिया के मैदान पर स्पष्ट होता है।

प्र० 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए।
(i) अक्षांश और पृथ्वी के अक्ष का झुकाव किस प्रकार पृथ्वी की सतह पर प्राप्त होने वाली विकिरण की मात्रा को प्रभावित करते हैं?
उत्तर- सूर्य की किरणें 0° अक्षांश या विषुवत रेखा पर सालों भर लंबवत पड़ती हैं। 0° अक्षांश से 23\(\frac { 1 }{ 2 }\)° उतरी और 23\(\frac { 1 }{ 2 }\)° दक्षिणी अक्षांशों के बीच सूर्य ऊपर-नीचे होता। रहता है। 21 मार्च से 21 जून तक सूर्य उत्तरायन होता है अर्थात् कर्क रेखा पर सूर्य की किरणें लंबवत रूप से पड़ती हैं और यहाँ पर उस वक्त ग्रीष्म ऋतु होती है और मकर रेखा पर शीत ऋतु होती हैं। 23 सितंबर से 22 दिसंबर तक सूर्य दक्षिणायन होता है अर्थात् मकर रेखा पर सूर्य की किरणें लंबवत पड़ती हैं और यहाँ पर उस वक्त ग्रीष्म ऋतु होती है और कर्क रेखा पर शीत ऋतु होती है। 21 मार्च और 23 सितंबर को सूर्य की किरणें विषुवत रेखा पर लंबवत पड़ती है। कर्क रेखा के उत्तर में और मकर रेखा के दक्षिण में जैसे-जैसे हम बढ़ते जाते हैं, वहाँ का तापमान घटता जाता है। इसलिए 66° उत्तरी अक्षांश और 66° दक्षिण अक्षांश के ऊपरी भाग में शीत कटिबंध पाया जाता है। जहाँ पर वर्ष भर तापमान निम्न रहता है। इस क्षेत्र में वर्ष के अधिकांश महीनों में बर्फ जमी रहती है। इसका मुख्य कारण है कि यहाँ पर सूर्य की किरणें तिरछी पड़ती हैं। इस प्रकार अक्षांश और पृथ्वी के अक्ष का झुकाव पृथ्वी की सतह पर प्राप्त होने वाली विकिरण की मात्रा को प्रभावित करते हैं।

(ii) उन प्रक्रियाओं की व्याख्या करें, जिनके द्वारा पृथ्वी तथा इसका वायुमंडल ऊष्मा संतुलन बनाए रखते हैं।
उत्तर- पृथ्वी पर सूर्यातप का असमान वितरण है। सूर्यातप के असमान वितरण के बावजूद वायुमंडल सूर्यातप की असमानता को कम कर देता है। सूर्य पृथ्वी को गर्म करता है और पृथ्वी वायुमंडल को गर्म करती है। प्रकृति संपूर्ण पृथ्वी पर संतुलन बनाए रखने के लिए ऐसी क्रियाविधि को जन्म देती है, जिससे ऊष्मा का स्थानांतरण उष्णकटिबंध से उच्च अक्षांशों की ओर वायुमंडलीय परिसंचरण तथा महासागरीय धाराओं द्वारा संपन्न होता है। उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में अधिक गर्मी पड़ने के कारण वहाँ की वायु गर्म होकर ऊपर उठ जाती है और उस खाली स्थान को भरने के लिए उपोष्ण कटिबंध से हवाएँ उष्णकटिबंध की ओर चलती हैं, जिससे उष्ण कटिबंध के तापमान में ज्यादा वृद्धि नहीं हो पाती। इसी तरह से उपोष्ण कटिबंध क्षेत्र में शीतोष्ण कटिबंध से हवाएँ चलकर इन क्षेत्रों के तापमान में संतुलन बनाती हैं। इसी तरह से वायुमंडल एक क्षेत्र के तापमान को ज्यादा नहीं बढ़ने देती तथा शीत कटिबंधीय और शीतोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में अगर गर्म महासागरीय धाराएँ चलती हैं तो ये धाराएँ इन क्षेत्रों के तापमान को बढ़ा देती है और अगर उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में ठंडी । धाराएँ चलती है तो उन क्षेत्रों के तापमान को कम कर देती है। इस तरह पृथ्वी की महासागरीय धाराएँ और वायुमंडल ताप को संतुलित करते हैं।

(iii) जनवरी में पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध के बीच तापमान के विश्वव्यापी वितरण की तुलना करें।
उत्तर- जनवरी में उत्तरी गोलार्ध में शीतऋतु और दक्षिणी गोलार्ध में ग्रीष्मऋतु होती है। इसका मुख्य कारण यह है कि जनवरी में सूर्य दक्षिणायन होता है। इसलिए सूर्य की किरणें दक्षिणी गोलार्ध में लंबवत पड़ती हैं। जबकि उत्तरी गोलार्ध में सूर्य की किरणें तिरछी पड़ती हैं। इसलिए उत्तरी गोलार्ध में तापमान कम देखने को मिलता है। विषुवत रेखा के समीपवर्ती क्षेत्रों में तापमान 27° सेंटीग्रेड तथा कर्क रेखा पर औसतन तापमान 15° सेंटीग्रेड, शीतोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में औसत तापमान 10° सेंटीग्रेड और शीतकटिबंधीय क्षेत्रों में इससे भी कम तापमान देखने को मिलता है। इस क्षेत्र के कई क्षेत्रों का तापमान शून्य से भी काफी नीचे तक पहुँच जाता है। उदाहरणस्वरूप, साइबेरिया के बर्खायस्क में -32° सेंटीग्रेड तक तापमान पाया जाता है। दक्षिणी गोलार्ध में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीकी देशों और दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप के अर्जेन्टाइना में जनवरी में तापमान औसतन 30° सेंटीग्रेड तक होता है। जबकि इसके और भी दक्षिणी भाग में जैसे चिली और अर्जेन्टाइना के दक्षिणी भाग में तापमान 15 से 20° सेंटीग्रेड तक होता है। इस तरह से जनवरी में उत्तरी गोलार्ध में कम तापमान और दक्षिणी गोलार्ध में अधिक तापमान देखने को मिलता है।

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NCERT Solutions for Class 11 Sociology Introducing Sociology Chapter 4 Culture and Socialisation (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 11 Sociology Introducing Sociology Chapter 4 (Hindi Medium)

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पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न [NCERT TEXTBOOK QUESTIONS SOLVED]

प्र० 1. सामाजिक विज्ञान में संस्कृति की समझ, दैनिक प्रयोग के शब्द ‘संस्कृति’ से कैसे भिन्न है?
उत्तर- संस्कृति का संदर्भ विस्तृत रूप से साझी प्रथाओं, विचारों, मूल्यों, आदर्शों, संस्थाओं और किसी समुदाय के अन्य उत्पादों से है जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में सामाजिक रूप से संचार होती है। सामाजिक परिदृश्य में संस्कृति का सरोकार किसी संगठित समूह, समाज या राष्ट्र के समाजीकरण के उत्पादों से है और इसमें नियमों, प्रतिमानों और प्रथाओं का एक समुच्चय सम्मिलित है जो उस समूह के सदस्यों द्वारा स्वीकृत किया जाता है। सामान्य शब्दों में संस्कृति का संदर्भ समाज के शिष्टाचार अर्जन और ललितकला से है; जैसे-संगीत, चित्रकला, लोकगीत, लोकनृत्य इत्यादि। अतः प्रयोग किया जाने वाला मूल शब्द यह है कि लोग सभ्य हैं या असभ्य। समाजशास्त्री के लिए किसी समाज की संस्कृति इसके सदस्यों की जीवन-विधि, विचारों और व्यवहारों का संग्रह है जो वे सीखते हैं, आदान-प्रदान करते | हैं और एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में संचार करते हैं। यह एक जटिल संचय समग्र है जिसमें समाज के सदस्य के रूप में व्यक्तियों द्वारा अर्जित ज्ञान, विश्वास, कला, चरित्र से संबंधित शिक्षा, नियम, प्रथा और अन्य योग्यताएँ तथा व्यवहार सम्मिलित हैं।

प्र० 2. हम कैसे दर्शा सकते हैं कि संस्कृति के विभिन्न आयाम मिलकर समग्र बनाते हैं?
उत्तर- संस्कृति के विभिन्न आयाम भाग और इकाई हैं, लेकिन वे अंत:संबंधित और अन्योन्याश्रित हैं। शून्य की स्थिति में उनका विकास या कार्य करना संभव नहीं है। इसके विपरीत सभी आयाम मिलकर किसी संगठन की तरह कार्य करते हैं। संस्कृति संतुलन को पोषण करती है। संस्कृति के तीन घटक हैं। जैसे कि संज्ञानात्मक (Cognitive), आदर्शात्मक (Normative) और भौतिक (Material) । संज्ञानात्मक भाग का सरोकार समझ और जानकारी से है। उदाहरण के तौर पर, किताबें और दस्तावेज। प्रथा, परम्परा और लोक-रीतियाँ आदर्शात्मक घटक हैं तथा संस्कृति के भौतिक घटक पर्यावरण मानव निर्मित भागों से संबंधित हैं; जैसे कि, बाँध, सड़क, बिजली और इलैक्ट्रॉनिक उपकरण, गाड़ी इत्यादि। उपरोक्त वर्णित सभी घटक एक-दूसरे के पूरक हैं। और समग्र रूप से कार्य करने के लिए एक-दूसरे का सहयोग करते हैं।

प्र० 3. उन दो संस्कृतियों की तुलना करें जिनसे आप परिचित हों। क्या नृजातीय नहीं बनना कठिन नहीं है?
उत्तर- हम पूर्वी विशेषतः भारतीय और पश्चिमी संस्कृतियों से पूर्ण रूप से परिचित हैं। दोनों संस्कृतियाँ एक-दूसरे से पूर्णतः भिन्न हैं। भारतीय संस्कृति कृषि आधारित है और लोग एक-दूसरे पर आश्रित हैं। यह एक जन सामूहिक समाज है और समाजीकरण पर बल दिया जाता है। सामूहिक समाजों में स्वयं और समूह के मध्य विद्यमान सीमा लचीली होती है और लोग एक-दूसरे के जीवन में प्रवेश/हस्तक्षेप कर सकते हैं। इस प्रकार के समाज में अनेक प्रकार की अवधारणाएँ होती हैं। उदाहरण के तौर पर, मानव शरीर प्राकृतिक तत्वों द्वारा निर्धारित किया जाता है और बुद्धिमान होने की कसौटी अत्यधिक विस्तृत है। इसे संज्ञानात्मक, सामाजिक, भावनात्मक और साहसी योग्यताओं की आवश्यकता पड़ती है। पश्चिमी संस्कृति तकनीकी तौर पर विकसित और व्यक्तिपरक समाज है। यह शहरीकरण, विद्यालयी शिक्षा और बच्चों के लालन-पालन, व्यवहार पर आधारित है। यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर बल देती है। स्वयं और समूह के मध्य विद्यमान सीमाएँ कठोर होती हैं। उनका विश्वास है कि शरीर पूर्ण रूप से कार्य करने वाला यंत्र है। उनके बुद्धिमान होने की कसौटी की माँग संज्ञानात्मक योग्यता है। नृजातिकेंद्रवाद का सरोकार दूसरे नृजातीय समूह के संबंध विचार करते समय अपने नृजातीय समूह का प्रयोग करना। हमारे अपने समूह के विचार, प्रथा और व्यवहार को सामान्य और दूसरे नृजातीय समूहों को विविध या कुपथगामी देखने की प्रवृत्ति है। इन सभी में प्रत्यक्ष पूर्वधारणा यह है कि हमारे नृजातीय समूह दूसरों से किसी-न-किसी रूप में श्रेष्ठ हैं जिसके विरुद्ध हम इसकी तुलना कर रहे हैं।
नृजातिकेंद्रवाद एक प्राकृतिक सामाजिक प्रक्रिया है। क्योंकि हम सभी का संबंध किसी बड़े समूह के साथ रहता है। इस बात की संतुष्टि के लिए कि हमारा व्यवहार सही है, व्यवहार में निरंतरता के पोषण क लिए और ऐसा विश्वास है कि बहु-संख्यक लोग हमेशा सही होते हैं, हम समूह के आदर्शों/प्रतिमानों के अनुसार चलते हैं। धीरे-धीरे हम इनके अंत:समूह में विद्यमान समूह के आदर्शों/प्रतिमानों के प्रति अभ्यस्त हो जाते हैं। हम अंत:समूह की पक्षपाती भावना विकसित करते हैं। लेकिन नृजातिकेंद्रवाद की भावना को कम करना आसान नहीं है। जैसे कि अंत:समूह के पक्षपाती विचार।
ये पक्षपाती विचारों को सीखने, नकारात्मक अभिवृत्ति को बदलने के अवसरों को कम कर सकता है। अंत:समूह पर आधारित संकीर्ण सामाजिक पहचान का तिरस्कार और स्वयं को संतुष्ट करने वाली भविष्यवाणी, सकारात्मक अभिवृत्ति, वस्तुपरक तथा समानुभूति के निरुत्साही विचारों को कम करके हम नृजातिकेंद्रवाद की भावना को कम कर सकते हैं।

प्र० 4. सांस्कृतिक परिवर्तनों का अध्ययन करने के लिए दो विभिन्न उपागमों की चर्चा करें।
उत्तर-

  • धर्म, कला, भाषा या साहित्य में परिवर्तन रुचि और विश्वास को प्रभावित करता है जिसका सामाजिक संबंधों पर प्रभाव पड़ता है।
  • सांस्कृतिक परिवर्तन नवीन खोजों, आविष्कारों और सांस्कृतिक क्रिया-कलापों में परिवर्तन के लिए मुख्य रूप से उत्तरदायी है।
  • सांस्कृतिक परिवर्तन का क्षेत्र विस्तृत है।
  • सांस्कृतिक परिवर्तन सामाजिक परिवर्तन पर असर डालता है।
  • सांस्कृतिक परिवर्तनों को प्राकृतिक परिवर्तन और क्रांतिकारी परिवर्तन में वर्गीकृत किया जा सकता है-
    • प्राकृतिक परिवर्तन किसी समाज में संपूर्ण परिवर्तन को संभव बना सकता है; जैसे कि भूकंप, सुनामी, बाढ़, अकाल इत्यादि।
    • क्रांतिकारी परिवर्तन किसी विशिष्ट स्थान के मूल्यों और अर्थव्यवस्था में शीघ्र परिवर्तन लाता है। ये परिवर्तन राजनीतिक हस्तक्षेप के द्वारा संभव होते हैं और समाज में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन को संभव बनाते हैं। उदाहरण के लिए, हमलावरों के कारण भारतीय संस्कृति पर इस्लाम का प्रभाव या भारतीय संस्कृति पर पश्चिम का प्रभाव।

प्र० 5. क्या विश्वव्यापीकरण को आप आधुनिकता से जोड़ते हैं? नृजातीयता का प्रेक्षण करें तथा
उदाहरण दें।
उत्तर- छात्र स्वयं करें।

प्र० 6. आपके अनुसार आपकी पीढ़ी के लिए समाजीकरण का सबसे प्रभावी अभिकरण क्या है? यह पहले अलग कैसे था, आप इस बारे में क्या सोचते हैं?
उत्तर- छात्र स्वयं करें।

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NCERT Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 12 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 12 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 12 Buildings, Paintings and Books (Hindi Medium)

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पाठ्यपुस्तक के आंतरिक प्रश्न

1. अध्याय 9 के पृष्ठ 91 पर दिए गए चित्र की तरह तुम भी मंदिरों तथा स्तूपों के निर्माण के दौरान आने वाले विभिन्न चरणों का चित्र बनाओ। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-126)
उत्तर : छात्र स्वयं करें।

2. क्या तुम्हें लगता है कि कालिदास को प्रकृतिप्रेमी कहा जा सकता है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-128)
उत्तर : हाँ, कालिदास को प्रकृतिप्रेमी कहा जा सकता है।

3. इस उपमहाद्वीप के विभिन्न भागों में महाभारत और रामायण के भिन्न-भिन्न रूपांतर लोकप्रिय हैं। इनके आधार पर नाटक, गीत और नृत्य परंपराएँ भी उभरीं। पता करो तुम्हारे राज्य में कौन-सा रूपांतर प्रचलित है। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-129)
उत्तर : छात्र स्वयं करें।

4. क्या तुम बता सकते हो कि इसमें कहानी का कौन-सा हिस्सा दिखाया गया है? यह हिस्सा क्यों चुना गया होगा? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-130)
उत्तर : इस कहानी के चित्र में राजा को अपनी प्रजा के साथ आमों का आनंद लेते दिखाया गया है। जिससे यह संदेश मिलता है कि राजा अपनी प्रजा के साथ मिल-जुलकर रहता था। इसलिए ही इस हिस्से को चुना गया है।

5. रोम के निवासी शून्य का प्रयोग किए बगैर गिनती करते थे। उसके बारे में और भी जानकारी हासिल करने की कोशिश करो। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-131)
उत्तर : छात्र स्वयं करें।

अन्यत्र (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-131)

कागज़ आज हमारे रोज़मर्रा की ज़िन्दगी का हिस्सा बन गया है। जो किताबें हम पढ़ते हैं वे कागज़ पर छपी होती हैं, उसी तरह लिखने के लिए भी हम कागज़ का ही उपयोग करते हैं। कागज का आविष्कार करीब 1900 साल पहले कोई लून नाम के व्यक्ति ने चीन में किया। उसने पौधों के रेशों, कपड़ों, रस्सियों और पेड़ की छालों को पीट-पीट कर लुगदी बनाकर उसे पानी में भिगो दिया। फिर उस लुगदी को दबाकर उसका पानी निचोड़ा और तब सुखा कर कागज़ बनाया। आज भी हाथ से कागज़ बनाने के लिए इसी विधि को अपनाया जाता है।

कागज बनाने की तकनीक को सदियों तक गुप्त रखा गया। करीब 1400 साल पहले यह कोरिया तक पहुँची। | इसके तुरंत बाद ही यह जापान तक फैल गई। करीब 1800 साल पहले यह बगदाद में पहुँची। फिर बगदाद से
यह यूरोप, अफ्रीका और एशिया के अन्य भागों में फैली। इस उपमहाद्वीप में भी कागज़ की जानकारी बगदाद से ही आई।

1. कागज का आविष्कार कब किसने और कहाँ किया था?
उत्तर : कागज का आविष्कार करीब 1900 साल पहले काई लुन नामक व्यक्ति ने चीन में किया था।

2. काई लून ने कागज किस विधि से तैयार किया था?
उत्तर : काई लून ने पौधों के रेशों, कपड़ों, रस्सियों और पेड़ की छालों को पीट-पीट कर लुगदी बनाकर उसे पानी में भिगो दिया, फिर उस लुगदी को दबाकर उसका पानी निचोड़ा और तब सुखी कर कागज बनाया। आज भी कागज बनाने के लिए इसी विधि को अपनाया जाता है।

3. प्राचीन भारत की पाण्डुलिपियाँ किस चीज पर तैयार की जाती थीं? ( संकेत : अध्याय 1)
उत्तर : प्राचीन भारत की पाण्डुलिपियाँ ताड़पत्रों अथवा हिमालय क्षेत्र में उगने वाले भूर्ज नामक पेड़ की छाल से विशेष तरीके से तैयार भोजपत्र पर लिखी जाती थीं। कल्पना करो। तुम एक मंदिर के मण्डप में बैठे हो। अपने चारों तरफ़ के दृश्य का वर्णन करो। उत्तर छात्र स्वयं करें।

प्रश्न-अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

आओ याद करें 

1. निम्नलिखित का सुमेल करो।

NCERT Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 12 (Hindi Medium) 1
उत्तर :
NCERT Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 12 (Hindi Medium) 2

2. खाली जगहों को भरो :
(क)  ……………………… एक बड़े गणतिज्ञ थे।
(ख) . ……………………… में देवी-देवताओं की कहानियाँ मिलती हैं।
(ग) …………………….. को संस्कृत रामायण का लेखक माना जाता है।
(घ)  ……………………… और ……………………… दो तमिल महाकाव्य हैं।

उत्तर :


(क)
आर्यभट्ट
(ख) पुराणों
(ग) वाल्मीकी
(घ) सिलप्पदिकारम, मणिमेखलई। आओ चर्चा करें

3. धातुओं के प्रयोग पर जिन अध्यायों में चर्चा हुई है, उनकी सूची बनाओ। धातु से बनी किन-किन चीजों के बारे में चर्चा हुई है या उन्हें दिखाया गया है?
उत्तर :
NCERT Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 12 (Hindi Medium) 3

4. पृष्ठ 130 पर लिखी कहानी को पढ़ो। जिन राजाओं के बारे में तुमने अध्याय 6 और 11 में पढ़ा है। उनसे यह बंदर राजा कैसे भिन्न या समान था?
उत्तर : पृष्ठ 130 पर बंदर राजा की कहानी अध्याय 6 और 11 में दिए गए राजाओं की तरह है। बंदर राजा भी अन्य
शासकों की तरह एक विशाल सेना रखता था। वह स्वयं बुद्धिमान, कूटनीतिज्ञ और बहादुर था। वह सही समय पर उचित निर्णय लेने में समर्थ था, जब उसने देखा कि मानव राजा उसके समुदाय को मार डालना चाहता है तो बंदरों के राजा ने अपनी प्रजा को बचाने की एक योजना बनाई। उसने आम के पेड़ की टहनियों को तोड़कर उन्हें आपस में बाँधकर नदी पर एक पुल बनाया। इसके एक छोर को वह तब तक पकड़े रहा जब तक उसकी सारी प्रजा ने नदी को पार न कर लिया। वह एक महान राजा था, लेकिन किसी भी रूप से
यह मानव राजा से अलग नहीं था।

5. और भी जानकारी इकट्ठी कर किसी महाकाव्य से एक कहानी सुनाओ।
उत्तर :
हमारे महाकाव्य में बहुत सारी कहानियाँ हैं, जो हमें प्रभावित करती हैं। वे कहानियाँ आदर्श जीवन के लिए हमारा मार्गदर्शन करती हैं और हमें शिक्षा देती हैं। ऐसे ही महाकाव्य महाभारत और रामायण हैं। ऐसी ही एक कहानी महाभारत महाकाव्य में है, इसमें कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध की कहानी है। दोनों ही पक्ष युद्ध जीतने के लिए अपने-अपने नाते-रिश्तेदारों और अन्य राजाओं को अपने साथ मिलाना चाहते थे। श्रीकृष्ण महान शक्तिशाली और भगवान की शक्तियाँ रखता था। वह दोनों ही पक्षों से संबंधित था। इसलिए दुर्योधन जो कौरवों में सबसे बड़े थे। सहायता माँगने के लिए पहुँचे। ठीक उसी दिन पांडवों में से एक अर्जुन भी सहायता माँगने के लिए कृष्ण के पास पहुँचे। श्रीकृष्ण उस समय सोये हुए थे, दुर्योधन घमंडी था, इसलिए वह श्रीकृष्ण के सिर की तरफ बैठ गया। अर्जुन दुर्योधन के बाद पहुँचे और वह विनम्र भी थे इसलिए पैर की दिशा में बैठ गए। श्रीकृष्ण ने पहले ही घोषणा कर रखी थी कि जो भी मेरे पास पहले सहायता माँगने आएगा मैं उसका साथ दूंगा। श्रीकृष्णजी जैसे ही नींद से जागे उन्होंने अर्जुन को देखा। उन्होंने कहा कि वह अर्जुन का साथ देंगे। दुर्योधन ने इसका विरोध किया और कहा कि मैं पहले सहायता माँगने आया हूँ। कृष्ण ने कहा कि अगर हम किसी से भी कुछ प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए हमें विनम्र होना पड़ेगा। इस प्रकार दुर्योधन ने श्रीकृष्ण के साथ को खो दिया। इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि हम जिससे सहायता की अपेक्षा करते हैं उनके साथ उदंडता का व्यवहार नहीं करना चाहिए।

आओ करके देखें

6. इमारतों तथा स्मारकों को अन्य प्रकार से सक्षम व्यक्तियों (विकलांग) के लिए और अधिक प्रवेश योग्य कैसे बनाया जाए? इसके लिए सुझावों की एक सूची बनाओ।
उत्तर : इमारतों तथा स्मारकों में ढलान वाले प्रवेश द्वार की सुविधा होनी चाहिए।

  • इमारतों तथा स्मारकों में ढलान वाले प्रवेश द्वार के साथ रेलिंग की सुविधा होनी चाहिए ताकि पहिए | वाली कुर्सी का आसानी से प्रयोग किया जा सके।
  • इस तरह के व्यक्तियों के लिए उचित रोशनी का प्रबंध होना चाहिए तथा खाली स्थान से अलग प्रवेश द्वार की व्यवस्था होनी चाहिए। |

7. कागज़ के अधिक से अधिक उपयोगों की एक सूची बनाओ।
उत्तर :
कागज बहुत महत्त्वपूर्ण है। इसका प्रयोग विभिन्न रूपों में किया जाता है। इसके कुछ प्रयोग नीचे दिए गए हैं

  • हम जो किताब पढ़ते हैं वह कागज पर ही छपी होती है।
  • हम लिखने के लिए भी कागज का प्रयोग करते हैं।
  • वस्तुओं के पैकिट बनाने के लिए भी कागज का प्रयोग होता है। |
  • खेल का सामान जैसे कि बनाने में भी कागज का प्रयोग होता है।
  • कृत्रिम गुलदस्ता बनाने में भी कागज का प्रयोग होता है।

8. इस अध्याय में बताए गए स्थानों में से तुम्हें किसी एक को देखने का मौका मिले तो किसे चुनोगे और क्यों?
उत्तर : मैं महरौली (दिल्ली) को देखना पसन्द करूंगा, मैं वहाँ लौह स्तंभ देख सकेंगा। यह भारतीय शिल्पकारों की कुशलता का एक अद्भुत उदाहरण है। आश्चर्य की बात यह है इतने दिनों के बाद भी इसमें जंग नहीं लगा। इसी परिसर में कुतुबमीनार वास्तव में एक महान स्मारक है। मैं महरौली में एक मनोहर स्मारक देख सकेंगा।

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NCERT Solutions for Class 6 Social Science Geography Chapter 7 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 6 Social Science Geography Chapter 7 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 6 Social Science Geography Chapter 7 Our Country: India (Hindi Medium)

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प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए।

(i) भारत को कितने भौतिक भागों में विभाजित किया जा सकता है? उनके नाम लिखिए।
उत्तर भारत के भौतिक विभाजन

(a) हिमालये
(b) भारत का उत्तरी मैदान
(c) भारतीय महामरुस्थल
(d) प्रायद्वीपीय पठार
(e) तटीय मैदान
(f) द्वीपसमूह

(ii) भारत की स्थलीय सीमा सात देशों से जुड़ी है। उनके नाम लिखिए।
उत्तर भारत की स्थलीय सीमा से जुड़े देश

(a) उत्तर पश्चिम में-अफगानिस्तान, पाकिस्तान
(b) उत्तर में चीन, नेपाल, भूटान
(c) पूर्व में बांग्लादेश, म्यांमार

(iii) कौन-सी दो प्रमुख नदियाँ अरब सागर में गिरती हैं?
उत्तर नर्मदा तथा तापी नदियाँ पश्चिम की ओर बहकर अरब सागर में गिरती हैं।

(iv) गंगा एवं ब्रह्मपुत्र के द्वारा बनाए गए डेल्टा का नाम लिखिए।
उत्तर बंगाल की खाड़ी में गंगा एवं ब्रह्मपुत्र नदियों के मुहाने पर सुंदरबन डेल्टा स्थित है।

(v) भारत में कितने राज्य तथा कितने केंद्रशासित प्रदेश हैं? किन दो राज्यों की राजधानी एक ही है?
उत्तर भारत में 28 राज्य तथा 7 केंद्रशासित प्रदेश हैं। पंजाब और हरियाणा की एक राजधानी चंडीगढ़ है।

(vi) उत्तरी मैदानों में अधिक जनसंख्या निवास करती हैं, क्यों?
उत्तर उत्तरी मैदान में सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र तथा इनकी सहायक नदियों के द्वारा लाए गए जलोढ़ निक्षेपों से बने हैं। ये मैदान कृषि के लिए उपजाऊ भूमि प्रदान करते हैं। यही कारण है कि इन मैदानों में जनसंख्या अधिक है।

(vii) लक्षद्वीप को प्रवाल द्वीप कहा जाता है, क्यों?
उत्तर लक्षद्वीप द्वीपसमूह छोटे समुद्री जंतुओं के कंकाल पर बना है, जिसे पॉलिप कहा जाता है।

2. सही उत्तर चिह्नित (✓) कीजिए।

(i) हिमालय के सबसे दक्षिणी भाग को क्या कहा जाता है?

(क) शिवालिक
(ख) हिमाद्रि
(ग) हिमाचल

(ii) सह्याद्रि को अन्य किस नाम से जाना जाता है?

(क) अरावली
(ख) पश्चिमी घाट
(ग) हिमाद्रि

(iii) पाक जलसंधि किन देशों के बीच स्थित है?

(क) श्रीलंका तथा मालदीव
(ख) भारत तथा श्रीलंका
(ग) भारत तथा मालदीव

(iv) अरब सागर में स्थित भारतीय द्वीपसमूह कौन-से हैं?

(क) अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह
(ख) लक्षद्वीप द्वीपसमूह
(ग) मालदीव

(v) भारत की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला कौन-सी है?

(क) अरावली
(ख) पश्चिमी घाट
(ग) हिमालय

उत्तर

  1. (क) शिवालिक
  2. (ख) पश्चिमी घाट
  3. (ख) भारत तथा श्रीलंका
  4. (ख) लक्षद्वीप द्वीपसमूह
  5. (क) अरावली

3. खाली स्थान भरें।

  1. भारत का क्षेत्रफल लगभग ……………….. है।
  2. महान हिमालय को ……………….. के नाम से भी जाना जाता है।
  3. क्षेत्रफल की दृष्टि से ……………….. भारत का सबसे बड़ा राज्य है।
  4. नर्मदा नदी ……………….. सागर में गिरती है।
  5. ……………….. भारत के लगभग मध्य भाग से होकर गुजरने वाली अक्षांश रेखा है।

उत्तर

  1. 32.8 लाख वर्ग किमी०
  2. हिमाद्रि
  3. राजस्थान
  4. अरब
  5. कर्क रेखा

मानचित्र कार्य

1. भारत के रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित को चिह्नित कीजिए।

  1. कर्क रेखा।
  2. भारत का मानक याम्योत्तर।
  3. जिस राज्य में आप निवास करते हैं।
  4. अंडमान द्वीपसमूह तथा लक्षद्वीप द्वीपसमूह।
  5. पूर्वी घाट एवं पश्चिमी घाट।

उत्तर
भारत के रेखा मानचित्र 

NCERT Solutions for Class 6 Social Science Geography Chapter 7 (Hindi Medium) 1

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NCERT Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 1 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 1 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 1 What, Where, How and When? (Hindi Medium)

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पाठ्यपुस्तक के आंतरिक प्रश्न

1. आज लोग यात्राएँ क्यों करते हैं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-3)
उत्तर : आज लोग यात्राएँ निम्नलिखित कारणों से करते हैं

  1. अपने रिश्तेदारों, मित्रों आदि से मिलने के लिए।
  2. काम के लिए।
  3. व्यापार के लिए।
  4. पर्यटन स्थलों की सैर के लिए।

2. क्या तुम बता सकती हो कि कठोर सतह पर लेख लिखवाने के क्या लाभ थे? ऐसा करवाने में क्या-क्या कठिनाइयाँ आती थीं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-5)
उत्तर :

  • कठोर सतह पर लिखे लेखों को लंबे समय तक सुरक्षित रक्षा जा सकता था, क्योंकि ये लेख आसानी से मिट नहीं पाते थे।
  • हम अभिलेखों के माध्यम से अपने अतीत की जानकारियाँ प्राप्त करते हैं।
  • कठोर सतह पर लिखना कठिन कार्य था, जिसे लिखने में अधिक समय लगता होगा।

3. क्या पुरातत्त्वविदों को बहुधा कपड़ों के अवशेष मिलते होंगे? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-6)
उत्तर : पुरातत्त्वविदों को कपड़ों के बहुत कम अवशेष मिलते होंगे, क्योंकि उस समय सूती कपड़े का उपयोग किया जाता था, जो समय के साथ-साथ सड़-गल जाते हैं।

इतिहास और तिथियाँ (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-8)
NCERT Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 1 (Hindi Medium) 1

पृष्ठ 3 पर दो तिथियाँ हैं, उनका पता लगाओ। इनके लिए तुम किस अक्षर समूह का प्रयोग करोगी?
उत्तर : ये दो तिथियाँ 4700 और 2500 है इनके लिए बी०सी० अक्षर समूह का प्रयोग करेंगे।

अन्यत्र (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-8-9)
जैसाकि हमने पहले पढ़ा, अभिलेख कठोर सतहों पर उत्कीर्ण करवाए जाते हैं। इनमें से कई अभिलेख कई सौ वर्ष पूर्व लिखे गए थे। सभी अभिलेखों में लिपियों और भाषाओं का प्रयोग हुआ है। समय के साथ-साथ अभिलेखों में प्रयुक्त भाषाओं तथा लिपियों में बहुत बदलाव आ चुका है विद्वान यह कैसे जान पाते हैं कि क्या लिखा था? इसका पता अज्ञात लिपि का अर्थ निकालने की एक प्रक्रिया द्वारा लगाया जा सकता है।

इस प्रकार से अज्ञात लिपि को जानने की एक प्रसिद्ध कहानी उत्तरी अफ्रीका देश मिस्र से मिलती है। लगभग 5000 वर्ष पूर्व यहाँ राजा-रानी रहते थे।
NCERT Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 1 (Hindi Medium) 2
मिस्र के उत्तरी तट पर रोसेट्टा नाम का एक कसबा है। यहाँ से एक ऐसा उत्कीर्णित पत्थर मिला है जिस पर एक ही लेख तीन भिन्न-भिन्न भाषाओं तथा लिपियों (यूनानी तथा मिस्त्री लिपि के दो प्रकारों) में है। कुछ विद्वान यूनानी भाषा पढ़ सकते थे। उन्होंने बताया कि यहाँ राजाओं तथा रानियों के नाम एक छोटे से फ्रेम में दिखाए गए हैं। इसे ‘कारतूश’ कहा जाता है। इसके बाद विद्वानों ने यूनानी तथा मिस्त्री संकेतों को अगल-बगल रखते हुए मिस्री अक्षरों की समानार्थक ध्वनियों की पहचान की। जैसाकि तुम देख सकते हो यहाँ एल अक्षर के लिए शेर तथा ए अक्षर के लिए चिड़िया के चित्र बने हैं। एक बार, जब उन्होंने यह जान लिया कि विभिन्न अक्षर किनके लिए प्रयुक्त हुए हैं, तो वे आसानी से अन्य अभिलेखों को भी पढ़ सके।

1. मिस्र के रोसेट्टा नामक कस्बे में मिले पत्थर पर लेख कितनी भाषाओं तथा लिपियों में उत्कीर्णित है?
उत्तर : मिस्र के उत्तरी तट पर रोसेट्टा नामक कस्बे में मिले पत्थर पर लेख तीन भिन्न-भिन्न भाषाओं तथा लिपियों में उत्कीर्णित किया गया है।

2. शेर का चित्र किस अक्षर के लिए प्रयुक्त किया गया है?
उत्तर : शेर का चित्र ‘एल’ अक्षर के लिए प्रयुक्त किया गया है।

3. चिड़िया का चित्र किस अक्षर के लिए प्रयुक्त किया गया है?
उत्तर : चिड़िया का चित्र ‘ए’ अक्षर के लिए प्रयुक्त किया गया है।

  • कल्पना करो

तुम्हें एक पुरातत्त्वविद् का साक्षात्कार लेना है। तुम उन पाँच प्रश्नों की एक सूची तैयार करो | जिन्हें तुम पुरातत्त्वविद् से पूछना चाहोगी।
उत्तर : प्रश्नों की एक सूची

  1. पुरातत्त्वविद् अतीत में बनी तथा प्रयोग में लाई वस्तुओं का अध्ययन क्यों करते हैं?
  2. पुरातत्त्वविद् किसी स्थान की खुदाई किस आधार पर करते हैं?
  3. क्या खुदाई करते समय किसी प्रकार की सावधानी भी रखी जाती है?
  4. खुदाई में मिली चीजों की उम्र का कैसे पता लगाया जाता है?
  5. खुदाई में मिली चीजों को कहाँ और क्यों रखा जाता है?

प्रश्न-अभ्यासः
पाठ्यपुस्तक से 

आओ याद करें

1. निम्नलिखित का सुमेल करो : नर्मदा घाटी
NCERT Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 1 (Hindi Medium) 3
उत्तर :
NCERT Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 1 (Hindi Medium) 4
NCERT Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 1 (Hindi Medium) 5

2. पाण्डुलिपियों तथा अभिलेखों में एक प्रमुख अंतर बताओ।
उत्तर : पाण्डुलिपियाँ प्रायः ताडपत्रों अथवा भोजपत्रों पर हाथ से लिखी जाती थी, जबकि अभिलेखों को पत्थर या धातु जैसी कठोर सतहों पर उत्कीर्ण (खोदकर लिखना) किया जाता था।

आओ चर्चा करें 

3. रशीदा के प्रश्न को फिर से पढ़ो। इसके क्या उत्तर हो सकते हैं?
उत्तर : हमें अतीत के विषय में पाण्डुलिपियों व अभिलेखों का अध्ययन करके जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा ईंट और पत्थरों से बनी इमारतों के अवशेषों, चित्रों, मूर्तियों, औजारों, हथियारों, बर्तनों तथा | सिक्कों आदि के द्वारा भी जानकारियाँ मिलती हैं।

4. पुरातत्त्वविदों द्वारा पाई जाने वाली सभी वस्तुओं की एक सूची बनाओ। इनमें से कौन-सी वस्तुएँ पत्थर की बनी हो सकती हैं?
उत्तर : पुरातत्त्वविदों द्वारा पाई जाने वाली वस्तुएँ-

  1. सिक्के
  2. हथियार
  3. आभूषण
  4. चित्र तथा मूर्तियाँ
  5. औजार
  6. हड्डियाँ
  7. पत्थर तथा ईंटों से बनी इमारतों के अवशेष।

पत्थर से बनी वस्तुएँ-

  1. इमारतें
  2. हथियार
  3. औजार
  4. मूर्तियाँ

5. साधारण स्त्री तथा पुरुष अपने कार्यों का विवरण क्यों नहीं रखते थे? इसके बारे में तुम क्या सोचती हो?
उत्तर : साधारण स्त्री और पुरुष अपने कार्यों का विवरण नहीं रखते थे, इसके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं|

  1. साधारण स्त्री और पुरुष अपने कार्यों को इतना महत्त्वपूर्ण नहीं मानते होंगे कि उनका विवरण तैयार किया जाए।
  2. यह भी संभव है कि वे पढ़े-लिखे भी न हों।
  3. यह भी संभव है कि वे गरीब हों और उत्कीर्ण करवाने का कार्य खर्चीला हो।

6. कम से कम दो ऐसी बातों का उल्लेख करो, जिनसे तुम्हारे अनुसार राजाओं और किसानों के जीवन में भिन्नता का पता चलता है।
उत्तर : राजाओं और किसानों के जीवन में अंतर

  1. राजाओं का जीवन वैभव और ऐश्वर्य से परिपूर्ण होता था, जबकि किसानों का जीवन कष्टों भरा होता था।
  2. राजा अपनी विजयों का लेखा-जोखा रखते थे, जबकि किसान अपने कार्यों का लेखा-जोखी नहीं रखते थे। आओ करके देखें

7. पृष्ठ 1 पर शिल्पकार शब्द का पता लगाओ। आज प्रचलित कम से कम पाँच भिन्न-भिन्न शिल्पों की सूची बनाओ। क्या ये शिल्पकार
(क) स्त्री,
(ख) पुरुष,
(ग) स्त्री तथा पुरुष दोनों होते हैं?
उत्तर :
NCERT Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 1 (Hindi Medium) 6

8. अतीत में पुस्तकें किन-किन पर लिखी गई थीं? तुम इनमें से किन पुस्तकों को पढ़ना पसंद करोगी?
उत्तर : अतीत में पुस्तकें निम्नलिखित विषयों पर लिखी जाती थीं ।

  1. धार्मिक मान्यताओं व व्यवहारों पर।
  2. राजाओं के जीवन पर।
  3. औषधियों तथा विज्ञान पर।
  4. महाकाव्य, कविताएँ तथा नाटक पर।

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NCERT Solutions for Class 10 Social Science Economics Chapter 4 Globalisation and the Indian Economy (वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था)

NCERT Solutions for Class 10 Social Science Economics Chapter 4 Globalisation and the Indian Economy (Hindi Medium)

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प्रश्न अभ्यास

पाठ्यपुस्तक से

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिएप्रश्न

प्रश्न 1. वैश्वीकरण से आप क्या समझते हैं? अपने शब्दों से स्पष्ट कीजिए।
उत्तर वैश्वीकरण का अर्थ एक ऐसी व्यवस्था से है जिसमें किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को विश्व की अन्य अर्थव्यवस्थाओं से विदेशी व्यापार एवं विदेशी निवेश द्वारा जोड़ा जाता है। वैश्वीकरण के कारण आज विश्व में विभिन्न देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं, तकनीकी तथा श्रम का आदान-प्रदान हो रहा है। इस कार्य में बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं जब वे अपनी इकाइयाँ संसार के विभिन्न देशों में स्थापित करती हैं।

प्रश्न 2. भारत सरकार द्वारा विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश पर अवरोधक लगाने के क्या कारण थे? इन अवरोधकों को सरकार क्यों हटाना चाहती थी?
उत्तर स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार ने विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश पर प्रतिबंध लगा रखा था। विदेशी प्रतिस्पर्धा से देश के उत्पादकों को संरक्षण प्रदान करने के लिए इसे अनिवार्य माना गया। 1950 एवं 1960 के दशक में उद्योगों की स्थापना हुई और इस अवस्था में इन नवोदित उद्योगों को आयात में प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति नहीं दी गई। इसलिए भारत ने केवल अनिवार्य चीजों, जैसे–मशीनरी, उर्वरक और पेट्रोलियम के आयात की ही अनुमति दी।

सन् 1991 में आर्थिक नीति में परिवर्तन किया गया। सरकार ने निश्चय किया कि भारतीय उत्पादकों को विश्व के उत्पादकों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी होगी जिससे देश के उत्पादकों के प्रदर्शन में सुधार होगा और वे अपनी गुणवत्ता में सुधार करेंगे। इसलिए विदेशी व्यापार एवं निवेश पर से अवरोधकों को काफी हद तक हटा दिया गया। इसका अर्थ है कि वस्तुओं का सुगमता से आयात किया जा सकेगा और विदेशी कंपनियाँ यहाँ अपने कार्यालय और कारखाने स्थापित कर सकेंगी। सरकार द्वारा अवरोधकों एवं प्रतिबंधों को हटाने की प्रक्रिया को ही उदारीकरण कहते हैं।

प्रश्न 3. श्रम कानूनों में लचीलापन कंपनियों को कैसे मदद करेगा?
उत्तर श्रम कानूनों में लचीलापन कंपनियों को महत्त्वपूर्ण मदद देगा । श्रम कानूनों में लचीलापन से बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ किसी
देश में निवेश करेंगी। जिससे नए उद्योग स्थापित होंगे, नए रोजगारों का सृजन होगा तथा साथ ही इन उद्योगों को कच्चे माल की आपूर्ति करने वाली स्थानीय कंपनियों का विस्तार होगा और उत्पादन प्रक्रिया का आधुनिकीकरण भी होगा। श्रम कानूनों में लचीलेपन के बाद अनेक भारतीय कंपनियों को लाभ हुआ। इन कंपनियों ने अपने उत्पादक मानकों को ऊँचा उठाया। कुछ ने विदेशी कंपनियों के साथ सफलतापूर्वक सहयोग करके लाभ अर्जित किया।

प्रश्न 4. दूसरे देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ किस प्रकार उत्पादन पर नियंत्रण स्थापित करती हैं?
उत्तर बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ वे कंपनियाँ हैं जो एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियंत्रण अथवा स्वामित्व रखती हैं। ये कंपनियाँ उन देशों में अपने कारखाने स्थापित करती हैं जहाँ उन्हें सस्ता श्रम एवं अन्य साधन मिल सकते हैं। जहाँ सरकारी नीतियाँ भी उनके अनुकूल हों। बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ इन देशों की स्थानीय कपंनियों के साथ संयुक्त रूप से उत्पादन करती हैं, लेकिन अधिकांशतः बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ स्थानीय कंपनियों को खरीदकर उत्पादन का प्रसार करती हैं। जैस-एक अमेरिकी

बहुराष्ट्रीय कंपनी ‘कारगिल फूड्स’ ने अत्यंत छोटी भारतीय कंपनी ‘परख फूड्स’ को खरीद लिया है। बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ एक अन्य तरीके से उत्पादन नियंत्रित करती हैं। विकसित देशों में बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ छोटे उत्पादकों को उत्पादन का आदेश देती हैं। वस्त्र, जूते-चप्पल एवं खेल के सामान ऐसे उद्योग हैं, जिनका विश्वभर में बड़ी संख्या में छोटे उत्पादकों द्वारा उत्पादन किया जाता है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों को इनकी आपूर्ति कर दी जाती है, जो अपने
ब्रांड नाम से इसे ग्राहकों को बेचती हैं।

प्रश्न 5. विकसित देश, विकासशील देशों से उनके व्यापार और निवेश का उदारीकरण क्यों चाहते हैं? क्या आप मानते हैं कि विकासशील देशों को भी बदले में ऐसी माँग करनी चाहिए?
उत्तर विकसित देश, विकासशील देशों से उनके व्यापार और निवेश का उदारीकरण चाहते हैं। इनका मानना है कि विदेश
व्यापार और विदेशी निवेश पर सभी अवरोधक हानिकारक हैं। इसलिए कोई अवरोधन नहीं होना चाहिए। देशों के बीच मुक्त व्यापार होना चाहिए। विश्व के सभी देशों को अपनी नीतियाँ उदार बनानी चाहिए। इसके लिए विकसित देशों की पहल पर विश्व व्यापार संगठन बनाया गया जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से संबंधित नियम लागू करता है। विश्व व्यापार संगठन के नियमों के कारण विकासशील देश व्यापार अवरोधकों को हटाने के लिए विवश हुए हैं जबकि विकसित देशों ने अनुचित ढंग से व्यापार अवरोधकों को बरकरार रखा है।

विकासशील देश समय-समय पर विकसित देशों की सरकार से प्रश्न पूछते हैं कि उन्होंने विश्व व्यापार संगठनों के नियमों को ताक पर रखकर अपने देश में अवरोधक बना रखे हैं। क्या यह मुक्त और न्यायसंगत है?यदि विकासशील देश विश्व व्यापार संगठनों के नियमों को मानकर अवरोधकों को हटा रहे हैं तो विकसित देशों को भी अवरोधकों को हटाना
होगा।

प्रश्न 6. ‘वैश्वीकरण का प्रभाव एक समान नहीं है। इस कथन की अपने शब्दों में व्याख्या कीजिए।
उत्तर विभिन्न देशों के बीच परस्पर संबंध और तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया ही वैश्वीकरण है। वैश्वीकरण का विश्व के सभी
देशों पर गहरा प्रभाव पड़ा किंतु यह प्रभाव एक समान नहीं है। स्थानीय एवं विदेशी उत्पादकों के बीच प्रतिस्पर्धाओं में धनी वर्ग के उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है। इन उपभोक्ताओं के समक्ष पहले से अधिक विकल्प हैं और वे अनेक उत्पादों की उत्कृष्टता, गुणवत्ता और कम कीमत से लाभान्वित हो रहे हैं। परिणामतः ये लोग पहले की अपेक्षा एक उच्चतर जीवन स्तर का उपभोग कर रहे हैं।

वैश्वीकरण से बड़ी संख्या में छोटे उत्पादकों और कर्मचारियों को कई चुनौतियों का सामना कंरना पड़ा है। बैटरी, प्लास्टिक, खिलौने, टायर, डेयरी उत्पाद एवं खाद्य तेल के उद्योग कुछ ऐसे उदाहरण हैं, जहाँ प्रतिस्पर्धा के कारण छोटे निर्माता टिक नहीं सके। कई इकाइयाँ बंद हो गईं। जिसके चलते अनेक श्रमिक बेरोजगार हो गए। वैश्वीकरण और प्रतिस्पर्धा के दबाव ने श्रमिकों के जीवन को व्यापक रूप से प्रभावित किया। बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण श्रमिकों का रोजगार लंबे समय के लिए सुनिश्चित नहीं रहा। वैश्वीकरण के कारण मिले लाभ में श्रमिकों को न्यायसंगत हिस्सा नहीं मिला। ये सभी प्रमाण संकेत करते हैं कि वैश्वीकरण सभी के लिए लाभप्रद नहीं रहा है। शिक्षित, कुशल और संपन्न लोगों ने वैश्वीकरण से मिले नए अवसरों का सर्वोत्तम उपयोग किया है। दूसरी ओर अनेक लोगों को लाभ में हिस्सा नहीं मिला

प्रश्न 7. व्यापार और निवेश नीतियों का उदारीकरण वैश्वीकरण प्रक्रिया में कैसे सहायता पहुँचाती है?
उत्तर सरकार द्वारा व्यापार पर से अवरोधकों अथवा प्रतिबंधों को हटाने की प्रक्रिया को ही उदारीकरण कहा जाता है। सरकार व्यापार अवरोधक का प्रयोग विदेश व्यापार में वृद्धि या कटौती करने के लिए कर सकती है। सरकार द्वारा उदारीकरण करने से वस्तुओं का आयात-निर्यात सुगमता से किया जा सकेगा तथा विदेशी कंपनियाँ भी अपने कार्यालय और कारखाने खोल सकेंगी। व्यापार के उदारीकरण से व्यवसायियों को मुक्त रूप से निर्णय लेने की अनुमति मिल जाती है कि वे क्या आयात या निर्यात करना चाहते हैं। विश्व के सभी देशों को अपनी नीतियाँ उदार बनानी होंगी तभी वैश्वीकरण को बढ़ावा मिलेगा।

प्रश्न 8. विदेश व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों के एकीकरण में किस प्रकार मदद करता है? यहाँ दिए गए उदाहरण से भिन्न उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।
उत्तर विदेशी व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों के एकीकरण में निम्नलिखित प्रकार से मदद करता है

  1. विदेशी व्यापार के कारण घरेलू उत्पादकों को अन्य देशों के बाजारों में पहुँचने का अवसर मिलता है। इससे उत्पादक अपने देश के बाजारों के साथ-साथ विश्व के बाजारों से भी प्रतियोगिता कर सकता है।
  2. ग्राहकों को विदेशी व्यापार के कारण सबसे अधिक लाभ रहता है। अब उन्हें विभिन्न प्रकार की चीजें अपने देश में ही उपलब्ध होने लगती हैं।

उदाहरण के लिए भारतीय कंप्यूटर बाजार में विदेशी कंपनियों के प्रवेश से भारतीय तथा विदेशी कंपनियों में प्रतिस्पर्धा होगी। यदि विदेशी कंपनियों के कंप्यूटर बेहतर साबित होंगे तो भारतीय उपभोक्ता के सामने अधिक
विकल्प उपलब्ध होंगे। भारतीय कंपनियाँ भी अपनी हानि को कम करने के लिए अपने उत्पाद की गुणवत्ता और
कीमतों में सुधार करेंगी अन्यथा वे प्रतियोगिता से बाहर हो जाएँगी।

प्रश्न 9. वैश्वीकरण भविष्य में जारी रहेगा। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि आज से बीस वर्ष बाद विश्व कैसा होगा? अपने उत्तर का कारण दीजिए।
उत्तर मेरे अनुसार आज से बीस वर्ष बाद भी वैश्वीकरण न केवल जारी रहेगा बल्कि वह अपने चरम पर होगा। विश्व के विभिन्न
देशों की अर्थव्यवस्थाएँ एक-दूसरे से जुड़ी होंगी। उनमें वस्तुओं, सेवाओं, तकनीकी तथा श्रमिकों का आदान-प्रदान बहुत अधिक होगा । बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ विभिन्न देशों में अधिक-से-अधिक निवेश करेंगी। विदेशी व्यापार का अधिकांश हिस्से पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों का नियंत्रण होगा। इस अवस्था में वैश्वीकरण के कारण व्यापार तथा निवेश के क्षेत्र में विभिन्न देशों में एकीकरण में वृद्धि होगी। एक देश की तकनीक, पूँजी तथा श्रम दूसरे देश के काम आने लगेंगे जिससे विश्व अर्थव्यवस्था का विकास होगा।

प्रश्न 10. मान लीजिए कि आप दो लोगों को तर्क करते हुए पाते हैं-एक कह रहा है कि वैश्वीकरण ने हमारे देश के विकास को क्षति पहुँचाई है, दूसरा कह रहा है कि वैश्वीकरण ने भारत के विकास में सहायता की है। इन लोगों को आप कैसे जवाब देगें?
उत्तर वैश्वीकरण का भारतीय अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा है। यह प्रभाव सकारात्मक भी रहा तथा नकारात्मक भी।
इसलिए कुछ लोग मानते हैं कि वैश्वीकरण ने भारत के विकास में मदद पहुँचाई है तथा कुछ लोग मानते हैं कि वैश्वीकरण ने भारत के विकास को क्षति पहुँचाई। मेरा विचार है कि वैश्वीकरण से भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास हुआ है। लोगों को नई व उन्नत तकनीक की वस्तुएँ तथा बेहतर रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। लोगों के जीवन स्तर में सुधार हुआ है। किंतु ये विकास असमान रहा अर्थात् इसने बड़े-बड़े उद्योगपतियों, शिक्षित व धनी उत्पादकों व धनी उपभोक्ताओं को तो लाभ पहुँचाया किंतु छोटे उद्योगपतियों, सुशीला जैसे श्रमिकों तथा विकासशील देशों को नुकसान पहुँचाया । वैश्वीकरण के कारण बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने भारत में कई लघु व कुटीर उद्योगों को लगभग नष्ट कर दिया है। श्रम कानूनों में, वैश्वीकरण के कारण बहुत लचीलापन आ गया जिससे लोगों का रोजगार अनिश्चित हो गया है।

अब जबकि वैश्वीकरण अनिवार्य विकल्प है तो सरकार द्वारा वैश्वीकरण को अधिक न्यायसंगत और सर्वव्यापी बनाने की आवश्यकता है ताकि इसका लाभ कुछ लोगों तक ही सीमित न रहे। सरकार को छोटे उद्योगपतियों को सस्ते दामों पर ऋण देकर, बेहतर बिजली की सुविधाएँ देकर विदेशी प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाना चाहिए। विकासशील देशों को
विकसित देशों पर अपने व्यापार और निवेश का उदारीकरण करने का दबाव डालना चाहिए।

प्रश्न 11. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
दो दशक पहले की तुलना में भारतीय खरीददारों के पास वस्तुओं के अधिक विकल्प हैं। यह…………….‘की प्रक्रिया से नजदीक से जुड़ा हुआ है। अनेक दूसरे देशों में उत्पादित वस्तुओं को भारत के बाजारों में बेचा जा रहा है। इसका अर्थ है कि अन्य देशों के साथः………………बढ़ रहा है। इससे भी आगे भारत में बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा उत्पादित ब्रांडों की बढ़ती संख्या हम बाजारों में देखते हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भारत में निवेश कर रही हैं क्योंकि………………: । जबकि बाज़ार में उपभोक्ताओं के लिए अधिक विकल्प इसलिए बढ़ते……….और…………के प्रभाव का अर्थ है। उत्पादकों के बीच अधिकतम:…………….।
उत्तर वैश्वीकरण, विदेशी व्यापार, यहाँ उन्हें उचित परिस्थितियाँ मिल रही हैं, जैसे—बड़ा बाजार, सस्ते श्रमिक आदि, निर्यात,
उदारीकरण, प्रतिस्पर्धा।

प्रश्न 12. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए

(क) बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ छोटे उत्पादकों से सस्ते दरों
(ख) आयात पर कर और कोटा का उपयोग, व्यापार
(ग) विदेशों में निवेश करने वाली भारतीय कंपनियाँ।
(घ) आई०टी० ने सेवाओं के उत्पादन के प्रसार में सहायता की है।
(ङ) अनेक बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने उत्पादन करने के लिए निवेश किया है।

(अ) मोटर गाड़ियों पर खरीदती हैं।
(ब) कपड़ा, जूते-चप्पल, खेल के सामान नियमन के लिए किया जाता है।
(स) कॉल सेंटर
(द) टाटा मोटर्स, इंफोसिस, रैनबैक्सी
(य) व्यापार अवरोधक

उत्तर (क) ब (ख) य (ग) द (घ) स (ङ) अ।।

प्रश्न 13. सही विकल्प का चयन कीजिए
(अ) वैश्वीकरण के विगत दो दशकों में द्रुत आवागमन देखा गया है

(क) देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और लोगों का
(ख) देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और निवेशों का
(ग) देशों के बीच वस्तुओं, निवेशों और लोगों का ।

(आ) विश्व के देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा निवेश का सबसे अधिक सामान्य मार्ग है

(क) नए कारखानों की स्थापना
(ख) स्थानीय कंपनियों को खरीद लेना।
(ग) स्थानीय कंपनियों से साझेदारी करना।

(इ) वैश्वीकरण ने जीवन-स्तर के सुधार में सहायता पहुँचाई है

(क) सभी लोगों के
(ख) विकसित देशों के लोगों के
(ग) विकसित देशों के श्रमिकों के
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं

उत्तर (अ) (क) (आ) (ख) (इ) (ख)।

अतिरिक्त परियोजना/कार्य कलाप

प्रश्न 1. कुछ ब्रांडेड उत्पादों को लीजिए, जिनका हम रोजाना इस्तेमाल करते हैं (साबुन, टूथपेस्ट, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएँ इत्यादि)। जाँच कीजिए कि इनमें से कौन-कौन बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा उत्पादित हैं।
उत्तर    निर्देशन: विद्यार्थी इस परियोजना कार्य को स्वयं करें। वे समाचार-पत्रों, पुस्तकों, चित्रों, टेलीविजन, इंटरनेट से लाभ उठा सकते हैं। इस परियोजना कार्य को करने के बाद विद्यार्थी वैश्वीकरण के अर्थ व व्यवहारिक रूप को भली-भाँति समझ पाएँगें।

प्रश्न 2. अपनी पसंद के किसी भी भारतीय उद्योग या सेवा को लीजिए। उद्योग के निम्नलिखित पहलूओं पर लोगों के साक्षात्कारों, समाचार-पत्रों एवं पत्रिकाओं की कतरनों, पुस्तकों, दूरदर्शन एवं इंटरनेट से जानकारियाँ और फोटो संकलित कीजिए

(क) उद्योग में विविध उत्पादक/कंपनियाँ।
(ख) क्या उत्पाद अन्य देशों को निर्यात होता है?
(ग) क्या उत्पादकों के बीच बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ हैं?
(घ) उद्योग में प्रतिस्पर्धा।
(ङ) उद्योग में कार्य-परिस्थितियाँ।
(च) क्या विगत पंद्रह वर्षों में उद्योग में कोई बड़ा बदलाव आया है?
(छ) उद्योग में कार्यरत लोगों की समस्याएँ।

उत्तर विद्यार्थी इस परियोजना कार्य को भी स्वयं करें।

Hope given NCERT Solutions for Class 10 Social Science Economics Chapter 4 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 10 Social Science Economics Chapter 4 Globalisation and the Indian Economy (वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था) Read More »

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