Author name: Veer

Bharat Ki Khoj Class 8 Chapter 4 Questions and Answers Summary युगों का दौर

These NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant & Bharat Ki Khoj Class 8 Chapter 4 युगों का दौर Questions and Answers Summary are prepared by our highly skilled subject experts.

Class 8 Hindi Bharat Ki Khoj Chapter 4 Question Answers Summary युगों का दौर

Bharat Ki Khoj Class 8 Chapter 4 Question and Answers

प्रश्न 1.
मौर्य साम्राज्य के अवसान पर उसकी जगह किसने ली?
उत्तर:
मौर्य साम्राज्य के अवसान पर उसकी जगह शुंग वंश ने ली।

प्रश्न 2.
मेनांडर किस नाम से प्रसिद्ध हुआ?
उत्तर:
मेनांडर राजा मिलिंद के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

प्रश्न 3.
साँची के निकट कौन-सी लाट थी?
उत्तर:
साँची के निकट बेसनगर में ग्रेनाइट पत्थर की एक लाट है जो हेलिओदो स्तंभ के नाम से प्रसिद्ध है। इस पर संस्कृत का एक लेख खुदा था।

प्रश्न 4.
कुषाणों ने क्या काम किया?
उत्तर:
कुषाणों ने शकों. को पराजित करके दक्षिण की ओर खदेड़ दिया। कुषाणों ने पूरे उत्तर भारत पर और मध्य एशिया के बहुत बड़े भाग पर अपना मजबूत साम्राज्य कायम कर लिया।

प्रश्न 5.
कुषाण काल में बौद्ध धर्म की क्या स्थिति थी?
उत्तर:
कुषाण काल में बौद्ध धर्म दो संप्रदायों में बँट गया था-महायान और हीनयान। दोनों में मतभेद उठ खड़े हए। समस्याओं पर विवाद आयोजित किए जाते थे। महायान के सिद्धांतों का प्रचार चीन में हुआ तथा श्रीलंका और बर्मा के लोग हीनयान को मानते रहे। कुषाणों ने अपना भारतीयकरण कर लिया था।

प्रश्न 6.
गुप्त वंश का शासन कब से कब तक रहा?
उत्तर:
चौथी शताब्दी के आरंभ से लेकर 150 वर्षों तक गुप्त वंश ने उत्तर में एक बड़े एवं शक्तिशाली राज्य पर शासन किया। इसके बाद 150 वर्ष तक उनके उत्तराधिकारी अपने बचाव में लगे रहे और साम्राज्य सिकुड़कर छोटा होता चला गया।

Bharat Ki Khoj Class 8 Chapter 4 Questions and Answers Summary युगों का दौर

प्रश्न 7.
हूणों को किसने पराजित किया?
उत्तर:
हूणों को कन्नौज के राजा हर्षवर्धन ने पराजित किया। हर्ष ने उत्तर से मध्य भारत तक एक शक्तिशाली राज्य की स्थापना की। हर्षवर्धन कवि और नाटककार थे। उसने अपनी राजधानी उज्जयिनी को सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बनाया।

प्रश्न 8.
भारत में जिस सभ्यता का निर्माण किया गया, उसका मूल आधार क्या था?
उत्तर:
भारत में जिस सभ्यता का निर्माण किया गया, उसका मूल आधार स्थिरता और सुरक्षा की भावना थी।

प्रश्न 9.
भारतीय रंगमंच की क्या विशेषता थी?
उत्तर:
भारतीय रंगमंच अपने विचारों में विकास में पूरी तरह स्वतंत्र था। ऋग्वेद की ऋचाओं में रंगमंच का उद्गम खोजा जा सकता है।

प्रश्न 10.
संस्कृत नाटकों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर:
भास ने 13 नाटक लिखे।

  • अश्वघोष का प्राचीनतम नाटक है।
  • कालिदास ने ‘अभिज्ञान शाकुंतलम्’ नाटक लिखा।
  • शूद्रक ने ‘मृच्छकटिक’ नाटक लिखा।
  • विशाखदत्त का ‘मुद्राराक्षस’ नाटक प्रसिद्ध है।

प्रश्न 11.
संस्कृत भाषा के बारे में क्या कहा गया है?
उत्तर:
संस्कृत भाषा एक समृद्ध और अलंकृत भाषा है। इसके व्याकरण का ढाँचा पाणिनि ने तैयार किया। संस्कृत आधुनिक भारतीय भाषाओं की जननी है।

प्रश्न 12.
प्राचीन भारत में कौन-सा उद्योग बहुत विकसित था?
उत्तर:
प्राचीन भारत में जहाज बनाने का उद्योग बहुत विकसित था। उस समय बनाए गए जहाजों का वर्णन ब्यौरेवार मिलता है। भारतीय बंदरगाहों का भी उल्लेख मिलता है।

Bharat Ki Khoj Class 8 Chapter 4 Questions and Answers Summary युगों का दौर

प्रश्न 13.
भारतीय कला का प्रभाव विदेशों में किस प्रकार दिखाई देता है?
उत्तर:
जावा और बाली के मशहूर नृत्य भारत से लिए गए हैं। कंबोडिया में वर्णमाला दक्षिण भारत से ली गई है। भारतीय वास्तुकला का प्रभाव अंगकोर और बोरोबुदूर की इमारतों में दिखाई पड़ता है। भारतीय संगीत ने चीन और सुदूर-पूर्व के अलावा एशियाई संगीत को प्रभावित किया। मथुरा के संग्रहालय में बोधिसत्व की विशाल मूर्तियाँ हैं।

प्रश्न 14.
अजंता-एलोरा की गुफाओं के बारे में बताइए।
उत्तर:
गुप्तकाल के दौरान अजंता की गुफाएँ खोदी गईं। उनमें भित्तिचित्र भी बनाए गए। इन चित्रों को बौद्ध भिक्षुओं ने बनाया था। इनमें स्त्रियों के विभिन्न रूपों को दर्शाया गया था। 7वीं-8वीं शताब्दी में ठोस चट्टान को काटकर एलोरा की विशाल गुफाएँ तैयार हुई हैं। एलिफेंटा की गुफाओं में नटराज शिव की एक खंडित मूर्ति नृत्य मुद्रा में है।

प्रश्न 15.
भारत के विदेशी व्यापार के बारे में बताइए।
उत्तर:
भारत का व्यापार दूर-दूर तक फैला था। भारत का कपड़ा उद्योग बहुत विकसित था। यहाँ रेशमी कपड़ा भी बनता था। आरंभिक शताब्दियों में भारत में रसायन शास्त्र का विकास अन्य देशों की तुलना में अधिक हुआ। दूसरे देशों में भारत के फौलाद और लोहे की बहुत कद्र थी।

प्रश्न 16.
प्राचीन भारत में गणित शास्त्र की क्या स्थिति थी?
उत्तर:
आधुनिक अंकगणित और बीजगणित की नींव भारत में पड़ी। भारत में ज्यामिति का भी विकास हुआ। शून्य की विधि भी निकाली गई।

गणित में भास्कर महत्त्वपूर्ण थे। इनका ‘लीलावती’ ग्रंथ प्रसिद्ध है। ब्रह्मपुत्र ने शून्य पर लागू होने वाले नियम निश्चित किए।

Bharat Ki Khoj Class 8 Chapter 4 Questions and Answers Summary युगों का दौर

Bharat Ki Khoj Class 8 Chapter 4 Summary

गुप्त शासन में राष्ट्रीयता और साम्राज्यवाद- मौर्य शासन की समाप्ति पर शुंग वंश आया। भारतीय और यूनानी संस्कृतियों के मेल से अफगानिस्तान और सरहदी सूबे के क्षेत्र में गांधार की यूनानी बौद्ध कला का जन्म हुआ। मध्य एशिया में शक आक्सस नदी की घाटी में बस गए थे। ये शक बौद्ध और हिंदू हो गए थे। कुषाणों ने शकों को हराकर दक्षिण की ओर खदेड़ दिया। शक काठियावाड़ और दक्खन की ओर चले गए। कुषाण काल में बौद्ध धर्म दो सम्प्रदायों में बँट गया-महायान और हीनयान। इनमें विवाद होने लगा। एक नाम नागार्जुन उभरा। वह बौद्धशास्त्रों और भारतीय दर्शन के विद्वान थे। उन्हीं के कारण महायान की विजय हुई। चीन में महायान तथा लंका-बर्मा में हीनयान को मानते रहे।

चंद्रगुप्त ने गुप्त साम्राज्य स्थापित किया। 320 ई. में गुप्त युग का आरंभ हुआ। इसमें कई महान शासक हुए। 150 वर्ष तक गुप्त वंश ने उत्तर में एक शक्तिशाली और समृद्ध राज्य स्थापित किया। भारत में हूणों का शासन आधी शताब्दी तक ही रहा। इनका दमन करके कन्नौज के राजा हर्षवर्धन ने उत्तर से लेकर मध्य भारत तक एक शक्तिशाली राज्य की स्थापना की। हर्षवर्धन कवि और नाटककार था। उसकी मृत्यु 648 ई. में हुई थी।

दक्षिण भारत- दक्षिण भारत में मौर्य साम्राज्य के सिमटकर अंत हो जाने से एक हजार साल से भी ज्यादा समय तक बड़े-बड़े राज्य फूले-फले। दक्षिण भारत अपनी बारीक दस्तकारी और समुद्री व्यापार के लिए प्रसिद्ध था। उत्तर भारत पर बार-बार होने वाले हमलों का सीधा प्रभाव दक्षिण पर नहीं पड़ा। इसका परोक्ष प्रभाव जरूर पड़ा कि बहुत से लोग उत्तर से दक्षिण में जाकर बस गए। इन लोगों में राजगीर, शिल्पी और कारीगर भी शामिल थे।

शांतिपूर्ण विकास और युद्ध के तरीके- मौर्य, कुषाण, गुप्त और दक्षिण भारत में आंध्र. चालुक्य, राष्ट्रकूट के अलावा और भी ऐसे राज्य हैं जहाँ दो-दो, तीन-तीन सौ वर्षों तक शासन रहा। जब कभी दो राज्यों के बीच कोई युद्ध या आंतरिक आंदोलन होता था तो आम जनता की दिनचर्या में बहुत कम हस्तक्षेप किया जाता था। यह धारणा भ्रामक है कि अंग्रेजी राज ने पहली बार भारत में शांति और व्यवस्था कायम की। अंग्रेजों के शासन में देश अवनति की पराकाष्ठा पर था। इस समय राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था टूट चुकी थी।

प्रगति बनाम सुरक्षा- भारत में जिस सभ्यता का निर्माण किया गया, उसका मूल आधार स्थिरता और सुरक्षा की भावना थी। भारतीय दर्शन व्यक्तिवादी है; जबकि भारत का सामाजिक ढाँचा सामुदायिक है। पाबंदी के बावजूद पूरे समुदाय में लचीलापन था। रीति-रिवाज बदले जा सकते थे। यहाँ समन्वय की भावना थी। राजा आते-जाते रहे, पर व्यवस्था नींव की तरह कायम रही। ऐसे हर तत्त्व ने जो बाहर से आया और जिसे भारत में अपने आप में समा लिया। भारत को कुछ दिया और उससे बहुत कुछ लिया।

भारत का प्राचीन रंगमंच- भारतीय रंगमंच अपने मूलरूप में विचारों और विकास में पूरी तरह स्वतंत्र था। इसका उद्गम ऋग्वेद की ऋचाओं में खोजा जा सकता है। रंगमंच की कला पर रचित ‘नाट्यशास्त्र’ ईसा की तीसरी शताब्दी की रचना बताई जाती है। यह माना जाता है कि नियमित रूप से लिखे गए संस्कृत नाटक ई.पू. तीसरी शताब्दी तक प्रतिष्ठित हो चुके थे। भास द्वारा रचित तेरह नाटकों का संग्रह मिला है। संस्कृत नाटकों में प्राचीनतम नाटक अश्वघोष के हैं। उसने ‘बुद्धचरित’ नाम से बुद्ध की जीवनी लिखी। यह ग्रंथ भारत, चीन तिब्बत में बहुत प्रसिद्ध हुआ। 1789 ई. में कालिदास के नाटक ‘अभिज्ञान शाकुंतलम्’ का अंग्रेजी अनुवाद सर विलियम जोर ने किया। गेटे पर भी इसका बड़ा प्रभाव पड़ा। कालिदास को संस्कृत साहित्य का सबसे बड़ा कवि और नाटककार माना गया है। कालिदास की एक लंबी कविता ‘मेघदूत’ है। शूद्रक का नाटक ‘मृच्छकटिक’ अर्थात् मिट्टी की एक गाड़ी प्रसिद्ध रचना है। विशाखदत्त का नाटक ‘मुद्राराक्षस’ था। इस ऊँचे दर्जे के रंगमंच के अलावा एक लोकमंच भी रहा है। इसका आधार भारतीय पुराकथाएँ तथा महाकाव्यों से ली गई कथाएँ होती थीं। दर्शकों को इन विषयों की अच्छी जानकारी रहती थी। संस्कृत साहित्य के पतन के काल में भाषा ने अपनी कुछ शक्ति और सादगी खो दी थी।

दक्षिण-पूर्व एशिया में भारतीय उपनिवेश और संस्कृति- ईसा की पहली शताब्दी से लगभग 900 ई. तक उपनिवेशीकरण की चार प्रमुख लहरें दिखाई पड़ती हैं। इन साहसिक अभियानों की सबसे विशिष्ट बात यह थी कि इनका आयोजन स्पष्टतः राज्य द्वारा किया जाता था। इन बस्तियों का नामकरण पुराने भारतीय नामों के आधार पर किया गया जिसे अब कंबोडिया कहते हैं, उस समय कंबोज़ कहलाया। जावा स्पष्ट रूप यवद्वीप है। साहसिक व्यवसायियों और व्यापारियों के बाद धर्म-प्रचारकों का जाना शुरू हुआ होगा। प्राचीन भारत में जहाज बनाने का उद्योग बहुत विकसित और उन्नति पर था। अजंता के भित्तिचित्रों में लंका-विजय और हाथियों को ले जाते हुए जहाजों के चित्र हैं।

विदेशों पर भारतीय कला का प्रभाव- भारतीय सभ्यता ने विशेष रूप से दक्षिण-पूर्वी एशिया के देशों में अपनी जड़ें जमाईं। चंपा अंगकोर श्री विजय आदि स्थानों पर संस्कृत के बड़े-बड़े अध्ययन केंद्र थे। वहाँ के शासकों के विशुद्ध भारतीय और संस्कृत नाम थे। इंडोनेशिया और बाली आदि लेने अभी तक भारतीय संस्कृति को कायम रखा है। कंबोडिया की वर्णमाला दक्षिण भारत से ली गई है और बहुत से संस्कृत शब्दों को थोड़े हेरफेर से लिया गया है। जावा में बुद्ध के जीवन की कथा पत्थरों पर अंकित है। अंगकोर के विशाल मंदिर के चारों ओर विशाल खंडहरों का विस्तृत क्षेत्र है। कंबोडिया के राजा का नाम जयवर्मन था जो ठेठ भारतीय नाम है।

भारतीय कला का भारतीय दर्शन और धर्म से बहुत गहरा रिश्ता है। भारतीय संगीत जो यूरोपीय संगीत से इतना भिन्न है, अपने ढंग से बहुत विकसित था। मथुरा के संग्रहालय में बोधिसत्व की एक विशाल शक्तिशाली प्रभावशाली पाषाण प्रतिमा है। भारतीय कला अपने आरंभिक काल में प्रकृतिवाद से भरी है। भारतीय कला पर चीनी प्रभाव दिखाई देता है। गुप्त काल को भारत का स्वर्ण युग कहा जाता है। इसी काल में अजंता की गुफाएँ खोदी गईं तथा उनमें भित्तिचित्र बनाए गए। इन चित्रों को बौद्ध भिक्षुओं ने बनाया था। इनमें सुंदर स्त्रियाँ, राजकुमारियाँ, गायिकाएँ, नर्तकियाँ बैठी हैं।

सातवीं-आठवीं शताब्दी में ठोस चट्टान को काटकर एलोरा की विशाल गुफाएँ तैयार हुईं। एलिफेंटा की गुफाओं में नटराज-शिव की एक खंडित मूर्ति है जिसमें शिव नृत्य की मुद्रा में है। ब्रिटिश संग्रहालय में विश्व का सृजन और नाश करते हुए नटराज शिव की एक मूर्ति है।

भारत का विदेशी व्यापार- ईस्वी सन् के एक हजार वर्षों के दौरान भारत का व्यापार दूर-दूर तक फैल चुका था। भारत में प्राचीन काल से ही कपड़े का उद्योग बहुत विकसित हो चुका था। यहाँ रेशमी कपड़ा भी बनता था। कपड़े रंगने की कला भी उन्नत थी। भारत में रसायन शास्त्र का विकास और देशों की तुलना में अधिक हुआ था। भारतीय लोहे व फौलाद का दूसरे देशों में बहुत महत्त्व था। भारतीयों को बहुत-सी धातुओं की जानकारी थी। औषधियों के लिए धातुओं का मिश्रण तैयार करना भी भारतीय जानते थे।

प्राचीन भारत में गणित शास्त्र- आधुनिक अंकगणित और बीजगणित की नींव भारत में ही पड़ी, ऐसा माना जाता है। बीजगणित का सबसे प्राचीन ग्रंथ आर्यभट्ट का है जिसका जन्म 427 ई. में हुआ था। भारतीय गणित शास्त्र में अगला नाम भास्कर का है। ब्रह्मपुत्र प्रसिद्ध खगोल शास्त्री था जिसने शून्य पर लागू होने वाले नियम निश्चित किए थे। अंकगणित की प्रसिद्ध पुस्तक ‘लीलावती’ है जिसके रचयिता भास्कर हैं।

विकास और ह्रास- चौथी से छठी शताब्दी तक गुप्त साम्राज्य समृद्ध होता रहा। स्वर्ण-युग के समाप्त होते ही ह्रास के लक्षण प्रकट होने लगते हैं। सातवीं शताब्दी में हर्ष के शासनकाल में उज्जयिनी जो गुप्त शासकों की शानदार राजधानी थी, एक अन्य शक्तिशाली साम्राज्य का केंद्र बनती है। आगे के समय में वह भी कमजोर पड़कर खत्म हो जाती है। नौवीं शताब्दी में मिहिरभोज एक संयुक्त राज्य कायम करता है। 11वीं शताब्दी में एक बार दूसरा भोज सामने आता है। भीतरी कमजोरी ने भारत को जकड़ रखा था। छोटे-छोटे राज्यों में बँटे होने पर भी भारत समृद्ध देश था।

साहित्य के क्षेत्र में भवभूति आखिरी बड़ा व्यक्ति था। भारत समय के साथ-साथ क्रमशः अपनी प्रतिभा और जीवन-शक्ति को खोता जा रहा था। यह प्रक्रिया धीमी थी और कई सदियों तक चलती रही। राधाकृष्णन का कहना था कि भारतीय दर्शन ने अपनी शक्ति राजनीतिक स्वतंत्रता के साथ खो दी है। हर सभ्यता के जीवन में ह्रास और विघटन के दौर आते रहते हैं। भारत ने उन सबसे बचकर नए सिरे से अपना कायाकल्प किया था। भारत के सामाजिक ढाँचे ने भारतीय सभ्यता को अद्भुत दृढ़ता दी थी। हर तरफ ह्रास हुआ- विचारों में, दर्शन में, राजनीति में, युद्ध पद्धति में और बाहरी दुनिया के बारे में जानकारी और संपर्क में।

Bharat Ki Khoj Class 8 Chapter 4 Questions and Answers Summary युगों का दौर Read More »

MCQ Questions for Class 8 Sanskrit with Answers Ruchira Bhag 3

Important & Chapter Wise NCERT MCQ Questions for Class 8 Sanskrit with Answers of Ruchira Bhag 3 PDF Free Download are furnished here for the students who are preparing for the CBSE 8th Board Exams. These CBSE Class 8 Sanskrit MCQs Multiple Choice Questions with Answers of रुचिरा भाग 3 cover all topics involved in the latest Syllabus. So, you can practice different concepts of Class 8th Sanskrit Objective Questions from all chapters with ease and test your knowledge and time management skills.

Students can also read most accurate and elaborate NCERT Solutions For Class 8 Sanskrit to score more marks in your examination.

Class 8 Sanskrit MCQs Questions with Answers Ruchira Bhag 3

Kickstart your preparation & score more marks in the board examination with CBSE NCERT Class 8 Sanskrit MCQ Questions with Answers Pdf of Ruchira Bhag 3 available over here. Access the PDF links listed below and practice the MCQ Online Test for Class 8 Sanskrit for free.

  1. सुभाषितानि Class 8 MCQ
  2. बिलस्य वाणी न कदापि में श्रुता Class 8 MCQ
  3. डिजीभारतम् Class 8 MCQ
  4. सदैव पुरतो निधेहि चरणम् Class 8 MCQ
  5. कण्टकेनैव कण्टकम् Class 8 MCQ
  6. गृहं शून्यं सुतां विना Class 8 MCQ
  7. भारतजनताऽहम् Class 8 MCQ
  8. संसारसागरस्य नायकाः Class 8 MCQ
  9. सप्तभगिन्यः Class 8 MCQ
  10. नीतिनवनीतम् Class 8 MCQ
  11. सावित्री बाई फुले Class 8 MCQ
  12. कः रक्षति कः रक्षितः Class 8 MCQ
  13. क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः Class 8 MCQ
  14. आर्यभटः Class 8 MCQ
  15. प्रहेलिकाः Class 8 MCQ

MCQ Questions for Class 8 Sanskrit Grammar with Answers व्याकरण

We believe the provided NCERT MCQ Questions for Class 8 Sanskrit with Answers of Ruchira Bhag 3 PDF Free Download is the best option to revise all the concepts thoroughly & quickly at the time of Board exams. So, download them offline & make use of them anytime and anywhere. If you get any queries on CBSE Class 8 Sanskrit MCQs Multiple Choice Questions with Answers of रुचिरा भाग 3, drop a comment below & get the solution at the earliest possible.

MCQ Questions for Class 8 Sanskrit with Answers Ruchira Bhag 3 Read More »

NCERT Solutions for Class 6 Maths

कक्षा 6 गणित के लिए एनसीईआरटी सॉल्यूशन सभी प्रश्नों के लिए विस्तृत विवरण प्रदान किए गए हैं। कक्षा 6 गणित के लिए अध्याय-वार एनसीईआरटी समाधान सभी छात्रों के लिए अपनी शंकाओं को दूर करने और अवधारणाओं को समझने में बहुत मददगार होगा। सभी समाधान पीडीएफ प्रारूप में दिए गए हैं, जिन्हें छात्र ऑफ़लाइन मोड में जब भी आवश्यक हो, उसी को संदर्भित करने के लिए डाउनलोड और रख सकते हैं।

NCERT Solutions for Class 6 Maths Chapter-wise PDF Download

सीबीएसई कक्षा 6 में, छात्रों के लिए पाठ्यक्रम कुछ जटिल और चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इसलिए, उन्हें अपने अध्ययन में भय और उत्कृष्टता को दूर करने के लिए सही मार्गदर्शन की आवश्यकता है। हम NCERT-Solutions.com में छात्रों को नवीनतम और प्रामाणिक अध्ययन सामग्री प्रदान करके संगठित तरीके से उनकी पढ़ाई का प्रबंधन करने में मदद करते हैं। कक्षा 6 मैथ्स बुक में सभी प्रश्नों के लिए एनसीईआरटी समाधान भी छात्रों को सीखने में तेजी लाने में मदद करने के उद्देश्य से तैयार किए गए हैं।

कक्षा 6 गणित एनसीईआरटी समाधान की कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं:

  • ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में उपयोग करना आसान है
  • विषय विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया गया
  • प्रत्येक प्रश्न के लिए विस्तृत और उपयुक्त स्पष्टीकरण
  • पीडीएफ प्रारूप में उपलब्ध है
  • शैक्षणिक सत्र 2019-2020 के लिए नि: शुल्क और नवीनतम समाधान

एनसीईआरटी पुस्तकें और एनसीईआरटी समाधान सभी वर्गों के लिए अत्यधिक अनुशंसित हैं क्योंकि इन पुस्तकों में सामग्री एक तरह से लिखी जाती है ताकि छात्रों को आसानी से अपनी अवधारणाओं को स्पष्ट करने में मदद मिल सके। इसके अलावा, ये किताबें नवीनतम सीबीएसई पाठ्यक्रम के अनुसार लिखी गई हैं और स्कूल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए एक आदर्श स्रोत हैं। इसलिए, सभी छात्रों को एनसीईआरटी की पुस्तकों का पालन करने और अपनी परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रश्नों को हल करने की आदत डालनी चाहिए।

 

NCERT Solutions for Class 6 Maths Read More »

NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 1 Chemical Reactions and Equations (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 1 Chemical Reactions and Equations (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 1 Chemical Reactions and Equations (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 10 Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 1 Chemical Reactions and Equations.

You can refer to MCQ Chemical Reaction and Equation Class 10 MCQ with Answers to revise the concepts in the syllabus effectively and improve your chances of securing high marks in your board exams.

Chapter 1. रासायनिक अभिक्रियाएँ और समीकरण

Chapter Review

  • रसायनिक परिवर्तन को भी रसायनिक अभिक्रिया कहा जाता है |
  • रसायनिक अभिक्रिया के दो भाग होते है , (1)   अभिकारक  (2)   उत्पाद
  • वे पदार्थ जिनमे रसायनिक अभिक्रिया के द्वारा रसायनिक परिवर्तन होता है अभिकारक कहलाते है |
  • अभिक्रिया के दौरान नए बनने वाले पदार्थ उत्पाद कहलाते है |
  • शब्द-समीकरण में अभिकारकों के उत्पाद में परिवर्तन को उनके मध्य एक तीर का निशान लगाकर दर्शाया जाता है |
  • तीर का सिरा उत्पाद की ओर इंगित करता है और अभिक्रिया होने की दिशा को दर्शाता है |
  • अभिकारकों के बीच योग (+) का चिन्ह लगाकर उन्हें बाई ओर (LHS) लिखा जाता है | इसी प्रकार उत्पादों के बीच भी योग (+) चिन्ह लगाकर उन्हें दाई ओर (RHS) लिखा जाता है |
  • शब्दों की जगह रसायनिक सूत्र का उपयोग करके रसायनिक समीकरणों को अधिक संक्षिप्त और उपयोगी बनाया जा सकता है |
  • एक रसायनिक समीकरण एक रसायनिक अभिक्रिया का प्रतिनिधित्व करता है |
  • प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या तीर के दोनों ओर सामान होते है |
  • असंतुलित रसायनिक समीकरण को कंकाली समीकरण कहते है |
  • द्रव्यमान संरक्षण के नियम को संतुष्ट करने के लिए रसायनिक समीकरण को संतुलित किया जाता है |
  • द्रव्यमान संरक्षण के नियम : किसी भी रसायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का ना तो सृजन होता है ना ही विनाश होता है |
  • किसी भी रसायनिक अभिक्रिया के उत्पाद तत्वों का कुल द्रव्यमान अभिकारक तत्वों के कुल द्रव्यमान के बराबर होता है |
  • रसायनिक अभिक्रिया के बाद और रसायनिक अभिक्रिया के पहले प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समान रहती है |
  • कंकाली समीकरण को Hit and trial method or inspecting method के उपयोग से संतुलित किया जा सकता है |
  • संयोजन अभिक्रिया, वियोजन  अभिक्रिया, विस्थापन  अभिक्रिया, द्वि-विस्थापन  अभिक्रिया, उपचयन और अपचयन ये सभी रसायनिक अभिक्रिया के प्रकार है |
  • संक्षारण और विकृत-गंधिता उपचयन  अभिक्रिया के प्रभाव के कारण होते है |
  • एक सम्पूर्ण रसायनिक अभिक्रिया अभिकारक, उत्पाद और उनके भौतिक दशाओं को संकेतोंमें दर्शाता है |
  • संयोजन अभिक्रिया में दो या दो से अधिक पदार्थ मिलकर एक एकल नया उत्पाद बनाते है |
  • जिस अभिक्रिया में ऊर्जा का अवशोषण होता है वह ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहलाती है |
  • अवक्षेपण अभिक्रियायें अघुलनशील लवणों का उत्पादन करती है |
  • द्वि-विस्थापन अभिक्रिया में दो भिन्न अणुओं या अणुओं के समूहों में बीच आयनों (ions) का अदान-प्रदान होता है |
  • अभिक्रिया में पदार्थों से ऑक्सीजन या हाइड्रोजन का योग अथवा ह्रास भी होता है |
  • ऑक्सीजन का योग अथवा हाइड्रोजन का ह्रास आक्सीकरण या उपचयन कहलाता है |
  • ऑक्सीजन का ह्रास अथवा हाइड्रोजन का योग अपचयन कहलाता है |
  • जब कोई तत्व किसी यौगिक से किसी दुसरे तत्व को विस्थापित करता है तो विस्थापन अभिक्रिया होती है |
  •  विस्थापन अभिक्रिया में एक अधिक अभिक्रियाशील तत्व कम अभिक्रियाशील पदार्थ को विस्थापित कर देता है | जैसे आयरन जिंक और कॉपर को विस्थापित कर देता है क्योंकि आयरन  जिंक और कॉपर से अधिक अभिक्रियाशील है |
  • द्वि-विस्थापन अभिक्रिया में आयनों का आदान-प्रदान होता है |
  • हमारे भोजन में ऑक्सीजन के वृद्धि से भोजन का उपचयन तेजी से होता है जिससे वह विकृत-गंधित हो जाता है |
  •  विकृत-गंधित पदार्थों का गंध और स्वाद बदल जाता है |

पाठगत-प्रश्न:

पेज – 6

प्र० 1. वायु में जलाने से पहले मैग्नीशियम रिबन को साफ क्यों किया जाता है ?
उत्तर: वायु में जलाने से पहले मैग्नीशियम रिबन को साफ किया जाता है ताकि वह जलते समय पूरी तरह वायु के संपर्क में रहे |

प्र० 2. निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रियाओं के लिए संतुलित समीकरण लिखिए :

  1. हाइड्रोजन + क्लोरीन → हाइड्रोजन क्लोराइड
  2. बेरियम क्लोराइड + एल्युमीनियम सल्फेट → बेरियम सल्फेट + एल्युमीनियम क्लोराइड
  3. सोडियम + जल → सोडियम हाइड्रोक्साइड  + हाइड्रोजन

प्र० 3. निम्नलिखित अभिक्रियाओं के लिए उनकी अवस्था के संकेतों के साथ संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए :

  1. जल में बेरियम क्लोराइड तथा सोडियम सल्फेट के विलयन अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का विलयन तथा अधुलनशील बेरियम सल्फेट का अवक्षेप बनाते हैं |
  2. सोडियम हाइड्रोक्साइड का विलयन (जल में ) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के विलयन (जल में ) से अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का विलयन तथा जल बनाते हैं |

पेज – 11

प्र० 1. किसी पदार्थ ‘X’ के विलयन का उपयोग सफेदी करने के लिए होता है |

(i)  पदार्थ ‘X’ का नाम तथा इसका सूत्र लिखिए |
(ii) ऊपर (i) में लिखे पदार्थ की जल के साथ अभिक्रिया लिखिए |

प्र०2.  क्रियाकलाप 1.7 में एक परखनली में एकत्रित गैस की मात्रा दूसरी से दोगुनी क्यों है ? उस गैस का नाम बताइए |

अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न1: निचे दी गयी अभिक्रिया के सम्बन्ध में कौन सा कथन असत्य है ?

2PbO(s) + C(s) → 2Pb(s) + CO2(g)   

(a) सीसा अपचयित हो रहा है |
(b) कार्बन डाइऑक्साइड उपचयित हो रहा है |
(c) कार्बन अपचयित हो रहा है |
(d) लेड ऑक्साइड अपचयित हो रहा है |

उत्तर: (i)   (a) एवं (b)
(ii)   (a) एवं (c)
(iii)   (a) (b) एवं (c)
(iv)   सभी

समीक्षा:

(a) सीसा अपचयित हो रहा है | →कथन सत्य है |
(b) कार्बन डाइऑक्साइड उपचयित हो रहा है | →कथन असत्य है |
(c) कार्बन अपचयित हो रहा है | →कथन सत्य है |
(d) लेड ऑक्साइड अपचयित हो रहा है | →कथन असत्य है |

उत्तर: (ii) (a) एवं (c) कथन सत्य है |

प्रश्न 2: Fe2O3 + 2Al → Al2O3 + 2Fe

ऊपर दी गई अभिक्रिया किस प्रकार की है |

(a) संयोजन अभिक्रिया
(b) द्वि-विस्थापन अभिक्रिया
(c) वियोजन अभिक्रिया
(d) विस्थापन अभिक्रिया

उत्तर : (d) विस्थापन अभिक्रिया

प्रश्न3: लौह चूर्ण पर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल डालने से क्या होता है ? सही उत्तर पर निशान लगाये |

(a) हाइड्रोजन गैस और एवं आयरन क्लोराइड बनता है |
(b) क्लोरीन गैस एवं आयरन हाइड्रो-क्साइड बनता है |
(c) कोई अभिक्रिया नहीं होती |
(d) आयरन लवण एवं जल बनता है |

उत्तर: (a) हाइड्रोजन गैस और एवं आयरन क्लोराइड बनता है |

प्रश्न 4: संतुलित रसायनिक समीकरण क्या है ? रसायनिक समीकरण को संतुलित करना क्यों आवश्यक है ?

उत्तर: जब अभिकारक और उत्पाद दोनों तरफ के प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समान हो तो ऐसे समीकरण को संतुलित रासायनिक समीकरण कहते है | द्रव्यमान संरक्षण के नियम को संतुष्ट करने के लिए रासायनिक समीकरण को संतुलित किया जाता है |

प्रश्न 5: निम्न कथनों को रासायनिक समीकरण के रूप में लिखकर संतुलित कीजिये |

(a) नाइट्रोजन हाइड्रोजन गैस से अभिक्रिया कर अमोनिया बनाता है |
(b) हाइड्रोजन सल्फाइड गैस का वायु में दहन होने पर जल एवं सल्फर डाइऑक्साइड बनता है |
(c) एलुमिनियम सल्फेट के साथ अभिक्रिया कर बेरियम क्लोराइड, एलुमिनियम क्लोराइड एवं बेरियम सल्फेट का अवक्षेप देता है |
(d) पोटैशियम धातु जल के साथ अभिक्रिया करके पोटैशियम हाइड्रो-ऑक्साइड एवं हाइड्रोजन गैस देता है |

उत्तर :-

(a) 3H+ N→2NH3
(b) 2H2S + 3O→ 2H2O + 3BaSO2
(c) 3BaCl2 + Al2(SO4)3 → 2AlCl3 + 3BaSO2
(d) 2K + 2H2O → 2KOH + H2

प्रश्न 6: निम्न रासायनिक समीकरण को संतुलित कीजिये:

(a) HNO + Ca(OH) → Ca(NO3) + H2O
(b) NaOH + H2SO4 → Na2SO4 + H2O
(c) NaCl + AgNO → AgC2l + NaNO3
(d) BaCl2 + H2SO4 → BaSO4 + HCl

उत्तर :- संतुलित रासायनिक समीकरण :-

(a) 2HNO(aq) + Ca(OH)(aq)  → Ca(NO3)(aq) + 2H2O (l)
(b) 2NaOH (aq) + H2SO(aq) → Na2SO4 (aq) + 2H2O(l)
(c) NaCl (aq) + AgNO(aq)  → AgCl (s) + NaNO3(aq)
(d) BaCl2(aq) + H2SO4(aq) → BaSO4 (s) + 2HCl (aq)

प्रश्न 7: निम्न अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए |

(a) कैल्सियम हाइड्रो-ऑक्साइड + कार्बन डाइऑक्साइड → कैल्सियम कार्बोनेट + जल
(b) जिंक + सिल्वर नाइट्रेट → जिंक नाइट्रेट + सिल्वर
(c) एलुमिनियम + कॉपर क्लोराइड → एलुमिनियम क्लोराइड + कॉपर
(d) बेरियम क्लोराइड + पोटैशियम सल्फेट → बेरियम सल्फेट + पोटैशियम क्लोराइड

उत्तर : (a) Ca(OH)2 (aq) + Co2(g) → CaCo3(s) + H2O(l) |
(b) Zn(s) + 2AgNo(aq) → Zn(No3)+ 2Ag(s) |
(c) 2Al(s) + 3CuCl2(aq) → 2AlCl3 + 3Cu(s) |
(d) BaCl2(aq) + K2SO4 → BaSO4(s) + 2KCl(aq) |

प्रश्न 8: निम्न अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए एवं प्रत्येक अभिक्रिया का प्रकार बताईये |

(a) पोटैशियम ब्रोमाइड (aq) + बेरियम आयोडाइड (aq) → पोटैशियम आयोडाइड (aq) + बेरियम ब्रोमाइड (s) |
(b) जिंक कार्बोनेट (s)  → जिंक ऑक्साइड (s) + कार्बन डाइऑक्साइड (g) |
(c) हाइड्रोजन (g) + क्लोरीन(g)  → हाइड्रोजन क्लोराइड(g) |
(d) मैग्नीशियम (s)   + हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (aq) → मैग्नीशियम क्लोराइड (aq) + हाइड्रोजन (g) |

उत्तर : (a) 2KBr(aq) + Bal2  → 2Kl(aq) + BaBr(aq) |
(b) ZnCo+ ZnCo → ZnO(s) + CO2(s) |
(c) H2 + cl2(g)  → 2HCl(g) |
(d) Mg(s) + 2HCl(aq)  → MgCl2(aq) + H2(g) |

प्रश्न 9: ऊष्माक्षेपी एवं ऊष्माशोषी अभिक्रिया का क्या अर्थ है ? उदहारण दीजिये |

उत्तर : वे अभिक्रिया जिसमें उत्पादों के बनाने पर ऊष्मा मुक्त होती है , उषमाक्षेपी अभिक्रियाएँ कहलाती है |

(i) C + O2 → Co2 + ऊष्मा
(ii) C6H12O6 + 6Co2 + 6H2O
वे अभिक्रियायें जिसमें उत्पादों के बनाने पर ऊर्जा अवशोषित होती है , ऊष्माशोषी कहलाती है |
FeSo4(s) → Fe2O3(s) + So2(g) + So3(g)

प्रश्न 10: श्वसन को ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया क्यों कहते है ? वर्णन कीजिये |

उत्तर : पाचन क्रिया के समय भोजन हमारे शरीर में उपस्थित ऑक्सीजन के साथ मिलकर ऊर्जा मुक्त करता ही | हमारे शरीर की कोशिकाओं को उर्जा मिलाती है | अत: श्वसन एक उषमाक्षेपी अभिक्रिया है |

C6h12O6 + 6O →  6CO2 + 6H2O + उर्जा (ग्लूकोज) |

प्रश्न 11: वियोजन अभिक्रिया को संयोजन अभिक्रिया के विपरीत क्यों कहा जाता है ? इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए |

उत्तर : जिस प्रकार संयोजन अभिक्रिया में दो या दो अधिक अभिकारक परस्पर क्रिया करके उत्पाद बनाते है , ठीक उसी के विपरीत वियोजन अभिक्रिया में कोई यौगिक दो या डॉन से यौगिकों में विघटित हो जाता है |

संयोजन – 2H+ O2 →  2H2O
वियोजन – 2H2o →  2H2 + O2 |

महत्वपूर्ण-प्रश्नोत्तर

प्रश्न: CaO (s) का सामान्य नाम लिखिए |
उत्तर: चूना पत्थर |

प्रश्न: सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट, एंटासीड का एक मुख्य संघटक क्यों होता है ?
उत्तर: क्योंकि सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट एक क्षारीय पदार्थ है यह एसिड को उदासीन कर देता है |

प्रश्न: रसायनिक अभिक्रिया में अभिकारक और उत्पादों को किन किन भौतिक अवस्थाओं में दर्शाया जाता है ?
उत्तर: ठोस (s), द्रव्य (l), गैस(g) और जलीय विलयन(aq) के रूप में |

प्रश्न:  क्या होता है जब मैग्नीशियम  रिबन को वायु की उपस्तिथि में जलाया जाता है ?
उत्तर:  यह सफ़ेद रंग का मैग्नीशियम ऑक्साइड बनता है |

प्रश्न: श्वसन को उश्माक्षेपी अभिक्रिया क्यों कहते है ?कारण दीजिए |
उत्तर: श्वसन क्रिया जो हमारी कोशिकाओं में निरंतर होती रहती है यह एक प्रकार की उश्माक्षेपी अभिक्रिया है | भोजन से प्राप्त कार्बोहाइड्रेट टूटने के बाद ग्लूकोज में बदल जाता है जो श्वसन अभिक्रिया में ऑक्सीजन के साथ मिलकर हमे उर्जा प्रदान करते है | चूँकि ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया में भी उर्जा निकलती है इसलिए श्वसन को भी ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहते है|

प्रश्न: उस अभिक्रिया का नाम बताये जिसमे दो या दो से अधिक अभिकारक मिलकर एकल उत्पाद बनाते है | इस अभिक्रिया का एक संतुलित समीकरण लिखिए |

उत्तर: संयोजन अभिक्रिया |

C + O2 – CO2

प्रश्न: वसायुक्त अथवा तैलीय खाद्य समाग्री को लम्बे समय तक रखने के लिए पैकिंग थैली में कौन सी गैस से युक्त किया जाता है | क्यों ?
उत्तर: थैली से ऑक्सीजन को हटाकर नाइट्रोजन युक्त किया जाता है इससे उपचयन की सम्भावना खत्म हो जाती है और थैली में रखे पदार्थ विकृतगंधित नहीं होते हैं|

प्रश्न: वसायुक्त अथवा तैलीय खाद्य समाग्रीयों के उपचयन से उनमें कौन से गुण आ जाते है ?
उत्तर: वे विकृतगंधित हो जाते है |

प्रश्न: वसायुक्त अथवा तैलीय खाद्य समाग्रीयों के उपचयन की गति धीमी करने के लिए दो महत्वपूर्ण उपाय लिखिए |
उत्तर:

  1. वायुरोधी बर्तन में रखने से उपचयन की गति हो जाती है |
  2. थैली से ऑक्सीजन को हटाकर नाइट्रोजन युक्त करने से उपचयन की संभावना ख़त्म हो जाती है |

प्रश्न: उस अभिक्रिया का नाम लिखिए जिनमें अभिकारकों के बीच आयनों का अदान-प्रदान होता है |
उत्तर: द्वि-विस्थापन अभिक्रिया |

प्रश्न: रासायनिक अभिक्रिया किसे कहते है ?
उत्तर: ऐसी प्रक्रियाएँ जिनमें नए गुणों वाले पदार्थों का निर्माण होता है, रासायनिक अभिक्रिया कहलाती है |

जैसे- दूध से दही का बनना, लोहे पर जंग लगना आदि |
प्रश्न: रासायनिक समीकरण किसे कहते हैं ?

उत्तर: जब किसी रासायनिक अभिक्रिया को संकेतों अथवा सूत्रों के माध्यम से व्यक्त किया जाता है तो इसे रासायनिक समीकरण कहते है |
2H + O → H2O

प्रश्न: रासायनिक समीकरण के कितने भाग होते है ?
उत्तर: रासायनिक समीकरण के दो भाग होते है |

  1. अभिकारक – रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थ |
  2. उत्पाद – अभिक्रिया से उत्पन्न पदार्थ उत्पाद कहलाते है |

उदहारण- C + O2 → CO2

       (अभिकारक)   (उत्पाद)

प्रश्न: असंतुलित रासायनिक समीकरण किसे कहते है ?
उत्तर: तीर के बाई ओर तथा दाई ओर के तत्वों के परमाणुओं की संख्या समान नहीं हो ऐसे समीकरण को असंतुलित रासायनिक समीकरण कहते है |

जैसे – 2Mg + O2 → MgO

(अभिकारक)    (उत्पाद)

तत्वअभिकारकउत्पाद

मैग्नीशियम

ऑक्सीजन

2

2

1

1

प्रश्न: यौगिक किसे कहते है ?
उत्तर: दो या दो से अधिक परमाणुओं के मेल से बने पदार्थ को यौगिक कहते है, एवं ये हमेशा निश्चित अनुपात में होते है | जैसे –

H2 O, H2 SO4, Cu SO4, and AlO3 इत्यादि |

प्रश्न: ऊष्मा के आधार पर रासायनिक अभिक्रिया कितने प्रकार की  होती है ?
उत्तर: ऊष्मा के आधार पर रासायनिक अभिक्रिया दो प्रकार की  होती है |

(1)   ऊष्माशोषी अभिक्रिया

(2)   ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया

प्रश्न: ऊष्माशोषी अभिक्रिया की परिभाषा उदहारण सहित दीजिये |
उत्तर: जिस अभिक्रिया से ऊष्मा का अवशोषण होता है उसे ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहते हैं |

जैसे – N + O2 → NO2

इस अभिक्रिया में ऊष्मा का अवशोषण होता है |

प्रश्न: ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया की परिभाषा उदहारण सहित दीजिये |
उत्तर: जिस अभिक्रिया में ऊष्मा निकलती है उसे ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहते है | जैसे  –

C + O2 → CO2

प्रश्न: संयोजन अभिक्रिया से आप क्या समझते है ?
उत्तर: वे अभिक्रियाएँ जिनमे दो या दो से अधिक पदार्थ मिलकर एक नया पदार्थ बनाते है, उन्हें संयोजन अभिक्रिया कहते है |

उदहारण: 2Mg + O2 → 2MgO

इस अभिक्रिया में मैग्नीशियम एवं ऑक्सीजन मिलकर अभिक्रिया करते है और एक नया पदार्थ मैग्नीशियम ऑक्साइड बनाते है |

प्रश्न: उपचयन और अपचयन में अन्तर स्पष्ट कीजिये |
उत्तर: उपचयन और अपचयन एक दुसरे की पूरक अभिक्रियाएँ है, जैसे उपचयन में ऑक्सीजन की वृद्धि होती है तो अपचयन में ऑक्सीजन का ह्रास होता है |

प्रश्न: एक भूरे रंग का चमकदार तत्व X को वायु की उपस्थिति में गर्म करने पर वह काले रंग का हो जाता है |

  1. इस तत्व X एवं उस काले रंग के यौगिक का नाम बताईये |
  2. इस अभिक्रिया का समग्र समीकरण लिखिए |

उत्तर:

(1)   तत्व X कॉपर है और कला रंग का यौगिक कॉपर ऑक्साइड है |
(2) NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 1 Chemical Reactions and Equations (Hindi Medium)

प्रश्न: संक्षारण क्या है ? धातु को संक्षारित होने से बचाने के लिए तीन विधियों का नाम लिखो |

उत्तर: खुली वायु या नम वायु, जल के संपर्क में किसी धातु की सतह पर आती है तो इसकी सतह पर वायु धातु से अभिक्रिया कर एक पदार्थ बना लेता है जिससे धातु का श्रय होने लगता है­ इस परिघटना को संक्षारण कहते है |

धातु को संक्षारित होने से बचाने के लिए तीन विधियाँ निम्न है |

  1. जस्तीकरण करके
  2. पेंट करके
  3. तेल या ग्रीस लगाकर

प्रश्न: रसायनिक समीकरण को क्यों संतुलित किया जाता है ?
उत्तर: द्रव्यमान संरक्षण के नियम को संतुष्ट करने के लिए रासायनिक समीकरण को संतुलित किया जाता है |

प्रश्न : रासायनिक समीकरण को संतुलित क्यों किया जाता है ?
उत्तर : द्रव्यमान संरक्षण के नियम को संतुलित करने के लिए रासायनिक समीकरण को संतुलित किया जाता है |

प्रश्न : वायु में जलने से पहले मैग्नीशियम रिबन को साफ क्यों किया जाता है ?
उत्तर : वायु में जलने से पहले मैग्नीशियम रिबन को साफ इसलिए किया जाता है ताकि उसके उपरी सतह से धूलकण हट जाये जिससे इसकी सतह प्रत्यक्ष रूप से वायु के संपर्क में आ सके |

प्रश्न : उस अभिक्रिया का नाम बताये जिसमें किसी पदार्थ से ऑक्सीजन निष्कासित होती है |
उत्तर:  अवकरण अभिक्रिया |

प्रश्न : तापीय वियोजन क्या है ? इसका एक उदाहरण दीजिये |
उत्तर: ऐसी अभिक्रिया जिसमें गर्म करने पर कोई पदार्थ दो या दो से अधिक पदार्थों में विघटित हो जाता है उसे तापीय वियोजन कहते है |

उदाहरण:
कैल्शियम कार्बोनेट गर्म करने पर कैल्शियम ऑक्साइड तथा कार्बन डाइऑक्साइड में विघटित हो जाता है |

Hope given NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 1 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 1 Chemical Reactions and Equations (Hindi Medium) Read More »

NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 2 Acids, Bases and Salts (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 2 Acids, Bases and Salts (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 2 Acids, Bases and Salts (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 10 Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 2 Acids, Bases and Salts.

Chapter 2. अम्ल, क्षार एवं लवण

अध्याय-समीक्षा:

  • अम्ल स्वाद में खट्टे होते हैं |
  • क्षार स्वाद में कड़वे होते हैं |
  • अम्ल एवं क्षार की जाँच के किए आप संश्लेषित सूचक जैसे मेथिल ऑरेंज एवं फिनाल्फथेलिन का भी उपयोग कर सकते हैं  |
  • कुछ ऐसे पदार्थ होते है जिसकी गंध अम्लीय या  क्षारकीय माध्यम में बदल जाती है | इन्हे गंधीय सूचक कहते हैं |
  •  क्षार एवं अम्ल की अभिक्रिया के स्मन्ही धात्विक ऑक्साइड अम्ल के साथ अभिक्रिया कर के लवण एवं जल प्रदान करते हैं  |
  • विलयन के विधुत धरा का प्रवाह आयर्नो दुवारा होता हैं  |
  • अम्ल के उप्स्थ्तित धनायन हैं |
  • अम्ल विल्यम में हाइड्रोजन आयन H+ उत्पन्न करता हैं |
  • जल की उपस्थिति में HCI में हाइड्रोजन आयन उत्पन्न होते हैं |
  • अम्ल-क्षारक सूचक रंजक या रंजकों के मिश्रण होते हैं जिनका उपयोग अम्ल एवं क्षारक की उपस्थिति को सूचित करने के लिए किया जाता है।
  • विलयन में H+ (aq) आयन के निर्माण के कारण ही पदार्थ की प्रकृति अम्लीय होती है। विलयन में OH (aq) आयन के निर्माण से पदार्थ की प्रकृति क्षारकीय होती है।
  • जब कोई अम्ल किसी धातु के साथ अभिक्रिया करता है तो हाइड्रोजन गैस का उत्सर्जन होता है। साथ ही संगत लवण का निर्माण होता है।
  • जब क्षारक किसी धातु से अभिक्रिया करता है तो हाइड्रोजन गैस के उत्सर्जन के साथ एक लवण का निर्माण होता है जिसका ऋण आयन एक धातु एवं ऑक्सीजन के परमाणुओं से संयुक्त रूप से निर्मित होता है।
  • जब अम्ल किसी धातु कार्बोनेट या धातु हाइड्रोजनकार्बोनेट से अभिक्रिया करता है तो यह संगत लवण कार्बन डाइऑक्साइड गैस एवं जल उत्पन्न करता है।
  • जल में अम्लीय एवं क्षारकीय विलयन विद्युत का चालन करते हैं क्योंकि ये क्रमशः हाइड्रोजन एवं हाइड्रॉक्साइड आयन का निर्माण करते हैं।
  • अम्ल या क्षारक की प्रबलता की जाँच pH (0-14) स्केल के उपयोग से की जा सकती है जो विलयन में हाइड्रोजन आयन की सांद्रता की माप होता है।
  • एक उदासीन विलयन के pH का मान 7 होता है जबकि अम्लीय विलयन के pH का मान 7 से कम एवं क्षारकीय विलयन के pH का मान 7 से अधिक होता है।
  • सभी जीवों में उपापचय की क्रिया pH की एक इष्टतम सीमा में होती है।
  • सांद्र अम्ल या क्षारक को जल के साथ मिश्रित करना एक अत्यन्त ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है। अम्ल को जल में मिलाते समय सावधानियाँ रखनी चाहिए| अम्ल में थोडा थोडा करके जल मिलाना चाहिए जल में अम्ल नहीं मिलाना चाहिए |
  • अम्ल एवं क्षारक एक-दूसरे को उदासीन करके लवण एवं जल का निर्माण करते हैं।
  • लवण के एक सूत्र इकाई में जल के निश्चित अणुओं की संख्या को क्रिस्टलन का जल कहते हैं।
  • हमारे दैनिक जीवन एवं उद्योगों में लवण के कई उपयोग हैं।

अध्याय 2

Page 24:

Q1. पीतल एवं ताँबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखने चाहिए?

उत्तर: पीतल एवं ताँबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ इसलिए नहीं रखने चाहिए क्योंकि दही में मौजूद लैक्टिक अम्ल होते है | जो पीतल एवं ताँबे के बर्तनों से अभिक्रिया करके हानिकारक   ( विषैला ) यौगिक बनाते है | जिसके कारणवश ये खाने लायक नहीं रह जाते है |

Q2. धातु के साथ अम्ल कि अभिक्रिया होने पर सामान्यतः कौन सी गैस निकलती है? एक उदाहरण के द्वारा समझाइए। इस गैस की उपस्थिति की जाँच आप कैसे करेंगे?

उत्तर: धातु के साथ अम्ल कि अभिक्रिया होने पर सामान्यतः हाइड्रोजन गैस निकलती है|

2NaOH + Zn   =    Na2ZnO2 + H

जाँच – जलती हुई मोमबती को परखनली के मुंह के पास ले जाने पर फट – फट अर्थात् पॉप ध्वनि उत्पन्न होती है |

Q3. कोई धातु यौगिक ‘A’ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो बुदबुदाहट उत्पन्न होती है। इससे उत्पन्न गैस जलती मोमबत्ती को बुझा देती है। यदि उत्पन्न यौगिकों में एक से कैल्सियम क्लोराइड हैं, तो इस अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।

उत्तर: धातु के यौगिक ‘A’CaCO3 ( कैल्सियम कार्बौनेट ) है |

CaCO3  (s) + 2HCl  (aq)    =     CaCl (aq) + CO2 (g) + H2O(l)

Page 27:

Q1. HCl, HNO3 आदि जलीय विलयन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं, जबकि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज़ जैसे यौगिकों के विलयनों में अम्लीयता के अभिलक्षण नहीं प्रदर्शित होते हैं?

उत्तर : HCl, HNO3 आदि जलीय विलयन में H+आयन बनता है जिसके कारण ये अम्लीय अभिलक्षण को प्रदर्शित करते हैं, जबकि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज़ जैसे यौगिकों के विलयनों में H+आयन नहीं बनता है जिसके कारण ये अम्लीयता के अभिलक्षण नहीं प्रदर्शित होते हैं |

Q2. अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत का चालन करता है?

उत्तर: अम्ल का जलीय विलयन विद्युत का चालन करता है क्योंकि अम्ल जलीय विलयन में H+आयन उत्पन्न करता है जिसके कारण ये  विद्युत् धारा का प्रवाह होता है  |

Q3. शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को क्यों नहीं बदलती है?

उत्तर: शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को  नहीं बदलती है क्योंकि जल कि अनुपस्थिति में HCl से  H+आयन उत्पन्न नहीं हो पाता है | सिर्फ जल कि उपस्थिति में HCl से  H+आयन उत्पन्न  होता है|

Q4. अम्ल को तनुकृत करते समय यह क्यों अनुशंसित करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए,न कि जल को अम्ल में? 

उत्तर: अम्ल को तनुकृत करते समय यह अनुशंसित करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए,न कि जल को अम्ल क्योंकि जल को सांद्र अम्ल में मिलने से वह तीव्र अभिक्रिया कर विस्फोट करते है | इसके कई दुष्परिणाम हो सकते है | इसलिए हमें कभी भी जल को अम्ल में नहीं मिलाना चाहिए बल्कि हमें  अम्ल को जल में मिलाना चाहिए|

Q5. अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन H3O+ की संlद्रता कैसे प्रभावित हो जाती है?

उत्तर: अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन की सांद्रता में (H3O+/OH)  प्रति इकाई आयतन में कमी हो जाती है ।

Q6. जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में अधिक क्षारक मिलाते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन (OH) की सांद्रता कैसे प्रभावित होती है?

उत्तर: हाइड्रोक्साइड आयन (OH) की सांद्रता बढ़ जाती है |

Page 31:

Q1. आपके पास दो विलयन ‘A’ एवं ‘B’ हैं। विलयन ‘A’ के PH का मान 6 है एवं विलयन ‘B’  के PH का मान 8 है। किस विलयन में हाइड्रोजन आयन की सांद्रता अधिक है? इनमें से कौन अम्लीय है तथा कौन क्षारकीय?

उत्तर: A  विलयन : PH = 6 , PH < 7

B  विलयन : PH = 8 , PH > 7

A विलयन में Hआयन की सांद्रता अधिक है |

Q2. H+(aq) आयन की सांद्रता का विलयन की प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर: जैसे – जैसे हाइड्रोजन आयन H(aq) आयन कि सांद्रता बढती है विलयन और अधिक अम्ल होता है |

Q3. क्या क्षारकीय विलयन में H+​(aq) आयन होते हैं? अगर हाँ, तो यह क्षारकीय क्यों होते हैं?

उत्तर: हां, H+ आयन क्षारकीय है परन्तु इसकी सांद्रता (OH) आयनों की सांद्रता से कम होती इसलिए यह क्षारकीय होते है |

Q4. कोई किसान खेत की मृदा की किस परिस्थिति में बिना बुझा हुआ चूना (कैल्सियम
ऑक्साइड ), बुझा हुआ चूना ( कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड) या चॉक  ( कैल्सियम कार्बोनेट ) का उपयोग करेगा? 

उत्तर: कोई किसान खेत की मृदा की अम्लीय परिस्थिति में बिना बुझा हुआ चूना (कैल्सियम
ऑक्साइड), बुझा हुआ चूना (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड) या चॉक (कैल्सियम कार्बोनेट) का उपयोग मिट्टी को उदासीन बनाने के लिए करेगा |

Page 36 :

Q1.CaOCl2 यौगिक का प्रचलित नाम क्या है?

उत्तर : CaOCl2 यौगिक का प्रचलित नाम विरंजक चूर्ण  है|

Q2. उस पदार्थ का नाम बताइए जो क्लोरीन से क्रिया करके विरंजक चूर्ण बनाता है।

उत्तर: शुष्क बुझा हुआ चूना |

Q3. कठोर जल को मृदु करने के लिए किस सोडियम यौगिक का उपयोग किया जाता है? 

उत्तर : कठोर जल को मृदु करने के लिए सोडियम कार्बौनेट जिसे धोने  का सोडा भी कहते है |

Q4. सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट के विलयन को गर्म करने पर क्या होगा? इस अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए|

उत्तर: सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट के विलयन को गर्म करने पर निम्न अभिक्रिया होगा-
NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 2 Acids, Bases and Salts (Hindi Medium) 1

Q5. प्लास्टर ऑपफ पेरिस की जल के  साथ अभिक्रिया  के लिए समीकरण लिखिए।

उत्तर: CaSO4 . ½H2O + 1½ H2O  = CaSO4 . 2 H2O

अभ्यास

Q1. कोई विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है, इसका pH संभवतः क्या होगा?

(a) 1
(b) 4
(c) 5
(d) 10

उत्तर: (d) 10

Q2. कोई विलयन अंडे के पिसे हुए कवच से अभिक्रिया कर एक गैस उत्पन्न करता है जो चूने के पानी को दुधिया कर देती है। इस विलयन में क्या होगा?

(a) NaCl
(b) HCl
(c) LiCl
(d) KCl

उत्तर: (b) HCl

Q3. NaOH का 10 ml विलयन, HCl के 8 mL विलयन से पूर्णतः उदासीन हो जाता है। यदि हम NaOH के उसी विलयन का 20 mL लें तो इसे उदासीन करने के लिए HCl के उसी विलयन की कितनी मात्रा की आवश्यकता होगी?

(a) 4 mL
(b) 8 mL
(c) 12 mL
(d) 16 mL

उत्तर: (d) 16 mL

Q4. अपच का उपचार करने के लिए निम्न में से किस औषधि का उपयोग होता है ? 

(a) एंटीबायोटिक (प्रतिजैविक)
(b) एनालजेसिक (पीड़ाहारी)
(c) ऐन्टैसिड (प्रतिअम्ल)
(d) एंटीसेप्टिक (सडनरोधी)

उत्तर: (c) ऐन्टैसिड (प्रतिअम्ल)

Q5. निम्न अभिक्रिया के लिए पहले शब्द-समीकरण लिखिए तथा उसके बाद संतुलित समीकरण लिखिएः

(a)  तनु सल्फ्ऱयूरिक अम्ल दानेदार जिंक के साथ अभिक्रिया करता है।

(b) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मैग्नीशियम पट्टी के साथ अभिक्रिया करता है।
(c) तनु सल्फ्ऱयूरिक अम्ल ऐलुमिनियम चूर्ण के साथ अभिक्रिया करता है।
(d) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लौह के रेतन के साथ अभिक्रिया करता है।

उत्तर:

(a) Zn (s) + H2SO4 (aq) =  ZnSO4 (aq) + H2 (g)
(b) Mg (s) + 2HCl (aq)   =   MgCl2 (aq)  + H2 (g)
(c) 2Al (s) + 3H2SO4 (aq) = Al2(SO4)3 (aq) + H2 (g)
(d) Fe(s) + 2HCl (aq)   =   FeCl2 (aq)  + H2 (g)

Q6. एल्कोहोल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिको में भी हाइड्रोजन होते है लेकिन इनका वर्गीकरण अम्ल कि तरह नहीं होता है | एक क्रियाकलाप द्वारा इसे साबित कीजिए |

उत्तर: ग्लूकोज़, ऐल्कोहॉल, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, सल्फ्रयूरिक अम्ल आदि का विलयन लीजिए। एक कॉर्क पर दो कीलें लगाकर कॉर्क को 100 mL के  बीकर में रख दीजिए। अब किलों को 6 वोल्ट की एक बैटरी के  दोनों टर्मिनलो के साथ एक बल्ब तथा स्विच के माध्यम से जोड़ दीजिए | अब बीकर में थोड़ा तनु HCl डालकर विद्युत धारा प्रवाहित कीजिए| इसी क्रिया को तनु सल्फ्रयूरिक अम्ल के साथ दोहराइए। एल्कोहोल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिको में भी हाइड्रोजन होते है लेकिन इनका वर्गीकरण अम्ल कि तरह नहीं होता है क्योंकि ये Hआयन नहीं बनाता है |

Q7. आसवित जल विधुत का चालक क्यों नहीं होता जबकि वर्षा जल होता है ?

उत्तर : आसवित जल शुद्ध होते है | इसलिए इनमे विधुत का चालन नहीं होता है क्योकि विधुत के चालन के लिए आयनों की आवश्यकता होती है | जबकि वर्षा जल में विधुत का चालन होता है क्योकि इसमें थोड़ी मात्रा में अम्ल विद्यमान रहता है | जोंकी वायु में उपस्थित सल्फर – डाइआक्साइड और नाइट्रोजन डाइआक्साइड के साथ मिलकर इसे अम्लीय बना देते है |अम्लीय होने के कारण ये H+ आयन उत्पन्न करते है जिसके कारण विधुत का चालन होता है |

Q8. जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय क्यों नहीं होता है ?

उत्तर :  जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय नहीं होता है क्योंकि जल की उपस्थिति में ही H+आयन अम्ल से अलग होते है |

Q9. पाँच विलयनो A, B, C, D,व E की जब सार्वत्रिक सूचक से जांच कि जाती  हैतो pH के मान क्रमशः 4, 1, 11,7, एवं 9 प्राप्त होते है | कौन सा विलयन :

(a) उदासीन है ?
(b) प्रबल क्षारीय है ?
(c) प्रबल अम्लीय है ?
(d)दुर्बल अम्लीय है ?
(e) दुर्बल क्षारीय है?

pH के मानो को हाइड्रोजन आयन की सांद्रता के आरोही क्रम में व्यवस्थित कीजिए |

उत्तर :

विलयन   pH का मानसार्वत्रिक सूचक से जांच  
A4दुर्बल अम्लीय है
B1प्रबल अम्लीय है
C11प्रबल क्षारीय है
D7उदासीन है
E9दुर्बल क्षारीय है

H+ आयन की सांद्रता जैसे – जैसे बढती है pH का मान उसी प्रकार घटता है |

C < E< D< A < B

Q10. परखनली ‘A’ एवं ‘B’ में समान लंबाई की मैग्नीशियम की पट्टी लीजिए। परखनली ‘A’ में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) तथा परखनली ‘B’ में ऐसिटिक अम्ल (CH3COOH) डालिए। किस परखनली में अधिक तेजी से बुदबुदाहट होगी तथा क्यों? 

उत्तर: परखनली ‘A’ में अधिक बुदबुदाहट होगी क्योंकि हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एसेटिक अम्ल से अधिक प्रबल अम्ल है |

Q11.ताजे दूध के PH का मान  6 होता है | दही बन जाने पर PH के मान में क्या परिवर्तन होगा ? अपना उत्तर समझाइए |     

उत्तर: ताजे दूध के PH का मान 6 होता है | दही बनने की प्रक्रिया में लैक्टिक अम्ल का निर्माण होता है | इसलिए दही के PH का मान 6 से कम होगा |

Q12.एक ग्वाला ताजे दूध में थोड़ा बेकिंग सोडा मिलाता है |

(a) ताजा दूध के PH का मान 6 से बदल कर थोडा क्षारीय क्यों बना देता है ?
(b) इस दूध को दही बनने में अधिक समय क्यों लगता है ?

उत्तर:  (a) ताजा दूध के PH का मान 6 से बदल कर थोडा क्षारीय इसलिए बना देता है क्योंकि दूध में उपस्थित लैक्टोबेसिलस जीवाणु दूध को अम्लीय बना देता है | दूध में इसलिए बेकिंग सोडा मिलाया जाता है ताकि दूध लंबे समय क्षारीय बना रहे जिससे यह लम्बे समय तक बना रहे |

(b) इस दूध को दही बनने में अधिक समय  इसलिए लगता है क्योकि इस प्रक्रिया में बना लैक्टिक अम्ल ताजे दूध में मिला क्षारक  (बेकिंग सोडा) को पहले उदासीन करता है फिर इसे अम्ल में बदल देता है जिसके कारण दही बनता है |

Q13.प्लास्टर ऑफ़ पेरिस को आर्द्र – रोधी बर्तन में क्यों रखा जाना चाहिए ? इसकी व्याख्या कीजिए |

उत्तर: प्लास्टर ऑफ़ पेरिस को आर्द्र – रोधी बर्तन में इसलिए रखा जाना चाहिए क्योंकि यह आर्द्रता की उपस्थिति में जल को अवशोषित कर ठोस पदार्थ जिप्सम बनाती है | जिसके कारण इसमें जल के साथ मिलकर जमने का गुण नष्ट हो जाता है |

Q14. उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है ? दो उद्धरण दीजिए |

उत्तर:  वह अभिक्रिया जिसमे क्षारक एवं अम्ल अभिक्रिया कर जल एवं लवण का निर्माण करते है इस अभिक्रिया को उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते है |इस अभिक्रिया में अम्ल तथा क्षारक एक दुसरे के प्रभाव को खत्म कर या उदासीन बना देते है|

Q15. धोने का सोडा एवं बेकिंग सोडा के दो – दो प्रमुख उपयोग बताइए | .

उत्तर: धोने का सोडा के उपयोग :-

  1. सोडियम कार्बोनेट का उपयोग काँच, साबुन एवं कागज उद्यगो में होता है |
  2. इसका उपयोग बोरेक्स जेसे सोडियम योगिक के उत्पादन में होता है |
  3. सोडियम कार्बोनेट का उपयोग घरों में साफ – सफाई के लिए होता है |
  4. जल की स्थाई कठोरता को हटाने के लिए इसका उपयोग होता है |

बेकिंग सोडा के  उपयोग :- 

  1. बेकिंग सोडा का उपयोग खाने कि चीजो को मुलायम , स्पंजी एवं खस्ता  बनाने के लिए किया जाता है |
  2. बेकिंग सोडा के  क्षारिय होने के करण ये पेट में अम्ल की मात्रा की अधिकता को कम या उदासीन करके राहत पहुचाने के लिए उपयोग किया जाता है |
  3. कभी – कभी इसका उपयोग खाने को शीघ्रता से पकाने के लिए भी किया जाता है |
  4. इसका उपयोग सोडा – अम्ल अग्निशामक में भी किया जाता है |

महत्वपूर्ण-प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1: CaOCl2 यौगिक का प्रचलित नाम क्या है ?

उत्तर: ब्लीचिंग पाउडर

प्रश्न 2: उस पदार्थ का नाम बताइए जो क्लोरीन से क्रिया करके विरंजक चूर्ण बनता है |

प्रश्न 3: कठोर जल को मृदु करने के लिए किस सोडियम यौगिक का उपयोग किया जाता है ?

उत्तर: Na2CO3.10H2O (धोने का सोडा)

प्रश्न 4: सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट के विलयन को गर्म करने पर क्या होता होगा ? इस अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए |

उत्तर: जब सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के विलयन को गर्म किया जाता है तो सोडियम कार्बोनेट, जल और कार्बन डाइऑक्साइड गैस उत्सर्जित होता है |

NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 2 Acids, Bases and Salts (Hindi Medium) 2

प्रश्न 5: प्लास्टर ऑफ़ पेरिस की जल के साथ अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए |

उत्तर:
NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 2 Acids, Bases and Salts (Hindi Medium) 3

अतिरिक्त एवं महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर:

प्रश्न 1: दो प्राकृतिक संसूचकों के नाम लिखिए। 
उत्तर:

(i)  लिटमस पत्र
(ii)  हल्दी

प्रश्न 2: दो संश्लेषित संसुचकों  के नाम लिखों ।
उत्तर:

(i) मेथिल ऑरेंज
(ii) फीनॉल्फथेलिन

प्रश्न 3: कुछ ऐसे पदार्थ जिनकी गंध अम्लीय या क्षारकीय माध्यम में बदल जाती है।इन्हें क्या कहते है ?
उत्तर: गंधीय सूचक ।

प्रश्न 4: अम्ल के अवशिष्टों के साथ मिलकर धातु एक यौगिक बनाता है और हाइड्रोजन गैस निकालता है। इस यौगिक को क्या कहते है ?
उत्तर – लवण ।

प्रश्न 5: कैल्सियम कार्बोनेट के विविध रूपों के नाम लिखों ।
उत्तर – चुना पत्थर , खडिया , संगमरमर ।

प्रश्न 6: चुने के पानी में कार्बन डाइऑक्साइड गैस को प्रवाहित करने पर कैल्सियम कार्बोनेट का सफेद अवक्षेप तथा जल प्राप्त होता है।
(i) इस अभिक्रिया का समग्र समीकरण लिखिए ।
(ii) इस सफेद अवक्षेप को क्या कहते है ?
(iii) अत्यधिक मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड गैस को प्रवाहित करने पर क्या प्राप्त होता है।

उत्तर: 

(i) इस अभिक्रिया का समग्र समीकरण :
Ca(OH)2(aq) + CO2(g) → Ca CO3(s) + H2O (l)

(ii) कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO3)

(iii) जल में विलयशील Ca(HCO3)2 (aq) प्राप्त होता है |

प्रश्न 7: अम्ल और क्षारक की आपसी अभिक्रिया जिसमें लवण तथा जल प्राप्त होता है इस अभिक्रिया को क्या कहते है ?

उत्तर: उदासीनीकरण अभिक्रिया ।

प्रश्न 8: उदासीनीकरण अभिक्रिया किसे कहते है ?

उत्तर: अम्ल और क्षारक की आपसी अभिक्रिया जिसमें लवण तथा जल प्राप्त होता है और वे एक दूसरे के प्रभाव को समाप्त कर देते है इस अभिक्रिया को उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते है।

क्षारक + अम्ल → लवण + जल

प्रश्न 9: धात्विक आक्साइडों की प्रकृति क्या होती है ?

उत्तर: धात्विक आक्साइडों की प्रकृति क्षारकीय होती है ।

प्रश्न 10: अधात्विक आक्साइडों की प्रकृति क्या होती है ?

उत्तर: धात्विक आक्साइडों की प्रकृति अम्लीय होती है ।

प्रश्न 11: पीतल एवं ताँबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीे रखने चाहिए ?
उत्तर: दही एवं खट्टे पदार्थ की प्रकृति अम्लीय होती है इसमें उपस्थित अम्ल पीतल एवं ताँबे से तुरन्त अभिक्रिया कर बर्तन को नष्ट कर देते है । और इसमें रखे पदार्थ भी खराब हो जाते है।

प्रश्न 12: धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर समान्यतः कौन सी गैस निकलती है ? एक उदाहरण देकर समझाइए । इस गैस की उपस्थिति की जाँच कैसे करोगें ?

उत्तर – धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर समान्यतः हाइड्रोजन गैस निकलती है। जैसे-

2HCl + Mg → MgCl+ H(g)

इस गैस की उपस्थिति की जाँच के लिए जब हम जलती हुई मोमबती इस गैस के पास ले जाते है तो फट – फट की ध्वनी के साथ हाइड्रोजन गैस का दहन होता है।

प्रश्न 13: जल में धुलनशील क्षारक को क्या कहते है ?
उत्तर : क्षार

प्रश्न 14: हमारे शरीर में दाँतों का इनैमल एक सबसे कठोर पदार्थ हैं । चॉकलेट तथा मिठाई खाने से यह क्षय कैसे हो जाता हैैं ? इसकी रोकथाम करने के लिए क्या करना चाहिए ? इनैमल किसका बना होता हैं ? मुँह का pH मान कितना होता हैं ?

उत्तर – मुँह मेें उपस्थित बैक्टीरिया भोजन के पश्चात् मुँह में अपशिष्ट शर्करा तथा खाद्य पदार्थों का निम्नीकरण करके अम्ल उत्पन्न करते हैं । यह अम्ल मुँह के pH मान से कम हो जाता हैं जिससे दाँतो का क्षय होना शुरू हो जाता हैं । इसकी रोकथाम करने के लिए भोजन के पश्चात् मुँह साफ करना चाहिए । इनैमल कैल्शियम फॉस्फेटका बना होता हैं । मुँह का pH मान 5.5 होता हैं ।

प्रश्न 15: माँसपेशियों में क्रैम्प क्यो होते हैं ?
उत्तर – माँसपेशियों में लैक्टिक अम्ल की अधिकता के कारण क्रैम्प होते हैं ।

प्रश्न 16: एक पदार्थ  A वाशिग सोडे की सिरके से क्रिया से प्राप्त होता हैं । पदार्थ A क्या हैं ?
उत्तर: पदार्थ A सोडियम एसिटेट है, इस क्रिया का अभिक्रिया निम्न है |

NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 2 Acids, Bases and Salts (Hindi Medium) 4

प्रश्न 17: किसी टूटी हुई हडड्ी को स्थिर रखने के लिए डॉक्टर श्वेत पाउडर की पानी में बनी पेस्ट का उपयोग करते हैं ।

  1. इस पदार्थ का नाम बताइए ।
  2. इसका रासायनिक सूत्र लिखों ।
  3. इस पदार्थ का एक विशेष गुण बताइए ।
  4. इस पदार्थ को आर्द्र रोधी बर्तन में क्यो रखा जाना चाहिए ।

उत्तर:

  1. इस पदार्थ का नाम प्लास्टर ऑफ पेरिस हैं ।
  2. इसका रासायनिक सूत्र CaSO4 . ½ H2O हैं ।
  3. इस पदार्थ का एक विशेष गुण यह हैं कि जल मिलाते ही तुरंत कठोर हो जाता हैं । इसलिए इसका उपयोग खिलौने बनाने में किया जाता हैं ।
  4. इस पदार्थ को आर्द्र रोधी बर्तन में इसलिए रखते हैं क्योंकि आर्द्र वायु से अभिक्रिया कर जिप्सम बनाता है

प्रश्न 18: तनुकरण किसे कहते है ?

उत्तर: जल में अम्ल या क्षारक मिलाने पर आयन की सांद्रता (H3O/OH) में प्रति इकाई आयतन में कमी हो जाती है , इस प्रक्रिया को तनुकरण कहते हैं ।

प्रश्न 19: दैनिक जीवन में pH का महत्व लिखिए ।
उत्तर:

  1. हमारा शरीर 7.0 से 7.8 pH परास के बीच कार्य करता है।
  2. मिटटी की pH की प्रकृति अम्लिय हो तो फसल के लिए अनुकुल नहीं होती है।
  3. हमारे उदर में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल होता है जो उदर को हानि पहुॅचाए बिना पाचन में सहायता करता है।
  4. यदि मुॅह का चभ् मान 5.5 से कम हो तो दॉतो का क्षय हो जाता है।

प्रश्न 20: विरंजक चूर्ण का निर्माण कैसे होता है इसका तीन उपयोग लिखिए।

उत्तर : शुष्क बुझा हुआ चुना [Ca(OH)2] पर क्लोरिन कि क्रिया से विरंजक चूर्ण का निर्माण होता है।

Ca(OH)2 + Cl2 → CaOCl2 + H2O

विरंजक चूर्ण का उपयोग :

(i) वस्त्र उद्योग में सूती एवं लिनेन के विरंजन के लिए कागज की फैक्ट्री में लकड़ी के मज्जा एवं लौंड्री में साफ कपड़ों के विरंजन के लिए |

(ii) रासायनिक उद्योगों में एक उपचायक के रूप में |

(iii) पीने वाले जल को जीवाणु से मुक्त करने के लिए रोगाणुनाशक के रूप में |

प्रश्न 21: लिटमस पत्र कहाँ से प्राप्त होता है ?
उत्तर : यह थैलोफाइटा समुह के लिचेन पौधे से प्राप्त होता है।

प्रश्न 22: तीन प्राकृतिक पदार्थो का नाम बताइए जो अम्ल और क्षार की उपस्थ्तिि को सूचित करते है ?

उत्तर: 

  1. हल्दी
  2. लिटमस पत्र
  3. लाल बंदगोभी

प्रश्न 23: अम्ल और क्षारक के दो दो रासायनिक गुण लिखिए।

उत्तर: अम्ल के रासायनिक गुण:-

(i) यह जल के साथ H+ आयन प्रदान करता है।
(ii) अम्ल धातु के साथ अभिक्रिया कर लवण तथा हाइड्रोजन गैस प्रदान करता है।

क्षारक के रासायनिक गुण:-

(i) यह जल के साथ (OH)– आयन प्रदान करता है।
(ii) क्षारक अम्ल के साथ अभिक्रिया कर लवण तथा हाइड्रोजन गैस प्रदान करता है।

प्रश्न 24: आसवित जल विद्युत का चालक क्यों नहीं होता जबकि वर्षा जल होता है ?

उत्तर: आसवित जल विद्युत का चालक नहीं होता क्योंकि उसमें H+ आयन नहीं होता, आसवित जल उदासीन होता है। जबकि वर्षा जल की प्रकृति दुर्बल अम्लीय होता है। उसमें H+ आयन उपस्थित होते है जो विद्युत का चालन करते हैं ।

प्रश्न 25: पीतल एवं ताँबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखते है ?

उतर: पीतल एवं ताँबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ नहीं रखते क्योंकि दही एवं खट्टे पदार्थो में उपस्थित अम्ल पीतल तथा ताँबा से अभिक्रिया कर बर्तन को नष्ट कर देता है तथा पदार्थ का स्वाद बदल जाता है।

प्रश्न 26: कोई धातु यौगिक ‘A’ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो बुदबुदाहट उत्पन्न होती है। इससे उत्पन्न गैस जलती मोमबती को बुझा देती है । यदि उत्पन्न यौगिकों में से एक कैल्सियम क्लोराइड है , तो इस अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।

उत्तर:  Ca + 2HCl → CaCl2 + H2

प्रश्न 27: हमारे शरीर में दाँतों का इनैमल एक सबसे कठोर पदार्थ हैं । चॉकलेट तथा मिठाई खाने से यह क्षय कैसे हो जाता हैैं ? इसकी रोकथाम करने के लिए क्या करना चाहिए ? इनैमल किसका बना होता हैं ? मुँह का pH मान कितना होता हैं ?

उत्तर: भोजन के बाद मुँह साफ करने से इससे बचाव किया जा सकता है। मुँह की सफाई के लिए क्षारकीय दंत-मंजन का उपयोग करने से अम्ल की आधिक्य मात्रा को उदासीन किया जा सकता है जिसके परिणामस्वरूप दंत क्षय को रोका जा सकता है।

दाँतों का इनैमेल कैल्शियम फॉस्फेट का बना होता है |

मुँह का pH मान 5.5 होता है |

प्रश्न 28: एक पदार्थ ‘A’ वाशिग सोडे की सिरके से क्रिया से प्राप्त होता हैं । पदार्थ A क्या हैं ?

उत्तर:  

प्रश्न 29: किसी टूटी हुई हड्डी को स्थिर रखने के लिए डॉक्टर श्वेत पाउडर की पानी में बनी वेस्ट का उपयोग करते हैं ।

(i) इस पदार्थ का नाम बताइए ।
(ii) इसका रासायनिक सूत्र लिखों ।
(iii) इस पदार्थ का एक विशेष गुण बताइए ।
(iv) इस पदार्थ को आर्द्र रोधी बर्तन में क्यो रखा जाना चाहिए ।

उत्तर: 

प्रश्न 30: सभी अम्लों मे क्या समानता है ? कोई एक समानता लिखिए |

Hope given NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 2 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 2 Acids, Bases and Salts (Hindi Medium) Read More »

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 1 ध्वनि

These NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 1 ध्वनि Questions and Answers are prepared by our highly skilled subject experts.

ध्वनि NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 1

Class 8 Hindi Chapter 1 ध्वनि Textbook Questions and Answers

कविता से

प्रश्न 1.
कवि को ऐसा विश्वास क्यों है कि उसका अंत अभी नहीं होगा ?
उत्तर:
अभी-अभी कवि के जीवन में उल्लास-भरा बसन्त आया है। वसंत के आने से कवि के जीवन में नई ऊर्जा एवं शक्ति का संचार हुआ है। इसीलिए कवि को विश्वास है कि उसका अंत अभी नहीं होगा।

प्रश्न 2.
फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि कौन-कौन सा प्रयास करता है?
उत्तर:
कवि अपना कोमलता से ओतप्रोत हाथ अलसाई कलियों पर फेरेगा, जिससे वे जागकर फूल बन जाएँगी। एक नया सवेरा आ जाएगा। कवि अपने प्रभावशाली काव्य की प्रेरणा से इस सक्रियता को अनंत तक बनाए रखने का प्रयास करता

प्रश्न 3.
कवि पुष्पों की तन्द्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए क्या करना चाहता है ?
उत्तर:
कवि पुष्पों की तन्द्रा और आलस्य को दूर हटाने के लिए अपना स्वप्न के समान कोमल हाथ उन पर फेरेगा। पुष्प अभी कलियों के रूप में हैं। हाथ फेरने से वे खिल जाएँगे और उनका आलस्य दूर हो जाएगा।

कविता से आगे

प्रश्न 1.
वसंत को ऋतुराज क्यों कहा गया है ? आपस में चर्चा कीजिए।
उत्तर:
ऋतुओं का राजा होने के कारण वसंत को ऋतुराज कहा गया है। इस समय मौसम न अधिक गर्म न अधिक ठंडा होता है। प्रकृति हरी-भरी एवं विविध प्रकार के फूलों से भरी होती है। खेतों में फसलें लहलहाती रहती हैं। जीवन में उल्लास भरा होता है। हर कार्य में उमंग का समावेश हो जाता है।

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 1 ध्वनि

प्रश्न 2.
वसंत ऋतु में आने वाले त्योहारों के विषय में जानकारी एकत्र कीजिए और किसी एक त्योहार पर निबन्ध लिखिए।
उत्तर:
वसंत ऋतु में आने वाले त्योहार हैं-वसंत पंचमी, महाशिवरात्रि एवं होली। वसंत पंचमी के अवसर पर सर्दी कम होने लगती है। लोग पीले वस्त्र पहनते हैं। साहित्यकार वसंत पंचमी के दिन महाप्राण निराला जी की जयंती भी मनाते हैं।

महाशिवरात्रि को भगवान शिव की पूजा की जाती है। आर्यसमाजी इसे ‘बोधरात्रि’ के नाम पर भी मनाते हैं क्योंकि इस दिन आर्यसमाज के प्रवर्तक महर्षि दयानन्द को आत्मबोध हुआ था।

होली- हमारे देश में अनेक त्योहार मनाये जाते हैं। इनमें से किसी का संबंध ऐतिहासिक घटना, संस्कृति, समाज अथवा धर्म से होता है और कुछ का सम्बन्ध ऋतु-परिवर्तन से है। यह फागुन मास की पूर्णिमा के दिन बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है।

होली का पर्व बसन्त ऋतु में मनाया जाता है। इन दिनों किसानों की फसलें पक जाती हैं। वे इन फसलों को देखकर झूम उठते हैं। प्रकृति के अंग-अंग में निखार आ जाता है। सर्दी समाप्त हो जाती है। मनुष्य के शरीर में चुस्ती एवं स्फूर्ति आ जाती है।

होली का संबंध एक पौराणिक घटना से जुड़ा हुआ है। हिरण्यकश्यप राजा स्वयं को ईश्वर मानता था। वह चाहता था कि लोग उसकी पूजा करे, लेकिन हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद ईश्वर-भक्त था। वह राजा की पूजा नहीं करता था। हिरण्यकश्यप ने उसे तरह-तरह से दण्डित किया। पहाड़ से गिराया, लेकिन ईश्वर ने उसे बचा लिया। हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को यह वरदान प्राप्त था कि अग्नि उसे नहीं जला सकती। भाई के कहने पर होलिका प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठ गई। ईश्वर की कृपा से प्रह्लाद तो बच गया, लेकिन होलिका जल गई। इस घटना की याद में प्रतिवर्ष रात को होली जलाई जाती है।

इस तिथि को श्रीकृष्ण ने ‘पूतना’ नामक राक्षसी का वध किया था। इस खुशी में ब्रजवासियों ने रंग खेला और रास-रीला का उत्सव मनाया था।

होली के अगले दिन धुलेंडी होती है। इसी दिन प्रातःकाल से ही बच्चे, बूढ़े, वयस्क टोलियाँ बनाकर निकलते हैं, हँसते-गाते-नाच करते हुए रंग, गुलाल, अबीर एक-दूसरे को लगाते हैं। पानी में रंग घोलकर, पिचकारियों में भरकर डालते हैं। ऐसा करते हुए छोटे-बड़े, अमीर-गरीब में ऊँच-नीच का अन्तर समाप्त हो जाता है।

दोपहर तक यह त्योहार समाप्त हो जाता है। लोग नहा-धोकर नए वस्त्र पहनकर सायंकाल मेला देखने जाते हैं। हास्य-रस कवि-सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। वृंदावन की होली विशेष रूप से देखने वाली होती है।

आजकल हर त्योहार में कोई न कोई बुराई आती जा रही है। होली मनाने के ढंग में भी अपवित्रता आ गई है। लोग कीचड़, तारकोल एक-दूसरे पर लगाते हैं जिससे झगड़े भी हो जाते हैं। शराब पीकर लोग अश्लील हरकतें करते हैं।

होली रंगों का और उल्लास का पर्व है। हमें इसे उल्लास और पवित्रता से मनाना चाहिए। आपसी मतभेद को भुलाकर . एकता और प्रेम से मनाना चाहिए।

प्रश्न 3.
“ऋतु-परिवर्तन का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है”-इस कथन की पुष्टि आप किन-किन बातों से कर सकते हैं ? लिखिए।
उत्तर:
ऋतु-परिवर्तन का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। भयंकर गर्मी में पसीने से बेहाल होकर सब परेशान रहते हैं। विजली चली जाए फिर तो मुसीबत ही हो जाती है। भयंकर ठंड हमारे कार्यों को बहुत प्रभावित करती है। घना कोहरा सभी वाहनों को देर से चलने पर मजबूर कर देता है। वर्षा ऋतु आने पर फसलों को नया जीवन मिल जाता है। किसी भी देश की अर्थव्यवस्था संतुलित वर्षा पर ही निर्भर है। अधिक वर्षा होने पर बाढ़ भी आती है जो जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर देती है। इस प्रकार सभी ऋतुएँ जीवन को प्रभावित करती हैं।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
कविता की निम्नलिखित पंक्तियाँ बताए कि इनमें किस ऋतु का वर्णन है ?
फूटे हैं आमों में बौर
भौंर वन-वन टूटे हैं।
होली मची ठौर-ठौर
सभी बंधन छूटे हैं।
उत्तर:
इस कविता की पंक्तियों में ‘वसंत ऋतु’ का वर्णन है। आमों में बौर इसी ऋतु में आते हैं और इसी ऋतु में होली मनाई जाती है।

प्रश्न 2.
स्वप्न भरे कोमल-कोमल हाथों को अलसाई कलियों पर फेरते हुए कवि कलियों को प्रभात के आने का संदेश देता है, उन्हें जगाना चाहता है और खुशी-खुशी अपने जीवन के अमृत से उन्हें सींचकर हरा-भरा करना चाहता है। फूलों-पौधों के लिए आप क्या-क्या करना चाहेंगे ?
उत्तर:
फूलों-पौधों के लिए हम ये काम करना चाहेंगे-

  1. फूलों और पौधों में से खरपतवार साफ करेंगे।
  2. उनमें खाद डालेंगे।
  3. पानी से सींचेगे। उन्हें मुरझाने नहीं देंगे।
  4. किसी को फूल या पत्ती नहीं तोड़ने देंगे।
  5. यह भी ध्यान रखेंगे कि हानिकारक कीट फूलों और पौधों को नुकसान न पहुँचाएँ।

प्रश्न 3.
कवि अपनी कविता में एक कल्पनाशील कार्य की बात बता रहा है। अनुमान कीजिए और लिखिए कि उसके बताए कार्यों का अन्य किन-किन संदर्भो से संबंध जुड़ सकता है ? जैसे नन्हे-मुन्ने बालक को माँ जगा रही हो..।
उत्तर:
माँ नन्हे-मुन्ने बालक को जगाने के लिए प्यार से हाथ फेरती है। पौधों से प्यार करने वाला व्यक्ति भी उसी प्रकार अपना स्नेह भरा हाथ फेरता है, उन्हें सींचकर हरा-भरा बनाता है। खिलते हुए फूलों को देखकर प्रसन्न होता है।

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 1 ध्वनि

भाषा की बात

1. ‘हरे-हरे’, ‘पुष्प-पुष्प’ में एक शब्द की एक ही अर्थ में पुनरावृत्ति हुई है। कविता के ‘हरे-हरे’ ये पात’ वाक्यांश में ‘हरे-हरे’ शब्द-युग्म पत्तों के लिए विशेषण के रूप में प्रयुक्त हुए हैं। यहाँ ‘पात’ शब्द बहुवचन में प्रयुक्त है। ऐसा प्रयोग भी होता है जब कर्ता या विशेष्य एक वचन में हो और कर्म या क्रिया या विशेषण बहुवचन में; जैसे-वह लंबी-चौड़ी बातें करने लगा। कविता में एक ही शब्द का एक से अधिक अर्थों में भी प्रयोग होता है-“तीन बेर खाती ते वे तीन बेर खाती है।” जो तीन बार खाती थी वह तीन बेर खाने लगी है। एक शब्द ‘बेर’ का दो अर्थों में प्रयोग करने से वाक्य में चमत्कार आ गया। इसे यमक अलंकार कहा जाता है। कभी-कभी उच्चारण की समानता से शब्दों की पुनरावृत्ति का आभास होता है, जबकि दोनों दो प्रकार के शब्द होते हैं; जैसे-मन का, मनका।

ऐसे वाक्यों को एकत्र कीजिए जिनमें एक ही शब्द की पुनरावृत्ति हो। ऐसे प्रयोगों को ध्यान से देखिए और निम्नलिखित पुनरावृत शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए-बातों-बातों में, रह-रहकर, लाल-लाल, सुबह-सुबह, रातों-रात, घड़ी-घड़ी।

कबीरा सोई पीर है, जो जाने पर पीर।
[1. पीर-पैगम्बर, 2. पीर-पीड़ा]
कनक-कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय।
उहि खाए बौराय जग, यहि पाय बौराय ॥
[1. कनक-सोना, 2. कनक-धतूरा]

वाक्य प्रयोग-

बातों-बातों में – मुझे बातों-बातों में पता चल गया कि सुमेर उधार माँगने के लिए आया है।
रह-रहकर – माँ को रह-रहकर अपने बेटे की याद परेशान कर रही थी।
लाल-लाल – सब्जी वाले की टोकरी लाल-लाल टमाटरों से भरी हुई थी।
सुबह-सुबह – सुबह-सुबह तैयार होकर मेरे साथ बाजार चलना।
रातों-रात – रातों-रात काम में लगा रहा तब जाकर सारा काम पूरा हो सका।
घड़ी-घड़ी – घड़ी-घड़ी उठकर उमा सड़क की ओर देखती है कि बच्चे स्कूल से आए या नहीं।

2. ‘कोमल गात, मृदुल वसंत हरे-हरे ये पात’
विशेषण जिस संज्ञा (या सर्वनाम) की विशेषता बताता है, उसे विशेष्य कहते हैं। ऊपर दिए वाक्य वाक्यांशों में गात, वसंत और पात शब्द विशेष्य हैं, क्योंकि इनकी विशेषता (विशेषण) क्रमशः कोमल, मृदुल और हरे-हरे शब्द बता रहे हैं।

हिन्दी विशेषणों के सामान्यतया चार प्रकार माने गए हैं-गुणवाचक विशेषण, परिमाणवाचक विशेषण, संख्यावाचक विशेषण और सार्वनामिक विशेषण।

कुछ करने को

1. वसंत पर अनेक सुंदर कविताएँ हैं। कुछ कविताओं का संकलन तैयार कीजिए।
2. शब्दकोश में वसंत’ शब्द का अर्थ देखिए।

वसंत पर कविताएँ

अश्विन गाँधी ने ‘गीत वसंत के’ कविता में वासंती प्रभाव को कुछ इस प्रकार चित्रित किया है-

खाली हाथ आए
और खाली ही जाएँगे
दे कर इस मौसम को
गीत वसंत के।

लम्बे सफर में
कठिन डगर में
मिलें सभी को
खिलें सभी पर

शाम सुरमई
सुबह सिंदूरी

सुखमय हों सभी छोर
फैले अनंत के
दे कर इस मौसम को-
गीत वसंत के।

चहकते पंछी
महकते गुलशन
भँवरों की गुनगुन
दूब के आँगन

उमंग का आँचल
उम्मीद का सम्बल
पूरे हों सपने-
आदि से अंत के
देकर इस मौसम को-
गीत वसंत के।

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 1 ध्वनि

वासंती दोहे

रामेश्वर काम्बोज हिमांशु

वसंत द्वारे है खड़ा, मधुर-मधुर मुस्कान।
साँसों में सौरभ घुला, जग भर से अनजान ॥
चिहुँक रही सुनसान में, सुधियों की हर डाल।
भूल न पाया आज तक, सुमन-छुअन वह भाल ॥
जगा चाँद है देर तक आज नदी के कूल।
लगता फिर से गड़ गया, उर में तीखा शूल ॥
मौसम बना बहेलिया, जीना मरना खेल।
घायल पाखी हो गए, ऐसी लगी गुलेल ॥
अँजुरी खाली रह गई, बिखर गए सब फूल ।
सबके बिन मधुमास में, उपवन लगते शूल ॥

शब्दकोश में वसंत के अर्थ-

वर्ष की छह ऋतुओं में से एक ऋतु।
– फूलों का गुच्छा
– उन्नति काल
– सौभाग्य काल
– एक राग का नाम
– छह रागों में से एक।

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
ध्वनि कविता के कवि कौन हैं ?
(क) निर्मल वर्मा
(ख) रामधारी सिंह दिनकर
(ग) सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
(घ) सूरदास
उत्तर:
(ग) सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

प्रश्न 2.
कवि क्यों कहता है कि मेरा अंत अभी नहीं होगा ?
(क) कवि अभी बच्चा है
(ख) कवि ने मौत पर विजय प्राप्त करली है ?
(ग) कवि को अभी बहत कार्य करने है।
(घ) कवि के जीवन में अभी-अभी वसंत आया है ?
उत्तर:
(घ) कवि के जीवन में अभी-अभी वसंत आया है ?

प्रश्न 3.
हरे-हरे पात कितका प्रतीक है?
(क) जीवन की खुशियों का
(ख) हरियाली का
(ग) जीवन के वैभव का
(घ) घन संपत्ति का
उत्तर:
(क) जीवन की खुशियों का

प्रश्न 4.
कवि फूल-फूल से क्या खींच लेना चाहता है ?
(क) शहद
(ख) तंद्रालस लालसा
(ग) प्राण
(घ) जल
उत्तर:
(ख) तंद्रालस लालसा

प्रश्न 5.
कवि उन फूलों को किससे सींचना चाहता है ?
(क) जल से
(ख) धन से
(ग) भावनाओं से
(घ) नव जीवन के अमृत से
उत्तर:
(घ) नव जीवन के अमृत से

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 1 ध्वनि

प्रश्न 6.
‘प्रत्यूष’ शब्द का क्या अर्थ है ।
(क) प्रयोग
(ख) प्रतिदिन
(ग) प्रातःकाल
(घ) सायंकाल
उत्तर:
(ग) प्रातःकाल

निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़ो और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दो-

(क) अभी न होगा मेरा अंत
अभी-अभी ही तो आया है
मेरे वन में मृदुल वसंत-
अभी न होगा मेरा अन्त ।

हरे-भरे ये पात
डालियाँ, कलियाँ कोमल गात।
मैं ही अपना स्वप्न-मृदुल-कर
फेरूँगा निद्रित कलियों पर
जगा एक प्रत्यूष मनोहर।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
‘अभी न होगा मेरा अन्त’ का क्या आशय है ?
उत्तर:
मुझे अभी बहुत कुछ करना है। मुझमें अभी बहुत सारा रचनात्मक कार्य करने की शक्ति मौजूद है।

प्रश्न 2.
‘मेरे वन में मृदुल वसंत’ का क्या आशय है ?
उत्तर:
जैसे वन में मृदुल वसंत आता है, उसी प्रकार मेरे जीवन में भी नई-नई आशाओं का संचार हुआ है।

प्रश्न 3.
कवि कलियों पर किस प्रकार का हाथ फेरेगा ?
उत्तर:
कलियाँ अधनींदी अवस्था में हैं। कोमलता उनका सबसे बड़ा गुण है। कवि का हाथ उतना ही कोमल है जितने कोमल किसी के सपने होते हैं।

प्रश्न 4.
‘निद्रित कलियों’ से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
‘निद्रित कलियों’ से तात्पर्य वह युवा वर्ग है जिसमें जागृति नहीं है, जो अपने कर्तव्यों के प्रति सचेत नहीं है।

प्रश्न 5.
कवि कैसा सवेरा जगाना चाहता है ?
उत्तर:
कवि एक मनोहर सवेरा जगाना चाहता है।

प्रश्न 6.
‘अभी-अभी ही’ का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कवि ने ‘अभी-अभी’ के साथ ‘ही’ का प्रयोग करके उसे तात्कालिक वर्तमान से जोड़ दिया है।

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 1 ध्वनि

(ख) पुष्प-पुष्प से तंद्रालस लालसा खींच लूँगा मैं
अपने नवजीवन का अमृत सहर्ष सींच दूंगा मैं,
द्वार दिखा दूंगा फिर उनको।
हैं मेरे वे जहाँ अनन्त-
अभी न होगा मेरा अन्त।

प्रश्न 1.
प्रत्येक पुष्प से कवि क्या खींच लेगा ?
उत्तर:
प्रत्येक पुष्प से कवि तन्द्रा में डूबे हुए आलस्य को खींच कर उसे सक्रिय कर देगा।

प्रश्न 2.
प्रत्येक पुष्प का आलस्य दूर करने के बाद कवि क्या करेगा ?
उत्तर:
केवल आलस्य दूर करना ही कवि का काम नहीं है। वह साथ ही साथ उसे नए जीवन के अमृत से भी सींच देगा ताकि उसमें नया जोश भर जाए।

प्रश्न 3.
‘तन्द्रालस पुष्प’ कौन हो सकता है ?
उत्तर:
भारत का युवा वर्ग ‘तन्द्रालस पुष्प’ हो सकता है।

प्रश्न 4.
कवि कौन-सा द्वार दिखाने की बात करता है ?
उत्तर:
कवि अमरता का द्वार दिखाने की बात करता है।

काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. अभी न होगा मेरा अंत
अभी-अभी ही तो आया है
मेरे वन में मृदुल वसंत-
अभी न होगा मेरा अंत।
हरे-हरे ये पात,
डालियाँ, कलियाँ, कोमल गात।
मैं ही अपना स्वप्न-मृदुल-कर
फेरूँगा निद्रित कलियों पर
जगा एक प्रत्युष मनोहर।

प्रसंग – उपर्युक्त पंक्तियाँ सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ द्वारा रचित ‘ध्वनि’ कविता से उद्धृत हैं। निराला जी ने कविता में नए प्रयोग किए। आलोचकों को लगा कि इन नए प्रयोगों से कवि के ‘साहित्यकार-जीवन’ का अन्त हो जाएगा। निराला जी ने उन भ्रांत धारणाओं का विरोध किया है।

व्याख्या – मेरे काव्य-जीवन का यह उत्कर्ष काल है। जो यह समझ बैठे हैं कि मेरे जीवन का अन्त होने वाला है, वे इस भ्रांतिपूर्ण विचार से स्वयं को मुक्त कर लें। ऐसा कुछ होने वाला नहीं है; क्योंकि अभी-अभी तो मेरे जीवन का वसन्त आया है। मेरे काव्य को ऊँचाई प्राप्त हुई है। अभी जीवन का प्रत्येक पल हरियाली से भरा हुआ है। उसके हाथों के स्पर्श में प्रेम का पुलक है जिसके सहलाने भर से कलियाँ खिल उठेगी। जीवन में रंग-बिरंगे फूल मुस्कराने लगेंगे। जिनकी चेतना सुप्त है, उन्हें मैं अपने स्पर्श से जाग्रत कर दूंगा। मैं ऐसे सभी युवकों में नई प्रेरणा का संचार कर दूंगा। देश में नए सवेरे का आगमन हो जाएगा।

विशेष-

  1. ‘अभी-अभी ही’ पदों के द्वारा कवि ने वर्तमान क्षण की पुष्टि की है। ‘ही’ का समावेश करके कवि ने और तीव्रता का समावेश कर दिया है।
  2. ‘कलियाँ, कोमल’ में ‘क’ व्यंजन की आवृत्ति के कारण अनुप्रास अलंकार है।
  3. ‘हरे-हरे’ में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।
  4. ‘वन’ इन पंक्तियों में जीवन का प्रतीक है। ‘वंसत’ जीवन के उत्कर्ष का प्रतीक है।

2. पुष्प-पुष्प से तंद्रालस लालसा खींच लूँगा मैं,
अपने नव जीवन का अमृत सहर्ष सींच दूंगा मैं,
द्वार दिखा दूंगा फिर उनको।
हैं मेरे वे जहाँ अनंत-
अभी न होगा मेरा अंत।

प्रसंग- उपर्युक्त पंक्तियाँ सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ द्वारा रचित ‘ध्वनि’ कविता से ली गई हैं। इन पंक्तियों में कवि तंद्रा में डूबी पीढ़ी को सचेत करने का निश्चय प्रकट करता है।

व्याख्या- कवि कहता है कि मैं प्रत्येक पुष्प से उसके आलस्य को खींचकर दूर कर दूंगा। जो युवाशक्ति पूरे उपवन की शोभा है, उसे जाग्रत कर सक्रिय कर दूंगा। उसके जीवन में नई चेतना का अमृत भर दूंगा। आलस्य का परित्याग ही उन्हें अमर जीवन की ओर ले जाएगा। अभी मेरा अन्त नहीं होगा। अभी तो मुझे इस संसार में बहुत कुछ करना है।
कवि प्रत्येक पल को वसंत की ताजगी के साथ जीना चाहता है।

विशेष-

  1. ‘सहर्ष सींच’ में अनुप्रास अलंकार है।
  2. ‘पुष्प-पुष्प’ में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।
  3. ‘द्वार दिखा दूंगा’ में अनुप्रास अलंकार है। कवि का ‘द्वार दिखा दूंगा’ से तात्पर्य सही दिशाबोध कराना है।

ध्वनि Summary

ध्वनि पाठ का सार

‘ध्वनि’ कविता में निराला जी ने कविता के प्रति मानवीय संवेदना को उद्घाटित किया है तो दूसरी ओर अपने जीवन के वसंत की बात भी की है। कवि कहता है कि अभी तो मेरे जीवन में कोमल वसंत का आगमन हुआ है। मेरे जीवन का अन्त अभी नहीं हो सकता है। हरे-हरे पत्तों पर, डालियों और कलियों पर, कोमल शरीर पर मैं अपना सुखद सपनों से भरा कोमल हाथ फेरूँगा। सोती हुई कलियाँ भी जग जाएँगी। एक नए सवेरे का आगमन हो जाएगा, क्योंकि सोई हुई कलियाँ जागकर फूल के रूप में खिल जाएँगी, प्रत्येक फूल में लालसा छुपी हुई है, मैं उस लालसा को खींच लूँगा। अपने जीवन के अमृत से सबको सींच दूँगा। फिर इन सबको भी सुखों का द्वार दिखा दूंगा। वह द्वार जहाँ मेरे अनन्त परमेश्वर का वास है। मुझे अभी बहुत कुछ करना है। अभी मेरा अन्त नहीं होगा।

शब्दार्थ : मृदुल-कोमल; वन-जंगल; गाल-शरीर; प्रत्यूष-प्रातःकाल; निद्रित-नींद में डूबी हुईं; तंद्रालस-हल्की नींद के आलस्य से भरे हुए; अनंत-ईश्वर; लालसा-कुछ पाने की इच्छा।

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 1 ध्वनि Read More »

error: Content is protected !!