CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 1 is part of CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium . Here we have given CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 1
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 1
Board | CBSE |
Class | X |
Subject | Science |
Sample Paper Set | Paper 1 |
Category | CBSE Sample Papers |
Students who are going to appear for CBSE Class 10 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme as prescribed by the CBSE is given here. Paper 1 of Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium is given below with free PDF download solutions.
समय : 3 घण्टे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश :
- इस प्रश्न पत्र के दो भाग, A व B हैं। आप को दोनों भाग करने हैं।
- सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- भाग A के सभी प्रश्न एक साथ करने हैं तथा भाग B के सभी प्रश्न एक साथ करने हैं।
- भाग A के प्रश्न सं० 1 व 2 एक अंक के हैं। इनका उत्तर एक शब्द अथवा एक वाक्य में लिखना है।
- प्रश्न सं० 3 से 5 तक दो अंक के हैं। इनका उत्तर 30 शब्दों में (प्रत्येक प्रश्न के लिए) लिखिए।
- प्रश्न सं० 6 से 15 तक तीन अंक के हैं। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 50 शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न सं० 16 से 21 तक पाँच अंक के हैं। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 70 शब्दों में लिखिए।
- भाग B के प्रश्न सं० 22 से 27 तक प्रयोगात्मक कौशल पर आधारित हैं। प्रत्येक प्रश्न दो अंक का है।
SECTION A
प्र०1.
जब बेरियम क्लोराइड का विलयन सोडियम सल्फेट विलयन से अभिक्रिया करता है, इस अभिक्रिया का संतुलित रासायनिक समीकरण उपयुक्त संकेतों के साथ लिखिए।
प्र०2.
पारितन्त्र क्या है?
प्र०3.
एक उत्तल दर्पण के सामने 30 cm दूरी पर एक वस्तु पड़ी है। यदि इस दर्पण की फोकस दूरी 15 cm है तो वस्तु का जो प्रतिबिम्ब प्राप्त होता है उसकी चार विशेषताएँ लिखिए।
प्र०4.
संपोषित प्रबंधन क्या है? पुनः उपयोग, पुनःचक्रण की अपेक्षा क्यों अच्छा है?
प्र०5.
आयनी यौगिकों के मुख्य गुण लिखिए।
प्र०6.
प्लास्टर ऑफ पेरिस का रासायनिक नाम लिखिए। इसके बनाने के लिए समीकरण लिखिए। इस यौगिक को सूखे व शुष्क स्थान पर क्यों रखना चाहिए।
प्र०7.
वृक्काणु (नेफ्रॉन) की सरंचना व कार्यविधि लिखिए।
प्र०8.
जंतुओं में नियंत्रण एवं समन्वय के लिए तंत्रिका तथा हार्मोन क्रियाविधि की तुलना तथा अंतर स्पष्ट कीजिए।
प्र०9.
दो बल्ब, एक 40 वाट का व दूसरा 100 वाट का, 220 वोल्ट के विद्युत परिपथ में समान्तर क्रम में जुड़े
(i) इसके विद्युत परिपथ का चित्र बनाइए।
(ii) विद्युत परिपथ में प्रवाहित विद्युतधारा का मान ज्ञात कीजिए।
(iii) जब दोनों बल्ब एक साथ एक घण्टे के लिए जलाए जाते हैं तो खर्च हुई विद्युत ऊर्जा की गणना कीजिए।
अथवा
दो प्रतिरोधक, जिनका क्रमशः मान 10Ω तथा 15Ω है, को 12 वोल्ट की बैटरी से किस प्रकार जोड़ा। जाए कि हमें :
(i) न्यूनतम विद्युत धारा प्राप्त हो?
(ii) अधिकतम विद्युत धारा प्राप्त हो?
(a) प्रत्येक स्थिति में प्रतिरोधों को जोड़ने का तरीका स्पष्ट कीजिए।
(b) दोनों बार प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा भी ज्ञात कीजिए।
प्र०10.
एक तांबे की कुण्डलित तार के साथ गैल्वैनोमीटर को लगाया गया है। क्या होगी यदि एक छड़ चुबंक को
(i) कुण्डलित तार में धकेला जाता है?
(ii) उसे कुण्डली से बाहर निकाला जाता है?
(iii) उसे कुण्डलित तार में स्थिर रखा जाता है?
प्र०11.
निम्नलिखित समीकरणों को पूरा कीजिए :
(i) CH3COOC2H5 + NaOH →
(ii) CH3COOH + NaOH →
(iii) C2H5OH + CH3COOH →सांद्र H2SO4 →
प्र०12.
आधुनिक आवर्त सारणी में खड़ी पंक्तियों तथा क्षैतिज पंक्तियों को क्या कहते हैं? खड़ी पंक्तियों में ऊपर से नीचे जाने पर धातुओं के धात्विक गुण किस प्रकार बदलते हैं? क्षैतिज पंक्ति में बाएँ से दाएँ जाने पर परमाणु आकार किस प्रकार बदलता है? प्रत्येक उत्तर के लिए कारण भी लिखिए।
अथवा
एक तत्व P ( परमाणु क्रमांक, 20) दूसरे तत्व Q (परमाणु क्रमांक, 17) के साथ एक यौगिक बनाता है। अब निम्नलिखित प्रश्नों का कारण सहित उत्तर लिखिए। P तथा Q तत्व का आवर्त सारणी में स्थान बताइए। P तथा Q के बीच बनने वाले यौगिक का अणु सूत्र लिखिए।
प्र०13.
लैंगिक जनन की मूलभूत आवश्यकता क्या है? प्रकृति में इस जनन का क्या महत्त्व है?
प्र०14.
जैव विकास हुआ है’ इसे निम्नलिखित द्वारा कैसे प्रमाणित किया जा सकता है? प्रत्येक का एक उदाहरण भी दीजिए :
(a) समजात अंग;
(b) समरूप अंग;
(c) जीवाश्म
प्र०15.
जब किसी व्यक्ति की आँख की पक्ष्माभी पेशियाँ कमजोर होने लगती हैं तथा आँख के लेंस को लचीलापन कम होने लगता है तो उस व्यक्ति की आँख के इस दोष को क्या नाम दिया जाता है? इस दोष को ठीक करने के लिए उसे किस प्रकार के लेंस का चश्मा लगाया जाता है, इस लेंस का वर्णन करें।
प्र०16.
एक क्रियाकलाप द्वारा अम्लों की धातु कार्बोनेट तथा धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट लवणों के साथ अभिक्रिया दर्शाए।
प्र०17.
मनुष्य में दोहरे रक्त परिसंचरण के विषय में लिखिए।
(a) यह क्यों आवश्यक है?
(b) धमनियों तथा शिराओं में भिन्नताएँ लिखिए।
प्र०18.
सौर कुकर की बनावट, कार्यविधि, उसके लाभ तथा हानियों के विषय में लिखिए।
प्र०19.
साबुन तथा अपमार्जक एक प्रकार के कार्बनिक अम्लों के लवण है। दोनों में क्या अंतर है? साबुन की सफाई करने की विधि लिखिए। कठोर जल के साथ साबुन झाग क्यों नहीं बनाते हैं। अपमार्जकों के उपयोग से होने वाली दो समस्याओं के विषय में लिखिए।
प्र०20.
(a) मनुष्य में उस अंग का नाम लिखिए जो शुक्राणु बनाता है तथा एक हार्मोन भी उत्पन्न करता है। उस हार्मोन का नाम लिखिए तथा उसका कार्य भी लिखिए।
(b) स्त्री के जनन तंत्र के उस अंग का नाम लिखिए जहाँ निषेचन होता है।
(c) विकसित होता भ्रूण माता के शरीर से किस प्रकार पोषण प्राप्त करता है? इसका वर्णन कीजिए।
प्र०21.
(a) किरण आरेख बनाने के लिए हमें ऐसी दो किरणों को चुनना है जिनकी दिशा हम दर्पण से। परावर्तन के बाद आसानी से जान सकें। ऐसी दो किरणों को चुनिए तथा अवतल दर्पण से परावर्तन के बाद इनके मार्ग के विषय में लिखिए। अब इन्हीं दो किरणों का प्रयोग करके अवतल दर्पण के सामने, ध्रुव तथा फोकस के बीच बिम्ब रखिए तथा बिंब के प्रतिबिंब को प्राप्त करने
के लिए किरण आरेख बनाइए।
(b) एक अवतल दर्पण अपने सामने रखे बिंब का तीन गुणा बड़ा प्रतिबिम्ब पर्दे पर बनाता है। यदि बिम्ब दर्पण के सामने 20 cm पर रखा है तो बिम्ब व पर्दे के बीच दूरी ज्ञात कीजिए।
अथवा
(a) एक किरण आरेख की सहायता से प्रिज्म के विचलन कोण के विषय में लिखिए।
(b) एक प्रिज्म में से सफेद प्रकाश की किरण गुजरने पर वह सात रंगों के स्पैक्ट्रम में क्यों विभाजित | हो जाती है? व्याख्या कीजिए।
(c) इन्द्रधनुष बनने को दिखाने के लिए एक नामांकित किरण आरेख बनाइए।
SECTION B
प्र०22.
क्या होता है, जब सोडियम सल्फेट का विलयन बेरियम क्लोराइड के विलयन में मिलाया जाता है। इसको संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए। यह अभिक्रिया किस प्रकार की है?
प्र०23.
प्रतिरोधों को श्रेणी क्रम में जोड़ने पर परिणामी प्रतिरोध ज्ञात करने के लिए किए गए प्रयोग में एक विद्यार्थी को क्या-क्या सावधानियाँ अपनानी चाहिए?
प्र०24.
स्लाइड बनाते समय अधिकतर पत्ती की निचली परत से ही झिल्ली क्यों ली जाती है?
प्र०25.
एसिटिक अम्ल को जब एक परखनली में लिये गये सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के पाउडर पर डालते हैं तो तेज़ बुलबुलों के साथ एक गैस निकलती है। इस गैस का नाम लिखिए तथा इस गैस को पहचानने के लिए एक प्रयोग लिखिए।
प्र०26.
उस अलैंगिक प्रजनन का नाम लिखिए जिसमें एक जनक से दो नये जीव बनते हैं तथा इसमें जनक अपनी पहचान खो देता है। इस जनन के पहले चरण को नाम लिखिए। इस प्रकार के जनन की पहली दो अवस्थाओं का चित्र भी बनाइए।
प्र०27.
एक विद्यार्थी एक मोमबत्ती की ज्वाला को एक उतल लेंस से 60 cm की दूरी पर रखता है और उसके प्रतिबिम्ब को परदे पर फोकस करता है। अब वह ज्वाला को धीरे-धीरे लेंस की ओर ले जाता है तथा हर बार प्रतिबिम्ब को परदे पर प्राप्त करता है। इस लेंस की फोकस दूरी 10 cm
(a) वह पर्दे को किस तरफ ले जाता है, लेंस से दूर अथवा लेंस की तरफ।
(b) प्रतिबिम्ब का आकार किस प्रकार बदलता है?
(c) जब वह उस ज्वाला को लेंस की तरफ ले जाता है तो प्रतिबिम्ब की चमक कैसे बदलती है?
(d) लेंस से ज्वाला कितनी दूरी पर रखी होगी जब उसका प्रतिबिंब पर्दे पर उलटा व आकार में बिंब के बराबर बनता है?
Answers
उत्तर 1-
BaCl2 (aq) + Na2SO4(aq) → BaSO4(s)सफेद अवक्षेप + 2 NaCl(aq)
उत्तर 2-
किसी स्थान या विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले जैव समुदाय व अजैव कारकों के बीच संबंध को पारितंत्र कहते
उत्तर 3-
प्रतिबिम्ब की चार विशेषताएँ :
(i) प्रतिबिम्ब सीधा व आभासी होगा।
(ii) प्रतिबिम्ब वस्तु से साइज में छोटा बनता है।
(iii) प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे बनता है।
(iv) प्रतिबिम्ब दर्पण के P व F बिंदुओं के बीच बनता है।
उत्तर 4-
संपोषित प्रबंधन से तात्पर्य है कि प्राकृतिक संसाधनों का इस प्रकार उपयोग हो कि इनके दोहन से वर्तमान आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति एवं विकास को प्रोत्साहित करते हुए, इन संसाधनों को साथ ही साथ भावी संतति के लिए संरक्षित भी करें। पुन:चक्रण में ऊर्जा की कुछ मात्रा खर्च होती है, जबकि पुन:उपयोग में कोई ऊर्जा खर्च नहीं होती है। पदार्थों के पुन:चक्रण से पर्यावरण प्रदूषित होता है जबकि पुनःउपयोग में ऐसा नहीं होता है, इसलिए पुन:चक्रण की तुलना में पुनःउपयोग उत्तम माना जाता है।
उत्तर 5-
(i) आयनी यौगिक ठोस व कठोर होते हैं।
(ii) इन यौगिकों का गलनांक व क्वथनांक उच्च होता है।
(iii) अपनी तरल तथा जलीय अवस्था में यह यौगिक विद्युत धारा के सुचालक होते हैं।
(iv) यह यौगिक जल में घुलनशील होते हैं तथा कार्बनिक विलायकों, जैसे पेट्रोल, मिट्टी के तेल आदि, में अघुलनशील होते हैं।
उत्तर 6-
प्लास्टर ऑफ पेरिस का रासायनिक नाम कैल्सियम सल्फेट हेमीहाइड्रेट तथा इसका सूत्र CaSO4 ½H20 है।
बनाने के लिए समीकरण :
वायु में नमी की उपस्थिति में प्लास्टर ऑफ पेरिस, कठोर ठोस जिप्सम में बदल जाता है इसलिए इसे शुष्क स्थान पर रखना चाहिए।
उत्तर 7-
वृक्काणु (नेफ्रॉन) की सरंचना-वृक्काणु, वृक्क (kidney) की कार्यिक इकाई है। यह एक बहुत महीन कुण्डलित नलिका होती है जिसमें एक कप जैसी सरंचना होती है, जिसे बोमेन संपुट कहते है। इस कप में वृक्क धमनी की एक शाखा रक्त लेकर आती है और एक कोशिका गुच्छ बनाती है। अंत में यह नलिका मूत्र लेकर संग्राहक वाहिनी में जा कर खुलती है।
वृक्काणु (नेफ्रॉन) की कार्यविधि (मूत्र बनने की प्रक्रिया)-वृक्क में आधारी निस्पंदन एकक, फुफ्फुस की तरह ही बहुत पतली भित्ति वाली रुधिर कोशिकाओं का गुच्छा होता है। वृक्क में प्रत्येक कोशिका गुच्छ, एक नलिका के कप के आकार के सिरे के भीतर होता है। यह नलिका छने हुए मूत्र को एकत्र करती है। प्रत्येक वृक्क में ऐसे अनेक नियंदन एकक (filtration units) होते हैं जिन्हें वृक्काणु (Nephron) कहते हैं।
प्रारंभिक नियंदन में कुछ पदार्थ, जैसे ग्लूकोज़, अमीनो अम्ल, लवण तथा प्रचुर मात्रा में जल, रह जाते हैं। जैसे-जैसे मूत्र इस नलिका में प्रवाहित होता है, इन पदार्थों का चयनित पुन:अवशोषण हो जाता है। प्रत्येक वृक्क में बनने वाला मूत्र एक लंबी नलिका, मूत्रवाहिनी (ureter) में प्रवेश करता है। जो वृक्क को मूत्राशय से जोड़ती है। मूत्राशय (urinary bladder) में मूत्र एकत्रित होता है, जब तक कि फैले हुए मूत्राशय का दाब मूत्रमार्ग द्वारा उसे बाहर न कर दे।
उत्तर 8-
तंत्रिका कार्यविधि तथा हार्मोन कार्यविधि में अंतर :
उत्तर 9-
अथवा
(i) न्यूनतम विद्युत धारा प्राप्त करने के लिए हमें इन प्रतिरोधकों को श्रेणी क्रम में जोड़ना होगा।
उत्तर 10-
(i) जब छड़ चुबंक का N ध्रुव कुण्डली के भीतर जाता है तो गैल्वैनोमीटर की सुई दाईं तरफ मुड़ती है।
(ii) जब छड़ चुबंक का N ध्रुव कुण्डली से बाहर निकाला जाता है तो गैल्वैनोमीटर की सुई बाईं तरफ मुड़ती है।
(iii) जब चुबंक को कुण्डलित चालक तार में स्थिर रखा जाता है तो गैल्वैनोमीटर की सुई स्थिर रहती है अर्थात् चालक में प्रेरित विद्युत धारा उत्पन्न नहीं होती है।
उत्तर 11-
उत्तर 12-
आधुनिक आवर्त सारणी में :
खड़ी पंक्तियाँ = समूह क्षैतिज पंक्तियाँ = आवर्त
एक समूह में ऊपर से नीचे जाने पर धात्विक गुण अधिक होते जाते हैं क्योंकि ऊपर से नीचे जाने पर एक नया कोश जुड़ जाता है। इससे नाभिक तथा सबसे बाहय कोश के मध्य दूरी बढ़ जाती है। इससे नाभिक को आवेश बढ़ जाने के बाद भी परमाणु का आकार बढ़ जाता है। जिससे बाहरी कोश के इलेक्ट्रॉन आसानी से परमाणु से बाहर निकाले जा सकते हैं।
एक आवर्त में बांये से दांये जाने पर परमाणु आकार कम होता जाता है क्योंकि नाभिक में प्रोटॉन की संख्या बढ़ती जाती है, इसलिए उसी बाहरी कक्ष के इलेक्ट्रॉनों को वे अधिक बल से आकर्षित करते हैं, जिसके कारण परमाणु का आकार छोटा हो जाता है।
अथवा
तत्व P का परमाणु क्रमांक = 20
∴ इसका इलेक्ट्रॉन विन्यास 2, 8, 8, 2 है।
यह तत्व P आवर्त 4 तथा समूह 2 पर स्थित है क्योंकि इसमें 4 कक्ष हैं तथा इसके परमाणु के बाहरी कक्ष में 2 इलेक्ट्रॉन हैं।
तत्व Q का परमाणु क्रमांक = 17
∴ इसका इलेक्ट्रॉन विन्यास 2, 8, 7 है।
यह तत्व Q आवर्त 3 तथा समूह 17 पर स्थित है क्योंकि इसके परमाणु में 3 कक्ष हैं तथा इसके बाहरी कक्ष में 7 इलेक्ट्रॉन हैं।
यौगिक का अणु सूत्र PQ2 है क्योंकि P की संयोजकता 2 तथा Q की संयोजकता 1 है।
उत्तर 13-
लैंगिक जनन की मूलभूत आवश्यकता नर तथा मादा में लैंगिक संभोग करके नुर युग्मक तथा मादा युग्मक का एकीकरण कर अण्डाणु को निषेचित करना है। निषेचित अण्डाणु युग्मनज में बदल कर नये जीव में विकसित होने लगता है।
लैंगिक जनन का महत्त्व-लैंगिक जनन से उत्पन्न हुए जीवों में अधिक विभिन्नताएँ पाई जाती हैं जिसके कारण परिवर्तित होते हुए वातावरण में सफलतापूर्वक जीवन व्यतीत कर पाते हैं। इन विभिन्नताओं के कारण नई प्रजाति के जीवों का विकास संभव हो पाता है। लैंगिक जनन जनसंख्या में विविधता को जन्म देता है जो प्राकृतिक चयन में सहायक होता है।
उत्तर 14-
(a) समजात अंग-वे अंग जिनकी मूल संरचना अलग-अलग जीवों में एक जैसी होती है परन्तु इनका इन जीवों में कार्य भिन्न-भिन्न होता है। उदारहण-मनुष्य की बांहे, घोडे व शेर आदि की अगली टांगे एक-दूसरे के समजात अंग हैं। इनके बुनियादी ढाँचे से पता चलता है कि ये एक ही पूर्वजों से विकसित हुए हैं।
(b) समरुप अंग-वे अंग, जो अलग-अलग जीवों में कार्य तो एक जैसी करते हैं परन्तु उनकी मूल सरंचना एक-दूसरे से भिन्न होती है, समरुप अंग कहलाते हैं। उदारहण-पक्षियों, चमगादड़ों तथा कीटों के पंख समरूप अंग है। इन अंगों के अध्ययन से पता चलता है कि इनमें तो समानता है परंतु इनके डिजाइन और संरचना बहुत अलग है।
(c) जीवाश्मे-लुप्त हुए जीवों के अंगों के कुछ अवशेष अथवा चट्टानों पर पाये जाने वाले उनके अंगों के छाप जीवाश्म कहलाते हैं। जीवाश्मों के अध्ययन से जैव विकास होने के प्रमाण मिलते हैं तथा यह पता चलता है कि सरल जीवों से ही जटिल जीवों का विकास हुआ है। उदाहरण-आर्कियोप्टेरिक्स जीवाश्म के अध्ययन से यह ज्ञात हुआ कि उसमें कुछ गुण सरीसृप वर्ग के तथा कुछ गुण पक्षी वर्ग के विकसित हुए थे। इससे पता चलता है कि पक्षियों का विकास सरीसृपों से हुआ है।
उत्तर 15-
इस दोष को नाम जरादूरदृष्टिता है।
इस दोष को ठीक करने के लिए द्विफोकसी लेंस का उपयोग किया जाता है। इस लेंस के ऊपरी भाग में अवतल लेंस होता है जो कि दूर की वस्तुओं को ठीक से देखने के लिए उपयोग किया जाता है। इस लेंस के नीचे वाले भाग में उतल लेंस होता है जो नज़दीक की वस्तुओं के देखने के लिए उपयोग किया जाता है।
उत्तर 16-
दो परखनलियाँ लेकर इन्हें A तथा B से अंकित कीजिए। परखनली A में 0.5 ग्राम सोडियम कार्बोनेट तथा परखनली B में 0.5 ग्राम सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट डालिए। अब प्रत्येक परखनली में 2 मिली तनु HCl अम्ल डालिए तथा निष्कासित गैस को चूने के पानी से गुज़ार कर उसकी पहचान कीजिए। हम देखेंगे कि दोनों परखनलियों से निकली गैस चूने के पानी को दूधिया कर देती है। इससे पता चलता है कि यह CO2 गैस है अर्थात् कार्बोनेट तथा हाइड्रोजन कार्बोनेट यौगिक अम्लों के साथ अभिक्रिया करके CO2 गैस उत्पन्न करते हैं।
यह अभिक्रिया यह दर्शाती है कि अम्लों की कार्बोनेट तथा हाइड्रोजन कार्बोनेट के साथ अभिक्रिया से लवण, कार्बनडाइऑक्साइड तथा जल बनता है।
उत्तर 17-
दोहरा रक्त परिसंचरण-मनुष्य में रक्त एक बार जब बाकी अंगों में परिवहन करता है तो हृदय में उसी एक चक्र में दोबारा आता है। पहली बार फेफड़ों से ऑक्सीकृत रक्त बाएं आलिंद में तथा दूसरे बार सभी अंगों से अनॉक्सीकृत रक्त दाएं आलिंद में आता है। इसे ही दोहरा रक्त परिसंचरण कहते हैं।
(a) दोहरा रक्त परिसंचरण, ऑक्सीकृत तथा अनॉक्सीकृत रक्त को अलग-अलग करने के लिए आवश्यक है। इससे शरीर को विभिन्न कार्यों को करने के लिए अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है।
(b) धमनियाँ तथा शिराओं में अंतर :
उत्तर 18-
सौर कुकर की बनावट-यह एक वर्गाकार बॉक्स की तरह होता है। इसके ढक्कन पर समतल दर्पण लगा होता है। बॉक्स पर एक काँच की शीट लगी होती है। बॉक्स को अंदर एवं बाहर से काले
रंग से पेंट किया जाता है। बॉक्स के ढक्कन को इस प्रकार टेढा खुला रखा जाता है ताकि सूर्य की किरणें समतल दर्पण पर पड़ सके।
सौर कुकर की कार्यविधि-जब सौर किरणें कुकर के समतल दर्पण पर पड़ती हैं तो वे परावर्तित होकर बॉक्स में जाती है। कांच पट्टिका के हरितगृह प्रभाव के कारण बॉक्स के अंदर का तापक्रम
बढ़ जाता है, जिसके कारण उसमे रखा खाना पक जाता है।
सौर कुकर के लाभ :
(i) इससे सौर ऊर्जा द्वारा भोजन आसानी से व सस्ते तरीके से बनाया जा सकता है।
(ii) खाना पकाने के लिए किसी भी प्रकार का ईंधन जलाना नहीं पड़ता। जिससे पर्यावरण प्रदूषित नहीं होता।
(iii) सौर ऊर्जा द्वारा बने भोजन के पौष्टिक तत्व नष्ट नहीं होते।
सौर कुकर की हानियाँ :
(i) सौर ऊर्जा को उपयोग वर्षा के दिनों में तथा रात को नहीं किया जा सकता।
(ii) खाना बनाने के लिए इसका उपयोग घर की छत पर या धूप आने वाले खुले स्थान में करना पड़ता है। बाहर की गर्मी व तपिश की दिशानुसार सौर कुकर की दिशा निरंतर बदलनी पड़ती है।।
उत्तर 19-
साबुन लम्बी श्रृंखला वाले कार्बोक्सिलिक अम्लों के सोडियम अथवा पोटेशियम लवण हैं।
अपमार्जक लंबी श्रृंखला वाले कार्बोक्सिलिक अम्लों के अमोनियम अथवा सल्फोनेट लवण हैं। साबुन की सफाई करने की विधि-अधिकांश मैल तैलीय होती है। तथा तेल पानी में अघुलनशील है। साबुन के अणु लंबी श्रृंखला वाले कार्बोक्सिलिक अम्लों के सोडियम एवं पोटैशियम लवण होते हैं। साबुन का आयनिक भाग जल में घुल जाता है जबकि कार्बन श्रृंखला तेल में घुल जाती है। इस प्रकार साबुन के अणु मिसेली संरचना तैयार करते हैं। जहां अणु का एक सिरा तेल कण की ओर तथा आयनिक सिरा बाहर की ओर होता है। इससे पानी में झाग बनता है। इस प्रकार साबुन का मिसेल (micelle) मैल को पानी में घुलाने में सहायता करता हैं तथा हमारे कपड़े साफ हो जाते है।
साबुन के अणु कठोर जल में उपस्थित Ca2+ तथा Mg2+ आयनों के साथ मिलकर अघुलनशील सफेद अवक्षेप बनाते हैं जो कि वस्तु के साथ चिपक जाते हैं तथा इसलिए उसकी सफाई नहीं हो पाती है।
अपमार्जकों के उपयोग से होने वाली दो समस्याएँ :
(i) अपमार्जक जैव-अनिम्नीकरणीय पदार्थ हैं इसलिए यह जलस्रोतों का प्रदूषण करते हैं।
(ii) अपमार्जक हमारी त्वचा के लिए हानिकारक हैं।
उत्तर 20-
(a) मनुष्य का वह अंग जो शुक्राणु बनाता है तथा एक हार्मोन भी उत्पन्न करता है : वृषण जो हार्मोन उत्पन्न हुआ है : टेस्टेस्ट्रॉन हार्मोन
टेस्टेस्ट्रॉन के कार्य-यह हार्मोन लड़कों में किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों तथा जनन अंगों के परिवर्तनों को नियंत्रित करता है। जैसे–किशोरों में चेहरे पर दाढ़ी-मूंछों का विकसित होना आदि।
(b) स्त्री के जनन तंत्र का वह अंग जहाँ निषेचन होता है : अण्डवाहिका
(c) गर्भस्थ भ्रूण माँ के रुधिर से अपना पोषण विशेष उत्तकों द्वारा बनी नलिका से प्राप्त करता है जिसे अपरा (प्लैसेन्टा) कहते हैं। यह एक तश्तरीनुमा संरचना होती है जो गर्भाशय की भित्ति में धंसी होती है। प्लेसेन्टा माँ से भ्रूण को ग्लूकोज़, ऑक्सीजन एवं अन्य पदार्थों के स्थानान्तरण हेतु एक बड़ा क्षेत्र प्रदान करता है। विकासशील भ्रूण द्वारा उत्पादित अपशिष्ट पदार्थों को प्लेसेन्टा के माध्यम द्वारा माँ के रुधिर को भेजा जाता है। माँ के रुधिर से ये अपशिष्ट पदार्थ माँ के मूत्र के रूप में शरीर से बाहर निकलते हैं।
उत्तर 21-
(a) दो किरणें हैं :
(i) प्रकाश किरण, जो मुख्य अक्ष के समान्तर जाती है, वह दर्पण से परावर्तित होने के बाद F बिन्दु से होकर गुजरती है।
अथवा
(a) एक प्रिज्म में से गुजरने वाली आपतित किरण व निर्गत किरण के बीच बनने वाले कोण को विचलन कोण कहते है (दोनों किरणों को बढ़ाने पर यह कोण बनता है।)। PQ = आपतित किरण, RS = निर्गत किरण ∠D = विचलन कोण
(b) प्रिज्म में से गुजरने वाली श्वेत प्रकाश किरण, सात रंगों के स्पेक्ट्रम में इसलिए विभाजित हो जाती है। क्योंकि प्रिज्म में से गुजरते हुए प्रत्येक रंग के किरण की चाल अलग-अलग होती है।
(c) इन्द्रधनुष का बनना-इन्द्रधनुष वायुमंडल में उपस्थित जले की सूक्ष्म बूंदों द्वारा सूर्य के प्रकाश के परिक्षेपण के कारण बनता है। जल की यह सूक्ष्म बूंदें प्रिज्मों की भांति कार्य करती है।
SECTION B
उत्तर 22-
• इस अभिक्रिया में BaSO4 (बेरियम सल्फेट) के सफेद अवक्षेप बनते हैं।
• Na2SO4 (aq) + BaCl2(aq) →BaSO4 (s) सफेद अवक्षेप + 2NaCl (aq)
• यह एक द्विविस्थापन अभिक्रिया है।
उत्तर 23-
(i) जोड़ने वाली चालक तारों के अंतिम सिरों को खुरदरे (रेतीले) कागज से साफ कर लेना चाहिए।
(ii) तारों के जोड़ों को पूरी तरह से कस लेना चाहिए।
(iii) विद्युत परिपथ को कुंजी के पठन लेते समय ही बंद कीजिए।
(iv) एमीटर तथा वोल्टमीटर की शून्य त्रुटियों को पहले से नोट कर लें।
उत्तर 24-
स्कूल में प्रयोगशाला के आस-पास द्विबीजपत्री पौधे होते हैं। ऐसे पौधों में स्टोमेटा छिद्र पत्ती की निचली परत में होते हैं इसीलिए पत्ती की झिल्ली की स्लॉइड निचली परत से बनाई जाती है।
उत्तर 25-
उत्पन्न होने वाली गैस CO2 है।
जब CO2 गैस को चूने के पानी के में से गुजारते हैं तो वह दूधिया हो जाता है।
उत्तर 26-
यह अलैंगिक प्रजनन द्विखण्डन विधि है।
यह प्रजनन क्रिया, कोशिका के केन्द्रक के लंबाई में बढ़ने से, आरंभ होती है।
उत्तर 27-
(a) वह पर्दे को लेंस से दूर ले जायेगा।
(b) प्रतिबिम्ब का आकार बढ़ता जायेगा।
(c) प्रतिबिम्ब की चमक धीमी पड़ती जायेगी।
(d) लेंस से 20 cm (2f) की दूरी पर ज्वाला को रखना होगा।
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