CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 1
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निर्धारित समय : 3 घण्टे
अधिकतम अंक : 80
सामान्य निर्देश
* इस प्रश्न-पत्र में चार खण्ड हैं
खण्ड (क) : अपठित अंश -15 अंक
खण्ड (ख) : व्यावहारिक व्याकरण -15 अंक
खण्ड (ग) : पाठ्य पुस्तक एवं पूरक पाठ्य पुस्तक -30 अंक
खण्ड (घ) : लेखन -20 अंक
* चारों खण्डों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
* यथासंभव प्रत्येक खण्ड के प्रश्नों के उत्तर क्रमश: दीजिए।
खण्ड (क) : अपठित अंश
प्र. 1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए [8]
तिलक ने हमें स्वराज का सपना दिया और गाँधीजी ने उस सपने को दलितों और स्त्रियों से जोड़कर एक ठोस सामाजिक अवधारणा के रूप में देश के सामने रखा। स्वतन्त्रता के उपरान्त बड़े-बड़े कारखाने खोले गए, वैज्ञानिक विकास भी हुआ, बड़ी-बड़ी योजनाएँ भी बनीं, किन्तु गाँधीवादी मूल्यों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता सीमित होती चली गई। दुर्भाग्य से गाँधी के बाद गाँधीवाद का कोई ऐसा व्याख्याकार न मिला जो राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक सन्दर्भो में गाँधीजी की सोच की समसामयिक व्याख्या करता। इस कारण यह विचार लोगों में घर करता चला गया कि गाँधीवादी विकास का मॉडल धीमे चलने वाला और तकनीकी प्रगति से विमुख है। उस पर ध्यान देने से हम आधुनिक वैज्ञानिक युग की दौड़ में पिछड़ जायेंगे। यह कहना गलत नहीं होगा कि कुछ लोगों की पाखंडी जीवन शैली ने भी इस धारणा को और पुष्ट किया है। इसका परिणाम यह हुआ कि देश में बुनियादी तकनीकी और औद्योगिक प्रगति तो आई पर देश के सामाजिक और वैचारिक ढाँचे में जरूरी बदलाव नहीं लाए गए। अत: तकनीकी विकास ने समाज में व्याप्त व्यापक फटेहाली, धार्मिक कूपमंडूकता और जातिवाद को नहीं मिटाया।
(i) तिलक का सपना क्या था तथा गाँधीजी ने उसका क्या किया? [2]
(ii) स्वतन्त्रता के बाद देश में क्या हुआ तथा गाँधीवाद के प्रति लोगों की क्या दृष्टि रही? [2]
(iii) लोगों के मन में क्या विचार घर कर गया और क्यों ? [2]
(iv) देश के सामाजिक और वैचारिक ढाँचे में बदलाव न आने का क्या कारण था? [1]
(v) औद्योगिक’ शब्द से संज्ञा शब्द बनाइए। [1]
प्र. 2. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए [7]
जिस पर गिरकर उदर-दरी से तुमने जन्म लिया है,
जिसका खाकर अन्न, सुधा-सम नीर-समीर पिया है,
वह स्नेह की मूर्ति दयामयी माता-तुल्य मही है,
उसके प्रति कर्त्तव्य तुम्हारा क्या कुछ शेष नहीं है,
पैदा कर जिस देश-जाति ने तुमको पाला-पोसा
किए हुए है वह निज हित का तुमसे बड़ा भरोसा
उससे होना उऋण प्रथम है सत्कर्त्तव्य तुम्हारा,
फिर दे सकते हो वसुधा को शेष स्वजीवन सारा।
(i) पृथ्वी किसके समान है और क्यों ? [2]
(ii) व्यक्ति को देश के प्रति अपना जीवन क्यों अर्पित करना चाहिए? [2]
(iii) कवि ने मातृभूमि के प्रति किस कर्तव्य का स्मरण कराया है? [1]
(iv) मनुष्य का सत्कर्त्तव्य क्या है? [1]
(v) कविता में प्रयुक्त हुए पृथ्वी के दो पर्यायवाची लिखिए। [1]
खण्ड (ख) : व्यावहारिक व्याकरण
प्र. 3. निर्देशानुसार उत्तर दीजिए [3]
(क) वह बाजार गया और फल खरीदे। (मिश्र वाक्य बनाइए।)
(ख) वह गाड़ी में बैठकर घर चला गया। (संयुक्त वाक्य बनाइए।)
(ग) मैं पहले खाना खाऊँगा फिर विद्यालय जाऊँगा। (सरल वाक्य बनाइए)
प्र. 4. निर्देशानुसार उत्तर दीजिए [4]
(क) लड़कियों ने स्टेज पर नृत्य किया। (कर्मवाच्य में बदलिए)
(ख) मेरे द्वारा निबन्ध लिखा गया। (कर्तृवाच्य में बदलिए)
ग) वह नहीं चलती। (भाववाच्य में बदलिए)
(घ) सुरेश ने झूठ बोला। (कर्मवाच्य में बदलिए)
प्र. 5. रेखांकित पदों का पद परिचय लिखिए [4]
(क) उसकी आँख में कुछ गिर गया है।
(ख) विद्वान व्यक्ति सर्वत्र पूजा जाता है।
(ग) मैं सवेरे उठता हूँ।
(घ) रमेश ने अपने भाई के लिए पुस्तक खरीदी।
प्र. 6. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर निर्देशानुसार लिखिए [4]
(क) शृंगार रस का स्थायी भाव लिखिए।
(ख) निर्वेद में कौन-सा रस निष्पन्न होता है।
(ग) रे नृप बालक ! कालबस बोलत तोहि ने सँभार।
धनुही सम त्रिपुरारि धनु विदित सकल संसार ।।
-उपरोक्त पंक्ति में कौन-सा रस है?
(घ) शृंगार रस के कितने भेद होते हैं नाम लिखिए।
खण्ड (ग) : पाठ्य पुस्तक एवं पूरक पाठ्य पुस्तक
प्र. 7. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए [5]
कस्बा ब्रहुत बड़ा नहीं था। जिसे पक्का मकान कहा जा सके वैसे कुछ ही मकान और जिसे बाजार कहा जा सके वैसा ही एक बाजार था। कस्बे में एक लड़कों का स्कूल, एक लड़कियों का स्कूल, एक सीमेंट का छोटा-सा कारखाना, दो ओपन एयर सिनेमाघर और एक नगरपालिका भी थी । नगरपालिका थी तो कुछ-न-कुछ करती भी रहती थी। कभी कोई सड़क पक्की करवा दी, कभी पेशाबघर बना दिए, कभी कबूतरों की छतरी बनवा दी तो कभी कवि सम्मेलन करवा दिया। इसी नगरपालिका के किसी उत्साही बोर्ड या प्रशासनिक अधिकारी ने एक बार ‘शहर’ के मुख्य बाजार के मुख्य चौराहे पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एक संगमरमर की प्रतिमा लगवा दी।
(क) हालदार साहब को उस कस्बे से कब और क्यों गुजरना पड़ा था? [2]
(ख) कस्बा कैसा था? उसकी क्या विशेषताएँ थीं ? [2]
(ग) कस्बे की नगरपालिका क्या-क्या कार्य करती थी? [1]
प्र. 8. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए [2×4=8]
(क) लेखिका के व्यक्तित्व का सही विकास कब हुआ? [2]
(ख) ‘एक कहानी यह भी’ के आधार पर बताइए। बिस्मिल्ला खाँ को संगीत की आरम्भिक प्रेरणा किससे मिली ? [2]
(ग) लेखिका के अपने पिता से वैचारिक मतभेदों को अपने शब्दों में लिखिए। [2]
(घ) अपनों का विश्वासघात मनुष्य पर क्या प्रभाव डालता है? ‘एक कहानी यह भी’ के आधार पर लिखिए। [2]
प्र. 9. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए [5]
यश है या न वैभव है मान है न सरमाया,
जितना ही दौड़ा तू उतना ही भरमाया,
प्रभुता का शरण-बिंब केवल मृगतृष्णा है,
हर चन्द्रिका में छिपी एक रात कृष्णा है।
जो है यथार्थ कठिन उसका तू कर पूजन ।
छाया मत छूना ।
मन, होगा दुख दूना।
(क) कवि ने यश, वैभव, मान आदि को किसके समान बताया है? [2]
(ख) ‘हर चंद्रिका में छिपी एक रात कृष्णा है’-इस पंक्ति के माध्यम से कवि किस तथ्य को बताना चाहता है? [2]
(ग) व्यक्ति को कठिन यथार्थ का पूजन क्यों करना चाहिए? [1]
प्र. 10. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए [2×4=8]
(क) परशुराम ने धनुष तोड़ने वाले के विषय में पूछा तो श्रीराम ने धनुष मेरे द्वारा टूट गया है, सीधा उत्तर न देकर ऐसा क्यों कहा कि “धनुष तोड़ने वाला आपका कोई दास होगा”। [2]
(ख) माँ ने बेटी को क्या-क्या सीख दी? ‘कन्यादान’ कविता के आधार पर बताइए। [2]
(ग) “संगतकार’ कविता में कवि क्या संदेश देना चाहता है? [2]
(घ) लक्ष्मण ने अपने कुल की क्या परम्परा बताई ? [2]
प्र. 11. ‘कटाओ’ में किसी भी दुकान का न होना उसके लिए वरदान है।” इस कथन के पक्ष में अपनी राय दीजिए।
अथवा
प्रकृति ने जल संचय की व्यवस्था किस प्रकार की है? [4]
खण्ड (घ) : लेखन
प्र. 12. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिन्दुओं के आधार पर लगभग 200 से 250 शब्दों में निबंध लिखिए। [10]
(क) इंटरनेट का प्रभाव
- इंटरनेट : अनुपम सुविधा
- उपयोगिता की दिशाएँ
- दुरुपयोग के बिन्दु
- समाधान व संदेश
(ख) ग्लोबल वार्मिंग के खतरे
- अर्थ
- कारण व समस्याएँ
- बचाव के उपाय
- समाधान व संदेश
(ग) स्वच्छ भारत : एक कदम स्वच्छता की ओर
- स्वच्छता का महत्त्व
- वर्तमान समय में भारत में स्वच्छता की स्थिति
- स्वच्छ भारत अभियान का लक्ष्य
- उपसंहार
प्र. 13. अपने नगर में बढ़ते अवैद्य निर्माण की समस्या की ओर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करने के लिए किसी समाचार-पत्र के संपादक के नाम पत्र लिखिये। [5]
अथवा
आपके क्षेत्र में डाक विभाग की अव्यवस्था की शिकायत करते हुए पोस्टमास्टर जी को पत्र लिखिए।
प्र. 14. किसी नहाने के साबुन का विज्ञापन तैयार कीजिए। उसकी विशेषताएँ बताते हुए 25-50 शब्दों में एक विज्ञापन तैयार कीजिए। [5]
अथवा
विद्यालय की कार्यानुभव-प्रयोगशाला में बनी मोमबत्तियाँ तथा अन्य उपयोगी वस्तुओं की बिक्री हेतु लगभग 25 शब्दों में एक विज्ञापन लिखिए।
उत्तरमाला
खण्ड (क)
उत्तर 1. (i) तिलक ने स्वराज का सपना दिया था और गाँधीजी ने उस स्वप्न को दलितों और स्त्रियों से जोड़कर एक ठोस सामाजिक अवधारणा के रूप में देश के सामने रखा।
(ii) स्वतन्त्रता के बाद देश में बड़े-बड़े कारखाने खोले गए वैज्ञानिक विकास भी हुआ, बड़ी-बड़ी योजनाएँ बनीं, किन्तु गाँधीवादी मूल्यों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता सीमित होती चली गई।
(iii) लोगों के मन में यह विचार घर कर गया कि गाँधीवादी विकास का मॉडल धीमे चलने वाला तथा तकनीकी प्रगति से विमुख है। क्योंकि गाँधीजी के बाद कोई ऐसा व्याख्याकार नहीं मिला जो सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक रूप में गाँधीजी के विचारों की व्याख्या करता।
(iv) लोगों में गाँधीवादी मूल्यों के प्रति लगाव का अभाव इसका मुख्य कारण था।
(v) औद्योगिक शब्द का संज्ञा शब्द है ‘उद्योग’।।
उत्तर 2. (i) पृथ्वी को स्नेह की मूर्ति, दयामयी माँ के समान बताया है क्योंकि माँ के गर्भ से जन्म लेने के बाद व्यक्ति का पालन-पोषण इसी पृथ्वी पर होता है।
(ii) क्योंकि जन्म लेने के बाद व्यक्ति का पालन-पोषण देश, समाज और जाति के लोगों के बीच होता है। अंततः वह अपने जीवन को समर्पित करके देश का ऋण चुका सकता है।
(iii) कवि ने मातृभूमि के प्रति अपने दायित्वों के निर्वाह का स्मरण कराया है।
(iv) मातृभूमि ने हमें जो कुछ प्रदान किया है उसका ऋण चुकाना ही सत्कर्तव्य है।
(v) पृथ्वी-मही, वसुधा।
खण्ड (ख)
उत्तर 3. (क) उसे फल खरीदने थे इसलिए बाजार गया।
(ख) वह गाड़ी में बैठा और घर चला गया।
(ग) मैं खाना खाकर विद्यालय जाऊँगा।
उत्तर 4. (क) लड़कियों द्वारा स्टेज पर नृत्य किया गया।
(ख) मैंने निबन्ध लिखा।
(ग) उससे नहीं चला जाता।
(घ) सुरेश द्वारा झूठ बोला गया।
उत्तर 5. (क) उसकी-सर्वनाम, संबंधवाचक, पुल्लिंग, एकवचन।
(ख) विद्वान-विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिंग, एकवचन।
(ग) उठता हूँ-अकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, एकवचन, उत्तम पुरुष।।
(घ) भाई (के लिए)-जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन संप्रदान कारक अप्रत्यक्ष कर्म का प्रकार्य ।
उत्तर 6. (क) शृंगार रस का स्थायी भाव है प्रेम या रति ।
(ख) निर्वेद में शांत रस निष्पन्न होता है।
(ग) इन पंक्तियों में रौद्र रस है।
(घ) श्रृंगार रस के दो भेद होते हैं-संयोग शृंगार और वियोग श्रृंगार।
खण्ड (ग)
उत्तर 7. (क) हालदार साहब को हर पंद्रहवें दिन कम्पनी के काम से उस कस्बे से गुजरना पड़ता था।
(ख) कस्बा बहुत बड़ा नहीं था। वहाँ कुछ पक्के मकान और एक बाजार था। लड़कों का एक स्कूल और लड़कियों का एक स्कूल था, सीमेंट का एक छोटा कारखाना, दो ओपन एयर सिनेमाघर और एक नगरपालिका थी।
(ग) कस्बे में नगरपालिका कभी कोई सड़क बनवा देती थी, कभी और पेशाबघर बना दिए, कभी कबूतरों की छतरी बनवा दी, कभी
कवि सम्मेलन करवा दिया।
उत्तर 8. (क) जब लेखिका की बड़ी बहन की शादी हो गई तथा बड़े भाई पढ़ाई के लिए कोलकाता चले गए तब उनके व्यक्तित्व का विकास होना शुरू हो गया। तब पिताजी ने भी उन पर ध्यान देना शुरू किया।
(ख) बिस्मिल्ला खाँ ने संगीत की वर्णमाला का पहला अक्षर रसूलन बाई और बतूलन बाई नाम की गायिका बहनों के गीतों को सुनकर सीखा।
(ग) लेखिका के पिता गोरे रंग को पसन्द करते थे जबकि लेखिको काली थी। अपने पिता का शक्की स्वभाव लेखिका को पसन्द नहीं था। लेखिका ने अपने पिता की मर्जी के खिलाफ विवाह किया था। पिता को उसका लड़कों के साथ सड़क पर घूमना, नारेबाजी करना व हड़ताल करवाना पसन्द नहीं था।
(घ) अपनों का विश्वासघात मनुष्य को तोड़कर रख देता है। इससे मनुष्य बहुत शक्की, अहंकारी, क्रोधी और चिड़चिड़ा हो जाता है। उसका व्यक्तित्व खंडित हो जाता है।
उत्तर 9. (क) कवि ने यश वैभव, मान आदि को भ्रमित करने वाली मृगतृष्णा के समान बताया है क्योंकि मनुष्य यश आदि के लिए भ्रमित होता है कभी तृप्त नहीं होता।
(ख) मानव जीवन में सुख के बाद दुख की काली छाया भी सामने खड़ी रहती है। यहाँ चाँदनी रात मनुष्य के सुख का प्रतीक है तो काली रात दुख का प्रतीक है।
(ग) मनुष्य को यथार्थ से न भागकर उसका सामना करना चाहिए। जीवन में कठिनाइयाँ आती हैं, इनसे विचलित हुए बिना उनको । सामना करना चाहिए।
उत्तर 10. (क) श्रीराम परशुराम के क्रोधित स्वभाव से परिचित थे और स्वयं विनम्रता के धनी थे तथा वे यह भी जानते थे कि विनम्रता से क्रोध को शान्त किया जा सकता है इसीलिए उन्होंने स्वयं को परशुराम का दास (अनुचर) बताते हुए कहा कि धनुष तोड़ने वाली आपका ही कोई दास होगा।
(ख) माँ ने बेटी को सीख देते हुए कहा कि पानी में झाँककर अपने सौन्दर्य पर घमंड न करना, वस्त्र और आभूषण को बंधन मत बनने देना। अपनी मर्यादाओं का पालन करना।
(ग) संगतकार कविता में कवि यह संदेश देना चाहता है कि हमें बड़े कलाकारों, मुख्य गायक-गायिकाओं की सहायता करने वाले उन व्यक्तियों को भी उचित सम्मान देना चाहिए, जो गुमनामी में रहकर बड़े कलाकारों या गायक-गायिकाओं की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
(घ) लक्ष्मण ने अपने कुल की यह परंपरा बताई है कि हमारे यहाँ देवता, ब्राह्मण, ईश्वरभक्त तथा माँ पर शूरवीरता नहीं दिखाई जाती क्योंकि इन्हें मारने से पाप लगता है और इनसे हारने से बदनामी होती है।
उत्तर 11. कटाओ सिक्किम की एक खूबसूरत किन्तु अनजान सी जगह है। यह अपनी स्वच्छता और सुन्दरता के कारण हिन्दुस्तान का स्विटजरलैंड कहलाता है। यहाँ किसी भी प्रकार चीजें किराये पर मुहैया करवाने वाली दुकानों की कतारें या एक भी दुकान न थी। यहाँ का व्यवसायीकरण नहीं हुआ। यदि वहाँ दुकानों की कतार होती तो स्थानीय आबादी भी बढ़ेगी और पर्यटकों की भीड़ भी। अंतत: वहाँ भी प्रदूषण अपने पाँव पसारेगा। ऐसे में कटाओ में दुकानों का न होना एक वरदान ही है।
अथवा
“साना-साना हाथ जोड़ि…..” पाठ में यह स्पष्ट किया गया है कि कटाओ के हिम शिखर पूरे एशिया के जलस्तम्भ हैं। प्रकृति बड़े नायाब ढंग से सर्दियों में बर्फ के रूप में जल संग्रह कर लेती है और गर्मियों में जब पानी के लिये त्राहि-त्राहि मचती है, तो ये ही बर्फ शिलाएँ पिघल-पिघलकर जलधारा बनकर हमारी प्यास बुझाती हैं। इस प्रकार प्रकृति ने बड़े अद्भुत ढंग से जल संचय की व्यवस्था की है।
खण्ड (घ)
उत्तर 12. (क) इंटरनेट का प्रभाव
इंटरनेट अनुपम सुविधा-इंटरनेट के माध्यम से इंसान के काम करने के तरीके में क्रान्तिकारी परिवर्तन आया है। इसके कारण मनुष्य के समय और मेहनत की बहुत बचत हुई है। ये कम समय में पूरी जानकारी को आप तक पहुँचाने की दक्षता रखता है। आज इसका प्रभाव दुनिया के हर कोने में देखा जा सकता है। इंटरनेट से जुड़ने के लिए एक कम्प्यूटर और एक मॉडम की आवश्यकता होती है। ये दुनिया की किसी भी जगह से पूरे विश्वभर की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त करने में हमारी मदद करता है। इसके द्वारा हम वेबसाइट से कुछ ही सेकण्डों में जानकारी को प्राप्त करके भविष्य के लिए सुरक्षित कर सकते हैं। मेरे स्कूल के कम्प्यूटर लैब में इंटरनेट की सुविधा है जहाँ हम अपने प्रोजेक्ट से सम्बन्धित जरूरी जानकारी को प्राप्त कर सकते हैं।
उपयोग की दिशाएँ-इन्टरनेट से ऑनलाइन सम्पर्क तेज और आसान हो गया है जिससे संदेश या विडियो कॉनफ्रेंस के द्वारा दुनिया में कहीं भी मौजूद लोग एक-दूसरे से जुड़ सकते हैं। इसकी मदद से विद्यार्थी अपनी परीक्षा, प्रोजेक्ट तथा रचनात्मक कार्यों में भाग लेता है। इससे विद्यार्थी अपने शिक्षकों और दोस्तों से ऑनलाइन जुड़कर कई सारे विषयों पर चर्चा कर सकता है। इसकी सहायता से हम विश्व से सम्बन्धित कोई भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं जैसे कहीं की यात्रा के लिए उसके बारे में पता लगा सकते हैं।
इन्टरनेट कनेक्शन से जुड़ते ही हमारी पहँच वर्ल्ड वाइड वेब तक हो जाती है। पहले के समय में जब इंटरनेट नहीं था तो लोगों को कई प्रकार के कार्यों के लिए लंबे समय तक लाइन में लगना पड़ता था जैसे रेलवे का टिकट लेने के लिए, बिल जमा करने के लिए आदि लेकिन आधुनिक समय में लोग बस एक बटन को दबाते ही टिकट बुक कर सकते हैं तथा एक सॉफ्टकॉपी भी अपने मोबाइल में रख सकते हैं। हम इसे नेटवर्को का नेटवर्क कह सकते हैं।
दुरुपयोग के बिन्दु-इंटरनेट ने जीवन को आसान बना दिया है पर इसकी वजह से नुकसान भी हो रहे हैं। इंटरनेट पर हैकिंग, स्पैनिंग और अन्य ऐसी कुख्यात गतिविधियाँ भी होती हैं। कई छात्र इंटरनेट पर विभिन्न प्रकार की वीडियो देखते हैं तथा ऑनलाइन गेम खेलते हैं और इसके आदी हो जाते हैं। अधिक इस्तेमाल करने से स्वास्थ्य पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है। इससे माइग्रेन, नेत्रदृष्टि पर प्रभाव, पीठ दर्द, वजन बढ़ना, डिप्रेशन, रिश्तों पर नकारात्मक प्रभाव आदि पड़ने लगता है।
समाधान व संदेश-इसके समाधान के लिए सोशल साइट के उपयोग के लिए एक सीमा निर्धारित कर देनी चाहिए। विद्यालयों में प्रोजेक्ट आदि बनाने की व्यवस्था होनी चाहिए। जिससे छात्र अध्यापक की निगरानी में प्रोजेक्ट बना सकें। अभिभावक भी अपने बच्चों द्वारा इन्टरनेट के उपयोग की अवधि निश्चित करें।
(ख) ग्लोबल वार्मिंग के खतरे
अर्थ-धरती के तापमान में लगातार बढ़ते स्तर को ग्लोबल वार्मिंग कहते हैं। वर्तमान समय में ये पूरे विश्व के समक्ष एक बड़ी समस्या के रूप में उभर रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि धरती के वातावरण के गर्म होने का मुख्य कारण ग्रीनहाउस के स्तर में वृद्धि है। अगर इससे छुटकारा पाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो वह दिन दूर नहीं कि धरती अपने अन्त की ओर अग्रसर होगी।
कारण व समस्याएँ-दिनों-दिन बढ़ते इसके खतरनाक प्रभाव से सम्पूर्ण विश्व के लिए खतरा उत्पन्न हो रहा है, इसके कारण समुद्र के जलस्तर में वृद्धि हो रही है, बाढ़, तूफान, चक्रवात, मौसम के स्वरूपों में परिवर्तन, संक्रामक बीमारियाँ, खाद्यान्न में कमी आदि आने वाले समय में दिखाई देंगी। इससे छुटकारा पाने का एक ही तरीका है व्यक्तिगत स्तर पर जन-जागरूकती। लोगों को इसका अर्थ, कारण और इससे होने वाले प्रभाव के बारे में समझना चाहिए और उससे बचने के उपाय ढूँढ़ने चाहिए, जिससे जीवन की संभावनाएँ सदा के लिए मुमकिन हो सके।
बचाव के उपाय-लोगों को उनकी आदतें जैसे तेल, कोयला और गैस के अत्यधिक इस्तेमाल, पेड़ों की कटाई को रोककर, कम बिजली का इस्तेमाल करके CO2 को फैलने से रोकना चाहिए। पूरी दुनिया के लोगों में थोड़े से बदलाव से, एक दिन हम लोग इसके प्रभावों को घटाकर वातावरण में हुए नकारात्मक परिवर्तनों को रोक सकते हैं।
समाधान व संदेश-पूरे विश्व में जनसंख्या विस्फोट को भी रोकने की आवश्यकता है क्योंकि इससे धरती पर विनाशकारी तकनीकों का इस्तेमाल कम होगा। हमें वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों का कम से कम उत्सर्जन करना चाहिए और उन जलवायु परिवर्तनों को अपनाना चाहिए जो वर्षों से होते आ रहे हैं। तेल जलाने और कोयले के इस्तेमाल, परिवहन के साधनों और बिजली के सामानों के स्तर को घटाने से ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को घटाया जा सकता है।
(ग) स्वच्छ भारत-एक कदम स्वच्छता की ओर
स्वच्छ भारत मिशन या स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा चलाया गया एक विशाल जन-आन्दोलन है जोकि पूरे भारत में सफाई को बढ़ावा देता है। इस अभियान को 2 अक्टूबर, 2014 को महात्मा गाँधी की 150वीं वर्षगाँठ के दिन सुबह शुरू किया गया था। महात्मा गाँधी जी ने भारत को स्वच्छ बनाने का सपना देखा था और इसके लिए हमेशा कठिन प्रयास किए। उनके सपने को पूरा करने के लिए भारत सरकार ने इस अभियान को शुरू करने का फैसला किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश सरकार के कार्यालयों में सफाई सुनिश्चित करने के लिए पान, गुटका और तम्बाकू उत्पादों के सेवन पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। इस मिशन का उद्देश्य सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को कवर करना है ताकि दुनिया के सामने हम एक आदर्श देश का उदाहरण प्रस्तुत कर सकें। इस मिशन के उद्देश्य में से कुछ महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं-खुले में शौच समाप्त करना, अस्वास्थ्यकर शौचालयों को फ्लश शौचालयों में परिवर्तित करना, हाथ से मल की सफाई को रोकना, ठोस और तरल कचरे का पुन: उपयोग, लोगों को सफाई के प्रति जागरूक करना, अच्छी आदतों के लिए प्रेरित करना, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था अनुकूल बनाना व भारत में निवेश के लिए रुचि रखने वाले सभी निजी क्षेत्रों के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करना आदि।
इस तरह हम कह सकते हैं कि 2019 तक भारत को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने के लिए स्वच्छ भारत अभियान एक स्वागत योग्य कदम है। जैसा कि हम सभी ने कहावत में सुना है स्वच्छता भगवान की ओर अगला कदम है। हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि अगर भारत की जनता द्वारा प्रभावी रूप से इसका अनुसरण किया जाए तो आने वाले चंद वर्षों में स्वच्छ भारत अभियान से पूरा देश भगवान का निवास स्थल सा बन जाएगा।
उत्तर 13. सेवा में,
प्रधान संपादक महोदय,
दैनिक हिन्दुस्तान,
नई दिल्ली।
दिनांक-2 फरवरी 20xx
विषय-नगर में बढ़ते जा रहे अवैध निर्माण के संदर्भ में ।
मान्यवर महोदय,
मैं इस पत्र के माध्यम से आपका तथा प्रशासन का ध्यान अपने नगर में बढ़ते जा रहे अवैध निर्माण की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। पिछले कई वर्षों से ये अवैध निर्माण चारों तरफ अपना प्रसार कर रहे हैं। मुख्य सड़क पर दुकानदारों ने अपनी दुकान इतनी आगे बढ़ा ली है कि सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। जाम लगने के कारण कई घंटों तक मार्ग अवरुद्ध हो जाता है। वाहनों की मरम्मत से जुड़ी दुकानों ने तो लोगों की नाक में दम कर रखा है। होटलों, मैरिज होम तथा वाहन विक्रेताओं ने अवैध निर्माण में कोई असर नहीं छोड़ी। है। अत: प्रशासन से मेरा अनुरोध है कि ऐसे अवैध निर्माण तुरन्त रेखांकित किए जाएँ और उन्हें हटाने की अन्तिम तिथि घोषित कर दें और न हटाने पर कड़ी कार्यवाही की जाए।
धन्यवाद!
भवदीय,
क.ख.ग
अ.ब.स. नगर, आगरा
अथवा
प्रतिष्ठा में,
डाकपाल महोदय,
जी. पी. ओ. गाजियाबाद
उत्तर प्रदेश
दिनांक : 21 जून 20xx
विषय-डाक विभाग की अव्यवस्था के संदर्भ में पत्र।
महोदय,
मैं क.ख.ग. शास्त्रीनगर, गाजियाबाद का निवासी हूँ। इस पत्र द्वारा में डाक विभाग के डाक वितरण की अव्यवस्था की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ।
हमारे क्षेत्र का डाकिया अपना कार्य ठीक प्रकार से नहीं कर रहा है। उसके आने-जाने का कोई निश्चित समय नहीं है। यही नहीं कभी-कभी तो वह पत्र किसी दूसरे को पकड़ा जाता है या घर के पास फेंक जाता है। इस कारण कभी-कभी आवश्यक पत्र या बिल खो जाते हैं। मैंने कई बार उसको समझाने की कोशिश की लेकिन उसका कोई भी परिणाम नहीं निकला।
आपसे निवेदन है कि या तो आप इनके खिलाफ कोई कार्यवाही करें या किसी दूसरे डाकिए का प्रबन्ध कर दें।
धन्यवाद
भवदीय
क.ख.ग
9A-495 शास्त्रीनगर, गाजियाबाद।
उत्तर 14.
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