CBSE Class 7

Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 34 युधिष्ठिर की चिंता और कामना

These NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant & Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 34 युधिष्ठिर की चिंता और कामना are prepared by our highly skilled subject experts.

Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 34 युधिष्ठिर की चिंता और कामना

Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers in Hindi Chapter 34

प्रश्न 1.
धृष्टद्युम्न ने द्रोण को युद्ध में क्यों उलझाए रखा ?
उत्तर:
धृष्टद्युम्न का मानना था कि यदि जयद्रथ की रक्षा हेतु द्रोण भी चले गए तो अनर्थ हो जाएगा। द्रोणाचार्य को रोके रखने के इरादे से धृष्टद्युम्न ने द्रोण पर आक्रमण जारी रखा। धृष्टद्युम्न की इस चाल के कारण कौरव सेना तीन हिस्सों में बँटकर कमजोर पड़ गई।

प्रश्न 2.
पांचाल सेना के रथ सवार धृष्टद्युम्न को युद्ध भूमि से क्यों हटा ले गए ?
उत्तर:
द्रोण के साथ युद्ध में धृष्टद्युम्न पर द्रोण ने भारी प्रहार किये। सात्यकि ने बीच में आकर धृष्टद्युम्न पर हमले को विफल कर दिया। द्रोण के हमले से बचाने के लिए रथ सवार उसे मैदान से हटा ले गए।

प्रश्न 3.
युधिष्ठिर ने धृष्टद्युम्न को क्या आदेश दिया ?
उत्तर:
युधिष्ठिर ने धृष्टधुम्न से कहा कि तुम्हें अभी जाकर द्रोणाचार्य पर आक्रमण करना चाहिए नहीं तो डर है कि कहीं आचार्य के हाथों सात्यकि का वध न हो जाए।

प्रश्न 4.
श्रीकृष्ण के पाञ्चजन्य शंख की ध्वनि से युधिष्ठिर विचलित क्यों हो गए ? उन्होंने क्या किया ?
उत्तर:
युधिष्ठिर ने जब कृष्ण के पाञ्चजन्य की ध्वनि सुनी तो उन्होंने सोचा कि अर्जुन संकट में है। उन्होंने सात्यकि से अर्जुन की सहायता के लिए जाने को कहा। सात्यकि के चले जाने पर द्रोणाचार्य ने पांडव सेना पर जोरदार आक्रमण कर दिया।

Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 34 युधिष्ठिर की चिंता और कामना

प्रश्न 5.
जब युधिष्ठिर ने भीम को अर्जुन की सहायता के लिए भेजा तो धृष्टद्युम्न ने क्या कहकर भीम को आश्वस्त दिया ?
उत्तर:
भीम ने धृष्टद्युम्न से कहा कि मैं युधिष्ठिर को तुम्हारे भरोसे छोड़कर जा रहा हूँ। धृष्टद्युम्न ने भीम से कहा कि तुम विश्वास रखो, द्रोण मेरा वध किए बगैर युधिष्ठिर को नहीं पकड़ पाएगा।

प्रश्न 6.
अर्जुन को सुरक्षित देखकर भीम ने सिंहनाद क्यों किया ?
उत्तर:
भीम ने सिंहनाद इसलिए किया ताकि युधिष्ठिर समझ जाएँ कि अर्जुन सुरक्षित है।

प्रश्न 7.
कर्ण और भीम के युद्ध का वर्णन करो ?
उत्तर:
कर्ण और भीम में भयंकर युद्ध होने लगा। भीमसेन उत्तेजना और उग्रता की प्रतिमूर्ति सा दिखाई दे रहा था। कर्ण जो कुछ करता था धीरज के साथ करता था। कर्ण और भीम के युद्ध में भीमसेन के रथ के घोड़े मारे गए। उसका धनुष भी कट गया। कर्ण ने भीम की ढाल को भी काट दिया। भीम कर्ण के रथ पर चढ़ गया। कर्ण ने अपने को भीमसेन की झपट से बचा लिया। भीम नीचे जमीन पर कूदकर विलक्षण युद्ध करने लगा।

प्रश्न 8.
भीम पूरी तरह कर्ण की गिरफ्त में था फिर भी कर्ण ने भीम का वध क्यों नहीं किया ?
उत्तर:
कर्ण चाहता तो भीम को मार सकता था परंतु वह निहत्थे भीम को मारना नहीं चाहता था। कर्ण को माता कुंती को दिया वचन याद था कि वह अर्जुन के अतिरिक्त किसी पांडव को युद्ध में नहीं मारेगा।

Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 34 युधिष्ठिर की चिंता और कामना

Bal Mahabharat Katha Class 7 Summary in Hindi Chapter 34

दुर्योधन को अर्जुन का पीछा करते देख पांडव सेना ने शत्रुओं पर जोरदार आक्रमण किया। धृष्टद्युम्न ने द्रोणाचार्य को रोके रखने के लिए उन पर लगातार आक्रमण जारी रखा। धृष्टद्युम्न ने द्रोणाचार्य के रथ पर चढ़कर द्रोण पर पागलों की भाँति वार किया। क्रोध में आकर द्रोण ने पैना बाण चलाया। सात्यकि ने उस बाण को बीच में ही काट दिया अन्यथा वह धृष्टद्युम्न के प्राण ही ले लेता। इसी बीच पांचाल सेना के रथ सवार धृष्टद्युम्न को वहाँ से हटा ले गए। सात्यकि द्रोण से युद्ध करता रहा तभी युधिष्ठिर ने अपने आस-पास के वीरों को सात्यकि की सहायता के लिए भेजा। युधिष्ठिर ने द्रोण पर हमला करने के लिए धृष्टद्युम्न को एक बड़ी सेना के साथ भेजा। इसी समय श्रीकृष्ण के पाञ्चजन्य शंख की ध्वनि सुनाई पड़ी। युधिष्ठिर चिंतित हो गए कि अर्जुन संकट में है। युधिष्ठिर ने सभी को अर्जुन की सहायता के लिए कहा। सात्यकि ने कहा कि आपकी रक्षा का भार हमारे ऊपर है। सात्यकि के जाते ही द्रोणाचार्य ने पांडव सेना पर हमला तेज कर दिया। युधिष्ठिर ने भीम को भी अर्जुन की सहायता के लिए भेज दिया। भीग उस स्थान पर पहुंच गया जहाँ अर्जुन और जयद्रथ का युद्ध चल रहा था। भीम ने सिंहनाद किया। जिसे सुनकर युधिष्ठिर आश्वस्त हो गए कि अर्जुन सुरक्षित है। थोड़े ही समय में दुर्योधन भी वहाँ आ गया और बुरी तरह हारकर मैदान छोड़कर भाग गया। द्रोण के कहने पर दुर्योधन फिर उसी स्थान पर आ गया जहाँ अर्जुन और जयद्रथ का युद्ध हो रहा था। भीम और कर्ण में रोमांचकारी युद्ध हुआ। कर्ण ने भीम को शस्त्र हीन कर दिया। भीम कूद कर कर्ण के रथ पर जा चढ़ा। कर्ण भीम को आसानी से मार सकता था परंतु उसको कुंती को दिया वचन याद था कि वह अर्जुन के अतिरिक्त किसी पांडव को नहीं मारेगा।

Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 34 युधिष्ठिर की चिंता और कामना Read More »

Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 33 अभिमन्यु

These NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant & Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 33 अभिमन्यु are prepared by our highly skilled subject experts.

Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 33 अभिमन्यु

Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers in Hindi Chapter 33

प्रश्न 1.
अर्जुन को युद्ध भूमि से दूर ले जाने के लिए कौरवों ने क्या किया ?
उत्तर:
संशप्तकों के साथ युद्ध करते-करते अर्जुन दक्षिण दिशा की ओर निकल गया। वे किसी भी प्रकार अर्जुन को दूर ले जाना चाहते थे।

प्रश्न 2.
अर्जुन के दूर चले जाने पर द्रोणाचार्य ने क्या किया ?
उत्तर:
अर्जुन के दूर चले जाने पर द्रोणाचार्य ने चक्रव्यूह की रचना की। पांडव सेना में केवल अर्जुन ही इस चक्रव्यूह को भेदना जानता था।

प्रश्न 3.
द्रोणाचार्य द्वारा व्यूह रचना की खबर पाकर युधिष्ठिर ने क्या किया ?
उत्तर:
युधिष्ठिर ने अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु को बुलाकर कहा कि द्रोणाचार्य के व्यूह को हममें से कोई भेदना नहीं जानता। अकेले तुम ही हो जो इस व्यूह को भेद सकते हो।

प्रश्न 4.
अभिमन्यु ने युधिष्ठिर की बात का क्या उत्तर दिया ?
उत्तर:
युधिष्ठिर की बात सुनकर अभिमन्यु बोला-“महाराज, इस चक्रव्यूह में मुझ प्रवेश करना तो आता है”, परन्तु किसी संकट के आने पर व्यूह से निकलना मुझे नहीं आता।

प्रश्न 5.
अभिमन्यु ने किस प्रकार व्यूह में प्रवेश किया ?
उत्तर:
अपने सारथी को उत्साहित करते हुए अभिमन्यु व्यूह में प्रवेश कर गया। द्रोणाचार्य के देखते ही देखते उसका बनाया हुआ व्यूह टूट गया। अभिमन्यु व्यूह के अंदर दाखिल हो गया और जो भी कौरव वीर अभिमन्यु का सामना करने आता वह पतंगे की तरह भस्म हो जाता था।

Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 33 अभिमन्यु

प्रश्न 6.
पांडव सेना व्यूह में क्यों प्रवेश नहीं कर सकी ?
उत्तर:
जब अभिमन्यु व्यूह तोड़कर अंदर घुसा उसी समय जयद्रथ अपनी विशाल सेना के साथ आ गया। उसने टूटे व्यूह को फिर से जोड़ दिया। इस प्रकार पांडव सेना बाहर ही रह गई। केवल अभिमन्यु ही व्यूह में प्रवेश कर सका।

प्रश्न 7.
दुर्योधन ने यह क्यों कहा कि अभिमन्यु का इसी समय वध कर दो ?
उत्तर:
अभिमन्यु ने अपने भाले के वार से दुर्योधन के पुत्र लक्ष्मण का वध कर दिया था। अपने पुत्र को मृत देखकर दुर्योधन ने कहा कि अभी इसी समय अभिमन्यु का वध कर दो।

प्रश्न 8.
कौरव महारथियों ने किस प्रकार अभिमन्यु पर आक्रमण किया ?
उत्तर:
द्रोणाचार्य, अश्वत्थामा, कृतवर्मा, कर्ण, कृपाचार्य आदि महारथी अभिमन्यु पर एक साथ टूट पड़े। कर्ण ने अभिमन्यु पर पीछे से आक्रमण किया। अभिमन्यु का धनुष टूट गया। उसका सारथी भी मारा गया तथा घोड़े भी मारे गए। अभिमन्यु अपने रथ का पहिया निकालकर ही युद्ध करने लगा। बाणों की बौछार से उसका पहिया भी चूर-चूर हो गया। अंत में दुःशासन के पुत्र की गदा के प्रहार से अभिमन्यु का प्राणांत हो गया।

प्रश्न 9.
अर्जुन ने अभिमन्यु की मृत्यु पर क्या प्रतिज्ञा की ?
उत्तर:
अर्जुन ने प्रतिज्ञा की कि जिसके कारण मेरे प्रिय पुत्र की मृत्यु हुई है, उस जयद्रथ का कल मैं सूर्यास्त होने से पहले वध करके रहूँगा।

प्रश्न 10.
अर्जुन की प्रतिज्ञा सुनकर जयद्रथ का क्या हाल हुआ ?
उत्तर:
अर्जुन की प्रतिज्ञा सुनकर जयद्रथ घबरा गया। उसने दुर्योधन से जाकर कहा कि वह अपने देश लौट जाना चाहता है। वह किसी से भी युद्ध नहीं करना चाहता।

Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 33 अभिमन्यु

Bal Mahabharat Katha Class 7 Summary in Hindi Chapter 33

युद्ध के तेरहवें दिन भी अर्जुन संशप्तकों द्वारा युद्ध के लिए ललकारने पर उनसे युद्ध करता हुआ दक्षिण दिशा की ओर निकल गया। अर्जुन के दूर निकल जाने पर द्रोणाचार्य ने चक्रव्यूह की रचना की। अर्जुन के अलावा कोई भी पांडव वीर चक्रव्यूह भेदना नहीं जानता. था। युधिष्ठिर ने अभिमन्यु को बुलाकर कहा कि केवल तुम ही द्रोण के बनाए चक्रव्यूह को तोड़ सकते हो। अभिमन्यु ने उत्तर दिया कि मुझे चक्रव्यूह में प्रवेश करना तो आता है परंतु उससे बाहर निकलना नहीं आता। युधिष्ठिर ने कहा-कि तुम एक बार चक्रव्यूह में प्रवेश कर लो। हम सब तुम्हारे पीछे-पीछे चले आएंगे। अभिमन्यु चक्रव्यूह में प्रवेश करने के लिए तैयार हो गया। अभिमन्यु अपने रथ पर सवार होकर युद्ध करते हुए चक्रव्यूह में प्रवेश कर गया। कौरव सेना में हलचल मच गई। देखते-देखते द्रोण का बनाया चक्रव्यूह टूट गया। जो भी कौरव वीर अभिमन्यु के सामने आता पतंगे की तरह भस्म हो जाता। इसी बीच जयद्रथ अपनी सेना लेकर आ गया और बड़ी कुशलता से युद्ध करते हुए टूटे चक्रव्यूह को पुनः जोड़ दिया। वह सेना लेकर पांडवों पर टूट पड़ा। पांडव सेना. चक्रव्यूह से बाहर ही रह गई। अभिमन्यु बड़ी वीरता से कौरव सैनिकों पर बाणों की वर्षा कर रहा था। अभिमन्यु के आक्रमण से कौरव सेना पीछे हटने लगी। तभी दुर्योधन का पुत्र अभिमन्यु आगे आया। वह अभिमन्यु से भिड़ गया। भाले की चोट खाकर वह वीर बालक मृत होकर गिर पड़ा। अपने पुत्र को मृत देखकर दुर्योधन ने चिल्लारकर कहा अभी इसी समय अभिमन्यु का वध कर दो। अभिमन्यु को द्रोण, अश्वत्थामा, कृतवर्मा, वृहदबल आदि महारथियों ने चारों ओर से घेर लिया। कर्ण ने पीछे की ओर से अभिमन्यु पर बाण चलाए जिससे उसका धनुष टूट गया। अभिमन्यु का सारथी व घोड़े भी मारे गए। अभिमन्यु तुरंत अपने टूटे रथ का पहिया निकालकर शत्रुओं से भिड़ गया। कौरव सेना चारों ओर से उस पर टूट पड़ी। उसके हाथ का पहिया भी चूर-चूर हो गया। इसी बीच दुःशासन का पुत्र गदा लेकर अभिमन्यु पर झपटा। अभिमन्यु ने भी गदा उठा ली। दोनों वीर घायल होकर गिर पड़े। ‘ दुःशासन का पुत्र पहले उठ गया और गदा का वार अभिमन्यु के सिर पर किया। अभिमन्यु के प्राण पखेरु उड़ गए। संध्या के समय अर्जुन को अभिमन्यु के वध का पता चला तो उसने प्रतिज्ञा की कि जिसके कारण मेरे पुत्र की मृत्यु हुई है मैं उसका कल सूर्यास्त से पहले वध कर दूंगा।

Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 33 अभिमन्यु Read More »

Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 32 बारहवाँ दिन

These NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant & Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 32 बारहवाँ दिन are prepared by our highly skilled subject experts.

Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 32 बारहवाँ दिन

Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers in Hindi Chapter 32

प्रश्न 1.
युधिष्ठिर को पकड़ने में असफल होने पर कौरव पक्ष की ओर से क्या अफवाह फैलाई गई ?
उत्तर:
कौरव पक्ष की ओर से अफवाह फैलाई गई थी भगदत्त के हाथी ने भीमसेन को मार दिया।

प्रश्न 2.
भीमसेन मारा गया, यह अफवाह सुनकर पांडवों ने क्या किया ?
उत्तर:
पांडव सेना ने भगदत्त को चारों ओर से घेर कर भीषण युद्ध किया। इसी बीच भगदत्त ने अर्जुन पर तोमर चलाया। अर्जुन ने क्रोध में आकर भगदत्त को बाणों से छलनी कर दिया। इस प्रकार भगदत्त का अंत हो गया।

प्रश्न 3.
शकुनि के कौन-कौन से भाई युद्ध में भाग ले रहे थे ? उनका किससे सामना हुआ ?
उत्तर:
शकुनि के दो भाई वृषक और अचक बिना विचलित हुए अर्जुन के साथ युद्ध कर रहे थे। इन दोनों भाइयों ने अर्जुन को बहुत छकाया। अंत में अर्जुन ने भयानक बाण वर्षा की जिसके कारण ये दोनों भाई घायल होकर गिर पड़े और मृत्यु को प्राप्त हुए।

प्रश्न 4.
अपने भाइयों की मृत्यु के बाद शकुनि ने क्या किया ?
उत्तर:
भाइयों की मृत्यु के बाद शकुनि के क्रोध की सीमा न रही। उसने युद्ध शुरु कर दिया और उन सब उपायों से काम लिया, जिनमें उसे कुशलता प्राप्त थी। अर्जुन के बाणों से आहत होकर शकुनि को युद्ध क्षेत्र से हटना पड़ा।

प्रश्न 5.
बारहवें दिन के अंतिम पहर में किन-किन का युद्ध हुआ ?
उत्तर:
बारहवें दिन के अंत में पांडव सेना द्रोणाचार्य पर टूट पड़ी। खून की नदियाँ बहने लगीं। असंख्य वीर खेत रहे। तभी सूर्यास्त हुआ और सेनाएँ अपने-अपने शिविरों में लौट आई।

Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 32 बारहवाँ दिन

Bal Mahabharat Katha Class 7 Summary in Hindi Chapter 32

युधिष्ठिर को जीवित पकड़ लेने में विफल होने पर यह निश्चय किया गया कि अर्जुन को युद्ध के लिए ललकारा जाए और लड़ते-लड़ते उसे युधिष्ठिर से दूर ले जाया जाए। कौरवों की ओर से यह अफवाह फैलाई गई की भगदत्त के हाथी ने भीमसेन को मार दिया। युधिष्ठिर को भी विश्वास हो गया कि शायद भीमसेन मारा गया हो। वृद्ध भगदत्त को चारों ओर से घेर लिया। दूसरी ओर अर्जुन संशप्तकों से लड़ रहे थे। हाथी पर सवार भगदत्त ने श्रीकृष्ण और अर्जुन दोनों पर ही बाण चलाने शुरु कर दिए। भगदत्त द्वारा चलाया गया एक तोमर अर्जुन के मुकुट पर लगा। अर्जुन ने क्रोध में आकर भगदत्त पर बाण छोड़ा जिससे उसका धनुष टूट गया। अर्जुन ने अपने बाणों से भगदत्त की छाती भेदकर उसका काम तमाम कर दिया। कौरव सेना तितर-बितर हो गई। शकुनि के दो भाई वृषक और अचक बड़ी बहादुरी से लड़ते हुए अर्जुन के बाणों का शिकार हुए। शकुनि के क्रोध की सीमा न रही। शकुनि ने उन सब उपायों को अजमाया जो वह कर सकता था। अंत में अर्जुन के बाणों से आहत होकर शकुनि को युद्ध क्षेत्र से हटना पड़ा पांडवों की सेना द्रोणाचार्य पर टूट पड़ी। खून की नदियाँ बहने लगीं। इस प्रकार सूर्यास्त होने पर बारहवें दिन का युद्ध समाप्त हो गया।

Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 32 बारहवाँ दिन Read More »

Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 31 भीष्म शर-शय्या पर

These NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant & Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 31 भीष्म शर-शय्या पर are prepared by our highly skilled subject experts.

Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 31 भीष्म शर-शय्या पर

Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers in Hindi Chapter 31

प्रश्न 1.
दसवें दिन का युद्ध शुरू होते ही पांडवों ने शिखंडी को आगे क्यों कर दिया?
उत्तर:
शिखंडी के बारे में आपने पहले पढ़ा है कि अंबा ने तप करके भीष्म से बदला लेने के लिए शिखंडी का रूप धारण किया था। भीष्म औरतों पर बाण नहीं चला सकते थे अतः पांडवों ने शिखंडी को आगे कर दिया। इस कारण भीष्म ने धनुष बाण नीचे रख दिये। मौका पाकर अर्जुन ने भीष्म के शरीर को बाणों से छलनी कर दिया।

प्रश्न 2.
अर्जुन ने भीष्म की प्यास को कैसे बुझाया ?
उत्तर:
भीष्म के कहने पर अर्जुन ने धनुष तानकर भीष्म की दाहिनी बगल में पृथ्वी पर बड़े जोर से मारा। बाण पृथ्वी में घुसकर सीधा पाताल में जा लगा। उसी क्षण वहाँ से जल का स्रोत फूट निकला। पितामह भीष्म ने अमृत के समान मधुर व शीतल जल से अपनी प्यास बुझाई।

प्रश्न 3.
कर्ण जब भीष्म के पास गए तो भीष्म ने कर्ण से क्या कहा ?
उत्तर:
भीष्म ने कर्ण से कहा-“बेटा तुम राधा के पुत्र नहीं, कुंती के पुत्र हो। मैंने तुमसे कभी द्वेष नहीं किया। अकारण ही तुमने पांडवों से बैर रखा। तुम पांडवों में ज्येष्ठ हो। तुम उनसे मित्रता कर लो। मेरी इच्छा है कि युद्ध में मेरे सेनापतित्व के साथ ही पांडवों के प्रति तुम्हारे बैर-भाव का आज ही अंत हो जाए।

प्रश्न 4.
कर्ण ने भीष्म के इस कथन का कि तुम पांडवों से मित्रता कर लो, क्या उत्तर दिया ?
उत्तर:
कर्ण ने कहा-“पितामह मैं जानता हूँ कि मैं कुंती पुत्र हूँ, लेकिन यह मुझसे नहीं होगा कि मैं ऐसे समय में दुर्योधन का साथ छोड़ दूं और उनके शत्रुओं से जा मिलूँ। मैं दुर्योधन के पक्ष में ही रहकर युद्ध करना चाहता हूँ।”

प्रश्न 5.
दुर्योधन, कर्ण और दुःशासन युधिष्ठिर को जीवित क्यों पकड़ना चाहते थे ?
उत्तर:
दुर्योधन का मानना था कि युधिष्ठिर को जीवित पकड़ लिया जाए तो युद्ध शीघ्र ही बंद हो सकता है और कौरवों की जीत हो जाएगी। थोड़ा राज्य युधिष्ठिर को देकर बाद में उसके साथ जुआ खेलकर उससे राज्य सहज ही छीन लेंगे।

प्रश्न 6.
युधिष्ठिर के पकड़े जाने का शोर होने पर अर्जुन ने युधिष्ठिर को किस प्रकार छुड़ाया ?
उत्तर:
युधिष्ठिर के पकड़े जाने का शोर होने पर अचानक अर्जुन आ गया। उसने बाणों की ऐसी वर्षा की कि आकाश बाणों से भर गया और मैदान में अंधकार-सा छा गया। अर्जुन के हमले के कारण द्रोणाचार्य को पीछे हटना पड़ा और युधिष्ठिर को जीवित पकड़ने का उनका प्रयत्न विफल हो गया।

Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 31 भीष्म शर-शय्या पर

Bal Mahabharat Katha Class 7 Summary in Hindi Chapter 31

दसवें दिन का युद्ध शुरू होते ही पांडवों ने शिखंडी को आगे कर दिया। अर्जुन ने शिखंडी की आड़ लेकर पितामह के ऊपर बाण बरसाए। पितामह ने शिखंडी पर बाण नहीं चलाया। इस प्रकार, अर्जुन ने भीष्म को पूरी तरह से बाणों से बींध दिया। भीष्म रथ से सिर के बल युद्ध भूमि में गिर पड़े। भीष्म का सिर नीचे लटक रहा था। भीष्म के कहने पर अर्जुन ने ऐसे बाण छोड़े कि भीष्म के सिर के नीचे बाणों का तकिया बन गया। अर्जुन ने एक बाण पृथ्वी में मारा जिससे एक जल धारा फूट पड़ी जिससे भीष्म ने अपनी प्यास बुझाई। कर्ण को जब पता चला तो वे भीष्म के पास गए। भीष्म ने उन्हें बताया कि तुम कुंती के पुत्र हो। तुम पांडवों में सबसे बड़े हो। अकारण ही तुमने पांडवों से बैर रखा। तुम अब पांडवों से मित्रता कर लो। कर्ण ने यह कहकर मना कर दिया कि मैं अब दुर्योधन का साथ नहीं छोड़ सकता। आप मुझे अनुमति दें कि मैं दुर्योधन की ओर से लहूं। मैं आपसे अपने सभी दोषों के लिए क्षमा मांगता हूँ।

भीष्म पितामह का आशीर्वाद पाकर कर्ण रथ पर चढ़कर युद्ध क्षेत्र में गया। कर्ण को देखकर दुर्योधन बहुत प्रसन्न हुआ। भीष्म के बाद द्रोणाचार्य को सेनापति बनाया गया। द्रोणाचार्य ने पाँच दिन तक सेना का संचालन किया। उनके हाथों पांडवों की सेना बहुत सताई गई। दुर्योधन, कर्ण और दुःशासन ने सलाह करके द्रोणाचार्य से कहा कि आप किसी तरह युधिष्ठिर को जीवित पकड़कर हमारे हवाले कर दें। द्रोण दुर्योधन के उद्देश्य को समझ गया था। ऐसा करके वे अनायास ही युद्ध में विजय प्राप्त कर लेना चाहते थे। द्रोण ने ऐसी व्यूह रचना की कि उसने युधिष्ठिर को चारों ओर से घेर लिया और युधिष्ठिर को पकड़ लिया। तभी अर्जुन को पता चला उसने आकर बाणों की भीषण वर्षा की जिससे अंधेरा-सा छा गया। अर्जुन ने युधिष्ठिर को छुड़ा लिया। इसी के साथ ग्यारहवें दिन का युद्ध समाप्त हो गया।

Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 31 भीष्म शर-शय्या पर Read More »

Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 30 सातवाँ, आठवाँ और नवाँ दिन

These NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant & Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 30 सातवाँ, आठवाँ और नवाँ दिन are prepared by our highly skilled subject experts.

Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 30 सातवाँ, आठवाँ और नवाँ दिन

Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers in Hindi Chapter 30

प्रश्न 1.
सातवें दिन के युद्ध की क्या विशेषता थी ?
उत्तर:
सातवें दिन का युद्ध एक मोर्चे पर केन्द्रित न होकर व्यापक रूप से हो रहा था। बड़े-बड़े योद्धा विभिन्न मोर्चों पर युद्ध कर रहे थे।

प्रश्न 2.
सातवें दिन का युद्ध किस-किस के बीच हुआ ?
उत्तर:
सातवें दिन का युद्ध व्यापक रूप से हुआ जिसमें प्रमुख मुकाबला अर्जुन और भीष्म, द्रोणाचार्य और विराट राज, शिखंडी और अश्वत्थामा, नकुल-सहदेव और शल्य के बीच, युधिष्ठिर और श्रुतायु के बीच, कृपाचार्य और चेकितान के बीच हुआ?

प्रश्न 3.
आठवें दिन की प्रमुख घटनाएँ कौन-कौन सी रहीं ?
उत्तर:
आठवें दिन भीमसेन ने धृतराष्ट्र के आठ बेटों को मार डाला। इसी दिन अर्जुन का पुत्र इरावत जो नागकन्या से उत्पन्न था युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुआ।

प्रश्न 4.
घटोत्कच ने गर्जना क्यों की ?
उत्तर:
घटोत्कच ने जब अर्जुन के पुत्र को वीरगति प्राप्त करते देखा तो उसने जोर से गर्जना की। उसकी गर्जना से समस्त कौरव सेना थर्रा उठी। युधिष्ठिर को लगा कि घटोत्कच पर संकट आ गया है, उसने भीमसेन को भेजा। भीमसेन के जाने से युद्ध और भी भयंकर हो गया।

प्रश्न 5.
नवें दिन के युद्ध की या विशेषता रही ?
उत्तर:
नवें दिन के युद्ध में अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु और अलंबुष में घोर संग्राम छिड़ गया। भीष्म ने इस दिन पांडव सेना की बड़ी दुर्गति की।

Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 30 सातवाँ, आठवाँ और नवाँ दिन

Bal Mahabharat Katha Class 7 Summary in Hindi Chapter 30

सातवें दिन का युद्ध एक जगह केन्द्रित न होकर व्यापक रूप से हो रहा था। अर्जुन और भीष्म का युद्ध हो रहा था। उधर द्रोण और विराट राज भिड़े थे। शिखंडी और अश्वत्थामा में लड़ाई हो रही थी। धृष्टद्युम्न व दुर्योधन परस्पर युद्ध कर रहे थे। नकुल-सहदेव अपने मामा शल्य के साथ युद्ध कर रहे थे। युधिष्ठिर का श्रुतायु के साथ युद्ध हो रहा था। द्रोणाचार्य के साथ युद्ध में विराट राज को हार खानी पड़ी। विराट के दो पुत्र उत्तर और श्वेत पहले दिन की लड़ाई में काम आ चुके थे। आठवें दिन का युद्ध शुरु होते ही भीमसेन ने धृतराष्ट्र के आठ बेटों को मार दिया। इस युद्ध में अर्जुन का नागकन्या से उत्पन्न पुत्र इरावत भी मारा गया। घटोत्कच ने यह देखकर जोर से गर्जना की जिससे सारी कौरव सेना थर्रा उठी। उसने कौरव सेना पर आक्रमण कर भारी तबाही मचा दी। सूर्यास्त होने पर युद्ध बंद हो गया। नवें दिन के युद्ध में अभिमन्यु और अंतबुष के बीच घोर संग्राम हुआ। भीष्म ने पांडव सेना की बहुत दुर्गति की। अर्जुन और श्रीकृष्ण दोनों को ही बड़ी पीड़ा हुई।

Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 30 सातवाँ, आठवाँ और नवाँ दिन Read More »

Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 29 चौथा, पाँचवां और छठा दिन

These NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant & Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 29 चौथा, पाँचवां और छठा दिन are prepared by our highly skilled subject experts.

Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 29 चौथा, पाँचवां और छठा दिन

Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers in Hindi Chapter 29

प्रश्न 1.
चौथे दिन के युद्ध का क्या परिणाम रहा ?
उत्तर:
चौथे दिन के युद्ध में शल्य का पुत्र मारा गया। भीमसेन ने दुर्योधन के आठ भाइयों को मार दिया। दुर्योधन के वार से भीमसेन मूर्छित-सा होकर रथ पर बैठ गया।

प्रश्न 2.
घटोत्कच को क्रोध क्यों आया ? उसने क्रोध में आकर क्या किया ?
उत्तर:
अपने पिता भीमसेन को मूर्छित देख घटोत्कच को बहुत क्रोध आया। उसने कौरव सेना पर ऐसा आक्रमण किया कि वह युद्ध भूमि में टिक न सकी। भीष्म ने युद्ध बंद करा दिया और सेना को लौटा दिया।

प्रश्न 3.
धृतराष्ट्र व्यथित क्यों हो गए थे ?
उत्तर:
धृतराष्ट्र को संजय पल-पल की खबर सुना रहा था। युद्ध में अपने पुत्रों की मृत्यु व सेना की भारी तबाही सुनकर धृतराष्ट्र का हृदय व्यथित हो गया।

प्रश्न 4.
छठे दिन के युद्ध में अर्जुन ने किस प्रकार युद्ध किया ?
उत्तर:
छठे दिन के युद्ध में अर्जुन ने कौरव सेना के हजारों सैनिकों को युद्ध में मार दिया। इस दिन जन-हानि बड़ी संख्या में हुई। अंत में द्रोण ने भारी तबाही मचाई जिससे पांडव सेना के पाँव उखड़ गए।

Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 29 चौथा, पाँचवां और छठा दिन

प्रश्न 5.
छठे दिन का युद्ध देखकर युधिष्ठिर का मन आशंकित क्यों हो रहा था ?
उत्तर:
छठे दिन जन-हानि बहुत हुई। इस दिन का युद्ध बहुत ही भंयकर था। धृष्टद्युम्न और भीमसेन जब सकुशल शिविर लौट गए तो युधिष्ठिर ने राहत की साँस ली।

Bal Mahabharat Katha Class 7 Summary in Hindi Chapter 29

चौथे दिन के युद्ध में शल्य का पुत्र मारा गया। भीमसेन ने दुर्योधन के आठ भाइयों को मार दिया। दुर्योधन के एक वार से भीमसेन मूर्छित सा होकर रथ पर बैठ गया। घटोत्कच ने जब यह देखा तो उसने क्रोध में आकर भयंकर युद्ध किया। घटोत्कच के सामने कौरव सेना टिक न सकी। भीष्म ने युद्ध बंद कर दिया और सेना को लौटा दिया। अपने मरे भाइयों के कारण दुर्योधन बहुत दुःखी था। उधर संजय धृतराष्ट्र को हर पल की खबर सुना रहा था। सुबह होने पर फिर दोनों सेनाएँ युद्ध के मैदान में पहुंच गईं। सूरज डूबते ही भीष्म ने युद्ध बंद करने की आज्ञा दे दी। छठे दिन भी इसी प्रकार की जन-हानि होने लगी। अंत में द्रोण ने ऐसी तबाही मचाई की पांडव सेना के पैर उखड़ गए। दुर्योधन इस दिन के युद्ध में घायल हो गया। सूर्यास्त होने पर युद्ध बंद हो गया।

Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 29 चौथा, पाँचवां और छठा दिन Read More »

error: Content is protected !!