CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 2 is part of CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium. Here we have given CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 2
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 2
Board | CBSE |
Class | X |
Subject | Science |
Sample Paper Set | Paper 2 |
Category | CBSE Sample Papers |
Students who are going to appear for CBSE Class 10 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme as prescribed by the CBSE is given here. Paper 2 of Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium is given below with free PDF download solutions.
समय : 3 घण्टे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश :
- इस प्रश्न पत्र के दो भाग, A व B हैं। आप को दोनों भाग करने हैं।
- सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- भाग A के सभी प्रश्न एक साथ करने हैं तथा भाग B के सभी प्रश्न एक साथ करने हैं।
- भाग A के प्रश्न सं० 1 व 2 एक अंक के हैं। इनका उत्तर एक शब्द अथवा एक वाक्य में लिखना है।
- प्रश्न सं० 3 से 5 तक दो अंक के हैं। इनका उत्तर 30 शब्दों में (प्रत्येक प्रश्न के लिए) लिखिए।
- प्रश्न सं० 6 से 15 तक तीन अंक के हैं। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 50 शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न सं० 16 से 21 तक पाँच अंक के हैं। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 70 शब्दों में लिखिए।
- भाग B के प्रश्न सं० 22 से 27 तक प्रयोगात्मक कौशल पर आधारित हैं। प्रत्येक प्रश्न दो अंक का है।
SECTION A
प्र०1.
जब किसी अम्ल को पानी डालकर तनु किया जाता है तो उसके हाइड्रोनियम आयन (H3O)+ की सान्द्रता पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
प्र०2.
निम्नलिखित खाद्य श्रृंखला में यदि शेर को 100 जूल ऊर्जा प्राप्त थी तो हरे पौधे को कितनी ऊर्जा प्राप्त थी।
हरे पौधे → हिरण → शेर
प्र०3.
(i) वन सरंक्षण तथा
(ii) जंगली प्राणियों के सरंक्षण में प्रत्येक के दो-दो लाभ लिखिए।
प्र०4.
लोहे की बनी वस्तुओं को जंग लगने से बचाने के लिए दो उपाय लिखिए।
प्र०5.
चुबंकीय बल रेखाओं के गुण लिखिए।
प्र०6.
धातुओं तथा अधातुओं के रासायनिक गुणों में भिन्नताएँ लिखिए।
प्र०7.
अमीबा में पोषण प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
अथवा
मनुष्य के हृदय का नामांकित चित्र बनाइए। उत्तर
प्र०8.
प्रतिवर्ती चाप क्या है? किसी गर्म वस्तु को छू लेने पर प्रतिवर्ती क्रिया के लिए, प्रतिवर्ती चाप को नामांकित चित्र बनायें।
प्र०9.
तीन प्रतिरोधक, जिनका प्रत्येक का मान 6 Ω है, आप किस प्रकार जोड़ेंगे कि विद्युत परिपथ में कुल प्रतिरोध का मान
(a) 9Ω
(b) 4Ω हो?
प्र०10.
निम्नलिखित में चुबंकीय क्षेत्र दिखाते हुए चित्र बनाइए :
(i) जब एक वृत्ताकार लूपनुमा चालक तार में विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है।
(ii) जब एक परिनलिका में विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है।
प्र०11.
ऐथेनॉल का सरंचना सूत्र लिखिए। क्या होता है, जब ऐथेनॉल को 443K ताप पर सान्द्र H2SO4 अम्ल के साथ गर्म किया जाता है? इस अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण लिखिए तथा इसमें सान्द्र H2SO4 अम्ल का क्या कार्य है?
अथवा
एस्टरीकरण तथा साबुनीकरण अभिक्रियाओं में रासायनिक समीकरण द्वारा अंतर स्पष्ट कीजिए। प्रत्येक का एक-एक उपयोग लिखिए :
(a) एस्टर्स
(b) साबुनीकरण विधि।
प्र०12.
Na, Mg तथा Al, आधुनिक आवर्त सारणी के तीसरे आवर्त के तत्व हैं। इनका समूह क्रमशः 1,2 व 13 है। इनमें से,
(a) सबसे अधिक संयोजकता;
(b) सबसे बड़ा परमाणु आकार व
(c) सबसे अधिक रासायनिक क्रियाशीलता, किसकी है? अपने उत्तर के लिए कारण भी लिखिए।
प्र०13.
स्त्रियों में गर्भधारण को रोकने की कोई तीन विधियाँ लिखिए? इनमें से कौन-सी विधि पुरुष के लिए उपयोग नहीं की जा सकती? इन विधियों को अपनाने से एक परिवार के स्वास्थ्य तथा उन्नति पर क्या प्रभाव पड़ता है?
प्र०14.
एक लेंस द्वारा वस्तु की सभी स्थितियों के लिए हमेशा सीधा तथा छोटा बनता है। बताये यह लेंस किस प्रकार का है? इसके लिए एक किरण आरेख भी बनायें। यदि इस लेंस की शक्ति 10D है तो इस लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए।
प्र०15.
(a) जल जीवन की मूल आवश्यकता है एवं एक महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है। आपके विज्ञान के अध्यापक चाहते हैं कि आप, ‘महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन-जल, इसको कैसे बचाया जाए’, विषय पर एक रचनात्मक आकलन क्रियाकलाप की योजना बनाएं। आप कोई दो ऐसे उपाय बताइए जो कि आपके पड़ोस को ‘पानी को कैसे बचाया जाए’ के लिये जागरूक कर सकें।
(b) एक ऐसा सुझाव दीजिए जिससे भौम जल का स्तर और नीचे न जाए।
प्र०16.
(a) हमारे दैनिक जीवन में pH का क्या महत्त्व है?
(b) साधारण नमक से Cl2 ( क्लोरीन) गैस तथा सोडियम हाइड्रॉक्साइड किस प्रकार बना सकते हैं। इस प्रक्रम को क्या कहते हैं?
प्र०17.
(a) एक तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) का चित्र बनाकर इसका कार्य लिखिए।
(b) पौधों में प्रकाशानुवर्तन कैसे होता है?
प्र०18.
(a) सौर सेल पैनल का वर्णन कीजिए।
(b) एक पवन चक्की के कार्य सिंद्धात के विषय में लिखिए।
प्र०19.
कुछ यौगिकों को हाइड्रोकार्बन क्यों कहते हैं? एल्केन, एल्कीन, एल्काइन श्रेणियों को सामान्य सूत्र लिखिए। प्रत्येक श्रेणी के पहले सदस्य का सरंचना सूत्र भी लिखिए। उस रासायनिक अभिक्रिया का नाम लिखिए जिस द्वारा एल्कीन यौगिकों को एल्केन में बदला जाता है। इस अभिक्रिया का समीकरण भी लिखिए।
प्र०20.
(a) मनुष्य के मादा जनन तंत्र में निम्नलिखित के कार्य लिखिए :
(i) अण्डाशय
(ii) गर्भाशय
(iii) अण्डवाहिका
(b) मनुष्य की मादा में प्लेसेंटा की सरंचना व उसका कार्य लिखिए।
प्र०21.
(a) यदि एक दर्पण द्वारा उसके सामने रखी वस्तु की सभी स्थितियों के लिए उसका प्रतिबिम्ब हमेशा छोटा, सीधा व काल्पनिक बनता है तो वह दर्पण किस प्रकार का है? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए एक किरण आरेख बनाइए। इस दर्पण का एक उपयोग भी लिखिए।
(b) किसी गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या की परिभाषा लिखिए। उस दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी वक्रता त्रिज्या +24 सेमी। यह दर्पण किसी प्रकार का है।
अथवा
(a) एक विद्यार्थी जो निकट दृष्टि दोष से पीड़ित है, वह 5 m से दूर रखी वस्तुओं को ठीक प्रकार से नहीं देख पाता है। ऐसे दो कारण लिखिए जिसके कारण उसे यह दृष्टि दोष हुआ है। किरण
आरेखों की सहायता से समझाइए कि :
(i) वह विद्यार्थी 5 m से अधिक दूरी पर रखी वस्तुओं को ठीक प्रकार से क्यों नहीं देख पाता?
(ii) किस प्रकार के लेंस से यह दृष्टि दोष ठीक हो सकता है?
(b) इस दोष में यदि ठीक करने वाले लेंस की फोकस दूरी 5 m है तो इस लेंस की शक्ति चिन्ह परिपाटी अनुसार ज्ञात कीजिए।
SECTION B
प्र०22.
(a) किसी वोल्टमीटर के न्यूनतम माप से तुम क्या समझते हो?
(b) एक वोल्टमीटर में 0 से 0.5V चिन्ह के बीच 20 छोटे भाग अंकित हैं। इस वोल्टमीटर की न्यूनतम माप का मान ज्ञात कीजिए।
प्र०23.
(a) किसी pH पेपर का प्रयोग एक विलयन के pH मान को निकालने में कैसे किया जाता है?
(b) यदि जल का pH मान 7 है तो इसकी तुलना में
(i) सोडियम हाइड्रॉक्साइड के जलीय विलयन व
(ii) तनु HCl अम्ल का pH मान क्या होगा?
प्र०24.
एक पत्ती की झिल्ली में स्टोमेटो छिद्रों को देखने के लिए, एक अस्थाई स्लाइड के बनाते समय हमें क्या-क्या सावधानियां अपनानी चाहिए?
प्र०25.
प्रयोगशाला में साबुन बनाने के लिए हमें कौन-कौन से रसायनों की आवश्यकता होगी। साबुनीकरण की अभिक्रिया में अभिकारकों के मिश्रण की प्रकृति (अम्लीय अथवा क्षारीय) जानने के लिए हम कौन-सा टेस्ट करेंगे?
प्र०26.
अमीबा में द्विखण्डन विधि द्वारा प्रजनन दिखाने के लिए क्रम से (चार अवस्थाएँ दिखाते हुए) चित्र बनाइए।
प्र०27.
एक विद्यार्थी एक मोमबत्ती की ज्वाला, जो एक उतल लेंस से 2 m की दूरी पर पड़ी है, के प्रतिबिंब को एक परदे पर प्राप्त करता है। लेंस की फोकस दूरी 10 cm है। अब वह मोमबत्ती की ज्वाला को धीरे-धीरे लेंस की तरफ ले जाता है तथा प्रत्येक बारी उसके प्रतिबिम्ब को परदे पर प्राप्त करता है। अब इनका उत्तर दीजिए :
(a) वह हर बार लेंस को किस तरफ ले जायेगा ताकि प्रतिबिम्ब हर बार पर्दे पर फोकस हो सके।
(b) प्रतिबिम्ब के आकार में क्या परिवर्ततन होता जाता है?
(c) परदे पर प्रतिबिम्ब की चमक का क्या प्रभाव पड़ता है?
(d) जब ज्वाला लेंस के काफी नज़दीक होती है तो परदे पर क्या दिखाई पड़ता है (लगभग लेंस से 2 cm दूरी पर)।
Answers
उत्तर 1-
किसी अम्ल को पानी डालकर तनु करने पर उसके हाइड्रोनियम आयन (H3O)+ की सान्द्रता कम हो जाती है।
उत्तर 2-
10,00,000 जूल (10 लाख जूल)।।
उत्तर 3-
- वन संरक्षण के लाभ :
(a) वन सरंक्षण से बाढ़ तथा भूमि कटाव को रोकने में सहायता मिलती है।
(b) वन सरंक्षण से उस स्थान की ‘जैव विविधता’ भली प्रकार बनी रहती है।
(c) वन सरंक्षण बाढ़ जैसी भयानक प्राकृतिक आपदा को भी रोकने में सहायक है। - जंगली प्राणियों के संरक्षण :
(a) इनके संरक्षण से पर्यावरण में संतुलन बनाये रखने में सहायता मिलती है।
(b) जंगली प्राणियों के संरक्षण से खाद्य श्रृंखलाएँ तथा खाद्य जाल सुरक्षित रहते हैं।
उत्तर 4-
(i) लोहे की वस्तुओं पर पेंट तथा ग्रीस लगाकर।।
(ii) लोहे की वस्तुओं पर गैल्वेनाइजेशन विधि द्वारा जस्ते की परत चढ़ाकर।
उत्तर 5-
(i) ये बल रेखाएँ छड़ चुबंक के N ध्रुव से आरंभ होकर S ध्रुव की ओर जाती हैं।
(ii) कोई भी दो चुबंकीय बल रेखाएँ परस्पर काटती नहीं हैं।
(iii) चुबंक के ध्रुवों के पास ये बल रेखाएँ अधिक संख्या में होती हैं।
(iv) चुबंकीय रेखा के किसी बिन्दु पर उसके साथ खींचा गया अभिलम्ब उस बिन्दु पर चुबंकीय क्षेत्र की दिशा बताता है।
उत्तर 6-
धातुओं तथा अधातुओं के रासायनिक गुणों में भिन्नताएँ : धातु
उत्तर 7-
अमीबा कोशिकीय सतह से अँगुली जैसे अस्थायी प्रवर्ध की मदद से भोजन ग्रहण करता है। यह प्रवर्ध भोजन के कणों को घेर लेते हैं तथा संगलित होकर खाद्य रिक्तिका बनाते हैं। खाद्य रिक्तिका के अंदर जटिल पदार्थों का विघटन सरल पदार्थों में किया जाता है और वे कोशिकाद्रव्य में विसरित हो जाते हैं। बचा हुआ अपचे पदार्थ कोशिका की सतह की ओर गति करता है तथा शरीर से बाहर निष्कासित कर दिया जाता है।
अथवा
उत्तर 8-
प्रतिवर्ती चाप-किसी प्रतिवर्ती क्रिया को पूरा करने के लिए जिस पथ को अपनाया जाता है, उसे प्रतिवर्ती चाप कहते हैं।
हल 9-
R1 = R2 = R3 = 6 Ω
(a) R1 को R2 वे R3 के समान्तर क्रम के साथ श्रेणी क्रम में जोड़ने पर :
उत्तर 10-
(i)
(ii)
उत्तर 11-
ऐथेनॉल (C2H5OH) :
जब हम ऐथेनॉल को सान्द्र H2SO4 अम्ल के साथ गर्म करते है तो एथीन गैस बनती है।
सान्द्र H2SO4 अम्ल निर्जलीकारक के रूप में कार्य करता है जो निर्मुक्त जल को अवशोषित करता है।
अथवा
एस्टरीकरण ; ऐसी अभिक्रिया में एक ऐल्कोहॉल तथा एक कार्बोक्सिलिक अम्ल के साथ सान्द्र H2SO4 की उपस्थिति में क्रिया करके खुशबूदार एस्टर यौगिक बनता है।
साबुनीकरण : इस अभिक्रिया में एक एस्टर की क्रिया NaOH क्षार के साथ करवाई जाती है तो अम्ल का एक सोडियम लवणे व ऐल्कोहॉल बनती है।
उपयोग :
(i) एस्टर्स का उपयोग ऑइसक्रीम व पेय पदार्थों को बनाने के लिए किया जाता है।
(ii) साबुनीकरण विधि का उपयोग विभिन्न प्रकार के साबुन बनाने में किया जाता है।
उत्तर 12-
(a) Al धातु की संयोजकता सबसे अधिक है क्योंकि इसके सबसे बाहरी कक्ष में 3 इलेक्ट्रॉन हैं।
(b) Na धातु के परमाणुओं का आकार सबसे बड़ा है क्योंकि एक आवर्त में बाएं से दाएं जाने पर परमाणु आकार कम होता जाता है।
(c) Na धातु सबसे अधिक क्रियाशील धातु है क्योंकि एक आवर्त में बाएं से दाएं जाने पर धातुओं की रासायनिक क्रियाशीलता कम होती जाती है।
उत्तर 13-
स्त्रियों में गर्भधारण को रोकने की कोई तीन विधियाँ :
(i) यांत्रिक अवरोध विधि-इस विधि में पुरुष श्श्नि को ढकने वाले कंडोम तथा स्त्रियाँ डायाफ्राम का प्रयोग करती हैं।
(ii) हार्मोन विधि (रासायनिक विधि)-इस विधि में स्त्रियों को गोलियाँ (मौखिक तथा यौनिक) दी जाती हैं जो उनके हार्मोन संतुलन को नियंत्रित करती हैं ताकि वह गर्भधारण न कर सकें।
(iii) शल्य विधि-इस विधि में शल्य चिकित्सा द्वारा पुरुषों की शुक्रवाहिकाओं को अवरुद्ध कर दिया जाता है। जिससे शुक्राणुओं का स्थानांतरण रुक जाता है तथा स्त्रियों की अण्डवाहिनी को बाधित कर दिया जाता है जिसके परिणामस्वरूप अंड गर्भाशय तक नहीं पहुँच पाता।।
हार्मोन विधि का प्रयोग पुरुषों द्वारा नहीं किया जा सकता।
इन विधियों को अपनाने से परिवार के स्वास्थ्य तथा उन्नति पर प्रभाव-गर्भरोधक विधियों को अपना कर एक परिवार बच्चों की संख्या को सीमित कर सकते है जिससे उसकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो जाएगी। ऐसे परिवारों में कम बच्चे होने से माता-पिता उनको अच्छी शिक्षा तथा अच्छा पोषण दे पायेंगे जिससे बच्चों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। यही नहीं इन विधियों को अपनाने से बढ़ती जनसंख्या जैसी भयानक समस्या पर भी नियंत्रण किया जा सकता है।
उत्तर 14-
यह लेंस एक अवतल लेंस है।।
इसलिए इस लेंस की फोकस दूरी -10 cm है।
उत्तर 15-
(a) ‘पानी को कैसे बचाया जाए’ के लिये जागरूकता लाने वाले दो उपाय :
(i) हम लोगों को पानी को बचाने हेतु कई उपाय सुझा सकते हैं। जैसे नहाने, बर्तन-कपड़े आदि क्रियाएँ सम्पन्न होने के बाद नल को भली प्रकार से बंद कर देना चाहिए तथा नहाने के लिए
शॉवर के स्थान पर बालटी का उपयोग करना चाहिए।
(ii) हम घर-घर जाकर एक अभियान द्वारा लोगों को, पानी का विकट अभाव तथा गर्मियों के मौसम में पानी की कमी के विषय में, जागरूक कर सकते हैं।
(iii) मैं यह सुझाव भी दे सकता हूँ कि अपने मौहल्ले के पार्क में वर्षा ऋतु के दौरान व्यर्थ होने वाले वर्षा जल का संग्रहण किस प्रकार किया जा सकता है ताकि गर्मियों में, जब पानी की
बहुत किल्लत होती है, इस संग्रहित पानी का उपयोग किया जा सके।
(b) भौम जल स्तर और अधिक नीचे ना जाए इसके लिए हम वर्षा जल को अपने क्षेत्र के पार्क अथवा किसी घास के मैदान में बने भूमिगत टैंकों में संग्रहित कर सकते हैं।
उत्तर 16-
(a) दैनिक जीवन में pH का महत्त्व
(i) हमारे शरीर में आमाशय व छोटी आंत में भोजन का पाचन एक विशेष pH मान पर ही होता है। यदि इन अंगों में pH के मान में परिवर्तन हो जाए तो भोजन का पाचन ठीक प्रकार से
नहीं हो पाता है।
(ii) मुख गुहिका में जब pH का मान 5.5 से कम हो जाता है तो दाँतों की ऊपरी परत हटने लगती है तथा दाँत खोखले हो जाते हैं।
(iii) सजीव प्राणी pH मान के बेहद कम परिवर्तन में जीवित रह पाते हैं। जब अम्लीय वर्षा का पानी, पानी के स्रोतों, जैसे तालाब, नहरें, नदियों आदि, में बह जाता है तो यह जलीय जीवन
के लिए अत्यंत घातक सिद्ध होता है। पौधों को भी अपनी स्वस्थ वृद्धि के लिए एक विशेष pH मान की आवश्यकता होती है।
(b) जब सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन से विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो इसका विद्युत अपघटन हो जाता है और एनोड पर Cl2 गैस प्राप्त होती है तथा विलयन के रूप में सोडियम हाइड्रॉक्साइड, क्षार प्राप्त होता है। इस प्रक्रम को क्लोर-क्षारीय प्रक्रम कहते हैं।
2NaCl (aq) + 2H2O (l) → 2NaOH (aq) + Cl2(g) + H2(g)
उत्तर 17-
(a) तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) तंत्रिका तंत्र की कार्यात्मक इकाई है।
कार्य-किसी संवेदी ग्राही की सूचना एक तंत्रिका कोशिका के द्रुमकृतिक सिरे द्वारा उपार्जित की जाती है और एक रासायनिक क्रिया द्वारा यह एक विद्युत आवेग पैदा करती है। यह आवेग द्रुमिका से कोशिकाकाय तक जाता है और तब तंत्रिकाक्ष (एक्सॉन) में होता हुआ इसके अंतिम सिरे तक पहुँच जाता है। तंत्रिकाक्ष के अंत में विद्युत आवेग कुछ रसायनों को विमोचन कराता है। ये
रसायन सिनेप्स को पार करते हैं और अगली तंत्रिका कोशिका की दुमिका में इसी तरह को विद्युत आवेग प्रारंभ करते हैं। यह शरीर में तंत्रिका आवेग की मात्रा की सामान्य योजना है। इस तरह का एक अंतग्रर्थन अंततः ऐसे आवेगों को तंत्रिका | कोशिका से अन्य कोशिकाओं, जैसे कि पेशी कोशिकाओं या ग्रंथि तक ले जाया जाता है।
(b) पौधों में प्रकाशानुवर्तन-पौधों की प्रकाश की ओर वृद्धि को प्रकाशानुवर्तन कहते हैं। पौधे को तना भाग प्रकाश की ओर वृद्धि व गति करता है तथा इसकी जड़े प्रकाश की विपरीत दिशा में वृद्धि करती है। ऑक्सिन हार्मोन द्वारा इस वृद्धि को नियंत्रित किया जाता है। छाया की तरफ ऑक्सिन अधिक बनता है और प्रकाश की तरफ ऑक्सिन कम बनता है। जिससे छाया की तरफ तने की वृद्धि अधिक होती है तथा प्रकाश की तरफ वृद्धि कम होती है। इस कारण पौधे का तना सामान्यतः प्रकाश की ओर झुका हुआ होता है।
उत्तर 18-
(a) सौर सेल पैनल-जब काफी संख्या में सौर सेलों को एक साथ विशेष प्रकार के बोर्ड पर लगाकर ऊंचा खड़ा कर देते हैं तो इस व्यवस्था को सौर सेल पैनल कहते हैं। इन सभी सौर सेलों से उत्पन्न विद्युत ऊर्जा काफी अधिक मात्रा में विभवांतर उत्पन्न कर सकते हैं। सौर सेल पैनलों का उपयोग कृत्रिम उपग्रहों में तथा दूर-दराज़ के स्थानों पर विद्युत आपूर्ति के लिए किया जाता है। सौर सेलों को परस्पर संयोजित करके सौर पैनल बनाने में सिल्वर का उपयोग होता है क्योंकि सिल्वर विद्युत का अच्छा चालक है जिसकी प्रतिरोधकता कम है। सिल्वर सौर सेलों की गुणवत्ता में वृद्धि करता है।
(b) पवन चक्की का कार्य सिंद्धात-पवन चक्की एक संयंत्र है जिससे पवन की गतिज ऊर्जा का उपयोग कर विद्युत ऊर्जा बनाई जाती है। पवन की तेज़ गति से पवन चक्की के आँखों को घूर्णन गति दी जाती है। इस घूर्णन गति से जनित्र के टरबाईन को गतिशील किया जाता है। टरबाईन की गतिज ऊर्जा को फिर जनित्र द्वारा विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित किया जाता है। पवन चक्की की पंखुड़ियों की घूर्णी गति का उपयोग कुओं से जल खींचने के लिए, आटे की मिल, पानी के पम्प आदि में भी किया जाता है। जिस विशाल क्षेत्र में बहुत-सी पवन चक्कियाँ लगाई जाती हैं उस क्षेत्र को पवन ऊर्जा फॉर्म कहते हैं।
उत्तर 19-
इन यौगिकों के अणुओं में केवल कार्बन व हाइड्रोजन के ही परमाणु होते हैं इसलिए इन्हें हाइड्रोकार्बन यौगिक कहते हैं।
सामान्य सूत्र :
• एल्केन – CnH2n+2
• एल्कीन – CnH2n
• एल्काइन – CnH2n-2
उत्तर 20-
(a) (i) अण्डाशय-इसमें मादा जनन कोशिकाएँ बनती है तथा दो प्रकार के हार्मोन स्रावित होते हैं-एस्ट्रोजन तभा प्रोजैस्टरॉन।
(ii) गर्भाशय-मादा अण्डाणु के निषेचन के बाद वह गर्भ में भ्रूण के रूप में विकसित होने लगता है। यह भ्रूण फिर गर्भाशय के प्लेसेंटा पर स्थापित होकर पूर्ण बच्चे में विकसित होता है।
(iii) अण्डवाहिका-इस भाग में नर शुक्राणु द्वारा मादा अण्डाणु का निषेचन होता है तथा निषेचित अण्डाणुओं को गर्भाशय तक अण्डवाहिका द्वारा पहुँचाया जाता है।
(b) प्लेसेंटा की संरचना-यह एक तश्तरीनुमा सरंचना है जो गर्भाशय की भित्ति में धंसी होती है। इसमें भ्रूण की तरफ के उत्तक में विशेष प्रकार के प्रवर्ध होते हैं। मां के उत्तकों में रिक्त स्थान होते हैं जो प्रवर्ध को आच्छादित करते हैं।
प्लेसेंटा के कार्य-भ्रूण को ग्लूकोज, ऑक्सीजन एवं अन्य पदार्थ प्लेसेंटा से माँ के रक्त द्वारा प्रदान किये जाते हैं। विकासशील भ्रूण द्वारा जो अपशिष्ट पदार्थ उत्पन्न किए जाते हैं उनको प्लेसेंटा के माध्यम से मां के मूत्र द्वारा बाहर निकाल दिया जाता है।
उत्तर 21-
(a) ये दर्पण उतल दर्पण है।
किरण आरेख :
इसका उपयोग गाड़ियों में पीछे देखने वाले दर्पण (rear view mirror) के रूप में, एवं दुकानों तथा फैक्टरियों में सुरक्षा दर्पण के रूप में उपयोग किया जाता है।
(b) गोलीय दर्पण का परावर्तक पृष्ठ जिस गोले का भाग है उसकी त्रिज्या दर्पण की वक्रता त्रिज्या कहलाती है। वक्रता त्रिज्या को R से दर्शाते हैं। यह दर्पण के PC दूरी के बराबर होती है। R = 24 cm, f = ?
f = \(\frac { R }{ 2 }\) = \(\frac { 24 }{ 2 }\) = 12 cm
f = +12 cm (+) धन चिन्ह यह दर्शाता दर्पण उतल दर्पण है।
अथवा
(a) निकट दृष्टि दोष के दो कारण :
• उसके नेत्रगोलकों का आकार बढ़ गया है।
• उसकी आंख के लेंस की वक्रता सामान्य लेंस की वक्रता से अधिक हो गई है।
(i) किरण आरेख :
(ii) इस दोष को दूर करने के लिए अवतल लेंस का उपयोग करना पड़ता है।
निकट दृष्टि दोष के संशोधन के लिए किरण आरेख :
(b) f = -5 m (अवतल लेंस की । ऋणात्मक होती है); P = ?
P = \(\frac { 1 }{ f }\) = \(\frac { 1 }{ -5 }\) = -0.2D
ठीक करने वाले अवतल लेंस की शक्ति -0.2 D (डायपटर) है।
उत्तर 22-
(a) दो बिंदुओं के बीच किसी वोल्टमीटर द्वारा कम से कम विभवांतर मापने की क्षमता को उसकी न्यूनतम माप कहते है।
(b) दो बिंदुओं के बीच माप = 0.5 – 0.0 = 0.5V
इन दो बिंदुओं के बीच भाग = 20
∴ वोल्टमीटर की न्यूनतम माप = \(\frac { 0.5 }{ 20 }\) = \(\frac { 5 }{ 200 }\) = 0.025 वोल्ट
उत्तर 23-
(a) एक ड्रीपर की सहायता से दिए गए विलयन की एक बूंद pH पेपर की कतरन पर डालने पर जो रंग pH पेपर की कतरन पर प्राप्त होता है उस रंग का pH चार्ट के रंग से मिलान कर के उस विलयन का pH मान ज्ञात किया जाता है।
(b) (i) सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन [NaOH (aq)] का मान pH मान 7 से अधिक होगा क्योंकि सोडियम हाइड्रॉक्साइड क्षारीय प्रकृति का है।।
(ii) तनु HCI विलयन का pH मान 7 से कम होगा क्योंकि तनु HCI अम्लीय प्रकृति का है।
उत्तर 24-
अस्थाई स्लॉइड बनाते समय की जाने वाली सावधानियाँ :
(i) झिल्ली हमेशा ताजी तोड़ी गई पत्ती से लेनी चाहिए।
(ii) झिल्ली को हमेशा स्लाइड के मध्य भाग में रखना चाहिए।
(iii) पत्ती की झिल्ली सूखनी नहीं चाहिए।
(iv) झिल्ली पर कवर स्लिप धीरे-धीरे आराम से रखनी चाहिए ताकि हवा के बुलबुले बीच में न रह जाएं।
(v) स्लाइड को हमेशा किनारे से पकड़ना चाहिए ताकि वह गंदी न हो जाए।
उत्तर 25-
साबुन बनाने के लिए आवश्यक रसायन-कोई एक वनस्पति तेल, सांद्र सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन वे साधारण नमक।
साबुन बनने के पश्चात् साबुन की पहचान लिटमस पत्र द्वारा की जाती है। साबुन लाल लिटमस पत्र को नीला कर देता है इससे पता चलता है कि साबुन एक क्षारीय पदार्थ है।।
उत्तर 26-
उत्तर 27-
(a) वह लेंस को हर बार पर्दे से दूर करता जाएगा।
(b) प्रतिबिम्ब आकार में छोटे से बड़ा होता जाएगा।
(c) प्रतिबिम्ब की चमक फीकी पड़ती जाएगी।
(d) अब परदे पर ज्वाला का प्रतिबिम्ब नहीं बनेगा।
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