CBSE Class 10

NCERT Solutions for Class 10 Social Science Civics Chapter 7 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 10 Social Science Civics Chapter 7 Outcomes of Democracy (लोकतंत्र के परिणाम)

NCERT Solutions for Class 10 Social Science Civics Chapter 7 Outcomes of Democracy (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 10 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Social Science Civics Chapter 7 Outcomes of Democracy.

प्रश्न अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

प्रश्न 1. लोकतंत्र किस तरह उत्तरदायी, जिम्मेवार और वैध सरकार का गठन करता है?
उत्तर लोकतांत्रिक व्यवस्था उत्तरदायी, जिम्मेवार और वैध सरकार का गठन करती है। निम्नलिखित तत्वों से इसे समझा जा सकता है

  1. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव – सभी लोकतांत्रिक देशों में एक निश्चित अवधि के बाद चुनाव कराए जाते हैं। ये चुनाव निष्पक्ष होते हैं। सभी दल स्वतंत्र रूप से अपने उम्मीदवारों को खड़ा करते हैं और मतदाता अपनी इच्छानुसार किसी को भी चुन सकते हैं। ये प्रतिनिधि जनता के प्रति उत्तरदायी होते हैं और जनता की इच्छा पर्यंत अपने पद पर बने रहते हैं।
  2. कानूनों पर खुली चर्चा – लोकतांत्रिक देशों में सरकार जो भी कानून बनाती है वह एक लंबी प्रक्रिया के बाद बनता है। उस पर पूरी बहस तथा विचार-विर्मश किया जाता है फिर उसे जनता के समक्ष रखा जाता है। इसलिए इस बात की संभावना होती है कि लोग उसके फैसलों को मानेंगे और वे ज्यादा प्रभावी होंगे।
  3. सूचना का अधिकार – लोकतांत्रिक देशों में नागरिकों को सरकार तथा उसके काम-काज के बारे में जानकारी पाने | का अधिकार प्राप्त है। यदि कोई नागरिक यह जानना चाहे कि फैसले लेने में नियमों का पालन हुआ है या नहीं तो वह इसका पता कर सकता है। उसे यह न सिर्फ जानने का अधिकार है बल्कि उसके पास इसके साधन भी उपलब्ध

लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक ऐसी सरकार का गठन होता है जो कायदे-कानून को मानती है और लोगों के प्रति जवाबदेह होती है। लोकतांत्रिक सरकार नागरिकों को निर्णय प्रक्रिया में हिस्सेदार बनाने और खुद को उनके प्रति जवाबदेह बनाने वाली कार्यविधि भी विकसित कर लेती है। इस प्रकार लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था निश्चित रूप से अन्य शासनों से बेहतर है, यह वैध शासन व्यवस्था है, इसलिए पूरी दुनिया में लोकतंत्र के विचार के प्रति समर्थन का भाव है।

प्रश्न 2. लोकतंत्र किन स्थितियों में सामाजिक विविधता को सँभालता है और उनके बीच सामंजस्य बैठाता है?
उत्तर लोकतांत्रिक व्यवस्थाएँ अनेक तरह के सामाजिक विभाजनों को सँभालती है। इससे इन टकरावों के विस्फोटक या हिंसक रूप लेने का अंदेशा कम हो जाता है। कोई भी समाज अपने विभिन्न समूहों के बीच के टकरावों को स्थायी तौर पर खत्म नहीं कर सकता। इनके बीच बातचीत से सामंजस्य बैठाने का तरीका विकसित कर सकते हैं। सामाजिक अंतर, विभाजन और टकरावों को सँभालना निश्चित रूप से लोकतांत्रिक व्यवस्था का एक बड़ा गुण है। इसके लिए लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को दो शर्तों को पूरा करना होता है

  • लोकतंत्र का अर्थ बहुमत की राय से शासन करना नहीं है। बहुमत को सदा ही अल्पमत का ध्यान रखना होता है। उसके साथ काम करने की जरूरत होती है तभी सरकार जन-सामान्य की इच्छा का प्रतिनिधित्व कर पाती है। बहुमत और अल्पमत की राय कोई स्थायी चीज नहीं होती।
  • बहुमत के शासन का अर्थ धर्म, नस्ल अथवा भाषायी आधार के बहुसंख्यक समूह का शासन नहीं होता। बहुमत के शासन का मतलब होता है कि हर फैसले या चुनाव में अलग-अलग लोग और समूह बहुमत का निर्माण कर सकते हैं। लोकतंत्र तभी तक लोकतंत्र रहता है जब तक, प्रत्येक नागरिक को किसी-न-किसी अवसर पर बहुमत का हिस्सा बनने का मौका मिलता है।

प्रश्न 3. निम्नलिखित कथनों के पक्ष या विपक्ष में तर्क दें

  1. औद्योगिक देश ही लोकतांत्रिक व्यवस्था का भार उठा सकते हैं पर गरीब देशों को आर्थिक विकास करने के लिए तानाशाही चाहिए।
  2. लोकतंत्र अपने नागरिकों के बीच की असमानता को कम नहीं कर सकता।
  3. गरीब देशों की सरकार को अपने ज्यादा संसाधन गरीबी को कम करने, आहार, कपड़ा, स्वास्थ्य तथा शिक्षा पर लगाने की जगह उद्योगों और बुनियादी आर्थिक ढाँचे पर खर्च करने चाहिए।
  4. नागरिकों के बीच आर्थिक समानता अमीर और गरीब, दोनों तरह के लोकतांत्रिक देशों में है।
  5. लोकतंत्र में सभी को एक ही वोट का अधिकार है। इसका मतलब है कि लोकतंत्र में किसी तरह का प्रभुत्व और टकराव नहीं होता।

उत्तर
विपक्ष में तर्क

  1. औद्योगिक देश ही लोकतांत्रिक व्यवस्था का भार उठा सकते हैं। पर गरीब देशों को आर्थिक विकास के लिए तानाशाही चाहिए। यह कथन सही नहीं है। गरीब देश आर्थिक विकास तानाशाही शासन में नहीं कर सकते क्योंकि तानाशाही शासन में न स्वतंत्रता होगी, न समानता, न राजनीतिक, आर्थिक अधिकार। ऐसे में गरीब देश आर्थिक विकास नहीं कर सकते।
  2. लोकतंत्र अपने नागरिकों के बीच की असमानता को कम कर सकता है क्योंकि लोकतंत्र में नागरिकों को राजनीतिक, सामाजिक तथा आर्थिक अधिकार प्राप्त होते हैं। इसके साथ ही लोकतंत्र समानता लाने के लिए कानून भी बना सकता है, जैसे-भारत में बहुत से कानूनों के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक असमानता को कम करने की कोशिश की गई है।
  3. यह कथन सही नहीं है कि गरीब देशों को अपने संसाधन उद्योगों और बुनियादी ढाँचे पर खर्च करने चाहिए। गरीब देशों का लक्ष्य होना चाहिए पहले अपने देश के लोगों की आहार, कपड़ा, स्वास्थ्य तथा शिक्षा आदि बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करना। इसके बाद उद्योगों और बुनियादी ढाँचे पर खर्च करना चाहिए क्योंकि यदि लोग गरीब हैं तो वे उस मजबूत औद्योगिक और बुनियादी ढाँचे को संभाल नहीं पाएँगे। उसका सही उपयोग नहीं कर पाएँगे।
  4. नागरिकों के बीच आर्थिक समानता अमीर और गरीब दोनों तरह के लोकतांत्रिक देशों में है। ऐसा नहीं है। आर्थिक समानता अमीर और गरीब किसी देश में पूरी तरह से नहीं है। दोनों प्रकार के देशों में देश की कुल आये कुछ ही लोगों के हाथों में है। अमीर और गरीब के बीच एक बड़ी खाई देखने को मिलती है। फर्क इतना है कि गरीब देशों में गरीबों की संख्या बहुत ज्यादा होती है जबकि अमीर देशों में यह संख्या कुछ कम होती है।
  5. लोकतंत्र में सभी को एक ही वोट का अधिकार है। किंतु इसका यह मतलब नहीं कि किसी तरह का प्रभुत्व और टकराव नहीं होता है। सभी लोग एक ही वोट देते हैं किंतु जो लोग आर्थिक रूप से समर्थ हैं वे राजनीति में भी प्रभुत्व रखते हैं तथा समाज के विभिन्न वर्गों के बीच टकराव की स्थिति बनी रहती है।

प्रश्न 4. नीचे दिए गए ब्यौरों में लोकतंत्र की चुनौती की पहचान करें। ये स्थितियाँ किस तरह नागरिकों के गरिमापूर्ण, सुरक्षित और शांतिपूर्ण जीवन के लिए चुनौती पेश करती हैं। लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए नीतिगत संस्थागत उपाय भी सुझाएँ

  1. उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद उड़ीसा में दलितों और गैर-दलितों के प्रवेश के लिए अलग-अलग दरवाजा रखने वाले एक मंदिर को एक ही दरवाजे से सबको प्रवेश की अनुमति देनी पड़ी।
  2. भारत के विभिन्न राज्यों में बड़ी संख्या में किसान आत्महत्या कर रहे हैं।
  3. जम्मू कश्मीर के गंड़वारा में मुठभेड़ बताकर जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा तीन नागरिकों की हत्या करने के आरोप को देखते हुए इस घटना के जाँच के आदेश दिए।

उत्तर

  1. पहली घटना में जातिवाद की चुनौती लोकतंत्र के समक्ष है। इसके कारण समाज में रहने वाले कुछ लोगों को अपमान सहना पड़ता है। जिन जातियों को नीचा या अछूत या दलित कहा जाता है उन्हें जीवन की मूलभूत सुविधाओं से दूर रखा जाता है जो लोकतंत्र के खिलाफ हैं। ऐसे में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए कानून बनाकर, उन्हें कठोरता से लागू करके जातिवाद की समस्या से निपटना होगा।
  2. दूसरी घटना में लोकतंत्र के सामने गरीबी प्रमुख चुनौती है। गरीबी के कारण किसान कर्ज में डूबता चला जाता है और जब वह कर्जा चुकाने की स्थिति में नहीं होता तो वह आत्महत्या का रास्ता अपनाता है। लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए सरकार को इन गरीब किसानों की मदद करनी होगी, उन्हें ऋण देने के लिए गाँवों में सरकारी बैंकों की स्थापना करनी होगी तथा कृषि के लिए आवश्यक चीजें कम कीमत पर उपलब्ध करानी होगी। जब तक गरीबी रहेगी तब तक लोकतंत्र मजबूत नहीं हो सकता क्योंकि एक गरीब व्यक्ति केवल दो समय की रोटी के जुगाड़ में लगा रहेगा। वह देश के हित में कुछ नहीं कर पाएगा।
  3. तीसरी घटना में सरकारी विभागों में फैला भ्रष्टाचार लोकतंत्र के सम्मुख एक चुनौती है। लोकतांत्रिक देशों में विभिन्न स्तरों पर भ्रष्टाचार का बोलबाला है जिससे सत्ता में आए व्यक्ति अपनी सत्ता का प्रयोग अपने निजी हित के लिए करने लगते हैं। इससे नागरिकों का जीवन, संपत्ति संकट में पड़ जाते हैं। वे सरकारी अधिकारी जिनका काम नागरिकों की सेवा करना है वही लोग नागरिकों के शत्रु बन जाते हैं। ऐसे में लोकतांत्रिक शासन की नींव हिल जाती है। लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए हर स्तर से भ्रष्टाचार को मिटाना होगा। इसके लिए कानून बनाने होंगे। उन्हें सख्ती से लागू करना होगा तथा सरकारी पदों पर नियुक्ति के समय निष्पक्षता से काम लेना होगा जिससे सही व्यक्ति महत्त्वपूर्ण पद प्राप्त कर सकें।

प्रश्न 5. लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के संदर्भ में इनमें से कौन-सा विचार सही है-लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं ने सफलतापूर्वक

  1. लोगों के बीच टकराव को समाप्त कर दिया है।
  2. लोगों के बीच की आर्थिक असमानताएँ समाप्त कर दी हैं।
  3. हाशिए के समूहों में कैसा व्यवहार हो, इस बारे में सारे मतभेद मिटा दिए गए हैं।
  4. राजनीतिक गैर बराबरी के विचार को समाप्त कर दिया है।

उत्तर 1. लोगों के बीच टकराव को समाप्त कर दिया है।

प्रश्न 6. लोकतंत्र के मूल्यांकन के लिहाज से इनमें कोई एक चीज लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के अनुरूप नहीं है। उसे चुनें

  1. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव
  2. व्यक्ति की गरिमा
  3. बहुसंख्यकों का शासन
  4. कानून से समक्ष समानता

उत्तर 1. बहुसंख्यकों का शासन।

प्रश्न 7. लोकतांत्रिक व्यवस्था के राजनीतिक और सामाजिक असमानताओं के बारे में किए गए अध्ययन बताते हैं कि

  1. लोकतंत्र और विकास साथ ही लगते हैं।
  2. लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में असमानताएँ बनी रहती हैं।
  3. तानाशाही में असमानताएँ नहीं होती।
  4. तानाशाही लोकतंत्र से बेहतर साबित हुई हैं।

उत्तर 2. लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में असमानताएँ बनी रहती हैं।

प्रश्न 8. नीचे दिए गए अनुच्छेद को पढ़ेः
नन्नू एक दिहाड़ी मजदूर है। वह पूर्वी दिल्ली की एक झुग्गी बस्ती वेलकम मजदूर कॉलोनी में रहता है। उसका राशन कार्ड गुम हो गया और जनवरी 2006 में उसने डुप्लीकेट राशन कार्ड बनाने के लिए अर्जी दी। अगले तीन महीनों तक उसने राशन विभाग के दफ्तर के कई चक्कर लगाए लेकिन वहाँ तैनात किरानी और अधिकारी उसका काम करने या उसके अर्जी की स्थिति बताने की कौन कहे उसको देखने तक के लिये तैयार न थे। आखिरकार उसने सूचना के अधिकार का उपयोग करते हुए अपनी अर्जी की दैनिक प्रगति का ब्यौरा देने का आवेदन किया। इसके साथ ही उसने इस अर्जी पर काम करने वाले अधिकारियों के नाम और काम न करने की सूरत में उनके खिलाफ़ होने वाली कार्रवाई का ब्यौरा भी माँगा। सूचना के अधिकार वाला आवेदन देने के हफ्ते भर के अंदर खाद्य विभाग को एक इंस्पेक्टर उसके घर आया और उसने नन्नू को बताया कि तुम्हारा राशन कार्ड तैयार है और तुम दफ्तर आकर उसे ले जा सकते हो। अगले दिन जब नन्नू राशन कार्ड लेने गया तो उस इलाके के खाद्य और आपूर्ति विभाग के सबसे बड़े अधिकारी ने गर्मजोशी से उसका स्वागत किया। इस अधिकारी ने उसे चाय की पेशकश की और कहा कि अब आपका काम हो गया है इसलिए सूचना के अधिकार वाला अपना आवेदन आप वापस ले लें।

नन्नू का उदाहरण क्या बताता है? नन्नू के इस आवेदन का अधिकारियों पर क्या असर हुआ? अपने माँ पिताजी से पूछिए कि अपनी समस्याओं के लिए सरकारी कर्मचारियों के पास जाने का उनका अनुभव कैसा रहा है?
उत्तर नन्नू का उदाहरण बताता है कि हर नागरिक को अपने अधिकारों का उचित प्रयोग करना चाहिए। सूचना नागरिकों को दिया गया एक महत्वपूर्ण अधिकार है जिसका प्रयोग करके नन्नू जैसा छोटे-से-छोटा व्यक्ति भी न्याय पा सकता है। जब सभी नागरिक अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहेंगे तथा उनका समय पर उपयोग करेंगे तभी लोकतांत्रिक व्यवस्था ठीक ढंग से काम करेगी।

नन्नू के आवेदन का अधिकारियों पर गहरा असर हुआ और वे एकदम हरकत में आ गए। उन्होंने एक हफ्ते में ही उसका नया राशन कार्ड बना दिया। जिस राशन के दफ्तर मे नन्नू की कोई सनुवाई नहीं थी, उस दफ्तर में बड़े अधिकारी उससे मिले तथा पूरा सम्मान दिया और उससे आवेदन वापस लेने का निवेदन भी किया।

अब विद्यार्थी अपने माता-पिता से पूछे कि अपनी समस्याओं के लिए सरकारी कर्मचारियों के पास उनका अनुभव कैसा रहा। इसके विषय में वे एक विवरण भी लिखें।

Hope given NCERT Solutions for Class 10 Social Science Civics Chapter 7 are helpful to complete your homework.

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NCERT Solutions for Class 10 English Footprints Without Feet Chapter 6 The Making of a Scientist

NCERT Solutions for Class 10 English

The Making of a Scientist NCERT Solutions for Class 10 English Footprints Without Feet Chapter 6

The Making of a Scientist NCERT Text Book Questions and Answers

The Making of a Scientist Read and Find out

Question 1.
How did a book become a turning point in Richard Ebright’s life?
Or
How did a children’s book ‘The Travels of Monarch X’ open the world of science to Richard Ebright?
Answer:
Ebright was running after butterflies not knowing that he was pursuing his career as a scientist but when he read the book ‘The Travels of Monarch X’, he was excited to know that the readers were invited to tag the butterflies for research by Dr Urquhart. Since then there was no turning back. He became a great scientist.

Question 2.
How did his mother help him?
Answer:
His mother encouraged him to collect things like rocks, coins and butterflies. She also tried to get some work for him to satisfy his intellectual thirst for knowledge.

Question 3.
What lesson does Ebright learn when he does not win anything at a science fair?
Answer:
At the science fair when he did not win any prize, Ebright learnt a lesson that merely a neat display of models and slides was not enough to fetch prizes. The winners need to do something different and this “different” should be the real and original experiments.

NCERT Solutions for Class 10 English Footprints Without Feet Chapter 6 The Making of a Scientist

Question 4.
What experiments and projects does he then undertake?
Answer:
Ebright tried to find out the cause of a viral disease that kills almost all the monarch caterpillars every few years. Then next to be tested was the theory that viceroy butterflies copy the monarchs.

Question 5.
What are the qualities that go into the making of a scientist?
Answer:
A scientist has got to be inquisitive by nature. He should continue his job with the same level of interest. He should not be interested in winning the prizes but in doing the best job.

The Making of a Scientist Think About It

Question 1.
How can one become a scientist, an economist, a historian ? Does it simply involve reading many books on the subject? Does it involve observing, thinking and doing experiments?
Answer:
It is not only the basic aptitude of a person that determines whether he would become a scientist or an economist or a historian. But a person can try his hand on any profession by delving deep into that field of knowledge. One should not depend upon others to provide opportunities but should generate opportunities by working hard seriously in order to do that work in the best possible manner. A thirst for knowledge, dedication, readiness to donate time will always bring wonderful results. Yes, it absolutely involves observing, thinking and doing experiments.

Question 2.
You must have read about cells and DNA in your science books. Discuss Richard Ebright’s work in the light of what you have studied. If you get an opportunity to work like Richard Ebright on projects and experiments, which field would you like to work on and why?
Answer:
Richard Ebright has done a wonderful job by studying the DNA of butterflies. I always felt that
‘ DNA is only for human beings, but now I realise it is a surprising phenomenon which controls and determines the heredity of an individual be it insect, bird or larger animals. If I get an opportunity7 like Ebright, I will certainly choose waterbodies and their conservation, purification of w7ater. cleaning of the rivers, etc.

The Making of a Scientist Extra Questions and Answers

The Making of a Scientist Short Answer Questions

Question 1.
What opened the world of science for Richard Ebright?
Answer:
Ebright was encouraged by his mother. He kept on enriching his treasure of rocks, fossils, coins and butterflies. He collected all 25 varieties. His mother bought him a book The Travels of Monarch X. It opened a new world of science to him.

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Question 2.
“Without the support and motivation of his mother, Richard Ebright would not have been a successful scientist.” Do you agree? Elaborate.
Answer:
It is true that without the support and motivation of his mother, Richard Ebright would not have been a successful scientist. It was his mother who recognised his driving curiosity and bright mind. She always encouraged his interest in learning. She organised trips for him so that he could learn more.

Question 3.
What other interests, besides science, did Richard Ebright pursue?
Answer:
Besides science, Ebright had pursued some other interests too. He was an all-rounder. He was a champion debater, a good public speaker and a good canoeist. He was an expert photographer too.

Question 4.
“Richard Ebright had all the ingredients required for the making of a scientist.” Do you agree?
Answer:
Yes, I agree that Ebright had all the ingredients required for making a scientist. For becoming a scientist, one needs to be a keen observer, thinker and hardworking person. Scientific curiosity is the most important ingredient required in the making of a scientist. Richard Ebright had all these elements in him right from the beginning.

Question 5.
Why did Richard Ebright give up tagging of butterflies?
Answer:
Ebright lost interest in tagging butterflies because it was tedious and there was not much feedback. He could capture only two butterflies.

Question 6.
Why did Viceroy butterflies copy the Monarchs?
Answer:
The viceroy butterflies taste good, whereas the monarch butterflies do not taste good. Naturally, the birds do not eat the monarch butterflies. So in order to protect themselves from the birds, they copy the monarchs and mislead the birds.

Question 7.
“But there was one thing I could do – collect things.” What collection did Ebright make? When did he start making the collection?
Answer:
Ebright did not have friends when he was in Pennsylvania. He had no one to play with. He started collecting things from his surroundings. He used to collect rocks, fossils, coins and butterflies. He started making a collection in his childhood.

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Question 8.
What was Ebright’s achievement in his senior year?
Answer:
Ebright had scientific curiosity right from the beginning. In his second grade, he had collected all the twenty-five species of butterflies found in that area.

Question 9.
How did Ebright raise a flock of butterflies?
Answer:
When Ebright realized that butterflies could only be caught for six weeks in late summer, he started raising them in the basement with the help of the monarch butterflies.

Question 10.
What opened the world of science to Ebright?
Answer:
One day his mother gave him a book ‘The Travels of Monarch X’. This book was about the migration of butterflies to central America. It opened the world of science to Ebright.

Question 11.
How did Richard Ebright excite the world of science at the age of twenty-two?
Answer:
At the age of twenty-two, Richard Ebright excited the scientific world with a new theory on how cells work. Richard Ebright and his roommate explained the theory in an article published in the ‘Proceedings of the National Academy of Science’.

Question 12.
How did Ebright spend his time in Pennsylvania?
Answer:
In his childhood, in Pennsylvania, Ebright did not have friends to play with. He used to spend his time in collecting fossils and rocks. He became an eager astronomer too. He used his time in star-gazing all night.

Question 13.
How was Ebright as a student in the school?
Answer:
Ebright was a brilliant student. He earned top grades in his class. When he was in second grade, he had collected all the twenty-five species of butterflies. He was a keen learner.

Question 14.
Why did Ebright start a project of tagging the butterflies?
Answer:
Ebright used to collect different species of butterflies. He had collected all the species of butterflies found in that area. He read the book ‘The Travels of Monarch X’. At the end of the book, the readers were asked to help study butterflies’ migration. So, Ebright started tagging the butterflies.

Question 15.
What was Ebright’s first project in a competition? What did he learn from his defeat?
Answer:
Ebright’s first project in a competition was in his seventh grade. His entry was slides of frog tissues which he showed under a microscope. He did not win any prize. He learnt that mere neat display of facts does not win a prize. One must work on real projects.

Question 16.
What was the project of Ebright in the eighth grade? What was the result?
Answer:
For his eighth grade project, Ebright found the cause of a viral disease that kills all monarch caterpillars every few years. He tried to prove this fact but could not get any results. However, his efforts were appreciated and he won a prize.

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Question 17.
What was his science fair project?
Answer:
His science fair project was testing the theory that viceroy butterflies copy monarch. The theory was that viceroys look like monarchs to save themselves from the birds which don’t like monarchs. So the more they look like monarchs, the less likely they are to become a bird’s dinner.

Question 18.
Which project led Richard Ebright towards his theory on the life of cells?
Answer:
In his second year, Ebright studied the purpose of the twelve tiny gold spots on a monarch pupa. He concluded that these spots were not ornamental but they produced hormones necessary for their development. This project led him towards his theory on the life of cells.

Question 19.
When and how did Ebright get the idea of his new theory about cell life?
Answer:
During the junior year, Ebright got the idea for his new theory about cell life. He was looking at X-ray photos of the chemical structure of a hormone. Seeing the photos, he believed that the photos gave him the answer to the puzzle—how the cells can read the blueprint of its DNA.

Question 20.
Why was it a great achievement for Ebright when his article was published in the magazine ‘The Proceedings of the National Academy of Science’?
Answer:
It was for the first time that the article of a student was published in this important science journal. It was like making a big league at the age of fifteen. It was indeed a great achievement.

Question 21.
Why could Ebright not play baseball?
Answer:
Ebright could not play baseball because he was a solitary child with no companion at home. In fact, from his early childhood, he had a driving curiosity along with a bright mind.

Question 22.
How did Dr. Urquhart encourage Ebright through a book?
Answer:
Dr Urquhart wrote in his book a note for the readers for inviting them to tag butterflies. Ebright started tagging the butterflies and whoever came across those tags was requested to send them to Dr Urquhart. Thus, he learnt to take keen interest in his job and involve other people in the projects.

The Making of a Scientist Long Answer Questions

Question 1.
“Failure is a step towards success.” How did a failure in the first competition help Ebright in becoming a successful scientist? What do you learn from this?
Answer:
Richard Ebright had scientific curiosity right from his chidhood. He always spent his time in observa-tion of his surroundings. He was an intelligent boy having interest in collection of fossils, rocks and other things. His mother recognised his driving curiosity along with his bright mind. He worked hard and entered a county science fair with a project on frog tissue. He did not win anything.

He realised that the winners should try to do real experiments. A simple and neat display of facts does not win a prize. He failed to win a prize but this failure was a step towards success. He was not demotivated. It was a learning for him. We should learn from it that we should never give up and move on. After that failure, Ebright worked on real experiment and became a successful scientist.

NCERT Solutions for Class 10 English Footprints Without Feet Chapter 6 The Making of a Scientist

Question 2.
“Where there is a will, there is a way.” Ebright had a will to become a scientist but did not have enough resources. How does will and curiosity help us in becoming a successful person in our life? Elaborate with reference to Ebright.
Ans.
“Where there is a will, there is a way.” Ebright had a will to become a scientist but did not have enough resources. His will and curiosity was satisfied by his mother till his school education. He worked hard on various projects and models and won many prizes. As a high school junior, he continued his advanced experiments on the monarch pupa.

His hard work was rewarded and he won a prize. This gave him another chance to work in a well equipped advanced Army Laboratory during the summer. In his senior year, he again got an opportunity to work at the army laboratory. Thus, he was able to conduct many experiments. His will to work and curiosity overcame the lack of resources and helped him in becoming a successful scientist. When we are willing to do something, resources are automatically generated. We get help from every corner.

Question 3.
Richard did not win a prize in the competition but he did not lose hope and continued working hard and finally succeeded and became a successful scientist. As a student what is more important, participation in the competition or a prize? How would you react to not winning a prize in a competition?
Answer:
Winning a prize in any competition is the most desirable thing for all of us. We want to win as it motivates us for more hard work. But everyone cannot be the winner. For me participating in the competition is more important than winning a prize. If one participates in the competition and does not win a prize, it should not demotivate one.

We should continue hard work. Richard is an example to follow. He did not win anything at the science fair but it was a stepping stone for his success. He continued hard work and one day became a successful scientist. As a student it is more important for me to participate in the competition rather than craving for a prize. If I don’t get a prize in any competition it will not demotivate me. It will be a stepping stone for me to move ahead.

Question 4.
Curiosity and motivation are the basic foundation for becoming a successful scientist. In addition to it what are the other values required in becoming a successful scientist. What do you learn from
the character of Richard? Elaborate with reference to the lesson ‘The Making of Scientist’.
Answer:
Curiosity and motivation are the basic foundation for becoming a successful scientist. It is the urge to know more that develops scientific aptitude. One cannot be a rational, well informed person if one does not have curiosity to know more. One has to think differently if one wants to do something different. Richard Ebright is an example. At a very young age Richard Ebright was competitive. He put in extra effort in his work. He was always curious to know more about the things around him.

In addition to curiosity and motivation, there are many other values which are required in becoming a successful person. One has to be hardworking, sincere, determined and patient. One should never lose hope but should be optimistic. One must accept success and failure in the right spirit. I learn the value of curiosity, hard work, determination and strong willpower from the life of Richard Ebright.

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NCERT Solutions for Class 10 Social Science History in Hindi Medium Chapter 6

NCERT Solutions for Class 10 Social Science History Chapter 6 Work, Life and Leisure (काम, आराम और जीवन)

NCERT Solutions for Class 10 Social Science History Chapter 6 Work, Life and Leisure (Hindi Medium)

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प्रश्न अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

संक्षेप में लिखें

प्रश्न 1. अठारहवीं सदी के मध्य से लंदन की आबादी क्यों फैलने लगी? कारण बताइए।
उत्तर अठारहवीं सदी के मध्य से लंदन की आबादी तेज़ी से बढ़ने लगी। इसकी आबादी 6,75,000 तक पहुँच चुकी थी। इसके लिए निम्नलिखित कारण उत्तरदायी थे
(क) लंदन में औद्योगिक क्रांति के कारण आबादी तेज़ी से बढ़ी। हालाँकि, लंदन में विशाल कारखाने नहीं थे, फिर भी प्रवासी आबादी चुंबक की तरह उसी तरफ़ खिंची चली आती थी। गैरेथ स्टेडमैन जोन्स के शब्दों में, “19वीं शताब्दी का लंदन क्लर्को और दुकानदारों, छोटे पेशेवरों और निपुण कारीगरों, नौकरों, दिहाड़ी मजदूरों, कुशल व शारीरिक श्रम करने वालों की बढ़ती आबादी, सिपाहियों, फेरीवालों और भिखारियों का शहर था।”
(ख) रोजगार प्राप्त करने लोग लंदन की तरफ़ आ रहे थे। लंदन की गोदी के अलावा मुख्य रूप से पाँच तरह के बड़े उद्योगों में बहुत सारे लोगों को काम मिला हुआ था । ये उद्योग थे—परिधान और जूता उद्योग, लकड़ी व फर्नीचर उद्योग, धातु एवं इंजीनियरिंग उद्योग, छपाई और स्टेशनरी उद्योग तथा शल्य चिकित्सा उपकरण के घड़ी जैसे सटीक माप वाले उत्पादों और कीमती धातुओं की चीजें बनाने वाले उद्योग।
(ग) पहले विश्व युद्ध के दौरान लंदन में मोटरकार और बिजली के उपकरणों का भी उत्पादन होने लगा और विशाल कारखानों की संख्या बढ़ते-बढ़ते इतनी हो गई कि शहर की तीन-चौथाई नौकरियाँ इन्हीं कारखानों में सिमट गईं।

प्रश्न 2. उन्नीसवीं और बीसवीं सदी के बीच लंदन में औरतों के लिए उपलब्ध कामों में किस तरह के बदलाव आए? ये बदलाव किन कारणों से आए?
उत्तर 18वीं सदी के अंत में और 19वीं सदी के प्रारंभ में फैक्टरियों में बहुत सारी औरतें काम करती थीं। जैसे-जैसे तकनीक में
सुधार आया, कारखानों में औरतों की नौकरियाँ छिनने लगीं और वे घरेलू कामों में सिमट कर रह गईं। 1861 की जनगणना से पता चला कि लंदन में लगभग ढाई लाख नौकर हैं। उनमें औरतों की संख्या बहुत ज्यादा थी। उनमें से अधिकांश हाल । ही में शहर में आई थीं। बहुत सारी औरतें परिवार की आय बढ़ाने के लिए अपने मकानों का भी इस्तेमाल करती थीं। वे या तो किसी को भाड़े पर रख लेती थीं या घर पर ही रहकर सिलाई-बुनाई, कपड़े धोने या माचिस बनाने जैसे काम करती थीं। 20वीं सदी में हालात फिर बदले। जब औरतों को युद्धकालीन उद्योगों और दफ्तरों में काम मिलने लगा तो वे घरेलू काम छोड़कर फिर बाहर आने लगीं।

प्रश्न 3. विशाल शहरी आबादी के होने से निम्नलिखित पर क्या असर पड़ता है? ऐतिहासिक उदाहरणों के साथ समझाइए।

(क) ज़मींदार
(ख) कानून-व्यवस्था संभालने वाला पुलिस अधीक्षक
(ग) राजनीतिक दल का नेता

उत्तर
(क) जमींदार वर्ग – यह वर्ग बड़ी-बड़ी जमीनों का मालिक होता था। जब शहरों का विकास हुआ तो यह वर्ग शहरों में आकर रहने लगा था । इनकी ग्रामीण जीवन शैली पूरी तरह से बदल गई। जब शहरों में आबादी बढ़ने के कारण रहने की समस्या उत्पन्न हुई, तब इस वर्ग ने इस समस्या को हल करने में अपना योगदान दिया। जब मिलमालिकों और सरकार ने शहरों में निवास के नए मकान बनाने की जिम्मेवारी नहीं ली, तब इस वर्ग ने अपनी भूमि पर छोटे-छोटे मकान या चॉल आदि बनाकर मजदूरों और कारीगरों को किराए पर दिए जिससे ये धनी हो गए और जल्द ही इस धन से शहरों में इन्होंने अपने कारखाने स्थापित कर लिए। जब शहरों में शराबखोरी और गंदगी का माहौल उत्पन्न हो गया तो इस वर्ग ने इनसे निपटने के लिए संयमता आंदोलन प्रारंभ किया।
(ख) कानून-व्यवस्था संभालने वाला पुलिस अधीक्षक – शहरों में जब जनसंख्या बढ़ने लगी तब यहाँ पर कई तरह के अपराध भी होने लगे, क्योंकि गाँवों से ज्यादातर लोग यहाँ पर काम की तलाश में आए और जब उन्हें काम नहीं मिला तो अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए अपराध करने लगे। ऐसे में जिला प्रमुख पुलिस अधिकारी या पुलिस अधीक्षक की कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका हो गई, क्योंकि परोपकारी जहाँ र गज में नैतिकता को लेकर चिंतित थे, वहीं उद्योगपति परिश्रमी और अनुशासित मजदूर वर्ग की चाह के कारण परेशान थे। अतः पुलिस द्वारा अपराधियों पर नजर रखी गई। साथ ही उनकी जिंदगी के तौर-तरीकों की जाँच की जाने लगी। जनता में अनुशासन बनाए रखने के लिए पुलिस और शासन द्वारा अपराधों के लिए कड़ी से कड़ी सज़ा दी गई। पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निपटा गया। ये सभी कार्य पुलिस अधीक्षक के अधीन पुलिस विभाग के अन्य अधिकारियों द्वारा किए गए। इसके अतिरिक्त शासन द्वारा लायक गरीब लोगों के लिए रोजगार उपलब्ध करवाए गए ताकि वे अपराध की ओर आकर्षित न हो।
(ग) राजनैतिक दल का नेता – जब शहरों का विकास हुआ तो यहाँ पर अन्य चीजों के विकास के साथ-साथ राजनैतिक गतिविधियाँ भी आरंभ हुईं। जब जनसंख्या वृद्धि के कारण यहाँ पर अनेक समस्याएँ उत्पन्न हुईं तब अवसरवादी नेताओं ने इनका लाभ उठाते हुए मजदूरों और कारीगरों के संगठन बनाए तथा हड़तालें आदि करवाने लगे। इन्होंने जनता को आश्वासन दिया कि वे उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द हल करवाएंगे। इस प्रकार से इन्होंने अपने और अपने दल के लिए जनसमर्थन प्राप्त करने का प्रयास किया।

प्रश्न 4. निम्नलिखित की व्याख्या करें –

(क) 19वीं सदी में धनी लंदनवासियों ने गरीबों के लिए मकान बनाने की ज़रूरत का समर्थन क्यों किया?
(ख) बंबई की बहुत सारी फ़िल्में शहर में बाहर से आने वालों की जिंदगी पर आधारित क्यों होती थीं?
(ग) 19वीं सदी के मध्य में बंबई की आबादी में भारी वृद्धि क्यों हुई?

उत्तर
(क) 19वीं सदी में धनी लंदनवासियों ने गरीबों के लिए मकान बनाने का समर्थन निम्नलिखित कारणों से किया

  1. गरीबों के एक कमरे वाले मकानों में भीड़ रहती थी, वहाँ हवा निकासी का इंतजाम नहीं था और साफ़-सफ़ाई की सुविधाएँ नहीं थीं।
  2. खस्ताहाल मकानों के कारण आग लगने का खतरा बना रहता था।
  3. इस विशाल जनसमूह के कारण सामाजिक उथल-पुथल की आशंका दिखाई देने लगी थी। 1917 की रूसी क्रांति के बाद यह डर काफ़ी बढ़ गया था। लंदन के गरीब कहीं विद्रोह न कर दें, इस आशंका से निपटने के लिए मजदूरों के लिए आवासीय योजनाएँ शुरू की गईं।

(ख) बम्बई में जो फिल्में बनीं उनमें से कई फिल्में बाहर से आने वाले लोगों की जिंदगी पर आधारित होती थीं। इसके कई कारण थे

  1. इनमें उनके जीवन में आने वाली दैनिक समस्याओं को दिखाया गया।
  2. इनमें लोकप्रिय गीतों द्वारा शहरों के अंतर्विरोधों को दर्शाया गया जैसे सी.आई.डी. का गाना ‘ऐ दिल है मुश्किल जीना यहाँ, जरा हटके जरा बचके यह है बंबई मेरी जान।
  3. इनमें उन लोगों के जीवन को भी दर्शाया गया जो बंबई को सपनों का शहर समझकर आते थे और यहाँ पर अनेक कठिनाईयों का सामना करते थे।
  4. इनमें शहरी अमीरों और बाहर से आने वाले गरीबों के बीच के अंतर्विरोधों को स्पष्ट रूप से दर्शाया जाता था।
  5. बाहर से आने वाले लोगों को बंबई के जीवन में गंदा वातावरण, आवासी मकानों का अभाव, लोगों का संकीर्ण दृष्टिकोण, मानव-मूल्यों की उपेक्षा, गरीबी और अपराध को फिल्मों में दिखाया गया।

(ग) 19वीं सदी के मध्य में बंबई की आबादी में भारी वृद्धि के कारण

  1. शहरी आकर्षण – बंबई की आबादी बढ़ने का मुख्य कारण लोगों का शहरों के प्रति बढ़ता आकर्षण था, जिससे आकर्षित होकर लोग यहाँ पर आकर रहने लगे। उन्होंने आधुनिक जीवन शैली को अपनाने के साथ-साथ रोजगार के नये अवसरों की तलाश कर अपना जीवन-स्तर ऊँचा उठाया। जैसे-रहन-सहन की आधुनिक जीवन पद्धति, रोजगार के नए अवसर, आदि।
  2. व्यापारिक कारण – बंबई देश की प्रमुख बंदरगाहों में से एक है। यहां से बड़ी मात्रा में वस्तुओं का आयात निर्यात होता था। इस कारण यह पश्चिमी भारत का प्रशासनिक और व्यापारिक केन्द्र बन गया जिससे लोग नवीन व्यापारिक अवसरों को प्राप्त करने के लिए यहाँ आने लगे।
  3. रोजगार के नवीन अवसर – 1819 में बंबई को प्रेसीडेंसी की राजधानी घोषित कर दिया गया। परिणामस्वरूप बंबई एक प्रमुख व्यापारिक केन्द्र के रूप में प्रकट हो गया। इस कारण व्यापारी, महाजन, जमींदार आदि यहाँ पर नवीन व्यापार के लिए आने लगे। आम ग्रामीण लोग यहाँ पर रोजगार के अवसर को प्राप्त करने के लिए तथा फिल्मी जगत में अपना भाग्य आजमाने के लिए आने लगे।
  4. आवागमन का विकास – बंबई जब प्रमुख व्यापारिक और प्रशासनिक केन्द्र बन गया तब यहाँ पर आवागमन की सुविधाओं का भी विकास हुआ, जिस कारण लोगों का यहाँ आना जाना आसान हो गया।
  5. प्राकृतिक प्रकोप – 1888-89 के बीच कच्छ के सूखे क्षेत्रों में अकाल पड़ने के कारण लोग यहाँ पर काम की तुलाश में आए। 1898 में जब प्लेग एक महामारी के रूप में फैला तब भी लोग इससे बचने के लिए बंबई आ गए। अंतत: उपरोक्त कारणों से बंबई की आबादी बढ़ गई।

चर्चा करें।

प्रश्न 1. लोगों को मनोरंजन के अवसर उपलब्ध कराने के लिए इंग्लैंड में 19वीं सदी में मनोरंजन के कौन-कौन से साधन सामने आए?
उत्तर 19वीं सदी में इंग्लैंड में मनोरंजन के निम्नलिखित साधन सामने आए

  1. लंदन के अमीर वर्ग के लोगों के लिए एक वार्षिक उत्सव होता था जिसे ‘लंदन सीजन’ कहा जाता था। इसमें ऑपेरा, रंगमंच और शास्त्रीय संगीत आदि कई प्रकार के सांस्कृतिक आयोजन किए जाते थे।
  2. मेहनतकश अपना खाली समय पब या शराबघरों में बिताते थे। इस मौके पर वे खबरों का आदान-प्रदान भी करते थे और कभी-कभी राजनीतिक कर्रवाइयों के लिए गोलबंदी भी करते थे।
  3. 19वीं सदी में लोगों को इतिहास की जानकारी देने के लिए बहुत सारे पुस्तकालय, कला दीर्घाएँ और संग्रहालय खोले गये जिसमें काफी संख्या में दर्शक आते थे।
  4. निचले वर्ग के लोगों में मनोरंजन के साधन के रूप में संगीत सभा काफी लोकप्रिय थी।
  5. 20वीं सदी के प्रारंभ तक विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों के लिए सिनेमा मनोरंजन का जबरदस्त साधन बन गया।
  6. औद्योगिक मजदूर छुट्टी के दिनों में समुद्र के किनारे जाकर धूप और स्वच्छ हवा का आनंद उठाने लगे।

प्रश्न 2. लंदन में आए उन सामाजिक परिवर्तनों की व्याख्या करें जिनके कारण भूमिगत रेलवे की जरूरत पैदा हुई। भूमिगत रेलवे के निर्माण की आलोचना क्यों हुई?
उत्तर भूमिगत रेलवे की आवश्यकता

  1. इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति के बाद लोग बड़ी संख्या में शहरों की तरफ रूख करने लगे। हालाँकि लंदन में विशाल | कारखाने नहीं थे फिर भी प्रवासी आबादी लंदन की तरफ आने लगी।
  2. लंदन की गोदी के अलावा मुख्य रूप से पाँच तरह के बड़े उद्योगों में बहुत सारे लोग काम पर लगे हुए थे-परिधान और जूता उद्योग, लकड़ी के फर्नीचर उद्योग, धातु एवं इंजीनियरिंग उद्योग, छपाई और स्टेशनरी उद्योग तथा शल्य चिकित्सा उपकरण उद्योग आदि।
  3. लंदन में आबादी बढ़ने के साथ-साथ अपराध भी बढ़ने लगे। 1870 के दशक में लंदन में आवास, भोजन तथा साफ सफाई की समस्याएँ बढ़ने लगी।
  4. लोगों के लिए अच्छे आवास की व्यवस्था करना जरूरी हो गया था। विश्व युद्धों के दौरान मजदूर वर्ग के लिए आवास का इंतजाम करने की जिम्मेदारी ब्रिटिश राज्य ने अपने ऊपर ले ली और स्थानीय शासन के जरिए 10 लाख मकान बनाए गए। शहर के आसपास उपशहरी बस्तियाँ अस्तित्व में आ चुकी थीं।
  5. लोगों को उपनगरीय बस्तियों से शहर तक लाने के लिए परिवहन की कोई सुविधा नहीं थी।
  6. लोगों को उपशहरी बस्तियों में रहने के लिए तभी तैयार किया जा सकता था जबकि सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था बनाई जाती।
  7. इसी बात को ध्यान में रखकर लंदन में भूमिगत रेलवे का निर्माण किया गया। लंदन की भूमिगत रेलवे ने आवास की समस्या को काफी हद तक हल कर दिया था। लोग इसके जरिए शहर के भीतर-बाहर आ-जा सकते थे।

भूमिगत रेलवे की आलोचना के कारण – दुनिया की सबसे पहली भूमिगत रेल के पहले खंड का उद्घाटन 10 जनवरी 1863 को किया गया। पहले दिन 10,000 यात्रियों ने इसमें यात्रा की। 1880 तक भूमिगत रेल नेटवर्क का विस्तार हो चुका था। प्रारंभ में भूमिगत यात्रा की कल्पना से लोग डर जाते थे। इस भूमिगत रेल की निम्नलिखित आधारों पर आलोचना की जाने लगी

  1. रेल के डिब्बे मुसाफिरों से भरे रहते थे। डिब्बे का माहौल सल्फर, कोयले की धूल और ऊपर लगे गैस के लैंप से निकलती गंध से भरा हुआ था।
  2. लोग अपने गंतव्य स्थल पर पहुँचने तक श्वासावरोधन और गर्मी के कारण बेहाल हो जाते थे। लोगों का कहना था कि इन रेलगाड़ियों को फौरन बंद कर देना चाहिए क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए खतरा है।
  3. बहुत सारे लोगों का मानना था कि इन “लौह दैत्यों’ ने शहर में अफरा-तफरी और अस्वास्थ्यकर माहौल बढ़ा दिया है।
  4. भूमिगत रेलवे के निर्माण की प्रक्रिया में होने वाले बेहिसाब विनाश के कारण भी लोगों ने इसका विरोध किया। एक नागरिक का कहना था कि मकान गिरा दिए गए, सड़कों को तोड़कर बंद कर दिया गया, जमीन में गहरे गड्ढे और खाइयाँ खोद दी गईं और चारों तरफ बेहिसाब मिट्टी और धूल के अंबार लगा दिए गए।

इस प्रकार लंदन में बनी भूमिगत रेलवे के कारण लंदन के गरीबों को काफी बड़ी संख्या में उजाड़ा गया। इन सारी आलोचनाओं के बावजूद इस भूमिगत रेलवे को जबरदस्त कामयाबी हासिल हुई।

प्रश्न 3. पेरिस के हॉसमानीकरण से क्या अभिप्राय है? इस तरह के विकास को आप किस हद तक सही या गलत मानते हैं? इस बात का समर्थन या विरोध करते हुए अखबार के संपादक को पत्र लिखिए और उसमें अपने दृष्टिकोण के पक्ष में कारण दीजिए?
उत्तर पेरिस का हाँसमानीकरण –

  • 1852 में लुई नेपोलियन तृतीय को फ्रांस का सम्राट घोषित किया गया।
  • सम्राट बनते ही उसने पेरिस के पुनर्निर्माण का कार्य प्रारंभ किया। इसके लिए उसने बैरान हॉसमान नामक वास्तुकार
    को चुना जिसने 17 वर्षों (1852-59) में यह कार्य पूर्ण किया। इसके लिए उसने पेरिस के मध्य से गरीबों की बस्तियों को साफ किया ताकि कोई विद्रोह ना हो। शहर में सीधी और चौड़ी सड़कें बनाई गईं, खुले मैदान बनाए गए और बड़ेबड़े पेड़ लगवाए गए तथा सुरक्षा के लिए पुलिस का प्रबंध किया गया, पानी का प्रबंध किया गया और बस अड्डे बनाए गए। इस कायाकल्प को पेरिस का हॉसमानीकरण कहा जाता है। इस कार्य में लाखों लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ।

पक्ष में तर्क

  1. इससे पेरिस का पुनर्निर्माण हुआ।
  2. सड़कों को चौड़ा किया गया और उसके दोनों किनारों पर छायादार वृक्ष लगवाए गए।
  3. खुले मैदान बनाए गए।
  4. सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया और रात में गश्त प्रारंभ की गई।
  5. हजारों लोगों को रोजगार मिला।
  6. शहर में पानी की व्यवस्था की गई।
  7. बस अड्डे बनाए गए यानि आवागमन की व्यवस्था को भी सुधारा गया।

विपक्ष में तर्क

  1. इसके लिए लगभग 3,50,000 लोगों के घरों को उजाड़ा गया।
  2. गरीबों की बस्तियों को उजाड़ा गया।
  3. प्राचीन जीवन पद्धति जिसमें मेल-मिलाप और अपनापन था वह खत्म हो गया। उसकी जगह उच्चवर्गीय संस्कृति की स्थापना हुई।
  4. इससे वृद्ध और परंपरागत विचारधारा वाले लोगों को बहुत दुख हुआ। उनकी भावनाओं को ठेस पहुँची।

अखबार के संपादक को पत्र

संपादक जी,
हिन्दुस्तान टाइम्स,
दिल्ली-110001
विषय – हॉसमानीकरण के पक्ष में विचार!

आपका अखबार फ्रांस के ज्यादातर लोगों द्वारा पढ़ा जाता है। अतः मैं आपके अखबार के माध्यम से पेरिस हॉसमानीकरण के पक्ष में अपने विचार व्यक्त करना चाहता हूँ। यद्यपि इसके विरोध में कई जगहों पर प्रदर्शन आदि हो रहे हैं पर हमें इसके अच्छे पक्ष को भी देखना चाहिए जो इस नवीन रचना का उद्देश्य है।

इससे पेरिस का पुनर्निर्माण हुआ है, शहर की गंदगी साफ हुई है, सुरक्षा, यातायात, पानी आदि की व्यवस्थाओं में सुधार हुआ है। पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सड़कों के दोनों तरफ छायादार वृक्ष लगाए गए हैं। तथा बाग बनाए गए हैं। सड़कों को सीधा और चौड़ा किया जा रहा है। इससे पेरिस एक नवीन रूप लेकर सामने आ रहा है जो आने वाले समय में सबके आकर्षण का केन्द्र बनेगा । अतः मैं हॉसमानीकरण का समर्थन करता हूँ और चाहता हूँ। कि आप मेरे पत्र को अपने अखबार में छापकर अन्य लोगों को भी इस परिवर्तन के पक्ष में सोच-विचार करने का मौका दें।
भवदीय
क ख ग

प्रश्न 4. सरकारी नियमन और नये कानूनों ने प्रदूषण की समस्या को किस हद तक हल किया? निम्नलिखित के स्तर में | परिवर्तन के लिए बने कानूनों की सफलता और विफलता का एक-एक उदाहरण दीजिए

(क) सार्वजनिक जीवन
(ख) निजी जीवन

उत्तर औद्योगीकरण के कारण लंदन की बढ़ती आबादी ने सफाई और स्वास्थ्य संबंधी अनेक समस्याएँ पैदा कर दीं। गरीबों के एक कमरे वाले मकानों में जनता के स्वास्थ्य के लिए खतरा उत्पन्न हो रहा था। इन मकानों में भीड़ रहती थी, हवा निकासी का इंतजाम नहीं था। लंदन को साफ-सुथरा बनाने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए गए। भीड़ भरी बस्तियों की भीड़ कम करने, खुले स्थानों को हरा-भरा बनाने, आबादी कम करने और शहर को योजनानुसार बसाने के लिए कोशिशें शुरू कर दी गई।
(क) सार्वजनिक जीवन में सुधार लाने के लिए उठाए गए कदम

  1. मकानों की भारी किल्लत के असर को काबू करने के लिए प्रथम विश्व युद्ध के दौरान किराया नियंत्रण कानून लागू किया गया।
  2. वास्तुकार और योजनाकार एवेनेजर हावर्ड ने गार्डन सिटी की अवधारणा दी। उन्होंने एक ऐसे शहर का खाका खींचा जहाँ पेड़-पौधों की भरमार हो और जहाँ लोग रहते भी हों, काम भी करते हों।
  3. हावर्ड के विचारों के आधार पर रेमंड अनविन और बैरी पार्कर ने न्यू अर्जविक नाम से एक गार्डन सिटी का डिजाइन तैयार किया। इसमें साझा बाग-बगीचे, खूबसूरत नजारों का इंतजाम किया गया था। हर चीज को बड़ी बारीकी से सजाया गया था।
  4. लंदन के इर्द-गिर्द हरित पट्टी विकसित की गई।

(ख) निजी जीवन में सुधार के कदम –

  1. बर्लिन और न्यूयार्क जैसे शहरों की तर्ज पर अपार्टमेंट्स के विशाल ब्लॉक बनाए गए।
  2. विश्व युद्धों के दौरान मजदूर वर्ग के लिए आवास का इंतजाम करने की जिम्मेदारी ब्रिटिश राज्य ने अपने ऊपर ले ली और स्थानीय शासन के जरिये 10 लाख मकान बनाए गए।

इस प्रकार प्रदूषण कम करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए किंतु उनका फायदा केवल समाज के अमीर वर्ग को ही मिला। गार्डन सिटी में बने मकानों को केवल खाते-पीते कामगार ही खरीद सकते थे। लंदन व पेरिस के अमीर देहात में अवकाश गृह बनवाने का खर्चा उठा सकते थे किंतु यह विकल्प सबके पास नहीं था।

परियोजना कार्य प्रश्न

प्रश्न 3. इस अध्याय में जिन बंबइया फ़िल्मों का उल्लेख किया गया है उनमें से कोई एक फ़िल्म देखिए। अब इस अध्याय में उल्लिखित एक फ़िल्म और बंबई पर आधारित किसी हालिया फ़िल्म में शहर को किस तरह दिखया गया है, इसकी तुलना कीजिए।
उत्तर इस अध्याय में बंबई शहर की वास्तविकता पर आधारित दो फिल्मों सी.आई.डी. और गेस्ट हाउस का उल्लेख किया गया है। यदि हम 1956 में बनीं सी.आई.डी. की तुलना 2007 में बनी ट्रैफिक सिग्नल से करें तो इनमें ये अंतर स्पष्ट नज़र आयेंगे

NCERT Solutions for Class 10 Social Science History Chapter 6 (Hindi Medium) 1

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NCERT Solutions for Class 10 Maths Chapter 13 Surface Areas and Volumes (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 10 Maths Chapter 13 Surface Areas and Volumes (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 10 Maths Chapter 13 Surface Areas and Volumes (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 10 Maths in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Maths Chapter 13 Surface Areas and Volumes.

Chapter 13. पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन

प्रश्नावली 13.1

जब तक अन्यथा न कहा जाए,  π = 22/7 लीजिए |

Ex 13.1 Class 10 गणित Q1.दो घनों, जिनमे से प्रत्येक का आयतन 64 cm3 है, के सलंग्न फलकों को मिलाकर एक ठोस बनाया जाता है | इससे प्राप्त घनाभ का पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए |

हल: 

एक घन का आयतन = 64 cm3

एक किनारा = (64)1/3

=  4 cm

NCERT Solutions For Class 10 Maths Surface Areas and Volumes 13.1 1
दो घनों के फलकों को मिलाने पर

l = 4 + 4 = 8 cm

b = 4 cm

h = 4 cm

इसप्रकार इस घनाभ का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2(lb + bh + lh)

= 2(8×4 + 4×4 + 8×4)

​= 2(32 + 16 + 32)

= 2×80

= 160 cm2

अत: इस घनाभ का प्राप्त पृष्ठीय क्षेत्रफल 160 cm2 है |

Ex 13.1 Class 10 गणित Q2. कोई बर्तन एक खोखले अर्धगोले के आकार का है जिसके ऊपर एक खोखला बेलन अध्यारोपित है | अर्धगोले का व्यास 14 cm है और इस बर्तन (पात्र) की कुल ऊँचाई 13 cm है | इस बर्तन का आंतरिक पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए |

हल :

NCERT Solutions For Class 10 Maths Surface Areas and Volumes PDF 13.1 2

Ex 13.1 Class 10 गणित Q3. एक खिलौना त्रिज्या 3.5 cm वाले एक शंकु के आकार का है, जो उसी त्रिज्या वाले एक अर्ध गोले पर अध्यारोपित है | इस खिलौने की संपूर्ण ऊँचाई 15.5 cm है | इस खिलोने का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए |

NCERT Maths Solutions For Class 10 Surface Areas and Volumes 13.1 3

हल:

अर्धगोलाकार भाग की त्रिज्या r = 3.5 cm

शंक्वाकार भाग की त्रिज्या r = 3.5 cm

शंक्वाकार भाग की ऊँचाई h = 15.5 – 3.5 = 12 cm

Maths NCERT Solutions For Class 10 Surface Areas and Volumes 13.1 4

Ex 13.1 Class 10 गणित Q4. भुजा 7 cm वाले एक घनाकार ब्लाक के ऊपर एक अर्धगोला रखा हुआ है | अर्धगोले का अधिकतम व्यास क्या हो सकता है ? इस प्रकार बने ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए |

NCERT Solutions For Maths Class 10 Surface Areas and Volumes 13.1 5

हल :

घनाकार ब्लॉक का एक किनारा = 7 cm

अर्धगोले का अधिकतम व्यास d = 7 cm

NCERT Solutions for Class 10 Maths Chapter 13 Surface Areas and Volumes (Hindi Medium) 13.1 6

ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल = घनाकार ब्लॉक का क्षेत्रफल + अर्धगोले का क्षेत्रफल – अर्धगोले से ढके एक वृत्त का क्षेत्रफल

⇒ ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 6a2 + 2πr2 – πr2

= 6a2 + πr2   [ a = घन का एक किनारा ]

Solutions For NCERT Maths Class 10 Hindi Medium Surface Areas and Volumes 13.1 7

Ex 13.1 Class 10 गणित Q5 एक घनाकार ब्लाक के एक फलक को अन्दर की ओर से काट कर एक अर्धगोलाकार गड्ढा इस प्रकार बनाया गया है की अर्धगोले का व्यास घन के एक किनारे के बराबर है | शेष बचे ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए |

हल : 

NCERT Solutions of Maths For Class 10 Hindi Medium Surface Areas and Volumes 13.1 8
Maths Solutions For Class 10 NCERT Hindi Medium Surface Areas and Volumes 13.1 9

( चूँकि घन का किनारा अर्धगोले के ब्यास के बराबर है )

शेष बचे ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल = घनाकार ब्लॉक का क्षेत्रफल + अर्धगोले का क्षेत्रफल – अर्धगोले से ढके एक वृत्त का क्षेत्रफल

= 6a2 + 2πr2 – πr2 [ a = घन का एक किनारा ]

= 6a2 + πr2

NCERT Solutions of Maths For Class 10 Hindi Medium Surface Areas and Volumes

Ex 13.1 Class 10 गणित Q6. दवा का एक कैप्सूल (capsule) एक बेलन के आकार का है जिसके दोनों सिरों पर एक – एक अर्धगोला लगा हुआ है (देखिए आकृति 13.10) | पुरे कैप्सूल की लंबाई 14 mm है और उसका व्यास 5 mm है इसका पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए |  

हल : 

Maths Solutions For Class 10 NCERT Hindi Medium Surface Areas and Volumes 13.1 11

यहाँ बेलन का ब्यास, अर्धगोले के ब्यास के बराबर है |

अत: अर्धगोले का ब्यास D = 5 mm

Solutions For Maths NCERT Class 10 Hindi Medium Surface Areas and Volumes 13.1 12

कैप्सूल का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2 (अर्धगोलों का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल) + बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल

= 2 × 2πr2 + 2πrh

= 2πr(2r + h)

NCERT Books Solutions For Class 10 Maths Hindi Medium Surface Areas and Volumes 13.1 13

Ex 13.1 Class 10 गणित Q7. कोई तंबू एक बेलन के आकार का है जिस पर एक शंकु  आध्यारोपित है | यदि बेलनाकार भाग की ऊँचाई और क्रमशः 2.1 m और 4 m है तथा शंकु की तिर्यक ऊँचाई 2.8 m है तो इस तंबू को बनाने में प्रयुक्त कैनवस (canvas) का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए | साथ ही, 500 रू प्रति m2 की दर से इसमें प्रयुक्त कैनवस की लागत ज्ञात कीजिए | (ध्यान दीजिए कि तंबू के आधार को कैनवस से नहीं ढका जाता है |)

NCERT Solutions For Class 10 Maths Surface Areas and Volumes PDF 13.1 14

हल :

तम्बू के बेलनाकार भाग का ब्यास = 4 cm

अत: त्रिज्या r = 2 cm

बेलनाकार भाग की ऊँचाई h = 2.1 cm

शंकु की तिर्यक ऊँचाई l = 2.8 cm

ब्यास = 4 cm

और त्रिज्या r = 2 cm

इस तंबू को बनाने में प्रयुक्त कैनवस (canvas) का क्षेत्रफल

= बेलनाकार भाग का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + शंक्वाकार भाग का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल

= 2πrh + πrl

NCERT Solutions For Class 10 Maths Surface Areas and Volumes PDF 13.1 15

Ex 13.1 Class 10 गणित Q8. ऊँचाई 2.4 cm और व्यास 1.4 cm वाले एक ठोस बेलन में से ऊँचाई और इसी व्यास वाला एक शंक्वाकार खोल (cavity) काट लिया जाता है |शेष बचे ठोस का निकटतम वर्ग सेंटीमीटर तक पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए |

हल :

NCERT Maths Solutions For Class 10 Surface Areas and Volumes 13.1 16

बेलन की ऊँचाई h = 2.4 cm

बेलन का ब्यास = 1.4 cm

अत: बेलन की त्रिज्या r = 0.7 cm

काटे गए शंकु की ऊँचाई h = 2.4 cm

और त्रिज्या r = 0.7 cm

CBSE NCERT Solutions For Class 10 Maths Hindi Medium Areas Related to Circles 13.1 17

शेष बचे ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल = बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + बेलन के पेंदी का क्षेत्रफल

= 2πrh + πrl + πr2

= πr(2h + l + r)

NCERT Solutions For Class 10 Maths Surface Areas and Volumes PDF 13.1 18

Ex 13.1 Class 10 गणित Q9. लकड़ी के ठोस बेलन के प्रत्येक सिरे पर एक अर्धगोला खोदकर निकालते हुए, एक वस्तु बनाई गई है, जैसाकि आकृति 13.11 में दर्शाया गया है | यदि बेलन की ऊँचाई 10 cm है और आधार की त्रिज्या 3.5 cm है तो इस वस्तु का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए |

NCERT Solutions For Class 10 Maths Surface Areas and Volumes PDF 13.1 19

हल : 

बेलन की ऊँचाई = 10 cm

आधार की त्रिज्या = 3.5 cm

अर्धगोले की त्रिज्या = 3.5 cm

वस्तु का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल

= बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + उपरी अर्धगोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + निचली अर्धगोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल

= 2πrh + 2πr2 + 2πr2

= 2πr(h + r + r )

= 2πr(h + 2r )

NCERT Solutions For Class 10 Maths PDF Free Hindi Medium Surface Areas and Volumes 13.1 20
अत: वस्तु का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल 374 cm2 है |

प्रश्नावली 13.2

(जब तक अन्यथा न कहा जाए, π = 22/7 लीजिए |)

Ex 13.2 Class 10 गणित Q1. एक ठोस एक अर्धगोले पर खड़े एक शंकु के आकार का है जिनकी त्रिज्याएँ 1 cm हैं तथा शंकु की ऊँचाई उसकी त्रिज्या के बराबर है | इस ठोस का आयतन π के पदों में ज्ञात कीजिए |

हल :

NCERT Books For Class 10 Maths Solutions Hindi Medium Surface Areas and Volumes 13.1 21

Ex 13.2 Class 10 गणित Q2. एक इंजीनियरिंग के विधार्थी रचेल से एक पतली एल्युमिनियम की शीट का प्रयोग करते हुए एक मॉडल बनाने को कहा गया जो एक ऐसे बेलन के आकार का हो जिसके दोनों सिरों पर दो शंकु जुड़े हुए हों | इसा मॉडल का व्यास 3 cm है और इसकी लंबाई 12 cm है | यदि प्रत्येक शंकु की ऊँचाई 2 cm हो तो रचेल द्वारा बनाए गए मॉडल में अंतर्विष्ट हवा का आयतन ज्ञात कीजिए|

(यह मान लीजिए कि मॉडल की आंतरिक और बाहरी विमाएँ लगभग बराबर है |)

NCERT Maths Textbook Solutions For Class 10 Hindi Medium Surface Areas and Volumes 13.1 22

Ex 13.2 Class 10 गणित Q3. एक गुलाबजामुन में उसके आयतन की लगभग 30% चीनी की चाशनी होती है | 45 गुलाबजामुन एक बेलन के आकार का है, जिसके दोनों सिरे अर्धगोलाकार हैं तथा इसकी लंबाई 5  cm और व्यास 2.8 cm है ( देखिए आकृति 13.15) |

NCERT Books For Class 10 Maths Solutions Hindi Medium Surface Areas and Volumes 13.1 23

सभी 45 गुलाब जामुनों का आयतन = 45(अर्धगोले का आयतन + बेलन का आयतन + अर्धगोले का आयतन)

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Ex 13.2 Class 10 गणित Q4. एक कमलदान घनाभ के आकार की एक लकड़ी से बना हा जिसमें कलम रखने के लिए चार शंक्वाकार गड्ढे बने हुए हैं | घनाभ की विमाएँ 15 cm x 10 cm x 3.5 cm हैं | प्रत्येक गड्ढे की त्रिज्या 0.5 cm है और गहराई 1.4 cm है | पुरे कमलदान में लकड़ी का आयतन ज्ञात कीजिए (देखिए आकृति 13.16) |

हल :

CBSE NCERT Maths Solutions For Class 10 Hindi Medium Surface Areas and Volumes 13.1 26

धनाभ की लंबाई l = 15 cm

घनाभ की चौड़ाई b = 10 cm

घनाभ की ऊँचाई h = 3.5 cm

शंक्वाकार भाग की त्रिज्या (r) = 0.5 cm

ऊँचाई (h) = 1.4 cm

पूरे कमलदान की लकड़ी का आयतन = घनाभ का आयतन – चरों शंक्वाकार गढ्ढे का आयतन

NCERT Solutions of Maths For Class 10 Hindi Medium Surface Areas and Volumes 13.1 27

Ex 13.2 Class 10 गणित Q5. एक बर्तन एक उल्टे शंकु के आकार का है | इसकी ऊँचाई 8 cm है और इसके ऊपरी सिरे (जो खुला हुआ है ) की त्रिज्या 5 cm त्रिज्या है | यह ऊपर तक पानी से भरा हुआ है | जब इस बर्तन में सीसे की कुछ गोलियाँ जिनमे प्रत्येक 0.5 cm त्रिज्या वाला एक गोला है, डाली जाती हैं, तो इसमें से भरे हुए पानी का एक चौथाई भाग बाहर निकल जाता है | बर्तन में डाली गई सीसे की गोलियों की संख्या ज्ञात कीजिए |

हल :

Maths Solutions For Class 10 NCERT Hindi Medium Surface Areas and Volumes 13.1 28

शंकु की ऊँचाई (h) = 8 cm

शंकु की त्रिज्या (R) = 5 cm

गोली की त्रिज्या (r) = 0.5 cm

माना बर्तन में डाली गई गोलियों की संख्या = n

Maths NCERT Solutions For Class 10 Surface Areas and Volumes 13.1 29

अत: गोलियों की संख्या 100 है |

Ex 13.2 Class 10 गणित Q6. ऊँचाई 220 cm और आधार व्यास 24 cm वाले एक बेलन, जिस पर ऊँचाई 60 cm और त्रिज्या 8 cm वाला एक अन्य बेलन आरोपित है, से लोहे का स्तंभ बना है | इस स्तंभ का द्रव्यमान ज्ञात कीजिए, जबकि दिया है 1 cmलोहे का द्रव्यमान लगभग 8 g होता है | (π = 3.14 लीजिए |)

हल :

NCERT Solutions For Maths Class 10 Surface Areas and Volumes 13.1 30

मोटे बेलन की ऊँचाई (H) = 220 cm

व्यास (d) = 24 cm

अत: त्रिज्या (R) = 12 cm

पतले बेलन की ऊँचाई (h) = 60 cm

त्रिज्या (r) = 8 cm

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Ex 13.2 Class 10 गणित Q7. एक ठोस में, ऊँचाई 120 cm और त्रिज्या 60 cm वाला एक शंकु सम्मिलित है, जो 60 cm त्रिज्या वाले एक अर्धगोले पर आरोपित है | इस ठोस को पानी से भरे हुए एक लंब वृत्तीय बेलन में इस प्रकार सीधा डाल दिया जाता है कि यह बेलन की तली को स्पर्श करे | यदि बेलन की त्रिज्या 60 cm है और ऊँचाई 180 cm है तो बेलन में शेष बचे पानी का आयतन ज्ञात कीजिए |

हल : 

NCERT Solutions For Maths Class 10 Surface Areas and Volumes 13.1 32

ठोस के शंकु की ऊँचाई (h) = 120 cm

ठोस के शंकु की त्रिज्या (r) = 60 cm

ठोस के अर्धगोले की त्रिज्या (r) = 60 cm

बड़े बेलन की ऊँचाई (H) = 180 cm

बड़े बेलन की की त्रिज्या (r) = 60 cm

शेष बचे पानी का आयतन = बड़े बेलन का आयतन – ठोस का आयतन

Maths NCERT Solutions For Class 10 Surface Areas and Volumes 13.1 33

Ex 13.2 Class 10 गणित Q8. एक गोलाकार काँच के बर्तन की एक बेलन के आकार की गर्दन है जिसकी लंबाई 8 cm है और व्यास 2 cm है जबकि गोलाकार भाग का व्यास 8.5 cm है | इसमें भरे जा सकने वाली पानी की मात्रा माप कर, एक बच्चे ने यह ज्ञात किया कि इस बर्तन का आयतन 345 cm3 है | जाँच कीजिए कि बच्चे का उत्तर सही है या नहीं, यह मानते हुए की उपरोक्त मापन आंतरिक मापन है और π = 3.14 |  

हल :

NCERT Maths Solutions For Class 10 Surface Areas and Volumes 13.1 34
NCERT Solutions For Class 10 Maths Surface Areas and Volumes PDF 13.1 35

इसमें भरे जा सकने वाले पानी का आयतन = गोले का आयतन + बेलन का आयतन

NCERT Maths Solutions For Class 10 Surface Areas and Volumes 13.1 36

प्रश्नावली 13.3

(जब तक अन्यथा न कहा जाए,π = 22/7 लीजिए |)

Ex 13.3 Class 10 गणित Q1. त्रिज्या 4.2 cm वाले धातु के एक गोले को पिघलाकर त्रिज्या 6 cm वाले एक बेलन के रूप में ढाला जाता है | बेलन की ऊँचाई ज्ञात कीजिए |

हल : 

NCERT Solutions For Class 10 Maths Surface Areas and Volumes PDF 13.1 37

धातु के गोले की त्रिज्या (r) = 4.2 cm

बेलन की त्रिज्या (R) = 6 cm और

माना बेलन की ऊँचाई h cm है |

बेलन का आयतन = गोले का आयतन

NCERT Solutions For Class 10 Maths Surface Areas and Volumes 13.1 38

Ex 13.3 Class 10 गणित Q2. क्रमशः 6 cm, 8 cm और 10 cm त्रिज्याओं वाले धातु के ठोस गोलों को पिघलाकर एक बड़ा ठोस गोला बनाया जाता है | इस गोले की त्रिज्या ज्ञात कीजिए |

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Ex 13.3 Class 10 गणित Q3. व्यास 7 m वाला 20 m गहरा एक कुआँ खोदा जाता है और खोदने से निकली हुई मिट्टी को समान रूप से फैलाकर 22 m x 14 m वाला एक चबूतरा बनाया गया है | इस चबूतरे की ऊँचाई ज्ञात कीजिए |

NCERT Maths Solutions For Class 10 Surface Areas and Volumes 40

Maths NCERT Solutions For Class 10 Surface Areas and Volumes 13.1 41

Ex 13.3 Class 10 गणित Q4. व्यास 3 m वाला 14 m गहरा की गहराई तक खोदा जाता है | इससे निकली हुई मिट्टी को कुँए के चारों ओर 4 m चौड़ी एक वृत्ताकार वलय (ring) बनाते हुए, समान रूप से फैलाकर एक प्रकार का बाँध बनाया जाता है | इस बाँध की ऊँचाई ज्ञात कीजिए |

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Solutions For NCERT Maths Class 10 Hindi Medium Surface Areas and Volumes 13.1 43

Ex 13.3 Class 10 गणित Q5. व्यास 12 cm और ऊँचाई 15 cm वाले एक लंब वृत्तीय बेलन के आकार का बर्तन आइसक्रीम से पूरा भरा हुआ है | इस आइसक्रीम को ऊँचाई 12 cm और व्यास 6 cm वाले शकुओं में भरा जाना है, जिनका ऊपरी सिरा अर्धगोलाकार होगा | उन शंकुओं की संख्या ज्ञात कीजिए जो इस आइसक्रीम से भरे जा सकते हैं |

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Ex 13.3 Class 10 गणित Q6. विमाओं 5.5 cm x 10 cm x 3.5 cm वाला एक घनाभ बनाने के लिए, 1.75 cm व्यास और 2 mm मोटाई वाले कितने चाँदी के सिक्कों को पिघलाना पड़ेगा ?

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Ex 13.3 Class 10 गणित Q7. 32 cm ऊँची और आधार त्रिज्या 18 cm वाली एक बेलनाकार बाल्टी रेत से भरी हुई है | इस बाल्टी को भूमि पर खाली किया जाता है और इस रेते की एक शंक्वाकार ढेरी बनाई जाती है | यदि शंक्वाकार ढेरी की ऊँचाई 24 cm है, तो इस ढेरी की त्रिज्या और तिर्यक ऊँचाई ज्ञात कीजिए |

NCERT Maths Book Solutions For Class 10 Hindi Medium Surface Areas and Volumes 13.1 48

अत: ढेरी की त्रिज्या = 36 cm  और  तिर्यक ऊँचाई = 12√13 cm है |

Ex 13.3 Class 10 गणित Q8. 6 m चौड़ी और 1.5 m गहरी एक नहर में पानी 10 km /h की चाल से बह रहा है | 30 मिनट में, यह नहर कितने क्षेत्रफल की सिंचाई कर पाएगी, जबकि सिंचाई के ल;इए 8 cm गहरे पानी की आवश्यकता होती है |

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Ex 13.3 Class 10 गणित Q9. एक किसान अपने खेत में बनी 10 m व्यास वाली और 2 m गहरी एक बेलनाकार टंकी को आंतरिक व्यास 20 cm वाले एक पाइप द्वारा एक नहर से जोड़ता है | यदि पाइप में पानी 3 km/h की चाल से बह रहा है, तो कितने समय बाद टंकी पूरी भर जाएगी ?  

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प्रश्नावली 13.4

(जब तक अन्यथा न कहा जाए,π = 22/7 लीजिए |)

Ex 13.4 Class 10 गणित Q1. पानी पीने वाला एक गिलास 14 cm ऊँचाई वाले एक शंकु के छिन्नक के आकार का है | दोनों वृत्ताकार सिरों के व्यास 4 cm और 2 cm हैं | इस गिलास की धारिता ज्ञात कीजिए |

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Ex 13.4 Class 10 गणित Q2. एक शंकु के छिन्नक की तिर्यक ऊँचाई 4 cm है तथा इसके वृत्तीय सिरों के परिमाप (परिधियाँ) 18 cm और 6 cm हैं | इस छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए |

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Ex 13.4 Class 10 गणित Q3. एक तुर्की टोपी शंकु के एक छिन्नक के आकर की है (देखिये आकृति 13.24) | यदि इसके खुले सिरे की त्रिज्या 10 cm है, ऊपरी सिरे की त्रिज्या 4 cm है टोपी की तिर्यक ऊँचाई 15 cm है तो इसके बनाने में प्रयुक्त पदार्थ का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए |

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Ex 13.4 Class 10 गणित Q4. धातु की चादर से बना और ऊपर से खुला एक बर्तन शंकु के छिन्नक के आकार का है, जिसकी ऊँचाई 16 cm है तथा निचले और ऊपरी सिरों की त्रिज्याएँ क्रमशः 8 cm और 20 cm हैं | 20 रू प्रति लीटर की दर से, इस बर्तन को पूरा भर सकने वाले दूध का मूल्य ज्ञात कीजिए | साथ ही, इस बर्तन को बनाने के लिए प्रयुक्त धातु की चादर का मूल्य 8 रू प्रति 100 cmकी दर से ज्ञात कीजिए | ( π = 3.14 लीजिए |) 

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Ex 13.4 Class 10 गणित Q5. 20 cm ऊँचाई और शीर्ष कोण (vertical angle ) 60 एक शंकु को उसकी ऊँचाई के बीचोंबीच से होकर जाते हुए एक ताल से दो भागों में काटा गया है, जबकि ताल शंकु के आधार के समांतर है | यदि इस प्राप्त शंकु के छिन्नक को व्यास 1/16 cm वाले एक तार के रूप में बदल दिया जाता है तो की लंबाई ज्ञात कीजिए | 

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प्रश्नावली 13.5

Ex 13.5 Class 10 गणित Q1. व्यास 3 mm वाले ताँबे के तार को 12 cm लंबे और 10 cm व्यास वाले एक बेलन पर इस प्रकार लपेटा जाता है वह बेलन के वक्र पृष्ठ को पूर्णतया ढक लेता है | तार की लंबाई और द्रव्यमान ज्ञात कीजिए, यह मानते हुए कि ताँबे का घनत्व 8.88 g प्रति cmहै |

Ex 13.5 Class 10 गणित Q2. एक समकोण त्रिभुज, जिसकी भुजाएँ 3 cm और 4 cm हैं (कर्ण के अतिरिक्त ), को उसके कर्ण के परितः घुमाया जाता है | इस प्रकार प्राप्त द्वी -शंकु (double cone) के आयतन और पृष्ठीय  क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए |

Ex 13.5 Class 10 गणित Q3. एक टंकी, जिसके आंतरिक मापन 150 cm x 120 cm x 110 cm हैं, में 129600 cmपानी में कुछ छिद्र वाली ईंटे तब तक डाली जाती हैं, जब तक कि ताकि पूरी ऊपर तक भर न जाए | प्रत्येक ईंट अपने आयतन का   1/17 पानी सोख लेती है | यदि प्रत्येक ईंट की माप 22.5 cm x 7.5 cm x 6.5 cm हैं, तो टंकी में कुल कितनी ईंटे डाली जा सकती हैं, ताकि उसमें से पानी बाहर न बहे ?

Ex 13.5 Class 10 गणित Q4. किसी महीने के 15 दिनों में, एक नदी की घाटी में 10 cm वर्षा हुई | यदि इस घाटी का क्षेत्रफल 97280 kmहै, तो दर्शाइए कि कुल वर्षा लगभग तीन नदियों के सामान्य पानी के योग के समतुल्य थी, जबकि प्रत्येक नदी 1072 km लंबी, 75 m चौड़ी और 3 m गहरी है |

Ex 13.5 Class 10 गणित Q5. टीन की बनी हुई एक तेल की कुप्पी 10 cm लंबे एक बेलन में एक शंकु के छिन्नक को जोड़ने से बनी है | यदि इसकी कुल ऊँचाई 22 cm है, बेलनाकार भाग का व्यास 8 cm है और कुप्पी के ऊपरी सिरे का व्यास 18 cm है, तो इसके बनाने में लगी टीन की चादर का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए (देखिए आकृति 13.25) |

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Ex 13.5 Class 10 गणित Q6. शंकु के एक छिन्नक के लिए, पूर्व स्पष्ट किए संकेतों का प्रयोग करते हुए, वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल और संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल के उन सूत्रों को सिद्ध कीजिए, जो अनुच्छेद 13.5 में दिए गए हैं |

Ex 13.5 Class 10 गणित Q7. शंकु के एक छिन्नक के लिए, पूर्व स्पष्ट किए संकेतों का प्रयोग करते  हुए, आयतन का वह सूत्र कीजिए, जो अनुच्छेद 13.5 में दिया गया है |

Hope given NCERT Solutions for Class 10 Maths Chapter 13 are helpful to complete your homework.

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NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 1 Chemical Reactions and Equations (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 1 Chemical Reactions and Equations (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 1 Chemical Reactions and Equations (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 10 Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 1 Chemical Reactions and Equations.

You can refer to MCQ Chemical Reaction and Equation Class 10 MCQ with Answers to revise the concepts in the syllabus effectively and improve your chances of securing high marks in your board exams.

Chapter 1. रासायनिक अभिक्रियाएँ और समीकरण

Chapter Review

  • रसायनिक परिवर्तन को भी रसायनिक अभिक्रिया कहा जाता है |
  • रसायनिक अभिक्रिया के दो भाग होते है , (1)   अभिकारक  (2)   उत्पाद
  • वे पदार्थ जिनमे रसायनिक अभिक्रिया के द्वारा रसायनिक परिवर्तन होता है अभिकारक कहलाते है |
  • अभिक्रिया के दौरान नए बनने वाले पदार्थ उत्पाद कहलाते है |
  • शब्द-समीकरण में अभिकारकों के उत्पाद में परिवर्तन को उनके मध्य एक तीर का निशान लगाकर दर्शाया जाता है |
  • तीर का सिरा उत्पाद की ओर इंगित करता है और अभिक्रिया होने की दिशा को दर्शाता है |
  • अभिकारकों के बीच योग (+) का चिन्ह लगाकर उन्हें बाई ओर (LHS) लिखा जाता है | इसी प्रकार उत्पादों के बीच भी योग (+) चिन्ह लगाकर उन्हें दाई ओर (RHS) लिखा जाता है |
  • शब्दों की जगह रसायनिक सूत्र का उपयोग करके रसायनिक समीकरणों को अधिक संक्षिप्त और उपयोगी बनाया जा सकता है |
  • एक रसायनिक समीकरण एक रसायनिक अभिक्रिया का प्रतिनिधित्व करता है |
  • प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या तीर के दोनों ओर सामान होते है |
  • असंतुलित रसायनिक समीकरण को कंकाली समीकरण कहते है |
  • द्रव्यमान संरक्षण के नियम को संतुष्ट करने के लिए रसायनिक समीकरण को संतुलित किया जाता है |
  • द्रव्यमान संरक्षण के नियम : किसी भी रसायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का ना तो सृजन होता है ना ही विनाश होता है |
  • किसी भी रसायनिक अभिक्रिया के उत्पाद तत्वों का कुल द्रव्यमान अभिकारक तत्वों के कुल द्रव्यमान के बराबर होता है |
  • रसायनिक अभिक्रिया के बाद और रसायनिक अभिक्रिया के पहले प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समान रहती है |
  • कंकाली समीकरण को Hit and trial method or inspecting method के उपयोग से संतुलित किया जा सकता है |
  • संयोजन अभिक्रिया, वियोजन  अभिक्रिया, विस्थापन  अभिक्रिया, द्वि-विस्थापन  अभिक्रिया, उपचयन और अपचयन ये सभी रसायनिक अभिक्रिया के प्रकार है |
  • संक्षारण और विकृत-गंधिता उपचयन  अभिक्रिया के प्रभाव के कारण होते है |
  • एक सम्पूर्ण रसायनिक अभिक्रिया अभिकारक, उत्पाद और उनके भौतिक दशाओं को संकेतोंमें दर्शाता है |
  • संयोजन अभिक्रिया में दो या दो से अधिक पदार्थ मिलकर एक एकल नया उत्पाद बनाते है |
  • जिस अभिक्रिया में ऊर्जा का अवशोषण होता है वह ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहलाती है |
  • अवक्षेपण अभिक्रियायें अघुलनशील लवणों का उत्पादन करती है |
  • द्वि-विस्थापन अभिक्रिया में दो भिन्न अणुओं या अणुओं के समूहों में बीच आयनों (ions) का अदान-प्रदान होता है |
  • अभिक्रिया में पदार्थों से ऑक्सीजन या हाइड्रोजन का योग अथवा ह्रास भी होता है |
  • ऑक्सीजन का योग अथवा हाइड्रोजन का ह्रास आक्सीकरण या उपचयन कहलाता है |
  • ऑक्सीजन का ह्रास अथवा हाइड्रोजन का योग अपचयन कहलाता है |
  • जब कोई तत्व किसी यौगिक से किसी दुसरे तत्व को विस्थापित करता है तो विस्थापन अभिक्रिया होती है |
  •  विस्थापन अभिक्रिया में एक अधिक अभिक्रियाशील तत्व कम अभिक्रियाशील पदार्थ को विस्थापित कर देता है | जैसे आयरन जिंक और कॉपर को विस्थापित कर देता है क्योंकि आयरन  जिंक और कॉपर से अधिक अभिक्रियाशील है |
  • द्वि-विस्थापन अभिक्रिया में आयनों का आदान-प्रदान होता है |
  • हमारे भोजन में ऑक्सीजन के वृद्धि से भोजन का उपचयन तेजी से होता है जिससे वह विकृत-गंधित हो जाता है |
  •  विकृत-गंधित पदार्थों का गंध और स्वाद बदल जाता है |

पाठगत-प्रश्न:

पेज – 6

प्र० 1. वायु में जलाने से पहले मैग्नीशियम रिबन को साफ क्यों किया जाता है ?
उत्तर: वायु में जलाने से पहले मैग्नीशियम रिबन को साफ किया जाता है ताकि वह जलते समय पूरी तरह वायु के संपर्क में रहे |

प्र० 2. निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रियाओं के लिए संतुलित समीकरण लिखिए :

  1. हाइड्रोजन + क्लोरीन → हाइड्रोजन क्लोराइड
  2. बेरियम क्लोराइड + एल्युमीनियम सल्फेट → बेरियम सल्फेट + एल्युमीनियम क्लोराइड
  3. सोडियम + जल → सोडियम हाइड्रोक्साइड  + हाइड्रोजन

प्र० 3. निम्नलिखित अभिक्रियाओं के लिए उनकी अवस्था के संकेतों के साथ संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए :

  1. जल में बेरियम क्लोराइड तथा सोडियम सल्फेट के विलयन अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का विलयन तथा अधुलनशील बेरियम सल्फेट का अवक्षेप बनाते हैं |
  2. सोडियम हाइड्रोक्साइड का विलयन (जल में ) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के विलयन (जल में ) से अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का विलयन तथा जल बनाते हैं |

पेज – 11

प्र० 1. किसी पदार्थ ‘X’ के विलयन का उपयोग सफेदी करने के लिए होता है |

(i)  पदार्थ ‘X’ का नाम तथा इसका सूत्र लिखिए |
(ii) ऊपर (i) में लिखे पदार्थ की जल के साथ अभिक्रिया लिखिए |

प्र०2.  क्रियाकलाप 1.7 में एक परखनली में एकत्रित गैस की मात्रा दूसरी से दोगुनी क्यों है ? उस गैस का नाम बताइए |

अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न1: निचे दी गयी अभिक्रिया के सम्बन्ध में कौन सा कथन असत्य है ?

2PbO(s) + C(s) → 2Pb(s) + CO2(g)   

(a) सीसा अपचयित हो रहा है |
(b) कार्बन डाइऑक्साइड उपचयित हो रहा है |
(c) कार्बन अपचयित हो रहा है |
(d) लेड ऑक्साइड अपचयित हो रहा है |

उत्तर: (i)   (a) एवं (b)
(ii)   (a) एवं (c)
(iii)   (a) (b) एवं (c)
(iv)   सभी

समीक्षा:

(a) सीसा अपचयित हो रहा है | →कथन सत्य है |
(b) कार्बन डाइऑक्साइड उपचयित हो रहा है | →कथन असत्य है |
(c) कार्बन अपचयित हो रहा है | →कथन सत्य है |
(d) लेड ऑक्साइड अपचयित हो रहा है | →कथन असत्य है |

उत्तर: (ii) (a) एवं (c) कथन सत्य है |

प्रश्न 2: Fe2O3 + 2Al → Al2O3 + 2Fe

ऊपर दी गई अभिक्रिया किस प्रकार की है |

(a) संयोजन अभिक्रिया
(b) द्वि-विस्थापन अभिक्रिया
(c) वियोजन अभिक्रिया
(d) विस्थापन अभिक्रिया

उत्तर : (d) विस्थापन अभिक्रिया

प्रश्न3: लौह चूर्ण पर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल डालने से क्या होता है ? सही उत्तर पर निशान लगाये |

(a) हाइड्रोजन गैस और एवं आयरन क्लोराइड बनता है |
(b) क्लोरीन गैस एवं आयरन हाइड्रो-क्साइड बनता है |
(c) कोई अभिक्रिया नहीं होती |
(d) आयरन लवण एवं जल बनता है |

उत्तर: (a) हाइड्रोजन गैस और एवं आयरन क्लोराइड बनता है |

प्रश्न 4: संतुलित रसायनिक समीकरण क्या है ? रसायनिक समीकरण को संतुलित करना क्यों आवश्यक है ?

उत्तर: जब अभिकारक और उत्पाद दोनों तरफ के प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समान हो तो ऐसे समीकरण को संतुलित रासायनिक समीकरण कहते है | द्रव्यमान संरक्षण के नियम को संतुष्ट करने के लिए रासायनिक समीकरण को संतुलित किया जाता है |

प्रश्न 5: निम्न कथनों को रासायनिक समीकरण के रूप में लिखकर संतुलित कीजिये |

(a) नाइट्रोजन हाइड्रोजन गैस से अभिक्रिया कर अमोनिया बनाता है |
(b) हाइड्रोजन सल्फाइड गैस का वायु में दहन होने पर जल एवं सल्फर डाइऑक्साइड बनता है |
(c) एलुमिनियम सल्फेट के साथ अभिक्रिया कर बेरियम क्लोराइड, एलुमिनियम क्लोराइड एवं बेरियम सल्फेट का अवक्षेप देता है |
(d) पोटैशियम धातु जल के साथ अभिक्रिया करके पोटैशियम हाइड्रो-ऑक्साइड एवं हाइड्रोजन गैस देता है |

उत्तर :-

(a) 3H+ N→2NH3
(b) 2H2S + 3O→ 2H2O + 3BaSO2
(c) 3BaCl2 + Al2(SO4)3 → 2AlCl3 + 3BaSO2
(d) 2K + 2H2O → 2KOH + H2

प्रश्न 6: निम्न रासायनिक समीकरण को संतुलित कीजिये:

(a) HNO + Ca(OH) → Ca(NO3) + H2O
(b) NaOH + H2SO4 → Na2SO4 + H2O
(c) NaCl + AgNO → AgC2l + NaNO3
(d) BaCl2 + H2SO4 → BaSO4 + HCl

उत्तर :- संतुलित रासायनिक समीकरण :-

(a) 2HNO(aq) + Ca(OH)(aq)  → Ca(NO3)(aq) + 2H2O (l)
(b) 2NaOH (aq) + H2SO(aq) → Na2SO4 (aq) + 2H2O(l)
(c) NaCl (aq) + AgNO(aq)  → AgCl (s) + NaNO3(aq)
(d) BaCl2(aq) + H2SO4(aq) → BaSO4 (s) + 2HCl (aq)

प्रश्न 7: निम्न अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए |

(a) कैल्सियम हाइड्रो-ऑक्साइड + कार्बन डाइऑक्साइड → कैल्सियम कार्बोनेट + जल
(b) जिंक + सिल्वर नाइट्रेट → जिंक नाइट्रेट + सिल्वर
(c) एलुमिनियम + कॉपर क्लोराइड → एलुमिनियम क्लोराइड + कॉपर
(d) बेरियम क्लोराइड + पोटैशियम सल्फेट → बेरियम सल्फेट + पोटैशियम क्लोराइड

उत्तर : (a) Ca(OH)2 (aq) + Co2(g) → CaCo3(s) + H2O(l) |
(b) Zn(s) + 2AgNo(aq) → Zn(No3)+ 2Ag(s) |
(c) 2Al(s) + 3CuCl2(aq) → 2AlCl3 + 3Cu(s) |
(d) BaCl2(aq) + K2SO4 → BaSO4(s) + 2KCl(aq) |

प्रश्न 8: निम्न अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए एवं प्रत्येक अभिक्रिया का प्रकार बताईये |

(a) पोटैशियम ब्रोमाइड (aq) + बेरियम आयोडाइड (aq) → पोटैशियम आयोडाइड (aq) + बेरियम ब्रोमाइड (s) |
(b) जिंक कार्बोनेट (s)  → जिंक ऑक्साइड (s) + कार्बन डाइऑक्साइड (g) |
(c) हाइड्रोजन (g) + क्लोरीन(g)  → हाइड्रोजन क्लोराइड(g) |
(d) मैग्नीशियम (s)   + हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (aq) → मैग्नीशियम क्लोराइड (aq) + हाइड्रोजन (g) |

उत्तर : (a) 2KBr(aq) + Bal2  → 2Kl(aq) + BaBr(aq) |
(b) ZnCo+ ZnCo → ZnO(s) + CO2(s) |
(c) H2 + cl2(g)  → 2HCl(g) |
(d) Mg(s) + 2HCl(aq)  → MgCl2(aq) + H2(g) |

प्रश्न 9: ऊष्माक्षेपी एवं ऊष्माशोषी अभिक्रिया का क्या अर्थ है ? उदहारण दीजिये |

उत्तर : वे अभिक्रिया जिसमें उत्पादों के बनाने पर ऊष्मा मुक्त होती है , उषमाक्षेपी अभिक्रियाएँ कहलाती है |

(i) C + O2 → Co2 + ऊष्मा
(ii) C6H12O6 + 6Co2 + 6H2O
वे अभिक्रियायें जिसमें उत्पादों के बनाने पर ऊर्जा अवशोषित होती है , ऊष्माशोषी कहलाती है |
FeSo4(s) → Fe2O3(s) + So2(g) + So3(g)

प्रश्न 10: श्वसन को ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया क्यों कहते है ? वर्णन कीजिये |

उत्तर : पाचन क्रिया के समय भोजन हमारे शरीर में उपस्थित ऑक्सीजन के साथ मिलकर ऊर्जा मुक्त करता ही | हमारे शरीर की कोशिकाओं को उर्जा मिलाती है | अत: श्वसन एक उषमाक्षेपी अभिक्रिया है |

C6h12O6 + 6O →  6CO2 + 6H2O + उर्जा (ग्लूकोज) |

प्रश्न 11: वियोजन अभिक्रिया को संयोजन अभिक्रिया के विपरीत क्यों कहा जाता है ? इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए |

उत्तर : जिस प्रकार संयोजन अभिक्रिया में दो या दो अधिक अभिकारक परस्पर क्रिया करके उत्पाद बनाते है , ठीक उसी के विपरीत वियोजन अभिक्रिया में कोई यौगिक दो या डॉन से यौगिकों में विघटित हो जाता है |

संयोजन – 2H+ O2 →  2H2O
वियोजन – 2H2o →  2H2 + O2 |

महत्वपूर्ण-प्रश्नोत्तर

प्रश्न: CaO (s) का सामान्य नाम लिखिए |
उत्तर: चूना पत्थर |

प्रश्न: सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट, एंटासीड का एक मुख्य संघटक क्यों होता है ?
उत्तर: क्योंकि सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट एक क्षारीय पदार्थ है यह एसिड को उदासीन कर देता है |

प्रश्न: रसायनिक अभिक्रिया में अभिकारक और उत्पादों को किन किन भौतिक अवस्थाओं में दर्शाया जाता है ?
उत्तर: ठोस (s), द्रव्य (l), गैस(g) और जलीय विलयन(aq) के रूप में |

प्रश्न:  क्या होता है जब मैग्नीशियम  रिबन को वायु की उपस्तिथि में जलाया जाता है ?
उत्तर:  यह सफ़ेद रंग का मैग्नीशियम ऑक्साइड बनता है |

प्रश्न: श्वसन को उश्माक्षेपी अभिक्रिया क्यों कहते है ?कारण दीजिए |
उत्तर: श्वसन क्रिया जो हमारी कोशिकाओं में निरंतर होती रहती है यह एक प्रकार की उश्माक्षेपी अभिक्रिया है | भोजन से प्राप्त कार्बोहाइड्रेट टूटने के बाद ग्लूकोज में बदल जाता है जो श्वसन अभिक्रिया में ऑक्सीजन के साथ मिलकर हमे उर्जा प्रदान करते है | चूँकि ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया में भी उर्जा निकलती है इसलिए श्वसन को भी ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहते है|

प्रश्न: उस अभिक्रिया का नाम बताये जिसमे दो या दो से अधिक अभिकारक मिलकर एकल उत्पाद बनाते है | इस अभिक्रिया का एक संतुलित समीकरण लिखिए |

उत्तर: संयोजन अभिक्रिया |

C + O2 – CO2

प्रश्न: वसायुक्त अथवा तैलीय खाद्य समाग्री को लम्बे समय तक रखने के लिए पैकिंग थैली में कौन सी गैस से युक्त किया जाता है | क्यों ?
उत्तर: थैली से ऑक्सीजन को हटाकर नाइट्रोजन युक्त किया जाता है इससे उपचयन की सम्भावना खत्म हो जाती है और थैली में रखे पदार्थ विकृतगंधित नहीं होते हैं|

प्रश्न: वसायुक्त अथवा तैलीय खाद्य समाग्रीयों के उपचयन से उनमें कौन से गुण आ जाते है ?
उत्तर: वे विकृतगंधित हो जाते है |

प्रश्न: वसायुक्त अथवा तैलीय खाद्य समाग्रीयों के उपचयन की गति धीमी करने के लिए दो महत्वपूर्ण उपाय लिखिए |
उत्तर:

  1. वायुरोधी बर्तन में रखने से उपचयन की गति हो जाती है |
  2. थैली से ऑक्सीजन को हटाकर नाइट्रोजन युक्त करने से उपचयन की संभावना ख़त्म हो जाती है |

प्रश्न: उस अभिक्रिया का नाम लिखिए जिनमें अभिकारकों के बीच आयनों का अदान-प्रदान होता है |
उत्तर: द्वि-विस्थापन अभिक्रिया |

प्रश्न: रासायनिक अभिक्रिया किसे कहते है ?
उत्तर: ऐसी प्रक्रियाएँ जिनमें नए गुणों वाले पदार्थों का निर्माण होता है, रासायनिक अभिक्रिया कहलाती है |

जैसे- दूध से दही का बनना, लोहे पर जंग लगना आदि |
प्रश्न: रासायनिक समीकरण किसे कहते हैं ?

उत्तर: जब किसी रासायनिक अभिक्रिया को संकेतों अथवा सूत्रों के माध्यम से व्यक्त किया जाता है तो इसे रासायनिक समीकरण कहते है |
2H + O → H2O

प्रश्न: रासायनिक समीकरण के कितने भाग होते है ?
उत्तर: रासायनिक समीकरण के दो भाग होते है |

  1. अभिकारक – रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थ |
  2. उत्पाद – अभिक्रिया से उत्पन्न पदार्थ उत्पाद कहलाते है |

उदहारण- C + O2 → CO2

       (अभिकारक)   (उत्पाद)

प्रश्न: असंतुलित रासायनिक समीकरण किसे कहते है ?
उत्तर: तीर के बाई ओर तथा दाई ओर के तत्वों के परमाणुओं की संख्या समान नहीं हो ऐसे समीकरण को असंतुलित रासायनिक समीकरण कहते है |

जैसे – 2Mg + O2 → MgO

(अभिकारक)    (उत्पाद)

तत्वअभिकारकउत्पाद

मैग्नीशियम

ऑक्सीजन

2

2

1

1

प्रश्न: यौगिक किसे कहते है ?
उत्तर: दो या दो से अधिक परमाणुओं के मेल से बने पदार्थ को यौगिक कहते है, एवं ये हमेशा निश्चित अनुपात में होते है | जैसे –

H2 O, H2 SO4, Cu SO4, and AlO3 इत्यादि |

प्रश्न: ऊष्मा के आधार पर रासायनिक अभिक्रिया कितने प्रकार की  होती है ?
उत्तर: ऊष्मा के आधार पर रासायनिक अभिक्रिया दो प्रकार की  होती है |

(1)   ऊष्माशोषी अभिक्रिया

(2)   ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया

प्रश्न: ऊष्माशोषी अभिक्रिया की परिभाषा उदहारण सहित दीजिये |
उत्तर: जिस अभिक्रिया से ऊष्मा का अवशोषण होता है उसे ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहते हैं |

जैसे – N + O2 → NO2

इस अभिक्रिया में ऊष्मा का अवशोषण होता है |

प्रश्न: ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया की परिभाषा उदहारण सहित दीजिये |
उत्तर: जिस अभिक्रिया में ऊष्मा निकलती है उसे ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहते है | जैसे  –

C + O2 → CO2

प्रश्न: संयोजन अभिक्रिया से आप क्या समझते है ?
उत्तर: वे अभिक्रियाएँ जिनमे दो या दो से अधिक पदार्थ मिलकर एक नया पदार्थ बनाते है, उन्हें संयोजन अभिक्रिया कहते है |

उदहारण: 2Mg + O2 → 2MgO

इस अभिक्रिया में मैग्नीशियम एवं ऑक्सीजन मिलकर अभिक्रिया करते है और एक नया पदार्थ मैग्नीशियम ऑक्साइड बनाते है |

प्रश्न: उपचयन और अपचयन में अन्तर स्पष्ट कीजिये |
उत्तर: उपचयन और अपचयन एक दुसरे की पूरक अभिक्रियाएँ है, जैसे उपचयन में ऑक्सीजन की वृद्धि होती है तो अपचयन में ऑक्सीजन का ह्रास होता है |

प्रश्न: एक भूरे रंग का चमकदार तत्व X को वायु की उपस्थिति में गर्म करने पर वह काले रंग का हो जाता है |

  1. इस तत्व X एवं उस काले रंग के यौगिक का नाम बताईये |
  2. इस अभिक्रिया का समग्र समीकरण लिखिए |

उत्तर:

(1)   तत्व X कॉपर है और कला रंग का यौगिक कॉपर ऑक्साइड है |
(2) NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 1 Chemical Reactions and Equations (Hindi Medium)

प्रश्न: संक्षारण क्या है ? धातु को संक्षारित होने से बचाने के लिए तीन विधियों का नाम लिखो |

उत्तर: खुली वायु या नम वायु, जल के संपर्क में किसी धातु की सतह पर आती है तो इसकी सतह पर वायु धातु से अभिक्रिया कर एक पदार्थ बना लेता है जिससे धातु का श्रय होने लगता है­ इस परिघटना को संक्षारण कहते है |

धातु को संक्षारित होने से बचाने के लिए तीन विधियाँ निम्न है |

  1. जस्तीकरण करके
  2. पेंट करके
  3. तेल या ग्रीस लगाकर

प्रश्न: रसायनिक समीकरण को क्यों संतुलित किया जाता है ?
उत्तर: द्रव्यमान संरक्षण के नियम को संतुष्ट करने के लिए रासायनिक समीकरण को संतुलित किया जाता है |

प्रश्न : रासायनिक समीकरण को संतुलित क्यों किया जाता है ?
उत्तर : द्रव्यमान संरक्षण के नियम को संतुलित करने के लिए रासायनिक समीकरण को संतुलित किया जाता है |

प्रश्न : वायु में जलने से पहले मैग्नीशियम रिबन को साफ क्यों किया जाता है ?
उत्तर : वायु में जलने से पहले मैग्नीशियम रिबन को साफ इसलिए किया जाता है ताकि उसके उपरी सतह से धूलकण हट जाये जिससे इसकी सतह प्रत्यक्ष रूप से वायु के संपर्क में आ सके |

प्रश्न : उस अभिक्रिया का नाम बताये जिसमें किसी पदार्थ से ऑक्सीजन निष्कासित होती है |
उत्तर:  अवकरण अभिक्रिया |

प्रश्न : तापीय वियोजन क्या है ? इसका एक उदाहरण दीजिये |
उत्तर: ऐसी अभिक्रिया जिसमें गर्म करने पर कोई पदार्थ दो या दो से अधिक पदार्थों में विघटित हो जाता है उसे तापीय वियोजन कहते है |

उदाहरण:
कैल्शियम कार्बोनेट गर्म करने पर कैल्शियम ऑक्साइड तथा कार्बन डाइऑक्साइड में विघटित हो जाता है |

Hope given NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 1 are helpful to complete your homework.

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NCERT Solutions for Class 10 Social Science History in Hindi Medium Chapter 8

NCERT Solutions for Class 10 Social Science History Chapter 8 Novels, Society and Hisotry (उपन्यास, समाज और इतिहास)

NCERT Solutions for Class 10 Social Science History Chapter 8 Novels, Society and Hisotry (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 10 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Social Science History Chapter 8 Novels, Society and Hisotry.

प्रश्न अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

संक्षेप में लिखें

प्रश्न 1. इनकी व्याख्या करें

(क) ब्रिटेन में आए सामाजिक बदलावों से पाठिकाओं की संख्या में इजाफा हुआ।
(ख) रॉबिन्सन क्रूसो के वे कौन-से कृत्य हैं, जिनके कारण वह हमें ठेठ उपनिवेशकार दिखाई देने लगता है।
(ग) 1740 के बाद गरीब लोग भी उपन्यास पढ़ने लगे।
(घ) औपनिवेशिक भारत के उपन्यासकार एक राजनैतिक उद्देश्य के लिए लिख रहे थे।

उत्तर
(क) अठारहवीं सदी में मध्यवर्ग और संपन्न हुए। इससे महिलाओं को उपन्यास पढ़ने और लिखने का अवकाश मिल सका। उपन्यासों में महिला जगत को, उसकी भावनाओं, उसके तजुर्बो, मसलों और उसकी पहचाने से जुड़े मुद्दों को समझा-सराहा जाने लगा। कई सारे उपन्यास घरेलू जिंदगी पर केंद्रित थे। इनमें महिलाओं को अधिकार के साथ बोलने का अवसर मिला। बदलती मान्यताओं व परिस्थितियों के बीच महिलाएँ भी लिखने लगीं। उनकी लेखनी ने गृहस्थिन चरित्रों को लोकप्रिय बनाया और ऐसी औरतों के किरदार गढ़े जो सामाजिक मान्यताओं को मानने से पहले उनसे लड़ती हैं। इन सब बदलावों व कारणों से महिलाओं में पढ़ने की रुचि बढ़ी और पाठिकाओं की संख्या में इज़ाफ़ा हुआ।
(ख) डैनियल डेफ़ो कृत रॉबिन्सन क्रूसो एक साहसिक यात्री है लेकिन उसके बहुत-से कृत्य ऐसे हैं, जिससे वह ठेठ उपनिवेशवादी दिखाई देता है। जैसे वह दास व्यापार करता है तथा गैर गोरे लोगों को बराबरी का इंसान नहीं मानता बल्कि अपने से हीनतर जीव मानता है। एक ‘देसी’ को मुक्त कराकर उसे वह अपना गुलाम बना लेता है। वह उससे उसका नाम भी नहीं पूछता और अपनी तरफ़ से उसे फ्राइडे कह कर पुकारता है। क्रूसो का यह व्यवहार उस समय के उपनिवेशवादी व्यवहार का एक उदाहरण है जो उसे एक ठेठ उपनिवेशवादी बनाता है।
(ग) समाज के गरीब तबके काफ़ी समय तक पुस्तकों व प्रकाशन के बाजार से बाहर रहे। शुरू-शुरू में उपन्यास काफ़ी महँगे थे तथा गरीब लोगों की पहुँच से दूर थे। 1740 मे किराए पर चलने वाले पुस्तकालयों की स्थापना के बाद लोगों के लिए किताबें सुलभ हो गईं, तकनीकी सुधार से भी छपाई के खर्चे में कमी आई और मार्केटिंग के नए तरीकों से किताबों की बिक्री बढ़ी और गरीब लोग भी उपन्यास पढ़ने लगे।
(घ) भारत में आधुनिक उपन्यास लेखन 19वीं सदी में प्रारंभ हुआ। प्रारंभ से ही औपनिवेशिक इतिहासकारों द्वारा लिखे गए इतिहास में हिंदुस्तानियों को आमतौर पर कमजोर, आपस में विभाजित और अंग्रेज़ों पर निर्भर बताया जाता था। ऐसे इतिहास से भारत के बौद्धिकों को असंतोष था।

  1. वे यह जताना चाहते थे कि भारतीय स्वतंत्र चेतना वाले थे।
  2. उन्होंने उपन्यास को एक साधन बनाकर भारत के इतिहास व चरित्रों को फिर से गढ़ना शुरू किया, यह कल्पित राष्ट्र, रूमानी साहस, वीरता और त्याग से ओतप्रोत था।
  3. इस तरह उपन्यास में गुलाम जनता ने अपनी चाहत को साकार करने का जरिया हूँढ़ा।
  4. उपन्यास में कल्पित राष्ट्र में इतनी ताकत थी कि इससे प्रेरित होकर असली राजनैतिक आंदोलन उठ खड़े हुए।
  5. ऐसे उपन्यासों में बंकिम चंद्र का आनंदमठ विशेष उल्लेखनीय है।
  6. बहुत-से उपन्यासकारों ने समाज के विभिन्न तबकों व भिन्न-भिन्न पृष्ठभूमि के लोगों को एक साथ अपनी कहानियों में लाकर एक साझा सामुदायिक समझ बनाने का प्रयास किया, ऐसी समझ जिससे राष्ट्र का निर्माण होता है।
  7. उपन्यासकारों की रचनाओं से लगता है कि वे राजनैतिक उद्देश्य के लिए लिख रहे थे!

प्रश्न 2. तकनीक और समाज में आए हुए बदलावों के बारे में बतलाइए जिनके चलते अठारहवीं सदी के यूरोप में उपन्यास पढ़ने वालों की संख्या में वृद्धि हुई।
उत्तर 18वीं सदी में तकनीक और समाज में कुछ ऐसे परिवर्तन आए जिनके कारण उपन्यास पढ़ने वालों की संख्या में वृद्धि हुई। ये परिवर्तन इस प्रकार थे

  1. तकनीकी सुधार के कारण छपाई के खर्चे में कमी आई जिससे उपन्यास अधिक संख्या में छपने लगे।
  2. परिवहन के साधनों के विस्तार के कारण पुस्तकों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना आसान हो गया। अतः उपन्यास आसानी से आम आदमी की पहुँच में आ गए।
  3. 1740 में ऐसे पुस्तकालय स्थापित किए गए जहाँ से किराये पर उपन्यासों को प्राप्त किया जा सकता था। अतः गरीब व्यक्ति के लिए इन्हें पढ़ना आसान हो गया।
  4. उपन्यासों में जो दुनिया रची जाती थी वह पाठकों को अधिक विश्वसनीय और सच नजर आती थी। अत: लोग इन्हें बड़ी रुचि के साथ पढ़ते थे और अपने आस-पास ऐसी ही काल्पनिक दुनिया की रचना करते थे। इससे उन्हें मानसिक संतोष मिलता था।
  5. उपन्यासों के माध्यम से समाज की समस्याओं को उठाया जाता था और अंत में उनका हल भी बताया जाता था। अतः लोगों ने अपने जीवन की समस्याओं, समाज सुधारकों ने समाज सुधार के उपायों तथा उद्योगपतियों ने औद्योगिकसमस्याओं को हल जानने के लिए इन्हें पढ़ना प्रारम्भ किया जिससे इसके पाठक वर्ग में वृद्धि हुई ।
  6. उपन्यास लेखन के बदलाव ने भी इसके पाठक वर्ग में वृद्धि की। पहले उपन्यास कुलीन वर्ग से जुड़े थे। जब इनमें आम लोगों की समस्याओं को उठाया गया तो आम व्यक्ति भी इन्हें पढ़ने में रुचि लेने लगे।
  7. 1836 में इंग्लैंड में उपन्यासों को समाचार पत्रों में धारावाहिक के रूप में छापा जाने लगा। इसमें चार्ल्स डिकेन्स का ‘पिकविक पेपर्स’ सबसे पहले छपा। इससे पाठकों को रहस्य का मज़ा आने लगा, वे आपस में चरित्रों पर चर्चा करने लगे और हफ्ता-दर-हफ्ता उनकी कहानियों के साथ जीने लगे।
  8. महिलाओं (उच्च व संपन्न वर्ग) में शिक्षा प्रसार के कारण जब उनमें उपन्यास पठन की रुचि जागृत हुई तो इससे भी उपन्यास के पाठक वर्ग में वृद्धि हुई।

प्रश्न 3. निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखें

(क) उड़िया उपन्यास
(ख) जेन ऑस्टिन द्वारा औरतों का चित्रण
(ग) उपन्यास परीक्षा-गुरु में दर्शायी गई नए मध्यवर्ग की तस्वीर।

उत्तर
(क) उड़िया उपन्यास – उड़िया उपन्यास की शुरुआत 1877-78 में नाटककार रामशंकर राय द्वारा रचित सौदामिनी के नाम से हुई। उन्होंने इसका धारावाहिक प्रकाशन शुरू किया। 30 साल के अन्दर उड़ीसा में फकीर मोहन सेनापति एक प्रमुख उपन्यासकार के रूप में उभरे। उन्होंने एक उपन्यास ‘ छ: माणो आठौ गुंठो’ (1902) लिखा जिसका शाब्दिक अर्थ है-छह एकड़ और बत्तीस कट्टे ज़मीन। इस उपन्यास के साथ एक नए किस्म के उपन्यास की धारा शुरू हुई, जिसमें ज़मीन और उस पर हक के सवाल को उठाया जाने लगा। इस उपन्यास में रामचंद्र मंगराज की कहानी है जो एक जमीदार के यहाँ मैनेजर की नौकरी करता है। यह मैनेजर अपने आलसी और पियक्कड़ मालिक को ठगता है और नि:संतान बुनकर पति-पत्नी भगिया और सरिया की उपजाऊ जमीन को हथियाने की तरकीब सोचता रहता है। यह उपन्यास मील का पत्थर साबित हुआ और इसने साबित कर दिया कि उपन्यास के ज़रिये ग्रामीण मुद्दों को भी गहरी सोच का अहम हिस्सा बनाया जा सकता है। उड़िया के इस उपन्यास ने उड़ीसा के अलावा बंगाल व अन्य स्थानों के लेखकों के लिए रास्ता खोल दिया था।
(ख) जेन ऑस्टिन द्वारा औरतों का चित्रण – जेन ऑस्टिन के उपन्यासों में हमें उन्नीसवीं सदी के ब्रिटेन के ग्रामीण कुलीन समाज की झाँकी मिलती है। हमें ऐसे समाज के बारे में सोचने की प्रेरणा मिलती है जहाँ महिलाओं को धनी या जायदाद वाले वर खोजकर ‘अच्छी’ शादियाँ करने के लिए उत्साहित किया जाता था। जेन ऑस्टिन के उपन्यास ‘प्राइड एंड प्रेज्युडिस’ की पहली पंक्ति में लिखा गया-‘यह एक सर्वस्वीकृत सत्य है कि कोई अकेला आदमी अगर मालदार है तो उसे एक अदद बीवी की तलाश होगी।’ इस बयान से हम ऑस्टिन के समाज को समझ सकते हैं कि उनके उपन्यासों की औरतें क्यों हमेशा अच्छी शादी और पैसे की फ़िराक में रहती हैं।
(ग) उपन्यास ‘परीक्षा-गुरु’ में नए मध्यवर्ग की तस्वीर – उपन्यास ‘ परीक्षा-गुरु’ में नए मध्यवर्ग की तस्वीर को दर्शाया गया है।

  1. इसमें खुशहाल परिवारों के युवाओं को बुरी संग-सोहबत के नैतिक खतरों से आगाह किया गया।
  2. परीक्षा-गुरु’ से नव-निर्मित मध्यवर्ग की अंदरूनी व बाहरी दुनिया का पता चलता है।
  3. इस वर्ग के लोगों को औपनिवेशिक शासन से कदम मिलाने में कैसी मुश्किलें आती हैं और अपनी सांस्कृतिक अस्मिता को लेकर वे क्या सोचते हैं, यह इस उपन्यास का कथ्य है।
  4. आधुनिकता की दुनिया उनको एक साथ भयानक और आकर्षक मालूम पड़ती है। उपन्यास पाठक को जीने के ‘सही तरीके’ बताता है।
  5. उपन्यास के किरदार दो अलग संसारों के बीच की दूरी पाटने की कोशिश करते दिखाई देते हैं।
  6. वे नई कृषि तकनीक अपनाते हैं, व्यापार-कर्म को आधुनिक बनाते हैं, भारतीय भाषा के प्रयोग बदलते हैं ताकि वे पाश्चात्य विज्ञान और भारतीय बुद्धि दोनों को अभिव्यक्त करने में सक्षम हो सकें।
  7. उपन्यास में इस बात पर जोर दिया गया है कि यह सब मध्यवर्गी गृहस्थी के पारंपरिक मूल्यों पर समझौता किए बगैर हो।

चर्चा करें

प्रश्न 1. उन्नीसवीं सदी के ब्रिटेन में आए ऐसे कुछ सामाजिक बदलावों की चर्चा करें, जिनके बारे में टॉमस हार्डी और चार्ल्स डिकेन्स ने लिखा है।
उत्तर 19वीं शताब्दी में ब्रिटेन में औद्योगिक क्षेत्र में कई परिवर्तन आए। इसका विस्तार हुआ, उत्पादन तकनीक में सुधार हुआ आदि। इस कारण इस क्षेत्र में कई समस्याएँ उत्पन्न हुईं जिन पर तत्कालीन उपन्यासकारों ने जमकर लिखा। ये उपन्यासकार थे

टॉमस हार्डी – हाड इंग्लैंड के 19वीं सदी के उपन्यासकार थे। उन्होंने यहाँ पर तेजी से नष्ट होते ग्रामीण समुदायों के बारे में लिखा। उनके समय में बड़े किसानों ने अपनी जमीनों को बाड़ाबंद करके मजदूरों को मशीनों पर लगाकर बाज़ार के लिए उत्पादन करना प्रारंभ कर दिया था। इस बदलाव की झलक उनके उपन्यास ” मेयर ऑफ कास्टरब्रिज” (1886) में मिलती है। यह कहानी माइकल हेंचर्ड की है, जो पहले अनाज व्यापारी था, बाद में कैस्टरब्रिज नामक ग्रामीण क्षेत्र का मेयर बनता है। वह एक स्वतंत्र विचारों वाला व्यक्ति है जो अपने तरीके से व्यापार करता है। परन्तु अपने कर्मचारियों के प्रति उसका व्यवहार अनिश्चित-कभी दयालु, कभी निर्दयी होता है। अतः वह अपने प्रबंधक व प्रतिद्वंदी के सामने टिक नहीं पाता। उसका प्रतिद्वंदी डॉनल्ड फ़ारफ्रे की प्रबंधन तकनीक सक्षम थी और लोगों का मानना था सभी के साथ उसका व्यवहार शालीन था।

इस उपन्यास में जहाँ हार्डी नष्ट होती प्राचीन व्यवस्था के प्रति चिंतित थे, वहीं पुरानी व्यवस्था की कमियों व नई अच्छाइयों के प्रति सचेत हैं। उनकी भाषा शैली आम लोगों की भाषा है तथा उन्होंने अलग-अलग बोलियों से निकटता बनाकर अपने उपन्यास में एक राष्ट्र के विविध समुदायों की साझा दुनिया रची है। अत: इस उपन्यास की भाषा के लिए तत्कालीन प्रचलित भाषाओं की अलग-अलग शैलियों से सामग्री ली। इस प्रकार उन्होंने अपने शास्त्रीय तथा सड़क छाप दोनों तरह की भाषाओं को मिलाकर अपने उपन्यास की रचना की। इस तरह से उनके उपन्यास ने कई संस्कृतियों को एकत्र करने का कार्य किया।

चार्ल्स डिकेन्स – (1812-70)-डिकेन्स भी इंग्लैंड के उपन्यासकार थे। उनके समय में यूरोप औद्योगिक युग में प्रवेश कर रहा था, फैक्ट्रियों का निर्माण तथा व्यवसाय में मुनाफे की वृद्धि के कारण अर्थव्यवस्थाओं का विस्तार हो रहा था। परंतु इसी के साथ कई समस्याएँ जैसे मजदूरों की समस्याएँ, अधिक काम और कम मजदूरी (शहरों में), गरीबी, बेरोजगारी, इनका वर्कहाउस या रैन बसेरों में शरण लेना आदि उजागर होने लगी थीं। औद्योगिक प्रगति के साथ-साथ मुनाफाखोरों को सही व मजदूरों को कमतर इन्सान मानने की प्रवृत्ति बढ़ गई थी। चार्ल्स डिकेन्स ने इसी प्रवृत्ति की निंदा करते हुए लिखा। उनके उपन्यास ‘हार्ड टाइम्स’ (1854) में कोकटाउन, जो कि एक उदास काल्पनिक औद्योगिक शहर है, का वर्णन है। यहाँ मशीनों की भरमार है, धुआँ उगलती चिमनियाँ, प्रदूषण और मकान सब उदासीन हैं। मजदूरों को यहाँ ‘हाथ’ की संज्ञा दी जाती है, जिनका अस्तित्व मशीनों को चलाने तक सीमित है। इस उपन्यास में उन्होंने ‘लाभ के मोह’ तथा इंसान को मशीन मानने की प्रवृति की कड़ी निंदा की है।

अपने उपन्यास ओलिवर ट्विस्ट’ (1838) में उन्होंने एक अनाथ बच्चे ओलिवर की कहानी को लिखा है, जिसे परिस्थितिवश छोटे-मोटे अपराधियों व भिखारियों के साथ रहना पड़ता है। वह एक निर्मम वर्कहाउस में पलता और बढ़ता है तथा बाद में एक अमीर उसे गोद ले लेता है। इसके बाद उसका जीवन सुखद हो जाता है।

इस प्रकार उन्होंने अपने उपन्यासों के माध्यम से औद्योगिक युग के दौरान सभी पक्षों की समस्याओं का चित्रण बड़े ही प्रभावशाली ढंग से किया है जिस कारण आज भी उनके उपन्यास बड़ी उत्सुकता से पढ़े जाते हैं।

प्रश्न 2. उन्नीसवीं सदी के यूरोप और भारत, दोनों जगह उपन्यास पढ़ने वाली औरतों के बारे में जो चिंताएँ पैदा हुई उसे संक्षेप में लिखें। इन चिंताओं से इस बारे में क्या पता चलता है कि उस समय औरतों को किस तरह देखा जाता था?
उत्तर उन्नीसवीं सदी के यूरोप में महिलाएँ उपन्यास पढ़ने लगी थीं। कुछ महिलाएँ लिखने भी लगीं थीं। कई सारे उपन्यास घरेलू जिंदगी पर आधारित थे, इनमें महिलाओं को अधिकार के साथ बोलने का अवसर मिला। लेकिन बहुत-से लोग ऐसे थे जिन्हें यह चिंता थी कि यदि औरतें पढ़ेगी और लिखेंगी तो वे पत्नी, माँ की परंपरागत भूमिकाओं को नहीं सँभालेंगी और घर अस्त-व्यस्त हो जाएँगे।

उन्नीसवीं सदी के भारत में भी अनेक लोगों को यह चिंता थी कि पता नहीं उपन्यासों के कल्पना-लोक का औरतों के जेहन पर क्या असर पड़े। उन्हें लगता था कि इससे वे भटक जाएँगी। इसलिए कुछ लोगों ने पत्र-पत्रिकाओं में लेख लिखकर यह अपील की कि वे उपन्यासों के नैतिक दुष्प्रभाव से बचें। यह निर्देश खासतौर पर महिलाओं व बच्चों के लिए था। ऐसा माना जाता था कि उन्हें आसानी से बहकाया जा सकता है।

यूरोप व भारत के परंपरागत लोगों में महिलाओं द्वारा उपन्यास पढ़ने को लेकर चिंता से पता चलता है कि उस समय महिलाओं को आश्रित और मर्दो के मुकाबले कमतर बुद्धिमान माना जाता था। यह माना जाता था कि उन्हें आसानी से बहकाया जा सकता है, इसलिए वे पढ़-लिखकर या उपन्यासों की कल्पनाशीलता से प्रभावित होकर बिगड़ जाएँगी । इससे उस काल की महिलाओं की बंदिशों का भी पता चलता है कि वे अपने निर्णय स्वयं लेने की स्थिति में नहीं थीं।

प्रश्न 3. औपनिवेशिक भारत में उपन्यास किस तरह औपनिवेशकारों और राष्ट्रवादियों, दोनों के लिए लाभदायक था?
उत्तर औपनिवेशिक भारत में जो उपन्यास लिखे गए उन्होंने उपनिवेशिकों और राष्ट्रवादियों की इस प्रकार से मदद की

1. उपनिवेशिकों के लिए

  1. उन्हें देशी जीवन व रीति-रिवाजों से संबंधित जानकारी मिली।
  2. भारत के विभिन्न समुदायों व जातियों पर शासन करने संबंधी जानकारी मिली।
  3. उपन्यासों से उन्हें भारतीय घरों के परंपरागत स्वरूप का पता चला।
  4. जब इन उपन्यासों को अंग्रेज प्रशासकों व ईसाई मिशनरियों ने पढ़ा तो उन्होंने भारतीयों को कमजोर, आपस में लड़ने वाले और अंग्रेजों पर निर्भर बताया।

2. भारतीय राष्ट्रवादियों के लिए

  1. इन उपन्यासों द्वारा कल्पित राष्ट्र को शक्तिशाली बताया गया, जिसके निर्माण के लिए असली राजनैतिक आंदोलन प्रारंभ हुए।
  2. आनंदमठ (1882) में हिंदू सैन्य संगठन की कहानी है जो हिंदू साम्राज्य की स्थापना के लिए मुसलमानों से लड़ता है। इससे स्वतंत्रता सेनानियों को प्रेरणा मिली।
  3. इसका गीत ‘वंदे मातरम्’ काफी लोकप्रिय हुआ। इस गीत ने स्वतंत्रता सेनानियों में नवीन आशा का संचार किया।
  4. इन उपन्यासों ने जिन सामाजिक कुरीतियों को उठाया उनके प्रति समाज में चेतना जागृत हुई और समाज सुधार के प्रयास प्रारंभ हुए।
  5. इन उपन्यासों द्वारा भारत के प्राचीन गौरव आदि का महिमा मंडन किया गया जिससे आम लोगों में राष्ट्रीय गौरव और स्वयं के प्रति आत्मसम्मान की भावना जागृत हुई। इनके नायक पूरे राष्ट्र के ‘राष्ट्रीय नायक’ बन गए।

प्रश्न 4. इस बारे में बताएँ कि हमारे देश में उपन्यासों में जाति के मुद्दे को किस तरह उठाया गया। किन्हीं दो उपन्यासों का उदाहरण दें और बताएँ कि उन्होंने पाठकों को मौजूदा सामाजिक मुद्दों के बारे में सोचने को प्रेरित करने के लिए क्या प्रयास किए?
उत्तर भारत में जाति प्रथा अति प्राचीन काल से चली आ रही है । मुद्रण संस्कृति का विकास होने के साथ जब इस प्रथा पर प्रहार होने लगा तो उससे जनता में चेतना जागृत हुई। इस पर लिखे गए मुख्य उपन्यास ये थे

1. चंदू मेनन कृत ‘इंदुलेखा’ –

  1. इंदुलेखा’ उपन्यास एक प्रेम कहानी है, जिसमें अंतर्जातीय विवाह की समस्या को उठाया गया है। इसमें नायिका नंबूदरी ब्राह्मण जमींदार और नायक माधवन नायर वर्ग का है, जो जमींदारों को लगान देते थे। अतः दोनों वर्गों में टकराव उत्पन्न हो जाती है।
  2. इसका नायक मद्रास विश्वविद्यालय से अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त पढ़ा-लिखा व्यक्ति है। वह आदर्शवादी है, वह उच्च कोटि का संस्कृतज्ञ, नायर रीति के अनुसार लंबी चुटिया रखने वाला तथा पश्चिमी ढंग के कपड़े पहनने वाला है। इसकी नायिका नंबुदरी ब्राह्मण है जो बेवकूफ जमींदार से विवाह करने से इन्कार कर देती है तथा माधवन से विवाह करने की इच्छा प्रकट करती है।
  3. इस वैवाहिक इच्छा को लेकर दोनों ओर के सदस्यों द्वारा आपत्ति उठाई जाती है परंतु अंत में सभी इसे स्वीकार करते हैं तथा नायक-नायिका द्वारा अपनाए गए मूल्यों की प्रशंसा करते हैं तथा उच्च जाति के अनैतिक कार्यों की निंदा करते हैं।

2. पोथेरी कुंजांबु द्वारा रचित ‘सरस्वती विजयम्’

  1. यह उपन्यास 1892 में उत्तर केरल के निम्न जाति के लेखक पोथेरी कुंजांबु द्वारा लिखा गया।
  2. इसमें लेखक ने जाति प्रथा की निंदा की है।
  3. इसमें अछूत नायक ब्राह्मण जाति के अत्याचारों से बचने के लिए गांव से भागकर शहर में चला जाता है। वहाँ वह ईसाई बन जाता है। वह पढ़-लिख कर जज बनकर अपने क्षेत्र के स्थानीय कचहरी में वापस आता है।
  4. गांववासी ज़मींदार पर उसी की हत्या का आरोप लगाकर मुकदमा कर देते हैं। इस मामले की सुनवाई के अंत में नायक गांव वालों को अपनी असली पहचान बताता है, ज़मींदार भी अपने किए पर पश्चाताप करता है तथा सुधर जाता है।
  5. इस प्रकार इसमें जहाँ जाति प्रथा पर प्रहार किया गया है वहीं शिक्षा के महत्त्व को भी दर्शाया गया है तथा इसे उन्नति और विकास के माध्यम के रूप में प्रकट किया गया है।

प्रश्न 5. बताइए कि भारतीय उपन्यासों में एक अखिल भारतीय जुड़ाव का अहसास पैदा करने के लिए किस तरह की कोशिशें की गईं?
उत्तर भारतीय उपन्यासों ने एक अखिल भारतीय जुड़ाव का अहसास पैदा करने के लिए अपने लेखन में अनेक उपाय किए

  1. उपन्यासकारों ने अपने उपन्यासों में समाज के हरेक तबके के किरदारों को जगह दी।
  2. हर तबके और क्षेत्र के लोगों का चित्रण किया गया।
  3. इससे लोगों को अपने ही समाज में अन्य लोगों के तौर-तरीकों, भाषा प्रयोगों और उनकी आकांक्षाओं का पता चला, इससे एक जुड़ाव का अहसास पैदा हुआ।
  4. अन्य भाषा क्षेत्रों के लोगों ने दूसरे भाषा क्षेत्र के नायकों को लेकर जोशपूर्ण रचनाएँ कीं।
  5. बंगाल में राजपूतों व मराठों के किरदारों को लेकर जोरदार ऐतिहासिक उपन्यास लिखे गए। इससे एक अखिल भारतीय सोच व जुड़ाव का अहसास जागा।
  6. इन उपन्यासों में कल्पित राष्ट्र रूमानी साहस, वीरता और त्याग से ओत-प्रोत था। ये ऐसे गुण थे, जिन्हें उन्नीसवीं सदी के दफ्तरों और सड़कों पर पाना मुश्किल था।
  7. उपन्यास में कल्पित राष्ट्र में इतनी ताकत थी कि इससे प्रेरित होकर असली राजनीतिक आंदोलन उठ खड़े हुए। इन उपन्यासों ने एक साझी सोच व अखिल भारतीय जुड़ाव के अहसास को जगाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

परियोजना कार्य

प्रश्न 1. कल्पना कीजिए कि आप सन् 3035 के इतिहासकार हैं। अभी आपने दो ऐसे उपन्यास देखे हैं जो बीसवीं सदी में लिखे गए थे। उन उपन्यासों से आपको उस जमाने के समाज और रीति-रिवाज के बारे में क्या पता चलता है?
उत्तर सन् 3035 में विज्ञान की उन्नति मानव को एक अत्याधुनिक मशीनी युग में ले आयी है। आज मानव आधा मानवीय जैविक प्राणी व आधा मशीन बन चुका है। पढ़ने व लिखने का कार्य स्वतः मस्तिष्क में प्लांट किये गये चिपों से होता रहता है। पृथ्वी के प्रत्येक प्राणी को एक पहचान नम्बर से जाना जाता है। चन्द्रमा पर बसी हुई बस्तियों पर भी मानव का आना जाना है तथा सूदूर अंतरिक्ष की कई बुद्धिमान सभ्यताओं से भी मानव का सम्पर्क बना हुआ है। फिर भी मानव के सामने नई-नई समस्याएँ अंतरिक्ष की लड़ाका सभ्यताओं के आक्रमण से उत्पन्न होती रहती हैं। समाज में सभी साइवोर्ग (मशीनी मानव) समानता एवं एकता के साथ रहते हैं। सभी औद्योगिक व उत्पादन के कार्य मशीनी रोबोटों द्वारा किये जाते हैं यद्यपि इनमें मानवीय मस्तिष्क की कुछ क्षमताओं को डाला जाता है फिर भी साइवोर्ग (मशीनी मानव) इन्हें नियंत्रण में रखने के लिए इनके रिमोट फ्यूज अपने पास में रखते हैं। सभी कुछ स्वतः होता रहता है। मानव आज भी अपने भविष्य को लेकर चिंतित है और इसीलिए अपने विकास को अपने इतिहास के परिप्रेक्ष्य में समझने का प्रयत्न करता है।

इसी संदर्भ में इतिहास को अपने सुपर कंप्यूटरों की मदद से खोजते हुए मुझे बीसवीं शताब्दी के भारत नामक देश के एक उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद के लिखे दो उपन्यास गोदान और रंगभूमिदेखने को मिले। इन दोनों उपन्यासों से उस जमाने के बारे में बड़ी ही रोचक जानकारी मिलती है :

1. इन उपन्यासों से पता चलता है कि उस काल में विश्व देशों में बँटा हुआ था तथा देश राज्यों में। भारतीय समाज में विभिन्न वर्ग थे। कुछ लोगों का जमीनों पर आधिपत्य था तथा कुछ लोग उनकी जमीनों पर कार्य करते थे। समाज में सत्ता के मालिक लोग-जमींदार, महाजन, पुजारी और औपनिवेशिक नौकरशाह थे। ‘गोदान’ में किसान होरी और उसकी पत्नी धनिया को ये लोग अपने दमन चक्र में ऐसा फाँसते हैं कि वे भूमिहीन मज़दूर बन जाते हैं। पर सबके बावजूद होरी और धनिया अपनी गरिमा बनाए रखते हैं।

2. इस तरह दूसरे उपन्यास रंगभूमि का केन्द्रीय चरित्र, सूरदास तथाकथित अछूत जाति का ज्योतिहीन भिखारी है। इस चरित्र को तम्बाकू फैक्ट्री के लिए अपनी जमीन को कब्जा होने से बचाने के लिए संघर्ष करते हुए प्रस्तुत किया गया है। उस जमाने में मानव की औद्योगीकरण की शुरूआत और उसके मानव के जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव को बताया। गया है। इससे हम यह सोचने पर मजबूर होते हैं कि इस औद्योगीकरण से किसको फायदा हुआ। क्या मानव विकास सही दिशा में हुआ है?

आज 3035 के एक इतिहासकार होने के नाते बीसवीं सदी के उपन्यासों से प्राप्त जानकारी से जहाँ यह पता चलता है उस समय मानव किस तरह वर्गों, जातियों, अमीरी-गरीबी के संघर्षों में फँसा रहता था। वहीं यह तथ्य भी निकलता है। कि मानव शुरू से ही संघर्षशील रहा है तथा हर काल व समय में वह अपनी समस्याओं का मुकाबला करने में सक्षम रहता है। जैसे औद्योगीकरण की शुरूआत मानव के लिए फायदे व नुकसान दोनों लेकर आई वैसे ही हम 3035 ई० की अपनी मशीनी समस्याओं को भी उसी परिप्रेक्ष्य में समझ सकते हैं कि आखिर मानव ने क्या पाया है और क्या पाना चाहता है?

Hope given NCERT Solutions for Class 10 Social Science History Chapter 8 are helpful to complete your homework.

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