CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 5

CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 5

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CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 5

Board CBSE
Class 10
Subject Social Science
Sample Paper Set Paper 5
Category CBSE Sample Papers

Students who are going to appear for CBSE Class 10 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme as prescribed by the CBSE is given here. Paper 5 of Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium is given below with free PDF download Answers.

समय : 3 घण्टे
पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश:

  • इस प्रश्न-पत्र में कुल 26 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • प्रत्येक प्रश्न के अंक उसके सामने दिए गए हैं।
  • प्रश्न संख्या 1 से 7 अति लघु-उत्तरीय प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है।
  • प्रश्न संख्या 8 से 18 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 80 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
  • प्रश्न संख्या 19 से 25 तक प्रत्येक प्रश्न 5 अंक का है। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 100 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
  • प्रश्न संख्या 26 मानचित्र से सम्बंधित है। इसके दो भाग हैं 26(A) और 26(B) / 26(A) 2 अंक का इतिहास से तथा 26(B) 3 अंक का भूगोल से है। मानचित्र का प्रश्न पूर्ण होने पर उसे अपनी उत्तर-पुस्तिका के साथ नत्थी करें।
  • पूर्ण प्रश्न-पत्र में विकल्प नहीं हैं। फिर भी कई प्रश्नों में आंतरिक विकल्प हैं। ऐसे सभी प्रश्नों में से प्रत्येक से आपको एक ही विकल्प हल करना है।

प्र० 1.
भारत में सबसे पहले महात्मा गाँधी ने सत्याग्रह किस स्थान पर आयोजित किया था? 1

प्र० 2.
वह कौन-सा खनिज है जो चट्टानों के विघटन से बनता है? 1

प्र० 3.
ग्रामीण स्थानीय सरकार को और किस नाम से जाना जाता है? 1

प्र० 4.
‘उत्तरदायी लोकतंत्र’ की एक विशेषता बताइए? 1

प्र० 5.
कौन-सा संगठन विदेशी व्यापार और विदेशी निवेश के उदारीकरण पर बल देता है? 1

प्र० 6.
‘समर्थक ऋणाधार’ किसे कहते हैं? 1

प्र० 7.
‘सूचना का अधिकार अधिनियम कब पारित हुआ? 1

प्र० 8.
विश्व को जोड़ने में रेशम मार्ग (सिल्क रूट) की भूमिका की व्याख्या कीजिए। 3
अथवा
लोगों को मनोरंजन के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए इंग्लैंड में 19वीं शताब्दी में मनोरंजन के कौन-कौन से साधन प्रयोग में लाए गए? 3
अथवा
आदि-औद्योगीकरण ने किसानों और दस्तकारों को किस प्रकार लाभान्वित किया? स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 9.
राष्ट्रवादियों पर शिकंजा कसने के लिए ब्रिटिश प्रशासन द्वारा उठाए गए किन्हीं तीन दमनकारी उपायों का वर्णन कीजिए। (3 x 1 = 3)

प्र० 10.
“भारतीय उपन्यासकारों ने जातिप्रथा कुरीति को किस प्रकार पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया?” इसे दो उदाहरणों द्वारा स्पष्ट करें। 3
अथवा
वर्नाक्युलर या देसी प्रेस एक्ट पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 3

प्र० 11.
शहरों में ‘असहयोग आंदोलन’ के मंद होने के किन्हीं तीन कारणों को स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 12.
समाप्यता के आधार पर संसाधनों को कितने वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है? प्रत्येक वर्ग की तीन-तीन विशेषताएँ बताइए। 3

प्र० 13.
“भारत में जल अति महत्त्वपूर्ण और दुर्लभ संसाधन है।” इस कथन को दो बिंदुओं में स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 14.
विश्व के अधिकतर देशों में लोकतंत्र के समक्ष प्रमुख चुनौतियों की चर्चा कीजिए। 3

प्र० 15.
ऐसे प्रमुख प्रावधानों की व्याख्या कीजिए जो भारत को धर्मनिरपेक्ष देश बनाते हैं? 3

प्र० 16.
सामाजिक विभाजनों की राजनीति के परिणाम तय करने वाले तीन कारकों की चर्चा कीजिए। 3

प्र० 17.
सूचना और संचार प्रौद्योगिकी ने वैश्वीकरण की प्रक्रिया को किस प्रकार उत्प्रेरित किया है? उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए? 3

प्र० 18.
खरीददारी करते समय आप कुछ चिन्ह देखते हैं, जैसे ISI, एगमार्क या हॉलमार्क। इन चिन्हों का क्या अर्थ होता है? स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 19.
नेपोलियन द्वारा अपने नियंत्रित क्षेत्रों में शुरू किए गए किन्हीं पाँच सामाजिक एवं प्रशासनिक सुधारों की व्याख्या कीजिए। 5
अथवा
“फ्रान्सीसियों द्वारा हनोई में ब्यूबॉनिक प्लेग के फैलने को नियंत्रित करने के लिए उठाए गये उपायों ने गंभीर समस्या उत्पन्न की।” उक्त कथन की व्याख्या कीजिए। 5

प्र० 20.
बहुउद्देशीय परियोजनाओं के दुष्परिणामों का वर्णन कीजिए। 5

प्र० 21.
“भारतीय सड़क परिवहन समस्याओं से ग्रस्त है।” किन्हीं पाँच समस्याओं का वर्णन कीजिए। 5

प्र० 22.
आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाएँ बिना राजनीतिक दलों के क्यों नहीं ठहर सकतीं? स्पष्ट कीजिए। 5

प्र० 23.
भारत की भाषा-नीति का वर्णन कीजिए। 5

प्र० 24.
वैश्वीकरण की प्रक्रिया में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की भूमिका स्पष्ट कीजिए। 5

प्र० 25.
उपभोक्ताओं का बाजार में किस प्रकार शोषण होता है? किन्हीं पाँच तथ्यों सहित स्पष्ट कीजिए। 5

प्र० 26.
(A) भारत के दिए गए राजनीतिक रेखा
मानचित्र पर-
पहचानिए : (a) से अंकित किया गया वह स्थान, जहाँ सितंबर 1920 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था। 1
पता लगाकर चिन्हित कीजिए : (b) वह स्थान, जहाँ सूती वस्त्र मिल मजदूरों का सत्याग्रह हुआ था। 1
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 5 Q26
(B) भारत के दिए गए राजनीतिक रेखा-मानचित्र पर-
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 5 Q26.1
पहचानिए :
(c) भिलाई : लोहा और इस्पात संयंत्र 1
(d) कोयम्बटूर : सूती वस्त्र उद्योग 1
पता लगाकर चिन्हित कीजिए :
(i) राजा सांसी : अंतर्राष्ट्रीय हवाई पत्तन 1
नोटः निम्नलिखित प्रश्न केवल दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों के लिए प्रश्न संख्या 26 के स्थान पर हैं : (5 x 1 = 5)
(a) उस स्थान का नाम लिखिए जहाँ सितंबर, 1920 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था।
(b) उस स्थान का नाम लिखिए जहाँ सूती वस्त्र मिल मजदूरों का सत्याग्रह हुआ था।
(c) भिलाई लोहा और इस्पात संयंत्र किस राज्य में स्थित है?
(d) कोयम्बटूर सूती वस्त्र उद्योग किस राज्य में स्थित है?
(e) राजा सांसी अंतर्राष्ट्रीय हवाई पत्तन किस शहर में स्थित है?

Answers

उत्तर 1.
महात्मा गाँधी ने सत्याग्रह सन् 1916 में चम्पारन (बिहार) में आयोजित किया था।

उत्तर 2.
बॉक्साइट।

उत्तर 3.
पंचायती राज।

उत्तर 4.
प्रमुख नीतियों और नए कानूनों पर खुली सार्वजनिक चर्चा।

उत्तर 5.
‘विश्व व्यापार संगठन’ (WTO).

उत्तर 6.
यह कर्जदार की ऐसी संपत्ति है, जिसका उपयोग वह उधारदाता को गारंटी देने के रूप में देने के लिये करता है।

उत्तर 7.
अक्तूबर, 2005.

उत्तर 8.
वह मार्ग जिससे चीनी रेशम (सिल्क) पश्चिम की ओर भेजा जाता था, रेशम मार्ग कहलाता है। इतिहासकारों ने बहुत सारे सिल्क मार्गों के बारे में बताया है। जमीन या समुद्र से होकर गुजरने वाले ये रास्ते ने केवल एशिया के विशाल क्षेत्रों को एक-दूसरे से जोड़ने का काम करते थे बल्कि एशिया को यूरोप और उत्तरी अफ्रीका से भी जोड़ते थे। इसी रास्ते से चीनी पॉटरी (Pottery)’ और भारत के दक्षिण-पूर्व एशिया के कपडे व मसाले दुनिया के दूसरे भागों तक पहुँचते थे। वापसी में सोने-चाँदी जैसी कीमती धातुएँ यूरोप से एशिया पहुँचती थीं। इस प्रकार विश्व को जोड़ने में रेशम मार्ग ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अथवा

19वीं शताब्दी में संभ्रांत परिवारों के समूह के लिए ऑपेरा, रंगमंच और शास्त्रीय संगीत आदि कई प्रकार के सांस्कृतिक आयोजन किए जाते थे। कारीगर अपना खाली समय पब या शराबघरों में बिताते थे। लोगों को ब्रिटेन के इतिहास और उपलब्धियों से परिचित कराने के लिए बहुत से पुस्तकालय, कला-दीर्घाएँ और संग्रहालय खोले जाने लगे। निचले वर्ग के लोगों में संगीत सभा काफी लोकप्रिय थी और 20वीं सदी आते-आते विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों के लिए सिनेमा भी मनोरंजन का महत्त्वपूर्ण साधन बन गया।

अथवा

नए व्यापारियों के गाँवों की ओर आकर्षित होने के कारण किसानों को उपज बढ़ाने के लिए पेशगी भुगतान किया जाने लगा। व्यापारियों के लिए काम करते हुए वे गाँव में रहते हुए ही अपने छोटे-छोटे खेतों को भी संभाल सकते थे। इस आदि-औद्योगिक उत्पादन से होने वाली आय ने खेती के कारण सिमटती आय में बड़ा सहारा प्रदान किया। अब उन्हें पूरे परिवार के श्रम संसाधनों के इस्तेमाल का अवसर भी मिल गया। इस व्यवस्था से शहरों और गाँवों के बीच एक घनिष्ठ संबंध विकसित हुआ।

उत्तर 9.
राष्ट्रवादियों पर शिकंजा कसने के लिए ब्रिटिश प्रशासन द्वारा निम्नलिखित दमनकारी उपायों को अपनाया गया :

  1. ब्रिटिश प्रशासन ने निर्ममता का रास्ता अपनाया। शांतिपूर्ण सत्याग्रहियों पर हमले किए गए, औरतों व बच्चों को मारा पीटा गया और लगभग एक लाख लोग गिरफ्तार किए गए।
  2. बड़े कांग्रेसी नेताओं जैसे खान अब्दुल, गफ्फार खान और जवाहरलाल नेहरू को जेल में डाल दिया गया | और कांग्रेस को गैरकानूनी दल घोषित कर दिया गया।
  3. सभाओं, प्रदर्शनों और बहिष्कार जैसी गतिविधियों को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए गए।

उत्तर 10.

  1. मुंशी प्रेमचंद ने ‘रंगभूमि’ उपन्यास में केंद्रीय पात्र सूरदास, जो अछूत जाति का अंधा भिखारी है, के माध्यम से जातिप्रथा पर प्रकाश डाला है। जिसमें सूरदास अपनी भूमि के लिए जीवन भर संघर्ष करता रहता है।
  2. केरल की निम्न जाति के लेखक पोथेरी कुंजाम्बु ने “सरस्वती विजयम” नामक उपन्यास लिखा, जिसमें उन्होंने जाति-दमन की कड़ी निंदा की। यह उपन्यास निम्न जाति के लोगों की उन्नति के लिए शिक्षा के महत्त्व को दर्शाता है।

अथवा
वर्नाक्युलर या देसी प्रेस एक्ट – अंग्रेजी सरकार ने 1857 की क्रांति के बाद से प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगा दिया था। यही नहीं अंग्रेजों ने देसी प्रेस को भी बंद करने की माँग की। जैसे-जैसे भाषाई समाचार पत्र राष्ट्रवाद की भावना को जागृत करने लगे वैसे-वैसे औपनिवेशिक सरकार में कड़े नियंत्रण के प्रस्ताव पर बहस तेज़ होने लगी। आइरिश प्रेस कानून की तर्ज पर 1878 में वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट लागू कर दिया गया। इससे सरकार को भाषाई प्रेस में छपी रिपोर्ट और संपादकीय को सेंसर करने का व्यापक अधिकार मिल गया। सरकार विभिन्न प्रदेशों में छपने वाले भाषाई अख़बारों पर नियमित नज़र रखने लगी। इस एक्ट के अनुसार अख़बारों को जब्त किया जा सकता था और छपाई की मशीनें छीन ली जा सकती थीं।

उत्तर 11.
असहयोग आन्दोलन के शहरों में धीमी पड़ने के कारण :

  1. हाथ से बना खादी का कपड़ा मिलों में भारी मात्रा में बनने वाले कपड़े के मुकाबले में प्रायः महँगा होता था और गरीब लोग उसे खरीद नहीं सकते थे। अतः वे मिलों के कपड़े का लंबे समय तक बहिष्कार नहीं कर सकते थे।
  2. ब्रिटिश संस्थानों के बहिष्कार से भी समस्या पैदा हो गई थी। आंदोलन की सफलता के लिए वैकल्पिक भारतीय संस्थानों की स्थापना आवश्यक थी ताकि ब्रिटिश संस्थानों के स्थान पर उनका प्रयोग किया जा सके। परन्तु वैकल्पिक संस्थानों की स्थापना की प्रक्रिया धीमी थी। फलस्वरूप विद्यार्थी और शिक्षक सरकारी स्कूलों में लौटने लगे और वकील दोबारा सरकारी अदालतों में दिखाई देने लगे।
  3. काउंसिल के चुनावों का भी सभी वर्गों ने बहिष्कार नहीं किया था। मद्रास की जस्टिस पार्टी ने काउंसिल चुनावों में भाग लिया।

उत्तर 12.
समाप्यता के आधार पर संसाधनों को दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है-
(क) नवीकरणीय संसाधन एवं
(ख) अनवीकरणीय संसाधन।
नवीकरणीय संसाधन वह संसाधन हैं जिनको प्रयोग करने के पश्चात् पुनः प्राप्त किया जा सकता है।

  • इन्हें भौतिक, रासायनिक प्रक्रियाओं द्वारा नवीकरण या पुनः प्राप्त किया जा सकता है।
  • इन्हें पुनः पूर्ति योग्य संसाधन भी कहा जाता है।
  • उदाहरण-सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वार ऊर्जा, जल, वन आदि।

अनवीकरणीय संसाधन वह संसाधन हैं जिनको प्रयोग करने के पश्चात् पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता। इनकी पुनः प्राप्ति केवल लंबे भूगर्भिक काल के पश्चात् ही संभव है।

  • इनका प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा पुनस्र्थापन नहीं होता। यह संसाधन मानवीय क्रियाओं द्वारा समाप्त होते जा रहे हैं।
  • इनके पुनःनिर्माण में लाखों-करोड़ों वर्षों का समय लगता है।
  • उदाहरण-खनिज, जीवाश्म ईंधन, पैट्रोलियम उत्पाद, कोयला आदि।

उत्तर 13.
भारत में जल के अति महत्त्वपूर्ण और दुर्लभ संसाधन होने के कारण :

  1. भारत में लगभग 22% विद्युत आपूर्ति जल से प्राप्त होती है जो उद्योगों के लिए अति आवश्यक है। कृषि क्षेत्र भी जल के बिना उपज उगाने में सक्षम नहीं है क्योंकि कृषि क्षेत्र को सबसे अधिक जल की आवश्यकता होती है। घरेलू क्षेत्र को भी विभिन्न कार्यों को करने के लिए जल की आवश्यकता है।
  2. जल एक दुर्लभ संसाधन भी है क्योंकि भारत में जल की उपलब्धता सीमित है। भारत में जल की कमी इसके अति शोषण, अत्यधिक प्रयोग और समाज के विभिन्न वर्गों में जल के असमान वितरण के कारण होती है।

उत्तर 14.
लोकतंत्र के समक्ष तीन प्रमुख चुनौतियाँ हैं :
(i) आधारित चुनौतियाँ-इनमें सम्मिलित हैं :
(क) गैर-लोकतांत्रिक शासकों को विस्थापित करना तथा सरकार को सेना के नियंत्रण से दूर रखना।
(ख) संप्रभु एवं शक्तिशाली राज्य की स्थापना करना।

(ii) विस्तार सम्बंधी चुनौतियाँ-इनमें सम्मिलित हैं :
(क) पूरी दुनिया में लोकतंत्र के मौलिक सिद्धांतों को लागू करना।
(ख) स्थानीय सरकारों के लिए अधिक स्वायत्तता एवं शक्ति, संघीय सिद्धांतों का विस्तार तथा अधिक-से-अधिक महिलाओं तथा अल्पसंख्यक समूहों को शामिल करना।

(iii) लोकतंत्र की जड़ें मजबूत करने से सम्बंधित चुनौतियाँ-इनमें सम्मिलित हैं :
(क) लोकतांत्रिक सरकार के सिद्धांतों को प्रचार-प्रसार व उन्हें लागू करना।
(ख) लोकतंत्र के प्रति लोगों की आस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाना।

उत्तर 15.
प्रावधान .जो भारत को धर्मनिरपेक्ष देश बनाते हैं|

  1. भारत ने किसी भी धर्म को राजकीय धर्म के रूप में अंगीकार नहीं किया है। भारत का संविधान किसी भी धर्म को विशेष दर्जा नहीं देता।।
  2. संविधान सभी नागरिकों और समुदायों को किसी भी धर्म का पालन करने और प्रचार करने की स्वतंत्रता देता है।
  3. संविधान धर्म के आधार पर किए जाने वाले किसी तरह के भेदभाव को अवैधानिक घोषित करता है।
  4. संविधान धार्मिक समुदायों में समानता सुनिश्चित करने के लिए शासन को धार्मिक मामलों में दखल देने का अधिकार देता है।

उत्तर 16.
सामाजिक विभाजनों की राजनीति के परिणाम तय करने वाले तीन कारक :

  1. लोगों में अपनी पहचान के प्रति आग्रह की भावना – यदि लोग खुद को विशिष्ट और अलग मानने लगते हैं तो अन्य लोगों के साथ तालमेल बैठाना बहुत मुश्किल हो जाता है।
  2. समुदाय की माँगों के प्रति राजनीतिक दलों का दृष्टिकोण – सामाजिक विभाजनों की राजनीति के परिणाम तय करने वाला दूसरा मुख्य कारक यह है कि विभिन्न राजनीतिक दल समुदाय की मांगों को किस प्रकार उठा रहे हैं।
  3. सरकार का रुख – सरकार यदि सत्ता में साझेदारी करने को तैयार हो तो सामाजिक विभाजन नहीं होता परंतु यदि ऐसी मांग को दबाया जाता है तो सामाजिक विभाजन बढ़ता जाता है।

उत्तर 17.
सूचना और संचार प्रौद्योगिकी ने वैश्वीकरण की प्रक्रिया को निम्न प्रकार से उत्प्रेरित किया है :

  1. दूरसंचार सुविधाओं का विश्व भर में एक-दूसरे से सम्पर्क करने, सूचनाओं को तत्काल प्राप्त करने और दूरवर्ती क्षेत्रों से संवाद करने में प्रयोग किया जाता है।
  2. इंटरनेट के माध्यम से विश्व और करीब आ गया है। विभिन्न देश, इंटरनेट के माध्यम से अपने यहाँ बैठे-बैठे ही अपनी सुविधानुसार, अन्य देशों के लिए कई कार्य करते हैं। जैसे-लंदन में प्रकाशित एक समाचार-पत्रिका की डिजाइनिंग और छपाई दिल्ली में की जाती है।
  3. इंटरनेट से हम तत्काल इलेक्ट्रॉनिक डाक (ई-मेल) भेज सकते हैं और अत्यंत कम मूल्य पर विश्व-भर में बात (वॉयस-मेल) कर सकते हैं।

उत्तर 18.
जब उपभोक्ता कोई वस्तु या सेवाएँ खरीदता है, तो ये शब्दचिन्ह (लोगो) और प्रमाणक चिन्ह उन्हें उत्तम गुणवत्ता सुनिश्चित कराने में सहायता करते हैं। ऐसे संगठन, जो अनुवीक्षण तथा प्रमाणपत्रों को जारी करते हैं, उत्पादकों को उनके द्वारा श्रेष्ठ गुणवत्ता पालन करने की स्थिति में शब्दचिन्ह (लोगो) प्रयोग करने की अनुमति देते हैं।

उत्तर 19.
अपने शासन वाले क्षेत्रों में शासन व्यवस्था को अधिक कुशल बनाने के लिए नेपोलियन ने निम्नलिखित बदलाव किए :

  1. 1804 की नागरिक संहिता, जिसे आमतौर पर नेपोलियन की संहिता के नाम से जाना जाता है, ने जन्म पर आधारित विशेषाधिकार समाप्त कर दिए।
  2. उसने कानून के समक्ष समानता और संपत्ति के अधिकार को सुरक्षित बनाया।
  3. डच गणतंत्र, स्विट्ज़रलैंड, इटली और जर्मनी में नेपोलियन ने प्रशासनिक विभाजनों को सरल बनाया।
  4. नेपोलियन ने सामंती व्यवस्था को समाप्त किया और किसानों को भू-दासत्व और जागीरदारी शुल्कों से मुक्ति दिलाई।
  5. शहरों में भी कारीगरों के श्रेणी-संघों पर लगे नियंत्रणों को हटा लिया गया। यातायात और संचार-व्यवस्थाओं को भी सुधारा गया।
  6. नेपोलियन ने एक समान कानून, मानक भार तथा नाप और एक राष्ट्रीय मुद्रा को अपनाकर अत्यंत सराहनीय प्रशासनिक सुधार किया। (कोई पाँच)

अथवा

  1. हनोई के फ्रांसीसी आबादी वाले हिस्से को एक खूबसूरत और साफ-सुथरे शहर के रूप में बनाया गया था। शहर के आधुनिक भाग में लगे विशाल सीवर आधुनिकता के प्रतीक थे। यही सीवर चूहों के पनपने के लिए भी आदर्श साबित हुए। ये सीवर चूहों की निर्बाध आवाजाही के लिए भी उचित थे। इनमें चलते हुए चूहे पूरे शहर में बेखटके घूमते थे और इन्हीं पाइपों के रास्ते वह फ्रांसीसियों के चाक-चौबंद घरों में घुसने लगे।
  2. इस समस्या से छुटकारा पाने हेतु फ्रांसीसियों ने वियतनामी कामगारों को प्रत्येक चूहे को पकड़ने के बदले उचित इनाम की पेशकश की। हजारों की संख्या में चूहे पकड़े जाने लगे। इससे वियतनामी कामगारों को फ्रांसीसियों से सौदा करने का अवसर मिला। सीवरों में घुसकर चूहे पकड़ने के गंदे कार्य को करने वालों ने पाया कि यदि वह एक हो जाएं तो इस कार्य के बदले अच्छी-खासी रकम ले सकते हैं।
  3. इस स्थिति ने वियतनामियों को लाभ के नए तरीके भी सुझाए। मारे गए प्रत्येक चूहे की पूंछ दिखाने पर उन्हें रकम दी जाती थी। इसलिए चूहे पकड़ने वाले चूहे की पूंछ काटकर उसे फिर से छोड़ देते थे ताकि समस्या ज्यों की त्यों रहे तथा उनकी नियमित आमदनी भी होती रहे।
  4. वियतनामी कामगारों के इस कार्य से हार कर फ्रांसीसियों ने इस कार्यक्रम को स्थगित कर दिया। सन् 1903 में पूरा क्षेत्र ब्यूबोनिक प्लेग की चपेट में आ गया। इस प्रकार चूहों की समस्या फ्रांसीसियों के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन कर उभरी। यह घटना प्रतिदिन होने वाले वियतनामी जनमानस तथा फ्रांसिसी उपनिवेशवाद के टकराव का एक उदाहरण मात्र थी।

उत्तर 20.
बहुउद्देशीय परियोजनाओं के दुष्परिणाम :

  1. बाँध के जल के उपयोग और लाभ प्राप्त करने के कारण संघर्ष पैदा होते हैं। जैसे-गुजरात में साबरमती बेसिन में सूखे के दोरान नगरीय क्षेत्रों में अधिक जलापूर्ति के कारण किसानों ने उपद्रव किया।
  2. बहुउद्देशीय परियोजनाओं की लागत और लाभ के बँटवारे के प्रश्न पर अंतर्राज्यीय विवाद भी हो रहे हैं, जैसे-कृष्णा-गोदावरी विवाद की शुरूआत महाराष्ट्र सरकार द्वारा कोयना नदी पर जल विद्युत परियोजना के लिए बाँध बना कर जल की दिशा में परिवर्तन कर कर्नाटक और आंध्रप्रदेश सरकारों द्वारा आपत्ति करने पर हुई क्योंकि इससे इन राज्यों में पड़ने वाले नदी के निचले हिस्सों में जल प्रवाह कम हो जाएगा और कृषि तथा उद्योग पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
  3. जलाशयों में तलछट जमा होने से ये बाढ़ का कारण बनते हैं।
  4. इनसे जलजनित बीमारियाँ व फसलों में कीटाणुजनित बीमारियाँ होती हैं और प्रदूषण भी फैलता है।
  5. इनसे भूकंप की संभावना में वृद्धि होती है।

उत्तर 21.
भारतीय सड़क परिवहन की समस्याएँ :

  1. भारत में जनसंख्या 102.7 करोड़ से अधिक है। साथ ही साथ ढोये जाने वाले माल की मात्रा अत्यधिक है। इन दोनों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सड़क जाल कम पड़ता है।
  2. भारत में लगभग 50% सड़कें कच्ची हैं जो वर्षा ऋतु में उपयोगहीन हो जाती हैं क्योंकि वर्षा ऋतु में ये कीचड़ से भर जाती हैं जिससे जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है।
  3. सड़कों के किनारे सुविधाओं का अभाव है। सड़कों पर बने पुल तथा पुलिया सँकरी हैं तथा अधिकतर पुरानी होने के कारण इनके टूटने का डर रहता है।
  4. दुर्घटनाओं के समय प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएँ सड़कों के किनारे पीड़ितों को नहीं दी जा सकती है। इससे अनेकों लोगों की अकारण मृत्यु हो जाती है।
  5. राष्ट्रीय महामार्ग कम चौड़े होने के कारण वाहनों की गति मंद होती है जिससे पेट्रोल-डीजल का खर्च अधिक आता है और यात्रा महँगी पड़ती है।

उत्तर 22.
आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाएँ बिना राजनीतिक दलों के नहीं ठहर सकतीं क्योंकि-

  1. राजनीतिक दलों का उदय प्रतिनिधित्व पर आधारित लोकतांत्रिक व्यवस्था के उभार के साथ जुड़ा है।
  2. जब समाज बड़ा और जटिल हो जाता है तब समाज के विभिन्न मुद्दों पर अलग-अलग विचारों को समेटने और सरकार की नज़रों में लाने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों की आवश्यकता होती है।
  3. विभिन्न राज्यों से आए प्रतिनिधियों को एकत्र करने की आवश्यकता होती है ताकि एक उत्तरदायी सरकार का गठन हो सके। इस कार्य को राजनीतिक दल ही पूरा कर सकते हैं।
  4. अगर दल न हों तो सारे उम्मीदवार स्वतंत्र या निर्दलीय होंगे। तब, इनमें से कोई भी बड़े नीतिगत बदलाव के बारे में लोगों से चुनावी वायदे करने की स्थिति में नहीं होगा।
  5. निर्वाचित प्रतिनिधि सिर्फ अपने निर्वाचन क्षेत्रों में किए गए कामों के लिए जवाबदेह होंगे। लेकिन, देश कैसे चले इसके लिए कोई उत्तरदायी नहीं होगा।

उत्तर 23.
भारत के संघीय ढाँचे की दूसरी परीक्षा भाषा-नीति को लेकर हुई। हमारे संविधान में किसी एक भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं दिया है। हिंदी को राजभाषा माना गया पर हिंदी केवल 40% (लगभग) भारतीयों की मातृभाषा है इसलिए अन्य भाषाओं के संरक्षण के अनेक उपाय किए गए। संविधान में हिंदी के अलावा अन्य 21 भाषाओं को अनुसूचित भाषा का दर्जा दिया गया है। केंद्र सरकार के किसी पद का उम्मीदवार इनमें से किसी भी भाषा में परीक्षा दे सकता है बशर्ते उम्मीदवार इसको विकल्प के रूप में चुने। राज्यों की भी अपनी राजभाषाएँ हैं। राज्यों का अपना अधिकांश काम अपनी राजभाषा में ही होता है।

श्रीलंका के विपरीत हमारे देश के नेताओं ने हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देने के मामले में बहुत सावधानी भरा व्यवहार किया। संविधान के अनुसार, सरकारी कामकाज की भाषा के तौर पर अंग्रेज़ी का प्रयोग 1965 में बंद हो जाना चाहिए थी पर अनेक गैर-हिंदी भाषी प्रदेशों, जैसे-तमिलनाडु ने इस मांग के लिए उग्र रूप धारण कर लिया। केंद्र सरकार ने हिंदी के साथ-साथ अंग्रेज़ी को राजकीय कामों में प्रयोग की अनुमति देकर इस विवाद को सुलझाया। अनेक लोगों का मानना था कि इस समाधान से अंग्रेज़ी-भाषी अभिजन को लाभ पहुँचेगा। राजभाषा के रूप में हिंदी को बढ़ावा देने में भारत की नीति बनी हुई है पर बढ़ावा देने का मतलब यह नहीं कि केंद्र सरकार उन राज्यों पर भी हिंदी को थोप सकती है जहाँ लोग कोई और भाषा बोलते हैं। भारतीय राजनेताओं ने इस मामले में जो लचीला रुख अपनाया है उस कारण भारत श्रीलंका जैसी स्थिति में पहुँचने से बच गया है।

उत्तर 24.

  1. विकसित देशों की बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ छोटे उत्पादकों को उत्पादन का आर्डर देती हैं तत्पश्चात् उत्पाद को अपने ब्राण्ड नाम के साथ ग्राहकों को बेचती हैं।
  2. बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ दूरस्थ उत्पादकों के मूल्य, गुणवत्ता, आपूर्ति और श्रम शर्तों का निर्धारण कर उत्पादन पर नियंत्रण रखती हैं।
  3. बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ उस स्थान पर उत्पादन इकाई स्थापित करती हैं जो बाजार के निकट हो, जहाँ कम लागत पर कुशल और अकुशल श्रम उपलब्ध हों और जहाँ उत्पादन के अन्य कारकों की उपलब्धता हो। साथ ही यह सरकारी नीतियों पर भी नज़र रखती हैं जो उनके हितों की देखभाल करती हैं।
  4. कभी-कभी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ स्थानीय कंपनियों के साथ संयुक्त रूप से उत्पादन कर तथा उन पर नियंत्रण कर दोहरा लाभ कमाती हैं।
  5. बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने उत्पादन की नवीनतम प्रौद्योगिकी अपनाकर उत्पादन को तीव्रता प्रदान कर वैश्वीकरण को संभव बनाया है।
  6. बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ अन्य देशों में अपने उत्पादन का विस्तार कर रही हैं जिससे इन देशों में विदेशी निवेश की पूर्ति होती है।

उत्तर 25.
ऐसे प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं जिनसे उपभोक्ताओं का शोषण होता है :

  1. सीमित सूचना – उपभोक्ताओं को उत्पाद की सही सूचना देना आवश्यक होता है। परंतु उत्पादक वस्तु के बारे में सभी जानकारियाँ नहीं देता जिससे जानकारी के अभाव में उपभोक्ता गलत वस्तु चुन सकते हैं। तथा अपना पैसा आँवा सकते हैं।
  2. सीमित आपूर्ति – जब किसी वस्तु की आपूर्ति उसकी माँग से कम होती है तो इससे जमाखोरी की प्रवृत्ति बढ़ती है। परिणामस्वरूप कीमत बढ़ती है जिससे उपभोक्ता का शोषण होता है।
  3. सीमित प्रतियोगिता – जब किसी वस्तु का उत्पादन कम होता है तो उसका एकमात्र उत्पादक या एक से अधिक उत्पादक उस वस्तु की आपूर्ति पर नियंत्रण रखने में सफल होते हैं। परिणामस्वरूप वे वस्तु की आपूर्ति और कीमत को अपनी सुविधानुसार रखते हैं।
  4. व्यापार के अनुचित मापदंड – बाज़ार में शोषण कई रूपों में होता है। उदाहरणस्वरूप, कभी-कभी व्यापारी अनुचित व्यापार करने लग जाते हैं, जैसे दुकानदार उचित वजन से कम वजन तोलते हैं या व्यापारी उन शुल्कों को जोड़ देते हैं, जिनका वर्णन पहले न किया गया हो या मिलावटी / दोषपूर्ण वस्तुएँ बेची जाती हैं।
  5. भ्रामक विज्ञापन – उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए कंपनियाँ समय-समय पर मीडिया और अन्य स्रोतों से गलत सूचना देते हैं।

उत्तर 26.
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 5 S26
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 5 S26.1
(a) कलकत्ता
(b) अहमदाबाद (गुजरात)
(c) छत्तीसगढ़
(d) तमिलनाडु
(e) अमृतसर

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